नन्हेश्वर धाम में जलमंदिर में विराजित है भोलेनाथ, कीजिए दर्शन Jal mai virajit hai shiv, nanheshwar

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 พ.ย. 2024
  • नन्हेश्वर धाम
    श्रावण माह में शिवालयों में धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम जारी है। खरगोन से 25 किलोमीटर दूर स्थित ऋषि मार्कंडेय की तपोभूमि नन्हेश्वर महादेव मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। यहां भगवान हाटकेश्वर महादेव बावड़ी में विराजित है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच नन्हेश्वर महादेव मंदिर स्थित कुंड में विराजित भगवान हाटकेश्वर का प्रतिवर्ष सात जनवरी को अभिषेक किया जाता है। अभिषेक से पूर्व कुंड का पानी खाली किया जाता है। पूरा कुंड खाली होने में पांच घंटे का समय लगता है। इसके बाद भगवान हाटकेश्वर महादेव का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। भगवान के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। अभिषेक के बाद हुए भंडारा आयोजित होता है। मंदिर के हरिओम बाबा के अनुसार वर्ष 1994 में कुंडनुमा बावड़ी के दलदल में पारद का शिवलिंग दबा मिला था। इसकी जानकारी श्रद्धालुओं को नहीं थी। उन्होंने बावड़ी की सफाई कराई तो शिवलिंग निकला। उन्होंने 7 जनवरी को इसी स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया था, तभी से हर साल 7 जनवरी को बावड़ी का जल खाली कर हाटकेश्वर का अभिषेक किया जाता है। शिवरात्रि पर यहां एक दिवसीय मेला लगता है। यहां जनसहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। राजस्थान के लाल पत्थरों से मंदिर निर्माण किया गया है।
    Report : Amit
    Voice : Shivani
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