महाकवि कालिदास का श्लोकचतुष्टय // Shlok chatushtay of mahaakavi Kalidasa // By Bsr

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
  • About video
    इस वीडियो में प्रस्तुत श्लोकों में पाठ भेद के कारण अंतर हो सकता है। इस वीडियो में श्लोकों का गायन भूपेंद्र सिंह राजपूत के द्वारा किया गया है।
    अभिज्ञान शाकुन्तलम् महाकवि कालिदास का विश्वविख्यात नाटक है ‌जिसका अनुवाद प्रायः सभी विदेशी भाषाओं में हो चुका है। इसमें राजा दुष्यन्त तथा शकुन्तला के प्रणय, विवाह, विरह, प्रत्याख्यान तथा पुनर्मिलन की एक सुन्दर कहानी है।
    कालिदास की नाट्यकला के प्रशन्सक का कथन है कि ,काव्य मे नाटक रमणीय होता है और
    नाटको मे "अभिज्ञानशाकुन्तलम्",उसमे भी चतुर्थ अङ्क ,और उसमे भी श्लोक
    चतुष्ट्य अत्यधिक रम्य है -
    "काव्येषु नाटकं रम्यं तत्र रम्या शकुन्तला〡
    तत्रापि चतुर्थोअङ्कस्तत्र श्लोक चतुष्ट्यम् ⅼ ⅼ"
    चतुर्थ अङ्क को शाकुन्तलम् मे सर्वोत्तम मानने का मुख्य कारण यही है कि
    इसमे करुण भाव का बडा ही विशद् एवं मार्मिक चित्रण हुआ है , कुछ इस प्रकार :-
    "यास्यत्यद्य शकुन्तलेति ह्रदयं संसपृष्टमुत्कण्ठया,
    कण्ठः स्तम्भितवाष्पवृत्तिकलुषश्चिन्ताजडंदर्शनम् 〡
    वैक्लव्यं मम तावदीदृशमिदं स्नेहादरण्योकसः,
    पीड्यन्ते गृहिण: कथं न तनयाविश्लेषदु:खैनवैः ⅼⅼ
    अर्थात् आज शकुन्तला चली जायेगी,अतः ह्रदय दुःख से भर गया है ,कण्ठ
    अश्रुप्रवाह रोकने के कारण गद्गद् हो गया है ,दृष्टि निश्चेष्ट हो गई है
    〡मुझ वनवासी को शकुन्तला के प्रति स्नेह के कारण यदि ऐसी यह विकलता है तो
    गृहस्थ लोग अपनी पुत्री के वियोग के दुःखो से कितने ही दुःखित होते होगे
    ,अर्थात् वे तो अत्यन्त ही दुःखी होते होगे ।
    "पातुं न प्रथमं व्यवस्यति जलं युष्मास्वपीतेषु या ,
    नादत्ते प्रिय मण्डनापि भवतां स्नेहेन या पल्लवम् |
    आद्ये वः कुसुमुप्रसूतिसमये यस्या भवत्युत्सवः ,
    सेयं याति शकुन्तला पति-गृहं सर्वे रनुज्ञायताम् ||
    अर्थात् शकुन्तला प्रकृति पुत्री है |प्रकृति पेल्वा होने के कारण आश्रम के
    लता -वृक्षों तथा पशु -पक्षियों के साथ उसका सहॊदर स्नेह् है |वह पहले
    वृक्षों को जल पिलाकर जल पीती थी ,अलंकारप्रिया होने पर भी स्नेह के कारण
    वह उनका एक पत्ता भी नहीं तोडती थी तथा उनके प्रथमपुष्पोद्भव के समय वह पुत्रोत्सव मनाती
    थी।
    "अस्मान् साधु विचिन्त्य संयम धनानुच्चैः कुलं चात्मन -
    स्त्वय्यस्याः कथमप्यबान्धवकृतां स्नेहप्रवृत्तिं च ताम् |
    सामान्य प्रतिपत्तिपूर्वकमियं दारेषु दृश्या त्वया ,
    भाग्यायत्तमतः परं न खलु तद्वाच्यं वधूबन्धुभिः ||
    अर्थात् हम तपस्वियों की निश्छलता ,अपने उच्चकुल तथा बिना हमारी अनुमति के
    इसके द्वारा तुमसे किये गये प्रेम का अच्छी तरह विचार करके तुम्हें इसके
    साथ अपनी अन्य पत्नियों के समान ही व्यवहार करना चाहिये ;इसके बाद जो कुछ
    भी हो ;वह उसके भाग्य की बात होगी, अतः उस विषय में हमें कोई आपत्ति भी
    नहीं होगी।
    "सुश्रूषस्व गुरुन् कुरु प्रियसखीवृत्तिं सपत्नीजने ,
    भर्तुर्वि प्रकृतापि रोषणतया मा स्म प्रतीप गमः ⎸
    भूयिष्ठमं भव दक्षिणा परिजने भाग्येष्व नुत्सेकिनी ,
    यान्त्येवं गृहिणीपदं युवतयो वामाः कुलस्याधयः ||"
    अर्थात् तुम सास -ससुर आदि की सेवा करना ,सपत्नियों के साथ प्रिय सखियों जैसा व्यवहार करना ,पति के द्वारा अपमानित होने पर भी रोष से उनके विरुद्ध आचरण मत करना ,सेवकों के प्रति अत्यन्त उदार रहना और अपने भाग्य पर गर्व मत करना | इस प्रकार का आचरण करने वाली स्त्रियां ही गृहिणी नाम को सार्थक करती हैं,और इसके विपरीत आचरण करने वाली स्त्रियां तो कुल के लिये पीडादायक ही होती हैं।
    #shlokchatushtay
    #shlokchatushtay
    #shlokchatushtay

ความคิดเห็น •

  • @Vinitasahu306
    @Vinitasahu306 ปีที่แล้ว

    अतीव शोभनम्❤

  • @JagoHindu_gago
    @JagoHindu_gago ปีที่แล้ว

    सुन्दरं मधुरं च प्रस्तुति:

  • @साहित्यदर्पण-श5ल
    @साहित्यदर्पण-श5ल 2 ปีที่แล้ว +3

    शार्दूलविक्रीडित गायनस्य स्वरलहरी मनोमुग्धकारिणी हृदयस्पर्शिनी भावविभोरकारिणी च वर्तते ।वारम्वारं वारम्वारं श्रोतुम् च मनः करोति चूका देवी जाट अजमेर राजस्थानम्।

  • @lkyadu3289
    @lkyadu3289 2 ปีที่แล้ว +1

    अति शोभनम्

  • @ayasharaeespadhanayasha985
    @ayasharaeespadhanayasha985 ปีที่แล้ว

    बहुत खूबसूरत आवाज़ जैसे सलीके से हवाओं में खुशबू घोल दी हो 😊

  • @rakeshdangi7402
    @rakeshdangi7402 2 ปีที่แล้ว

    अभूतपूर्व शानदार

  • @-vaidikswadhyay
    @-vaidikswadhyay 2 ปีที่แล้ว

    जय हों

  • @dr.dayasharma8816
    @dr.dayasharma8816 2 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुंदर गायन

  • @lopamudrapanda309
    @lopamudrapanda309 3 ปีที่แล้ว +3

    अतिव सुमधुरं मनोमुग्धकरं च ...... 👍👍👍👍

  • @swetasingh2373
    @swetasingh2373 2 ปีที่แล้ว +1

    🙏

  • @sanskritsambhashan8134
    @sanskritsambhashan8134 4 ปีที่แล้ว +1

    शोभनम्

  • @aryajismart
    @aryajismart 3 ปีที่แล้ว +2

    बहु मधुरम् गुरुजी🙏🙏🙏

  • @sanskrit_vimarsh
    @sanskrit_vimarsh 3 ปีที่แล้ว +3

    अभूतपूर्व शानदार ज्ञानवर्धक प्रस्तुति

  • @शिवम्तिवारी-फ7स
    @शिवम्तिवारी-फ7स 3 ปีที่แล้ว +1

    बहु सम्यक्

  • @sanskritsambhashan8134
    @sanskritsambhashan8134 4 ปีที่แล้ว +1

    गजबम्

  • @kuchbhi8769
    @kuchbhi8769 3 ปีที่แล้ว

    साक्षात् कालिदास

  • @aakritimishra5074
    @aakritimishra5074 3 ปีที่แล้ว +1

    Ati uttam 👌

  • @mayawati9211
    @mayawati9211 3 ปีที่แล้ว +1

    Good👍

  • @साहित्यदर्पण-श5ल
    @साहित्यदर्पण-श5ल 2 ปีที่แล้ว +2

    टिप्पणीकर्तारः! हिन्दी/संस्कृतभाषाया: प्रयोगः करणीयः।

    • @साहित्यदर्पण-श5ल
      @साहित्यदर्पण-श5ल 2 ปีที่แล้ว +1

      भवद्भि: स्वनामानि रोमनलिपौ किमर्थं लिखितानि?रोमनलिप्याम् लिखिता कामिनी KAMINI कमिणी भवति।राठौड़ Rathore रदोरे।

  • @user-Vijayibhavaclasses
    @user-Vijayibhavaclasses 2 ปีที่แล้ว +2

    किस एप पर वीडियो रिकॉर्ड करते है

  • @abhijitdebsarma5296
    @abhijitdebsarma5296 4 ปีที่แล้ว +4

    मधुरं गायनं श्लाघनीयं कार्यमिदं कुलस्य दीप👌👌👌

  • @bhoopendrasinghjnu
    @bhoopendrasinghjnu 3 ปีที่แล้ว +1

    👍

  • @user-Vijayibhavaclasses
    @user-Vijayibhavaclasses 2 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुंदर प्रस्तुति मित्र हमे भी बताये कि म्यूजिक कैसे डालते है वाचन मे मेरी भी मदद करे।

  • @chhayavati3580
    @chhayavati3580 4 ปีที่แล้ว +1

    Good

  • @divyaprakasharya5438
    @divyaprakasharya5438 4 ปีที่แล้ว

    सुंदर

  • @maahipalsultanpur7396
    @maahipalsultanpur7396 3 ปีที่แล้ว

    Thank you sir ji

  • @raturisohanofficial2307
    @raturisohanofficial2307 11 หลายเดือนก่อน

    बहु सम्यक

  • @Karmneeti
    @Karmneeti 4 ปีที่แล้ว

    👌👌👌👌👌

  • @siyalifestyle
    @siyalifestyle ปีที่แล้ว

    अति शोभनम्

  • @advocatesatishkumarmishra4795
    @advocatesatishkumarmishra4795 2 ปีที่แล้ว +2

    Good