लखनऊ में छिपी है‘भूल भुलैया जिसकी दीवारों के भी हैं कान बिन गाइड के गए तो वापस लौट पाना होगा मुश्किल

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ต.ค. 2024
  • नवाबों का शहर लखनऊ जितना खूबसूरत है, उतनी ही मजेदार यहां की जगहें हैं, जो विश्वभर के लोगों को हर साल और हर महीने आकर्षित करती हैं। एक ऐसी ही जगह यहां स्थित है, जो 200 साल पुरानी है, जिसे दुनियाभर में काफी लोकप्रियता मिली हुई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, यहां की भूल भुलैया की, जो पर्यटकों से हमेशा भरी रहती है। ये भूल भुलैया बड़ा इमामबाड़ा के अंदर बनी हुई है। आपको बता दें, ये जगह अपने में इतनी अनोखी है कि देखते ही हर पर्यटक हैरान रह जाता है।
    इस भूल भुलैया में चारों ओर चार रास्ते हैं, जिसमें तीन गलत और एक सही है। यहां 15 फीट मोटी दीवारें और ढाई फीट चौड़ा रास्ता है, पर्यटक जब इस भूल भुलैया में जाते हैं, तो उन्हें इन दीवारों में चलने जैसा महसूस होता है। दिलचस्प बात तो ये है संकरी दीवारों में होने के बाद भी इसमें घुटन महसूस नहीं होती। वहीं, भूल भुलैया की शुरुआत 45 सीढ़ियों से होती है। चलिए आपको इस जगह के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं।
    भूल भुलैया में जाते ही आपको पहली गैलरी दिखेगी, जिसकी शुरुआत 330 फीट लंबी सुरंग से होती है, यहां पर ऐसी खिड़कियां बनी हुई है जिन्हें ‘’दुश्मनों को देखने का ठिकाना’’ नाम दिया गया है। इसके बारे में कहते हैं, नवाबों के सिपाही इन्हीं खिड़कियों से इमामबाड़ा और भूल भुलैया के मुख्य दरवाजे को देख सकते थे, लेकिन जब आप इन खिड़कियों को नीचे से देखंगे तो आपको ऊपर कुछ भी नजर नहीं आएगा। माने, आपको नीचे से खिड़कियों को देखने पर अंधेरा ही नजर आएगा।
    ये भूल भुलैया 200 साल पुरानी है, कहते हैं कि इसकी हर दीवार उड़द की दाल, गुड़, बेल, गन्ने के जूस, सिंघाड़े के आटे और शहद को मिलाकर बनाई गई है। ये सब सुनने के बाद आप खुद हैरान रह गए होंगे कि एक दीवार इन सब चीजों से कैसे बन सकती है, लेकिन ये सच है।

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