mandatory for civil court, guideline of supreme court

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 408

  • @rajendrapandey9686
    @rajendrapandey9686 ปีที่แล้ว +12

    बहुत ही सराहनीय कार्य,विधि के छेत्र में एक आंदोलन शुरू किया है आपने। धन्यवाद

  • @mahadevmenghnani9891
    @mahadevmenghnani9891 ปีที่แล้ว +5

    आपके द्वारा दिशा निर्देश की व्याख्यान सरल वाकयो मे समझाया गया है।धन्यवाद

  • @vipinmishra100
    @vipinmishra100 11 หลายเดือนก่อน +29

    तारीख पे तारीख के केस पूरी गलती वकील और जज की होती है। ग्राहक का नहीं. न्यायपालिका प्रणाली को सख्त नियम बनाना चाहिए।

  • @sherkhan474
    @sherkhan474 11 หลายเดือนก่อน +2

    very very good sir aapne hame bahut acchi tarike se samjhaya hai thanks sir

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  11 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आभार, चैनल सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @sheshnarayantamrakar4057
    @sheshnarayantamrakar4057 ปีที่แล้ว +39

    न्याय शीघ्र मिले ।तभी न्याय का महत्व है ।

    • @manisha_7_9
      @manisha_7_9 ปีที่แล้ว +3

      Bilkul sahi kaha aapane bhaiya

    • @sharadsoni5338
      @sharadsoni5338 ปีที่แล้ว +3

      Dono paksh ke vakil hath mila lete hain.rich paksh ke pas bik jate hain, koi ek point chhod dete hain jisme satya ki haar ho jati hi.our peshi baar baar lekar date par satya paksh se paise lete rahate hain . Mere case me 4'5 saal laga diya.limitation ka advantage dekar doosare paksha ko jitava diya kyonki real costitution ke biduon par charcha nahin hui. voilation k Iske liye

    • @sharadsoni5338
      @sharadsoni5338 ปีที่แล้ว +3

      Maanhani ke case me tang karane ke liye dono vakil milkar lambi lambi date le rahe hain.4'5 saal beet gaye hain. Iske liye bhi supreme court ko sochana chahiye. 1 vakil bik jaate hain. 2 limitation ka misuse kar rahe hain.3 vakilon ko mukadame ki haar jeet ki jimmedaari se mukt kar rakha hi.isliye client se ve darate naheen hain.

    • @karanpaul8757
      @karanpaul8757 ปีที่แล้ว +3

      Yadi civil court late kerti hai to uski shikayat Kahan ki Jay .

  • @jyotiprasad1366
    @jyotiprasad1366 ปีที่แล้ว +18

    आप के द्वारा दी गई जानकारी सराहनीय है, लेकिन ये जानकारी तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा समस्त देशवासियों को ऐसे माध्यम से मिलने चाहिए कि आम जनता इससे लाभान्वित हो सकें कि उनके हक़ में क्या और कैसा फैसला लिया गया है।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +1

      ये काम आपका और हमारा है

    • @jyotiprasad1366
      @jyotiprasad1366 ปีที่แล้ว +1

      @@adyashankartripathi श्रीमान जी,आपका काम तो समझ में आता है लेकिन 'ignorance of law is no excuse ' फिर ये बात जनता को जागरूक करने का क्या? धन्यवाद!

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      @@jyotiprasad1366 सही है

    • @kumarrahul3348
      @kumarrahul3348 ปีที่แล้ว

      ​@@jyotiprasad1366to do 000😢6n😮

  • @harshvardhangupta5395
    @harshvardhangupta5395 ปีที่แล้ว +12

    सिविल मुकदमों में देरी सीपीसी की वज़ह से है CPC को संछिप्त और सरल किया जाना चाहिए

  • @maheshram6107
    @maheshram6107 ปีที่แล้ว +4

    सुप्रीम कोर्ट निर्देश दिया है इसके लिए बहुत बहुत साधू वाद धन्यवाद

  • @UmaKant-o6y
    @UmaKant-o6y 11 หลายเดือนก่อน +3

    महोदय जी को धन्यवाद सादर नमस्कार आपके द्वारा महत्व पूर्ण जानकारी दी गई। महोदय जी और सुधार की की आवश्यकता है। अधिकतम तीन वर्षो के अंदर सभी मुकदमों का निराकरण का नियम आना चाहिए। जय श्री राम।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  11 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आभार, चैनल सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @narendramani164
    @narendramani164 ปีที่แล้ว +25

    माननीय सुप्रीम कोर्ट का वहुत वहुत धन्यवाद। कोर्ट में केश चलते चलते ज़िन्दगी समाप्त हो जाती है किन्तु न्याय नहीं मिल पाता। क्या अव समय पर न्याय की उम्मीद की जा सकती हैं। धन्यवाद।

    • @girirajyadavkotaraj
      @girirajyadavkotaraj ปีที่แล้ว +1

      मुझे नही लगता अगर सुनवाई हो तो फैसला हो सकता है लेकिन सुनवाई होती ही नही है

    • @vijaykumarpandey7180
      @vijaykumarpandey7180 11 หลายเดือนก่อน

      Koi chance nahi hai

  • @kailashbanjara4447
    @kailashbanjara4447 ปีที่แล้ว +10

    बहुत ही अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद ।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +1

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @shivakanttripathi9774
    @shivakanttripathi9774 11 หลายเดือนก่อน +2

    श्री माननीय जी आपके द्वारा दी जा रही जानकारी बहुत उपयोगी है।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  11 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @ramkumartyagi2398
    @ramkumartyagi2398 4 หลายเดือนก่อน +3

    मुकदमों,का, अंबार, लगा है,भारत,की,अदालतों, में,लोग, लुट,रहे, है,तारीख,पे,तारीख,कितनी,जोड़ी, जूती, घिस,गई, हैं,फिर, भी, वक्त,पर, इंसाफ, नहीं,मिलता,अंधा,कानून, हैं, बहरी कोर्ट,हो, गई हैं,मेरा, भारत महान, जयहिंद दोस्तो, यह है,देश,का,हाल,

    • @AllChowkidarproblamsolutionYAD
      @AllChowkidarproblamsolutionYAD 4 หลายเดือนก่อน

      मैं आपके लेख से सहमत हूं आपके लेख का समर्थन करता हूं आपने बिल्कुल सही लिखाहै

  • @lallasingh8422
    @lallasingh8422 ปีที่แล้ว +9

    Bahut achhe se jankari di hai lekin kitna Adalat palan karegi kuch din achhe se honge fir wahi,,,,,,, dhankh ke 3 pat,,,,,

  • @kondbasandve3792
    @kondbasandve3792 11 หลายเดือนก่อน +2

    Thanks sir, well explained!!

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  11 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आभार, चैनल सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @vasantkumarkaka5524
    @vasantkumarkaka5524 ปีที่แล้ว +16

    लोग न्याय पाने के लिए कोर्ट जाते है जब उनको फालतु हैरान किया जाता है तब इंसान को हैवान बन ना पड़ता है

  • @pawansinha5240
    @pawansinha5240 ปีที่แล้ว +6

    बहुत ही अच्छी जानकारी के लिए थैंक्स

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @mahendraray3414
    @mahendraray3414 ปีที่แล้ว +2

    We are happy to hear valuable guidelines given by honourable Supreme court. Honble Lower court must obey guidelines honestly so that civil cases can be finalised immediately which will save valuable time of honourable court.
    Late justice is denied justice.
    Hence honble courts must take strict necessary and suitable hard action against thise party who are not appearing before hinble court. This type of thoughts of such party are realy cheating second party, wasting time of judge, harming his party, giving high motivation not to fear from court, DM, SP, Thana and hence this party says happily in vill, society that " See , court can not do against me "
    means he, they cheat, pretend not to honour court and accordingly genuine and honest party gets harrassed .
    Therefore I request honourable court to tell both advocates to have a meeting with both parties to put up the documents, discuss which will enable advocate, honourable Judges and deliver judgement very soon.
    If any party who does not appear, in this case one local daroga, police be instructed to visit that party residence to instruct hardly to report court. If he, they do not obey, he ,they be penalised then and there to deposit money in govt treasury and receipt be deposited to court.
    Then court will be able to finalise case within time frame obeying guidelines of honourable SC.
    Regds

  • @shyammohanjha9830
    @shyammohanjha9830 10 หลายเดือนก่อน +2

    Thank you so much

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  10 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद आभार चैनल सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @BhikanraoBibne-ot3xo
    @BhikanraoBibne-ot3xo ปีที่แล้ว +5

    Best news god bless you for your truthful speech

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @diwansyunari925
    @diwansyunari925 ปีที่แล้ว +4

    सुप्रीम कोर्ट हमेशा हित की सोचता है। सुप्रीम कोर्ट मुकदमों को शीघ्र निपटाने के लिए नये नये गाइड लाइने भी देते रहा है। किन्तु निचली अदालतों की प्रोसेस पर मोनोटरिंग न रखने के वजह से देश की अदालतों में मुकदमों का अंबार लग चुका है।
    धन्यवाद सर!

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +1

      जी, आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

    • @ChhatarNahata
      @ChhatarNahata ปีที่แล้ว

      बात बड़ी और दर्शन थोड़े।
      बाते ग्राउंड पर होती नहीं दिखती।

    • @vijaykumarpandey7180
      @vijaykumarpandey7180 11 หลายเดือนก่อน

      Or lagega kyoki ambar lagne ka karan koi puchhne wala nahi hai

    • @vijaytripathi4415
      @vijaytripathi4415 11 หลายเดือนก่อน +4

      वकील भी सबसे बडी दोषी है।पेसा भी लेते हैं और वफादार भी नहीं रहते हैं

    • @vipinmishra100
      @vipinmishra100 11 หลายเดือนก่อน

      @@vijaytripathi4415 100% right 👍

  • @ghanshyamdassukhija160
    @ghanshyamdassukhija160 ปีที่แล้ว +11

    हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी, गलत एप्लीकेशन ट्रायल कोर्ट में लगया जाता है, इसे रोका जाए

  • @prayagwashicompany8035
    @prayagwashicompany8035 ปีที่แล้ว +4

    वीडियोअचछा लगा धन्यवाद आपका।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      आपको भी धन्यवाद, आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

    • @nensukhkaswa7303
      @nensukhkaswa7303 11 หลายเดือนก่อน

      Sir ,
      Our case is pending with High Court since
      2012 . Some of petitioner has passed away. We don't know how much more time they will take to decision
      What is the use of delayed decision when petitioner is no more. Who is answerable in this situation ?

  • @prakashshirsath4078
    @prakashshirsath4078 ปีที่แล้ว +53

    हर क्लायंट को यह ऑनलाइन सुविधा दी जाए की, वह अपने वकिल का रिव्हिव। रेटिंग ऑनलाईन प्रदर्शीत कर सके जीससे अपात्र वकिल की पहचान अपात्रता या काबिलियत पूरे जनता को पता चले ।

    • @purnimachhetri3443
      @purnimachhetri3443 ปีที่แล้ว

      मुझे बुलाके टिकट ले लो बोल के नहीं दिया ममता मोदी मिला है केस करे मेरे तरफ से कांग्रेस को भी बार धोखा करना पता चले पुरा पैसा कोर्ट में मिलेगा आपको

    • @anjusharma3707
      @anjusharma3707 ปีที่แล้ว +2

    • @kamaldevinirwan1779
      @kamaldevinirwan1779 11 หลายเดือนก่อน

      ​@@anjusharma3707🎉apgz

    • @ShubhamPatel-ev7jn
      @ShubhamPatel-ev7jn 11 หลายเดือนก่อน

      Zsfguft

    • @purnimachetry-my6ix
      @purnimachetry-my6ix 11 หลายเดือนก่อน

      मोदी ने मुझे पैसा दिया है बीदेसे ओ भी घोटला‌करने का साजीस रचरहा है

  • @BhimsenJatav-i2m
    @BhimsenJatav-i2m ปีที่แล้ว +2

    Good instructions by supreme court

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार, सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @GurmelSingh-qx8er
    @GurmelSingh-qx8er ปีที่แล้ว +18

    Implementation Of Honourable Courts Decisions Should Be Done Up To The Ground Level By The Time Bound Process.

  • @magangangurde8369
    @magangangurde8369 ปีที่แล้ว +4

    Very helpful information sir.Thanks to you.

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद, आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @harmelsroa5102
    @harmelsroa5102 ปีที่แล้ว +6

    Very good guidance sir.

  • @RameshShinde-fq6mb
    @RameshShinde-fq6mb 2 หลายเดือนก่อน

    सर आपने बहुतिअछी जानकारी दी धन्यवाद जय श्री राम जय भवानी जय शिवाजी महाराष्ट्र पुणे

  • @victorgaming4156
    @victorgaming4156 ปีที่แล้ว +3

    Nice guidance sir

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार, सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @tejswvigautam6620
    @tejswvigautam6620 11 หลายเดือนก่อน +9

    सर जो जिला न्यायालय मे फर्जी मुकदमे हो रहे है उस कोई कठोर कदम जिला न्यायालय क्यूं नही रोक लगाते जो फर्जी मेडिकल लगा के बेगुनाह कोर्ट का चक्कर काट रहे है

  • @aniindiitammahalanabish3214
    @aniindiitammahalanabish3214 ปีที่แล้ว +2

    Bhut dhanyabad

  • @BegaRam-xw7fh
    @BegaRam-xw7fh ปีที่แล้ว +3

    Excellent information

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद, आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @satenderkumar8153
    @satenderkumar8153 ปีที่แล้ว +4

    Guru ji very thanks full video

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार

    • @sunildutt-lz2eg
      @sunildutt-lz2eg ปีที่แล้ว

      I want to consult about my arbitration case, please tell me about your fee.

  • @anuragsingh-qq6zw
    @anuragsingh-qq6zw ปีที่แล้ว +3

    Thank you so much for your information sir ji ❤❤❤❤

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार, सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @KamleshBarot-z9b
    @KamleshBarot-z9b ปีที่แล้ว +3

    Necessarily State, National levels changes and implementation necessarily.

  • @SurendraKumar-w3e1t
    @SurendraKumar-w3e1t ปีที่แล้ว +7

    kost वकील पर लगना चाहिए जनता को नहीं

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +2

      ये भी सही सुझाव है।

    • @SurendraKumar-w3e1t
      @SurendraKumar-w3e1t ปีที่แล้ว +2

      @@adyashankartripathi जय हो आप महान है मेरे दर्द को सुना तो

    • @AllChowkidarproblamsolutionYAD
      @AllChowkidarproblamsolutionYAD 4 หลายเดือนก่อน

      आपने बिल्कुल सही कहा है जुर्माना वकील पर लगना चाहिए क्योंकि वकील ही फाइलों में कमियां छोड़तेहैं क्लाइंट को गुमराह करते हैं तारीख पर तारीख पर पैसा मिलता रहे

    • @SurendraKumar-w3e1t
      @SurendraKumar-w3e1t 20 วันที่ผ่านมา

      🙏🏻

  • @pankajsaran6676
    @pankajsaran6676 ปีที่แล้ว +4

    Very good information.

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @girirajyadavkotaraj
    @girirajyadavkotaraj ปีที่แล้ว +2

    आप का सुझाव सही है लेकिन यूपी जैसे स्टेट में होती ही नही है

  • @shashibhushan2612
    @shashibhushan2612 ปีที่แล้ว +7

    धन्यवाद सर जी,जानकारी देने हेतु,आशा है आगे भी सिविल सूट के बारे जानकारी देंगे

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      आशीर्वाद बनाए रखियेगा, सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @pramodkumarrastogi3208
    @pramodkumarrastogi3208 ปีที่แล้ว +4

    The time period mentioned in the respective Acts in addition to the instructions issued by Supreme Court should be made a rule should be followed to impart timely justice to petitioners/ respondendrnts

  • @r.a.shukla9617
    @r.a.shukla9617 11 หลายเดือนก่อน +1

    सुप्रीम कोर्ट छोटी अदालतों को निर्देश देता है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट खुद इसका पालन करें।

  • @sangeetasingh1009
    @sangeetasingh1009 ปีที่แล้ว +9

    Sir civil ke case m jaldi faisla hona chahiye kyunki faisla aate aate life but jati hai

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +2

      सही है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं

  • @naseebchand8371
    @naseebchand8371 ปีที่แล้ว +4

    हर किस्म के केस की समय-सीमा क्या है वकील और न्याय धीश केस लम्बा खींचते हैं

  • @JagjitSingh-ox1zy
    @JagjitSingh-ox1zy 9 หลายเดือนก่อน +2

    Notice parties receive nahi krti. Ya party notice ka reply nahi deti is trah 2/3 dates milti hain. Courts mobile se dono parties inform krna chahiye

  • @hensrejreortygg8185
    @hensrejreortygg8185 ปีที่แล้ว +2

    बहुत अच्छी जानकारी थैंक यू सर

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @subhashpatil9188
    @subhashpatil9188 ปีที่แล้ว +2

    Very nice Information

  • @balbirchand769
    @balbirchand769 9 หลายเดือนก่อน +2

    Even State Transport have supervisors to check the bus tickets but in judiciary there is nobody who could check whether every employee is doing his duty honestly and perfectly. This is the reason why the Indian Juditial System is called the biggest corrupted system in India.

  • @elvis1024
    @elvis1024 ปีที่แล้ว +3

    In Goa, cases in lower courts takes minimum 10 years. Adjournment given by judges at the drop of hat.

  • @VenkatRayte-yk5go
    @VenkatRayte-yk5go ปีที่แล้ว +5

    Order/ decision of supreme court should be made available to viewers to inform lower courts so that they will be benefited. We don't know whether such order is circulated to all courts or not. If any party is victim of advocate, court should bound to protect the appellant or defendant and such advocate must be removed from his profession.

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว +1

      You are absolutely right.you can share this video. Thanks

    • @VenkatRayte-yk5go
      @VenkatRayte-yk5go ปีที่แล้ว +1

      @@adyashankartripathi How can we share this video to judges? We have to take a print as annexure to expedite the matter

    • @sanjaysakhalkar3813
      @sanjaysakhalkar3813 ปีที่แล้ว +1

      Yashpal Jain vs. Sushila Devi and others C.A. 4296of 2023 delivered on 20 10 23
      [Latest important case law, SC 12 points direction for speedy trial.

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      @@sanjaysakhalkar3813 thanks

    • @VenkatRayte-yk5go
      @VenkatRayte-yk5go ปีที่แล้ว

      @@sanjaysakhalkar3813 Thanks 👍

  • @pawangupta3324
    @pawangupta3324 ปีที่แล้ว +7

    Every case file in civil cases should have approximate time for final disposal specified on the front page

    • @vandematram2867
      @vandematram2867 ปีที่แล้ว

      ऐसे दिशानिर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले भी दिए जाते रहे है । क्या निचली अदालतों में कोई सुधार हुआ है।

  • @AdvocateAbhayRajak
    @AdvocateAbhayRajak ปีที่แล้ว +4

    नमस्कार सर
    सिविल सूट मे किसी केस के विषय को जानकार
    उसमे लगने वाले कोर्ट फीस का मूल्यांकन कैसे करें चूंकि कोर्ट सारणीय पता होने के बाबजूद भी किस सरकल भूमि का रेट निकालकर कोर्ट फीस का निर्धारण किया जाता हैँ

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      आप किस लिए केस किए हैं।उस केस में आप क्या रिलीफ चाहते हैं उस पर डिपेंड करता है। ज्यादा जानकारी चाहिए तो अपना नम्बर दिजिए समझा दूंगा

  • @sanjayawasthi6046
    @sanjayawasthi6046 5 หลายเดือนก่อน

    मै कानपुर से संजय अवस्थी! सुन्दर उपयोगी जानकारी आपके द्वारा!!!

  • @ashwanikukkar2171
    @ashwanikukkar2171 ปีที่แล้ว +3

    When such type of guidelines will be implemented by the Supreme Court itself, It is very surprising that appeal filed under MACT vide diary No 2846 of 2014 is still pending for hearing and the District Court as well as the High Court failed to pass orders as per settled law in Sarla Verma Case. Instead of issuing guidelines why the Supreme Court not take an action against erring judges for non deciding cases within time limit.

  • @rajendrapandey4252
    @rajendrapandey4252 11 หลายเดือนก่อน +2

    Sir, main culprit in prolonging case in court in many cases are either advocate or maybe possible also judge also. I don't hurt anyone but I am suffering. I made complaint in bar council Maharashtra. They transferred case to all India bar council Delhi. Complaint is pending. Life isn't court. Court made life hell for litigants. Ready to pay fees. Fee without output is meaningless.

  • @GurmelSingh-qx8er
    @GurmelSingh-qx8er ปีที่แล้ว +4

    Who Will Do Police Reforms And Land Reforms For The Sake Of Justice ?

  • @vijaykumarpandey7180
    @vijaykumarpandey7180 11 หลายเดือนก่อน +3

    Wakil ke pass aane ka ye matlab nahi hai ki wakalat pessa side me rakh kar lutne ka pessa apna le or peskar ke sath milkar tarikh pe tarikh dilate rahe

  • @balbirchand769
    @balbirchand769 9 หลายเดือนก่อน +1

    Instructions from supreme court are many but is there any authority which can look into the enforcement of the same. I have seen in Jammu HC, that the Hon. Judge wrote in the order about hearing........ To come up a week after next. But the person who issues weekly list of hearing puts the case ten weeks later that too before a different judge. Nobody can ask why was it done so. The computrised status of all clumns in filled as what business was conducted on which date. It was left blank. From the last more than seven years the column shoes....... For orders after notice. This means that no action took place in the case for more than seven years. They deliberately put the case of senior citizen who are not to be favoured, at the end of weekly list so that it should not come up for hearing before a judge in sitting hours of the court. The system of fixing dates of hearing in Jammu High Court is not unanimous with other HCs of India even after abrogation of Art 370.

  • @gurusingh811
    @gurusingh811 ปีที่แล้ว +3

    कोई कोई जज कोई आदेश देने से कतराते हैं लगता हैं वे जजमेंट लिखने से बचने के लिए टालमटोल करते हैं फिर वकील साहब तो जितना लम्बा खीचेंगे उतना उनका धंधा चलता रहता हैं.

  • @nstargrichmfti1483
    @nstargrichmfti1483 ปีที่แล้ว +3

    Sahi Karad na batanay par jurmana Lagaya Jay saath he chotay baday vado ka waqt muqarrrar kiya jay na ke JanJabTak chaheye chalay.

  • @mohammadriyaj3692
    @mohammadriyaj3692 ปีที่แล้ว

    Bahesh.argument.ki.faile.Judge.sb.ke.pass.Rahti.hay.wo.wakilo.ko.nahi.dikhate.ab.usmey.kya.likh.liya.wakil.kya.jane.Jabki.aap.ki.baat.bilkul.sahi.hay

  • @syedziauddin2262
    @syedziauddin2262 ปีที่แล้ว +2

    Sir suprem court Or highcourt Or district court should have a monitory committee on taluk level judges so that they should not accept any request from advocates for more time toconduct cross exam. They should understand the difficulties of clients and they should try to give jugedments as early as possible. But they are waisting lot of time and they are getting good salary. No asker and teller to judges.

  • @vijaykumarpandey7180
    @vijaykumarpandey7180 11 หลายเดือนก่อน +2

    Kya civil court ko hi samay sima me faisla dega ya SDM,DM court bhi faisla samay sima ke andar dega

  • @alhadsabadra5568
    @alhadsabadra5568 ปีที่แล้ว +4

    Thanks for the information and educationg common person. The information is apt and may save court's valuable time. Sir , if Petitioner and Respondant both , through Affidavit and WS respectively , request Hon Court , that both are ready to execute the sale deed , will the court pass order in that direction or will the court ask to do further investigation in the matter .?

  • @SaileshKumar-ww4nm
    @SaileshKumar-ww4nm ปีที่แล้ว +5

    Very good sir g

  • @maheshsharma8396
    @maheshsharma8396 11 หลายเดือนก่อน +2

    यदि अभियुक्त पोस्ट मेन से सेटिंग करके समन/नोटिस को वापस करा दे तो क्या होगा

  • @parkashnegi6528
    @parkashnegi6528 ปีที่แล้ว +5

    Is there any accountability to impliment these guidelines of Honable Supreme Court

  • @utkristtclasseswithpinakis6499
    @utkristtclasseswithpinakis6499 11 หลายเดือนก่อน +2

    Awesome 👌

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  11 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद, आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @tejraoingle6831
    @tejraoingle6831 ปีที่แล้ว +3

    🙏 Thank you sir🙏

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      धन्यवाद आभार सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @balbirchand769
    @balbirchand769 9 หลายเดือนก่อน +1

    Nothing is going to change unless the instructions issued are strongkly enforced and there is check on the enforcement. It seems nobody is unswerable. It is true that DELAY BEEEDS CORRUTION. What is the use of putting the status of cases on net if all the columns are not filled😢😢 completely . Why the persons who are assigned with this job are not taken to task. There is no Vigilance System in the Judicial Department. Then how could the corruption be contained?

  • @AlokYadav-d5j
    @AlokYadav-d5j ปีที่แล้ว +4

    Great 👍

  • @rajkumarpandey7442
    @rajkumarpandey7442 11 หลายเดือนก่อน +4

    सर सबसे भष्टाचार हमारे कोर्ट मे है।

  • @jhankar97
    @jhankar97 ปีที่แล้ว +4

    Please share 12 points guidelines so that we can download

  • @yamunabhusari176
    @yamunabhusari176 ปีที่แล้ว +3

    जर ५ वर्षात निकाल लागले तर भारत १ नंबरच

  • @chandrabhushanpandey5628
    @chandrabhushanpandey5628 4 หลายเดือนก่อน

    Judgement reserve रखने की समय सीमा पर निर्देश का पालन होना चाहिए

  • @sarupadevi6893
    @sarupadevi6893 4 หลายเดือนก่อน +1

    Our Civil writ petition related to service matter is lying pending from 17 years in the High Court and till date no hearing has been done. It is very surprise that we are very much aggrieved. From a so long period, no hearing and justice have been done /provided by the High Court and there was totally harassment on behalf of employer and also is of the High Court and both are responsible for depriving of admissible Fundamental Rights.

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  4 หลายเดือนก่อน

      हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के उपर कोई किनून नहीं है,वो लोग सम्राट है। अर्जेट हियरिंग अप्लीकेशन लगवाते रहिए शायद कुछ हो जाए

    • @sarupadevi6893
      @sarupadevi6893 4 หลายเดือนก่อน

      @@adyashankartripathi Early hearing applications were also submitted but no hearing date has so been fixed so far.

    • @Durgesh-ci7ln
      @Durgesh-ci7ln 3 หลายเดือนก่อน

      ​@@sarupadevi6893Konse state ka mamala h

  • @technical__dheerendra
    @technical__dheerendra ปีที่แล้ว +3

    सर प्रणाम रिट पिटीशन की नोटिस कितने दिन ने प्राप्त होती h सीमाकन se संबंधित

  • @vishnugautam4882
    @vishnugautam4882 ปีที่แล้ว

    श्रीमान जी
    भारतको न्यायालय मा लाग्ने संपूर्ण खर्च जनताले ब्यहोरि कहेका छ्न, न्यायालय को निर्णय भारतीय भाषामा ननिस्कदा जनताले अति अन्याय भएको महसूस गरेका छन् ।
    कृपया स्वतन्त्रता सम्मान गरियोस्
    जय देश जय ,भारतीय जनता , जय भारतीय भाषा ।
    धन्यवाद ।

  • @rajeshkumarsharma5592
    @rajeshkumarsharma5592 ปีที่แล้ว +5

    Pdf upload karein....guidelines....nice video...thanks

    • @sanjaysakhalkar3813
      @sanjaysakhalkar3813 ปีที่แล้ว

      Yashpal Jain vs. Sushila Devi and others C.A. 4296of 2023 delivered on 20 10 23
      [Latest important case law, SC 12 points direction for speedy trial. Supreme court web site

  • @yashraj999
    @yashraj999 ปีที่แล้ว +3

    Namaste 👋 🙏

  • @shridevinair8315
    @shridevinair8315 4 หลายเดือนก่อน

    Thanks you sir detal maa समागया

  • @SurendraKumar-w3e1t
    @SurendraKumar-w3e1t ปีที่แล้ว +1

    मुकदमा की सही जानकारी वकील देते नहीं मुकदमा तक खारिज करा लेते है दस साल बाद भी दुबारा जुर्माना देना पड़ता है वादी को बहस पर लगा मुकदमा मे भी बहस नहीं करते और गुमराह करते है तो इसकी भी जिम्मेदरी वादी कि क्यूँ वकील कि होनी चाहिए ना कि लूट करो 😢

    • @manoharingale5899
      @manoharingale5899 4 หลายเดือนก่อน +1

      बिलकुल सत्य है.

  • @laldharram9308
    @laldharram9308 ปีที่แล้ว +1

    न्यायालय अधिकारी खुद बैठती नही नफैसला करना हिला हेवाली करते सालो साल बित जाता है जिससे वकिलो को तारिख का पैसा मिलता रहना चाहिए ।
    बहुत दुखद रवैया है लोग जाते है पता चला तारिख पड़ गयी है ओसा क्यो । नमस्ते सर।।

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      नमस्ते भाई। चैनल सब्सक्राइब जरुर कीजियेगा

  • @rtsharma7704
    @rtsharma7704 4 หลายเดือนก่อน

    ਸਿਵਿਲ ਕੇਸ ਚ ਆਨਲਾਇਨ ਵੀ ਆਪਣੇ ਮੁਕਦਮੇ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੇਖਣ ਦਾ ਪਾ੍ਵਧਾਨ ਜਰੂਰ ਹੋਵੇ ਤਾਕੀ ਹਰ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਕੇਸ ਬਾਰੇ ਆਪਣ੍ ਵਕੀਲ ਦੀ ਕਾਰਜੁ੍ਣਾਲੀ ਬਾਰੇ ਦਾਣਸਕੇ ਜੇਨਹੀ ਵਧਿਆ ਤਾਂ ਬਦਲ ਸਕੇ ਧੋਖਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ ਇਸ ਲਈ ਆਨਲਾਇਨ ਆਪਣਾ ਸਿਵਿਲ ਕੇਸ ਦੇਖ ਸਕੇ

  • @KamleshBarot-z9b
    @KamleshBarot-z9b ปีที่แล้ว

    Necessarily Awareness, Safety, Security and Development regarding work good luck for future life opportunities and benefits in all fields after 1,2,3,4,5,10,15,20yrs and 25yrs Awards and Rewards multiple times in all the fields.

  • @anilkumarsharma3028
    @anilkumarsharma3028 ปีที่แล้ว +3

    Great SAVA

  • @singhdr
    @singhdr 11 หลายเดือนก่อน +1

    एक निश्चित समय में judgements हो यह नियम सभी कोर्ट्स के ऊपर लागू होना चाहिए। after final hearing judgments should not be kept for a long period

  • @shabanashahid605
    @shabanashahid605 ปีที่แล้ว +4

    Adalat chalawa hai kuch nahin hai garib ko insaf nahin hai

  • @sanjaysakhalkar3813
    @sanjaysakhalkar3813 ปีที่แล้ว +1

    Yashpal Jain vs. Sushila Devi and others C.A. 4296 of 2023
    [Latest important case law, SC direction for speedy civil trial.

  • @dkdent9612
    @dkdent9612 ปีที่แล้ว +2

    Sir any option for raiyat to donate his residential land to state or central government for public use

  • @binodchoudhury9098
    @binodchoudhury9098 4 หลายเดือนก่อน +1

    कैसे होगा। नहीं हो सकता है। कानून सबके लिए बराबर नहीं है। केजरीवाल के तारिख कितना जल्दी जल्दी आ जाता है तो राहुल गांधी का तारिख आता ही नहीं। लालू को सज़ा मिली फिर भी वह बाहर है। कानून जवान ओर स्वस्थ आदमी को सज़ा देगा ओर बाकी अपराध, भ्रष्टाचार कर सकते हैं?

  • @sanjaytapkir3262
    @sanjaytapkir3262 ปีที่แล้ว

    मेरा भारत महान कायदे शीर पळवाट काढण्यासाठी खूप छान

  • @shabbirkhan8941
    @shabbirkhan8941 ปีที่แล้ว

    Bhut acche jankare de h Aapne

  • @alokekumar4738
    @alokekumar4738 7 หลายเดือนก่อน

    I filed a hard-copy of this judgment and requested the Civil Judge (Junior Division) at Alipore, South 24 Parganas District, West Bengal to disallow unnecessary petition for re-examination as off-shoot of main suit but the Ld. Judge did not consider my prayer and preferred petition. It took one year to dispose the petition. This could have been avoided.

  • @sureshmhamane3274
    @sureshmhamane3274 ปีที่แล้ว +3

    न्यायाधिशांचेवर बंधन आले चांगले झाले बधू या अंमलबजावणी होते का

    • @sureshmhamane3274
      @sureshmhamane3274 6 หลายเดือนก่อน

      कनिष्ठ न्यायालये सुप्रीम कोर्टाचा आदेश धुडकावून लावतात प्रथम जनमाहीती अधिकारी तथा प्रबंधक सांगली जिल्हा न्यायालय हयांना सुप्रीम कोर्टाचे.निर्देशानंतर हायकोर्टाचे आदेश आलेले नाहीत असे लेखी माहीती देतात

  • @devidasmarutigajewar5884
    @devidasmarutigajewar5884 ปีที่แล้ว +3

    सर दिशा निर्देश का लिंक दीजिए और तारिक भी
    धन्यवाद सर. 🙏🏻🙏🏻

    • @adyashankartripathi
      @adyashankartripathi  ปีที่แล้ว

      दिया हुआ है, कमेंट में देखिए

    • @sanjaysakhalkar3813
      @sanjaysakhalkar3813 ปีที่แล้ว +1

      Yashpal Jain vs. Sushila Devi and others C.A. 4296of 2023
      [Latest important case law, SC direction for speedy trial.

  • @kavykalasangam-rajeshramukaka
    @kavykalasangam-rajeshramukaka 3 หลายเดือนก่อน

    कोर्ट की छुट्टियां बंद होना चाहिए ये कोई स्कूल नहीं है कि गर्मी की एक माह छुट्टी खुद ही कर लेते हैं ये जज लोग

  • @monuthakan321
    @monuthakan321 ปีที่แล้ว +1

    जैसे जज हर केस में जजमेंट लिखता हैं. उसी जजमेंट में पीड़ित पक्ष की राय भी लिखनी चाहिये कि क्या मुझे केस जीतकर खुश हू क्या मुझे वास्तव में न्याय मिला क्योंकि आखिर केस तो पीड़ित पक्ष ने ही किया था ना तो उसका पेज एक अलग से ड्राफ्ट होना चाहिये.. कि उसने 15-20 साल कोर्ट के धक्के खाये और घटिया कानून के कारण मुझे अदालती और कानूनी पचड़े में पड़ना पड़ा वो भी दोषी लोगों के दोष करने के कारण और जो जज साहब ने न्याय सुनाया है उसका अब मेरे लिये क्या औचित्य है क्या मैं उस फैसले से खुश हूं या नहीं... पीड़ित पक्ष की बात को जजमेंट की तरह उस जजमेट में शामिल करना चाहिेये.. ताकि लोगों को पता चल सके कि कोई केस जीतने वाला बंदा खुश है भी या नहीं उसे वास्तव में इतने सालों के धक्के खाने के बाद न्याय के रूप में क्या मिला..😔😔😔

  • @sanjaykumar-qg9yx
    @sanjaykumar-qg9yx 11 หลายเดือนก่อน

    What is the limitation of execution of decree in specific performance of contract. Please make video

  • @hknoorstatus813
    @hknoorstatus813 ปีที่แล้ว +3

    Sir G 🙏🙏