‘Manusmriti’ और ‘Smriti Irani’ के बीच दंडवत पड़ा Dainik Bhaskar | NL Tippani 152

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 12 มิ.ย. 2023
  • अपने हिस्से का काम छोड़कर बाकी सबके काम में अपनी नाक, कान और टांग घुसेड़ने का रिवाज अब आम हो चुका है. मसलन #journalist का काम है जन प्रतिनिधियों से सवाल पूछना, जनप्रतिनिधि का काम है उसका जवाब देना. लेकिन नेताजी को पत्रकार का सवाल पूछना अब अच्छा नहीं लगता. #smritiirani अमेठी में एक पत्रकार के सवाल से इतना भड़क गई कि पत्रकार का कपड़ा ही उतरवा लिया. इस पर विशेष टिप्पणी.
    टिप्पणी के इस अंक में हम खबरों का नया बुलेटिन लेकर आए हैं. इसका नाम है ‘विश्वगुरु बुलेटिन’. जी हां, अब देश में आज़ादी की यही परिभाषा है, यहां मीडिया मदारी है, जनता तमाशा है. नेता चुनावों में वोट मांगेंगे और काम के समय नोट मांगेंगे.
    देश के हाईकोर्टों में मौजूद महामहिम न्यायमूर्तियों ने भारत को विश्वगुरू बनाने का बीड़ा अपने सिर पर उठा लिया और ऐसा उठाया कि मानों आसमान सिर पर उठा लिया. महामहिमों की इस मुहिम से बहुतों को लगा कि उनकी बात का कोई सिर पैर नहीं है. संविधान की शपथ खाकर #manusmriti की श्रद्धा में नतमस्तक हैं.
    Contribute to Press Freedom Fund: newslaundry.com/sena?ref=social
    अन्य सभी अपडेट्स के लिए डाउनलोड करें न्यूज़लॉन्ड्री एप-
    www.newslaundry.com/download-app
    न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और गर्व से कहें, मेरे ख़र्च पर आज़ाद हैं ख़बरें!
    www.newslaundry.com/subscript...
    न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी से आप इन सोशल मीडिया चैनल्स पर भी जुड़ सकते हैं-
    व्हाट्सएप: hindi.newslaundry.com/hindi-w...
    फेसबुक: / newslaundryhindi
    ट्विटर: / nlhindi
    इंस्टाग्राम: / newslaundryhindi

ความคิดเห็น • 3K

  • @newslaundry
    @newslaundry  11 หลายเดือนก่อน +232

    अब व्हाट्सएप पर भी सभी कहानियों के अपडेट प्राप्त करें: hindi.newslaundry.com/hindi-whatsapp-optin
    हमारे Press Freedom Fund में योगदान दें : newslaundry.com/sena?ref=social

    • @richusanil5723
      @richusanil5723 11 หลายเดือนก่อน +4

      😊

    • @babalushorts5998
      @babalushorts5998 11 หลายเดือนก่อน +5

      Ravish Kumar ka episode लाइए

    • @babalushorts5998
      @babalushorts5998 11 หลายเดือนก่อน +3

      Ravish Kumar ko newslundry joining karai

    • @RicaRod
      @RicaRod 11 หลายเดือนก่อน +2

      ⁰7k0jl

    • @Daniela_cacao
      @Daniela_cacao 11 หลายเดือนก่อน +11

      😝😝😝😝छोटी सी जिंदगी,, लंबा है रास्ता,,
      मुझे मेरे 15 लाख दे दो,, तुम्हे स्मृति का वास्ता😝😝😝😝

  • @poweragain123
    @poweragain123 11 หลายเดือนก่อน +203

    रोड पर बैठकर राजनीति वाली मनुस्मृति ईरानी से और क्या आशा कर सकते हैं, अतुल भैया! आप जैसे पत्रकार का हमारे देश की मुख्यधारा की मीडिया में होना आवश्यक है। ऐसे ही निष्ठावान पत्रकारिता करते रहें। हम Team Newslaundry के साथ हमेशा रहेंगे। अच्छी और निष्पक्ष पत्रकारिता की आवाज़ों को बुलंद करने की आवश्यकता आन पड़ी है। जय हिंद! Keep up the good work, Team Newslaundry!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +2

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @RANUYADAV-jl4bx
    @RANUYADAV-jl4bx 6 หลายเดือนก่อน +37

    बहुत बहुत धन्यवाद सर जी, मेरी आँखें खोलने और पत्रकारिता को बचाने के लिए।

  • @sukhpalsingh3621
    @sukhpalsingh3621 7 หลายเดือนก่อน +5

    कोटिक सलाम आभार साधुवाद शानदार सटीक निर्भीक टिप्पणी के लिए

  • @TheAkhil121
    @TheAkhil121 8 หลายเดือนก่อน +3

    लाजवाब प्रस्तुति ,
    शानदार आवाज

  • @zakiasafeer1956
    @zakiasafeer1956 11 หลายเดือนก่อน +113

    बहुत सुन्दर बिश्लेषण। उमदा पत्रकारिता सिर्फ कुछ चुनिन्दा पत्रकार ही कर सकते हैं । धन्यवाद अतुल जी अतुलनीय ।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @raghunathtekriwal1322
    @raghunathtekriwal1322 11 หลายเดือนก่อน +580

    देश इस कदर बरबाद ना हुआ होता यदि
    देश का मिडिया इस तरह गद्दार ना हुआ होता

    • @Awesom494
      @Awesom494 11 หลายเดือนก่อน +18

      Kya kare bhaiyya andhbhakto ko news hi aise chahiye jo sarakar ki aalochna n karta ho aaj aalam ye hai ki bjp ke khilaf khabar n dikhane vale channale itne jyada ho gaye haiki andhbhakt confused ho gaye hai ki kise dekhe kise nahi

    • @manishbauddha7494
      @manishbauddha7494 11 หลายเดือนก่อน +3

      Dharm ki afim hindurast ramrajya ka sapna dikhakar aur Ramrajya ki suruaat ho chuki h yese manuwadi juge desh ke loktantra ke liye khtra h .

    • @maxpayne69.
      @maxpayne69. 11 หลายเดือนก่อน +3

      First problem is funding of media houses by political parties. Ban of such funding will force them to be less biased towards funding parties.

    • @realharrysingh
      @realharrysingh 11 หลายเดือนก่อน +3

      Guru Nanak rejected and criticized Manusmriti, if u Hindus hate your God who created Manusmriti, the Divine Laws then go convert to Sikhism, i'm a proud Hindu and love my religious books

    • @harsh90868
      @harsh90868 11 หลายเดือนก่อน

      @arwind sawant 🤣🤣aur admiyo ki g***** maar ke rkh di, Aur aurto ko bhi pata nahi kaunsi izzat dila di., khoye raho inhi haseen sapno mein#andhbhakt

  • @KamalSingh-sz6ij
    @KamalSingh-sz6ij หลายเดือนก่อน +3

    वाह क्या बात हुई पत्र कार महोदय इस तरह के सटीक विश्लेषण करने के लिए

  • @Ramesh_934
    @Ramesh_934 7 หลายเดือนก่อน +3

    बहुत सराहनीय पत्रकारिता के आप सम्मानित पत्रकार है मै आपकी भूरि भूरि प्रसंसा करता hu

  • @souravroy20236
    @souravroy20236 11 หลายเดือนก่อน +447

    Why is the Supreme Court not removing such disgraceful judges? This is just unbearable.

    • @14debanjan
      @14debanjan 11 หลายเดือนก่อน +45

      Court system is also compromised dude. Frankly, it's not surprising that a lot of people have lost faith in the whole Indian system now.

    • @ashokdas7041
      @ashokdas7041 11 หลายเดือนก่อน +19

      In Amritkal of Independence, "Manusmriti" is being brought from the cold storage of the society!! Save the Indian Constitution adopted in the Parliament of Independent India.

    • @iqbalahmedkhan7
      @iqbalahmedkhan7 11 หลายเดือนก่อน +13

      Voters deserve this

    • @vijaykumar-vt1on
      @vijaykumar-vt1on 11 หลายเดือนก่อน +3

      ​@@iqbalahmedkhan7 are you defending the government by saying this ???? 😮😮😮😮😮😮 or you are just being sarcastic ?? 😊😊

    • @souravroy20236
      @souravroy20236 11 หลายเดือนก่อน +10

      @@ashokdas7041 surely we can't let this go on. This is crossing all limits. I hope 2024 will show whether our citizens have grown any sort of backbone....or brain...for that matter...

  • @thakurprasadmalviya4754
    @thakurprasadmalviya4754 11 หลายเดือนก่อน +21

    बहुत ही जबरदस्त और शानदार ऐसी पत्रकारिता अब देखने को नहीं मिलती जो सच कहती हो। आला दर्जे के अधिकारियों को सच का आइना दिखाने का धन्यवाद। अब सारे काम मनु स्मृति से होंगे

  • @radheyshyam5793
    @radheyshyam5793 10 หลายเดือนก่อน +12

    धिक्कार है इस रेलवे मंत्री वैष्णव और इसकी शिक्षा को। देश ऐसे लोगों को ढ़ोने को अभिशप्त है।

  • @gulabSingh-oy8iq
    @gulabSingh-oy8iq 10 หลายเดือนก่อน +4

    जनता है सब जानती है उचित समय पर जवाब देगी

  • @rajkumarmahroliya51
    @rajkumarmahroliya51 11 หลายเดือนก่อน +93

    परम आदरणीय श्रीमान अतुल चौरसिया जी आपकी सच्ची निष्पक्ष निडर पत्रकारिता को सादर प्रणाम जय भीम जय संविधान

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @Quizzheads
    @Quizzheads 11 หลายเดือนก่อน +192

    साहित्यिक भाषा और सच्ची खबरों का बेजोड़ समागम । ❤

    • @amitkumarmeraman5191
      @amitkumarmeraman5191 11 หลายเดือนก่อน +2

      Aawaz bhi bahut soft aur soothing hai...❤❤❤❤

    • @naushadshaikh-sl7me
      @naushadshaikh-sl7me 11 หลายเดือนก่อน +2

      Bahot hi shandar prastuti.Antaratma ko zakzor diya.Aap sada khush rahe.yehi ISHwAR se kamna.❤❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @sjdkxkc5490
      @sjdkxkc5490 11 หลายเดือนก่อน

      साहित्य का नlश होते नहीं दिख रहा किसी को, ऐसे *कॉमनिस्ट यूट्यूब चैनल* पe

    • @duality4453
      @duality4453 11 หลายเดือนก่อน +1

      Apologies for not having the same group over Hindi, but I'd like to add another adjective, his sarcasm and deadpan delivery of harrowing incidents really outshines all others. Kripiya issi tarah banne rahiye team Newslaundry ❤

  • @tejpalsinghtej3754
    @tejpalsinghtej3754 2 หลายเดือนก่อน +3

    खबरों के इतने शिष्ट प्रस्तुतिकरण और उत्तम धाराप्रवाह वाचन ने मुझे अति आकर्षित किया है।

  • @aftabalam-zp6ny
    @aftabalam-zp6ny 10 หลายเดือนก่อน +15

    विश्व गुरु बन गए। इतना कह देने भर से हम विश्व गुरु बन जाते हैं क्या? धन्य हो ऐसे ही विश्व गुरु बनने की प्रथा की।

  • @prince24irppl
    @prince24irppl 11 หลายเดือนก่อน +65

    मनुस्मृति लागू होने के बाद क्या हम जैसे लोग जीवित रहेंगे?

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +2

      आदरणीय Prince2irppl🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @roshanrao888
      @roshanrao888 10 หลายเดือนก่อน

      Lagu hone denge nhi

  • @aashutoshkumar4852
    @aashutoshkumar4852 11 หลายเดือนก่อน +56

    यहीं होगा जब बिना पढ़े लिखे और टीवी में काम करने वाले लोगो के हाथों में सत्ता दी जायेगी। जिन्हे बस डायलोग बोलने आते है जनता के सवालों का जवाब देना नही।

  • @MumtazAli-tw9ys
    @MumtazAli-tw9ys 2 หลายเดือนก่อน +2

    आप को समाचार के लिये धन्यवाद ।

  • @ravijadhav777
    @ravijadhav777 10 หลายเดือนก่อน +15

    सवाल को टालने के लिए किस तरह मुद्दा बहकाया जाता है, इसमें पारंगत है मनु‘स्मृति’ ।
    ऐसी महिला का अगर भगवान है तो अलग से हिसाब होगा।

  • @dr.b.jagdishrao6042
    @dr.b.jagdishrao6042 11 หลายเดือนก่อน +80

    आप की पत्रकारिता निराली है। बधाई और शुभकामनाएं। 🎉🎉

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय Dr.B.Jagdish Raoji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @sjdkxkc5490
      @sjdkxkc5490 11 หลายเดือนก่อน

      Umee hai k ...islam k khamio ko bhi ujagar karenge ye Nirale patrakar.

    • @150_RsDega
      @150_RsDega 10 หลายเดือนก่อน

      ​@@sjdkxkc5490मुगल काल में जी रहे है क्या साहब?

    • @sjdkxkc5490
      @sjdkxkc5490 10 หลายเดือนก่อน

      @@150_RsDega bassss... islam ka nam lete hi..jaag gyi secularism.
      Phir 3talaq, nikah halala, 5biwiyan.... sab maaf. Personal law board ne apni Jagir bana k rakh lia hai...islamiat ko.
      Lekin uski reporting karne k lie funding ni milti na NL ko comunist party se.

  • @ghanshyamins.2698
    @ghanshyamins.2698 11 หลายเดือนก่อน +38

    *भारतवर्ष ने विश्व को विश्वगुरु देते-देते, विश्व को, विश्वदेशद्रोही दे दिया...❤*

  • @polparag
    @polparag 9 หลายเดือนก่อน +2

    Thanks

  • @aftabalam-zp6ny
    @aftabalam-zp6ny 10 หลายเดือนก่อน +33

    अभी तक तो प्रश्न पूछे जाने पर नेताओं और मंत्रियों का ही अपमान हो रहा था। अब तो प्रश्न पूछे जाने पर जनता का ही अपमान होने लगा।

  • @divakarkumar2636
    @divakarkumar2636 11 หลายเดือนก่อน +73

    आप जैसे ही पत्रकारों की वजह से ही अब सच्चाई दिखाई देती हैं।
    आपकी पत्रकारिता को जितना भी नमन करूं कम है।

    • @Exiide89
      @Exiide89 10 หลายเดือนก่อน +1

      Ye newslaundry wala patrakar hai? Presstitute word inhi k liye ijaad hua tha.

    • @divakarkumar2636
      @divakarkumar2636 10 หลายเดือนก่อน

      @@Exiide89 और ये गोदी मीडिया का पत्रकार हैं। और इनके जैसे ही लोगो के मोदी जी बाप हैं।

  • @SaSa-gd9qp
    @SaSa-gd9qp 11 หลายเดือนก่อน +149

    विश्वगुरु नहीं अफगानिस्तान बन रहा हैं यह देश 💀

    • @TheScholor
      @TheScholor 11 หลายเดือนก่อน

      😂😂😂 Afghanistan ne World ki super power countries ko 2 bar buri tarah se defeat Kiya h (ussr and American Ally) aur india china ke samne apni gand jhuka rakha h aur China ghusata ja rahah h badle me thoda pesa party ko mil jata h Chinese companies se aur apne bharat mata ki ijjat lutuwa rhe hn bhagwa atanki 😂

    • @mrkeshav736
      @mrkeshav736 11 หลายเดือนก่อน

      😂😂😂....To Time se Afgan Chaleja Yha Kya kr rha..

    • @PriyankaDas-gj5gs
      @PriyankaDas-gj5gs 11 หลายเดือนก่อน

      @@mrkeshav736 Abe bewakuf koi nahi chahta ki desh ki haalat battar ho. Sivay tum jeso ke. Op ne likha kya aur tune samjha kya? Dimag mein gobar hi bhara pada hain tumhare

    • @TheScholor
      @TheScholor 11 หลายเดือนก่อน

      @@mrkeshav736 Abey gober jane ki jaroorat nahi 😆😆😆 Akhand Bharat jab banega to automatic Afghanistan, India me shamil ho jayega ...isiliye kehte hn ki gay ke gober ke sath mullon ka moot bhi Piya Karo to aqal = kam karegi🤣😃🤣😃🤣

    • @basabaduttamishra7767
      @basabaduttamishra7767 11 หลายเดือนก่อน +6

      ​@@mrkeshav736 kyun jayega uska hi Desh hai woh nahi bolega to aur kon bolega?? Idhar chala ja udhar chala ja band karo aur sahi sawal pucho sarkar se....

  • @ravidharia3702
    @ravidharia3702 9 หลายเดือนก่อน +5

    आप जैसे सच्ची खबरे दिखाने वाले लोगो का धन्यवाद। आप लोगो के कारण आज भी सच्ची पत्रकारिता जिंदा है।

  • @CMNews6299
    @CMNews6299 10 หลายเดือนก่อน +3

    सटीक तरपूर्ण विश्लेषण के लिए आपके हौशले को सलाम

  • @shoaibanes1367
    @shoaibanes1367 11 หลายเดือนก่อน +19

    इतनी शालीनता इतना देसीपन जुबान में लबो लहज़े में ठेठ गांव का ज़मीनी जुड़ाव ऐसा लग रहा खबर नहीं आपकी जुबान चटकारे ले रही है काम के प्रति इतनी निष्ठा ईमानदारी गरीबी देश सत्य गरीबों का हक़ दिलाती पत्रकारिता 👏👏👏👃👃👃👃 धन्यवाद चौरसिया भाई

  • @sameergaikwad2054
    @sameergaikwad2054 11 หลายเดือนก่อน +600

    सडती पत्रकारिता के बीच आप आशा हो!

    • @adnupattum
      @adnupattum 11 หลายเดือนก่อน +13

      @arwind sawant Not even one flaw? Do you hear yourself?

    • @ag135i
      @ag135i 11 หลายเดือนก่อน +3

      ​@arwind sawant I love sweet girls geeta, smriti, aarti, puja and tapassya is the most sexy.

    • @baratthuj
      @baratthuj 11 หลายเดือนก่อน +5

      ​@arwind sawantmanusmrit is a religious book ?? if u think so just letting u know i wouldn't even spit on that trash forget about following it as an hindu

    • @bobogogo4611
      @bobogogo4611 11 หลายเดือนก่อน

      @@arwindsawant8538 Draupadi ki najayez aulaad khulay mein Hagana bandh kar

    • @sbanj
      @sbanj 11 หลายเดือนก่อน +2

      Sadti buddhi ke aap Qayal ho 👌

  • @maninderjitsingh1992
    @maninderjitsingh1992 10 หลายเดือนก่อน +2

    Thanks!

  • @sitaramsharma1028
    @sitaramsharma1028 หลายเดือนก่อน

    अति सुन्दर विश्लेषण धन्यवाद

  • @drsudhiragrawal
    @drsudhiragrawal 11 หลายเดือนก่อน +58

    क्या यह वही अहसान फरामोश औरत है जिसने अपनी सहेली के अनगिनत अहसानों का बदला उस सहेली के पति को उसके माल सहित भगा कर और अपना पति बनाकर दिया था?

    • @rashidarupani9519
      @rashidarupani9519 11 หลายเดือนก่อน +5

      Yyyyyyyesss exactly is Aurt ne khud ke Mabap se bhi Esa hi kiya he Dagabazi

    • @drsudhiragrawal
      @drsudhiragrawal 11 หลายเดือนก่อน

      @@rashidarupani9519 क्या मैं जान सकता हूं कि इस दुष्टा ने उन बेचारों से क्या दगाबाजी की है?

  • @MumtazAli-tw9ys
    @MumtazAli-tw9ys 3 หลายเดือนก่อน +1

    नमस्कार चौरसिया जी , आपको समाचार. के लिये धन्यवाद ।

  • @rameshmanjhi
    @rameshmanjhi 10 หลายเดือนก่อน +90

    निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि हम मूर्खों के देश में निवास कर रहे

    • @touchstone1682
      @touchstone1682 10 หลายเดือนก่อน

      *Duniya

    • @Exiide89
      @Exiide89 10 หลายเดือนก่อน +2

      Nahi janaab. Aap kewal apna hi vishleshan kar rahe hain. Baaki log theek hain.

    • @JohnNobody_
      @JohnNobody_ 10 หลายเดือนก่อน +1

      ​​​@@Exiide89.. Sahi kaha... Ye janaab murkh hi lagte hai. Baki ham sab to Gobar Gyani hai.

    • @JohnNobody_
      @JohnNobody_ 10 หลายเดือนก่อน +1

      Pata nahi bechare par kya naubat aayi hogi jo verified sources pe rely karna aur desh ke muddo par dhyan dena padaa ho is murkh insaan ko. Kaash ye bhi hamaari tarah hindu muslim me lag jaaye. Bhai isko bhi gyaan do ki kaise Nehru aaj desh ka nuksaan kar raha hai, kaise congress se hame sawaal puchhne chahiye kyuki wo power me hai. Ye murkh log BJP ke pichhe pade hai... Unko koi bataaye ki mandir banaane me aur desh chalaane me fark hota hai, apne sawaal aur complaints ka nishana kahi aur lagaaye.

    • @wondarblogartech1847
      @wondarblogartech1847 7 หลายเดือนก่อน

      Jab desh ka mukhi ha to hamara desh vishwa garu zoor ban jayega

  • @jagatkamboj9975
    @jagatkamboj9975 11 หลายเดือนก่อน +160

    राहुल गांधी ने जितने भी आरोप लगाए थे सब के सब सच साबित हो रहा है चौकीदार ही भागीदार है

    • @prahladagarwal3094
      @prahladagarwal3094 11 หลายเดือนก่อน +9

      Chowkidar he "Chor" hai.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +3

      आदरणीय Jagat Kambojji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @sjdkxkc5490
      @sjdkxkc5490 11 หลายเดือนก่อน

      Pariwarwaad🥲

    • @jagatkamboj9975
      @jagatkamboj9975 11 หลายเดือนก่อน +1

      @@avadhutjoshi796 दो रुपल्ली आईटीसेल गैंग वाट्स अप यूनिवर्सिटी का फर्जी ज्ञान मत पेल मेरे भाई 🙏🙏🙏

    • @_Bappu_
      @_Bappu_ 11 หลายเดือนก่อน

      ​@@jagatkamboj9975just bcz someone showing reality of your father orangeseb doesn't mean you'll be angry😂..

  • @dineshatri2417
    @dineshatri2417 11 หลายเดือนก่อน +38

    शानदार धारदार और दिलचस्प प्रस्तुति। इसीलिए तो हम न्यूज़लोंड्री की ख़बर के कायल हैं। शुक्रिया चौरसिया जी ❤

  • @kayyumsayed8020
    @kayyumsayed8020 10 หลายเดือนก่อน +4

    कमाल का अंदाज और असली पत्रकारिता 👍👍👍👍

  • @kulbhushangopal6225
    @kulbhushangopal6225 10 หลายเดือนก่อน +2

    शानदार बुलेटिन। शानदार एंकरिंग के लिए आपको बधाई भाई साहब

  • @adityayadav5558
    @adityayadav5558 11 หลายเดือนก่อน +137

    कोई बात नही अमेठी वालो , फिर जब चुनाव आयेगा तो धर्म देखकर वोट दे देना

    • @sadeqaghazal2571
      @sadeqaghazal2571 11 หลายเดือนก่อน +9

      Wo log usi k vote denge chahe koi garib atmhatya kre chahe kisi ki naukri jaye.

    • @HarishchandraGupta-uv7hj
      @HarishchandraGupta-uv7hj 11 หลายเดือนก่อน +4

      😂😂😂😂😂😂😂

    • @HarishchandraGupta-uv7hj
      @HarishchandraGupta-uv7hj 11 หลายเดือนก่อน

      ईरानी का pichwadaa भारी हो गया है

    • @technicalshiksharahulmardj7212
      @technicalshiksharahulmardj7212 10 หลายเดือนก่อน +3

      Sc st obc खुद ही बीजेपी को वोट देता है ।चुनाव के वक्त सब अचानक पलट जाता है।

    • @suryodaysingh6210
      @suryodaysingh6210 10 หลายเดือนก่อน +2

      Hn bhai denge vote aur dharm bhi dekhenge school ki condition bhi roads bhi hospital bhi aur itna sab dekhne ke baad bhi BJP ko hi jitayenge ❤
      Lots of love from AMETHI

  • @Pserene47
    @Pserene47 11 หลายเดือนก่อน +143

    A crucial episode that shows how bad the rot has gotten in society. The brazenness of those seeking favours from this government is beyond words. It's a pity that the Supreme Court justices don't act against clearly deranged lower court judges. The rot in the last nine years has gotten so bad that I fear that even if Modi loses in 2024, it will take a long time and a lot of will to put things right. Congress should clarify that they will identify and crack down on all such elements and purge them determinedly.

    • @sabihasayed8389
      @sabihasayed8389 11 หลายเดือนก่อน +6

      Very true 👍

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @sarojlata8657
      @sarojlata8657 11 หลายเดือนก่อน

      @@arwindsawant8538 gaye k

    • @_Bappu_
      @_Bappu_ 11 หลายเดือนก่อน

      Lol😂😂

    • @maryanne7161
      @maryanne7161 10 หลายเดือนก่อน +1

      Very true. But, now, i m scared of congress too

  • @anupbanerjee4673
    @anupbanerjee4673 2 หลายเดือนก่อน +1

    Thankyou , apko mera respectfully Namon hai. Bahut achcha pol khol diya.

  • @gauravgautam692
    @gauravgautam692 8 หลายเดือนก่อน +1

    सर आप इतनी अच्छी पत्रकारिता करते हैं आपके सब्सक्राइबर दो चार करोड़ होने चाहिए लेकिन धिक्कार है ऐसी जनता पर जो फालतू के चैनलों को तो इतना मतलब पसंद करती है इसको डिस्को वाले लेकिन जनता को आप जैसा चैनल को बढ़ावा देना चाहिए जय हिंद जय भारत

  • @talwarrajasthan5744
    @talwarrajasthan5744 11 หลายเดือนก่อน +79

    अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो आपका और आपके चैनल का होना बहुत जरूरी है

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +2

      आदरणीयTalwarrajasthanji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @talwarrajasthan5744
      @talwarrajasthan5744 11 หลายเดือนก่อน +1

      @@avadhutjoshi796 आपके विचार श्रेष्ठ है मै आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जय भीम जय भारत

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      @@talwarrajasthan5744 जय भारत जय संविधान. देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करना और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

  • @dehhj
    @dehhj 11 หลายเดือนก่อน +218

    बीजेपी हटाओ देश बचाओ

    • @dehhj
      @dehhj 11 หลายเดือนก่อน

      यही तो हमारे देश में अंधभक्तों की पहचान है,
      (मनुस्मृति = 💩 ahhhhhhh thuuuu )

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @nayeemuddin4504
      @nayeemuddin4504 10 หลายเดือนก่อน +1

      Maodm ka rat mein jhagda hunga

  • @BalwinderSingh-rd2wg
    @BalwinderSingh-rd2wg 8 หลายเดือนก่อน +1

    Very nice thank you

  • @thakurdeenyadav2123
    @thakurdeenyadav2123 10 หลายเดือนก่อน +1

    Very good and correct analysis .thanks chaurasia साहिब.

  • @WaseemKhan-ze8kx
    @WaseemKhan-ze8kx 11 หลายเดือนก่อน +12

    'रेंटल मौलाना और राष्ट्रवादी आपा' बहुत बढ़िया अतुल जी।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @exxtraagyaanofficial10m36
    @exxtraagyaanofficial10m36 11 หลายเดือนก่อน +433

    itna shameless party nahi dekha ...😡😡

    • @atheistnothing5039
      @atheistnothing5039 11 หลายเดือนก่อน +10

      आगे आगे देखिए होता है क्या...

    • @roasther7373
      @roasther7373 11 หลายเดือนก่อน +5

      shameless koi party nhi hoti puri manav jati he shameless h aap bhi mai bhi hu hum sb h

    • @parusahu6961
      @parusahu6961 11 หลายเดือนก่อน

      Having sexual relationship in the promise of marriage should not be considered as rape. Women are not castles, they had sex by consent for what ever reasons it may be. Stupid Indian laws consider them as rape.

    • @sharankumar4396
      @sharankumar4396 11 หลายเดือนก่อน

      But India's 40-50% people are supporting this shameless party,they are giving votes to this party

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @user-bs2bm3zx7g
    @user-bs2bm3zx7g 2 หลายเดือนก่อน +1

    How great you God bless you

  • @Sannext_ff
    @Sannext_ff 10 หลายเดือนก่อน +1

    Sachchi patrakarita ko koti koti Naman

  • @rk_pradeep_classes
    @rk_pradeep_classes 10 หลายเดือนก่อน +68

    समझ नहीं आ रहा इस देश का क्या होगा?
    😭😭

    • @srs9973
      @srs9973 10 หลายเดือนก่อน

      Kuch nahi hoga. Next elections me bhi Dharam ke naam pe criminals ko vote de denge.

  • @shivendragupta1882
    @shivendragupta1882 11 หลายเดือนก่อน +19

    Very well researched presentation.
    Good job, Atul bro.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय 🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @mdnajibalam5202
    @mdnajibalam5202 10 หลายเดือนก่อน +2

    Great journalism... Congratulations to the Newslaundry....

  • @mahendrataragi7430
    @mahendrataragi7430 10 หลายเดือนก่อน +1

    शानदार प्रस्तुति।साधुवाद।

  • @jabercn
    @jabercn 11 หลายเดือนก่อน +52

    I really feel sad for the reporters whose faith is unreported.

  • @AKASH-fi5fg
    @AKASH-fi5fg 11 หลายเดือนก่อน +98

    Thats why Dr B.R. Ambedkar burned Manu-Smrthi

    • @realityground.4714
      @realityground.4714 11 หลายเดือนก่อน +11

      बहुजन नेता पता नहीं क्यों डरपोक बने हुए हैं। बाबा साहब द्वारा लिखी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए, जिससे नई पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच विकसित हो सके।

    • @007mrbeen
      @007mrbeen 11 หลายเดือนก่อน

      ​@@realityground.4714दंगा फसाद मैं नीच जाति वाले ही ज्यादा होते है ।। ब्राह्मण और बीजेपी वालों के सपोर्ट में ।।पैसे के लिए नीच जाति के लोग अपनी लुगाई ।।ब्राह्मण के घर टुकाई के लिए चोद देते है ।।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय 🙏 !
      Dr.Babasaheb and his theory of Hindu religion is the root cause of all disputes. Before that there was no contradiction about Hindu religion. Either we should adopt his theory or reject his theory after finding truth. I have a better idea for this. Pl support it.
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @realityground.4714
      @realityground.4714 11 หลายเดือนก่อน

      @@avadhutjoshi796 राजाओं का इतिहास एक तरफा नहीं है, औरंगजेब इसलिए टारगेट पर है क्योंकि वो मुस्लिम था। राजस्थान के खेजडली शहीदों का इतिहास भी देखा जाना चाहिए जब पेड़ों को बचाने के लिए 400 से ज्यादा व्यक्तियों के सर काटे गए और मरने वाले कौन थे। जैसलमेर के रावल जालिम सिंह से तंग आकर पालीवाल ब्राह्मण क्यों जैसलमेर छोड़ने पर मजबूर हुए जिसके अवशेष कुलधारा के उजड़े गांव उसकी कहानी बताते हैं और भी राजाओं, सामंतों का उजला और कालिख इतिहास है, लेकिन वो सूट नहीं करेगा 😂🤭

    • @realityground.4714
      @realityground.4714 11 หลายเดือนก่อน +1

      @@avadhutjoshi796 अंबेडकर ने अपनी मर्जी से कुछ नहीं लिखा, उन्होंने वही बताया जो पहले से लिखा था।

  • @user-pz5ck1zp4g
    @user-pz5ck1zp4g หลายเดือนก่อน

    Salute तुम जैसे निर्भीक पत्रकार के लिए

  • @yadav21121
    @yadav21121 10 หลายเดือนก่อน +2

    Jabardast reporting

  • @logical_analyst
    @logical_analyst 11 หลายเดือนก่อน +6

    Pehli baar dekha ye channel. Aapne bahot hi santulit aur sabhya bhasha me bade hi vyangatmak tarike se sach hum tak pahuchaya. 👍👍👍👍👍👍👍

  • @sidoptom
    @sidoptom 11 หลายเดือนก่อน +49

    Salute to Atul chaurasiya sir.
    Spineless media owner can take action only by seeing the video also.
    No need for madam Irani to call

  • @gogirjikumar8305
    @gogirjikumar8305 10 หลายเดือนก่อน +5

    आप बहुत बहुत सुंदर शांत बोलते हो - काश विपक्षी दल को सद्बुधि आए और आपके प्रति अपना ऋण चुका पाए ।

  • @rameshwarlalbari454
    @rameshwarlalbari454 หลายเดือนก่อน

    आपकी पत्रकारिता की भाषा उच्च शिक्षा प्राप्तकर्ता संस्कार युक्त व्यक्ति है

  • @navneetkaur7709
    @navneetkaur7709 11 หลายเดือนก่อน +38

    Brilliant episode 👏 hope it reaches out to masses!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय Navneet Kaurji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @sarlapurohit1216
    @sarlapurohit1216 11 หลายเดือนก่อน +38

    ये सरकार संवाद नहीं विवाद में विश्वास करती है 😬

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय Sarlaji 🙏 ! Isake pahale bhi hamari bat ho gayi hai. aaj thodi alag bat bhi hai.
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @arvind.bohara2808
    @arvind.bohara2808 2 หลายเดือนก่อน

    जागरूकता ही लोकतंत्र का जीवन है धन्यवाद युवा पीढ़ी शिक्षित है सोच समझ कर वोट करें आपके भविष्य का सवाल है। धन्यवाद

  • @fizakhan8252
    @fizakhan8252 10 หลายเดือนก่อน +4

    What a journalism it is... How calmly in full hindi he is dictating.. loved itttt❣️❣️❣️❣️

  • @arsh9235
    @arsh9235 11 หลายเดือนก่อน +21

    You guys are like ray of hope in the darkness 🙏🏻. God bless you immensely

  • @saumitramohan1897
    @saumitramohan1897 11 หลายเดือนก่อน +44

    बहुत सुंदर विश्लेषण करते हैं सर्!
    💐💐 👌👌

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +1

      आदरणीय Saumitra Mohanji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @playgame-od6rh
    @playgame-od6rh 11 หลายเดือนก่อน +29

    हम गुलामी की तरफ जा रहे है।😓😨

    • @Sanatani_VirenSingh
      @Sanatani_VirenSingh 11 หลายเดือนก่อน

      Fir bhi bjp bhakt samjhte nahin hai.
      Lagbhag 60% log bjp bhakt hain😢

    • @playgame-od6rh
      @playgame-od6rh 11 หลายเดือนก่อน

      @@Sanatani_VirenSingh 😓😓

  • @OldMachinist
    @OldMachinist 10 หลายเดือนก่อน +1

    Thanks...

  • @salimsheikh9890
    @salimsheikh9890 หลายเดือนก่อน

    Aapko dilse salam h
    Heart taching ❤

  • @relaxingview07
    @relaxingview07 11 หลายเดือนก่อน +16

    next level of journalism hat's off Guru🎉

  • @pyarmohammad4142
    @pyarmohammad4142 11 หลายเดือนก่อน +4

    सलाम करते है आपको 🎉

  • @sriramgautam8777
    @sriramgautam8777 10 หลายเดือนก่อน +2

    Great salute to you for your very good gernalism and reporting and analysis

  • @prabhjeetkaur1080
    @prabhjeetkaur1080 8 หลายเดือนก่อน

    Excellent efforts for explaining reality nicely 👍

  • @atiyasheerin5569
    @atiyasheerin5569 11 หลายเดือนก่อน +38

    Superb reporting as always 👏🏻👏🏻👏🏻

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय Atiyasheerinji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @mazharfarooqui3826
    @mazharfarooqui3826 11 หลายเดือนก่อน +14

    I m a huge fan of Tippadi. There’s nothing remotely like this any where in India or, I dare say, the entire world. From the choice of words to the storytelling style, everything is pure gold.

  • @baoddhnaagvanshi
    @baoddhnaagvanshi 7 หลายเดือนก่อน

    Chaursiya ji asking jai ho, ati mahaan karya hai aapka. Jai Bhim jai Bharat

  • @premchandram8565
    @premchandram8565 หลายเดือนก่อน

    Veri nice veri nice bahut acchi saheli mein aapane news bola iske liye bahut bahut dhanyvad

  • @varinderkaur7690
    @varinderkaur7690 11 หลายเดือนก่อน +25

    I am speechless!!!! Wah wah.... ur way of explaining is superb sir

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय Varinder Kaurji🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @pinkydavid7761
    @pinkydavid7761 10 หลายเดือนก่อน +2

    Thank you for the wonderful show.

  • @deorganiqueprofessionnelne543
    @deorganiqueprofessionnelne543 10 หลายเดือนก่อน +1

    Great program well Done

  • @shubhamchaurasiya229
    @shubhamchaurasiya229 11 หลายเดือนก่อน +3

    Bhiya this appishod for
    I humbly thanku

  • @aadeshatheist7270
    @aadeshatheist7270 11 หลายเดือนก่อน +7

    सर आपकी पत्रकारिता और आप को दिल ❤ से प्रणाम करता हू

  • @msalimmtahir
    @msalimmtahir 10 หลายเดือนก่อน

    Bahot khub.
    Kadwa sach

  • @user-ib7zn9ks5x
    @user-ib7zn9ks5x 10 หลายเดือนก่อน

    आप का अंदाज सब से निराला है बहोत अच्छा है

  • @anjalidastur7132
    @anjalidastur7132 11 หลายเดือนก่อน +364

    This is so heartbreaking in a way. No wonder we are a nation of idiots!

    • @rakeshkrishnan1099
      @rakeshkrishnan1099 11 หลายเดือนก่อน +9

      indeed we r

    • @AdityaSingh-hs6tg9vu3u
      @AdityaSingh-hs6tg9vu3u 11 หลายเดือนก่อน +7

      Exactly..🤣😨

    • @beautyofnature8512
      @beautyofnature8512 11 หลายเดือนก่อน +7

      100% no doubt

    • @frederickpicardo6784
      @frederickpicardo6784 11 หลายเดือนก่อน +15

      Absoletly right. We should blame ourself for electing such fools . Lady in question is specimen.

    • @notayan
      @notayan 11 หลายเดือนก่อน

      You should change language of your comment or you will abused by Online bjp itcell employees

  • @indian3677
    @indian3677 11 หลายเดือนก่อน +19

    Desh bachao save country save democracy

  • @babulkumar7818
    @babulkumar7818 10 หลายเดือนก่อน +2

    Thankyou Sir for the truth 🙏

  • @PrabhatKumar-ev7ud
    @PrabhatKumar-ev7ud หลายเดือนก่อน

    Bahut Sundar prastuti

  • @uksrivastava895
    @uksrivastava895 11 หลายเดือนก่อน +111

    शर्म आ रही है कि मैं भी उस देश का वासी हूँ जहाँ मनुस्मृति पढ़ी जाती है। 😢

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน +3

      आदरणीय🙏 !
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @TheP-gb9pr
      @TheP-gb9pr 11 หลายเดือนก่อน +2

      हां आपको US ने वीजा देने से मना किया होगा,
      नही तो आप NASA के scientest होते।

    • @soumyas5576
      @soumyas5576 11 หลายเดือนก่อน +5

      ​@@TheP-gb9prjaise Modi ko 12 saal tak US ne Visa nahi diya na

    • @soumyas5576
      @soumyas5576 11 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@TheP-gb9prBaki usne kabhi ye nhi bola ki wo US ka nagrik hai

    • @TheP-gb9pr
      @TheP-gb9pr 11 หลายเดือนก่อน

      @@soumyas5576 मैने नही कहा की वो US ka निवासी है,
      संभवतः आप mislead ho gaye hai

  • @BaldevSingh-ur9de
    @BaldevSingh-ur9de 11 หลายเดือนก่อน +2

    अति उत्तम प्रस्तुति और व्यंग्य । बधाई और धन्यवाद।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 11 หลายเดือนก่อน

      आदरणीय 🙏 !
      महोदय, कृपया व्यंग्य से खुश न हों। ये विषय गंभीर प्रकृति के होते हैं। मेरे पास इसका गंभीर उपाय है। कृपया इसका समर्थन करें।
      हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
      औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
      दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
      और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
      मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
      जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
      मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @maharajatenthouse8827
    @maharajatenthouse8827 5 หลายเดือนก่อน

    बहुत ही अच्छी सहाफ़त
    इसके लिए दिल से सलाम❤❤❤

  • @ashokdewangan1235
    @ashokdewangan1235 หลายเดือนก่อน

    RAVISH KUMAR... AAP JAISE PATRAKARO KI DESH KO BAHUT JARURAT HAI..🙏🙏🙏

  • @Deshbhakt-hx9du
    @Deshbhakt-hx9du 11 หลายเดือนก่อน +162

    Andhbhakt mukt Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @dwarkabharti3623
    @dwarkabharti3623 11 หลายเดือนก่อน +62

    काश! यह जज जाति से दबे न होते तो मनुस्मृति को कोड न करते😡😡😡

    • @jhakku1401
      @jhakku1401 11 หลายเดือนก่อน +4

      सहमत हूं आपसे 👍

    • @SKtheFighter-xv1hp
      @SKtheFighter-xv1hp 11 หลายเดือนก่อน

      To vo Jude hi na ban pataa... brhamin bhadwe sirf brhamin ko hi support karte

    • @hgh963
      @hgh963 11 หลายเดือนก่อน

      ​@@mrkeshav736 udne wale bander ne banaya hai. 😂😂😂

  • @rasheedasultana5630
    @rasheedasultana5630 7 หลายเดือนก่อน

    Great ....Great...no words.

  • @satishhanda1757
    @satishhanda1757 11 หลายเดือนก่อน +9

    Excellently done as always! Kudos for the hardwork behind such work. Big Salute!!