गुरु का केवल अस्तित्व, समीप होना अथवा साथ होना ही शिष्य की साधना के लिए पर्याप्त होता है और प्रगति अपने आप होती है । इसका एक अच्छा उदाहरण है सूर्य, जिसके उदय के साथ सब जग जाते हैं और फूल खिलने लगते हैं । यह मात्र अस्तित्व से साध्य होता है । सूर्य कभी किसी को जगने के लिए अथवा फूलों को खिलने के लिए नहीं कहता ।
One of the original form of the Shaktipath yoga is available at Audumber Bhilwadi Maharashtra please visit and expirience the real energy of the universe and energize the life
Samadhi of Late Om Chaitanya Sadguru Swami Swanand Maharaj is at Walunj, Pune. Now, the work of organisation is handled by Om Chaitanya Sadguru Shri Swami Girijanadan Maharaj (Dada) and Om Chaitanya Sadguru Swamini Sitamai from Bhilwadi, Tal- Palus, Dist- Sangli. Contact- 9765367904 (Dada)
☀ *Sanatan/Hindu/Hinduism* 🌞 *Sanatan* is a word which means it has neither starting point nor ending. It is already exist before the creation of "time" (काल). *What is Sanatan Dharm?* Answer: Om Sarve Bhavantu Sukhinah Sarve Santu Nir-Aamayaah | Sarve Bhadraanni Pashyantu Maa Kashcid-Duhkha-Bhaag-Bhavet | Om Shaantih Shaantih Shaantih || *Meaning:* 1: Om, May All become Happy, 2: May All be Free from Illness. 3: May All See what is Auspicious, 4: May no one Suffer. 5: Om Peace, Peace, Peace. *This meaning is exist in all religion forever. *Now, what is Hindu?* Answer: A person who respect, worship and follows the principle of "Bhagwat Gita" narrated by Supreme lord {Shri Krishn} is called "Hindu". The "Bhagwat Gita" is a glimpse of all upnishad; which are hallmark of all "Vedas". *What is Hinduism?* Answer: People who follows "The Bhagwat Gita" which is the essence of all "Vedas". *Conclusion:* A person who worship, respect and follows "The Bhagwat Gita" principle is belong to "Hindu community". ☀ *ॐ* 🌞 *ॐ* सम्पूर्ण ध्वनियों/वाणियों का स्त्रोत है। *ॐ* ईश्वर का प्रत्यक्ष प्रमाण है। *ॐ* में ही ईश्वर के विचार हैं। *ॐ* का ब्रह्मा जी को वेद उत्तपन्न करने का जो आदेश मिला वह श्रुति है। *ॐ* के ध्यान से ही ब्रह्मा जी जो वेद और सृष्टि का निर्माण करतें हैं प्रत्येक महाप्रलय के पश्चात वह स्मृति है। *ॐ* ही साकार, आकार और निराकार का श्रोत है। *ॐ* ही मन्त्रों का जनक/जननी है। *ॐ* ही पुरुष (शिव) हैं, जो प्रत्येक जीवन का बीज हैं। *ॐ* ही प्रकृति (शक्ति) हैं जो प्रत्येक जीवन को धारण करें हैं। *ॐ* अध्यात्म का वह मार्ग है, जहाँ से प्रत्येक मार्ग का आरंभ और अंत होता है। *ॐ* अनादि और अनंत है- १. जब आपका यह वर्तमान शरीर नहीं था तब भी। २.अभी जो आप अपने वर्तमान शरीर में हैं अब भी। ३.जब आप इस शरीर में नहीं रहेंगे तब भी। *ॐ* सनातन है- सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ॥ अर्थ : सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो। जब आप इसका अर्थ पढ़ेंगे तो जानेंगे कि यह स्वभाव natural रूप से आप में, हम में और सभी धर्मों/पंथों में है और उनके विचारों/ग्रन्थों/वाणियों में भी है। 💥 *यही वजह है कि-* संसार का प्रत्येक धर्म/पन्थ/मठ यही चाहता है, कि समस्त विश्व उसे स्वीकार कर ले ताकि उसका भी कल्याण/भला हो जैसे उसका हुआ। *निष्कर्ष* जो जितना *ॐ* को जानेगा वह उतना ही सन्तोष को प्राप्त होगा🤷🏻♂ *गीता अध्याय ८, श्लोक १३:* सम्पूर्ण द्वार को रोककर मनका ह्रदय में निरोध करके और अपने प्राणों को मस्तक में स्थापित करके योगधारणा में सम्यक प्रकार से स्थित हुआ जो साधक *ॐ* इस एक अक्षर ब्रह्म का (मानसिक) उच्चारण और मेरा स्मरण करता हुआ शरीर को छोड़कर जाता है, वह परम गतिको प्राप्त होता है। *परम् गति* जो गतियों में सर्वश्रेष्ठ है। जिसे प्राप्त करने पर कोई गति नहीं शेष रहती क्योंकि यह परमगति है। परमगति से अभिप्राय ईश्वर प्राप्ति से है। *गीता अध्याय ८, श्लोक १६:* हे अर्जुन, ब्रह्मलोकतक सभी लोक पुनरावर्ती वाले है अर्थात वहाँ पर जानेपर पुनः लौटकर संसार में आना पड़ता है; *परन्तु हे कौन्तेय! मुझे प्राप्त होनेपर पुनर्जन्म नहीं होता।* इस १६वें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने पुनरावर्ती वाले लोकों की सीमा बताई है और जो भगवान को प्राप्त होता है *ॐ* द्वारा उसका पुनर्जन्म नहीं होता। *प्रश्न* शिवलिंग पर लगाई जाने वाली तीन लकीरो का अर्थ क्या है ? *उत्तर* शिवलिंग पर लगाई जाने वाली तीन लकीरों का अर्थ होता है: १. ब्रह्मा २. विष्णु (श्री नारायण) और ३. महेष (भोलेनाथ/महादेव/शंकर जी) इन तीनों रेखाओं के मध्य में अंकित सूक्ष्म बिंदु यह दर्शाता है कि तीनों भिन्न होते हुए भी एक ही हैं। यही *परमेश्वर/परमात्मा* की परिभाषा है। आरती की एक पंक्ति है: ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव जानत अविवेका। प्रण वांछर के मध्ये ये तीनो एका।। *तात्पर्य* जो विवेकवान नहीं हैं और अविवेक हैं उनके लिए *ब्रह्मा, विष्णु और महेष* तीनों एक होते हुए भी अलग हैं। *किन्तु* जो योगी जन समाधी की निर्बीज(प्रण वांछर के मध्य) अवस्था का एहसास कर चुके है, वे यह रहस्य जानतें हैं कि तीनों का सम्मिलित रूप ही परमात्मा हैं। th-cam.com/play/PLf5OdX0zGLfsKNY6j_eGy0zX-Cp7WidKu.html
Welcome to Infinite-The Spirituality through yoga-"The Siddhshaktipatoga" Know The Only Supreme,The Only Ultimate Through Kundalini Awakening By Powerfull Still polite Master_The Sadguru
@@rajeshkumarkumar8083 Share Your contact number to notify you about the Kundalini Awakening program so that you will come to know about your queries directly with shree Sadguru
गुरु का केवल अस्तित्व, समीप होना अथवा साथ होना ही शिष्य की साधना के लिए पर्याप्त होता है और प्रगति अपने आप होती है । इसका एक अच्छा उदाहरण है सूर्य, जिसके उदय के साथ सब जग जाते हैं और फूल खिलने लगते हैं । यह मात्र अस्तित्व से साध्य होता है । सूर्य कभी किसी को जगने के लिए अथवा फूलों को खिलने के लिए नहीं कहता ।
Very nice. Very true and very perfect 👌. I liked. Jay gurudev
One of the original form of the Shaktipath yoga is available at Audumber Bhilwadi Maharashtra please visit and expirience the real energy of the universe and energize the life
Jai ho mothedada. Namaskar. Jay ho Adishakti kundalini mata
मोठे दादा छोटे दादा आणि माई च्या चरणी साष्टांग प्रणाम
pranam gurudev
Jai Gurudev....
फ्रॉड आहे सावधान 🙏🏼
प्रणाम 🙏 गुरुजी , प्रणाम माई 🙏 मैं इस वीडियो को हिन्दी व गुजराती में बना रहा हूं |
Thanks guru Ji
Samadhi of Late Om Chaitanya Sadguru Swami Swanand Maharaj is at Walunj, Pune.
Now, the work of organisation is handled by Om Chaitanya Sadguru Shri Swami Girijanadan Maharaj (Dada) and Om Chaitanya Sadguru Swamini Sitamai from Bhilwadi, Tal- Palus, Dist- Sangli.
Contact- 9765367904 (Dada)
Shaktipat shibir kadhi asate ? Kiti divas aste fee Kiti aahe
prasad ji , he kundalini shaktipat shibir ahe. amhi kontyahi prakarchi fee akarat nahi.
aamche param sadguru swami swanand maharaj ani dada ani maina ani hajaro sadhkanna mukt hastane divyatv pradan kelay bhle amhi fee kashi akaru shakto.
amhala seva karaychi ahe vhyavhar nahi.
adhi aapan shibiras ya .aamche tumhala sasnheh nimantran ahe.
aaj shibir ahe Audumber la .
jar shakya nasel tr facebook var aamcha groupe ahe, SIDDHSHAKTIPAT YOGA ya navane aapan tyala like karun theva kiva aapla whatsup number dya amhi tumhala aamchya groupe vr add kru .
tumhala sansthechya karykramachya details ani brich mahitihi milat rahil.
dhanyavad.
jay gurudev
जय गुरुदेव मैं आपके आशीर्वाद से कुंडलिनी शक्ति जागृत करना चाहता हूं कृपया मुझे मार्गदर्शन दे जय गुरुदेव
आप इस नंबर पे कॉल कर सकते हे।
9765367904
🕉 nam shivay
🙏🙏🙏
Kya online kundalini jagrat kar sakte ho please btao
Its better to come and request the sadguru for blessing or kripa and experience the sadguru kripa yog
Me Gujarat se hu muje shaktipat krana he to me gujrat me khohe
Mai Gujrat se hu..? Muje shakipath se kundali I jagran Karna hai .toh kya Karna Hoga .
col to girijanandan maharaj 9765367904
Siddhshaktipat Yoga dhanayawad
☀ *Sanatan/Hindu/Hinduism* 🌞
*Sanatan* is a word which means it has neither starting point nor ending. It is already exist before the creation of "time" (काल).
*What is Sanatan Dharm?*
Answer:
Om
Sarve Bhavantu Sukhinah
Sarve Santu Nir-Aamayaah |
Sarve Bhadraanni Pashyantu
Maa Kashcid-Duhkha-Bhaag-Bhavet |
Om Shaantih Shaantih Shaantih ||
*Meaning:*
1: Om, May All become Happy,
2: May All be Free from Illness.
3: May All See what is Auspicious,
4: May no one Suffer.
5: Om Peace, Peace, Peace.
*This meaning is exist in all religion forever.
*Now, what is Hindu?*
Answer:
A person who respect, worship and follows the principle of "Bhagwat Gita" narrated by Supreme lord {Shri Krishn} is called "Hindu".
The "Bhagwat Gita" is a glimpse of all upnishad; which are hallmark of all "Vedas".
*What is Hinduism?*
Answer:
People who follows "The Bhagwat Gita" which is the essence of all "Vedas".
*Conclusion:*
A person who worship, respect and follows "The Bhagwat Gita" principle is belong to "Hindu community".
☀ *ॐ* 🌞
*ॐ* सम्पूर्ण ध्वनियों/वाणियों का स्त्रोत है।
*ॐ* ईश्वर का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
*ॐ* में ही ईश्वर के विचार हैं।
*ॐ* का ब्रह्मा जी को वेद उत्तपन्न करने का जो आदेश मिला वह श्रुति है।
*ॐ* के ध्यान से ही ब्रह्मा जी जो वेद और सृष्टि का निर्माण करतें हैं प्रत्येक महाप्रलय के पश्चात वह स्मृति है।
*ॐ* ही साकार, आकार और निराकार का श्रोत है।
*ॐ* ही मन्त्रों का जनक/जननी है।
*ॐ* ही पुरुष (शिव) हैं, जो प्रत्येक जीवन का बीज हैं।
*ॐ* ही प्रकृति (शक्ति) हैं जो प्रत्येक जीवन को धारण करें हैं।
*ॐ* अध्यात्म का वह मार्ग है, जहाँ से प्रत्येक मार्ग का आरंभ और अंत होता है।
*ॐ* अनादि और अनंत है-
१. जब आपका यह वर्तमान शरीर नहीं था तब भी।
२.अभी जो आप अपने वर्तमान शरीर में हैं अब भी।
३.जब आप इस शरीर में नहीं रहेंगे तब भी।
*ॐ* सनातन है-
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ॥
अर्थ : सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो।
जब आप इसका अर्थ पढ़ेंगे तो जानेंगे कि यह स्वभाव natural रूप से आप में, हम में और सभी धर्मों/पंथों में है और उनके विचारों/ग्रन्थों/वाणियों में भी है।
💥 *यही वजह है कि-* संसार का प्रत्येक धर्म/पन्थ/मठ यही चाहता है, कि समस्त विश्व उसे स्वीकार कर ले ताकि उसका भी कल्याण/भला हो जैसे उसका हुआ।
*निष्कर्ष*
जो जितना *ॐ* को जानेगा वह उतना ही सन्तोष को प्राप्त होगा🤷🏻♂
*गीता अध्याय ८, श्लोक १३:*
सम्पूर्ण द्वार को रोककर मनका ह्रदय में निरोध करके और अपने प्राणों को मस्तक में स्थापित करके योगधारणा में सम्यक प्रकार से स्थित हुआ जो साधक *ॐ* इस एक अक्षर ब्रह्म का (मानसिक) उच्चारण और मेरा स्मरण करता हुआ शरीर को छोड़कर जाता है, वह परम गतिको प्राप्त होता है।
*परम् गति* जो गतियों में सर्वश्रेष्ठ है। जिसे प्राप्त करने पर कोई गति नहीं शेष रहती क्योंकि यह परमगति है। परमगति से अभिप्राय ईश्वर प्राप्ति से है।
*गीता अध्याय ८, श्लोक १६:*
हे अर्जुन, ब्रह्मलोकतक सभी लोक पुनरावर्ती वाले है अर्थात वहाँ पर जानेपर पुनः लौटकर संसार में आना पड़ता है; *परन्तु हे कौन्तेय! मुझे प्राप्त होनेपर पुनर्जन्म नहीं होता।*
इस १६वें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने पुनरावर्ती वाले लोकों की सीमा बताई है और जो भगवान को प्राप्त होता है *ॐ* द्वारा उसका पुनर्जन्म नहीं होता।
*प्रश्न*
शिवलिंग पर लगाई जाने वाली तीन लकीरो का अर्थ क्या है ?
*उत्तर*
शिवलिंग पर लगाई जाने वाली तीन लकीरों का अर्थ होता है:
१. ब्रह्मा
२. विष्णु (श्री नारायण) और
३. महेष (भोलेनाथ/महादेव/शंकर जी)
इन तीनों रेखाओं के मध्य में अंकित सूक्ष्म बिंदु यह दर्शाता है कि तीनों भिन्न होते हुए भी एक ही हैं। यही *परमेश्वर/परमात्मा* की परिभाषा है।
आरती की एक पंक्ति है:
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव जानत अविवेका।
प्रण वांछर के मध्ये ये तीनो एका।।
*तात्पर्य*
जो विवेकवान नहीं हैं और अविवेक हैं उनके लिए *ब्रह्मा, विष्णु और महेष* तीनों एक होते हुए भी अलग हैं।
*किन्तु*
जो योगी जन समाधी की निर्बीज(प्रण वांछर के मध्य) अवस्था का एहसास कर चुके है, वे यह रहस्य जानतें हैं कि तीनों का सम्मिलित रूप ही परमात्मा हैं।
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Kripaya aap apana Parichay de
Address sir
A/p-Bhilwadi,Tal-Palus,Dis.-Sangli.
Gujrat Mai koi centre hai
Ab Tak to nahi hai
ya kundalini jagruticha kriya kharach hotat ka?
हो दादा.. स्वयंभू क्रिया होतात..🙏
Aaplyakade sparsh diksha hote ka?
hi ak gopniy bab ahe.
samrth sadguru charhi prakarchya dikshya devu shaktat.
jar diksha vhyavyachi asel tr ti kshika asena fal akach prapt hoil.
tarihi tumchya prashnach uttar hoy ahe .
Sir me mumbai la aahe..sidha yogachi diksha kashi ghyave?
sudarshan das
Ananya bhavane sharan aalat ki diksha dili jate.
tumhala dikahesathi adhi aamchya sadguruna bhetav lagel.
tumchyavishyi aavdhyak mahiti janun ghetlyavar v tumhala margavishyi adhyatmavishyi v sadhneviahyi aavshyak mahiti pradan kelyanantar tumhala diksha dili javu shakte.
aaplya whatsup number dya ani aamchya facebook pagela add vhya .tumhala aamchya detaila milat rahtil.
dhanyavad .
jay gurudev.
@@siddhshaktipatyoga2756 namasthe how to get shakthipath deeksha
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shakti pata sathi konala contact karava laagel...kruoaya no. dya
you are hereby requested to contact
9765367904 = maharaj ,
and 9049818786 = seetamai
kundalini jagaran ashram address ani contact milel
Sameer Ramchandra Koli
aapal swagatach asel
for contact
shree.Naamdev Patil Maharaaj Urf Girijanandan Maharaaj.
at post Bhailawadi
Near Khandoba Mandir
tal-palus,dist-sangli
Mob.no.
Sadguroo Shree Girijanandan Maharaaj-9765367904
Sadguroo Shree Seetamaai-9049818786
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Adress :- Shri. Namdev Patil Maharaj(Girijanandan ),
A/P :- Bhilvadi,
Tal :- Palus,
Dist :- Sangli,
State :- Maharashtra,
Zip :- 416303.
Please share address to visit
Bhilwadi, Tal- Palus, Dist- Sangli, Maharashtra
@@premkavivishaal402 thank you sir.
Plz, tell in Hindi language
Definitely... In future it will be available in hindi too
It will be available soon.
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Please..Aap khud akar check kijiye Sir...Ek baar visit karein. Om Namah Shivaya 🙂
भाई साहब आप प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते, वास्तव मे शक्तिपात होता है, क्रिया भी होती हरि ॐ
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