#लड़खड़ाते

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
  • ज़िन्दगी जब शारीरिक, मानसिक रोगों व समस्याओं, मुश्किलों, कष्टों, मानसिक व्यथाओं से गुजरती है, और उसके समाधान का कोई रास्ता, किनारा नजर नहीं आता तब खुद में ही होने या ठहर जाने का एक द्वार बच जाता है, जहाँ से पथ और मंजिल की ओर जाने के लिए एक रोशनी की किरण मिलती है। तो आइये आपका स्वागत है। ओशो पीठ - भीमताल

ความคิดเห็น • 3