KATAMKULLI MOHARRAM 2023 jhal murhi bahut hi mast beno dhol Tasha saund itna bhidh dekh ke majagaya
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- เผยแพร่เมื่อ 3 ต.ค. 2024
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प्रत्येक धर्म में पर्व और त्यौहार का अपना ही महत्व होता है
और यही लोगों के दिलों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं।
मुहर्रम का पाक महीना भी इस्लाम को मानने वालो को प्रेम
, भाईचारे के साथ रहने,
नेकी का पालन करने तथा आपसी बैर व लड़ाई झगड़े से मुक्त रहने की बात कहता हैं।
शिया तथा सुन्नी दोनों समुदाय के लोग इस दिन को मिलकर मनाते हैं।
शियाओं की मान्यता हैं कि हुसैन अली इस्लाम के सबसे चमत्कारी लोगों में से एक थे,
इनका सम्बन्ध भी मुहम्मद साहब के खानदान से था।
इस कारण शियाओ द्वारा अली को पैगम्बर माना जाता हैं।
याजिद द्वारा इस्लामिक कानून को मानने से इनकार कर दिए
जाने के बाद उन्होंने याजिद के खिलाफ विद्रोह शुरू किया
जो कर्बला की लड़ाई में परिणित हुआ था।
इसमें हुसैन मारे गये तथा परिवार के अन्य लोगों को दमिश्क में कैद कर लिया गया।
वही सुन्नी मत को मानने वाले मुसलमानों के लिए भी मुहर्रम का महीना पाक माह हैं।
इनकी मान्यता के अनुसार इस दिन मूसा ने फिरौन पर जीत हासिल की थी।
मूसा इस्लाम का एक धार्मिक नेता हुआ करता था,
जो समूचे अरब में इस्लाम के प्रचारक के रूप में जाना जाता था।
उसने मुहर्रम माह के दसवें दिन ही मिस्र के फिरौन को हराकर इस्लामी शासन स्थापित किया था।
उपसंहार -
यह पर्व उस आदर्श की याद दिलाता है
, जिसमें मनुष्य के लिए उसके जीवन से बढ़कर उसके आदर्श की महत्ता है
। मनुष्य पर चाहे विपत्तियों का पहाड़ ही क्यों न टूट पड़े,
किंतु धर्म और सत्य के मार्ग से उसे विचलित नहीं होना चाहिए।
अन्याय के सक्रिय विरोध का प्रतीक है- मुहर्रम !
यही कारण है कि मुहर्रम इस्लाम के इतिहास में अविस्मरणीय पर्व बन गया है।इस्लाम में मुहर्रम क्या है?
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक,
मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है।
यानी मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना है
। मुहर्रम बकरीद के पर्व के 20 दिनों के बाद मनाया जाता है।
इस बार 29 जुलाई को आशूरा या मुहर्रम मनाया जा रहा है। - เพลง