Halla Bol: धर्मगुरु ने कहा- सत्य धारण करने की क्षमता को ही धर्म कहा जाता है | Latest News
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- เผยแพร่เมื่อ 3 ก.พ. 2023
- Halla Bol: धर्मगुरु ने कहा- सत्य धारण करने की क्षमता को ही धर्म कहा जाता है | Latest News
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का रामचरितमानस पर टिप्पणी करना लोगों को अभी भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है. इसी को लेकर यूपी बीजेपी की प्रवक्ता ने क्या कुछ कहा? देखिए
People are still not tolerating SP leader Swami Prasad Maurya's comment on Ramcharitmanas. Today in Kanpur, lawyers made an effigy of Swami Prasad Maurya and burnt it. These lawyers alleged that Swami Prasad Maurya was hurting Hindu sentiments by making allegations and counter-accusations on Ramcharitmanas. messed with.
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धर्म से पेट नही भरता है पेट भरने के लिए शिक्षा और रोजगार चाहिए।👍👍👍
Shikha ke liye Bhai din raat mehnat bhi karni padti hai log government
@@vishalmishra2852tum konsi mehnat karte ho Hume pata hai ... sabko pata hai...dalito se jhada mehnati insaan koi nahin hai.... mishraji samaj jaiye bhagaban insaan banaya aur aap jaise log mehnat na karne keliye jati ki naam par sabko baant Liya.. aur sabse kam mehnat wale kam ko choose karliya..aur sabko sikhya se dur karne ke liye conspiracy karliya.. Agar sab ko saaman absar milega sikhya mein dekhlena tum jaise log kuta jaise dum chhipakar bhagoge
Dharm se hi sahi raste pe chaloge nahi toh beech mein hi gir jaoge.. dharm se rozgaar bhi hai aur pet bhi bharat hai..
धर्म ब्राह्मण के पास हो, शिक्षा रोजगार दलित ओबीसी के पास,
गुरु कुल में किसे शिक्षा दी है सिर्फ ब्राम्हण क्षत्रियों को बाकी को अधिकार कहा दिया
निषाद राज ब्राह्मण थे कि क्षत्रिय? श्री कृष्ण यादव थे कि नहीं?
@@how9113Abe agar gurkul me sabko sikhya di jati hai to karn aur ekalabya ko kyun gurukul mein sikhya nahin mila
@@dillipkumarpatra3255bhai karn ko sikcha is lia nahi mili ki bhia vo sut prutra dhe sut putra matlab na maa ka pata na pita se mantra se undka sarir banaya gaya tha agar itna hi grinda thi to unko kawach nahi milta itne dewatao ke astra nahi milte kuch to dimag lagao jo gati ki bat karte wo us gati ke lia kya kiaa 😊😊
शुद्र भाई एक साथ हो जाओ.
तुम तो श्री कृष्ण के वंशज हो और क्षत्रीय हो
जय शुद्र🚩🚩🚩🚩
हम किसी राजनीति के कारण
अपने आप को नही बदल सकते हैं
हम क्षत्रिय वीर गुर्जर है
शुद्र भाई क्या अलग पहचान है
सनातनी हिन्दू समाज में जाति आधारित जनगणना
नही की जा सकती
यादव जी आपभी शूद्र (ओबीसी)हो।एक कैसे हो जाएं।एक होने के लिए समानता होनी चाहिए। जब तक असमानता रहेगी तब तक एक नहीं हो सकते।
मैकाले को धन्यवाद देना चाहिए कि अंग्रेजो ने ही सबके लिए शिक्षा की व्यवस्था किया अन्यथा ये लोग तो शुद्रो को पढ़ने का अधिकार तक नही दिये थे l
Koy tumhe sudra nahi kehta tum khud apne apko sudra mante ho
सही कहे गुरु
शूद्र कहते किसको हो ये तो पता नहीं है लेकिन कर्म से हम खुद शूद्र है क्योंकि वर्किग क्लास को शूद्र कहते है
Right
तुम अवर्ण हो! शूद्र नहीं
पिछड़े जब जब अपना हक मागते हैं तो सबको सबको बवाल लगने लगता है अंजना जी
अंजना को जो भी सवाल पूछना है। जो सत्ता में नहीं है। उसी से पूछना है।
जय शुद्र🚩🚩🚩🚩
Saali bikau hai... raaat bhar kaha kaha jati hai
Baba sahab ne 10 sal manga tha par 70 sal ho gya Aaj bhi dalit garib hai.pata hai kyo baba saheb 10 sal me hi jo ek bar Aarakshan Milne ke bad adhikari ban jata uska Aarakshan dusre dalit garib ko dete par 70 sal se sir Amir dalit hai is Aarakshan ka labh le rhe hai..
गुरुकुल में तो सिर्फ उच्च वर्ग के लोग ही पढ़ते थे और कोई वर्ग को पढ़ते का अधिकार ही नहीं था!👌👌👌👌👌
जय शुद्र🚩🚩🚩
और आरक्षण भी कुछ ही लोग को मिल रहा है चाहे वो ips हो या ias क्या एक ias के बच्चों को आरक्षण मिलना चाहिए
Ab to tu modi ke raz me aarkhshan le rhaa h ab kyaa dikkat h purane time me jo hua usko aaj kyo ro rhaa h ab sab ko sman adhikar h
Sahi bola bhai ji 🥰🥰🙏🙏🙏🙏🙏
Ved Gita ramain padho ye baba sab jhute bolta hai sach Janna hai to phle apne dharam ke book padho ved Gita
जातीप्रथा खत्म हो...ज्यादा से ज्यादा आंतरजातीय विवाह हो....स्कूल लिव्हींग सर्टीफिकेटपर जाती लिखना बंद हो इसके लिए कानून बनाए सरकार...इस देश से जातीप्रथा का अंत हो जाएगा
हा अंतर्जातीय विवाह पहले sc , sc me ही करे फिर st में ही करे
जिंदगी भर दलितों को हिंदू धर्म में सम्मान नही मिलने वाला है तब तक हिंदू धर्म में इसी तरह बदनामी को झेलना पड़ेगा ।मुसलमान में जाति है ही नही सब एक साथ बैठकर एक थाली में खाते है हिंदू में ऐसा कर सकते है हिम्मत है।
जय संविधान जय भीम
जय संविधान जय भारत
हिन्दू मुस्लिम करनेवाले जब हिन्दुस्तान के सभी लोग साधु बन जाएगे तो देश के विकास कैसे होगा साधु वही बनते है जो मेहनत करना नही चाह्ते है
जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी
इसमें दिक्कत क्या है अंजना जी
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब है भाई भाई 🙏🙏🙏
जब साधु बन गए हैं फिर जाति का क्या अर्थ?
जब मामला उठा है तो ये लोग ईधर उधर की बात करते हैं असली मुद्दे को भटकाने का कार्य किया जाता है
जब हमारे भारत माता कि बहन बेटियों के ऊपर(*सती प्रथा,जौहर प्रथा*,) पर अत्याचार तब कहां थे सभी धर्म के रखवाले।
विधवा महिलाओं को अपशगुन समझा जाता था,दूसरी सादी नहीं करने दिया जाता था।
तब कहां थे धर्म के रखवाले?
Right question
ब्राम्हण , छलिया होता रंग बिरंगी .....!!
Bodhi satva sirf Brahmins our kshtriya Ko prapt ho sakta hai baki sare log nich hai.. gootam boodh
समाज के भगोड़े समाज को सुधारने चले हैं। इन्होंने कहा कि इनके पास सात पीढ़ियों को बैठकर खा सकते हैं। ये इतनी सम्पत्ति गरीबों में बांट क्यों नहीं देते? पुण्य होगा।
Jai bhim jai bharat jai savidhan
समाज में जो जातिवाद घुला है उसको कैसे दूर किया जाए उसके बारे मैं सोचे।
हमें अपने धर्म में सम्मान मिला होता है या मिलता तो हम किसी और धर्म पर अगर गलत चीज होती तो उंगली उठाने के लिए तैयार रहते जब हम हिंदू होकर भी हम हिंदू नहीं है ऐसा व्यवहार किया जाता अपने ही धर्म से सवाल करेंगे ना की किसी दूसरे धर्म से
YOU are right sir
Bilkul
Jay bhim jay sambidhan🙏🙏🙏
अंजना जी हिंदू धर्म जब अपने ही लोगों को ऊंच-नीच कहना घोड़ी पर बैठने पर मारना मूछ रखने पर मारपीट जूता पहने पर मारपीट जाति सूचक गालियां अपने ही लोगों पर जुर्म जुर्म करते हैं तो हम कुरान या किसी और धर्म पर सवाल क्यों करूं हमें तो अपनों ने ही सताया है और सता रहे हैं तो किसी और धर्म पर सवाल क्यों उठाऊं बाबा जी को यह मालूम होना चाहिए
इनको ये नही पता क्या की गुरुकुल में केवल पाखंडी (ब्राह्मण) और क्षत्रिय को ही पढ़ाया जाता था और ये देश धर्म से नही संविधान से चलता है
कितनी गिर गई है गोदी मीडिया शर्म करो
क्या नेता सत्य बोलने और सुनने की छमता रखते है ? झूठ नेता दूसरी पार्टी में भर्ती होकर सत्य कैसे हो सकता है।
ऐसे ही गधों ने इंसान को जानवर से बद्तर बना दिया और पत्थर और जानवर को पूजनीय बना दिया। समय आ रहा है जब इन्हें अपने कर्मों का हिसाब देना पड़ेगा।
Bhai tera naam khud Ram hai😂😂😂
गुरू कुल एक विशेष जाति के लोगो के लिए है जिनके लिए है वो माने हमे इससे क्या लेना देना जहाँ केवल एक विशेष वर्ग के लिए संस्था बनाई गयी है
Baba ko bura laga bura laga 😂😂😂😂🤣😂🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Very good action jai Bhim Namo
अंजना जी बीजेपी कालेज में पढ़ी है इसलिए इनको बस बीजेपी का किया है वही पता है इनको
जाति की बात नही करेगे, ये ही बहुरूपिऐ है जो देश में बराबरी नही लाना देना चाहते।
Jay Bheem Jay samvidhan
जय मैकाले....न्मास्तुभ्यं मैकाले....विज्ञानवादी शिक्षा के दाता मैकाले....आधुनिक शिक्षा के अग्रदूत मैकाले .....को हृदय से वंदन।
महराज जी गुरु कुल में या वेदपाठशालाऔं में सभी समाज के लोगों को अब तक शिक्षा क्यों नहीं दिया गया
अंजना जी जबसे समाजवादी पार्टी का उदय हुआ तब से मुलायम सिंह जी ने कितने नेता बना दिए ,मंडल कमीशन लागू करवाने के पीछे कौन था
Jai bheem namo budday
भारत के लोगो को शुद्र , अती शुद्रो जातीयो मे बाटने वाली और स्त्री वर्ग को शुद्र ठहराने वाली विषमतावादी मनुस्मृर्ती के बारे मे स्वामीजी आपके क्या विचार क्या है!बताओ...जरा
76 साल से मलाई खा रहे हो,फिर रोना बंद नहीं हुआ,इसका मतलब मलाई हटाने का समय या गया है😡😡
Badariya ji aap ko sat sat Naman Jay Samvidhan Namo Buddha Jay Bheem
Spelling shi se likh lo plsss... Fir jay karna
नेताओं को सभी हिन्दुओं को एक ही दृष्टि से देख कर नीति बनानी और लागू करनी चाहिएं।
Bilkul sahi kaha ye arkshan khatam
जय शुद्र🚩🚩🚩🚩
अगर सत्य धारण करना धर्म की परिभाषा है। तो चांचना चोम दीदी से पूछो की उसका कौनसा धर्म है,जो हमेशा अपने चैनल पर झूठ बोलती रहती है ,और इसके बारे धर्मगुरु की राय पूछो,फिर इस धर्मगुरु की परख होनी चाहिए
यह भारत कभी भी नहीं था विश्व गुरु ना होगा कभी भी यह हिंदू धर्म बांटने वाला धर्म है
इनको और धर्म ग्रंथों में कहीं कोई कमी दिखाई नहीं देती और रही बात जाति वयवस्था की तो इन लोगों ने इतने दिन सरकार चलाई तब इनको कोई सुधार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई
गुरूकुल मे शुद्र और अतीशुद्रो को प्रवेश पर क्यो बंदी थी ! ये भी बताओ स्वामीजी....
Jai bheem
महाराज जी मैकाले की शिक्षा पद्धति में ही भारत के मूलनिवासियों को पड़ने का अधिकार मिला है आपके धर्म ने तो बहुसंख्यकों को जानवरों से भी बत्तर जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया था,तब आपकी जुबान क्यू नही खुली।महाराजजी आपकी सैली से लगता है आप पावरफुल लोगो के साथ खड़े लगते हो।
जाति, धर्म,पार्टी इस तिनो को अलग अलग रख कर राजनीत करना चाहिए। राजनीति में इस तीनि निती को आने देना नाही चाहिए
पाखण्डियों और कर्मकांडियों ने मानवता और समाज का विनाश किया है।
रामचरित मानस धर्मग्रंथ नहीं है।यह मात्र एक साहित्य है।
Lal topi ga.
लाल टोपी से मतलब नहीं है। इसका समाज से मतलब है। धर्मग्रंथों में जाति और छुआछूत का उल्लेख नहीं होना चाहिए।
Agar desh me sabko sanskrut padahya Hota aur sanskrit ko rashtra bhasha banaya Hota to aaj ye dilkkate nahin Hoti
सत्य को धारण करने वाली सच्चाई होती है महाराज तो सच्चाई ये दशरथ राजा का बेटा है राम तू राजा का बेटा राजा तो इनका समाधी स्थल हो सकता है मंदिर कैसा हो
Jay Bheem Jay sanvidhan Namo buddhay jab tak samaj mein Samanta Nahin Hogi tab tak Samaj ka Vikas Nahin hua Bharat Vishva Guru tabhi Banega
इन बब्बाओ को भी आत्मनिर्भर बनना चाहिए आम इंसान की तरह
मानव सभ्यता का विकास विज्ञान से हुआ है। धर्म सिर्फ जीने का तरीका है।सुबह से लेकर शाम तक चारों ओर विज्ञान का चमत्कार ही दिखाई देता है।क्या आप चाहोगे कि बिना विज्ञान के जीवन जीना पड़े?
वासुदेव कुटुंब कुम, ब्राह्मण, खत्री, वेश, शुद्र क्या ?
Beta pdh lo.... Andbhkt nhi bno..
सत्य decide कोन कर रहा है.
मैकाले शिक्षा पद्धति अपनाई गई तब बहुजानो को पढ़ने का अवसर मिला जब तक गुरुकुल और सनातन धर्म के नाम पर शिक्षा केवल एक वर्ग तक सीमित थी। धन्य है मैकाले विश्व गुरु
हिंदू धर्म केवल एक ही संप्रदाय है जो दलित को आपनाता है वह महानुभाव संप्रदाय है। चातुर्वर्ण्य व्यवस्था का चक्रधर स्वामी नकारा है। संप्रदाय मे आज भी दलित संत है।
Hamara Dharm hai ki ham Apne man baap ka seva Karna isase bada Dharm duniya mein koi bhi nahin hai
Dharm ki paribhasha jinako malum nahi hoti vo murkh aise hi bahaki bahaki bate karate hai 😂😂
Jai samajwaad jai akhilesh
महाराज बड़े बड़े बाते कर रहे हैं गुरुकुल में सिर्फ उच्च जाति के बच्चो को शिक्षा दी जाती थी महाराज उस पर नही बोलेंगे दलित और नीचे जाति को शिक्षा का अधिकार नहीं था उसमे नही बोलेंगे ।
इसी भारत में अछूत भी रहते हैं गुरु जी इनको किसने पैदा किया
लड़का पागल हो गया है सवाल पूछने नही आता है और बहस में चला आया
बच्चे ने दिल जीत लिया वाह जबरदस्त
अभि भेद भाव है; लेकिन कम हुआ है जो अमिर होगा गरीब से भेद भाव करेगा!
गुरु जी छात्र का प्रश्न ही नही समझे, उसने वर्तमान अव्यवस्थित परिस्थिति में धर्म को लाकर विषयंत्रित करना राजनीति बन गई है , और मेरा धर्म और तेरा धर्म जैसा कोई धर्म नही होता धर्म सत्य को धारण करना होता है वो हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई नहीं होता है
Anjana chaplusi khub karti hai
हर हर महादेव।सत्य सनातन की सदा ही जय हो।गुरु महाराज के श्री चरणों में मेरा नमन।
दलितों पर तो स्वामी जी ही नहीं बड़े-बड़े आचार विचार भी गोलमोल जवाब देते हैं कभी इतने बड़े महासंघ आपको जगतगुरु कहलाते हो शंकर चार शंकराचार्य कहलाते हो
Baba ji ki behes kra do Dr jakir Nike se .......pata chal jayega giyani or aggiyani ka 😀
Anjana ji aap.chunV kyon nhi late Modi jj sagh
Anjana Jassi dlali koei nhi kr skta
Kya Dharm ke naam per daliton ko pichhadon ko Inko achhut banae Rakha jana uchit hai
कहीं यह वही स्वामी प्रसाद मोर्या तो नहीं हैं जिन्होंने अपनी स्वयं की बेटी का घर उजाड़ दिया है. जरा पता लगाया जाए कि उसमें रामायण की कौन सी चौपाई का हाथ है
Jay Bhim jay Samvidhan
अंजना ओम् मो--- कश्यप, भाजपा के प्रवक्ता और धर्मगुरु को भी बोलने दें।
वैदिक/ब्राह्मण धर्मके सबसे पुराने चार ग्रंथ वेद माने जाते है। यह चारो वेदोंमें प्रमुख देवता इंद्र, वरुण, अग्नि, सूर्य आदि देवताए है जिसकी वेदोंमें चर्चा की गई है। उस सभी देवताओंको पशुबली और यज्ञ हवनसे प्रसन्न करते थे। वेदोंमें मूर्ति पूजा थी ही नहीं। लेकिन ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शिव, दुर्गा, काली, लक्ष्मी, सरस्वती, कृष्ण, राम, परशुराम, वामन, आदि जैसे दसावतारोंका कोई प्रमाण वेदोंमें नहीं है। तो यह नये देवताओंकी मूर्ति पूजा और यह नये देवताओ सनातन/हिंदू/ब्राह्मण ग्रंथोमें आए कहां से ? यह एक बड़ा प्रश्न है।
असलमें बौद्धोंकी महायान शाखा (का विकृत स्वरूप) ही सनातन/हिंदू/ब्राह्मण धर्म है। यह सभी देवताओं बौद्धोंकी महायान शाखा और वज्रयान शाखासे याने बोधिसत्व अवलोकितेश्वर बुद्धके अनेक स्वरूपोंसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश,
शिव, जैसे देवताओंका आविष्कार ब्राह्मणों द्वारा किया। और बोधिसत्व महामाया, बोधिसत्व तारादेवी, बोधिसत्व मंजुसरीदेवीसे लक्ष्मी, दुर्गा, काली, सरस्वती आदि जैसी देवीओका आविष्कार ब्राह्मणों द्वारा किया। ज्यादातर बौद्ध ग्रंथ "त्रिपिटक ग्रंथ" की जातक कथाओंसे और कहानियोंमें मिलावटसे काल्पनिक पात्र घड़ के ब्राह्मण ग्रंथो लिखे गए।(अजंता, एलोरा, एलिफेंटा, जैसी गुफाओंमें उसी जातक कथाओंका चित्रण किया गया है। और उसी गुफाओंमें बुद्ध और बोधिसत्वोंकी मूर्तियांके प्रमाण मिलते है।) और आदि
शंकराचार्यके समयसे ग्रीक, फारसी लोग नकली बमण/बौद्ध भिख्खू बनके बौद्धों के साथ रहे थे वह अलग हो के ब्राह्मण
बन गए और बौद्धोंके स्थानों पर उन्होंने कब्जा किया था। जो भी आज सबसे पुराने मंदिरो दिखते है वह सभी स्थानों बौद्धोंके विहार ही है। और वही स्थानोंमें जो भी मूर्तियां लोग पूजते हैं वह किसी न किसी स्वरूपमें बुद्ध या बोधिसत्ववोकी ही पूजा कर रहें हैं।
बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक की दशरथ जातक कथा, महाकपि जातक कथा, साम जातक कथा और महायानी ग्रंथ लंकावतार सूत्र के पात्रों और कहानियोंकी मिलावट करके ब्राह्मणों द्वारा रामायण महाकाव्य लिखा गया है। और घत जातक कथाका वासुदेव पात्रका श्रीकृष्ण बनाके और अनेक कहानियांकी मिलावट करके महाभारत ग्रंथ ब्राह्मणों द्वारा लिखा गया है। बौद्ध ग्रंथकी सभी जातक कथाएं बोध कथाएं ही हैं, जो काल्पनिक ही हैं। उस काल्पनिक कथाओंसे ब्राह्मणों द्वारा रामायण और महाभारत जैसे काल्पनिक ग्रंथो लिखे गए हैं। इन सभी पात्रों ऐतिहासिक नहीं है। और इन सभी पात्रोंका कोई पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिलता हैं। इसलिए सभी पात्रों और ग्रंथो काल्पनिक ही हैं।
बख्तियार खिलजीने नालंदा विश्वविद्यालय जलाई थी। उसमें पूरा का पूरा बौद्धोंका साहित्य जला दिया था कुछ बचा ही नहीं था। बौद्धोंका पूरा एविडेंस खत्म कर दिया था। उसके बाद ही ब्राह्मणोंने सभी ४ वेद, १०८ उपनिषद, १८ पुराण, १८ उपपुराण, रामायण महाकाव्य, महाभारत, भगवदगीता आदि ग्रंथो लिखे गए हैं।
भारतका सच्चा इतिहास अंग्रेजोने ही खोजा है। और चीन, जापान जैसे बुद्धिष्ट देशोंकी किताबोसे सच्च इतिहास मालूम हुआ। जो फ़ाहियांन, यूएनसंग, इत्सिंग, मेगस्थनीज, अलबरूनी जैसे यात्रीओके यात्रा विवरणसे सच्चा इतिहास मालूम हुआ।
ऋगवेदकी पहली भोजपत्र लिखित प्रत सन 1464 की मिली जो "यूनेस्को" में दर्ज की गई है। "यूनेस्को" ही पुरातन साइट या स्ट्रक्चर्सको वर्ल्ड हेरिटेज घोषित करती है। उस परसे मालूम होता है, की बाकीके तीन वेद और रामायण महाकाव्य, महाभारत, उपनिषद, पुराण उप पुराण, भगवदगीता आदि सभी ब्राह्मण ग्रंथो तो बादमें ही लिखे गएं होंगे!!!
सभी ब्राह्मण ग्रंथो संस्कृत भाषामें ही लिखे गएं हैं। पाली प्राकृत भाषा जो धम्म लिपिमें लिखी जाती है उसीसे ही संस्कारित होके संस्कृत भाषा जो देवनागरी लिपिमें लिखी जाती है वह ७ वी सदी से १२ वी सदी दरमियान अस्तित्वमें आई है। इसलिए सभी ब्राह्मण ग्रंथो १२ वी सदीके बाद ही लिखे गए हैं वह भी ज्यादातर मुगल काल और अंग्रेज काल में।
इसलिए सनातन/हिंदू/ब्राह्मण धर्म प्राचीन धर्म नहीं है। आजसे सौ दोसौ साल पहले भी सनातन/हिंदू/ब्राह्मण धर्मका कोई अलग अस्तित्व ही नहीं था। तब शैव, शाक्त्य, वैष्णव, जैसे अलग अलग पंथ ही थे जो पिछले सौ दोसौ सालसे एक होके सनातन/हिंदू धर्म बना है या कहलाता है। यही ब्राह्मणोंने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र जैसी जातिप्रथा शुरू की थी। जिस का परिणाम आज भी भारत की जनता भुगत रही है
सच्चे पुरातात्विक प्रमाणोंके साथ सच्चा इतिहास पढ़ो और जानो।
आजके सनातनी/हिंदू को यह जरूर बुरा लगेगा लेकिन यही सच्चाई है।
अंजना ओम कश्यप संघी है ऐसे लोगों को कुछ पता नहीं है
Anuraag sir real hero in godi media
BJP ko dharm ki rajniti karne ke alawa kuchh nahi hai, 2024 ka election aa raha hai, ab yahi hoga, janta ko bevkuf banana or apna vote lena
अनुराग जी आप एकदम सही हैं।
मैंम इनसे पूछे कितने वंचित लोगों को कार्यकारिणी में ऊंची पदवी दे दी है
एक बच्चे की सवाल का गोलमाल जवाब दिया और लोग तालियां बजा रहे हैं,,
भारत में सबसे ज्यादा ज्ञान अर्जित की जाती थी तो सबसे ज्यादा वैज्ञानिक विदेशों में कैसे पैदा हुआ
ब्राह्मणों ने ही जातिवाद फैलाया था, और सारे समाज का दान लेकर बहुत धन इकट्ठा किया , अब ब्राह्मण समाज को ही जाति प्रथा खत्म करनी होगी
1947 me Desh ki 30 cr logo me se 8cr log garib the , aur tab ke garib ke paas 1acar se bhy zyada zamin tha ,,,lekin inhi 8cr logo ki behtari karne keliye, kabil log itne yojna,arakhyan kiye ki 8 se 80 cr garib ban gaye ,, Lekin fir bhy satta keliye .....
सपा ने दलितों के आरक्षण में प्रमोशन का लोकसभा में बिल फाड़ा तो कहा था समाजवाद
गुरुकुलम में जाने ही नहीं दिया तो देखेंगे क्या? परछाई से नफ़रत करने वाले मोहब्बत की बात करते हैं, कितना हास्यास्पद है?
Dhyaan se dekhiyo jo guruji k saath aae hai unki jaati kya thee but vo hai na guruji k acharya phirr kaise bol rahe hai ki gurukul mai janey nhi diya.Bhagwat Geeta padhli jiye usmai pataa chll jaega ki logo ko kis parameters pr jaati mai bata jata thaa.
@@Mridul__Tiwarikounse parimiter ek to kam warg mochi lohar esa log ko tumlog neech rakhte the aur dan dakshina lene vala biba mehnat karna vala log ko uper ye tumhra Mahabharata chal bata chandal kaha rakhte the kounse permiter insan hone ka hote chal bata jahil
BJP sarkar ke Raj me yahi hoga jati dharam ke nam se logo ko lado aur Raj karo unkey baato me aake ham pagal ban rahe hai
Anjana ji tumko BJP ki pravakta ban jana chahiye
चित्रा खुद ब्राह्मण है वे कभी दलितों के नही हो सकता ये सब चयनल पर जाना ही नही चाहिए
अंजना देवी पर रामायण का ओ चौपाई अच्छा लगता ढ़ोल गंवार शूद्र पशु नारी ए सब ताणन के अधिकारी
Jay Bhim Jay Samvidhan Pakhandi se Desh Nahin chalega
अंजना जी शुद्बो को पढने का अधिकार क्यों नहीं दिया गया,
Ram ko yeh log mante hai ,ram ne raj path tyag diya 14 bars ke liye aur chale gye banvas ke liye,bjp satta chhod de itni sache bhakt hai ram ke ,,,sale sab propaganda
धर्म सत्य धारण करने की क्षमता है ❤
लेकिन आज का मीडिया धर्मसंकट से गुजर रहे है।
धर्म के नाम पर आडंबर करने वाले शब्दाडंबरी भी हैं। मुद्दों से भटकाकर गोलमोल बातें करना इनकी फितरत है।
फीर दलितों को मंदिरमे क्यों प्रवेश बंद है। उन्हे सार्वजनिक कुएसे पानी नही लाने देते है । घोडीपर बैठने नही देते ।
एससी एसटी ओबीसी को फ्री का कोटा देना बंद कर दो सबको नानी याद आजाएगी
तेरे धर्मगुरु ने ये नहीं बताया कि गुरुकुलो में सुद्रो को शिक्षा नहीं दी जाती थी
Anjana om kashyap ko mirchi lg rhi hai 😂😂🤣🤣🤣🤣🤣
भा ---का अर्थ होता है सूर्य
सूर्य--का अर्थ होता है ज्ञान l
कुछ भी परिभाषा दे देते हैं शब्दों की अपनी बकवास के हिसाब से 😂😂
प्रश्नावली चर्चा होना उसका अंत कभी नहीं होता है प्रश्न ही निकाल लेते रहते होंगे धर्म का सही रास्ता चर्चा कभी नहीं है उसको जीने के लिए इंसानियत की सबसे बड़ा धर्म