सुकर्मी पतिव्रता का अंग | Sukarmi Pativrata ka Ang | Amargranth Sahib by Sant Rampal Ji Maharaj
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- เผยแพร่เมื่อ 8 ก.ค. 2023
- सुकर्मी पतिव्रता का अंग | Sukarmi Pativrata ka Ang | Amargranth Sahib by Sant Rampal Ji Maharaj
King Harishchander Katha | सुकर्मी पतिव्रता का अंग | Sukarmi Pativrata ka Ang
गरीब, हरिचन्द हरिहेतं, अयोध्या नगरी रहते। सत जुग सिंध समाधि, बचन सब सत ही कहते।।293।।
गरीब, सुर नर मुनिजन देव, सकल मन नांही भाया। सब मुनि करी फिलादि, सुनो तुम त्रिभुवनराया।।294।।...
Rishi Durvasa & King Ambrish Katha | सुकर्मी पतिव्रता का अंग | Sukarmi Pativrata ka Ang
गरीब, अंबरीस पतिवरत, एकादस ज्ञान बिचारा। जहां दुर्बासा जाइ, किया है मल्ल अखारा।।80।।
गरीब, अंबरीस अधिकार, मिले दुर्बासा र्जाइ । कीना आदर भाव, सीस चरणों धरि र्भाइ ।।81।।...
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पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर
साचा शब्द कबीर का, सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरै ,ज्ञानी जाय जाग ।।,
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो
कबीर साहेब -
गोरख से ज्ञानी घने , सुखदेव जती जहान।
सीता सी बहु भारिया , संत दूर अस्थान।।
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
कबीर साहेब जी सतपुरुष
सतपुरुष सब प्रभुओं से शोभामान है! उस परमेश्वर की प्राप्ति की पूजा भी निराली है! उस परमेश्वर जी की भक्ति स्वर्ण जैसी बहुमूल्य है!
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें
Chhod satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jay Ho
आज परमात्मा कबीर साहेब परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के रूप में इस धरा पर विराजमान हैं जल्दी से शरण ग्रहण करके कल्याण करवाएं
🇮🇳🙏🌹बन्दीं छोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब जी 🌹🙏
धर्मात्मा राजाओं का रक्षा परमात्मा करते हैं राजा को चाहिए पुत्रवधू प्रजा का पालन करें
Jai ho bandi chodd satguru rampal ji maharaj ki jai ho 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
Sat saheb ji 🙏🙏🎉
Almighty God is Kabir saheb ji🙏🙇♀️
🪷Anmol Satsang 🪷
सतगुरु जो चाहे सो करही,चौदह कोटि दूत जम डरही।
ऊतभूत जमत्रास निवारै,चित्रगुप्त के काग़ज फारै।। 🙏🏻🏵️🙏🏻
एक पाट धरती चले, एक चले असमानी। काल निरंजन पीसन लागे सवा लाख की खानी।
बड़े बड़े इस जग में पिस गए, पिस गए जोगी जिंदा।
छप्पन कोटि यादव पिस गए, परे काल के फंदा।
नौ भी पिस गए, दस भी पिस गए। पिस गए सहस अठासी।
कथनी कथ - कथ पिस गए भक्ता, भये गर्भ के वासी।
नौऊ नाथ चौरासी पिस गए, ब्रह्मा सूत अठासी।
मौनी और सन्यासी पिस गए, परे काल की फांसी।
शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं होता है। इस विषय में श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्रविधि को त्यागकर जो व्यक्ति मनमाना आचरण करता है उसे न कोई लाभ होता है, न सुख प्राप्त होता है और न ही परमगति यानी मोक्ष मिलता है।
गरीब, सतगुरू सतगुरू क्या कहै, शब्द अतीत पिछान।
रूंम रूंम में तेज है, कोटि नूर शशि भान।।
Bahut anmol gyan
Anmol gyan
Sat saheb 🙏🙏🙏🙏🙏
True spiritual leader sant Rampal Ji Maharaj ji 📚🌎
Sant rampal ji maharaj ki jai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤
कबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेहा
मान बड़ाई ईर्ष्या दुर्लभ तजना ए सत् साहेब जी
शिष्य होय सरबस नहीं वारे। हृदय कपट मुख प्रीति उचारे।।
सो जिव कैसे लोग सिधाई। बिन गुरू मिलै मोहि नहिं पाई।।
यदि शिष्य होकर समर्पित नहीं होता और हृदय में छल रखता है, ऊपर से दिखावा प्रेम करता है। वह प्राणी सत्यलोक कैसे जा सकेगा क्योंकि गुरू के मिले बिना यानि गुरू के साथ परमात्मा जैसा लगाव किए बिना मुझे (कबीर परमेश्वर जी) को नहीं प्राप्त कर सकता।
गरीब, जल थल पृथ्वी गगन में, बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।।
कल पर कारण कौन है कर सेवा निष्काम मन एक सफल रहूंगा जब पड़े धनी से काम सत साहिब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहिब
मेडिटेशन का सीधा सा अर्थ है लगातार के अभ्यास से अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करना।
लेकिन पूर्ण संत इस तरह के अभ्यास को क्षणिक लाभ देने वाला बताते हैं जिसका मोक्ष से कोई लेना देना नहीं है।
जय हो बन्दी छोड़ जी की 🙏🏻🙇
Sat guru rampal Maraj is tetwdrshi sant
पतिव्रता जमी पर , जो जो धरहय पाव। समरथ झाड़ू देत है , ना काटा लग जाय।।
कबीर,अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार।
उदय अस्त का राज मिले, तो भी बिन नाम बेगार।।
कबीर साहेब अल्लाह कबीर
কোটি কোটি দনদৱত প্ৰণাম🙏🏻🙏🏻🙏🏻
prmatma ki amrit wani
Story of King Harishchandra
Very good
पर्वत पर्वत में फिरू, कारण अपने राम ॥ राम जैसे संत मिले ,जिन सारे सब काम॥
Vedon Mein Praman Hai Kabir Parmeshwar Bhagwan Hai
Bahut hi achcha satsang hai.
🙏🌹गरीब,जाके अर्ध रूम पर सकल पसारा ।
ऐसा पूर्ण ब्रह्म हमारा ।। सत साहेब जी 🌹🙏
कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि-
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
Nice satsng
मेडिटेशन करने से शारीरिक सुख मिल सकता है लेकिन आध्यात्मिक लाभ नहीं मिल सकता है। परमात्मा से साक्षात्कार करने वाले संतों ने सहज समाधि बताई है जिसमें चलते-फिरते, उठते-बैठते परमात्मा का नाम सिमरन करना होता है।
Sat saheb ji 🙏🤲
Ok
Sat saheb ji
Anmol satsang
मेडिटेशन
हमें अपने शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए सच्ची भक्ति की आवश्यकता है। यह सभी रोगों को जड़ से खत्म कर सकता है ।
मेडिटेशन का अभ्यास ऐसा नहीं कर सकता ।
Bahut Anmol Vachan
Satgyan
Achha Gyan hai
Aisa Gyan pahli bar sunane Ko Mila Hai
Nice satsang
अनमोल वचन
Great satsang
अनमोल ज्ञान
anmol gyan
Sashvat katha
Bandi chod sat guru rampalji ki jay ho
पतिव्रता सो जानिए,नही आन उपाय।
एकै मन एकै दसा,छोड़े भक्ति ना
भाव।।
🙇🙇
Very nice satsang
Gyan
Great post
Nice
Great gyan
गीता अध्याय 5 श्लोक 2 में कहा गया है कि तत्वदर्शी संत न मिलने के कारण वास्तविक भक्ति का ज्ञान न होने से साधकों द्वारा गृहत्याग कर वन में चला जाना या कर्म त्याग कर एक स्थान पर बैठ कर कान, नाक आदि बंद करके या तप आदि करना दोनों ही व्यर्थ हैं अर्थात श्रेयकर नहीं हैं
Very nice pics 🎉
Very nice
गीता अध्याय 5 श्लोक 2 में कहा गया है कि तत्वदर्शी संत न मिलने के कारण वास्तविक भक्ति का ज्ञान न होने से साधकों द्वारा गृहत्याग कर वन में चला जाना या कर्म त्याग कर एक स्थान पर बैठ कर कान, नाक आदि बंद करके या तप आदि करना दोनों ही व्यर्थ हैं अर्थात श्रेयकर नहीं हैं।
पूर्ण गुरु से दीक्षा लेकर फिर परमात्मा के गुणों का चिन्तन करना ही ध्यान (मेडिटेशन) है। इसी में मानव जीवन की सफलता है।
Gun tino ki bhgati mahe bhul pdiyo sanshar khe kabir nij nam bina kese autre par
जो ध्यान हठ योग के माध्यम से ऋषि लोग क्रिया करते थे, वह किसी वेद या चारों वेदों के सारांश श्री
मद्भगवत गीता में करने को नहीं कहा है। यह ऋषियों का सिद्धियाँ प्राप्त करने मनमाना आचरण है। इससे परमात्मा प्राप्ति नहीं है क्योंकि गीता अध्याय 16 श्लोक
23 से 24 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो मनमाना आचरण करते हैं उनको न तो सुख प्राप्त होता है, न कोई कायर् की सिद्धि होती है, न उनकी गति
(मोक्ष) होती है अर्थात व्यर्थ।
कबीर एक हरि के नाम बिना यह नार कूतीया होय गली गली भौकत फिरै टूक ना डालें कोई
জৈন সাধকদের ভ্রান্ত ধারণাটি হল, যে মহাবিশ্ব কেউ সৃষ্টি করেনি। যদিও আমাদের শাস্ত্রগ্রন্থগুলি দেখায় যে পরমেশ্বর কবিরই সমস্ত সৃষ্টির স্রষ্টা।
जैन साधकों के ये विचार गलत है की सृष्टि को बनाने वाला कोई नहीं है। जबकि हमारे शास्त्र बताते हैं कि कबीर परमात्मा सर्व सृष्टि रचनहार है।
हठयोग संतमत में नहीं बताया गया है। हठयोग करने से परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती है। संतमत में कबीर साहिब जी ने सहज समाधि बताई है। जिसमें उन्होंने कहा है
नाम उठत, नाम बैठत, नाम सोवत जाग रे ।
नाम खाते, नाम पीते, नाम सेती लाग रे ।।
Meditation can give physical pleasure but cannot get spiritual benefit. Saints who have had interview with God have told about easy samadhi in which the name of God has to be recited while walking, getting up and sitting.
😅😮
Rampal tumhari maa ko Jay karun😂😂
Very nice ❤
Sat saheb ji 🙇♀️🙏✨
सांचा शब्द कबीर का, सुन सुन लागै आग।
अज्ञानी सो जल जल मरे, ज्ञानी जाय जाग।
Anmol satsang
अनमोल ज्ञान
Very nice satsang
Nice
Very nice
Very nice
Very nice