बहुत ही शानदार विश्लेषण. उत्तराखंड का विकास गैरसैंण स्थायी राजधानी से ही होगा. वहां बैठकर नेता अधिकारी उत्तराखंड का दर्द महसूस करेगें तथा मजबूरी में ही सही उत्तराखंड का विकास करेगें. पलायन रूकेगा रिवर्स पलायन होगा. राजधानी के आसपास देहरादून ऋषिकेश हरिद्वार व हल्द्वानी जैसे शहर बसेगें. शिक्षा स्वास्थ्य सड़क पानी की व्यवस्था ठीक करने की मजबूरी होगी. इसलिए एक ही मांग पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर.
अगर पहाड़ों का विकास और पलायन रोकना है।तो पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो जिससे सभी पहाड़ी लोगों का सपना भी पूरा होगा और उन आन्दोलन कारियों का सपना भी साकार हो जायेगा जिन्होंने इस राज्य के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।अब पक्ष और विपक्ष से एक ही विनती है।कि वे विधानसभा सभा में गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने में अपना योगदान दें। जिससे हम पूरे प्रदेश वासी आप सभी माननीयों का आभारी रहेंगे।
Bjp congress kavi ni banayegi gairsain rajdhani inke voters up haryana punjab or muslim desi banya bhoo mafia ki pakad ho gye plains me isliye ye remote party ni jane degi kavi v pahad me rajdhani
बढिया स्टोरी की है ।बधाई। गैरसैंड में अस्थाई राजधानी है पर उचित कार्रवाई क्यों नही हो रही है।मूलभूत सुविधाएं यदि ठीक हो जाएं तो स्थाई राजधानी एक दिन गैरसैंड होगी ।
गैरसैंण राजधानी पर सभी पार्टियां केवल राजनीति करती हैं। कहते है पहाड़ का पानी और पहाड़ी जवानी, पहाड़ के काम नहीं आती। पहाड़ी राज्य मिला तो पहाड़ में बनी राजधानी काम नहीं आती।
नेताओं अफसरो को सुख सुविधा अय्याशी चाहिए जो देहरादून में ही इनको मिलती हैं। आम पहाड़ी जनता से इनको क्या मतलब वो तो केवल उत्तराखण्ड के आन्दोलन के लिए लड़े मरे।
D dun men बाहरी लोगों की मौज है पहाड़ी तो सिर्फ मर ने के लिए है अगर पहाड़ों में राजधानी बनती तो नौकरी में बाहरी लोगो को जगह नहीं मिलती और उनके जेब में अरबों रुपए कैसे आते और जमीन का घोटाला कैसा करती इसलिए अब अलग देश की जरूरत है राजधानी d dun se उत्तराखण्डियों ko sirf नुकसान के सिवाय कोई फायदा नहीं हुआ सिर्फ नेताओं और बड़े अधिकारियों व बाहरी लोगों के लिए है बिश्नोई समाज हिरन के लिए भी कुर्बान होने के लिए तैयार है और पहाड़ी अपनी बहु बेटी की मौत के बदला kiyen नहीं d dun bilkul nahi बदले से ही बदलाव होगा😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
उत्त्तराखण्ड की जनता ही सबसे बड़ी जिम्मेदार है इसके लिए, उखाड़ फेंको ऐसी सरकारों को, 5 बार मौका मिल चुका है लेकिन फिर भी इस जनता को BJP और कांग्रेस को ही वोट देना है।
एक बार इन सभी विधायकों का ही जनमत सर्वेक्षण किया जाना चाहिए कि कौन नेता मंत्री विधायक गैरसैंण राजधानी चाहते हैं और कौन नहीं चाहता दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है
अपने राज्य के ज्वलंत मुद्दों को मुखरता से उठाने के लिए आभार। कृपया घर-घर जल और शौचालय की व्यवस्था से बेकार होते हमारे परम्परागत जल स्रोतों; पंदेरों के बेकार होने को लेकर भी बात उठाएं।
विधानसभा में भी गजब के विधेयक पास हो रहे हैं जो सिर्फ विधायकों की तरफदारी कर रहे हैं क्या इस सरकार को आम जनता से कोई मतलब नहीं रह गया है क्या महंगाई सिर्फ विधायकों के लिए ही आ रही है। आम जनता या बेरोजगार जो नौकरी की मांग करता है उसे कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।
हरीश रावत आज कुछ भी कहें वो सब राजनीतिक बयान हैं उनके दिल में तभी से उत्तराखंड के लिए प्यार या सम्मान नाम की कोई चीज नहीं थी जब से वो राजनीति में आए अन्यथा ना ही मुख्यमंत्री रहते हुए और ना ही उससे पहले कांग्रेस में कद्दावर नेता होते हुए उन्होंने उत्तराखंड के लिए कुछ किया हालांकि कांग्रेस जिसने सबसे ज्यादा इस देश पर राज किया और उस कांग्रेस में इनके जैसे नेता हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी और के सी पंत जैसे जो की केंद्र में भी बड़े बड़े विभागों के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री तक रहे के एजेंडे में कभी भी उत्तराखंड का उत्थान और विकास रहा हो उन्हें बस यहां का वोट चाहिए था जो भरपूर मिला भी और सबसे बड़ी गलती स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने इसे प्रथक राज्य बना कर किया वो भी बिना कुछ दिए जबकि इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाते या कोई स्पेशल दर्जा दिया यहां तक कि एक स्थाई राजधानी तक नहीं दे पाए जिसका खामियाजा आज हर एक पहाड़ी भुगत रहा है और पहाड़ मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खाली होते जा रहे है और हां अगर यही हाल रहे तो इस उत्तराखंड और उत्तराखण्डियों का कभी भला नहीं हो सकता
@Harishchand ji, aap Haridwar district me dkh lijiye Harish Rawat kin logo ko support kare hai. Aur wo ak BJP ka neta hai Madan kaushik yaha dono unn outside ko support karte hai jo na kabhi desh k hue, unn k wafadari apni kitab k liye hai. Yahi hai Haldwani ka Indira aur unn k bete ne kar diya. Haridwar ki ak vidhan sabha kaliyar hai, uss vidhan sabha me har bangladeshi, Rohingya ka aadhar card, voter ID card aaram se ban jaata hai aur to aur ab to ess Vidhan Sabha me PM aawas bhi mil gaye Bangladesho ko. Ramnagar Nainital me Hindu 55.91 % hai, 44% to Bangladeshi hai. Himachal par Bhoo kannon to hai aur wo effective me hai par unn k pas Bangladeshi logo k vote par jeene wale Neta nahi hai yaha Himachal pradesh ki sab se badi upalabdhi hai. - Himachal ak baat me maar kha jaata hai ki uss k pas plain area nahi, par Uttarakhand k pas sab kuch hai plain bhi aur Hills bhi. Aaram se Independent economy wale State ban sakta hai Uttarakhand.
उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण बनाये विना इस पहाड़ी राज्य का विकास बेमानी है ! और गैरसैण को इससे पहले कमीश्नरी का दर्जा दिया जाना तार्किक एवं संवैधानिक है! बीर सिंह बुडेरा ( गुरु जी) प्रमुख उत्तराखंड आंदोलनकारी
जिस तरह अन्य में वहाँ कि लोकल पार्टी उभर और दिल्ली जेसे बडे शहर में aam aadmi ने बीजेपी कॉंग्रेस को नाकामयाब साबित करते हुइ आम आदमी पार्टी को सता सौंप दी वही up panjab kahi जगह लोकल पार्टी उभरी पर uttrakhand में हम लोगों ने बीजेपी congress के झूठ वादे झेल रहे . अपनी लोकल पार्टी ukd को Uttarakhand ने कभी मोका नहीं दिया जबकि uttrakhand का राज्य जिस लिए मांगा था वो वादे सिर्फ ukd kregi ❤❤
This is good observation and deep finding of the Uttarakhand Capital. We always point out Politician but Govt Officers are same . They did not want to go Hill.
इन राजनीतिक ठेकेदारों को कौन समझाए की हिमांचल की राजधानी कहां पर बनी है।। गैरसैंण में राजधानी पहाड़ की चिंताजनक परिस्थितियों को उजागर कर सकती है।जब तक हमारे नेताओं एवं प्रशासनिक इकाइयों को पहाड़ पर नही बैठाया जाता तब तक पहाड़ एवं पहाड़ीयों का विकास असम्भव है।।।।
Jo log aaj keh rhe h ki rajdhani gairsain honi chahiye, wo hi log baad m pachtayenge kyunki rajhdani ka structure or population ek hilly area nhi jhel sakta, but all the best
This is very important for the growth of the hilly regions in Uttarakhand. Despite having high literacy rates and a skilled workforce, this is one of the reasons why, even after 20+ years of its formation, we are not among the top 10 states. Once the capital is shifted to Gairsain, many accessibility issues will be resolved, and more people will be able to stay in the state for work.
गैरसैंण उत्तराखंड की राजधानी के लिए सब से उपयुक्त स्थान है जो उत्तराखंड के मध्यम में स्थित है।भोगोलिक व सांस्कृतिक कारणों से भी यह सबसे उपयुक्त स्थान है। माना कि देहरादून सुविधा संपन्न वdeveloped शहर है लेकिन व उत्तराखंड की मूल भावना व संस्कृति को नहीं दर्शाता वहां बहुत पहले से मिश्रित cultures रहा है हालांकि कुछ दशकों से वहां मूल उत्तराखंडीयो की आबादी बढ़ी है जो पहाड़ों से पलायन कर के आये हैं। कुछ खामियां जो आपने बताईं है वह शुरू मे हर जगह होती है यही तो development करना होगा। कुछ समय जरूर लगेगा शाय़द 15=20साल लग जाय ❤❤🎉😂😢😢😂😂🎉😂😂❤
Jai Badri Vishal aur Jai Maa Nanda. Bahut sundar vislation. Uttarakhand Sarkar ko yeh aakhire ultimatem hai. Gairsain gair nahi aapitu apne Rajdhani hai. 2027 se pahley Agar samuchit nirnay lete hai to theek hoga, anyatha Sarkar hi gair ho jayegi . Es comment ko sambhal kar jaroor rakhna 22:22
उत्तराखंड को स्थाईराजधानी गैरसेंड को बनाया जाए जिससे उत्तराखंड का विकास संभव हो सके अच्छे अस्पताल वह अच्छे स्कूल का निर्माण हो सके तथा फैक्ट्रियां लगासके
दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने उत्तराखंड को बुरी तरह से लूटा है ये दोनों कांग्रेस हो या फिर भाजपा सिर्फ ये ठगते रहेंगे उत्तराखंड की जनता को सिर्फ यूकेडी ही बिकलब है और दो हजार सत्ताईस में यूकेडी को सत्ता में लाओ सारे काम अपने आप ही हो जायेंगे एक बार यूकेडी को समर्थन देना चाहिए जय देवभूमि जय उत्तराखंड क्रांति दल जिंदाबाद हैं और रहेगा
राजधानी गैरसैंण ही चाहिए, हमे देहरादून उत्तराखंड में लगता ही नहीं है, वो हमारे लिए दिल्ली से भी दूर है, अगर गैरसेन पर्वतीय क्षेत्र है तो चौखुटिया घाटी में भी इसे बनाया जा सकता है लेकिन देहरादून नही चलेगा
उत्तराखंड की स्थाई राजधानी और गैरसैंण पर एकदम सटीक और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है । देहरादून मे राजधानी की गतिविधियों से यहाँ का सारा वातावरण खराब हो चुका है । Demographic बदलाव भी चरम पर है । हमारे नेताओं के लिए राजनीति बिजनेस हो गई है ,आम जनता की सुविधाओं से किसी को कुछ लेना देना नहीं है । 💐🙏
जिह प्रकार से राज्य के लिए आंदोलन करना पडा वैसे ही गैरसैंण राजधानी के लिए भी जन आंदोलन के बिना राजधानी नहीं मिल सकती है क्योंकि पहाड़ का नेता पहाड़ का अफसर ही पहाड में रहना नहीं चाहता है। आम जनता की समस्या दुख तकलीफ को कोई देखने को तैयार नहीं है। हमारी सरकारी शिक्षा व्यवस्था चौपट कर दी गई है स्वास्थ्य के नाम पर प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध नहीं है।
गैरसैंण में स्थायी या अस्थायी राजधानी बनाना आर्थिक दृष्टि से उचित नहीं है। यह बजट की बर्बादी होगी। आज डिजिटल युग है, जनप्रतिनिधि अपने विधानसभा क्षेत्र की सभी समस्याओं का समाधान विधानसभा देहरादून से ही कर सकते हैं।
Uttarakhand is doomed state. There is no accountability. It was better with the part of UP. There is no improvement of interior hill areas condition with respect to medical, and employment. Yaha sirf politician aur bureaucrats ke hi maje hai . Everyone is busy in doing corruption.
उत्तराखंड के राजनीतिज्ञों का लोगों के मुद्दो के असली मुद्दो के प्रति उदासीनता का प्रमुख कारण चाटुकारिता ,स्वयं का फायदा है.यूनिवर्सिटी स्तर पर बीजेपी और congress का प्रभाव प्रदेश में नए युवा नेताओं को बनने नहीं देता
क्या कहें महोदय इस तरह की जानकारी सुनकर और राजनेताओं की मक्कारी देख के हमारा खून बहुत खौलता है बाकी क्या कहें जनता अगर उत्तराखंड की जागरूक होती और उत्तराखंड क्रांति दल की अनदेखी नही होती तो शायद आज उत्तराखंड की तस्वीर ही कुछ और होती
बहुत ही शानदार विश्लेषण. उत्तराखंड का विकास गैरसैंण स्थायी राजधानी से ही होगा. वहां बैठकर नेता अधिकारी उत्तराखंड का दर्द महसूस करेगें तथा मजबूरी में ही सही उत्तराखंड का विकास करेगें. पलायन रूकेगा रिवर्स पलायन होगा. राजधानी के आसपास देहरादून ऋषिकेश हरिद्वार व हल्द्वानी जैसे शहर बसेगें. शिक्षा स्वास्थ्य सड़क पानी की व्यवस्था ठीक करने की मजबूरी होगी. इसलिए एक ही मांग पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर.
अगर पहाड़ों का विकास और पलायन रोकना है।तो पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो जिससे सभी पहाड़ी लोगों का सपना भी पूरा होगा और उन आन्दोलन कारियों का सपना भी साकार हो जायेगा जिन्होंने इस राज्य के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।अब पक्ष और विपक्ष से एक ही विनती है।कि वे विधानसभा सभा में गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने में अपना योगदान दें। जिससे हम पूरे प्रदेश वासी आप सभी माननीयों का आभारी रहेंगे।
Abki baar other sarkaar
जनता अंध भक्ति में लीन हैं । पलायन तभी रुकेगा जब स्थाई राजधानी गैरसैन होगी।
Next janagarana Hone de
Mushlim majority hoga
देवभूमि उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के राजनीतिक दबावके कारण पहाड़ वासियों को गुमराह कियाजाता है अतः राजधानी गैरसैण 24 वर्ष अभिलंब होचुका है जागो 🙏🙏
UKD is the last solution for our Uttarakhand
इसके लिए ख़ुद UKD को सशक्त बनना पड़ेगा। वो ख़ुद को ख़ुद ही मज़बूत नहीं कर पा रही है
Bjp congress kavi ni banayegi gairsain rajdhani inke voters up haryana punjab or muslim desi banya bhoo mafia ki pakad ho gye plains me isliye ye remote party ni jane degi kavi v pahad me rajdhani
Garhwal, Kumaun ke sabhi hill area ke voters ko UKD ko support karna chahiye.
@@ghughuti_official UKD Me bhi to islamiyo ka acha control hai.
राजधानी गैरसैण ही होनी चाहिए । पर नेता और अधिकारी नहीं चाहते गैरसैण राजधानी बने ।
@@maheshramola2362 Kyonki inhe deharadoon main aç rooms main baithne ke adat pad gayi hai wahan se ye aram se curruption kar sakte hain.
कईओं अंघंघघघंअं अंघंघघघंघ अंघंघंघंघघंइघघंघंघंघंघंघंघघंअंघंघघघंघ अंघंघघ अंकन अंघंघघ दल अंकन अं अंग-अंग अंग-अंग अंग-अंगगंग अंकन अंगंगंगंगगगंगंगंगंअंग-अंग अंकन अंकन अंग-अंगगंग अंकन अं अंग-अंगगंग अंग-अंग अंग-अंग अंग-अंग अंगगं अंग-अंग अंगगं अंग अंकन अंगंगं अंग-अंग अंग-अंगगंगगं अं अंग-अंग अंग-अंगगंग अंगंगं अंग-अंगगंगगं अंग-अंग अंग-भंग अंकि अंकन अंगगं अंगंगं अंग-अंगगंग अंग-अंगगंग का अंग-अंगगंग अं अंगगंगं अंग-अंग अंगगंगंगग अं अंगगंगंगग अंग-अंगगंइइइिगइइिइिइिइइगंगगइिइइिइिइइगंगंगगगगगंिगंइइइइ@@pankajpanthri4562
बढिया स्टोरी की है ।बधाई। गैरसैंड में अस्थाई राजधानी है पर उचित कार्रवाई क्यों नही हो रही है।मूलभूत सुविधाएं यदि ठीक हो जाएं तो स्थाई राजधानी एक दिन गैरसैंड होगी ।
आज अगर गैरसैंण पर पहले से राजनीति नहीं होती और गैरसैंण स्थाई राजधानी होती तो पलायन रुका होता पर क्या करें उत्तराखण्ड की राजनीति का कार्य ही ऐसा रहा ।
Gairsain Permanent Capital Honi chahiye ❤❤❤❤❤❤
गैरसैंण राजधानी पर सभी पार्टियां केवल राजनीति करती हैं।
कहते है पहाड़ का पानी और पहाड़ी जवानी, पहाड़ के काम नहीं आती। पहाड़ी राज्य मिला तो पहाड़ में बनी राजधानी काम नहीं आती।
जैसे उत्तराखण्ड का केदारनाथ दिल्ली जा कसता है तो देहरादून की राजधानी गैरसैंण क्यों नही आ सकती है ??
यहां की जनता को एक दूसरे राजनीतिक दल को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
विकल्प की ज़रूरत है... पर बनेगा कौन..वो सवाल अनुत्तरित है।
Only ukd wo kaam kr skti
पर्वतीय राज्य की मूल भावनाओं के अनुसार अभी भी बहुत कुछ होना बाकी है ।
Gairsain Rajdhani Hone Se hi Palayan Rukega❤❤❤❤❤
नेताओं अफसरो को सुख सुविधा अय्याशी चाहिए जो देहरादून में ही इनको मिलती हैं।
आम पहाड़ी जनता से इनको क्या मतलब वो तो केवल उत्तराखण्ड के आन्दोलन के लिए लड़े मरे।
पहाड़ की राजधानी पहाड़ पर... बस इससे कम कुछ मंजूर नहीं ... गैरसैंण स्थाई राजधानी
D dun men बाहरी लोगों की मौज है पहाड़ी तो सिर्फ मर ने के लिए है अगर पहाड़ों में राजधानी बनती तो नौकरी में बाहरी लोगो को जगह नहीं मिलती और उनके जेब में अरबों रुपए कैसे आते और जमीन का घोटाला कैसा करती इसलिए अब अलग देश की जरूरत है राजधानी d dun se उत्तराखण्डियों ko sirf नुकसान के सिवाय कोई फायदा नहीं हुआ सिर्फ नेताओं और बड़े अधिकारियों व बाहरी लोगों के लिए है बिश्नोई समाज हिरन के लिए भी कुर्बान होने के लिए तैयार है और पहाड़ी अपनी बहु बेटी की मौत के बदला kiyen नहीं d dun bilkul nahi बदले से ही बदलाव होगा😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
उत्त्तराखण्ड की जनता ही सबसे बड़ी जिम्मेदार है इसके लिए, उखाड़ फेंको ऐसी सरकारों को, 5 बार मौका मिल चुका है लेकिन फिर भी इस जनता को BJP और कांग्रेस को ही वोट देना है।
AAP is the only solution. People of Punjab are very happy now.
@@atulmalhotra2303Uttrakhand Kranti Dal hi last option h , AAP Kejriwal Kutte ki party h jo Mulla Support karti h
@@atulmalhotra2303🤡🤡🤏🤏🤏🤏aap vhi palayan kijiye apke jese ati intellectual logo ki hamre rajya m awashakta nhi punjab m hi h
@@atulmalhotra2303झूठी,मक्कार,भ्रष्टाचारी AAP का ऐतबार कोई नही कर सकता,दिल्ली,पंजाब को बर्बाद कर दिया,
इन घोटालेबाज दुष्टों को भगाओ
@@atulmalhotra2303ukd is only solution
एक बार इन सभी विधायकों का ही जनमत सर्वेक्षण किया जाना चाहिए कि कौन नेता मंत्री विधायक गैरसैंण राजधानी चाहते हैं और कौन नहीं चाहता दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है
बनाई jani चाहिए राजधानी nahi to बहुत बड़ा जानआंदोलन hoga 🙏🙏
इस बार आर पार की लड़ाई लड़नी चाहिए पहाड़ वासियों को ....न कुमाऊनी न गढ़वाली सिर्फ और सिर्फ पहाड़ी
23 नए शहर बसाने का प्लान सकते है लेकिन गैरसैंण को राजधानी नही बना सकते। कम्माल है क्या इसलिए उत्तराखंड बनाया था हमारे आंदोलनकारियों ने।
Gairsain permanent Rajdhani Bane tabhi uttrakhand ka bhala hoga Jai uttrakhand 🎉🎉🎉
Gairsain Rajdhani Honi chahiye❤
उत्तराखंड का एक नया शहर बसता तो हमारे प्रदेश का एक इतिहास जरूर होता
Right. Yadi Haridwar aur udham singh nagar nahi milta to hamare gairsain me IIT ,IIM aur anye institute bhi hote .
राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा राजधानी की मांग को अनदेखा करना भी एक राजनीति है । ताकि सत्ता में उनकी पूछ बनी रही और बारी बारी सत्ता का आनन्द लिया जा सके।
गैरसैण ही राजधानी बननी चाहिए...
मूल निवास 1950 एवं सशक्तभू कानून जल्द से जल्द लागू हो जय देव भूमि उत्तराखंड 🚩🙏🙏
1910
Gairsain Rajdhani Honi Chahiye❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
पूरा pahadi samj चाहता है पहाड़ की राजधानी पहाड़ हो 🙏🙏
पहाङ का विकास तभी होगा जब राजधानी गैरसैण होगी।
देहरादून तो अलरेङी ङिपलभ है।😂
अपने राज्य के ज्वलंत मुद्दों को मुखरता से उठाने के लिए आभार।
कृपया घर-घर जल और शौचालय की व्यवस्था से बेकार होते हमारे परम्परागत जल स्रोतों; पंदेरों के बेकार होने को लेकर भी बात उठाएं।
बहुत ही अच्छा सुझाव दिया आपने... ज़रूर रावत जी इस पर काम करेंगे हम
गैरसैंण ही राजधानी होनी चाहिए ।
Gairsain Rajdhani Honi chahiye Uttarakhand Ek Pahadi Rajya Hai Aur Pahadi Rajya ke Liye Hi Bna Tha❤❤❤❤❤❤
Declare Gairsain as permanent capital of uttrakhand
सबकी यही उम्मीद है.
fir wo bolenge negi ji ka song sabne boli gairsain unna suni dehradoon
@@ghughuti_official aap awaj uthao hum apke sath hein
विधानसभा में भी गजब के विधेयक पास हो रहे हैं जो सिर्फ विधायकों की तरफदारी कर रहे हैं क्या इस सरकार को आम जनता से कोई मतलब नहीं रह गया है क्या महंगाई सिर्फ विधायकों के लिए ही आ रही है। आम जनता या बेरोजगार जो नौकरी की मांग करता है उसे कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।
सच
हरीश रावत आज कुछ भी कहें वो सब राजनीतिक बयान हैं उनके दिल में तभी से उत्तराखंड के लिए प्यार या सम्मान नाम की कोई चीज नहीं थी जब से वो राजनीति में आए अन्यथा ना ही मुख्यमंत्री रहते हुए और ना ही उससे पहले कांग्रेस में कद्दावर नेता होते हुए उन्होंने उत्तराखंड के लिए कुछ किया हालांकि कांग्रेस जिसने सबसे ज्यादा इस देश पर राज किया और उस कांग्रेस में इनके जैसे नेता हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी और के सी पंत जैसे जो की केंद्र में भी बड़े बड़े विभागों के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री तक रहे के एजेंडे में कभी भी उत्तराखंड का उत्थान और विकास रहा हो उन्हें बस यहां का वोट चाहिए था जो भरपूर मिला भी और सबसे बड़ी गलती स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने इसे प्रथक राज्य बना कर किया वो भी बिना कुछ दिए जबकि इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाते या कोई स्पेशल दर्जा दिया यहां तक कि एक स्थाई राजधानी तक नहीं दे पाए जिसका खामियाजा आज हर एक पहाड़ी भुगत रहा है और पहाड़ मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खाली होते जा रहे है और हां अगर यही हाल रहे तो इस उत्तराखंड और उत्तराखण्डियों का कभी भला नहीं हो सकता
लगभग सभी नेताओं का यही हाल है... कोई भी चुनावी जुमलों से आगे बढ़ता हुआ नहीं दिखता
@Harishchand ji, aap Haridwar district me dkh lijiye Harish Rawat kin logo ko support kare hai.
Aur wo ak BJP ka neta hai Madan kaushik yaha dono unn outside ko support karte hai jo na kabhi desh k hue, unn k wafadari apni kitab k liye hai.
Yahi hai Haldwani ka Indira aur unn k bete ne kar diya.
Haridwar ki ak vidhan sabha kaliyar hai, uss vidhan sabha me har bangladeshi, Rohingya ka aadhar card, voter ID card aaram se ban jaata hai aur to aur ab to ess Vidhan Sabha me PM aawas bhi mil gaye Bangladesho ko.
Ramnagar Nainital me Hindu 55.91 % hai, 44% to Bangladeshi hai.
Himachal par Bhoo kannon to hai aur wo effective me hai par unn k pas Bangladeshi logo k vote par jeene wale Neta nahi hai yaha Himachal pradesh ki sab se badi upalabdhi hai.
- Himachal ak baat me maar kha jaata hai ki uss k pas plain area nahi, par Uttarakhand k pas sab kuch hai plain bhi aur Hills bhi. Aaram se Independent economy wale State ban sakta hai Uttarakhand.
उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण बनाये विना इस पहाड़ी राज्य का विकास बेमानी है !
और गैरसैण को इससे पहले कमीश्नरी का दर्जा दिया जाना तार्किक एवं संवैधानिक है!
बीर सिंह बुडेरा ( गुरु जी)
प्रमुख उत्तराखंड आंदोलनकारी
भाई जी गैरसैण ही परमानेंट राजधानी बनेगी
बस हम सभी युवाओं को तय करना पड़ेगा
Usase kya hoga. Rajdhani matalab
Load kya. Pahada. Usa layaka he
Dehradun bhi to. Uttarakhand main hi he
Gairsain Rajdhani Banne Se Uttarakhand Banane ka Asli Fayda Hoga❤
जिस तरह अन्य में वहाँ कि लोकल पार्टी उभर और दिल्ली जेसे बडे शहर में aam aadmi ने बीजेपी कॉंग्रेस को नाकामयाब साबित करते हुइ आम आदमी पार्टी को सता सौंप दी वही up panjab kahi जगह लोकल पार्टी उभरी पर uttrakhand में हम लोगों ने बीजेपी congress के झूठ वादे झेल रहे .
अपनी लोकल पार्टी ukd को Uttarakhand ने कभी मोका नहीं दिया जबकि uttrakhand का राज्य जिस लिए मांगा था वो वादे सिर्फ ukd kregi ❤❤
Gairsain Hi Rajdhani Bane..Pahadi Rajya Ki Rajdhani Pahad Me hi Honi Chahiye.❤❤
This is good observation and deep finding of the Uttarakhand Capital. We always point out Politician but Govt Officers are same . They did not want to go Hill.
अब की बार बना देंगे गैरसैन को राजधानी आप निश्चिन्त रहे 👍
Bahut sundar ❤❤❤
गैरसैंण ही राजधानी बननी चाहिए तभी इन नेताओं को पता चलेगा पहाड़ की परेशानियां जय उत्तराखंड
यूकेडी को लाओ और गैरसेंड को राजधानी के रूप में पाओ , क्या इसके लिए उत्तराखंडी सभी यूकेडी को लाएंगे
Layege bhai par neta kon he ukd me
इन राजनीतिक ठेकेदारों को कौन समझाए की हिमांचल की राजधानी कहां पर बनी है।। गैरसैंण में राजधानी पहाड़ की चिंताजनक परिस्थितियों को उजागर कर सकती है।जब तक हमारे नेताओं एवं प्रशासनिक इकाइयों को पहाड़ पर नही बैठाया जाता तब तक पहाड़ एवं पहाड़ीयों का विकास असम्भव है।।।।
एकदम सटीक बात कही आपने
Jay beem 💙
Bahut badiya rawat sir.
rawat whi h jisne uttrakhand m muslim basya kam se kam desh ka bhala ni kr skta to apne rajya bacha le chamche
गैरसैंण अभी भी गैर है
देहरादून में बहुत गंदगी हो गई है
पलायन तभी रुक सकता है जब राजधानी गैरसैण बनेगी
पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ में नही होगा तो कहा होना चाहिए?? विडंबना ही कह सकते इसे।
2027 ka election iss bat ka Sarveksan hona chahiye Ki Gairsain capital Ho ya nahi
Bahut acchi presentation ❤
गैरसैंण को राजधानी हर्ष रावत कांग्रेस की राजनीति वाली चल रही है 😊😢❤
लोग ऐसे ही वोट देते रहेंगे बेरोजगारी, महंगाई, विकास सब गायब है।
गैरसैंण को देहरादून हरिद्वार मतं बनने देना पहले भू कानून बनाना
😂aukat hai Teri Haridwar me Samne
Salo Haridwar ka par capita income 4 lakh rupee hai Delhi se jyda
Jalte rho Haridwar or Dehradun se 😂
Bhukhe mar jaoge agr Haridwar or Dehradun alg ho gye
बहुत सही
Nahin to..netawon ki jameen ka kya hoga..😉😡🤪😈👿🌹💐🌺🙏
Uttarakhand ke plains ke center me kotdwar hai
Aur poore rajya ke center me Gairsain
In dono me se hi kisi ek ko capital banna chahiye.
Jo log aaj keh rhe h ki rajdhani gairsain honi chahiye, wo hi log baad m pachtayenge kyunki rajhdani ka structure or population ek hilly area nhi jhel sakta, but all the best
गैरसैंण को राजधानी घोषित सिर्फ लोकल पार्टी ही आगे बढ़ा सकती है।
Thanks
Ye kaam sirf ukd kregi ❤❤❤
यदि पहाड़ का विकास चाहते हैं तो राजधानी गैरसैंण आवश्यक है। प्रत्यक्षं किं प्रमाणम्। गैरसैंण, गैरसैंण तथा गैरसैंण
पहाड़ की राजधानी पहाड़ में ही होगी ।
भाई यूके अलग होने के बाद ही वहां पर कानून संभीदान बनेगा उत्तराखंड हमे भारत से अलग चाहिए😢😢😢😢😢😢😢😮😢😢😢😢😢😢😢
Bilkul gairsen Raajdhani honi chahye permanent
GOOD
This is very important for the growth of the hilly regions in Uttarakhand. Despite having high literacy rates and a skilled workforce, this is one of the reasons why, even after 20+ years of its formation, we are not among the top 10 states. Once the capital is shifted to Gairsain, many accessibility issues will be resolved, and more people will be able to stay in the state for work.
राजधानी गैरसैण भू कानून 1950 उ खणड मे चकबन्दी हो स्थाई राजधानी होनी चाहिऐ आन्दोलन जरूरी है बाहरी नेता कभी नही चाहेगे
Pahad ki rajdhani garisan honi chahiye
जरूरी रिपोर्ट
धन्यवाद सर
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गैरसैंण उत्तराखंड की राजधानी के लिए सब से उपयुक्त स्थान है जो उत्तराखंड के मध्यम में स्थित है।भोगोलिक व सांस्कृतिक कारणों से भी यह सबसे उपयुक्त स्थान है। माना कि देहरादून सुविधा संपन्न वdeveloped शहर है लेकिन व उत्तराखंड की मूल भावना व संस्कृति को नहीं दर्शाता वहां बहुत पहले से मिश्रित cultures रहा है हालांकि कुछ दशकों से वहां मूल उत्तराखंडीयो की आबादी बढ़ी है जो पहाड़ों से पलायन कर के आये हैं। कुछ खामियां जो आपने बताईं है वह शुरू मे हर जगह होती है यही तो development करना होगा। कुछ समय जरूर लगेगा शाय़द 15=20साल लग जाय ❤❤🎉😂😢😢😂😂🎉😂😂❤
Haridwar sbse rich city uk ka or sbse badi dharm city bhi hai
जिन नेताओ को गैरसैण मे लगती है ठंड
छोड़ दे वो उतराखंड❤
❤❤
Jai Badri Vishal aur Jai Maa Nanda.
Bahut sundar vislation. Uttarakhand Sarkar ko yeh aakhire ultimatem hai. Gairsain gair nahi aapitu apne Rajdhani hai. 2027 se pahley Agar samuchit nirnay lete hai to theek hoga, anyatha Sarkar hi gair ho jayegi . Es comment ko sambhal kar jaroor rakhna 22:22
उत्तराखंड को स्थाईराजधानी गैरसेंड को बनाया जाए जिससे उत्तराखंड का विकास संभव हो सके अच्छे अस्पताल वह अच्छे स्कूल का निर्माण हो सके तथा फैक्ट्रियां लगासके
UKD jindabad
UKD agar power me aati hey to Gairsain ka capital banna nischit hey
Sahi kha
मुलायम सिंह की कौशिक समिति ने गैरसैण को राजधानी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अगस्त 24, 1994 को भेजा।
Gsirsain rajdhani honi chahiye...
दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने उत्तराखंड को बुरी तरह से लूटा है ये दोनों कांग्रेस हो या फिर भाजपा सिर्फ ये ठगते रहेंगे उत्तराखंड की जनता को सिर्फ यूकेडी ही बिकलब है और दो हजार सत्ताईस में यूकेडी को सत्ता में लाओ सारे काम अपने आप ही हो जायेंगे एक बार यूकेडी को समर्थन देना चाहिए जय देवभूमि जय उत्तराखंड क्रांति दल जिंदाबाद हैं और रहेगा
Aapne bilkul sahi batya hai jo ki asli sschai hai. Thanks.
Gairsain Rajdhani baney
Gairsain rajdhani honi chahiye
अब तो 🛣️ सड़क बन गई सब जगह दिक्कत होती है तो??🇮🇳🇮🇳
इसका कारण केवल असीमित सुविधायें और नेताओं के व्यक्तिगत स्वार्थ ही लगतें हैं, वन्देमातरम
राजधानी गैरसैंण ही चाहिए, हमे देहरादून उत्तराखंड में लगता ही नहीं है, वो हमारे लिए दिल्ली से भी दूर है, अगर गैरसेन पर्वतीय क्षेत्र है तो चौखुटिया घाटी में भी इसे बनाया जा सकता है लेकिन देहरादून नही चलेगा
Very nice presentation
उत्तराखंड की स्थाई राजधानी और गैरसैंण पर एकदम सटीक और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है ।
देहरादून मे राजधानी की गतिविधियों से यहाँ का सारा वातावरण खराब हो चुका है । Demographic बदलाव भी चरम पर है । हमारे नेताओं के लिए राजनीति बिजनेस हो गई है ,आम जनता की सुविधाओं से किसी को कुछ लेना देना नहीं है ।
💐🙏
जिह प्रकार से राज्य के लिए आंदोलन करना पडा वैसे ही गैरसैंण राजधानी के लिए भी जन आंदोलन के बिना राजधानी नहीं मिल सकती है क्योंकि पहाड़ का नेता पहाड़ का अफसर ही पहाड में रहना नहीं चाहता है। आम जनता की समस्या दुख तकलीफ को कोई देखने को तैयार नहीं है। हमारी सरकारी शिक्षा व्यवस्था चौपट कर दी गई है स्वास्थ्य के नाम पर प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध नहीं है।
चारु तिवारी जी का कथन पक्ष उचित है। 🙏 तिवारी जी आजकल कहा पर हो। कभी मिलने मेरे निवास स्थान जरूर आएगा।
गैरसैंण में स्थायी या अस्थायी राजधानी बनाना आर्थिक दृष्टि से उचित नहीं है। यह बजट की बर्बादी होगी। आज डिजिटल युग है, जनप्रतिनिधि अपने विधानसभा क्षेत्र की सभी समस्याओं का समाधान विधानसभा देहरादून से ही कर सकते हैं।
Koi bhi Sarkar Ho Garisain Rajdhani Ho. Jai Hind Jai Uttarakhand Davbumhi.
Uttarakhand is doomed state. There is no accountability. It was better with the part of UP. There is no improvement of interior hill areas condition with respect to medical, and employment. Yaha sirf politician aur bureaucrats ke hi maje hai . Everyone is busy in doing corruption.
गैरसैंण के लिए पानी की आपूर्ति निकटवर्ती पिण्डर नदी से आसानी से सम्भव हो सकेगी।
समाधान संभव है....पर इच्छाशक्ति की कमी है
Gairsain me ramganga h bhai kudh
रामगंगा नदी पर डेम बनाकर बहुत पानी मिल जायेगा।
उत्तराखंड के राजनीतिज्ञों का लोगों के मुद्दो के असली मुद्दो के प्रति उदासीनता का प्रमुख कारण चाटुकारिता ,स्वयं का फायदा है.यूनिवर्सिटी स्तर पर बीजेपी और congress का प्रभाव प्रदेश में नए युवा नेताओं को बनने नहीं देता
क्या कहें महोदय इस तरह की जानकारी सुनकर और राजनेताओं की मक्कारी देख के हमारा खून बहुत खौलता है बाकी क्या कहें जनता अगर उत्तराखंड की जागरूक होती और उत्तराखंड क्रांति दल की अनदेखी नही होती तो शायद आज उत्तराखंड की तस्वीर ही कुछ और होती