Rahim ke dohe | Dohe-Bhavarth | Class 9 Hindi | Sparsh Hindi | Rahim | रहीम के दोहे

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 6 ก.พ. 2025
  • #Rahim ke dohe
    #Class 9 Hindi dohe
    #Sparsh Hindi 9
    #rahim
    #रहीम के दोहे
    #स्पर्श हिंदी दोहे
    1.रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
    टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥
    शब्दार्थ:-
    चटकाय = चटकना, टूटना ।
    परि = पड़ना, पड़ जाना ।
    2.रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
    सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहै कोय॥
    शब्दार्थ:-
    निज = मेरा, अपना।
    बिथा = कष्ट, दर्द।
    बाँटि = बांटना, वितरण करना।
    सुनि = सुन्ना, सुनकर।
    अठिलैहैं = मज़ाक उड़ाना, जिद्दी।
    3. एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
    रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥
    शब्दार्थ:
    एकै = एक।
    साधे = साथ।
    मूलहिं = जड़ में।
    सींचिबो = सिंचाई करना।
    अघाय = तृप्त।
    4. चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
    जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥
    शब्दार्थ:
    अवध = रहने योग्य न होना।
    बिपदा = विपत्ति , मुसीबत।
    5. दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
    ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं॥
    शब्दार्थ:
    अरथ = अर्थ, मतलब।
    आखर = शब्द।
    थोरे = कम, थोड़ा।
    सिमिटि = सिकुड़ कर , सिमिट कर।
    6. धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पियत अघाय।
    उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥
    शब्दार्थ:
    धनि = धन्य
    पंक = कीचड़
    लघु = छोटा
    अघाय = जिसकी इच्छा या वासना पूरी हो चुकी हो
    उदधि = सागर
    पिआसो = प्यासा
    #hindiwithvenkatesh
    #hibarevenkatesh
    #venkateshhibare
    #hindisahitya
    #hindikahani
    #hindikavita
    #hindinatak
    #hindinibhandh
    #hindivyakaran
    #हिन्दी
    #hindi

ความคิดเห็น • 135