आदरणीय सत्यप्रकाश जी! आपका कहना बिलकुल सही है। आपने हमारे जैसे अनेक व्यक्तियों के आंखें खोल दी। सनातन धर्म एवं संस्कृति को बचाने का प्रयास सफल हो। धन्यवाद
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो वास्तविक ज्ञान से अवगत कराया और आपका कहना बिल्कुल सत्य है मैं एक-एक शब्द को गौर से सुना है और जो आपने प्रैक्टिकल बताया है वह भी बिल्कुल सत्य है क्योंकि यह जो दोनों वरदान है इनके बारे में मैं पहले पढ़ चुका हूं हालांकि टीवी सीरियल में कुछ और बताते हैं
सत्य, तथ्य और ज्ञान की वास्तविकता में अगर रुचि है तो ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त गूगल करें और यूट्यूब करें । अगर वास्तव में सत्यांवेशी हैं तो। मैं भी प्राचीन किन्तु तथ्यात्मक विचारों का ही अन्वेषी हूं
It is very interesting to read 3 points. 1. Narration of the attempt to disrobe - Krishna, on hearing her, left his bed and started coming towards Hastinapor. And the great Dharma covered her with clothes! 2. When Krishna visited Pandavas in the forest, Draupadi said to him, "I Don't have husbands, friends or you with me"! 3. When Sanjay visited Pandavs at Upaplavya, Krishna said, "She called for me at the time of distress, but I could not help her. So I owe them some help".
मैं ज्योतिष शास्त्र के गणित खण्ड का अध्ययन करता हूँ। उसी के आधार पर मैंने " पाताल लोक कहाँ है अंग्रेजी कैलेण्डर बनाने के लिए भारतीय पंचांग का सहारा लिया। भारतीयों को पता था कि पृथ्वी गोल है। चंद्रमा का 27 नक्षत्रों से विवाह नहीं हुआ। सप्ताह के सात दिन किस आधार पर तय किए ऐसे कई वीडियो में ज्योतिष शास्त्र के गणित खण्ड को आधार बनाया है। मेरी रुचि ज्योतिष से भविष्य फल बताने की बजाए ये जानने में रहती है कि हमारे ऋषियों को अंतरिक्ष का इतना ज्ञान कैसे था, जबकि विदेशियों ने उसी को अपने नाम से बता कर दुनिया में प्रचार कर रहे हैं। इसीलिए मैं दुनिया को चैलेंज करता हूँ कि कोई बताए की साल में 12 महीने और सप्ताह के सात दिन किस आधार पर तय किए गए हैं। क्योंकि ये ज्ञान केवल भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ही उपलब्ध है।
@@alokrajx mujhe bhi bata do lead adrishya baat . Or main ye nhi keh rahi mujhe sab pata h mai ye bol rahi hun ki sir ji ne jo information di h vo 80%galat h
@@alokrajx acha ji ekdum sahi baat krishn ji ka hath kisi jhadi mai lag ke kar gaya tha or bhai saheb ko itna tak to pata nhi h ki dropadi ka wastra itna bada kaise ho gaya tha or baat kar rahe ho . Aapne or bhai saheb be mahabharat jada dhyan se dekh li or vo batein dekh or sun li jo n hamene dekhi or n hi suni
Ser ak baat btaye Santoshi maa ka jnm gnesh god apna putr ka khne per kya shavn ka purniya ka din to kya Santoshi maa ka jnm Sri Krishan ke ug me hue thi tbhi se raksha Bandhan Manya Jaya h Santoshi maa ke utpti kab hu kripa krke btay ser
Jaab Koi mehnat karke abhyas karke hame samja rahe hai to agar galati lag rahi hai to khud correct karke batao, Galatiya maat nikalo, galatiya nikalna asan hai aise video banake samjhao. Aap bahot accha kaam kar rahe ho sir aise videos banate rahiye 🙏
जब कोई सारी खिचेंगा तो जोर किवजह से अपने आप कोइ भी स्री गोल गोल ही घूमेगी!नीचे गिर गई तो वस्र निकल नहीं पायेगा! ऊपर का थोडा तो वस्र ऊसके हाथ तो आयेगा ही! यानी जो दृश्य महाभारत सिरियलमें दिखाते है, वह वास्तव लगता है! बाकी जानकारी के लिये धन्यवाद!
Swarg aur narak toh bahut dur ki baat hai pehle tum hume ye batao ki Earth Kaha par hai. Earth ki kya location hai 😅. Science ne abhi itni tarraki Nahi kari hai . Lekin hum logo Ka dharam bahut advanced tha
એક દિવસ શ્રી કૃષ્ણ શેરડી ખાતા..હાથમા કટાર લાગી આ જોઈને દ્વોપદીએ શ્રી કૃષ્ણનાં હાથે પાટો બાંધી આપ્યો.તે વસ્ત્રના તાર ગણતા 999 તાર થયા..એવી રીતે શીરહરણ સમયે ભગવાન શ્રી કૃષ્ણ પોતે..દ્વોપદીના સ્વરુપે હતા...દુશાસન સીર ખેંચવા લાગ્યો ત્યારે શ્રી કૃષ્ણએ તાવ મુક્યો અને દુશાસન ઢળી પડ્યો..તૈયાર થી આ તાવ બધાને લાગુ પડે છે...જય શ્રી કૃષ્ણ.
पहले भाग से मुझे सहमति नहीं हुई कि द्रोपदी खम्ब को पकड़ कर गिर गई होगी। गोविंद ने सहायता तभी कि जब द्रोपदी ने पूर्ण समर्पण कर दिया था और बेसुध होकर केवल और केवल गोविंद को पुकारने लगी। रही बात दुशासन की तो उसकी शक्ति गोविंद के समक्ष बहुत तुच्छ थी । थक जाना कोई बड़ी बात नहीं थी
@@Secrets_of_Hindu_Dharm agr Dropadi besudh ho gai unhe koi Gyan nhi rha to phir unhone kuruwnsh k naash ka prn kaise liya...Apne keshu se churaa-mani fek kaise Diya...Dushashn ki khoon se Apne Baal dhone se MAHABHARAT ki niww kaise rkhi ! Ye sb to usi sbha mai ho gai thi...
ये इंसान कलयुग में बैठ कर द्वापर को देख रहा है वाह क्या बात है मान गए बॉस। कह रहा है मुझे लगता है गिर गई होगी। मतलब भूत भाबिस्य वर्तमान को ये इंसान आयने की तरह साफ साफ देख सकता है
सत्यप्रकाश जी आज नित्य कर्म की चर्चा किऐ भारत में कितने कर्म है मेरे जानकारी में नित्य कर्म निती कर्म अनीती कर्म कुटनीति कर्म ओर सुन्य कर्म आपको जानकारी में जो भी हो बिसतार से बताईए
Agar Draupadi neeche let/gir gai..to usko hilaye begair vastra kheencha hi nahi jaa sakta.....unless she moves..not possible for Dushassan to pull yards and yards of saree...jo lapeti jaato hai
Aap bilkul galat manghadnt jaankaari de rahe h mahrishi ved vyas ji ne pure mahabharat me kahi iska jikar nabi kiya h aapapna najariya mahbharat se bada maante h. Aap jaise log hamari sanskriti ke rakshak nahi h. Band karo ap i manmakif kalpna. Chhi.
He Bhagwan Aap log sirf galtiyao ko dhundne me hi lage raho Are jisne Mahabharata banayi usko dhanywad do jo aap logo ko ye sab janne ka awsar mila Varna ye sab garntho me hi pda rahta Bhagwan ke liye dusro me galtiya dhundna bandkro Itne bade program banane me ho sakta h
Sir, there was a science behind this scene ........ I think the meaning of vardan was some kind of scientific instrument ...... Or some technology or technique .... Which is given by a man to needy person / hard worker's ....... Sir please think about it and explain in up coming vedios .... Thank u
सबसे ताजुब बात यह है उस समय का हर एक स्टोरी हम लोग को पता है हर एक नाम हम लोग को पता है उनका बाप परदादा नाम तक हम लोग को पता है फिर उस समय व्यवहार किया गया मंत्र हम लोग को क्यों नहीं पता है पता कर लेता तो आज नारी पुरुष का विभाग की जरूरत नहीं पड़ती
श्री कृष्ण ने वहां की सारी महिला ओ को समझाया की आज द्रौपदी है, कल तुम्हारी बारी आ शक्ति है l तो वो सारे कपड़े पहनाती थी, इस तरह सारी महिला ओ ने मिलकर दुशासन को हरा या l
जहाँ तक गुरु मिलने की बात है तो एक बात सदा याद रखना कि जितना शिष्य को गुरु की तलाश होती है उससे अधिक गुरु को सच्चे शिष्य की तलाश होती है। यदि तुम्हारे अन्दर सच्ची लगन है तो ईश्वर स्वयं तुम्हारी सहायता करेंगे। ईश्वर का संकेत मिलने से पहले जल्दबाज़ी करना सही नहीं है। हमारे जन्म के साथ ही हमारे ऊपर कर्तव्यों का बंधन होता है, उसे भी पार करना होता है। माता पिता भी ईश्वर का ही रूप होते हैं उनकी अवज्ञा करके उन्हें छोड़ जाना सही नहीं। मैंने अपने जीवन में अनुभव किया है कि यदि हम सही मार्ग पर होते हैं तो हमारा तप बढ़ाता रहता है और उस तप के फलस्वरूप हम पहाङो पर या जंगल में निर्वाह कर सकते हैं अन्यथा कुछ ही दिनों में हालत इतनी खराब हो जाएगी कि हम इत के रहोगे ना उतके। मैंने ब्रह्मचर्य को सिद्ध करके और सत्य का पालन करके अपना तप बढाया है जिसके कारण अब मेरा शरीर बिमारी ग्रहण नहीं करता। मैंने पिछले तीस साल से कोई दवा नहीं ली है। मैं सन्यास के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ लेकिन कर्मबंधन से अभी मुक्त नहीं हुआ हूँ। मैं वीडियो बना बनाकर पोस्ट कर रहा हूँ ये भी ईश्वर के संकेत पर कर रहा हूँ। जब मेरे कर्तव्य पूरे हो जाएंगे तो भगवान आगे के लिए स्वयं निर्देश कर देंगे। अतः ईश्वर का ध्यान करते हुए और पाप कर्म से बचते हुए अपनी जिम्मेदारी के काम करते रहो और ईश्वर के संकेत की प्रतीक्षा करो।
TV serial में जो दिखाया जाए वही सत्य भी हो ये जरूरी नहीं। सीरियल में दिखाया कि शिशुपाल को मारने के लिए सुदर्शन चक्र चलाते हुए कृष्ण जी की उंगली में चोट लग गई थी। लेकिन मैं उन सीरियल वालों से पूछना चाहता हूँ कि क्या कोई दिव्यास्त्र स्वयं को भी चोट पहुंचा सकता है ?? सुदर्शन चक्र कृष्ण जी का अपना ही दिव्यास्त्र था फिर भी चोट खा बैठे?? क्या उन्होंने प्रैक्टिस कम की थी ?? TV serial देखो परन्तु अपना दिमाग भी लगाओ। दिव्यास्त्र और सामान्य अस्त्र में अन्तर होता है। सामान्य अस्त्र तो हमें चोट मार सकता है परन्तु दिव्यास्त्र स्वयं को चोट नहीं पहुँचा सकता। श्रीकृष्ण जी तो वैसे भी कुशल योद्धा थे, वे अपने ही सुदर्शन चक्र से चोट नहीं खा सकते। यदि तुम्हें लगता है कि सीरियल वाले सही बता रहे हैं तो तुम विश्वास करो, परन्तु रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, उंगली पर नहीं।
sir bhaut accha vedio hai ek question hai uss per please vedio banaye - aaj ke yug me hume devta kyu nahi dikhayi deta hai jab ke kuch logo ko bhoot dikh jata hai per kisi ki devta nahi dikhaye dete
देवता दिखाई दे सकते हैं, परन्तु भूत देखे नहीं जा सकते, क्योंकि भूत का कोई शरीर ही नहीं होता जबकि देवताओं के पास दिव्य शरीर होता है। देवता किसके सम्मुख प्रकट होंगे ये वही तय करते हैं। देवता सबको दिखाई नहीं देते।
@@Secrets_of_Hindu_Dharm sir aapse request please iss topic ek vedio banaye. kya aaj ke kalyug me hum. kisi devta ko dekh sakte hai agar dekh pana sambhav to kaise
बोलने वाले और सुनने वाले श्रीमान उसे मैं यही कहना चाहता हूं की समय का दौर एक ऐसी चीज होती है जो अपने समय में अपनी परंपराएं बनाता है और उन परंपराओं और रिवाजों के अंतर्गत जो व्यक्ति अपना समय व्यतीत करते हैं उन्हें उन परंपराओं को मेरी वालों को अपनाना पड़ता है क्योंकि उस समय का अपना एक समाज होता है इसमें कोई बहुत बड़ी बात नहीं है बोलने वाले श्रीमान और सुनने वाले श्रीमान से ही कहना चाहता हूं कि एक छोटा सा फार्मूला बता रहा हूं आज के दौर में लड़कों की जिंदगी ले लीजिए और बुजुर्गों का समय ले लीजिए जब वह लोग लड़के थे दोनों में आपको बहुत अंतर मिलेगा तो ऐसा टीका टिप्पणी करना उचित नहीं है मैंने बताया ना एक समय का दौर होता है और समय के दौर में व्यक्ति जो परंपराएं बनी होती है उसको बनाता है और उस रीवा से चलता है बेकार की टिप्पणी करना ठीक नहीं है
Sir aapko koe jankari nhi h.bewjha yha logo ko glat gyan na da aur bhagwan ko kisi ki madad krne k liya kisi khani ki jrurat nhi.bhagwan ko jo b sacche mun se yaad krta h.bhagwan un sabki madad(help) krte h
बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने सर।ये सब बातें हमें पता नहीं थी।थैंक यू सर।
सर जी, अति उत्तम. बाहोतही अच्छा बताया हैं आपने
बिल्कुल सत्य कहा आपने दुर्वासा ऋषि के आशीर्वाद के वजह से द्रोपदी की लाज बचाई महाभारत में कोटि-कोटि नमन हो आपके सच्चे ज्ञान के लिए🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏
इस बात आफसे समझ पाया बोहत धन्यबाद ।
आदरणीय सत्यप्रकाश जी! आपका कहना बिलकुल सही है। आपने हमारे जैसे अनेक व्यक्तियों के आंखें खोल दी। सनातन धर्म एवं संस्कृति को बचाने का प्रयास सफल हो। धन्यवाद
धर्म संस्कृति जो बामनी व्यवस्था है ध्वस्त होने जा रही है बाईस प्रतिज्ञा तो सुनी होंगी
आँखे खोली नही है बंद की है। असल महाभारत पढ़ो एसे मूर्खो से बचो
बहुतहीसुन्दर।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो वास्तविक ज्ञान से अवगत कराया और आपका कहना बिल्कुल सत्य है मैं एक-एक शब्द को गौर से सुना है और जो आपने प्रैक्टिकल बताया है वह भी बिल्कुल सत्य है क्योंकि यह जो दोनों वरदान है इनके बारे में मैं पहले पढ़ चुका हूं हालांकि टीवी सीरियल में कुछ और बताते हैं
गोपनीय सत्य बताने का धन्यवाद ये ज्ञानवर्धक बाते मुझे बहुत अच्छी लगती है जय श्री कृष्णा
सत्य, तथ्य और ज्ञान की वास्तविकता में अगर रुचि है तो ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त गूगल करें और यूट्यूब करें । अगर वास्तव में सत्यांवेशी हैं तो। मैं भी प्राचीन किन्तु तथ्यात्मक विचारों का ही अन्वेषी हूं
आप की जानकारी बहुत अच्छी लगी
बहुत बहुत धन्यवाद आपको
आपने बहुत ही सुंदर दो प्रसंग बताये ।
सत्य प्रकाश जी आपने बहुत ही अच्छी बात कही मैं आपको नमस्कार करता हूं और आपके विचारों को भी नमस्कार करता हूं धन्यवाद
Good knowledge 🙏
Bahu achhe se se samajaya dhanyvaf🙏👌👌👌
It is very interesting to read 3 points.
1. Narration of the attempt to disrobe - Krishna, on hearing her, left his bed and started coming towards Hastinapor. And the great Dharma covered her with clothes!
2. When Krishna visited Pandavas in the forest, Draupadi said to him, "I Don't have husbands, friends or you with me"!
3. When Sanjay visited Pandavs at Upaplavya, Krishna said, "She called for me at the time of distress, but I could not help her. So I owe them some help".
Namaskar Sir Ji.
Very well explained. Thank you very much.so far I don't know these things.
Mere ko aapke sare video dekhne se mera margdarshan hota hai bahut bahut dhanyawad 🙏🙏🙏🙏
आपकी हर बात मुझे सच्ची लगती है आपके वीडियो भी मुझे बहुत अच्छे लगते हैं आप ज्योतिष का भी ज्ञान रखते हैं ज्योतिष संबंधित भी कोई जानकारी हो तो कृपा बतावे
मैं ज्योतिष शास्त्र के गणित खण्ड का अध्ययन करता हूँ। उसी के आधार पर मैंने " पाताल लोक कहाँ है
अंग्रेजी कैलेण्डर बनाने के लिए भारतीय पंचांग का सहारा लिया।
भारतीयों को पता था कि पृथ्वी गोल है।
चंद्रमा का 27 नक्षत्रों से विवाह नहीं हुआ।
सप्ताह के सात दिन किस आधार पर तय किए
ऐसे कई वीडियो में ज्योतिष शास्त्र के गणित खण्ड को आधार बनाया है। मेरी रुचि ज्योतिष से भविष्य फल बताने की बजाए ये जानने में रहती है कि हमारे ऋषियों को अंतरिक्ष का इतना ज्ञान कैसे था, जबकि विदेशियों ने उसी को अपने नाम से बता कर दुनिया में प्रचार कर रहे हैं। इसीलिए मैं दुनिया को चैलेंज करता हूँ कि कोई बताए की साल में 12 महीने और सप्ताह के सात दिन किस आधार पर तय किए गए हैं। क्योंकि ये ज्ञान केवल भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ही उपलब्ध है।
सच यो यह है कि ब्राहमणो को जैसा समझ आया वैसा लिख दिया
कोई यह इतिहास तो है नही केबल काल्पनिक कथा कहानी है
ब्राहमणी सामजिक व्यवस्था को बनाये रखने की
Please do not say like any way it is our history
@@madhuverma3586 यह इतिहास है नही केवल बामनो का धन्धा है
इतिहास प्रमाण मांगता है किताबी गपोडबाजी नही
संस्कृत लेखन मुगलकालीन है
Aum Namo Bhagavate Vasudevay namha 🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺
आपके द्वारा दी गई यह जानकारी मुझे बहुत अच्छी लगी, धन्यवाद।
Bhai saheb mahabharat nhi dekhi kya jo ye jankari achi lag gyi
@@alokrajx mujhe bhi bata do lead adrishya baat .
Or main ye nhi keh rahi mujhe sab pata h mai ye bol rahi hun ki sir ji ne jo information di h vo 80%galat h
@@alokrajx ye baat apne aap ko batao mujhe kya bata rahe ho mujhe to pata hi mai to khud yahi bol rahi hun
@@alokrajx acha ji ekdum sahi baat krishn ji ka hath kisi jhadi mai lag ke kar gaya tha or bhai saheb ko itna tak to pata nhi h ki dropadi ka wastra itna bada kaise ho gaya tha or baat kar rahe ho .
Aapne or bhai saheb be mahabharat jada dhyan se dekh li or vo batein dekh or sun li jo n hamene dekhi or n hi suni
@@alokrajx maine kab kaha ki mujhe koi bhi baat mazak lagti h
Thank u so much.
Jai shri krishna ji 🌷🌷🌷 Om krishnay basu deway hàry prmatmne parant klesh nshay gobinday nmo nmha 🌻🌷
Nice information thanks .
Good explanation best wishes now so many people learns Mahabharath
What was the real name of Durvasa?!
Wow nice explation sir awesome
I m proud of you sir
Very nice
Thanks sir .you gave very useful knowledge to us.
Thanks so much.
गुरुजी आप कहाँ खो गए
Thank you so much sir ji
वाह sir जी
बहुत ही शानदार जानकारी दी आपने
Thank u sir
Very nice.👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻❤️
Ik on
Ser ak baat btaye Santoshi maa ka jnm gnesh god apna putr ka khne per kya shavn ka purniya ka din to kya Santoshi maa ka jnm Sri Krishan ke ug me hue thi tbhi se raksha Bandhan Manya Jaya h Santoshi maa ke utpti kab hu kripa krke btay ser
Bohot बढ़िया विश्लेषण 🙏🙏🙏🙏🙏
Very nic
Jaab Koi mehnat karke abhyas karke hame samja rahe hai to agar galati lag rahi hai to khud correct karke batao, Galatiya maat nikalo, galatiya nikalna asan hai aise video banake samjhao. Aap bahot accha kaam kar rahe ho sir aise videos banate rahiye 🙏
Thanks
Sukriya iss gyan ko share krne k liye
Valuable information
जय श्री कृष्ण जय भारतीय संस्कृति
Wonderful narration
धनयवाद सर
THIS SHOWS GOOD KARAMS DO NOT GO WASTE. GOD HELPS THOSE WHO HELP OTHERS....
जब कोई सारी खिचेंगा तो जोर किवजह से अपने आप कोइ भी स्री गोल गोल ही घूमेगी!नीचे गिर गई तो वस्र निकल नहीं पायेगा! ऊपर का थोडा तो वस्र ऊसके हाथ तो आयेगा ही! यानी जो दृश्य महाभारत सिरियलमें दिखाते है, वह वास्तव लगता है! बाकी जानकारी के लिये धन्यवाद!
Beautiful stories 😍
Yess
Yes
धन्य वाद 🙏🌅🙏
Jai Shri Krishn
Bht sahi katha sunai aapne
Jai shri krishan
first like first coments jai shree krishna🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद
Jai shree krishna bhai
Aapaka tark aankhe kholati hai.
Aisa hi hua hoga.
Apani apani samajh hai.
Jay shree krishna.
Very nice explanation.. Thanks!
Isko kus pata he nhi bachera ko
जय श्रीकृष्ण !
Bahut sunder
Aap sath me ghum rhe the Kya????
Kya aap batayenge ki swarg or nark ki location kaha h
Swarg aur narak toh bahut dur ki baat hai pehle tum hume ye batao ki Earth Kaha par hai. Earth ki kya location hai 😅. Science ne abhi itni tarraki Nahi kari hai . Lekin hum logo Ka dharam bahut advanced tha
@@SeemaSharma-ci5zg seema ji ans ni pata to bekar m reply n do
Jay shree Krishna 🚩🕉🌹🌹❤❤
Jai ho...
Kya aap batayenge ki sapta dweep or 7 seas kaha par h purano ke anusar
Sapt dweep 7 continent hai aur sapt Sagar Ocean ko 7 jisso me batke bana hai
એક દિવસ શ્રી કૃષ્ણ શેરડી ખાતા..હાથમા કટાર લાગી આ જોઈને દ્વોપદીએ શ્રી કૃષ્ણનાં હાથે પાટો બાંધી આપ્યો.તે વસ્ત્રના તાર ગણતા 999 તાર થયા..એવી રીતે શીરહરણ સમયે ભગવાન શ્રી કૃષ્ણ પોતે..દ્વોપદીના સ્વરુપે હતા...દુશાસન સીર ખેંચવા લાગ્યો ત્યારે શ્રી કૃષ્ણએ તાવ મુક્યો અને દુશાસન ઢળી પડ્યો..તૈયાર થી આ તાવ બધાને લાગુ પડે છે...જય શ્રી કૃષ્ણ.
❤❤🙏🏼🙏🏼
गलत बात है झारी से काटा नहीं लगा था। जब भगवान ने सिसुपाल का बध किया था तब उनका हाथ एक पात्र से कटा था।
अच्छी जानकारी है ।👌👌👌
Correct
Bilkul Sahi Kaha aapne
Jay bhole
Om Namah shivay...
Thanks for information
पहले भाग से मुझे सहमति नहीं हुई कि द्रोपदी खम्ब को पकड़ कर गिर गई होगी।
गोविंद ने सहायता तभी कि जब द्रोपदी ने पूर्ण समर्पण कर दिया था और बेसुध होकर केवल और केवल गोविंद को पुकारने लगी।
रही बात दुशासन की तो उसकी शक्ति गोविंद के समक्ष बहुत तुच्छ थी । थक जाना कोई बड़ी बात नहीं थी
इसका अर्थ ये हुआ कि आपके अनुसार द्रोपदी गोल-गोल घूमती रही, क्या कोई बेसुध होकर भी गोल-गोल घूम सकता है।
@@Secrets_of_Hindu_Dharm agr Dropadi besudh ho gai unhe koi Gyan nhi rha to phir unhone kuruwnsh k naash ka prn kaise liya...Apne keshu se churaa-mani fek kaise Diya...Dushashn ki khoon se Apne Baal dhone se MAHABHARAT ki niww kaise rkhi ! Ye sb to usi sbha mai ho gai thi...
Saley.tu.batayga.bhutney.ke
Bhut acha laga....
Hindu dhram Vishal Hai.,....
Rhasya or vishwas hota Hai
Jai Shri Radhay Krishna......
Mera Baba,mitha Baba, pyara Baba. Mera Baba,mitha Baba, pyara Baba.
ये इंसान कलयुग में बैठ कर द्वापर को देख रहा है वाह क्या बात है मान गए बॉस। कह रहा है मुझे लगता है गिर गई होगी। मतलब भूत भाबिस्य वर्तमान को ये इंसान आयने की तरह साफ साफ देख सकता है
Sahi kh rahe ho bhai
Good
Jai shri Krishna
God tusi great ho
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश जी आज नित्य कर्म की चर्चा किऐ भारत में कितने कर्म है मेरे जानकारी में नित्य कर्म निती कर्म अनीती कर्म कुटनीति कर्म ओर सुन्य कर्म आपको जानकारी में जो भी हो बिसतार से बताईए
यही सत्य बात है
Jai shrekrishna jai Bharat jai Hindu culture
Agar Draupadi neeche let/gir gai..to usko hilaye begair vastra kheencha hi nahi jaa sakta.....unless she moves..not possible for Dushassan to pull yards and yards of saree...jo lapeti jaato hai
Aap bilkul galat manghadnt jaankaari de rahe h mahrishi ved vyas ji ne pure mahabharat me kahi iska jikar nabi kiya h aapapna najariya mahbharat se bada maante h. Aap jaise log hamari sanskriti ke rakshak nahi h. Band karo ap i manmakif kalpna. Chhi.
He Bhagwan
Aap log sirf galtiyao ko dhundne me hi lage raho
Are jisne Mahabharata banayi usko dhanywad do jo aap logo ko ye sab janne ka awsar mila
Varna ye sab garntho me hi pda rahta
Bhagwan ke liye dusro me galtiya dhundna bandkro
Itne bade program banane me ho sakta h
मनुवादी संस्कृति बहुत ही लज्जा जनक है
निकल ना गधे
Sir, there was a science behind this scene ........
I think the meaning of vardan was some kind of scientific instrument ...... Or some technology or technique ....
Which is given by a man to needy person / hard worker's
....... Sir please think about it and explain in up coming vedios ....
Thank u
🙏🙏🙏🙏🙏
Is time travel possible? We wish your episode on time travel.
Jay shri Krishna 🙏
.
Apne kartavy ke ley Kam kiya Kath wrong
No doubt a good turn deserves another.
Baki aapne jo bataya ki vo niche giri aur dushanan vastra khinch raha hoga wo bhi sach hoga
सबसे ताजुब बात यह है उस समय का हर एक स्टोरी हम लोग को पता है हर एक नाम हम लोग को पता है उनका बाप परदादा नाम तक हम लोग को पता है फिर उस समय व्यवहार किया गया मंत्र हम लोग को क्यों नहीं पता है पता कर लेता तो आज नारी पुरुष का विभाग की जरूरत नहीं पड़ती
श्री कृष्ण ने वहां की सारी महिला ओ को समझाया की आज द्रौपदी है, कल तुम्हारी बारी आ शक्ति है l तो वो सारे कपड़े पहनाती थी, इस तरह सारी महिला ओ ने मिलकर दुशासन को हरा या l
अति सुन्दर सर ,,,,मै पिछला कमेंटकमेंट्स के लिये माफी चाहता हुँ।
Sir ager main sab kuch moh maya chhor kar Himalaya chala jau toh mujhe guru kaha se milega...kya aap mujhe bata sakte hai????
जहाँ तक गुरु मिलने की बात है तो एक बात सदा याद रखना कि जितना शिष्य को गुरु की तलाश होती है उससे अधिक गुरु को सच्चे शिष्य की तलाश होती है। यदि तुम्हारे अन्दर सच्ची लगन है तो ईश्वर स्वयं तुम्हारी सहायता करेंगे। ईश्वर का संकेत मिलने से पहले जल्दबाज़ी करना सही नहीं है। हमारे जन्म के साथ ही हमारे ऊपर कर्तव्यों का बंधन होता है, उसे भी पार करना होता है। माता पिता भी ईश्वर का ही रूप होते हैं उनकी अवज्ञा करके उन्हें छोड़ जाना सही नहीं। मैंने अपने जीवन में अनुभव किया है कि यदि हम सही मार्ग पर होते हैं तो हमारा तप बढ़ाता रहता है और उस तप के फलस्वरूप हम पहाङो पर या जंगल में निर्वाह कर सकते हैं अन्यथा कुछ ही दिनों में हालत इतनी खराब हो जाएगी कि हम इत के रहोगे ना उतके। मैंने ब्रह्मचर्य को सिद्ध करके और सत्य का पालन करके अपना तप बढाया है जिसके कारण अब मेरा शरीर बिमारी ग्रहण नहीं करता। मैंने पिछले तीस साल से कोई दवा नहीं ली है। मैं सन्यास के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ लेकिन कर्मबंधन से अभी मुक्त नहीं हुआ हूँ। मैं वीडियो बना बनाकर पोस्ट कर रहा हूँ ये भी ईश्वर के संकेत पर कर रहा हूँ। जब मेरे कर्तव्य पूरे हो जाएंगे तो भगवान आगे के लिए स्वयं निर्देश कर देंगे। अतः ईश्वर का ध्यान करते हुए और पाप कर्म से बचते हुए अपनी जिम्मेदारी के काम करते रहो और ईश्वर के संकेत की प्रतीक्षा करो।
@@Secrets_of_Hindu_Dharm dhanyabad
@@Secrets_of_Hindu_Dharm sir main pichle 1 hafte se apke neya video ka intezar kar raha huuu.....please koi video banaye.....
केशव केवल कारणों के कारन और कारक हैं ! मैं बहुत भाग्यशाली हूँ !
Lekin Mahabharata me dikhagayathaki Sishupal badhka samayame Krishnajine Draupadiko bardan diethe.
TV serial में जो दिखाया जाए वही सत्य भी हो ये जरूरी नहीं। सीरियल में दिखाया कि शिशुपाल को मारने के लिए सुदर्शन चक्र चलाते हुए कृष्ण जी की उंगली में चोट लग गई थी। लेकिन मैं उन सीरियल वालों से पूछना चाहता हूँ कि क्या कोई दिव्यास्त्र स्वयं को भी चोट पहुंचा सकता है ?? सुदर्शन चक्र कृष्ण जी का अपना ही दिव्यास्त्र था फिर भी चोट खा बैठे?? क्या उन्होंने प्रैक्टिस कम की थी ??
TV serial देखो परन्तु अपना दिमाग भी लगाओ। दिव्यास्त्र और सामान्य अस्त्र में अन्तर होता है। सामान्य अस्त्र तो हमें चोट मार सकता है परन्तु दिव्यास्त्र स्वयं को चोट नहीं पहुँचा सकता। श्रीकृष्ण जी तो वैसे भी कुशल योद्धा थे, वे अपने ही सुदर्शन चक्र से चोट नहीं खा सकते। यदि तुम्हें लगता है कि सीरियल वाले सही बता रहे हैं तो तुम विश्वास करो, परन्तु रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, उंगली पर नहीं।
रामायण और महाभारत के समय भी महिलायों पर अत्याचार हुए और आज भी हो रहे हैं।
किसी नारी का अपमान करना ही चीर हरण है है एक मुहावरा है श्री. कृष्ण जी वन्हा नन्ही आये थे
dropdi ka vastraharan nahi hoa tha
Radhe radhe Satya hai
Aap ko confidence hi nahi hai khate ho me ujhe lagta ta ehsa hua hoga ,first b sure than talk ,plz collect proper knowledge and than speak
sir bhaut accha vedio hai ek question hai uss per please vedio banaye - aaj ke yug me hume devta kyu nahi dikhayi deta hai jab ke kuch logo ko bhoot dikh jata hai per kisi ki devta nahi dikhaye dete
देवता दिखाई दे सकते हैं, परन्तु भूत देखे नहीं जा सकते, क्योंकि भूत का कोई शरीर ही नहीं होता जबकि देवताओं के पास दिव्य शरीर होता है। देवता किसके सम्मुख प्रकट होंगे ये वही तय करते हैं। देवता सबको दिखाई नहीं देते।
@@Secrets_of_Hindu_Dharm sir aapse request please iss topic ek vedio banaye. kya aaj ke kalyug me hum. kisi devta ko dekh sakte hai agar dekh pana sambhav to kaise
@@abhilashnayar6086 parantu apko devta ko kyu dekhna hai Kya apko skak hai bhagwan ke bare Mai ?
@@ijtihadfatim no Bhagwaan ya parmatma devta se alag hote hai
ज्ञान तो ठीक है लेकिन कुछ अधूरा ज्ञान है आपका
Kya adhura hai jo ki apko malum ye bhi bata dijiye aap to gyani hai
Apka gyan poora hai kya
बोलने वाले और सुनने वाले श्रीमान उसे मैं यही कहना चाहता हूं की समय का दौर एक ऐसी चीज होती है जो अपने समय में अपनी परंपराएं बनाता है और उन परंपराओं और रिवाजों के अंतर्गत जो व्यक्ति अपना समय व्यतीत करते हैं उन्हें उन परंपराओं को मेरी वालों को अपनाना पड़ता है क्योंकि उस समय का अपना एक समाज होता है इसमें कोई बहुत बड़ी बात नहीं है बोलने वाले श्रीमान और सुनने वाले श्रीमान से ही कहना चाहता हूं कि एक छोटा सा फार्मूला बता रहा हूं आज के दौर में लड़कों की जिंदगी ले लीजिए और बुजुर्गों का समय ले लीजिए जब वह लोग लड़के थे दोनों में आपको बहुत अंतर मिलेगा तो ऐसा टीका टिप्पणी करना उचित नहीं है मैंने बताया ना एक समय का दौर होता है और समय के दौर में व्यक्ति जो परंपराएं बनी होती है उसको बनाता है और उस रीवा से चलता है बेकार की टिप्पणी करना ठीक नहीं है
Sir aapko koe jankari nhi h.bewjha yha logo ko glat gyan na da aur bhagwan ko kisi ki madad krne k liya kisi khani ki jrurat nhi.bhagwan ko jo b sacche mun se yaad krta h.bhagwan un sabki madad(help) krte h
🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Jai shree krishna
Jay ho satya sanatan sanskriti ki.