🌹एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान #शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द मुस्कुरा रहे हैं। पार्वती जी के मन में प्रश्न उठा कि आज महादेव ध्यान मुद्रा में भी क्यों मुस्कुरा रहे हैं। उन्होंने भोले बाबा की समाधी समाप्त होने पर उनसे पूछा - स्वामी मैंने आपको पहली बार समाधी में मुस्कुराते हुए देखा है इसका क्या कारण है। शिव जी ने उन्हें बताया कि उनके एक भक्त और उसकी पत्नी की बातें सुन कर वे मुस्कुरा रहे थे। पूरी बात बताते हुए महादेव ने बताया कि मृत्युलोक में मेरा एक अनन्य भक्त एक ब्राह्मण है जो कि मेरे ही एक मन्दिर में पुजारी है और दिन रात मेरी सेवा में लगा रहता है। वह इसी मन्दिर के पीछे छोटी सी कुटिया में अपनी पत्नी के साथ रहता है। इसकी पत्नी चाहती है कि उसके पास उसका खुद का घर हो और धन-दौलत हो जिससे वह सुख से अपना जीवन बिता सके परन्तु पुजारी केवल मन्दिर के चढ़ावे पर निर्भर है और मन्दिर में आने वाली दान दक्षिण से बड़ी मुश्किल से उसके घर का खर्च ही चल पाता है। घर और अन्य सुख सुविधा कहां से आयेंगी पर वह दिन रात मेरे से अपनी पत्नी का सपना पूरा करने का अनुग्रह करता रहता है। आज उसकी पत्नी ने उससे ऐसी बात कही जिसे सुनकर मैं मुस्कुराए बगैर नहीं रह सका। पार्वती जी ने पूछा ऐसा क्या कहा उसकी पत्नी ने जो आपका ध्यान भंग हो गया। शिवजी ने बताया उसकी पत्नी ने आज उसे ताना मारते हुए कहा कि जिन भोले शंकर की तुम दिन रात सेवा करते रहते हो और उनसे मेरे लिए घर मांगते रहते हो उनके पास तो खुद घर नहीं है वे तो खुद कैलास पर्वत पर रहते हैं। तुम्हें कहां से घर देंगे। बस यही बात सुनकर मैं मुस्कुरा रहा था। इस पर पार्वती जी को बड़ा आश्चर्य हुआ उन्होंने कहा स्वामी यह बात सुन कर मुझे बहुत बुरा लगा वह आपको ताना मार रही है और आप मुस्कुरा रहे हैं। आप उसे एक घर और सुख सुविधाएं दे दीजिए जिससे वो आपकी निन्दा न कर सके। इस पर शिव जी ने कहा पार्वती यह मेरे वश में नहीं है। ये सभी प्राणी तो मृत्युलोक में रहते हैं अपने पिछले जन्म के और साथ ही इस जन्म के कार्मो का फल भोग रहे हैं। और जैसे ही इनके कर्मो का फल इन्हें मिल जाता है। उन्हें सभी प्रकार के सुख मिलना शुरू हो जाते हैं। और अंत में वे मुक्ति पा जाते हैं। इसी लिए इसे मृत्युलोक कहा गया है। मनुष्य बार बार जन्म लेकर अपने कर्मो का हिसाब चुकाता है। यह कर्म भूमि है बिना कर्म के गति नहीं है। आगे शिव जी ने कहा यह ब्राह्मण पिछले जन्म में एक साहुकार था जो कि लोगों की जमीन, उनके जेवर पशु आदि गिरवी रख कर उन्हें पैसे देता था और उनकी जमीन हड़प लेता था। और जो दूसरों के जेवर और ब्याज में पैसा मिलता था। उसका उपयोग यह उसकी पत्नी भी किया करती थी। इसी कारण आज इस जन्म में इसे घर नहीं मिल सकता और इसकी पत्नी जिसने उन वस्तुओं का उपयोग किया वह भी इसके साथ यह कर्मफल भोग रही है। इस जन्म में यह मेरी सेवा कर रहा है। जिससे इसके कर्मो के फल में जो कष्ट मिलने थे वे मेरी भक्ति के कारण इसे नहीं मिल रहे हैं। इसका जीवन शांति से कट रहा है पर जब तक इसके कर्मो का हिसाब पूरा नहीं होता इसे घर और अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकती। यही विधि का विधान है। पार्वती जी ने कहा यह तो ठीक है। पर उसकी पत्नी जो आपकी निन्दा कर रही है उसका क्या। तब शिव जी ने कहा संसार में जैसे जैसे कलयुग का समय निकट आता जायेगा। मनुष्य भगवान की भक्ति करने के स्थान पर उनकी निन्दा करने लगेगा यह सृष्टी के आरम्भ में ही लिखा जा चुका है। जो व्यक्ति इस कठिन समय में मेरी सेवा करता रहेगा उसको इस मृत्युलोक से मुक्ति मिल जायेगी।🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
द्रौपदी का कर्ज"।। अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा महल में झाड़ू लगा रही थी तो द्रौपदी उसके समीप गई उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली, "पुत्री भविष्य में कभी तुम पर घोर से घोर विपत्ति भी आए तो कभी अपने किसी नाते-रिश्तेदार की शरण में मत जाना। सीधे भगवान की शरण में जाना।" उत्तरा हैरान होते हुए माता द्रौपदी को निहारते हुए बोली, "आप ऐसा क्यों कह रही हैं माता ?" द्रौपदी बोली, "क्योंकि यह बात मेरे ऊपर भी बीत चुकी है। जब मेरे पांचों पति कौरवों के साथ जुआ खेल रहे थे, तो अपना सर्वस्व हारने के बाद मुझे भी दांव पर लगाकर हार गए। फिर कौरव पुत्रों ने भरी सभा में मेरा बहुत अपमान किया। मैंने सहायता के लिए अपने पतियों को पुकारा मगर वो सभी अपना सिर नीचे झुकाए बैठे थे। पितामह भीष्म, द्रोण धृतराष्ट्र सभी को मदद के लिए पुकारती रही मगर किसी ने भी मेरी तरफ नहीं देखा, वह सभी आँखें झुकाए आँसू बहाते रहे। सबसे निराशा होकर मैंने श्रीकृष्ण को पुकारा, "आपके सिवाय मेरा और कोई भी नहीं है, तब श्रीकृष्ण तुरंत आए और मेरी रक्षा की।" जब द्रौपदी पर ऐसी विपत्ति आ रही थी तो द्वारिका में श्री कृष्ण बहुत विचलित होते हैं। क्योंकि उनकी सबसे प्रिय भक्त पर संकट आन पड़ा था। रूकमणि उनसे दुखी होने का कारण पूछती हैं तो वह बताते हैं मेरी सबसे बड़ी भक्त को भरी सभा में नग्न किया जा रहा है। रूकमणि बोलती हैं, "आप जाएँ और उसकी मदद करें।" श्री कृष्ण बोले, "जब तक द्रोपदी मुझे पुकारेगी नहीं मैं कैसे जा सकता हूँ। एक बार वो मुझे पुकार लें तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसकी रक्षा करूँगा। तुम्हें याद होगा जब पाण्डवों ने राजसूर्य यज्ञ करवाया तो शिशुपाल का वध करने के लिए मैंने अपनी उंगली पर चक्र धारण किया तो उससे मेरी उंगली कट गई थी। उस समय "मेरी सभी पत्नियाँ वहीं थी। कोई वैद्य को बुलाने भागी तो कोई औषधि लेने चली गई। मगर उस समय मेरी इस भक्त ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और उसे मेरी उंगली पर बाँध दिया। आज उसी का ऋण मुझे चुकाना है, लेकिन जब तक वो मुझे पुकारेगी नहीं मैं जा नहीं सकता।" अत: द्रौपदी ने जैसे ही भगवान कृष्ण को पुकारा प्रभु तुरंत ही दौड़े गए।❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Krishna started a journey towards Hastinapur, but Dharma already helped Draupadi by providing clothes. In the Udyog parv, Krishna tells Sanjay, "At that time Draupadi called for me, but I could not help her. Therefore I have a debt".
Kaise pta diya dono ne draupadi ko Emotional blackmail krke Or jb uska apmaan ho rha tha tb kaha thi gandhari or ye dhritrashtra kuchh nhi bola or jb shaap ki situation aayi to rone lge wo to draupadi mahaan hi thi jo Maan gyi
kaise aadmi ho tum tum ek kulvadhu ke apman aur uske vastraharan ko justify kar rahe ho nom matter usne kaha hoga par uska karan ye nahi tha duryodhanki wajah se sab hua @@ekkadamjavikkhetikitraf5156
Superb Video 🙏🙏🙏 Mahabharat na hota Agar Gandhari ji ne Aakho pe Patti na bandhi Hoti. lekin Dhutrashtra Ji ki Aakhe Ban jati. Draupadi ji ka Apne ahankar Bhare shabda. " Andhe ka Putra andh..Duryodhan ko Bahot Hurt kiya. Andhe ka Putra Andha.. Kunti ji ne karna Ka Raj Chupaya na hota.. Jay Shree Krishba 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गांधारी को पताका द्रौपदी एक जग जननी है द्रौपदी एक महाकाली का अवतार है उसी ने भूमिका सृष्टी कापुरे नास हो जायेगा इसीलिए श्राप देने के लिए द्रोपदी को रोका गया था द्रौपदी ही भारत की धरती माये
जय हरी माऊली ह भ प मारोती चिंतले महाराज खतगावकर यांचे उजळले भाग्य आता हे अध्यात्मिक निरंकारी किर्तन आणि सद्गुरूंचे ज्ञान हे अध्यात्मिक निरंकारी गित ऐका जी देवा.👃🌹
Thats why it is mahabharata bcoz gandhari has too much pamperness to her child she was too much devoured in the child love that she has seen nothing in her child s wrong done this teaches mahabharata that in todays generation a mother becomes blind in loving her child that she doesn't see the childs fault so this is much
Right bhagwaan krishna jantethey yeh Yudhoyono zaroori tha woh srishti k rakshakarta hai woh aise hi kuch badal nhi sakta ha yeh woh pehlese hi jantehao kyunki kouravoka paap ka ghara bhar chukha tha .. par unko mila shrap .. gandhari ne thik nahi diya .. Yadav bhi apne aap may lobhi hogue they kalah kar rahw the unka bhi isilye binash hua
This was bad. As a mother Gandhari could do nothing to stop the evils of her sons. This is a superb scene. She herself could have cursed her sons rather than giving two askings or boons to Draupadi
Draupadi herself was a complete Goddess!!! She herself was fire born. 🔥 If she wished, she could have burnt everyone in the sabha there itself! She was mentally strong, powerful & brave! She is greater than any of the Pandavas, be it Arjuna or Bheema, because she was the only one to oppose the wrong taking place in the Sabha!
@@thebankrupt4571 It was Yudhishthira's mistake. His brothers should have opposed him from doing wrong! But only Draupadi had the guts to speak up the truth! Even Lord Krishna also said that Draupadi was the only one to oppose the wrong doings in the Sabha!
गांधारी का असली नाम गधेड़ी होना चाहिए था जिसने पहले तो 99 दुष्ट पुत्रों को जन्म दिया था (विकर्ण को छोड़कर) और कौरव दुष्टों को श्राप देने से महादेवी द्रौपदी को रोक दिया, बाद में प्रभु श्री कृष्ण को श्राप दे दिया। श्री हरि नारायण विष्णु यानी श्री कृष्ण महादेव का सम्मान करते हैं और दुष्ट गधेड़ी (गांधारी) महादेव की भक्त थी इसलिए प्रभु ने शिव के सम्मान में गधेड़ी के श्राप को ओढ़ लिया वरना श्री हरि कृष्ण सुदर्शन से इस गधेड़ी के सिर को धड़ से अलग कर देते।
The major fault was on her.... She purposefully insulted / humiliated her brother in law, and karna various times... she inserted the seed of revenge deep into both of their heart.... KARMA retaliates.
@@vidhukumarvishwanathanshan7712 Pandavas inherited Hastinapur property and instead they were thrown out and were given barren land of Indraprasth. Duryodhan played the conspiracy and put Lakshagriha into fire. Yudhisthir had urged Draupadi to apologize but before that Duryodhan took the revenge......still you find Draupadi's major mistake
पुत्र मोह में ही इस संसार में अनर्थ हुए हैं 😢, भरी सभा में अधर्म होने के पश्चात भी गांधारी पुत्र मोह से बंधी थी 😢 नहीं तो सारे उसी क्षण द्रोपदी के श्राप से भस्म हो गए होते और महाभारत युद्ध भी नहीं होता 😊
Kabhi kabhi lagta hai ki jis tarah constitution amend hota hai usi tarah dharm me likhi kuch baato ko samay ke anusaar amend hona chahiye taki log dharm ka sahara lekar adherm na kare. Is chausar ke khel ka hi udahran lijiye, yaha sab kuch 'dharm' ke anusaar hi hua, sare dao dharm me likhi baato ke anuroop hi hua- draupadi daasi ho gai, uska apmaan hua or cheerharan bhi. Kisi ne kuch nhi bola kyuki sab maryada me bandhe the or apne apne dharm ka palan kar rahe the. Lekin ek stree ke samman ki raksha hi sabka param dharm hona chahiye yahi bharat ka gaurav hai yahi hamari reet hai.
Awesome acting by Rupa Ganguly the role was offered to Ramya Krishnan aka Shivgami of Bahubali. Even by Renuka ji who portrayed the role of gandhari was younger than Puneet Issar.
The nature of the Self in a state of Vidya is bliss; now the state of Vidya is a state of self-realisation, the realisation of oneness & universality. The nature of the Self in the state of Avidya, the false sense of diversity and limitation is a state not of pure bliss but of pleasure & pain, for pleasure is different from bliss, as it is limited & involves pain, while the nature of bliss is illimitable and above duality; it is when pain itself becomes pleasure, is swallowed up in pleasure, that bliss is born. -Sri Aurobindo
Bdi ajib bidmbna hai aaj Gandhari ne Dropti ko shrap Dene se rok liya aur vahi gandhari Apne kul ka Nash hone par Bhagwan Shri Krishna ko shrap deti hai
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे
धन के कारण द्रौपदी का अपमान हुआ है धन के कारण ही महाभारत छडी गई है धन के कारण ही सर्वांना महाकाली का अवतार माँ को लेने में देर नही लगती महाकाली पाच मिनिट पे बन जाती है तो संसार का घर मे संसार का नाश हो जाता है मा के कारण हे माहेश्वरी श्रेष्ठ हे भारत माता की जय जय तिरंगा ही लहरा उठा हमारा देशील जगमगा उठान नरेंद्र मोदी ही है हमारे देशवासी ओके
🌺Devi Padmavathi🌺(Goddess of snakes) is my father. Yes it is true. I have born by her blessing. For example I am like Karna ( in the "Mahabhartha") who was born by the blessing of Lord Surya. If you want any proof please come at Guma Manasa Bare ( very famous temple of my father) in West Bengal and ask here. Here my father comes every Sunday. I not only want that people knows my truth but also I want that everybody knows my father's power and nobility. Belief or unbelief is your matter. Don't write nor think any hate speech about my father and serve her. My father blesses you. Thank you so much.....🌹🍒🌹💖🌹
Aap apne papa ko meri aur se "Pranam" kehiyega. Please. Mein unhe sacche man se pranam kargi hun. 😇😊☺. Because I know there is a power beyond Science....🥺😊💜
Draupdi hi kyu? Pandavo ko anya wife kyu nhi? Draupdi k vajaye subhadra kyu nhi? Van me bhatkna ho to droupdi Agyatwass ho to dropdi Sacrifices krna ho to dropdi Lekin prem krna ho to anya patniya.
🌹एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान #शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द मुस्कुरा रहे हैं। पार्वती जी के मन में प्रश्न उठा कि आज महादेव ध्यान मुद्रा में भी क्यों मुस्कुरा रहे हैं।
उन्होंने भोले बाबा की समाधी समाप्त होने पर उनसे पूछा - स्वामी मैंने आपको पहली बार समाधी में मुस्कुराते हुए देखा है इसका क्या कारण है।
शिव जी ने उन्हें बताया कि उनके एक भक्त और उसकी पत्नी की बातें सुन कर वे मुस्कुरा रहे थे। पूरी बात बताते हुए महादेव ने बताया कि मृत्युलोक में मेरा एक अनन्य भक्त एक ब्राह्मण है जो कि मेरे ही एक मन्दिर में पुजारी है और दिन रात मेरी सेवा में लगा रहता है।
वह इसी मन्दिर के पीछे छोटी सी कुटिया में अपनी पत्नी के साथ रहता है। इसकी पत्नी चाहती है कि उसके पास उसका खुद का घर हो और धन-दौलत हो जिससे वह सुख से अपना जीवन बिता सके परन्तु पुजारी केवल मन्दिर के चढ़ावे पर निर्भर है और मन्दिर में आने वाली दान दक्षिण से बड़ी मुश्किल से उसके घर का खर्च ही चल पाता है।
घर और अन्य सुख सुविधा कहां से आयेंगी पर वह दिन रात मेरे से अपनी पत्नी का सपना पूरा करने का अनुग्रह करता रहता है। आज उसकी पत्नी ने उससे ऐसी बात कही जिसे सुनकर मैं मुस्कुराए बगैर नहीं रह सका।
पार्वती जी ने पूछा ऐसा क्या कहा उसकी पत्नी ने जो आपका ध्यान भंग हो गया। शिवजी ने बताया उसकी पत्नी ने आज उसे ताना मारते हुए कहा कि जिन भोले शंकर की तुम दिन रात सेवा करते रहते हो और उनसे मेरे लिए घर मांगते रहते हो उनके पास तो खुद घर नहीं है वे तो खुद कैलास पर्वत पर रहते हैं। तुम्हें कहां से घर देंगे। बस यही बात सुनकर मैं मुस्कुरा रहा था।
इस पर पार्वती जी को बड़ा आश्चर्य हुआ उन्होंने कहा स्वामी यह बात सुन कर मुझे बहुत बुरा लगा वह आपको ताना मार रही है और आप मुस्कुरा रहे हैं। आप उसे एक घर और सुख सुविधाएं दे दीजिए जिससे वो आपकी निन्दा न कर सके।
इस पर शिव जी ने कहा पार्वती यह मेरे वश में नहीं है। ये सभी प्राणी तो मृत्युलोक में रहते हैं अपने पिछले जन्म के और साथ ही इस जन्म के कार्मो का फल भोग रहे हैं। और जैसे ही इनके कर्मो का फल इन्हें मिल जाता है। उन्हें सभी प्रकार के सुख मिलना शुरू हो जाते हैं। और अंत में वे मुक्ति पा जाते हैं।
इसी लिए इसे मृत्युलोक कहा गया है। मनुष्य बार बार जन्म लेकर अपने कर्मो का हिसाब चुकाता है। यह कर्म भूमि है बिना कर्म के गति नहीं है।
आगे शिव जी ने कहा यह ब्राह्मण पिछले जन्म में एक साहुकार था जो कि लोगों की जमीन, उनके जेवर पशु आदि गिरवी रख कर उन्हें पैसे देता था और उनकी जमीन हड़प लेता था। और जो दूसरों के जेवर और ब्याज में पैसा मिलता था। उसका उपयोग यह उसकी पत्नी भी किया करती थी।
इसी कारण आज इस जन्म में इसे घर नहीं मिल सकता और इसकी पत्नी जिसने उन वस्तुओं का उपयोग किया वह भी इसके साथ यह कर्मफल भोग रही है।
इस जन्म में यह मेरी सेवा कर रहा है। जिससे इसके कर्मो के फल में जो कष्ट मिलने थे वे मेरी भक्ति के कारण इसे नहीं मिल रहे हैं। इसका जीवन शांति से कट रहा है पर जब तक इसके कर्मो का हिसाब पूरा नहीं होता इसे घर और अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकती। यही विधि का विधान है।
पार्वती जी ने कहा यह तो ठीक है। पर उसकी पत्नी जो आपकी निन्दा कर रही है उसका क्या।
तब शिव जी ने कहा संसार में जैसे जैसे कलयुग का समय निकट आता जायेगा। मनुष्य भगवान की भक्ति करने के स्थान पर उनकी निन्दा करने लगेगा यह सृष्टी के आरम्भ में ही लिखा जा चुका है। जो व्यक्ति इस कठिन समय में मेरी सेवा करता रहेगा उसको इस मृत्युलोक से मुक्ति मिल जायेगी।🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
जय भोले नाथ जय माता पार्वती
द्रौपदी का कर्ज"।।
अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा महल में झाड़ू लगा रही थी तो द्रौपदी उसके समीप गई उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली, "पुत्री भविष्य में कभी तुम पर घोर से घोर विपत्ति भी आए तो कभी अपने किसी नाते-रिश्तेदार की शरण में मत जाना। सीधे भगवान की शरण में जाना।" उत्तरा हैरान होते हुए माता द्रौपदी को निहारते हुए बोली, "आप ऐसा क्यों कह रही हैं माता ?"
द्रौपदी बोली, "क्योंकि यह बात मेरे ऊपर भी बीत चुकी है। जब मेरे पांचों पति कौरवों के साथ जुआ खेल रहे थे, तो अपना सर्वस्व हारने के बाद मुझे भी दांव पर लगाकर हार गए। फिर कौरव पुत्रों ने भरी सभा में मेरा बहुत अपमान किया। मैंने सहायता के लिए अपने पतियों को पुकारा मगर वो सभी अपना सिर नीचे झुकाए बैठे थे। पितामह भीष्म, द्रोण धृतराष्ट्र सभी को मदद के लिए पुकारती रही मगर किसी ने भी मेरी तरफ नहीं देखा, वह सभी आँखें झुकाए आँसू बहाते रहे। सबसे निराशा होकर मैंने श्रीकृष्ण को पुकारा, "आपके सिवाय मेरा और कोई भी नहीं है, तब श्रीकृष्ण तुरंत आए और मेरी रक्षा की।"
जब द्रौपदी पर ऐसी विपत्ति आ रही थी तो द्वारिका में श्री कृष्ण बहुत विचलित होते हैं। क्योंकि उनकी सबसे प्रिय भक्त पर संकट आन पड़ा था। रूकमणि उनसे दुखी होने का कारण पूछती हैं तो वह बताते हैं मेरी सबसे बड़ी भक्त को भरी सभा में नग्न किया जा रहा है। रूकमणि बोलती हैं, "आप जाएँ और उसकी मदद करें।" श्री कृष्ण बोले, "जब तक द्रोपदी मुझे पुकारेगी नहीं मैं कैसे जा सकता हूँ। एक बार वो मुझे पुकार लें तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसकी रक्षा करूँगा। तुम्हें याद होगा जब पाण्डवों ने राजसूर्य यज्ञ करवाया तो शिशुपाल का वध करने के लिए मैंने अपनी उंगली पर चक्र धारण किया तो उससे मेरी उंगली कट गई थी। उस समय "मेरी सभी पत्नियाँ वहीं थी। कोई वैद्य को बुलाने भागी तो कोई औषधि लेने चली गई। मगर उस समय मेरी इस भक्त ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और उसे मेरी उंगली पर बाँध दिया। आज उसी का ऋण मुझे चुकाना है, लेकिन जब तक वो मुझे पुकारेगी नहीं मैं जा नहीं सकता।" अत: द्रौपदी ने जैसे ही भगवान कृष्ण को पुकारा प्रभु तुरंत ही दौड़े गए।❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Krishna started a journey towards Hastinapur, but Dharma already helped Draupadi by providing clothes.
In the Udyog parv, Krishna tells Sanjay, "At that time Draupadi called for me, but I could not help her. Therefore I have a debt".
@@parajkalita rf
@@thagubainimbhorkar6625
Kisari Mohan Ganguli - direct translation.
Jay ho
Jai shree Krishna bolo vrindavan banke Bihari Lal ki jai boliye dwarkadhish maharaj ki jai
कोन सा दानवीर कर्ण, भिस्मपत्मः, द्रोणचाच्रय, कृपाचार्य सब नाम के योद्धा। असली योद्धा तो श्री कृष्ण ही हैं
Sahi hai Bhai ❣️
Jai Shri Krishna Bhagwaan 🦚🥀🥀👏👏
22
Krishna to sbkuch hi bhaiya
@@AlokKumar-gl6xfpppppppppcc🎉
जो समाज नारी सुरक्षा व सम्मान नहीं कर सकता उस समाज का मिट जाना ही ठीक है। जो इसका समर्थन करते है।ऐसे लोगों को को समाज बदलनें के लिए आगे आना चाहिए।
Ha Sampat hona hi jarurat h samaj ki jarurat h
Draupadi aaj ki laaj gaya aur behudagi bhari aurton ka bhes le kar har mard jaat se badla le rahi ha
😮@@SonamKumari-yp5cn7t4y5
दस हजार गज बल घटा,घटा न दस गज चीर।
काह करै बैरी प्रबल,जो सहाय रघुवीर।।
जय जय जय सियाराम जी 🙏🏻🙏🏻❤️❤️
🙏🙏
Khud ko sharap se bacha liya our mere kanha ji ko itna bada sharap de diya...
Hypocrisy.
Kyuki Gandhari kuru wansh ki vadhu thi
Right
Isiliy to pura parivaar barbad ho gya
Poor lord he don't deserve this still he take that curse to respect gandhari
नारी के अपमान को कभी नहीं होने दे .जय महाराणा प्रताप 🙏
Jai maharana pratapa
जय श्री राम जय सियाराम जय श्री जगन्नाथ जय श्री कृष्ण जय सनातन धर्म
पुत्र मोह ने सारा हस्तिनापुर नष्ट कर deeayji
Kaise pta diya dono ne draupadi ko
Emotional blackmail krke
Or jb uska apmaan ho rha tha tb kaha thi gandhari or ye dhritrashtra kuchh nhi bola or jb shaap ki situation aayi to rone lge wo to draupadi mahaan hi thi jo Maan gyi
Dropati ka duryodhan ko andhe ka putar andha khna uchit tha kya
kaise aadmi ho tum tum ek kulvadhu ke apman aur uske vastraharan ko justify kar rahe ho nom matter usne kaha hoga par uska karan ye nahi tha duryodhanki wajah se sab hua @@ekkadamjavikkhetikitraf5156
Jai shree Krishna radhe radhe
कितनी काइयाँ औरत गांधारी हैं जो जब अपने खान्दान पर संकट आया तो प्रकट हो गई
Kitni haram aurat hai neech ka hi ki maaf karne ko bol rahi hai khud ki Beti ke sath hua hota to yhi bolti 😡😡😡😡😡
जुआ खेलने वालो का भगवान भी साथ नहीं देता ...❤
Draupadi ji & Krishna. Both Role R Mind blowing & Amezing
Radhe Radhe
बेस्ट नही सबसे भयावह सीन इससे ज्यादा भयावह एक नारी के लिए कुछ नही
Superb Video
🙏🙏🙏
Mahabharat na hota Agar Gandhari ji ne Aakho pe Patti na bandhi Hoti. lekin Dhutrashtra Ji ki Aakhe Ban jati.
Draupadi ji ka
Apne ahankar Bhare shabda.
" Andhe ka Putra andh..Duryodhan ko Bahot Hurt kiya.
Andhe ka Putra Andha..
Kunti ji ne karna
Ka Raj Chupaya na hota..
Jay Shree Krishba
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जो समाज नारी सुरक्षा व सम्मान नहीं कर सकता उस समाज का मिट जाना ही ठीक है जो इसका समर्थन करते हैं ऐसे लोगों को को समाज बदलने के लिए आगे आना चाहिए ❤❤❤
Panchalai mahan h . Udishthir ne unki ek baar bhi parvaah nhi ki
Parantu sabse pehle draupadi ne unki daas pad se mukti maangi.🌺🌺
राम से बड़ा नहीं कोई नाम हर कण और हर क्षण में राम कर भला
लोधी🚩 रानी अवंती वाई अमर रहें🙏 jai shri krishna
एक स्त्री का सबसे बड़ा उसका इज्जत होता है जब भरी सभा मैं द्रोपति का इज्जत कोई नही बचा पाया तो फिर अपना कोन ओर पराया कोन क्यू किसीको माफ करेगी
जय शिव शंकर ऊँ नमः नमः शिवाय हर हर महादेव जय श्री राधा कृष्ण, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Shiv hi Krishn , Krishn hi shiv , bus nam or avatar alag alag ,dono ek hi h
हरे, रामा हरे रामा हरे कृष्णा
गांधारी को पताका द्रौपदी एक जग जननी है द्रौपदी एक महाकाली का अवतार है उसी ने भूमिका सृष्टी कापुरे नास हो जायेगा इसीलिए श्राप देने के लिए द्रोपदी को रोका गया था द्रौपदी ही भारत की धरती माये
Jayshree.krishna
जय हरी माऊली ह भ प मारोती चिंतले महाराज खतगावकर यांचे उजळले भाग्य आता हे अध्यात्मिक निरंकारी किर्तन आणि सद्गुरूंचे ज्ञान हे अध्यात्मिक निरंकारी गित ऐका जी देवा.👃🌹
The same Gandhari cursed Lord Krishna when her son were killed but she stooped Draupadi from cursing..Wahhhh
Doglapan ise hi khte h😏
It is only in this version.
Thats why it is mahabharata bcoz gandhari has too much pamperness to her child she was too much devoured in the child love that she has seen nothing in her child s wrong done this teaches mahabharata that in todays generation a mother becomes blind in loving her child that she doesn't see the childs fault so this is much
Apna dard sabko dikhta h
Krishna ko bhi apni karni ki saza milni thi sab unki maya hai aap or hum nhi smjh skte
सर झुक गया दुर्यो का ...इसलिये बुरे करने से पहले 100 बार सोचना चाहिए ...
Ye kamina that sar jhuke ga vo bhi is kamine ka
Gandhari ne apne aparadhi putron ko shrap dene se daupadi ko mna kr diya lekin khud bhagwan krishan ko vansh nash ka shrap dete samay sochi bhi nhi
Haa shi kha
Right bhagwaan krishna jantethey yeh Yudhoyono zaroori tha woh srishti k rakshakarta hai woh aise hi kuch badal nhi sakta ha yeh woh pehlese hi jantehao kyunki kouravoka paap ka ghara bhar chukha tha .. par unko mila shrap .. gandhari ne thik nahi diya .. Yadav bhi apne aap may lobhi hogue they kalah kar rahw the unka bhi isilye binash hua
Right
This was bad. As a mother Gandhari could do nothing to stop the evils of her sons. This is a superb scene. She herself could have cursed her sons rather than giving two askings or boons to Draupadi
Yes she was tied by her attachment
Draupadi herself was a complete Goddess!!! She herself was fire born. 🔥 If she wished, she could have burnt everyone in the sabha there itself! She was mentally strong, powerful & brave! She is greater than any of the Pandavas, be it Arjuna or Bheema, because she was the only one to oppose the wrong taking place in the Sabha!
She was the only one to oppose because it was happening to her, she was the victim....
@@thebankrupt4571 It was Yudhishthira's mistake. His brothers should have opposed him from doing wrong! But only Draupadi had the guts to speak up the truth! Even Lord Krishna also said that Draupadi was the only one to oppose the wrong doings in the Sabha!
@@shamitaj4151 even a kaurava had opposed it, his name was Vikarna
......
@@thebankrupt4571 Yes, he was the only Kaurava to oppose.
@@shamitaj4151 even one more Kaurav, who had taken the Pandavas side, Yuyutsu
हस्तिनापुर जाते हुए धूल आज भी उठती है,,, चंडीगढ़ और हस्तीपुर की तर्रीकी की नीव एक साथ रखी गयी ती, आज चंडीगढ़ topmost सहर है और हस्तिनापुर वही का वही
7క్ష్ం.ఫట్ జ్వ్క్ష్క్జ్క్ష్వ్ మబ్బులపాలెంబ్ంర్ .
Jab draupadi ki ijjat looti ja rahi thi tab jyeshtha pitashree kahan the
वैसे कलयुग में श्राप अपने आप ही लग जाता हैं ...गर कोई भी किसी के साथ बुरा करे तो......i feel...i बिलीव....वैसे rare hi hota hain...
Jay Shree Radhe Krishna
Jay Mata Di
सक्ति के आगे म।ह। पुरुष भी निसबध बनगए
पर कृति की निती कैसी बनी आज यही दृश्य
मणिपुर कि घटन। बनी
बोलो भगवान श्री कृष्ण की जय 🙏🌹
लोधी🚩 पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह लोधी के validaan se ram mandir ban gaya🚩
गांधारी का असली नाम गधेड़ी होना चाहिए था जिसने पहले तो 99 दुष्ट पुत्रों को जन्म दिया था (विकर्ण को छोड़कर) और कौरव दुष्टों को श्राप देने से महादेवी द्रौपदी को रोक दिया, बाद में प्रभु श्री कृष्ण को श्राप दे दिया। श्री हरि नारायण विष्णु यानी श्री कृष्ण महादेव का सम्मान करते हैं और दुष्ट गधेड़ी (गांधारी) महादेव की भक्त थी इसलिए प्रभु ने शिव के सम्मान में गधेड़ी के श्राप को ओढ़ लिया वरना श्री हरि कृष्ण सुदर्शन से इस गधेड़ी के सिर को धड़ से अलग कर देते।
Roopa's voice does the magic. It sounds like the flames of 🔥
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Fggg
1:18 1:18 😮😮🎉
Aaj kal le chutiye smjhte hai pooja sharma iconic hai.....😂😂
us samay ka khula atyaachar tha.. 😭 dukhad time of draupadi 😭😭
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जय हो देवी द्रौपदी, सत्य को जानने व समझने वाली देवी गांधारी व मेरे प्रभू श्रीराम की 🙏🏻🙏🏻
Ft CT SE see
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@@babadahare1713 l
😢આજે તિરંગા યાત્રા દરમ્યાન ધોળકા તાલુકાના ઉટેલીયા સ્ટેટના યુવરાજ શ્રી ભગીરથસિંહ વાઘેલા આજરોજ શ્રી અરવિંદ કેજરીવાલના હસ્તે આમ આદમી પાર્ટીમાં જોડાવા બદલ ખુબ ખુબ સ્વાગત સહ આભાર.
🎉😅😅😅😅😅😮🎉❤😅😅❤😢
हरे कृष्णा🙏🙏
Best Mahabharat Katha
Super nice Mata Rani bliss you with loved families always welcome Barata mata ki Jai Santan Dhram ki Jai ho
🌹🙏राधे राधे जय श्री विष्णुभगवान की जय हो🌹🙏
Capable bhishma let it happen while jatayu know that he can't stop ravan... Still he tried😅
He had taken the oath of protecting and to be on the side of Hastinapur, possibly this could be the reason
@@thebankrupt4571 i respect bheesm. But in this matter he must had done something
@@ayush6415 true, but all the things are of .Maryada dignity
The major fault was on her....
She purposefully insulted / humiliated her brother in law, and karna various times... she inserted the seed of revenge deep into both of their heart....
KARMA retaliates.
@@vidhukumarvishwanathanshan7712 Pandavas inherited Hastinapur property and instead they were thrown out and were given barren land of Indraprasth. Duryodhan played the conspiracy and put Lakshagriha into fire. Yudhisthir had urged Draupadi to apologize but before that Duryodhan took the revenge......still you find Draupadi's major mistake
Unfortunately in India today a woman's honour and dignity is as unsafe Draupadi's was during that time.
But draupadi got justice but today women don't even get that
Simps can't see the truth.
@@user-go9kw6wf4m þttþťþtþr3
@@user-go9kw6wf4m😂😢😢😢😂🎉
@@user-go9kw6wf4m
😮
चीर बढ़ता 😊 गया फिर भी मूर्ख भगवान को नहीं पहचान पाए और अंत में सब मारें गये
जयहो
द्रुपदो को श्राप देने से गान्धारी ने रोक था।
अपने तो हमेशा से इन जैसे ही है ।पाखंडी ,झूठा प्यार दिखा कर बरबाद करने वाले
Very Nice
Great sir very very nice 👍
Best Mahabharat best b.r Chopra
Ise dekhkar mujhe Manipur yad a Gaya 💃💃💃💃💃💃😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
लेकिन मुझे तो बंगाल और कश्मीर याद आ रहा
पुत्र मोह में ही इस संसार में अनर्थ हुए हैं 😢,
भरी सभा में अधर्म होने के पश्चात भी गांधारी पुत्र मोह से बंधी थी 😢
नहीं तो सारे उसी क्षण द्रोपदी के श्राप से भस्म हो
गए होते और महाभारत युद्ध भी नहीं होता 😊
Maharaj dhritrashtra ap ap akhse andhe to hai ap dil se andhe hai ap putra moh ke karan vinash karwadala jai ho shree krishna ji ki
Wah maa to maa hi hoti hai he maa daya krna
This king only thinking about his son who is not looks like king from any angle.
इस्त्री माफ़ कर देती हैं लेकिन मर्द ईगो में माफ़ नहीं करते ...यह हैं औरत मर्द का फर्क ...🙂
इस्त्री नही स्त्री होता है
Don't use the word Aurat for woman .it is not appropriate to address any woman as Aurat .use the word Stree or Mahila.
@@KrishnaR-gq8wh yeah you're right
जय माहा भारत
Kabhi kabhi lagta hai ki jis tarah constitution amend hota hai usi tarah dharm me likhi kuch baato ko samay ke anusaar amend hona chahiye taki log dharm ka sahara lekar adherm na kare. Is chausar ke khel ka hi udahran lijiye, yaha sab kuch 'dharm' ke anusaar hi hua, sare dao dharm me likhi baato ke anuroop hi hua- draupadi daasi ho gai, uska apmaan hua or cheerharan bhi. Kisi ne kuch nhi bola kyuki sab maryada me bandhe the or apne apne dharm ka palan kar rahe the.
Lekin ek stree ke samman ki raksha hi sabka param dharm hona chahiye yahi bharat ka gaurav hai yahi hamari reet hai.
Patni ko dav pe lagana mere anusar dharm nhi..
Ek pati ka kya yhi dhrm hta h
Jay ahree Krishna Krishna ke Bina samaj adhura rahta dharmrm na rahta sab adharm hota
Awesome acting by Rupa Ganguly the role was offered to Ramya Krishnan aka Shivgami of Bahubali. Even by Renuka ji who portrayed the role of gandhari was younger than Puneet Issar.
Veri nice talk. .
@@shivnandangautam9868 સસબસબસસબબબબસબસસફબબબસસસબસ
ફબબફબફફફબબબફબફબબબબફબફફફબબબબફબફબફફફફફબબબબબફફબબબફફફફબફબબફબફફબ
Awesome acting by all the cast in these series.
@@puskarpandey4401 pllllllllllllllllllllllllpllllllpllllllpllllllpllpllllllllpllllppppo
Kitni dust thi gandari aapne beto Ki bchane ke liye kitni had Tk gir gyi 😢
Jai shree Krishna
The nature of the Self in a state of Vidya is bliss; now the state of Vidya is a state of self-realisation, the realisation of oneness & universality. The nature of the Self in the state of Avidya, the false sense of diversity and limitation is a state not of pure bliss but of pleasure & pain, for pleasure is different from bliss, as it is limited & involves pain, while the nature of bliss is illimitable and above duality; it is when pain itself becomes pleasure, is swallowed up in pleasure, that bliss is born.
-Sri Aurobindo
Aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
Yuu
V
Ĺ
जय श्री कृष्णा
Radhe Radhe guru Ji 🥀🌹🙏🥀🌹🙏🥀🌹🙏🥀🌹🙏🥀🌹🙏🌹🥀
In childhood i am confused between rupa ganguli and smita patil ❤ they both are best actress❤❤
Jai Mahakal 😘💜💖
बोलो भगवान श्री द्वारिकाधिश की जय 🙏🌹
Bdi ajib bidmbna hai aaj Gandhari ne Dropti ko shrap Dene se rok liya aur vahi gandhari Apne kul ka Nash hone par Bhagwan Shri Krishna ko shrap deti hai
Ad của dây dừa này chưa bao giờ ngán giọng hát. Từ 2015 đến bây giờ.
NICE TO HEAR MAHABHARATA STORY.
Puja sharma is the best
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे
Roopa Ganguly ek women hai. And. Dropadi ke rol me acchi lag rhi hai. So. Beshram is. India ke men
Jay Shri Ram hare Krishna hare Ram
Koti koti Naman gandari❤❤
kisiko shrap dena tha to yudhishtir ko dena chahiye tha.
🙏Jai Shri Krishna 🙏
खरच छान
Rupa Ganguli ji ka rol dumdar tha❤❤
Jay sri krishna 🙏
Kya kahu, Jay Shree Krishna, Jay Shree Krishna
Is pat key liya mey proud of you joi Sri Radha
Jai Shri Krishna 😘💜💖
गंधारी जी के बोल वचन सब को शिक्षा देने वाले हैं आप घर परिवारों
Bhul 1:52 aste
Ise kahte hain acting 👌👌👌
धन के कारण द्रौपदी का अपमान हुआ है धन के कारण ही महाभारत छडी गई है धन के कारण ही सर्वांना महाकाली का अवतार माँ को लेने में देर नही लगती महाकाली पाच मिनिट पे बन जाती है तो संसार का घर मे संसार का नाश हो जाता है मा के कारण हे माहेश्वरी श्रेष्ठ हे भारत माता की जय जय तिरंगा ही लहरा उठा हमारा देशील जगमगा उठान नरेंद्र मोदी ही है हमारे देशवासी ओके
महारानी गांधारी, ने, रोका,दोरपती को, श्राप देने से
Nari ka apman hua hai, aur jab duryodhan ka majak udaaya tha tab kya uski izzat kya paani thi.
Bahut Sundar Mahabharat Katha
🌺Devi Padmavathi🌺(Goddess of snakes) is my father. Yes it is true. I have born by her blessing. For example I am like Karna ( in the "Mahabhartha") who was born by the blessing of Lord Surya. If you want any proof please come at Guma Manasa Bare ( very famous temple of my father) in West Bengal and ask here. Here my father comes every Sunday. I not only want that people knows my truth but also I want that everybody knows my father's power and nobility. Belief or unbelief is your matter. Don't write nor think any hate speech about my father and serve her. My father blesses you. Thank you so much.....🌹🍒🌹💖🌹
Shut up
Aap apne papa ko meri aur se "Pranam" kehiyega. Please. Mein unhe sacche man se pranam kargi hun. 😇😊☺.
Because I know there is a power beyond Science....🥺😊💜
@@btszindagi7474 hii BTS ARMY 💜
@@btszindagi7474 I am also an army 💜 girl
@@santoshthakur6265 hello
यही कौरव आज कांग्रेस और बिपक्ष के रूप में भारत में जन्म लिए है
Are u that stupid
ये कैसे कह रहे हो कि कॉंग्रेस कौरव है बिल्कुल गलत बात है
@@RajuChichalwarYahi aap socho Congress ka matalab kaya hota he
Wow nice
असली योद्धा तो श्री कृष्ण ही थे बाकी सब तो अंधे और बहरे थे
Draupdi hi kyu? Pandavo ko anya wife kyu nhi? Draupdi k vajaye subhadra kyu nhi?
Van me bhatkna ho to droupdi
Agyatwass ho to dropdi
Sacrifices krna ho to dropdi
Lekin prem krna ho to anya patniya.
Kyuki vo 5 patiyo ki thi
Uske thes phuchate to sabke atmsamman ki thes phuchti
Bhut chlak the kaurav
Jai Ho