मंगलमय चातुर्मास प्रवेश Rohini Sector 3 Upender Muni Ji Gurudev

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ค. 2024
  • संक्षिप्त जीवन परिचय :- प्रातः स्मरणीय, संघ गौरव, परम सेवाभावी उपप्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री प्रेमसुख जी म.सा.
    जन्म स्थान :- भगवान पार्श्वनाथ की जन्मभूमि विद्या केन्द्र वाराणसी (लक्ष्मण पुरा)
    पिता :- सन्त स्वाभावी ठाकुर श्री सन्त सिंह जी।
    माता :- मिश्री सी मधुर स्वाभावी श्री मिश्री देवी जी।
    जन्म तिथि :- माघ शुक्ला (बसन्त) पंचमी वि. सं. 1994 ।
    दीक्षा :-चैत्र शुक्ला तृतीया, वि. सं. 2019, बुराड़ी गाँव (हरियाणा)
    गुरूदेव :- महास्थिवर पद विभूषित, वाल ब्रह्मचारी श्री भागमल जी म.सा.
    शिष्य :- श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रवीन्द्र मुनि जी म. श्रमण संघीय सलाहकार श्री रमणीक मुनि जी म. प्रज्ञा महर्षि श्री उपेन्द्र मुनि जी म. 'शास्त्री' प्रशिष्य 9, प्रशिष्यशिष्य - 6
    विचरण:- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, दिल्ली
    रचनाएं :- भाग्य ज्योति, भाग्यनुपूर्वी, भाग्य के फूल भाग्य तरणि, नरक स्वर्ग, आदि।
    विशिष्ट कार्य अनेक स्थानकों, अस्पतालों, डिस्पेंसरियों के प्रेरक :- महाप्रयाण 6 अगस्त 1997, प्रात 8:15, प्रेमभवन, करोल बाग नई दिल्ली 110005
    इस मरणधर्मा संसार में कुछ महान आत्माएं ऐसी आती हैं, जो इस भौतिक जीवन के समाप्त हो जाने के बाद भी नही मरती। काल का गहरा आवरण भी उनकी जीवन गाथाओं को धुंधला नहीं बना सकता, उनकी स्मृतियों को नही मिटा सकता। भगवान ऋषभदेव, राम, कृष्ण, बुद्ध और महावीर आदि महापुरूषों को हजारों-लाखों वर्ष बीत गए। परन्तु वे आज भी जीवित हैं और युग-युगान्तर तक जीवित रहेगें। उनका जीवन, उनका उपदेश हमें आज भी वही प्रेरणा, वही ज्योति देता है जो उनके युग में देता था। भले ही उनका भौतिक शरीर नहीं रहा, परन्तु उनकी आध्यात्मिक मृत्यु न हुई है और न कभी होगी। सन्त जीवन अपने लिए नहीं पर के लिए होता है। वह अपने सुख की, अपने आराम की, अपने स्वार्थ की चिन्ता नहीं करता है। वह सदा सर्वदा दूसरों के हित में लगा रहता है। वह प्रकृति की तरह उदार भाव से बिना मांगे सम्पूर्ण प्राणिमात्र को सुख व शान्ति की राह दिखाता है। वह मेघ की तरह एक दिशा में नहीं दसो दिशाओं में शत्-शत् धारा से बरसता रहता है। ऐसे ही संघ गौरव, उपप्रवर्तक, परमसेवाभावी पूज्य गुरूदेव श्री प्रेमसुख जी महाराज श्रमण संस्कृति के महान संतों में से एक हैं।
    गुरू प्रेमसुख जी महाराज का जीवन जितना कल्पनातीत है, उतना ही अलौकिक भी। उनके विचारों व चिन्तन के बारे में विशेष सामग्री तो लिखित में उपलब्ध नहीं है, किन्तु आज के सामाजिक परिप्रेक्ष्य में उनके चिन्तन व विचारों की महती आवश्कता है। आगम व शास्त्रों के ज्ञान से दूर किन्तु सभी आगम शास्त्रों का ज्ञान उनके आचरण में सहज ही समाया हुआ था। गुरूदेव श्री प्रेमसुख जी महाराज के जीवन को जानना प्रत्यक्षतः ईश्वर को जानने जितना दुष्कर कार्य है। अपने जीवन में आपने अनेक चमत्कारपूर्ण कार्य किये हैं सेवाभावना की उत्कृष्ट साधना से प्राप्त "परमसेवाभावी" की उपाधि को गुरूदेव श्री जीने पूर्णतया चरितार्थ किया था। आपने सेवाधर्म को ही सर्वस्व मानते हुए अपने को सेवा कार्यों में संलग्न किये रखा। अपनी इसी पुष्ट विचार धारा की विजय पताका आपने जीवन पर्यन्त जैन समाज के कोने-कोने में फैलाया।
    काल के प्रवाह में प्रवाहमान होते जा रहे धर्म को सार्वजनिक धर्म बनाना ही लोक हितकारी गुरूदेव श्री प्रेमसुख जी महाराज के जीवन का प्रयोजन था। विचारों मे दृढ़ता, अन्तःकरण में भव्य करूणा, चिन्तनपूर्ण धार्मिक जीवन यही गुरूदेव श्री जी का समग्र जीवन व्यक्तित्व है। गुरू प्रेमसुख रूपी सेवापराणता का यह निष्कंप दीप युगों-युगों तक इसी प्रकार से प्रकाष विकीर्ण करता रहे।
    आपश्री जी के तीन शिष्य हैं-प्रथम, संघ रत्न उपाध्याय श्री रविन्द्र मुनि जी म., द्वितीय, श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य श्री रमणीक मुनि जी म. सा. एवं तृतीय पंडित रत्न, शास्त्री श्री उपेन्द्र मुनि जी म. सा.। जो आपश्री जी की दी गई प्रेरणा व प्रबल शिक्षाओं को प्राप्त कर पारस्परिक, मंगल मिलन की भावना तथा आपके बताए सेवामार्ग पर चलने का हर संभव प्रयास करते हैं। आपके जीवन काल व बाद में आपकी प्रेरणा से अनेक संस्थाएं शिक्षा व स्वास्थ के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
    चमत्कारी बाबा पूज्य गुरुदेव श्री प्रेमसुख जी म•सा•के अन्तेवासी सुशिष्य
    पंडित रत्न,शास्त्री गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी म॰ सा॰श्री सुखदर्शन मुनि जी म॰ सा॰
    श्री महादेव मुनि जी म•सा•
    श्री इन्द्रेश मुनि जी म•सा•
    श्री प्रशांत मुनि जी म•सा•
    श्री सहदेव मुनि जी म•सा•
    Facebook :- Bhagwanpremsukh?mibextid=ZbWKwL
    Instagram :- bhagwan_premsukh_mandir_?igsh=ODA1NTc5OTg5Nw==
    Facebook :- profile.php?id=100057389023908&mibextid=ZbWKwL
    TH-cam :- / @bhagwanpremsukhmandir

ความคิดเห็น • 6

  • @shivamjain7314
    @shivamjain7314 24 วันที่ผ่านมา +1

    ❤❤

  • @RaviKumar-mn5vi
    @RaviKumar-mn5vi 24 วันที่ผ่านมา +1

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @simmisinghal7317
    @simmisinghal7317 22 วันที่ผ่านมา +1

    Jai Jai Gurudev 🙏🙏

  • @pardeepagarwal7069
    @pardeepagarwal7069 23 วันที่ผ่านมา +1

    Mathen vandami 🙏

  • @vanshjain5263
    @vanshjain5263 25 วันที่ผ่านมา

    Mathen vandami Guru Ji 🙏🏻🙏🏻

  • @user-wb2ug8ii3w
    @user-wb2ug8ii3w 26 วันที่ผ่านมา

    Mathen Vandami maharaji 🙏