(गीता-5) वेदांत के मूल तत्व || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2022)
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- เผยแพร่เมื่อ 1 ธ.ค. 2023
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: शास्त्र कौमुदी, 29.04.2022, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम्।
कथं स पुरुषः पार्थ कं घातयति हन्ति कम्।।
जो इस आत्मा को अविनाशी, नित्य, त्रिकाल में परिणाम-शून्य, जन्म-रहित, क्षयशून्य जानता है,
हे पार्थ, वह व्यक्ति किस प्रकार किसका वध कराता है? या किसका वध करता है?
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक २१)
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।
जिस प्रकार मनुष्य जीर्ण वस्त्र आदि का परित्याग कर दूसरे नए वस्त्र ग्रहण करता है
उसी प्रकार शरीरी जीव जीर्ण शरीर को छोड़कर दूसरे नए शरीर धारण करता है।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक २२)
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।
शस्त्र इस आत्मा को नहीं काट सकते, अग्नि इसको जला नहीं सकती,
जल गीला नहीं कर सकता, वायु सूखा नहीं सकती।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक २३)
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च।
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः।।
यह आत्मा निरवयव होने के कारण काटा नहीं जा सकता, जलाया नहीं जा सकता,
गलाया नहीं जा सकता, सुखाया नहीं जा सकता। यह नित्य, सर्वव्यापी, स्थिर, निश्चल और सनातन है।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक २४)
अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते।
तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि।।
यह आत्मा वाणी से व्यक्त नहीं किया जा सकता, मन से इसका विचार
नहीं किया जा सकता और यह विकार रहित है। अतः अर्जुन शोक मत करो।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक २५)
संगीत: मिलिंद दाते
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आचार्य श्री को सादर प्रणाम 🙏
प्रणाम आचार्य जी ❤🎉❤
तत्व किसे कहते हैं?
ओम शांति। 🌹
Sader pranam acharya ji
Pranam acharya ji 🙏
Har har Mahadev
Satyagraha, Ahinsa and pure vegetarian (veganism)is spirituality and prosperity, love and knowledge 🙏🌎🙏🌍
Parnam Acharya ji ❤❤❤
Koti koti pranam Guruji
Namastey Acharya ji 🙏
Thanks
Jai shree Radhe Radhe
शत शत नमन गुरुदेव ❤ ❤ ❤ ✨ 🙏 🙏 🙏 ✨ 👌🏼👌🏼👌🏼
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏
.. Pranam. Acharyaji. Thank. You. Very. Much.
Love you aachariye ji ❤❤
Shaastaang dandwat aacharya jee ❤❤❤❤
❤❤❤thanks acharya ji
Bilkul shi kha sir thanks
Satyagraha, Ahinsa and pure vegetarian (VEGANISM) lifestyle is spirituality and prosperity, love and knowledge 🙏🌍🙏🌎
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🙏
. Thank. You. Thank. You. Very. Much. Acharyaji.
Superb. Doing great job to awake us. 🙏
acharya ji sab samjh aa rhaa hai...
Naman acharya ji 🎉
❤ parnam acharya ji
❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏💕💕💕
❤
Thanks sir
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
❤ जय श्री कृष्ण। 😊
❤🙏
Bahut sunder❤
🙏🌹🌈🌺💐💖💕🥀💖💐🌺🌈🌹🙏 1:39:21
🙏🙏🙏
❤🙏❤
. Thank. You. Thank. You. Thank. You.. Acharyaji. Prabhuji..
Nam jap krne se atma se milan ho sakta h kya??
Nahi
Jai shree Radhe Radhe
🙏🙏🙏💕💕💕
❤
🙏