@@GK-kz6qh Aisa nahi ke izzat diya toh ghulam ban jao... Ek vachan ki kimat kitni hoti hai ye jaane... Pitamaha Bheeshma ne Hastinapur ko vachan diya aur Karna ne Duryodhan ko.. Aur isi baat se dono majboor thhe Kauravo ki taraf se yudh karne ke liye Even Dronacharya and Kulguru Kripacharya Kauravo ki taraf se thhe Kuch socho phir comment kiya karo yaar Sab log apni jagah sahi thhe
@@Sagar_Patelv28 में द्रोणाचार्य पर भीष्म को भी इस मामले में गलत ही कहूंगा क्योंकि शस्त्र ना उठाने की प्रतिज्ञा करने के बावजूद भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध में सुदर्शन उठा लिया था उनका ये संदेश था कि यदि आपकी प्रतिज्ञा धर्मविरुद्ध हो तो उसे तोड़ देना चाहिए आपको महाभारत पढ़नी चाहिए 👍 ओर कर्ण गलत ही था किसी से सम्मान की लालसा रखना उचित है किन्तु किसी अधर्मी के दिए सम्मान के बदले धर्म विरुद्ध युद्ध करना उचित नहीं है भाई
Only two shree ram or lkhsman unse bde dhanurdhar inme se koi nhi h ak chota sa rakshas bhim putra dhtotkach ne hi Karan ki halat kharab kr di thi pr ravan ki sena m to sab jante hi h kitne bhayankar danav the jai shree ram🙏
@Biswanath Mahapatra अरे ISCKON वालों.....जितना भी कोसिस कर लो... सच हमेसा सच है.... कर्ण तुम लोगों का बाप है.... स्वयं भगवान कृष्ण भी कर्ण का प्रशंसा करते थे
@@Bahubalijatt0074 अरे ISCKON वालों.....जितना भी कोसिस कर लो... सच हमेसा सच है.... कर्ण तुम लोगों का बाप है.... स्वयं भगवान कृष्ण भी कर्ण का प्रशंसा करते थे
एक प्रतिज्ञा एक गलत मित्र जुआ की लट्ट एक भेेद भाऊ करने वाला नरेश इसके चक्कर मै अनेक वीर वीरगति को प्राप्त हुए। महाभारत यह सिखाता है कि गलत या अधर्म जोकोई भी करे उसका जो भी साथ देगा चाहे वो कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसका परिणाम बहुत ही भयानक होगा । महाभारत यह भी शिकता है कि अधर्मी चाहे जो भी हो उसका विरोध करो
Mahabharat ne jo sikhaya usse pehle Ramayan sikha chuki thi ki dharma ka sath do.. Adharm ka virodh karo Example: Vibhishan (Dharma ka sath diya) Karna: (adharm ka sath diya) But kitne log hain yaha jo apne ghar me #Vibhishan jaisa dharmi putra ya bhai chahenge ??? Kitne log hain yaha jo #Karna jaisa adharmi mitra chahenge ??? Dharm ki paribhasha bahut jatil hai mitra...!!! Swaym bhagwaan Ram ne bhi keha hai ramayan me ki pita agar durachaari bhi ho to bhi uski agya ka palan har haal me karna hi dharma hai Jaisa #Meghnath ne kiya.
महाभारत कथा चरित्र निभाने वाले पात्र ऐसे कदाचित ही मिले। हर किसी का चरित्र इतनी निपुणता से निभाया गया है कि कहीं भी यह महसूस नहीं होता कि यह एक फिल्माया गया कथानक है इसमें सब जीवंत हो उठा है । भगवान कृष्ण का चरित्र तो भावविह्वल करता है। ओर तो ओर शब्द चयन देखो। सुनकर आनंद की अनुभूति होती है।
@@alokmishra1002 supreme god sath ho to Jeet sunischit hi hai chahe koi bhi kyu na ho Trilok vijeta ravan ko vanar sena ke aage jhukna pad gya tha kyu ki bhagwan sath the
कर्ण: आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि मैं आपके कक्ष में क्या कर रहा हूं भीष्म: मैनें अपनें जीवन में इतनी अनहोनी घटनाएं देख लीं हैं कि मैनें आश्चर्य करना छोड़ दिया है 🤣🤣🤣
@@alamshah7303 Sahi main Bhai inlogo pata hi nahi ki Arjun Ka role Karne wala ek musalman hai main vi Hindu Hu iska MATLAB ye Nahi ki sharukh khan se nafrat karu
विराट युद्ध में कौरवों की हार इसलिए हुई अर्जुन ने पूरी अपनी ताकत के साथ कोरवो के ऊपर हमला किया था, और विराट युद्ध में अर्जुन के साथ किशन जी भी नहीं थे, अर्जुन ने ये युद्ध अपने बाहुबल से जीता,
@@singhSingh-pi5gv dukhi to tum log ho ki Entire Mahabharat me Karn ek bar bhi Arjun ko hara nahi saka tha or hat waqt Arjun se har kar apne Mamuli Parn bachake bhag khada hota tha 😂😂😀😀
@@jayeshthakor774 Abbe konsi mahabharat parri hai tunna Har bar arjun na marr khayi hai karan Dukhi toh tu hogga hi naa Muha tarse atta hai tirri per😎😎
@@ZamanaDigitalKa 🤣🤣🤣isse zyada kuch umid bhi nhi bhai mujhe negativity failane walo se,muje mre dhram ka acche se pta h usme aise nhi likha h ki koi dusre dhram ka aaye toh mei usse koshna chlo kr do,sbko insaan smjo likha h .
@@Anu-cn4jc aap ache insaan hain..logon ko yeh dhaaravaahik dikhaya isliye hee jaata hai ki vey iss mahaan granth se seekh le aur achchey insaan baney..parantu har koi iss gyaan ko samajhta nahin hai. Mazhab nahin sikhata aapas mein bair rakhna...par yeh bas kitabon tak hee seemit hai..vaastavik jeevan mein log inn mulyon ka paalan nahin karte.aapko kisi ko kuch samjhaane kee aavashyakta nahin ...kyunki sachai kee raah par chalne wala hamesha sashakht aur sampoorna hota hai.
@@Amankumar-gh2es kuch bhi arjun never Bheem and nakul teased him most Arjun teased him because when he told sati stree like Draupadi vaisya then he told
@@Amankumar-gh2es bro karn was disciple of drona written in sambhava parav Everyone has told gurudev not to accept karn but arjun and duryodhana insisted and as a result drona started teaching karna
@@Amankumar-gh2es pagal ho kya karan irsha rkhta tha arjun se isliye arjun se hamesha hara karan karan ne dronachrya ka shishy hone ke baad bhi chhal karke brahmastr sikh parshuram se
महाभारत का नायक सिर्फ अर्जुन है बाकी सभी अपनी अपनी भूमिका मे हैं जैसे एक समय विरोधी टीम मे सचिन तेंदुलकर का भय रहता था बैसे ही महाभारत युद्ध मे अर्जुन का भय पुरे कौरव पक्ष मे था
*भाग्य की प्रबलता* श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि कर्म और भाग्य में से कर्म सदा मनुष्य के अधीन रहता है और इसीलिए मनुष्य अपने बुद्धि-कौशल तथा स्वविवेक से जब जैसा चाहता है, अपना कर्म अपने अनुकूल निर्धारित कर किसी न किसी रूप में अपने जीवन में सफलता के रास्ते पर चल पड़ता है। किंतु भाग्य पर मनुष्य का कोई वश नहीं होता और इसके लिए यह चाहे जितना प्रयत्न करे, इस पर नियंत्रण कर पाना मनुष्य के लिए सदा असंभव ही रहा है। यही कारण है कि भाग्यवादी जब कभी भी भाग्य की प्रबलता का उल्लेख करते हैं तो वे इस देश की परंपरा के अनेक उन आख्यानों का उल्लेख करते हैं, जिनमें घटित घटनाएं सच में आश्चर्यचकित कर यह सोचने को विवश कर देती हैं कि निश्चित रूप से ऐसी घटनाओं का सूत्रधार कोई न कोई ऐसा तो है ही, जिसकी सबलता के सामने किसी की भी नहीं चलती, यहां तक कि नर रूप में अवतरित होकर आया हुआ परम पुरुषोत्तम भी कभी-कभी उन स्थितियों में हारा हुआ जैसा दिखाई देता है। सर्व समर्थ परमपिता परमेश्वर नर रूप में आने के लिए वसुदेव और देवकी को चुनते हैं जो किसी के लिए भी परम सौभाग्य का विषय हो सकता है, किंतु इन दोनों का दुर्भाग्य देखिए कि देवकी अपने ही सहोदर के द्वारा पति सहित जेल में डाल दी जाती हैं और कंस के द्वारा मारे जाने वाले अपने दूसरे छह बेटों का वध होते हुए देखने पर विवश हुई, वहीं पर पूर्ण ब्रह्म परमात्मा को छिपकर भागना पड़ता है। ऐसे ही समुद्र मंथन में देव और दानव सभी उपस्थित थे, किंतु विधि-विचित्रता देखिए कि सर्वांग सुंदरी लक्ष्मी को भगवान विष्णु ले गए और विष महादेव के हिस्से में आया। दशरथ नंदन श्रीराम के लिए तो यह कहा जाता है कि वह साक्षात धर्म के अवतार थे, किंतु विधि के विधान पर उनको भी वनवास भोगना पड़ा । सत्यवादी हरिश्चंद्र विधि-विपरीतता से सपत्नीक न केवल दास बनें, अपितु उनको तो अपने पुत्र की मृत्यु पर उसके लिए कफन के रूप में पत्नी की आधी साड़ी लेनी पड़ी। ऐसी तमाम घटनाएं और भी हैं, जिनमें से बहुत तो हमारे-आपके जीवन में भी घटती हैं, जिन पर किसी का वश नहीं होता, इसलिए विरक्त संत और शास्त्र कहते हैं कि हम उस परम परमेश्वर को कभी न भूलें, जो विधि या भाग्य का भी संचालक है।
🔷बहुत प्रेरणास्पद कथा🔷 ✔अवश्य पढ़ें✔ एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा.... अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राहमण को स्वर्ण मुद्राओ से भरी एक पोटली दे दी। जिसे पाकर ब्राहमण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला। किन्तु उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, राह में एक लुटेरे ने उससे वो पोटली छीन ली। ब्राहमण दुखी होकर फिर से भिक्षावृत्ति में लग गया।अगले दिन फिर अर्जुन की दृष्टि जब उस ब्राहमण पर पड़ी तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा। ब्राहमण ने सारा विवरण अर्जुन को बता दिया, ब्राहमण की व्यथा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गयी अर्जुन ने विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राहमण को मूल्यवान एक माणिक दिया। ब्राहमण उसे लेकर घर पंहुचा उसके घर में एक पुराना घड़ा था जो बहुत समय से प्रयोग नहीं किया गया था,ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक उस घड़े में छुपा दिया। किन्तु उसका दुर्भाग्य, दिन भर का थका मांदा होने के कारण उसे नींद आ गयी... इस बीच ब्राहमण की स्त्री नदी में जल लेने चली गयी किन्तु मार्ग में ही उसका घड़ा टूट गया, उसने सोंचा, घर में जो पुराना घड़ा पड़ा है उसे ले आती हूँ, ऐसा विचार कर वह घर लौटी और उस पुराने घड़े को ले कर चली गई और जैसे ही उसने घड़े को नदी में डुबोया वह माणिक भी जल की धारा के साथ बह गया। ब्राहमण को जब यह बात पता चली तो अपने भाग्य को कोसता हुआ वह फिर भिक्षावृत्ति में लग गया। अर्जुन और श्री कृष्ण ने जब फिर उसे इस दरिद्र अवस्था में देखा तो जाकर उसका कारण पूंछा। सारा वृतांत सुनकर अर्जुन को बड़ी हताशा हुई और मन ही मन सोचने लगे इस अभागे ब्राहमण के जीवन में कभी सुख नहीं आ सकता। अब यहाँ से प्रभु की लीला प्रारंभ हुई।उन्होंने उस ब्राहमण को दो पैसे दान में दिए। तब अर्जुन ने उनसे पुछा “प्रभु मेरी दी मुद्राए और माणिक भी इस अभागे की दरिद्रता नहीं मिटा सके तो इन दो पैसो से इसका क्या होगा” ? यह सुनकर प्रभु बस मुस्कुरा भर दिए और अर्जुन से उस ब्राहमण के पीछे जाने को कहा। रास्ते में ब्राहमण सोचता हुआ जा रहा था कि "दो पैसो से तो एक व्यक्ति के लिए भी भोजन नहीं आएगा प्रभु ने उसे इतना तुच्छ दान क्यों दिया ? प्रभु की यह कैसी लीला है "? ऐसा विचार करता हुआ वह चला जा रहा था उसकी दृष्टि एक मछुवारे पर पड़ी, उसने देखा कि मछुवारे के जाल में एक मछली फँसी है, और वह छूटने के लिए तड़प रही है । ब्राहमण को उस मछली पर दया आ गयी। उसने सोचा"इन दो पैसो से पेट की आग तो बुझेगी नहीं।क्यों? न इस मछली के प्राण ही बचा लिए जाये"। यह सोचकर उसने दो पैसो में उस मछली का सौदा कर लिया और मछली को अपने कमंडल में डाल लिया। कमंडल में जल भरा और मछली को नदी में छोड़ने चल पड़ा। तभी मछली के मुख से कुछ निकला।उस निर्धन ब्राह्मण ने देखा ,वह वही माणिक था जो उसने घड़े में छुपाया था। ब्राहमण प्रसन्नता के मारे चिल्लाने लगा “मिल गया, मिल गया ”..!!! तभी भाग्यवश वह लुटेरा भी वहाँ से गुजर रहा था जिसने ब्राहमण की मुद्राये लूटी थी। उसने ब्राह्मण को चिल्लाते हुए सुना “ मिल गया मिल गया ” लुटेरा भयभीत हो गया। उसने सोंचा कि ब्राहमण उसे पहचान गया है और इसीलिए चिल्ला रहा है, अब जाकर राजदरबार में उसकी शिकायत करेगा। इससे डरकर वह ब्राहमण से रोते हुए क्षमा मांगने लगा। और उससे लूटी हुई सारी मुद्राये भी उसे वापस कर दी। यह देख अर्जुन प्रभु के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सके। अर्जुन बोले,प्रभु यह कैसी लीला है? जो कार्य थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक नहीं कर सका वह आपके दो पैसो ने कर दिखाया। श्री कृष्णा ने कहा “अर्जुन यह अपनी सोंच का अंतर है, जब तुमने उस निर्धन को थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक दिया तब उसने मात्र अपने सुख के विषय में सोचा। किन्तु जब मैनें उसको दो पैसे दिए। तब उसने दूसरे के दुःख के विषय में सोचा। इसलिए हे अर्जुन-सत्य तो यह है कि, जब आप दूसरो के दुःख के विषय में सोंचते है, जब आप दूसरे का भला कर रहे होते हैं, तब आप ईश्वर का कार्य कर रहे होते हैं, और तब ईश्वर आपके साथ होते हैं। अगर आपको उक्त प्रसंग प्रेरणीय लगे तो अवश्य शेयर करे। धन्यवाद 🌷🙏🙏🌷
@Bhoomi Aggarwal Virat war me bhisam pitamah, drona, karn or baaki sbhi kaurav haare the... Lekin kya kurukshetra yudh me inme se kisi ko bhi arjun hara paaya...
@Bhoomi Aggarwal Kya antim yudh se phle inder bhagwan ko khud karn se arjun ki raksha k liye kavach kundal nhi mangne pde, khud krishn bhagwan ne nhi btaya ki tum kunti putar ho taaki wo puri taqat se na lde arjun k khilaf..
BR Chopra Mahabharat is THE best version of Mahabharat ever made. Best writing, cast, top class acting. Iconic and legendary landmark in history of Indian television
@@sahilvishwakarma7141 arjun ki keval t.v serial mein peche hai Yadi vastav mein Mahabharata padhoge tab pata chalega Arjun kon hai Virat mein akele arjun ne hi puri kuru sena ko haraya tha karn dron bhishm ashwatthama duryodhan vikarn dushasan sabhi ko haraya Karn ko to 3 baar haraya 1 baar Draupadi swayamvar mein Oor 3 baar kurukshetra mein bhi haraya Bhai main karn ke against nhi hu per karn ko overglorify kiya jata hai wah sach mein mahan vodha tha per ussse aap arjun se compare nhi kar shkte 11 ve din karn yudh bhumi mein yaya oor 17 ve din mara gaya is buch ussne 1:5_2 akshoni sena ka sanhar kiya , pr arjun ne 14 ve din hi 7 akshoni sena ka sanhar kiya , arjun chahata to ek hi din mein dron bhishm karn oor puri kuru sena ka vadh kr sakta tha , per wah bhishm oor dron se sneh rakhta tha tatha unko marne shikhandi and dristadyum ka jnm hua tha adi arjun mar deta to unka jnm vairtha jata oor bhishm tatha dron ko fir se jnm lena padta . Karn ko jab mara gaya tab uske hatho mein vijay dhanush tha oor use bramhastra bhi yaad tha ekal Bhargavaastra usse yaad nhi tha . Mera aapse prash hai ki arjun oor karn ke sabhi guru o ka naam aap batayeye sabhi ka jinse bhi unhone kuch vidya prapt ki
@@saak687 aap ulta bol rahe ho 17 din tak isliye zinda tha kyuki vo chaliya krushna vaha betha arjun ko bachata tha karn to arjun ko mar deta agar Krishna usko bachata nahi samjhe karn ke nam par ek city hai karnal Karna ka ek mandir bhi hai karn ke life par film bhi ane wali hai mahaveer karn yakin nahi hota to google par seach kar lo arjun karn ke samne abhi baccha hai vo mar gaya hota agar Krishna vaha nahi hota samjhe..
@@sahilvishwakarma7141 are mere bhai virat oor swayamvar mein arjun ne chod diya re usse . Krishna ne kab bachaya karn se arjun ko Yadi vasvi shkti ko baat kar rahe ho to arjun ke paas Vasavi shkti se bhi Ghatak hatyar the oor wah usse baar baar istmal bhi kar skta tha . Per yadi arjun Vasavi shkti ko kaat dalta to indra ka vachn mithya sabit hota yesi liye krishna arjun ko karn ke samne nhi janne de rahe the Bhai suryaputra karn , starplus oor b r chopra Mahabharata mein zutt bataya gaya hai karn ke character ko mrutunjay karn se liya gaya hai na ke ved vyas rachit Mahabharata mein . Bhai ek hi request hai aap bori critical padhna fir pata chalega arjun kon ya fir bhagwat gita padna Usme har adhyay ke pahile krishn ke saath Arjun ko bhi pranam kiya gaya hai
@@saak687 abe pagal tujhe kuch pata nahi hai karn kit na mahan yoddha tha arjun ne drupad ki sena ko uske bhaiyo ke sath milkar haraya Karna ne akele drupad ki sena ko haraya arjun ka koi mandir hai Kya nahi hai Karna ka mandir hai karn ke nam par ek city hai Karnal kyuki wo sabse mahan yoddha hai Arjuna ka nato mandir hai nahi koi city
शूद्र समाज को स्थान नहीं है तो यह क्या है। स्थान कर्म के आनुसार होता है। दासी पुत्र विदुर जी को महामंत्री का स्थान मिला हुआ था। कर्ण का कभी अपमान नहीं किया भीष्म पितामाह जी ने उन्हें भी स्थान और सम्मान दिया।
Nah both of those warriors were napunsaks and namards, they would lose to Sweta, Pakistan, Ravan, Vali, Sugreev and the lund of Sahastrarjun. This Bhishma and Parshuram were chutiyas like karna
पूरे महाभारत में भीष्म के बाद कोई सबसे बड़ा योद्धा था तो वो कर्ण था या यूं कहें कि कर्ण भीष्म का पलड़ा बराबर था लेकिन किसी महाभारत में कर्ण को उनकी ताकत के बारे में अच्छे से नही दर्शाया है।
अरे मेरे भाई कैसे तुम कर्ण की बराबरी पितामह से कर रहे हो पितामह महानतम योद्धा थे उनकी शक्ति का कल्पना इसी बात से कर लो जब तक वे थे भीम एक भी धृतराष्ट्र पुत्र का वध नहीं कर पाएं 10 Dino tak ve SAR senapati the aur karn keval 2 din
One of my favorite scene in this serial.Both of them are enemies infront of others.But reality both of them are respect and loved each other dearly.Bhishma didn't like karna's enimity towards pandavas.it is the reason why bhishma always oppose karna and his attitudes.Both are real choice for hastinapura throne not yudhisthira or duryodhana.
जय श्री राम मुल्लों के काल इस भाई के चैनल से जुडिए और अधिक से अधिक शेयर कीजिए अवश्य देखें.... धन्यवाद #भारतसेवा #Bharatseva th-cam.com/video/Jo8OdWF2Glg/w-d-xo.html
Bheeshma knew Karna, Drona, himself and all combined can't defeat Arjuna. Arjuna was always righteous. That's why he was lord SriKrishna's favorite and invincible.
TV serials always demonstrate flaws. In the Virata War, Bhishma, Drona & Karna were just doing formality. Moreover, Arjuna was holding the divine bow Gandiva at that time. While Karna was with his ordinary bow which was broken by Gandiva. But in the final war, Arjuna wasn't able to harm their single hair, when they fought with him separately.
@@inderpratapsinghsalathia2798 It's correct bro in actual vedvyas mahabharat no one has ever defeated arjun. Neither in virat war an nor in the main kurukshetra war. Ya once in kurukshetra war karna once overpowered arjun but he never be able defeat him. Though arjun defeat karn that too 3 times in virat war and made him flee from battle, then in day 12 mahabharat, arjun injured karn, then during the time of jayadrath vadh he again made karn run from the battle. Krishna himself gave the title of vijaya to arjun which means invincible in war. If u read the authentic vedvyas mahabharat arjun was never defeated by anyone. I can gave u more proof if u want but it's your wish if u still don't think so that arjun was the greatest, then u should check yourself before commenting on others comments Regards.....
@@inderpratapsinghsalathia2798 Mahabharata padh original karna ko Stayaki, Abhimanyu,drupad,arjun ne kai baar haraya h aur gandharv yuddh se toh karna bhaag gya tha
@@rahuladitya2633 I was busy in my schedules. So, I didn't see your reply. Well, Lord Krishna told Arjuna in the Kurukshetra War that all the warriors of the 3 worlds fighting together couldn't defeat alone Karna. [ This speech is available on Google: Karna Parva Section 72 (paragraph 2) ] Wonder Meghanada defeated both Lakshmana & Lord Rama together in Ramayana. In some versions, Meghanada also defeated Lord Hanumana in the war. Even then, Meghnada is no match for Karna. Karna was able to defeat all the warriors of the 3 worlds single-handedly. This is the reason why Suyodhana trusted him easily in the contest held in Hastinapur. Karna was the second Sun on earth. Kuntidevi had the boon that the son born from the invocation of the god would be equal in splendour of that god. So, you can wonder _Indra_ is no match for _Surya_ That's why Lord Indra & Krishna always feared Karna's power & tried to weaken him as far as possible. Just think *OBJECTIVELY* :- Arjuna was Lord Krishna's closest friend. But still Lord Krishna didn't tell Arjuna that Karna was his eldest brother. Lord Krishna exactly did the reverse of that in order to make Karna out of power already before the war. In the Virata War, even Bhishma could defeat Arjuna easily as easily he defeated him multiple times in the Kurukshetra war. Karna & Arjuna both were divine warriors. So, they both must have been with their divine bows in any war. Moreover, Bhishma & Drona were not serious in the Virata War, Karna too. Your greatest Arjuna was not able to defeat Drona also. Pandavas had to do cheating to triumph over Drona in the finals. *CRUX:* Nakul Sahadev- Masters in Sword fighting Arjuna- Master in Archery Bhima- Master in Mace fighting Yudhishthira- Master in Spear fighting *Karna* - Master of all these weapons Here, you can use the logic that Arjuna couldn't lift as heavy bows as Karna could. So, the accuracy of the arrows of Karna were far-far superior than the Arjuna bcoz of the much more tension in the string of the Karna's Bow. [ Bara bhai bara hi hota hai aur chshota bhai chshota. E.g., Raam- Lakshman, Vaali-Sugriv, Raavan-Vibhishan, Meghnaad-Atikay aur Karn-Arjun ] In many different versions of the Mahabharata, even Paanchali's disrobing is not mentioned. Many folks think that Karna was responsible for Paanchaali's humiliation. But it's not true. *PONDER CAREFULLY* :- If Pandavas could kill Drona by cheating, then they must have saved their wife's honour too by hook or by crook during her insult. Therefore, it looks very clear that the Paanchaali's disrobing is false written by many modern authors. Yes. It's true that she was dragged by hair in the Hastinapur's court. She was dressed in casual (not wearing the high quality attire as a regal empress used to wear). Many royal women of Hastinapur standing on the above storey threw long piece of clothes on Paanchali, so as to hide her casual look in which she had been brought by. But she was neither nude, nor Dushasana tried to remove her clothes. She was just wearing casual clothes. And her legs, midriff & upper portion were already covered before her arrival in the court. Thus, *Karna was the real hero of the Mahabharata* You might have guessed in your life that the hero of any mythological story is always without magical powers [ so as to give an example to a common man how to face the toughest hardships ] Eg., Lord Rama in _Ramayana_ .. Karna in _Mahabharata_ .. Hercules in _The 12 Labours_ .. Aladdin in _The Arabian Nights_ .. Sinbad in _Sinbad The Sailor_ & many more.. You said to me in your reply at the end that firstly I must have checked myself before commenting against the greatest warrior Arjuna. OK. I challenge you:- Remember my face & my name in your mobile screenshot or in some another way which suits you well. Then after 10 years, you will regret your words. On 2nd June, 2030, either I will tell you about my pure status which will be helping the poor so much, or you will be already aware of that because of my fame. If I had been of your class, then I would have said to you in your way:- Check yourself first, then comment about the greatest Karna. But I won't do that. I will also keep your face & your name in my memory forever by saving the screenshot. In fact, it has been already remembered by me so well. *MIND MY WORDS BCOZ I NEVER LIE*
@@pokeking4170 Baahar ki zindagi main, maen aapkay jaesay behuda saksh ke mu kabhi bhi nahin lagta. Lekin yahaan par Mahaavir Karn ki izzat ka sawaal hai. Isiliye jawaab dena parta hai:- Guru-dakshina main Dron ne apne apmaan ka badla Paanchaal naresh se apne shishyon se lena tha. Yaad hai na Mahabharat. To Karn kab Dron ka shishya ban gaya??? Aapnay galat Mahabharat pari hai. Mahabharat ke to sekron alag-alag anuvaad mil jaatay haen. Magar uska nichor aakhir kaar apni hi buddhi se nikaalna parta hai. Kyunki koi Mahabharat kuchsh aur kehati hai aur koi Mahabharat kuchsh aur. Maenay to fir bhi expert historians se consult bhi kiya hai kyunki peshay se maen Civil Engineer hoon. Isiliye iss wakt khud professional historian nahin ban sakta. Lekin aanay waale saalon main ban bhi jaayunga. Gaandharavon se Karn isiliye bhaaga tha kyunki uss wakt Karn nihattha aur sharaab ke nashay main tha. Lekin aapko yeh nahin pata hoga ki Karn ne uss hi wakt waapis aakar Gaandharavon se yuddh bhi kiya tha aur safalta bhi praapt ki thi. Fark sirf itna hai ki jab tak vo Suyodhan ke paas waapis pahuncha, tab tak Bhim aur Arjun Suyodhan ko chshura chukay thay. Kurukshetra Yuddh main, Karn Satyaki aur Abhimanyu se isiliye thora sa haara kyunki Shri Krishn ne Karn ko yuddh se pehle hi kamzor kar diya tha. Karn ne bhalay hi Suyodhan ki or se yuddh lara, lekin Bheeshm aur Dron ki tarah vo bhi Paandavon ko nahin maarna chaahta tha. Vo yuddh ki shuruaat se hi kaafi dawaab main tha. Nahin to jis Abhimanyu aur Satyaki ki aap bari misaal de rahe ho na, inki koyi aukaat nahin ki ye uss dard ko sehan kar saken jo Daanveer Karn ne Parshuraam ji ki neend ki raksha ke liye chup-chaap sehan kar li thi. Kyunki Karn ki jaangh se jo garam khoon baha tha, uskay taap se hi Parshuraam ji ki neend bhang ho gayi thi. Suryaputra Karn ko viraasat se Suryadev se jo shaktiyaan praapt theen. Unn shaktiyon se Indradev aur Shri Krishn hamesha dartay thay. Inn dono ne Karn ko maarnay ke liye kayi prayaas kiye. Lekin dono jaantay thay ki Karn hamesha ke liye sabhi ke mann main amar rahega.
Wo mujhe har Vijay se priya hai.... goosebumps aa gaye.... really Karn jaisa frnd bahot kismat walo ko milta hai....wo sbse lad gaya only apne frnd k liye.. Bhagawan se bhi...apne Bhayyo se bhi...or moat se bhi....Karn 🙏🙏🙏🙏
Last 1.30 mins is the reason behind why these great warriors till their death stand in Adarm paksh ( their promises and their karma written by themself )
This conversation is for those people who always says karna is better than Arjun ,this is an open eyes for them ,even karna himself says whenever I fight with Arjun I always loss why , tht means he admit he always get defeated from Arjun
@Ke Ka - Don't get you knowledge from TV serials, read Critical edition of Mahabharata, Karna had weapon in hand when he was beheaded. His request to buy time to get chariot wheel was rejected since he was involved in Abhimanyu killing. He fought from ground and got killed. Also, if you understand Lord's way of working and testimony of Barbarik, it was Krishna himself who killed or was being killed. War happened only to fulfill all boons and curses. Arjun could kill Karna only with fulfillment of all Karna's curses. Krishna although himself the supreme Lord didn't save his clan from Ghandhari's curse. So, you must trust the God rather than mere mortals like Karna. Yes, please read critical edition of Mahabharata which is accepted as best version since it was made after 50 years of research.
महाभारत की यह प्लेलिस्ट देखें
bit.ly/GeetaSaarMahabharat
दो महान योद्धाओं के बीच संवाद..गंगापुत्र भीष्म और महारथी कर्ण..जय हो दोनो महापुरुषों की.. 🔥🔥
Aur samvaad ka vishay hai teesra mahapurush
@@ayushrawatt2241 Wo tisra Mahaan Yodha tha yakeenan lekin Mahapurush nhi..
@@anuragnagarkar8738 sony putra fan hai kya
Do nahi keval ek wo h pitamah bhishm 🙏
Wo dusara to bas ek asabhaya Yodha h
Karn bhaga tha 😂😂
जय शिव शंकर ऊँ नमः भगवते वासुदेवाय श्री राधा कृष्ण हरे कृष्ण हरे राम
I still don't understand how people actually compares new mahabharat with this masterpiece it was just awesome in every sense👌👌
I agree with you
New one is
New Mahabharat" is also e
Bhai new mahabharata is also superb this is mentality of humans we always think past was better
@@hodophillic8585 Past was not better best
"वो मुझे हर विजय से अधिक प्रिय है।"
मित्र हो तो ऐसा
दुर्योधन मुझे हर विजय शे अधिक प्रिय है।
कर्ण की मित्रता 👌👌👌
अगर मित्र गलत हो तो इसे छोड़ देना ही उचित है
@Ganesh Kumar मतलब कोई तेरा सम्मान करेगा तो तू उसका गुलाम बन जाएगा
चाहे वो सही हो या ग़लत हो
@@GK-kz6qh 😂😂😂 Savage 😉
@@GK-kz6qh
Aisa nahi ke izzat diya toh ghulam ban jao... Ek vachan ki kimat kitni hoti hai ye jaane...
Pitamaha Bheeshma ne Hastinapur ko vachan diya aur Karna ne Duryodhan ko..
Aur isi baat se dono majboor thhe Kauravo ki taraf se yudh karne ke liye
Even Dronacharya and Kulguru Kripacharya Kauravo ki taraf se thhe
Kuch socho phir comment kiya karo yaar
Sab log apni jagah sahi thhe
@@Sagar_Patelv28 में द्रोणाचार्य पर भीष्म को भी इस मामले में गलत ही कहूंगा
क्योंकि शस्त्र ना उठाने की प्रतिज्ञा करने के बावजूद भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध में सुदर्शन उठा लिया था
उनका ये संदेश था कि यदि आपकी प्रतिज्ञा धर्मविरुद्ध हो तो उसे तोड़ देना चाहिए
आपको महाभारत पढ़नी चाहिए 👍
ओर कर्ण गलत ही था
किसी से सम्मान की लालसा रखना उचित है किन्तु किसी अधर्मी के दिए सम्मान के बदले धर्म विरुद्ध युद्ध करना उचित नहीं है भाई
No one can beat a fabulous performer.....mukesh sir and pankaj dhir sir ❤️
✌️👍🙏
Episode no please
महाभारत की असली वज़ह ही धृतराष्ट्र का पुत्र प्रेम और भीष्म,कर्ण और द्रोण की प्रतिज्ञा थी |
Two of the greatest warriors to ever exist.
Say, three..
Sorry four...
Par pap dono be Kiya
Dono ne chir haran dekha aor kuchh nahi kar sake aor Karn ne to vaishya bhi kaha tha
Only two shree ram or lkhsman unse bde dhanurdhar inme se koi nhi h ak chota sa rakshas bhim putra dhtotkach ne hi Karan ki halat kharab kr di thi pr ravan ki sena m to sab jante hi h kitne bhayankar danav the jai shree ram🙏
@@amitsaini8083 draupadi me bhi karn Ka apmaan Kiya isliye karn ne use vaishya kaha
@@g.p.sharma9872 apman hone pe vaishya keh dena pap hi huaa
जय भगवान ✨♥️
जय श्री कृष्णा✨🖤
हर हर महादेव✨♥️
जय महाभारत💙
पितामह भीष्म कर्ण✨🖤♥️
जय भगवान 🖤♥️
जय भागवत गीता 🖤💕♥️
जय भगवान 🤜🖤💕♥️🤛
Jai arjun
@Biswanath Mahapatra अरे ISCKON वालों.....जितना भी कोसिस कर लो... सच हमेसा सच है.... कर्ण तुम लोगों का बाप है.... स्वयं भगवान कृष्ण भी कर्ण का प्रशंसा करते थे
@@Bahubalijatt0074 अरे ISCKON वालों.....जितना भी कोसिस कर लो... सच हमेसा सच है.... कर्ण तुम लोगों का बाप है.... स्वयं भगवान कृष्ण भी कर्ण का प्रशंसा करते थे
Jay arjun bhi kahate to
Puny ho jata tumhe
@@Sadatlove935 chup sale
एक प्रतिज्ञा एक गलत मित्र जुआ की लट्ट एक भेेद भाऊ करने वाला नरेश इसके चक्कर मै अनेक वीर वीरगति को प्राप्त हुए। महाभारत यह सिखाता है कि गलत या अधर्म जोकोई भी करे उसका जो भी साथ देगा चाहे वो कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसका परिणाम बहुत ही भयानक होगा । महाभारत यह भी शिकता है कि अधर्मी चाहे जो भी हो उसका विरोध करो
Lekin aaj bhi kuch log duryodhan ka sath dete h unka kya kra jaye
Great msgs
@@_iamdestroyer_ हाँ तो ये सब बज्र चुतिया है आप इतना ही मानीये
Mahabharat ne jo sikhaya usse pehle Ramayan sikha chuki thi ki dharma ka sath do.. Adharm ka virodh karo
Example: Vibhishan (Dharma ka sath diya)
Karna: (adharm ka sath diya)
But kitne log hain yaha jo apne ghar me #Vibhishan jaisa dharmi putra ya bhai chahenge ???
Kitne log hain yaha jo #Karna jaisa adharmi mitra chahenge ???
Dharm ki paribhasha bahut jatil hai mitra...!!!
Swaym bhagwaan Ram ne bhi keha hai ramayan me ki pita agar durachaari bhi ho to bhi uski agya ka palan har haal me karna hi dharma hai
Jaisa #Meghnath ne kiya.
Haa bilkul sahi kaha aapne 🙏🙏
BR Chopra mahabharat is gem...no one can replace it
महाभारत कथा चरित्र निभाने वाले पात्र ऐसे कदाचित ही मिले। हर किसी का चरित्र इतनी निपुणता से निभाया गया है कि कहीं भी यह महसूस नहीं होता कि यह एक फिल्माया गया कथानक है इसमें सब जीवंत हो उठा है । भगवान कृष्ण का चरित्र तो भावविह्वल करता है। ओर तो ओर शब्द चयन देखो। सुनकर आनंद की अनुभूति होती है।
आप की बात 100% सही है भाई साहब
One of the best TV serials I have ever seen... Good old golden memories 😇😇😇
जब जीत सुनिश्चित हो तों अर्जुन कोई भी बन सकता हैं।लेकिन जब हार निश्चित हो तो कर्ण बनना मुस्किल होता है।।। दानवीर ❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏
Jit sunischit ho tab arjun nahi bana jata balak
Balki pahle ajun banna padta hai jit apne aap sunichit ho jati hai.
@@alokmishra1002 kya baat kahi hai bhai
@@alokmishra1002 Sahi kaha
@@alokmishra1002 supreme god sath ho to Jeet sunischit hi hai chahe koi bhi kyu na ho
Trilok vijeta ravan ko vanar sena ke aage jhukna pad gya tha kyu ki bhagwan sath the
@@legendMe8078 virat ma kon tha syamvar ma kon tha khandav dehan nivatkavach yudh
Kon tha bol
Two of the three most favourite characters
Bheeshma, Karna, and Krishna
अर्जुन
I m with you..
Karn was way superior to Arjuna
All characters
Arjun😍💪👌👌🔥🔥🔥
कर्ण: आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि मैं आपके कक्ष में क्या कर रहा हूं
भीष्म: मैनें अपनें जीवन में इतनी अनहोनी घटनाएं देख लीं हैं कि मैनें आश्चर्य करना छोड़ दिया है 🤣🤣🤣
Savage Gangaputra😎
विज्ञापन को हटाने की मांग कर रहा हूं।
अपनी मांग अपने पिछवाड़े मे डाल ले
इह वीग्याफन से शारूख की फोटो.हटा दो
@@ramsuratprajapati1152 Nahi hategi....tujhe dekhna hai to dekh nahi dekhna hai to mat dekh dafa ho ja is page se
@@alamshah7303 Sahi main Bhai inlogo pata hi nahi ki Arjun Ka role Karne wala ek musalman hai main vi Hindu Hu iska MATLAB ye Nahi ki sharukh khan se nafrat karu
@@alamshah7303 chup war Pakistan bhej dunga
एक तो अधर्म ओर अन्याय की हार हुई दूसरा गोपाल जिसके साथ हो वो कभी हार सकता है क्या ? ।। सत्यमेव जयते ।।
H
@Islamic republic of hind Pakland allah ki ma ka bhosra
महाभारत में सत्य की हार हुई है भाई
@@anilkaurav7884 kaise btoa to jra. Kaun SA Satya ki har Hui
@@anilkaurav7884 kha
विज्ञापन को हटाने कि मांग करता हूँ जी
Kyon
@@rudrankpatel9020 dekha nahi kya vigyapan suru me
Is kanjar ki shkl nhi dekhna chahta m
Toh bhai paisa kon denga re kisi ad ka promotion kar k hi paisa kamaenga na bawa
Mein bhi ....you tube bosriwale....iss chakke se bahut ....pyar hai.....
विराट युद्ध में कौरवों की हार इसलिए हुई अर्जुन ने पूरी अपनी ताकत के साथ कोरवो के ऊपर हमला किया था, और विराट युद्ध में अर्जुन के साथ किशन जी भी नहीं थे, अर्जुन ने ये युद्ध अपने बाहुबल से जीता,
Cheat sa jita hai
@@singhSingh-pi5gv 😂😂😂😂
Or koi bahana nahi bacha shayad is lia Chit se jita , usse jita kahle Karn ki har k Bahane Dhundhte rahte ho 😂😂😂
@@jayeshthakor774 dukhi mt ho mirri bhai 🤣🤣🤣 hum kush krti hai🤪🤪🤪😄😄😄😄
@@singhSingh-pi5gv dukhi to tum log ho ki Entire Mahabharat me Karn ek bar bhi Arjun ko hara nahi saka tha or hat waqt Arjun se har kar apne Mamuli Parn bachake bhag khada hota tha 😂😂😀😀
@@jayeshthakor774 Abbe konsi mahabharat parri hai tunna
Har bar arjun na marr khayi hai karan
Dukhi toh tu hogga hi naa
Muha tarse atta hai tirri per😎😎
प्रारम्भ में ही ये विज्ञापन सारी मती भ्रष्ट कर दे रहा है।।।
Mahabharat dekh rhe ho tab bhi dimag mei santi nhi waa re insaan
@@Anu-cn4jc यह लोग राक्षस है बेवकूफ। हलाला की पैदाइश।
मुल्ले तुम लोग हिंदू नाम से आईडी बनाते हो।
@@Anu-cn4jc पुराने जन्म में जो राक्षस हुआ करते थे वह शाहरुख खान जैसे लोग ही हैं और तू भी इस राक्षस का ही कुछ है।
@@ZamanaDigitalKa 🤣🤣🤣isse zyada kuch umid bhi nhi bhai mujhe negativity failane walo se,muje mre dhram ka acche se pta h usme aise nhi likha h ki koi dusre dhram ka aaye toh mei usse koshna chlo kr do,sbko insaan smjo likha h .
@@Anu-cn4jc aap ache insaan hain..logon ko yeh dhaaravaahik dikhaya isliye hee jaata hai ki vey iss mahaan granth se seekh le aur achchey insaan baney..parantu har koi iss gyaan ko samajhta nahin hai. Mazhab nahin sikhata aapas mein bair rakhna...par yeh bas kitabon tak hee seemit hai..vaastavik jeevan mein log inn mulyon ka paalan nahin karte.aapko kisi ko kuch samjhaane kee aavashyakta nahin ...kyunki sachai kee raah par chalne wala hamesha sashakht aur sampoorna hota hai.
👍🙏🙏🙏 येही तो मेरी विवशता है कि मै यह सब जानते हुये भी दुरीयोधन का साथ नही छोड सकता । कितनी गहरी बात कही है । जय शीरी कृषण ।
Arjuna is the one who is love by everyone and he also have calm nature ❤️❤️❤️
@@Amankumar-gh2es bhg
@@Amankumar-gh2es kuch bhi arjun never
Bheem and nakul teased him most
Arjun teased him because when he told sati stree like Draupadi vaisya then he told
@@Amankumar-gh2es bro karn was disciple of drona written in sambhava parav
Everyone has told gurudev not to accept karn but arjun and duryodhana insisted and as a result drona started teaching karna
तू जा रें।
@@Amankumar-gh2es pagal ho kya karan irsha rkhta tha arjun se isliye arjun se hamesha hara karan karan ne dronachrya ka shishy hone ke baad bhi chhal karke brahmastr sikh parshuram se
महाभारत शुरू होते ही शाहरुख खान का मनहूस चेहरा क्यों दिखने लगता है उनको हटाओ जय श्री कृष्ण द्वारकाधीश की जय
Shachi vat bhai
Chup be...
Sahi baat hai
anil kapoor bohot pasand hai aapko!!
Sarukh hain manhoos🤣🤣🤣😂😂😂
द्रोणाचार्य एकमात्र योद्धा थे जिन्होंने स्वाभिमान के लिए लड़ा और ध्रुपद पर तब तक वार नहीं किया जब तक उसने वार नहीं किया।🙏
दो महापुरुष महारथी भीष्म और महारथी कर्ण को विनम्र नमन
सभी हिन्दू लोग एकजुट होकर एक-दूसरे को मदद कर मन्दिर में आरती योग वन्दन कराए
I am Hindu, and I am not coming with you. I choose to stay away from Hindus like you.
@@ghostgutarist5234 Gud reply. 😇🙏
I am with you ajay Kumar. There is nothing wrong in helping each other and doing rituals.
अवश्य भ्राता श्री अजय । ईश्वर आपके शुभ संकल्पों के रक्षक हों
@@ghostgutarist5234 Tum jaise hizron ki jarurat nahi hai hame ham jitne v hain hamari talawar ki dhar kafi hai in sab ka sarvnash kar sakta hun....
What a conversation between Bhishma & Karan
अभिनेता तो बहुत है लेकिन सरूखान और अनिल कपूर की क्यो तस्वीर लगती है
Tere baap ki thodi na lagayi jaayegi
@@rudrankpatel9020 haha
You tube hame apmanit karne ke liye..........
Sahi kaha
@@rudrankpatel9020 hahaha
స్నేహానికి ప్రాణం ఇచ్చే అత్యున్నత వ్యక్తి నా స్వామి కర్ణ మహావీరుడు
Pankaj dheer is one of the best
Watching during lock down times, 30th July 2020. Very meaningful episode!!
Best Version of Mahabharata where people are shown in their mundane emotions
अदभुत है महाभारत, और अदभुत है इनको निभाने वाले किरेदार
महाभारत का नायक सिर्फ अर्जुन है बाकी सभी अपनी अपनी भूमिका मे हैं
जैसे एक समय विरोधी टीम मे सचिन तेंदुलकर का भय रहता था बैसे ही महाभारत युद्ध मे अर्जुन का भय पुरे कौरव पक्ष मे था
कर्ण के बिना महाभारत अधूरा है
Yas
*भाग्य की प्रबलता*
श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि कर्म और भाग्य में से कर्म सदा मनुष्य के अधीन रहता है और इसीलिए मनुष्य अपने बुद्धि-कौशल तथा स्वविवेक से जब जैसा चाहता है, अपना कर्म अपने अनुकूल निर्धारित कर किसी न किसी रूप में अपने जीवन में सफलता के रास्ते पर चल पड़ता है। किंतु भाग्य पर मनुष्य का कोई वश नहीं होता और इसके लिए यह चाहे जितना प्रयत्न करे, इस पर नियंत्रण कर पाना मनुष्य के लिए सदा असंभव ही रहा है। यही कारण है कि भाग्यवादी जब कभी भी भाग्य की प्रबलता का उल्लेख करते हैं तो वे इस देश की परंपरा के अनेक उन आख्यानों का उल्लेख करते हैं, जिनमें घटित घटनाएं सच में आश्चर्यचकित कर यह सोचने को विवश कर देती हैं कि निश्चित रूप से ऐसी घटनाओं का सूत्रधार कोई न कोई ऐसा तो है ही, जिसकी सबलता के सामने किसी की भी नहीं चलती, यहां तक कि नर रूप में अवतरित होकर आया हुआ परम पुरुषोत्तम भी कभी-कभी उन स्थितियों में हारा हुआ जैसा दिखाई देता है। सर्व समर्थ परमपिता परमेश्वर नर रूप में आने के लिए वसुदेव और देवकी को चुनते हैं जो किसी के लिए भी परम सौभाग्य का विषय हो सकता है, किंतु इन दोनों का दुर्भाग्य देखिए कि देवकी अपने ही सहोदर के द्वारा पति सहित जेल में डाल दी जाती हैं और कंस के द्वारा मारे जाने वाले अपने दूसरे छह बेटों का वध होते हुए देखने पर विवश हुई, वहीं पर पूर्ण ब्रह्म परमात्मा को छिपकर भागना पड़ता है। ऐसे ही समुद्र मंथन में देव और दानव सभी उपस्थित थे, किंतु विधि-विचित्रता देखिए कि सर्वांग सुंदरी लक्ष्मी को भगवान विष्णु ले गए और विष महादेव के हिस्से में आया। दशरथ नंदन श्रीराम के लिए तो यह कहा जाता है कि वह साक्षात धर्म के अवतार थे, किंतु विधि के विधान पर उनको भी वनवास भोगना पड़ा । सत्यवादी हरिश्चंद्र विधि-विपरीतता से सपत्नीक न केवल दास बनें, अपितु उनको तो अपने पुत्र की मृत्यु पर उसके लिए कफन के रूप में पत्नी की आधी साड़ी लेनी पड़ी। ऐसी तमाम घटनाएं और भी हैं, जिनमें से बहुत तो हमारे-आपके जीवन में भी घटती हैं, जिन पर किसी का वश नहीं होता, इसलिए विरक्त संत और शास्त्र कहते हैं कि हम उस परम परमेश्वर को कभी न भूलें, जो विधि या भाग्य का भी संचालक है।
🔷बहुत प्रेरणास्पद कथा🔷
✔अवश्य पढ़ें✔
एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा....
अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राहमण को स्वर्ण मुद्राओ से भरी एक पोटली दे दी।
जिसे पाकर ब्राहमण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला।
किन्तु उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, राह में एक लुटेरे ने उससे वो पोटली छीन ली।
ब्राहमण दुखी होकर फिर से भिक्षावृत्ति में लग गया।अगले दिन फिर अर्जुन की दृष्टि जब उस ब्राहमण पर पड़ी तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा।
ब्राहमण ने सारा विवरण अर्जुन को बता दिया, ब्राहमण की व्यथा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गयी अर्जुन ने विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राहमण को मूल्यवान एक माणिक दिया।
ब्राहमण उसे लेकर घर पंहुचा उसके घर में एक पुराना घड़ा था जो बहुत समय से प्रयोग नहीं किया गया था,ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक उस घड़े में छुपा दिया।
किन्तु उसका दुर्भाग्य, दिन भर का थका मांदा होने के कारण उसे नींद आ गयी... इस बीच
ब्राहमण की स्त्री नदी में जल लेने चली गयी किन्तु मार्ग में
ही उसका घड़ा टूट गया, उसने सोंचा, घर में जो पुराना घड़ा पड़ा है उसे ले आती हूँ, ऐसा विचार कर वह घर लौटी और उस पुराने घड़े को ले कर
चली गई और जैसे ही उसने घड़े
को नदी में डुबोया वह माणिक भी जल की धारा के साथ बह गया।
ब्राहमण को जब यह बात पता चली तो अपने भाग्य को कोसता हुआ वह फिर भिक्षावृत्ति में लग गया।
अर्जुन और श्री कृष्ण ने जब फिर उसे इस दरिद्र अवस्था में देखा तो जाकर उसका कारण पूंछा।
सारा वृतांत सुनकर अर्जुन को बड़ी हताशा हुई और मन ही मन सोचने लगे इस अभागे ब्राहमण के जीवन में कभी सुख नहीं आ सकता।
अब यहाँ से प्रभु की लीला प्रारंभ हुई।उन्होंने उस ब्राहमण को दो पैसे दान में दिए।
तब अर्जुन ने उनसे पुछा “प्रभु
मेरी दी मुद्राए और माणिक
भी इस अभागे की दरिद्रता नहीं मिटा सके तो इन दो पैसो से
इसका क्या होगा” ?
यह सुनकर प्रभु बस मुस्कुरा भर दिए और अर्जुन से उस
ब्राहमण के पीछे जाने को कहा।
रास्ते में ब्राहमण सोचता हुआ जा रहा था कि "दो पैसो से तो एक व्यक्ति के लिए भी भोजन नहीं आएगा प्रभु ने उसे इतना तुच्छ दान क्यों दिया ? प्रभु की यह कैसी लीला है "?
ऐसा विचार करता हुआ वह
चला जा रहा था उसकी दृष्टि एक मछुवारे पर पड़ी, उसने देखा कि मछुवारे के जाल में एक
मछली फँसी है, और वह छूटने के लिए तड़प रही है ।
ब्राहमण को उस मछली पर दया आ गयी। उसने सोचा"इन दो पैसो से पेट की आग तो बुझेगी नहीं।क्यों? न इस मछली के प्राण ही बचा लिए जाये"।
यह सोचकर उसने दो पैसो में उस मछली का सौदा कर लिया और मछली को अपने कमंडल में डाल लिया। कमंडल में जल भरा और मछली को नदी में छोड़ने चल पड़ा।
तभी मछली के मुख से कुछ निकला।उस निर्धन ब्राह्मण ने देखा ,वह वही माणिक था जो उसने घड़े में छुपाया था।
ब्राहमण प्रसन्नता के मारे चिल्लाने लगा “मिल गया, मिल गया ”..!!!
तभी भाग्यवश वह लुटेरा भी वहाँ से गुजर रहा था जिसने ब्राहमण की मुद्राये लूटी थी।
उसने ब्राह्मण को चिल्लाते हुए सुना “ मिल गया मिल गया ” लुटेरा भयभीत हो गया। उसने सोंचा कि ब्राहमण उसे पहचान गया है और इसीलिए चिल्ला रहा है, अब जाकर राजदरबार में उसकी शिकायत करेगा।
इससे डरकर वह ब्राहमण से रोते हुए क्षमा मांगने लगा। और उससे लूटी हुई सारी मुद्राये भी उसे वापस कर दी।
यह देख अर्जुन प्रभु के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सके।
अर्जुन बोले,प्रभु यह कैसी लीला है? जो कार्य थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक नहीं कर सका वह आपके दो पैसो ने कर दिखाया।
श्री कृष्णा ने कहा “अर्जुन यह अपनी सोंच का अंतर है, जब तुमने उस निर्धन को थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक दिया तब उसने मात्र अपने सुख के विषय में सोचा। किन्तु जब मैनें उसको दो पैसे दिए। तब उसने दूसरे के दुःख के विषय में सोचा। इसलिए हे अर्जुन-सत्य तो यह है कि, जब आप दूसरो के दुःख के विषय में सोंचते है, जब आप दूसरे का भला कर रहे होते हैं, तब आप ईश्वर का कार्य कर रहे होते हैं, और तब ईश्वर आपके साथ होते हैं।
अगर आपको उक्त प्रसंग प्रेरणीय लगे तो अवश्य शेयर करे।
धन्यवाद
🌷🙏🙏🌷
Ati Uttam. Jai ho Prabhu..
Bhut achhi lgi
Wonderful
Karna confessed that whenever he meet arjuna he is defeated by arjuna.
Arjun fir arjun hai anga raj
Aakhiri yudh me karn arjun se nhi haara..
@@vinaysharma7674 yes
@Bhoomi Aggarwal Virat war me bhisam pitamah, drona, karn or baaki sbhi kaurav haare the...
Lekin kya kurukshetra yudh me inme se kisi ko bhi arjun hara paaya...
@Bhoomi Aggarwal Kya antim yudh se phle inder bhagwan ko khud karn se arjun ki raksha k liye kavach kundal nhi mangne pde, khud krishn bhagwan ne nhi btaya ki tum kunti putar ho taaki wo puri taqat se na lde arjun k khilaf..
Jai shree ram
BR Chopra Mahabharat is THE best version of Mahabharat ever made. Best writing, cast, top class acting. Iconic and legendary landmark in history of Indian television
Isme Karn ki takt ko nhi dikhaya gya h or na hi Karn k sahi vactitv ko
@@mahidimri4143 us mahabharat mein kuch bhi extra nhi dikhaya gya
हर एक आदमी के जीवन में एक महाभारत प्रेरणा देती है #INDIANMUSICCENTER
beautiful scene between pitamah and karna
Br Chopra jaisi mahabharat abi tk koi ni bana paya qki paise se jada usme sadhna thi pure varsho ki
Jai shree Krishna
Jai Mahadev
Jai pitamaha Bhishma
Jai daanbeer Karna
Jai Bhagwan
Jai arjun kyu nhi bhai
@@sahilvishwakarma7141 arjun ki keval t.v serial mein peche hai
Yadi vastav mein Mahabharata padhoge tab pata chalega Arjun kon hai
Virat mein akele arjun ne hi puri kuru sena ko haraya tha karn dron bhishm ashwatthama duryodhan vikarn dushasan sabhi ko haraya
Karn ko to 3 baar haraya
1 baar Draupadi swayamvar mein
Oor 3 baar kurukshetra mein bhi haraya
Bhai main karn ke against nhi hu per karn ko overglorify kiya jata hai wah sach mein mahan vodha tha per ussse aap arjun se compare nhi kar shkte
11 ve din karn yudh bhumi mein yaya oor 17 ve din mara gaya is buch ussne 1:5_2 akshoni sena ka sanhar kiya , pr arjun ne 14 ve din hi 7 akshoni sena ka sanhar kiya , arjun chahata to ek hi din mein dron bhishm karn oor puri kuru sena ka vadh kr sakta tha , per wah bhishm oor dron se sneh rakhta tha tatha unko marne shikhandi and dristadyum ka jnm hua tha adi arjun mar deta to unka jnm vairtha jata oor bhishm tatha dron ko fir se jnm lena padta . Karn ko jab mara gaya tab uske hatho mein vijay dhanush tha oor use bramhastra bhi yaad tha ekal Bhargavaastra usse yaad nhi tha .
Mera aapse prash hai ki arjun oor karn ke sabhi guru o ka naam aap batayeye sabhi ka jinse bhi unhone kuch vidya prapt ki
@@saak687 aap ulta bol rahe ho 17 din tak isliye zinda tha kyuki vo chaliya krushna vaha betha arjun ko bachata tha karn to arjun ko mar deta agar Krishna usko bachata nahi samjhe karn ke nam par ek city hai karnal Karna ka ek mandir bhi hai karn ke life par film bhi ane wali hai mahaveer karn yakin nahi hota to google par seach kar lo arjun karn ke samne abhi baccha hai vo mar gaya hota agar Krishna vaha nahi hota samjhe..
@@sahilvishwakarma7141 are mere bhai virat oor swayamvar mein arjun ne chod diya re usse .
Krishna ne kab bachaya karn se arjun ko
Yadi vasvi shkti ko baat kar rahe ho to arjun ke paas Vasavi shkti se bhi Ghatak hatyar the oor wah usse baar baar istmal bhi kar skta tha . Per yadi arjun Vasavi shkti ko kaat dalta to indra ka vachn mithya sabit hota yesi liye krishna arjun ko karn ke samne nhi janne de rahe the
Bhai suryaputra karn , starplus oor b r chopra Mahabharata mein zutt bataya gaya hai karn ke character ko mrutunjay karn se liya gaya hai na ke ved vyas rachit Mahabharata mein .
Bhai ek hi request hai aap bori critical padhna fir pata chalega arjun kon ya fir bhagwat gita padna
Usme har adhyay ke pahile krishn ke saath Arjun ko bhi pranam kiya gaya hai
@@saak687 abe pagal tujhe kuch pata nahi hai karn kit na mahan yoddha tha arjun ne drupad ki sena ko uske bhaiyo ke sath milkar haraya Karna ne akele drupad ki sena ko haraya arjun ka koi mandir hai Kya nahi hai Karna ka mandir hai karn ke nam par ek city hai Karnal kyuki wo sabse mahan yoddha hai Arjuna ka nato mandir hai nahi koi city
Old mahabharat is brilliant brilliant brilliant brilliant brilliant brilliant...............................
Great Arjun
यह महाभारत के सारे एपिसोड में यह शाहरुख खान का जो विज्ञापन आ रहा है उसको हटा देना चाहिए
Sahi kha
Ap sahi kya
Mukesh khanna Great Actor
सत्यमेव जयते।।।
Great arjun
Arjan akele kaafi tha sabke liye, usne divyashtra nahi chalaye the warna ek din ka yudh tha Mahabharata
great karan
Love this 2 person .aise lagta hai yeh bane he mahabharat k leye thy
शाहरुख खान को हटाओ
Dharm hamara,
Krishna hamara, desh me 100 karod hindi hay, aur add vus jehadi ka q
salman aamir aur saif ko bhi to tumhi logo ne sir pe chadhaya hai
Hakale ke sath sab khan ko hatana chahiye
Memna h wo
Kyun bhai....?
Amazing. Yato Dharma Tato Jaya. Dharmo Rakshati Rakshita.
जय श्री कृष्णा 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री राधेकृष्ण मित्रों 🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩
The greatest warrior of mahabharat arjuna
Mahabharat is the best serial🙏
शूद्र समाज को स्थान नहीं है तो यह क्या है। स्थान कर्म के आनुसार होता है। दासी पुत्र विदुर जी को महामंत्री का स्थान मिला हुआ था। कर्ण का कभी अपमान नहीं किया भीष्म पितामाह जी ने उन्हें भी स्थान और सम्मान दिया।
Yasi baat nahi hai
No body can beat this level of acting
I can beat
my lund is a better actor than mukesh
That's right,
Nice judgment....
Nice video. Advertisements should be deleted from this video, because it is a spiritual serial. Bhisma and Karna both are great. Jai Srikrishna
Nah both of those warriors were napunsaks and namards, they would lose to Sweta, Pakistan, Ravan, Vali, Sugreev and the lund of Sahastrarjun. This Bhishma and Parshuram were chutiyas like karna
2:45 it's for Karna bhakts 😜🤣🤣🤣
Vrahnalla Arjuna 🤣🤣🤣🤣
Good one arjun is best
@@user-ml7fk9vs2l sonyputra corona😷😜
Jhatu log ab is baat pe bhi ladne lage ho
Ye whi karn h, jise marne k liye arjun ko divyastra ka shara lena pda..
शाहरुख कि ऍड को हटाव
@@rudrankpatel9020 'तेरी भाषा ही 'तेरी हारामियत दिखाती है
@@rudrankpatel9020 हलाला की पैदाइश है हलाला का ही पक्ष लेगा तू।। मुल्ले
@@rudrankpatel9020 हिंदुओं के नाम से आईडी बनाते हो मुल्ले । तुम लोगों को शर्म नहीं आती।
@@rudrankpatel9020 tu jehadi h
हां शाहरूख़ को हटाकर आमिर को लगाओ
Waha..karn ..aap.mahaan ho...🙏🙏🙏
Kaun kiske sath tha fark nahi kyuki jiske sath swayam bhgwan Krishna hai usko koi kuch nahi ukhad sakta
Lekin unka sath paane k liye saksham bhi hona padta h isliye to SHREE KRISHNA ne it Mahaan Yoddhao me se keval Arjun ko hi chuna
@@Techie947 you're right so true 🙏❤️
@@Techie947 wo sirf dharma ko chune hai na ki Arjun ko
@@udaybharti Bro, Dharma ka netratva to Arjun hi kar rahe the na❣️
@@udaybharti bro kishan ji ne nhi arjun ne kishan ji ko chuna tha narayani sena chord kr
Pitamah kitne humble hai unhe koi BHI ghurur ni he
Ye mukesh खन्ना ji ke अभिनय ki takat hai
@@factically4972 HAA😃
0.24 Ganga putra blessed karna, "May you live long !" 😇🤔
ऐसा इसीलिए है क्योंकि उनके साथ भगवान श्री कृष्ण
P1s the unki atma
Jai Ho Jai Ho
अर्जुन फिर अर्जुन है, ग्रेटेस्ट वॉरियर अर्जुन
Arjun to arjun hato bhai pan karn to karn hatoj
Both of my favourite characters in mahabharat.
Jai shree Kirshan
पूरे महाभारत में भीष्म के बाद कोई सबसे बड़ा योद्धा था तो वो कर्ण था या यूं कहें कि कर्ण भीष्म का पलड़ा बराबर था लेकिन किसी महाभारत में कर्ण को उनकी ताकत के बारे में अच्छे से नही दर्शाया है।
Bilkul sahi agar Karna ka jeevan janana he to "MRUTYUNJAY" padhe.
Bacche jada hi bolte hai
Right bro
अरे मेरे भाई कैसे तुम कर्ण की बराबरी पितामह से कर रहे हो पितामह महानतम योद्धा थे उनकी शक्ति का कल्पना इसी बात से कर लो जब तक वे थे भीम एक भी धृतराष्ट्र पुत्र का वध नहीं कर पाएं 10 Dino tak ve SAR senapati the aur karn keval 2 din
Arjun hi shresht tha
One of my favorite scene in this serial.Both of them are enemies infront of others.But reality both of them are respect and loved each other dearly.Bhishma didn't like karna's enimity towards pandavas.it is the reason why bhishma always oppose karna and his attitudes.Both are real choice for hastinapura throne not yudhisthira or duryodhana.
Viswaas kro mitr agr dharmraj agr raja bnne yogya na hote to Krishna kV unko raja nhi bnate meri baato pr nhi Bhagwan Krishna pe yakin kro
@Bablu pak duryodhan likhna aata nhi ar comparison kr rha h 1 jhaapad me dimag theek ho jayega tera
@@AryanRaj-hi9wz 😂🤣kya jawaab diya hai
@Bablu pak See this is what we call illiteracy, understand mahabharat as it is
जय श्री राम
मुल्लों के काल इस भाई के
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अवश्य देखें....
धन्यवाद
#भारतसेवा
#Bharatseva
th-cam.com/video/Jo8OdWF2Glg/w-d-xo.html
I love mahabharat
Bheeshma knew Karna, Drona, himself and all combined can't defeat Arjuna. Arjuna was always righteous. That's why he was lord SriKrishna's favorite and invincible.
TV serials always demonstrate flaws.
In the Virata War, Bhishma, Drona & Karna were just doing formality.
Moreover, Arjuna was holding the divine bow Gandiva at that time. While Karna was with his ordinary bow which was broken by Gandiva.
But in the final war, Arjuna wasn't able to harm their single hair, when they fought with him separately.
@@inderpratapsinghsalathia2798 It's correct bro in actual vedvyas mahabharat no one has ever defeated arjun. Neither in virat war an nor in the main kurukshetra war. Ya once in kurukshetra war karna once overpowered arjun but he never be able defeat him. Though arjun defeat karn that too 3 times in virat war and made him flee from battle, then in day 12 mahabharat, arjun injured karn, then during the time of jayadrath vadh he again made karn run from the battle.
Krishna himself gave the title of vijaya to arjun which means invincible in war.
If u read the authentic vedvyas mahabharat arjun was never defeated by anyone.
I can gave u more proof if u want but it's your wish if u still don't think so that arjun was the greatest, then u should check yourself before commenting on others comments
Regards.....
@@inderpratapsinghsalathia2798 Mahabharata padh original karna ko Stayaki, Abhimanyu,drupad,arjun ne kai baar haraya h aur gandharv yuddh se toh karna bhaag gya tha
@@rahuladitya2633
I was busy in my schedules. So, I didn't see your reply.
Well, Lord Krishna told Arjuna in the Kurukshetra War that all the warriors of the 3 worlds fighting together couldn't defeat alone Karna.
[ This speech is available on Google: Karna Parva Section 72 (paragraph 2) ]
Wonder Meghanada defeated both Lakshmana & Lord Rama together in Ramayana.
In some versions, Meghanada also defeated Lord Hanumana in the war.
Even then, Meghnada is no match for Karna. Karna was able to defeat all the warriors of the 3 worlds single-handedly.
This is the reason why Suyodhana trusted him easily in the contest held in Hastinapur.
Karna was the second Sun on earth.
Kuntidevi had the boon that the son born from the invocation of the god would be equal in splendour of that god.
So, you can wonder _Indra_ is no match for _Surya_
That's why Lord Indra & Krishna always feared Karna's power & tried to weaken him as far as possible.
Just think *OBJECTIVELY* :- Arjuna was Lord Krishna's closest friend. But still Lord Krishna didn't tell Arjuna that Karna was his eldest brother. Lord Krishna exactly did the reverse of that in order to make Karna out of power already before the war.
In the Virata War, even Bhishma could defeat Arjuna easily as easily he defeated him multiple times in the Kurukshetra war.
Karna & Arjuna both were divine warriors. So, they both must have been with their divine bows in any war.
Moreover, Bhishma & Drona were not serious in the Virata War, Karna too.
Your greatest Arjuna was not able to defeat Drona also. Pandavas had to do cheating to triumph over Drona in the finals.
*CRUX:*
Nakul Sahadev- Masters in Sword fighting
Arjuna- Master in Archery
Bhima- Master in Mace fighting
Yudhishthira- Master in Spear fighting
*Karna* - Master of all these weapons
Here, you can use the logic that Arjuna couldn't lift as heavy bows as Karna could.
So, the accuracy of the arrows of Karna were far-far superior than the Arjuna bcoz of the much more tension in the string of the Karna's Bow.
[ Bara bhai bara hi hota hai aur chshota bhai chshota. E.g., Raam- Lakshman, Vaali-Sugriv, Raavan-Vibhishan, Meghnaad-Atikay aur Karn-Arjun ]
In many different versions of the Mahabharata, even Paanchali's disrobing is not mentioned.
Many folks think that Karna was responsible for Paanchaali's humiliation. But it's not true.
*PONDER CAREFULLY* :- If Pandavas could kill Drona by cheating, then they must have saved their wife's honour too by hook or by crook during her insult.
Therefore, it looks very clear that the Paanchaali's disrobing is false written by many modern authors.
Yes. It's true that she was dragged by hair in the Hastinapur's court. She was dressed in casual (not wearing the high quality attire as a regal empress used to wear). Many royal women of Hastinapur standing on the above storey threw long piece of clothes on Paanchali, so as to hide her casual look in which she had been brought by.
But she was neither nude, nor Dushasana tried to remove her clothes.
She was just wearing casual clothes. And her legs, midriff & upper portion were already covered before her arrival in the court.
Thus, *Karna was the real hero of the Mahabharata*
You might have guessed in your life that the hero of any mythological story is always without magical powers [ so as to give an example to a common man how to face the toughest hardships ]
Eg., Lord Rama in _Ramayana_ .. Karna in _Mahabharata_ .. Hercules in _The 12 Labours_ .. Aladdin in _The Arabian Nights_ .. Sinbad in _Sinbad The Sailor_ & many more..
You said to me in your reply at the end that firstly I must have checked myself before commenting against the greatest warrior Arjuna.
OK. I challenge you:- Remember my face & my name in your mobile screenshot or in some another way which suits you well.
Then after 10 years, you will regret your words.
On 2nd June, 2030, either I will tell you about my pure status which will be helping the poor so much, or you will be already aware of that because of my fame.
If I had been of your class, then I would have said to you in your way:- Check yourself first, then comment about the greatest Karna.
But I won't do that.
I will also keep your face & your name in my memory forever by saving the screenshot.
In fact, it has been already remembered by me so well.
*MIND MY WORDS BCOZ I NEVER LIE*
@@pokeking4170
Baahar ki zindagi main, maen aapkay jaesay behuda saksh ke mu kabhi bhi nahin lagta. Lekin yahaan par Mahaavir Karn ki izzat ka sawaal hai. Isiliye jawaab dena parta hai:-
Guru-dakshina main Dron ne apne apmaan ka badla Paanchaal naresh se apne shishyon se lena tha. Yaad hai na Mahabharat.
To Karn kab Dron ka shishya ban gaya???
Aapnay galat Mahabharat pari hai. Mahabharat ke to sekron alag-alag anuvaad mil jaatay haen. Magar uska nichor aakhir kaar apni hi buddhi se nikaalna parta hai. Kyunki koi Mahabharat kuchsh aur kehati hai aur koi Mahabharat kuchsh aur.
Maenay to fir bhi expert historians se consult bhi kiya hai kyunki peshay se maen Civil Engineer hoon. Isiliye iss wakt khud professional historian nahin ban sakta. Lekin aanay waale saalon main ban bhi jaayunga.
Gaandharavon se Karn isiliye bhaaga tha kyunki uss wakt Karn nihattha aur sharaab ke nashay main tha.
Lekin aapko yeh nahin pata hoga ki Karn ne uss hi wakt waapis aakar Gaandharavon se yuddh bhi kiya tha aur safalta bhi praapt ki thi.
Fark sirf itna hai ki jab tak vo Suyodhan ke paas waapis pahuncha, tab tak Bhim aur Arjun Suyodhan ko chshura chukay thay.
Kurukshetra Yuddh main, Karn Satyaki aur Abhimanyu se isiliye thora sa haara kyunki Shri Krishn ne Karn ko yuddh se pehle hi kamzor kar diya tha.
Karn ne bhalay hi Suyodhan ki or se yuddh lara, lekin Bheeshm aur Dron ki tarah vo bhi Paandavon ko nahin maarna chaahta tha.
Vo yuddh ki shuruaat se hi kaafi dawaab main tha.
Nahin to jis Abhimanyu aur Satyaki ki aap bari misaal de rahe ho na, inki koyi aukaat nahin ki ye uss dard ko sehan kar saken jo Daanveer Karn ne Parshuraam ji ki neend ki raksha ke liye chup-chaap sehan kar li thi.
Kyunki Karn ki jaangh se jo garam khoon baha tha, uskay taap se hi Parshuraam ji ki neend bhang ho gayi thi.
Suryaputra Karn ko viraasat se Suryadev se jo shaktiyaan praapt theen. Unn shaktiyon se Indradev aur Shri Krishn hamesha dartay thay.
Inn dono ne Karn ko maarnay ke liye kayi prayaas kiye. Lekin dono jaantay thay ki Karn hamesha ke liye sabhi ke mann main amar rahega.
Wo mujhe har Vijay se priya hai.... goosebumps aa gaye.... really Karn jaisa frnd bahot kismat walo ko milta hai....wo sbse lad gaya only apne frnd k liye.. Bhagawan se bhi...apne Bhayyo se bhi...or moat se bhi....Karn 🙏🙏🙏🙏
पितामा को नमसकार
Great Karan
Best seriel of my life 🙏🏻🌷🥀
महादेव के अतिरिक्त अर्जुन को कोई हरा नहीं सकता by श्रीकृष्ण
Bhai, sabhi log karna ke liye pagal hain, Arjun ko Karn se chote samajhte hain, pagal hain sab
Karna hra sakta hai many times Krishna saves arjuna life
Same line tell by parshurama for karna
@Margi 'S bilkul sahi kaahaa
Mha dev aur Krishan to chodo Karn hi hrs deta
My two favorites 😍❤️
हार से जादा priya friendहै. कितना महान कणॅ
Last 1.30 mins is the reason behind why these great warriors till their death stand in Adarm paksh ( their promises and their karma written by themself )
सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।
Best video bhai ❤️❤️❤️❤️
जय जय महा भारत जय श्री कृष्णा
કણપૉતૅકૅયછૅપીતામાહજબજબમૅરાઑરઅરજુનકાસામનાહુવાતબતબમૅરીપરાજયહુવી..તૉઆજકાલતૉઅધભગતૉલાગછૅઅરજુનકણનીસામૅકાયનથીકૅમમાનવુ
Mukesh Khanna is the best actor
Mujhe duryodhan har vijay se priye hai,waah kya baat kahi hai
This conversation is for those people who always says karna is better than Arjun ,this is an open eyes for them ,even karna himself says whenever I fight with Arjun I always loss why , tht means he admit he always get defeated from Arjun
@@Amankumar-gh2es karna ya arjun.great tu abhimanyu hai
@@Amankumar-gh2es arjun is best dhanurdhar by world it is accepted by mahadev in sambhava parva and parshuram ji also accepted it
Bhai mujhe to yh glt lgta h. Karn antim yudh ke alava kbhi bhi arjun se nhi hare the.aur ant ke yudh me vo har ke bhi jit gye.
@Ke Ka - losers give all sort of excuses while brave do the task
@Ke Ka - Don't get you knowledge from TV serials, read Critical edition of Mahabharata, Karna had weapon in hand when he was beheaded. His request to buy time to get chariot wheel was rejected since he was involved in Abhimanyu killing. He fought from ground and got killed. Also, if you understand Lord's way of working and testimony of Barbarik, it was Krishna himself who killed or was being killed. War happened only to fulfill all boons and curses. Arjun could kill Karna only with fulfillment of all Karna's curses. Krishna although himself the supreme Lord didn't save his clan from Ghandhari's curse. So, you must trust the God rather than mere mortals like Karna. Yes, please read critical edition of Mahabharata which is accepted as best version since it was made after 50 years of research.
jai ho mahabharat ki
Favourite bgm is karn's bgm from mahabharat
तीन बेहतरीन कलाकार- पंकज कपूर, पंकज धीर और पंकज बेरी|
great yoddha
Om namoh bhagwate vasudevay 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
दुर्योधन ने सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ही करण से मित्रता की लेकिन करण इसे गलत समझ बैठे।
Shandar
Great..Watch spiritual question and answer #radhedheeraj