चन्दवंशी राजपरिवार के रसोइयों का मूल गांव, कुलेठी रस्यारा(चंपावत)

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  • เผยแพร่เมื่อ 26 ส.ค. 2024
  • हमारा कुमाऊँ का इतिहास तरह तरह की विविधताओं और रहस्यों से भरा हुआ है। हमारे कुमाऊँ के हर जिले, हर क्षेत्र, हर गाँव का अपना एक इतिहास जरूर रहा है। इसी क्रम में आज बात करेंगे कुमाऊँ के सबसे खूबसूरत जिले चंपावत की। ये चंपावत पहले कुमाऊँ की राजधानी था।
    कुमाऊँ प्रथम नगर होने का गौरव प्राप्त ये नगर हमारे चन्दवंशी राजाओं के गौरवशाली इतिहास का एक बड़ा केंद्र और तत्कालीन घटनाओं का गवाह रहा है।
    चंपावत शहर से करीब 5 किमी की दूरी पर एक गाँव है कुलेठी रस्यारा। ये गाँव चंद राजाओं के राज रसोईयों का गांव है। चंपावत के तत्कालीन राजा अभय चंद ने इस गाँव जयबल्लभ पांडेय जी को अपने राज परिवार की रसोई बनाने के लिए चुना। तभी से ये लोग रस्यारा कहलाये। राज परिवार के रसोईये होने के लिहाज से इस रस्यारा परिवार का हमरे कुमाऊँ के इतिहास में बड़ा ऊंचा स्थान है। बद्रीदत्त पांडेय जी के "कुमाऊँ के इतिहास " में इसका जिक्र भी है।
    उसके बाद जब 1560 के आसपास जब चंद राजाओं ने अपनी राजधानी अल्मोड़ा स्थानांतरित की, तब वो यहां से इस परिवार के एक रसोईये महादेव पांडेय जी को अपने साथ अल्मोड़ा लेकर आ गए।
    अल्मोडा के राजाओं ने उन्हें सोमेश्वर के पास एक गाँव रहने के लिए भेंट किया। वो गांव आगे चलकर रस्यारा गांव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
    आज भी कुलेठी रस्यारा और रस्यारा गांव के परिवार के रस्यारों को आसपास और दूरदराज के लोग अपने वहां शुभ कार्यों में भोजन बनाने का आमंत्रण देकर खुद को धन्य समझते हैं।
    दोनों गाँवों में जाकर वहां के लोगों से मिलकर इतिहास से कुछ जानकारी
    जुटाई और उन जानकारियों को आपके सामने वीडियो के रूप में लाने की कोशिश की है।
    वीडियो पसन्द आये तो वीडियो को like कीजिए , शेयर कीजिए और अपनी कोई शिकायत या सुझाव के लिए कमेंट बॉक्स में अपनी राय रख सकते हैं।
    यदि आपके आसपास ऐसी कोई जगह, ऐसा कोई स्थान, ऐसा कोई गांव है, जिसकी कोई अपनी विशेषता या ऐतिहासिक -सांस्कृतिक महत्व का स्थान हो।
    आप मेरे व्हाट्सएप पर उसकी जानकारी दे सकते हैं।
    में जल्द आपसे सम्पर्क करके आपके गांव आने की कोशिश करूंगा।
    9027745814
    आपका
    A FELLOW TRAVELLER

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