निःशब्द!!!!!! कमाल!!!!!! कल कॉलेज जाना है सुबह पर मुझे नही लगता आज रात मुझे अब नींद आएगी, एक-एक शब्द मुस्कान दे कर जा रही थी चेहरे में, कुछ लोग कह रहे है कि आप थोड़ा उनकी कविताएं या शायरी भी सुनाए पर मेरे हिसाब से ऐसे बिल्कुल परफेक्ट था, बहुत अच्छा लगा पूरा सुनकर, उत्साह से भर गया हो मन मानो, एक बात और कि साहित्य में जिस सख़्श ने पीएचडी की हो वो जब किसी कवि या शायर की बात बताता है तो उसे आप कहीं इस्तेमाल भी कर सकते हो, ऐसे कि डॉ. इरशाद कामिल ने लुधियानावी जी का पता बताते हुए कहा है कि वो लोगों के दिलों में रहते हैं। एक लेखक की शुरुआती कविताओं के साथ कैसा व्यवहार होता है यह जानकर खुशी हुई, कि चलो मतलब सिर्फ हमारे साथ नही हो रहा बड़े-बड़े लेखकों के साथ होता आया है ये, ऐसे ही हिंदी के एक कवि थे मैं उनका नाम भूल गया पर उनके साथ हुआ यूं कि जब तक वो जीवित थे उनकी एक भी किताब किसी ने नहीं छापी, मरणोपरांत उनकी कविताएं बीए, एमए, में पढ़ाई जाती है, और हिंदी के बड़े साहित्यकार में गिनती होती है उनकी। अंत में एक बात कि प्रोडक्शन क्वालिटी बिल्कुल ही अलग स्तर का है, पीछे पड़ी लेम्प से लेकर, बैकग्राउंड म्यूजिक तक, और अलग-अलग कैमरा एंगल, साथ में क्लोज-अप का शॉट, सब बिल्कुल जादुई माहौल बना दे रहे है। देखने वालों के लिए एक सलाह की, रात को बत्ती बंद करके, बिल्कुल सन्नाटे के माहौल में, दुनिया भर का सारा समय अपने पास रखते हुए इस वीडियो को देखे, सुने, महसूस करें, तो मतलब मज़ा ही आ जायेगा आपको।
The glory of Sahir Ludhianvi reflects on his couplets. Every man, irrespective of his time and age, can relate to him and his art. Only rare mortal souls have been blessed with this much talent. Few poets can penned down with such simplicity. "Kabhi khud pe, kabhi haalat pe rona aaya, Baat nikli toh har baat pe rona aaya"
Great shayar, ये दुनिया दो रंगी है, एक तरफ रेशम ओढ़े एक तरफ से नंगी है। बेहद बारीकी से दुनियाँ के असुलो को देखा था शायद, साहिर साहब ने। Sir, आप के लिखे नग़में भी बहुत meaningful है, जैसे - क्यों सच का सबक सिखाये जब सच सुन भी न पाए, सच बोले तो क्यु तु, नियम कानून बताये। 👏👏👏👏👏
Sir mujhe bahut achcha lg rha h aapke anubhav ,aapki jankari or use abhivyakt krna seedha dil se jud rha h.lagataar sunte rhne ka mnn bna rha . Really great ... !!
जी, नहीं कोई भी जिंदा आदमी,ये नहीं कह सकता कि ...कौन साहिर ? साहिर ऐसे ही पैदा नहीं होते, अस्तित्व का, कायनात का बड़ा दम लगता है,साहिर पैदा करने में। साहिर... यानी जादुगर...्् वो जादुगर था...जादुई बिखेर कर चला गया...आशिकी उसके खून में थी...उसके डीएनए में। तसव्वुरात रात की परछाइयां उभरती हैं......बिना खालिस आशिकी के नहीं लिखा जाता... वो कबीर जैसा आशिक था...कबीर भी,ंंंंगालिब भी आंशिक ही थे अपने अपने ख़ुदाओं के। अमृता भी खुदा ही हो गई,साहिर को छू कर। महोब्बतें आदमी को खुदा बना देती हैं...जय जय 💐😊🙏
आप ने बहुत लोगों को असल शायरी और शायर से महरूम किया है। इतनी देर से क्यों आए। यहां आप पहले होते तो कुछ भ्रमित लोगों से हम निकले होते और कुछ जान सकते मजरूह को,शकील बदायूंनी को, कैफ़ी आज़मी को,जानीशार अख्तर को,राजा मेहदी अली खान को। देर आए दुरुस्त आए। इस्तकबाल।
मैं युवक हूँ मैं युवक हूँ सक्षम हूँ काविल हूँ जो चाहे कर सकता हूँ जहाँ चाहे जा सकता हूँ मुझे कौन रोकेगा मुझे कौन टोकेगा मैं आज़ाद हूँ आवाद हूँ मुझे किसी के सहारे की जरूत नहीं बल्कि मैं किसी का सहारा हूँ क्योंकि मैं युवक हूँ ये कल्पना मात्र दिल को सूकून दे जाती है और ज़िन्दगी कल्पना मात्र तक ही सिमटकर रह जाती है हाँ मैं युवक हूँ बेवश, लाचार, नाकाम हूँ पर मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ हर कदम पे लाचारी है बेरोजगारी है या महामारी है रोटी कमाने की चाहत में दिन चढ़ाते ही निकल जाता हूँ देर शाम तक घर साथ मैं निराशा लेकर आता हूँ गालियों से सजी थाली का एक-एक निवाला तोड़कर खा लेता हूँ सिसकर धीरे से, चुप होकर फिर मैं सो जाता हूँ क्योंकि मैं युवक हूँ मुझे नाकाम होने का अधिकार नहीं मेरा रोने का व्यवहार नहीं क्योंकि मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ बेवश, लाचार, नाकाम हूँ पर मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ मुझे समझने की किसे पड़ी है उमर छोटी नहीं मेरी अब बड़ी हो चली है एक बार भी किसी ने ना पूछा, ना कुछ कहा दिन कैसा गया कितना मैं प्यासा कितनी दफ़ा मैं भूखा रहा कितनों ने दुत्कार दिया क्या किसी एक ने काम दिया आज असफल रहा तो क्या पर तूने आसमान छान दिया ये उम्र का दौर है बेटा अभी तुझे कुछ अंदाजा नहीं धीरे-धीरे आदत बनेगी पैदा होते ही कोई दौड़ता नहीं मैं युवक हूँ अपना हाल किसी को सुना नहीं सकता ना ही स्थिर मैं रह सकता क्योंकि मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ बेवश, लाचार, नाकाम हूँ पर मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ खैर अब मुझे आदत हो चुकी है कम और गम खाने की छोटी-छोटी साँसें भर लेता हूँ परवाह किये बिना जमाने की बेवशी, लाचारी ने सिखाया दिया अपने पराये का फर्क ज़िन्दगी कभी-कभी दिखा देती जाने कैसे-कैसे हश्र जो कभी अपने थे वो पराये-से लगते हैं जो कभी पराये थे वो आज अपने-से लगते हैं ख़ैर वक्त मेरा भी आएगा ज़िन्दगी करवट लेगी आज मैं खाली फुककड़ हूँ जेब कभी तो भरी होगी मैं खाली गागर-सा चल रहा सागर की तलाश में मैं दीपक-सा जल रहा रात की आस में आखिर खाली घड़े ही तो भरते हैं आखिर दीपक रातों में ही तो जलते हैं अभी और, आज तो मुझे चलना है आखिर इतिहास मुझे ही तो बदलना है क्योंकि मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ अभी बेवश, लाचार, नाकाम हूँ पर मैं युवक हूँ हाँ मैं युवक हूँ ******* Rohtash rohtashhr1991@gmail.com
Sir bahut hi shandaar jankari di hai apne Sir mere sath bhi suruaat me apki Tarah aur sahir sir ki Tarah samsya aa rahi hai. pr sir agar aap mujhe apna sagird Bana le to main bhi ek achchha writer ban sakta hoon. Please sir mujhe apna sagird Bana lijiye. Sir Maine kuchh gaane likhe h Sir mujhe Pata hai inme kaafi galtiyan h pr sir main in galtiyon ko aapki madad se thik karna chahta hoon. (1) नूर, नूर , नूर - 4 तेरे चेहरे पे ओ जाना इतना है नूर -2 मुझे तू लगती है हूर -4 तेरे गाल है गुलाबी तेरी आँख है शराबी तेरे होंठो पे है लाली -2 चमके तू ऐसे, जैसे हीरा कोहिनूर हीरा कोहिनूर मुझे तू लगती है हूर -4 हर कहीं यारा तेरा ही आलम है हर जगह यारा तेरा ही मंजर है हर समय तेरा मुझे छाया है सुरूर मुझे तू लगती है हूर -4 मैं तेरा हूँ दीवाना सुन लो ओ जाने जाना मुझको है तुमको पाना तुमको पाना तुम कुछ भी कहो हुजूर मुझे तू लगती है हूर -4 (2) गुस्ताखियां दिल करने लगा प्यार तुझे जब से करने लगा है कोई पता न, कोई खबर अब हर कहीं तू ही आये नज़र खुद ही खुद पे हसने लगा जब से तुझ से मिलने लगा गुस्ताखियां दिल करने लगा प्यार तुझे जब से करने लगा तेरे ही बारे मे सोचे सारा दिन दिल कहीं लगे न मेरा, तेरे बिन ख्वाब तेरे मेरा दिल अब सजोने लगा बस तेरा ही अब होने लगा गुस्ताखियां दिल करने लगा प्यार तुझे जब से करने लगा न कोई तमन्ना है , न ही आरजू है मेरे दिल की बस एक दवा तू तुझसे बीछड़ ने से डरने लगा मैं इस कदर तुझ पे मरने लगा गुस्ताखियां दिल करने लगा प्यार तुझे जब से करने लगा (3) बतीया जो तुझ से न हो पावें दिल मेरा उड़ उड़ जावें दिल पे जोर नईयों मेरा चलदा दिल बावरा तेनू ही चहावें माहीं रे , माहीं रे -2 न जानू मेरा दिल ये किस ओर भागे है सारी सारी रातां ये तेरे लिए जागे आसमां के हर तारे मे तुझको ही पावें माहीं रे , माहीं रे -2 देखा है जग मैने तुझसा न पाया देखते मेरा दिल तुझ पे था आया तेरे सिवा न रब से कुछ मेरा दिल मांगे माहीं रे , माहीं रे -2
Sahir sahabb dil me rhte uske bagal me irsad sahab bhi rhte hai ❤️❤️
निःशब्द!!!!!!
कमाल!!!!!!
कल कॉलेज जाना है सुबह पर मुझे नही लगता आज रात मुझे अब नींद आएगी, एक-एक शब्द मुस्कान दे कर जा रही थी चेहरे में, कुछ लोग कह रहे है कि आप थोड़ा उनकी कविताएं या शायरी भी सुनाए पर मेरे हिसाब से ऐसे बिल्कुल परफेक्ट था, बहुत अच्छा लगा पूरा सुनकर, उत्साह से भर गया हो मन मानो, एक बात और कि साहित्य में जिस सख़्श ने पीएचडी की हो वो जब किसी कवि या शायर की बात बताता है तो उसे आप कहीं इस्तेमाल भी कर सकते हो, ऐसे कि डॉ. इरशाद कामिल ने लुधियानावी जी का पता बताते हुए कहा है कि वो लोगों के दिलों में रहते हैं। एक लेखक की शुरुआती कविताओं के साथ कैसा व्यवहार होता है यह जानकर खुशी हुई, कि चलो मतलब सिर्फ हमारे साथ नही हो रहा बड़े-बड़े लेखकों के साथ होता आया है ये, ऐसे ही हिंदी के एक कवि थे मैं उनका नाम भूल गया पर उनके साथ हुआ यूं कि जब तक वो जीवित थे उनकी एक भी किताब किसी ने नहीं छापी, मरणोपरांत उनकी कविताएं बीए, एमए, में पढ़ाई जाती है, और हिंदी के बड़े साहित्यकार में गिनती होती है उनकी।
अंत में एक बात कि प्रोडक्शन क्वालिटी बिल्कुल ही अलग स्तर का है, पीछे पड़ी लेम्प से लेकर, बैकग्राउंड म्यूजिक तक, और अलग-अलग कैमरा एंगल, साथ में क्लोज-अप का शॉट, सब बिल्कुल जादुई माहौल बना दे रहे है।
देखने वालों के लिए एक सलाह की, रात को बत्ती बंद करके, बिल्कुल सन्नाटे के माहौल में, दुनिया भर का सारा समय अपने पास रखते हुए इस वीडियो को देखे, सुने, महसूस करें, तो मतलब मज़ा ही आ जायेगा आपको।
The glory of Sahir Ludhianvi reflects on his couplets. Every man, irrespective of his time and age, can relate to him and his art. Only rare mortal souls have been blessed with this much talent. Few poets can penned down with such simplicity.
"Kabhi khud pe, kabhi haalat pe rona aaya,
Baat nikli toh har baat pe rona aaya"
One of the best lyricist at this time in bollywood.... i have a huge respect for him...
पसंदीदा गीतकार के पसंदीदा गीतकार का अद्भुत vedio💐💐👌
Great shayar,
ये दुनिया दो रंगी है,
एक तरफ रेशम ओढ़े एक तरफ से नंगी है।
बेहद बारीकी से दुनियाँ के असुलो को देखा था शायद, साहिर साहब ने।
Sir, आप के लिखे नग़में भी बहुत meaningful है,
जैसे -
क्यों सच का सबक सिखाये
जब सच सुन भी न पाए,
सच बोले तो क्यु तु,
नियम कानून बताये।
👏👏👏👏👏
I love you Irshad Kamil sahab ❤❤❤❤
बहुत खूब sir 🥰🥰.... Dil khush ho jata hai aapko sunkar ❤️❤️❤️
Thank you, Videos dekh ke apni rai dete rahein.
आपका काम और बोली आपकी तरह कामिल है sir 🙏🙏jo sirf सराहनीय है... ❤️❤️❤️...
क्या तारीफ करूँ उसकी जिसने तुम्हें बनाया।,सर बातें बहुत अच्छी लगी।
Shandaar aagaaz nayi series ka. 🤗
Sahir 🌼🌼🌼
You are best lyricist sirji
Sahir is great poet 👍👍👍
Shahir shaab jaisa koi nahi Alfazon ke jadugar the woh ek pal ka shayar ne kya zindagee ziye Talkiyan aur Amrita pritam 🌺💞
Sahir Ludhianvi, Anand bakhsi, majruh sultanpuri🔥🔥🔥
Bahut khoob Sir! Mujhe aap ka andaze-vyaan bahut pasand hai....... or aap jaankaari ki khaan ho.....
बहुत सुन्दर ... शानदार प्रस्तुति सर जी । नई नई जानकारी के लिए ...
कईयों के जुबां से सुने है किस्से हमने उनके..
आज आपकी जुबां से सुनकर अच्छा लगा!!
Sir mujhe bahut achcha lg rha h aapke anubhav ,aapki jankari or use abhivyakt krna seedha dil se jud rha h.lagataar sunte rhne ka mnn bna rha . Really great ... !!
Loved it we wants more sir🧡
Sahir sahab ko ab kya hi khna🙏🤲🥀💐
Thank you sir God bless you 😊
Sahir jaisa koi nahi.....
कल और आएँगे नगमों की,
खिलती कलियाँ चुनने वाले।।
बहुत खूब सर...
Sir
You are just amazing… ❤️
Love you
अभी हदीस-ए-दिल की बहुत तफसीरें लिखी जाएंगी, is a moment जहाँ दिल बैठ सा जाता है।
Mashallah Irshad Bhai series dekh kr achcha laga hme
Saahir k baad irshad mere sbse favourite hai
Kamil sb, nice presentation, bahut bahut shukriya aapka salamat rahen zindabad, umr daraz hon aameen Syed ale Ali, jabalpur m, p, Jay hind Jay bharat
Thanks a lot sir.
Jab main aapke gaane sunta hun toh me b gaane likhne k liye in Inspire hota hu
Very nice...but sir kuxx sher ya geet wagaira v add krdiya kijiye...
loved it...sir ek request hai..thode se songs ki jhalak bhi bhi dal deiya karo, jaise "chalo ek baar fir se" plsss sir
Love you sir❤️❤️
अंदाज🥰
Sahir ludhyanvi is my favourite thanks for the information
Aapka andaaz-e-bayaan khoob hai
Behtreen❤❤❤❤
Loved it.
Very good, aap ka presentation bahut acha hai
Irshaad sir kal Sahir ka Janmdin h Aap ki video kaafi helpful h thanks!! You're great man, Also Sahir or uske sher ❤
लो तोड़ दिया हमने रिश्ता -ए -उम्मीद
लो अब कभी न गिला करेंगे किसी से हम🙏🤲
सर प्रणाम ।
अच्छा लगा ।पार्श्व संगीत तेज़ है ।🙏🏻🙏🏻
कौन कहता है कमी नहीं होती,
आसमां के पास ज़मीं नहीं होती।।
Great initiative!
Waiting for the next
सर laila majnu के songs के पीछे की स्टोरी बताइए
Bahut acha Laga Irshad ji, aaj pahle din dekha Aapka channel 🙏☺️👌
Bohot khoob ✨
Nice Journey
*Aapka explain karne ka tarika badiya hai Sir👍*
दिल से मोहब्बत ❤
Love you bhai
हम सभी नए कवि, शायर और कुछ नए सिंगर भी है
रिस्पेक्ट सर
प्लीज नोवेल विनर लुइस ग्लुक की भी ऐसी वीडियो बना दीजिए ताकि हम भी उनकी कविता के जरिए कुछ सीख सके
Great 👌👌
❤️
Pranam guru ji
Mai bhi kavitayen geet likhna hui.
Please mughe bhi kuch sikhaye apki tarah geet jaise likhu
❤️❤️❤️
कभी आप लाइव आएं
❣️🙏😘
Sir Plz Accept Love From pakistan
Shayar ke character ki film ki zarurat hai is channel ke viral hone ke liye. Regards.
जी, नहीं कोई भी जिंदा आदमी,ये नहीं कह सकता कि ...कौन साहिर ? साहिर ऐसे ही पैदा नहीं होते, अस्तित्व का, कायनात का बड़ा दम लगता है,साहिर पैदा करने में।
साहिर... यानी जादुगर...््
वो जादुगर था...जादुई बिखेर कर चला गया...आशिकी उसके खून में थी...उसके डीएनए में।
तसव्वुरात रात की परछाइयां उभरती हैं......बिना खालिस आशिकी के नहीं लिखा जाता...
वो कबीर जैसा आशिक था...कबीर भी,ंंंंगालिब भी आंशिक ही थे अपने अपने ख़ुदाओं के।
अमृता भी खुदा ही हो गई,साहिर को छू कर। महोब्बतें आदमी को खुदा बना देती हैं...जय जय 💐😊🙏
Agressoin ne unko kya shayar banaya wahi baat apse milti hai
Sir beech beech mein unki shayari bhi padh diya kijiye taaki humara interest bana rhein aur sir thodi bhasha mein layaatmakta bhi laa dijiye taaki aapke munh se aadmi ki taweel shakshiyat ka andaaza ho sakein
Aap apne baare mein khaani bataye Jo aapne mehsus kiya jo aapne ahsaas kiya. jo aapne kaise likhne ka tajruba bataye.
Sir apse mulakat ho skti hai 🙏🙏
हम इंतज़ार करेंगे तेरा कयामत तक
آپ بڑے کم مشہور سے کیںوں لگ رہے ہیں. وہسے لاجواب
Jaadugar sahir pasandida
हमारा 256 लोगों का व्हाट्सएप ग्रुप है
आप सभी को यहाँ मेरे channel पे लाएँ.
मुझे साहिर को पढ़ना है कौनसी किताब सबसे अच्छी होगी
Sahil ki dairy
Mai bhi sahil ludhyanvi per resurch kr rha hu aj kl
Sahir ludhyanvi ki nazam parchainya
Jawan raat ke sine pe dhudhyan aanchal
Machal raha hai kisi khwab e mar mari ki tarha
Aapne MA Hindi Kiya. Phir Urdu kaise sikha
आप ने बहुत लोगों को असल शायरी और शायर से महरूम किया है। इतनी देर से क्यों आए। यहां आप पहले होते तो कुछ भ्रमित लोगों से हम निकले होते और कुछ जान सकते मजरूह को,शकील बदायूंनी को, कैफ़ी आज़मी को,जानीशार अख्तर को,राजा मेहदी अली खान को। देर आए दुरुस्त आए। इस्तकबाल।
Sir hii mat bola kariye
Ek mahan lyricist ya shayar se acha nhi lgta thoda modern sound hota hai.
Ye sirf mera personal opinion hai.
मैं युवक हूँ
मैं युवक हूँ
सक्षम हूँ
काविल हूँ
जो चाहे कर सकता हूँ
जहाँ चाहे जा सकता हूँ
मुझे कौन रोकेगा
मुझे कौन टोकेगा
मैं आज़ाद हूँ
आवाद हूँ
मुझे किसी के सहारे की जरूत नहीं
बल्कि मैं किसी का सहारा हूँ
क्योंकि मैं युवक हूँ
ये कल्पना मात्र
दिल को सूकून दे जाती है
और ज़िन्दगी कल्पना मात्र तक ही
सिमटकर रह जाती है
हाँ मैं युवक हूँ
बेवश, लाचार,
नाकाम हूँ
पर मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
हर कदम पे लाचारी है
बेरोजगारी है
या महामारी है
रोटी कमाने की चाहत में
दिन चढ़ाते ही निकल जाता हूँ
देर शाम तक घर साथ मैं
निराशा लेकर आता हूँ
गालियों से सजी थाली का
एक-एक निवाला
तोड़कर खा लेता हूँ
सिसकर धीरे से, चुप होकर
फिर मैं सो जाता हूँ
क्योंकि मैं युवक हूँ
मुझे नाकाम होने का अधिकार नहीं
मेरा रोने का व्यवहार नहीं
क्योंकि मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
बेवश, लाचार,
नाकाम हूँ
पर मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
मुझे समझने की किसे पड़ी है
उमर छोटी नहीं मेरी
अब बड़ी हो चली है
एक बार भी किसी ने
ना पूछा, ना कुछ कहा
दिन कैसा गया
कितना मैं प्यासा
कितनी दफ़ा मैं भूखा रहा
कितनों ने दुत्कार दिया
क्या किसी एक ने काम दिया
आज असफल रहा तो क्या
पर तूने आसमान छान दिया
ये उम्र का दौर है बेटा
अभी तुझे कुछ अंदाजा नहीं
धीरे-धीरे आदत बनेगी
पैदा होते ही कोई दौड़ता नहीं
मैं युवक हूँ
अपना हाल किसी को सुना नहीं सकता
ना ही स्थिर मैं रह सकता
क्योंकि मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
बेवश, लाचार,
नाकाम हूँ
पर मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
खैर अब मुझे आदत हो चुकी है
कम और गम खाने की
छोटी-छोटी साँसें भर लेता हूँ
परवाह किये बिना जमाने की
बेवशी, लाचारी ने सिखाया दिया
अपने पराये का फर्क
ज़िन्दगी कभी-कभी दिखा देती
जाने कैसे-कैसे हश्र
जो कभी अपने थे
वो पराये-से लगते हैं
जो कभी पराये थे
वो आज अपने-से लगते हैं
ख़ैर वक्त मेरा भी आएगा
ज़िन्दगी करवट लेगी
आज मैं खाली फुककड़ हूँ
जेब कभी तो भरी होगी
मैं खाली गागर-सा चल रहा
सागर की तलाश में
मैं दीपक-सा जल रहा
रात की आस में
आखिर खाली घड़े ही तो भरते हैं
आखिर दीपक रातों में ही तो जलते हैं
अभी और, आज तो मुझे चलना है
आखिर इतिहास मुझे ही तो बदलना है
क्योंकि मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
अभी बेवश, लाचार,
नाकाम हूँ
पर मैं युवक हूँ
हाँ मैं युवक हूँ
*******
Rohtash
rohtashhr1991@gmail.com
Bahut achha Rohtash ji 🙏☺️
Kaabil E Taaref 💞
Bohot hi Sundar 😊
Sir bahut hi shandaar jankari di hai apne
Sir mere sath bhi suruaat me apki Tarah aur sahir sir ki Tarah samsya aa rahi hai. pr sir agar aap mujhe apna sagird Bana le to main bhi ek achchha writer ban sakta hoon. Please sir mujhe apna sagird Bana lijiye. Sir Maine kuchh gaane likhe h
Sir mujhe Pata hai inme kaafi galtiyan h pr sir main in galtiyon ko aapki madad se thik karna chahta hoon.
(1)
नूर, नूर , नूर - 4
तेरे चेहरे पे ओ जाना इतना है नूर -2
मुझे तू लगती है हूर -4
तेरे गाल है गुलाबी
तेरी आँख है शराबी
तेरे होंठो पे है लाली -2
चमके तू ऐसे, जैसे हीरा कोहिनूर
हीरा कोहिनूर
मुझे तू लगती है हूर -4
हर कहीं यारा तेरा ही आलम है
हर जगह यारा तेरा ही मंजर है
हर समय तेरा मुझे छाया है सुरूर
मुझे तू लगती है हूर -4
मैं तेरा हूँ दीवाना
सुन लो ओ जाने जाना
मुझको है तुमको पाना
तुमको पाना तुम कुछ भी कहो हुजूर
मुझे तू लगती है हूर -4
(2)
गुस्ताखियां दिल करने लगा
प्यार तुझे जब से करने लगा
है कोई पता न, कोई खबर
अब हर कहीं तू ही आये नज़र
खुद ही खुद पे हसने लगा
जब से तुझ से मिलने लगा
गुस्ताखियां दिल करने लगा
प्यार तुझे जब से करने लगा
तेरे ही बारे मे सोचे सारा दिन
दिल कहीं लगे न मेरा, तेरे बिन
ख्वाब तेरे मेरा दिल अब सजोने लगा
बस तेरा ही अब होने लगा
गुस्ताखियां दिल करने लगा
प्यार तुझे जब से करने लगा
न कोई तमन्ना है , न ही आरजू
है मेरे दिल की बस एक दवा तू
तुझसे बीछड़ ने से डरने लगा
मैं इस कदर तुझ पे मरने लगा
गुस्ताखियां दिल करने लगा
प्यार तुझे जब से करने लगा
(3)
बतीया जो तुझ से न हो पावें
दिल मेरा उड़ उड़ जावें
दिल पे जोर नईयों मेरा चलदा
दिल बावरा तेनू ही चहावें
माहीं रे , माहीं रे -2
न जानू मेरा दिल ये किस ओर भागे है
सारी सारी रातां ये तेरे लिए जागे
आसमां के हर तारे मे तुझको ही पावें
माहीं रे , माहीं रे -2
देखा है जग मैने तुझसा न पाया
देखते मेरा दिल तुझ पे था आया
तेरे सिवा न रब से कुछ मेरा दिल मांगे
माहीं रे , माहीं रे -2
Writer Kaun Hai?
Thanks a lot sir.
Jab main aapke gaane sunta hun toh me b gaane likhne k liye in Inspire hota hu
❤
❤❤