@rameshsaini3607 🌀🔺ब्राह्मण लोग धर्म बदलने में माहिर है, मुगलों के समय " वैदिक धर्म "अंग्रेजों के समय " "आर्य धर्म " " 1917 के बाद " हिंदू धर्म " और अब 2024 में " सनातन धर्म " 2030 के बाद ... 🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀
बहुत अच्छी और सराहनीय सच्ची जानकारी हमेशा की तरह । बौद्धों की विरासत को ही चुराया है । इनकी अपनी कोई विरासत तो है ही नहीं ।बौद्धों के सभी त्यौहार बुद्ध की मूर्तियों को देवी देवता बनाकर पूजते है । कई बुद्ध मंदिरों पर अवैध कब्जा किये है पण्डितों ने । बुद्ध ही सत्य है । नमोबुद्धाय ।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
Mulniwasi,mai sabse pradhan hai adiwasi yani santal, munda, bhil hai jo buddh se dur dur tak koi talluk nahi rakhte,kyunki buddh ahinsak thay aur mulniwasi adivasi shikar karte thay,aur sindhughati wale log jo bharat ka sabse vikshit log thay aajtak unlogo ka koi dharmik itihas scientific aur archeologist tarike se nahi mili,to buddh dharm kabhi bharat ka mulniwasi o ka dharm nahi tha
@@neerajahirwar9056 भाई जी हम स्कॉलर रिचसर्र राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब, राजीव पटेल साहब, साइंस जर्नी, बहुजन हिस्ट्री, हमारा अतीत के नियमित श्रोता है और 100% अपाहिज है कम से कम 8 घंटे सुनते ही है। पर ज्ञानी नहीं है पालि भाषा और धम्मी लिपि सब कोई नहीं जानता है और कीबोर्ड मे भी देवनागिरी लिपि से जल्दी लिख पाता है। ज्ञान अनंत है हमारा काम ज्ञान लेना और ज्ञान देना है ज्ञानी बनना नहीं है भीम जोहार बुद्ध वन्दामि
अपने बहन सॉन्ग की यात्रा 629 से लेकर 645 तक भारत में रहकर भारत के इतिहास को लिखा और उनको कई नाम से जाना गया और आज भी अखाड़े में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का स्वरूप सामने आया फोटो के अनुसार हर्षवर्धन ने इसकी शुरुआतकी इसलिए आज भी वहां हर्षवर्धन की मूर्ति लगी हुई थी जिसे वहां से हटा कर 200 फीट पीछे किया गया 100 फीट ऊंचा एक बौद्ध स्तूप था हो सकता है गंगा के प्रवाह में बह गया हो यह बुद्ध कीधरती है नमो बुद्धय
@@sheeshpalsingh6973chatrapati shivaji maharaj aur babasheb ke purvaj ek he the 😊 chatrapati shivaji maharaj aur Babasaheb ke purvaj 8 vi sadi tak bhi roti beti ka sambandh rakhte the
प्रशांत जी, जो अजीबों गरीब धारणाएं अपने बताई हैं, उनसे तो मुझे एक ही बात समझ में आई हैं, लोग धर्म के नाम पे पहले भी पागल थे, आज भी पागल हैं और आगे भी हो सकता है रहें। धर्म एक पागलपन बन चुका हैं।
अंत की तस्वीर बताती है,कुंभ मेला की शुरुआत किसी अमृत की बुंद गिरने से नहीं ,बल्कि बुद्ध के ही कथानक से चोरी किया हुआ है। हुएँनश्वांग का लिखा हुआ 100 % सटीक बैठता है।वैसे वह तस्वीर निरंजनी अखाड़े की है।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
अतीत सर... 2 साल से प्रश्न कर रहा.. प्लीज़ कोई Hint दीजिए.... भारत में जाति व्यवस्था छूआछूत किसने स्थापित किया..? a) ईरानी ब्राम्हण b) ग्रीक ब्राह्मण c) देशी ब्राम्हण d) ये सभी
चाहे यह बौद्ध या तथाकथित हिन्दू परंपरा हो बकवास है इतनी ठंड में ठंडे पानी में नहाना और ठंड में एक महीने रहना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। कई लोग तो ठंडे पानी और ठंड से मर जाते हैं
You have rightly pointed out that Sanyasi culture was not there originally in Hinduism, which is evidenced by the fact that Vedas & Upanishads refer to married Rishis mostly who led householders' lives. The Sanyasi culture started in Hinduism by Adi Shankeracharya who reinvented /renovated Vedic /Vedantic culture on the model of Buddhist Monk & Math culture by initially appointing four Sanyasis to lead the new Sanyasi culture movement from the four centres of India; Badrinath, Puri, Dwarka & Shringeri. This was around 8th century A.D. and from this period onwards Hindu Sanyasis, too, started participating in the Kumbh Melas. Various stories in Puranas were built up to enhance the importance of Kumbh Mela through mythology & astrology .
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
हमारे असली इतिहास को इतना विकृत किया गया है कि आज हम अपनी सामाजिक बुराइयों को पहचान भी नहीं पा रहे हैं। जब तक हम अपना सच्चा इतिहास नहीं जानेंगे तब तक अपने ही लोगों से भेदभाव करते रहेंगे
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
सर आपने पिछले वीडियो में बताया मिश्रा लोग राम के वंशज हैं,पर मिश्रा लोगों में भी गोत्र एक नहीं मिलते हैं? क्या हमारे (मिश्रा) लोगों के पूर्वज पारसी नहीं थे,कृपया बताए🙏🙏🙏🙏🙏।
Sir me aapse kitne lambe time se bol rha hu khatik jaati ka itihas bataoge aapne vaada kiya tha..bali only khatik log hi kyo krte hai pl, bataiye sir@@HamaraAteet
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
कोई शिलालेख या किसी विद्वान ने ये नहीं लिखा कि आज यहां सूर्य उदय हुआ नहीं तो इतिहासकार निष्कर्ष निकलते कि "सूर्य उदय का पहला प्रमाण" फलाने किताब के अनुसार मिलता है
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
राजा हर्षवर्धन ये बौद्ध राजा थे। बौद्ध धर्म में जातिया नहीं थी। ब्राह्मणो ने बौद्ध कालखंड के बाद कई वर्षों के बाद बौद्धो की पाली पाकृत का संस्करण करके संस्कृत बनाई मनुस्मृति लिखी और वर्ण बनाये। यही भारत का सच्चा इतिहास है। बौद्ध धर्म में कोई जाती नहीं थी।शाक्य, कोलीय गण वयवस्था थी। और सभी बुद्ध की समण पंरपरा के अनुयायी थे। जय सम्राट अशोक का अखंड बौद्धमय भारत। 🙏🇮🇳🌍
@user-raju949 गौतम बुद्ध से पेहले भारत में 27 बुद्ध हुये है और भारत में वे समण पंरपंरा के अनुयायी थे जो गौतम बुद्ध के पेहले थी उसको ही गौतम बुद्ध नै और लोगो तक फैलाया. ये बाते विद्वान इतिहासकारों ने इसे सबूत के साथ पेश किया है।
@@ancientwarriors3515 गौतम बौद्ध को 27 बौद्धों का ज्ञान दूसरों तक फैलाना था, तो गौतम बौद्ध को ज्ञान प्राप्ति के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ कर कुछ वर्षों तक ध्यान लगाने की किया जरूरत थी।
क्या यह संभव नहीं है कि बौद्ध धर्मावलंबयों ने इसका नाम बदल दिया हो, वर्तमान बौद्धों को भारतीय साहित्य का भरोसा नहीं होता वरन् विदेशियों के लेख और पुस्तकों ही भरोसा होता है,
चमार जाति के बारे में आपने बताया है कि वे सबसे पुराने नागवंश से हैं। साथ ही यह भी बताया कि इस जाति के लोग टक वंश या वाकाटकों से संबंधित हैं। कृपया प्रकाश डालें कि चमार जाति में चमार,जाटव,कुरील, अहिरवार,दोहरे आदि उप जातियां पायी जाती हैं। इन उपजातियों की उत्पत्ति कैसे हुई या ये इन शब्दों से कैसे जुड़े? धन्यवाद।
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन मूलनिवासियों को जागरूक करने ke लिए आप को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार। नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों जागो जागो ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन समाज मूलनिवासी एक हो जाओ मनुवादी बीजेपी आरएसएस कांग्रेस आप सरकार को हटाओ देश प्रदेश संविधान आरक्षण शिक्षा इतिहास रोजगार सामाजिक न्याय बचाओ।
✨🔶"प्रथम और अंतिम सत्य"✨🔶
तथागत भगवान गौतमबुद्ध 🙏 🙏 🙏
🔶✨🔶✨🔶✨🔶✨🔶✨
@@bahujanfoundation5050 अंधभक्तों की कमी नहीं है
@MaheshSingh-n5g
🔶✨जग में बुद्ध का नाम है
यही भारत की शान है 🔶✨
भाई जी बुद्ध भगवान कब पैदा हुए पता करो और सनातन क्या हैपता करें
@rameshsaini3607
🌀🔺ब्राह्मण लोग धर्म बदलने में माहिर है,
मुगलों के समय " वैदिक धर्म "अंग्रेजों के समय " "आर्य धर्म " " 1917 के बाद " हिंदू धर्म "
और अब 2024 में " सनातन धर्म " 2030 के बाद ...
🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀🔺🌀
@@rameshsaini3607 बाल की मूर्ति की नकल राम की मूर्ति मे क्यों?
Or बाल राम ही क्यों बनाया गया?
Koi connection h kya?
बहुत अच्छी और सराहनीय सच्ची जानकारी हमेशा की तरह । बौद्धों की विरासत को ही चुराया है । इनकी अपनी कोई विरासत तो है ही नहीं ।बौद्धों के सभी त्यौहार बुद्ध की मूर्तियों को देवी देवता बनाकर पूजते है । कई बुद्ध मंदिरों पर अवैध कब्जा किये है पण्डितों ने ।
बुद्ध ही सत्य है ।
नमोबुद्धाय ।
@@deekshadongre6714 bas isi me rahna koun chota hai koun mahan hai,,, desh isi me barbaad ho chuka hai aur aange bhi hoga
😅😅😅 bhai kyu bakchodi krte ho
Ram ram japna dusro ka mal apna😂😂😂😂😂
@@manojmishra9539 jab tum kisi bimari se ghrast ho, to tum us bimari ka khatma karne ki sochoge, naaki kahoge ki iske baare mei mat bolo.
Buddh hi satya hai jay bhim💙💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Namo☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 buddhay jay bharat' jay samvidhan
पिचले 1000-1200साल में 90% मुलनिवासियोंका व्यवस्थित रूप से बौद्ध से ब्राह्मणधर्म में परिवर्तन किया, हमें विश्वास है 90% बुद्धधम्म में घरवापसी करेंगे 💪
Wo already buddhist hai ghar vapsi kya karenge bus unko sirf batana hai ki tum buddhist ho.
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
@@errahulmali7486 कोई सबूत है ।ब्राह्मण किसी का धर्म नहीं परिवर्तित करते है
Mulniwasi,mai sabse pradhan hai adiwasi yani santal, munda, bhil hai jo buddh se dur dur tak koi talluk nahi rakhte,kyunki buddh ahinsak thay aur mulniwasi adivasi shikar karte thay,aur sindhughati wale log jo bharat ka sabse vikshit log thay aajtak unlogo ka koi dharmik itihas scientific aur archeologist tarike se nahi mili,to buddh dharm kabhi bharat ka mulniwasi o ka dharm nahi tha
जय भीम नमो बुद्धाय जय मुलनिवासी ब्राह्मण विदेशी
बुद्धम शरणम् गच्छामि
धम्मम् शरणम् गच्छामि
संघम् शरणम् गच्छामि
भीम जोहार बुद्ध वन्दामि
@@फौजीसंतोषनिषाद सस्कृत में ही बोलोगे
@@MaheshSingh-n5g
सही कहा आपने धम्म लिपि मे लिखना चाहिए
पर अभी भी ज्यादातर लोग जानते है
भीम जोहार बुद्ध वन्दामि
@@MaheshSingh-n5gयह पाली भाषा है और देवनागरी लिपि है।संस्कृत नहीं है इसमें।😊
@@neerajahirwar9056 भाई जी हम स्कॉलर रिचसर्र राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब, राजीव पटेल साहब, साइंस जर्नी, बहुजन हिस्ट्री, हमारा अतीत के नियमित श्रोता है और 100% अपाहिज है कम से कम 8 घंटे सुनते ही है। पर ज्ञानी नहीं है पालि भाषा और धम्मी लिपि सब कोई नहीं जानता है और कीबोर्ड मे भी देवनागिरी लिपि से जल्दी लिख पाता है। ज्ञान अनंत है
हमारा काम ज्ञान लेना और ज्ञान देना है ज्ञानी बनना नहीं है
भीम जोहार बुद्ध वन्दामि
***बुद्धङ्ग सरङ्ग गच्छामि। (Buddhang Saranang Gachchami) Pali bhasha me bolo; sanskrit me nhi!
कुंभ मेला नहीं यह दान भूमि है जो बौद्ध मनाते थे
@@gaurishankar4354 गए कभी कुभ में
Kal hu goo khaya lagta hai tumne
अपने बहन सॉन्ग की यात्रा 629 से लेकर 645 तक भारत में रहकर भारत के इतिहास को लिखा और उनको कई नाम से जाना गया और आज भी अखाड़े में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का स्वरूप सामने आया फोटो के अनुसार हर्षवर्धन ने इसकी शुरुआतकी इसलिए आज भी वहां हर्षवर्धन की मूर्ति लगी हुई थी जिसे वहां से हटा कर 200 फीट पीछे किया गया 100 फीट ऊंचा एक बौद्ध स्तूप था हो सकता है गंगा के प्रवाह में बह गया हो यह बुद्ध कीधरती है नमो बुद्धय
बहुत खूबसूरत ज्ञानवर्धक वीडियो के लिए आपका आभार।धन्यवाद।
हर घर में गुरु गोविन्द सिंह ओर महात्मा बुद्ध ओर शिवाजी महाराज की मूर्ति रखे
Baba sahab Dr bhim rao ambedkarji aur perriyarji, phooleyji ko bhool gaye
@@sheeshpalsingh6973 no bro abedakar ke naam par rajniti nahi abedakar har office me gandhi Nehru maulan ke sath hai
@@sheeshpalsingh6973chatrapati shivaji maharaj aur babasheb ke purvaj ek he the 😊 chatrapati shivaji maharaj aur Babasaheb ke purvaj 8 vi sadi tak bhi roti beti ka sambandh rakhte the
@@amitbansode147 उसके बाद अछूत केसे हो गए
@@sheeshpalsingh6973😂😂😂😂
प्रशांत जी, जो अजीबों गरीब धारणाएं अपने बताई हैं, उनसे तो मुझे एक ही बात समझ में आई हैं, लोग धर्म के नाम पे पहले भी पागल थे, आज भी पागल हैं और आगे भी हो सकता है रहें। धर्म एक पागलपन बन चुका हैं।
धर्म पागल पन नही बना है कुछ लोगो ने इसे पागल पन बना दिया है 😢
अंत की तस्वीर बताती है,कुंभ मेला की शुरुआत किसी अमृत की बुंद गिरने से नहीं ,बल्कि बुद्ध के ही कथानक से चोरी किया हुआ है। हुएँनश्वांग का लिखा हुआ 100 % सटीक बैठता है।वैसे वह तस्वीर निरंजनी अखाड़े की है।
😂😂😂😂 तुम्हारा भी दोस्त नहीं झूठ बोलने का ठेका ले बैठे होना😂😂😂 बदनाम बुद्ध को कर रहे
@@sugreevrajbhar6360 बुध के जन्म से पहले भी कुंभ लगता था
@@sugreevrajbhar6360 कार्तिकेय के पुत्र निरंजन की है
बुद्ध के पहले भी कुंभ का मेला लगता था तो रेफरेंस संग्लन करो। बोल दिया बस मान लो 😁😁😁 गप्प
नमो बुद्धाय 🙏
We believe &support you as you have given historic events based on truth, and evidence.
Congratulations Prashant sir for 250k . Jaldi he 500k ho jayenge.. jai bhim namo Buddhay 💙🙏😊
Thanks sir. Apki video dekh kar bahut kuch janane ko milta hai.
Historical information about kumbhamela,thanks
Aaj me bhi soch raha tha ki mahakumbh ke upar video aa jaye to
Raja Harshwardhan or Kumbh ka itihaas pta chal jata
Thanks sir ❤❤🎉🎉
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
JayBhim NamoBudha JaySavidhan JayBharat 💙💙💙🙏🙏🙏
Nice historical information Sir ! Thanks for sharing this historical information ! 🙏🙏🙏
अतीत सर... 2 साल से प्रश्न कर रहा.. प्लीज़ कोई Hint दीजिए....
भारत में जाति व्यवस्था छूआछूत किसने स्थापित किया..?
a) ईरानी ब्राम्हण
b) ग्रीक ब्राह्मण
c) देशी ब्राम्हण
d) ये सभी
ग्रीक
@HamaraAteet 😳😳 ग्रीक लोग अधिकांश मे अफगानिस्तान और पाकिस्तान तरफ मिलते हैं।
@@HamaraAteet 🤣😳😭 मतलब जाति व्यवस्था कि जड़ ईसा से पहले जा रही है.... यकीन नहीं हो रहा।
@@HamaraAteet ग्रीक के बाद... तो बहुत सारे भारतीय राजा आये... गुप्त वंश, पाल वंश, सातवाहन, टक वंश.... तो क्या इन सब ने जातिवाद का पालन किया। 🤔
@HamaraAteet
I was waiting for this video . Thank you 🙏🏽
Good information bhai. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹
Apki vedio ka wait krti hu sr tq so much 🙏💯💪
Nice explain 👍
बहुत बहुत धन्यवाद सर💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏
(मोक्ष ) महादेव नमो बौद्ध धर्म ❤❤🌺🌺🙏🙏💪💪
Very good 🙏 🇮🇳
Great sir ji..this was yet again eye opening vedio
Great work sir 🙏🙏🙏🙏💙
Jay Bheem Namo Buddhay 💙💪🔥
🙏
@HamaraAteet 💙💪
चाहे यह बौद्ध या तथाकथित हिन्दू परंपरा हो
बकवास है
इतनी ठंड में ठंडे पानी में नहाना और ठंड में एक महीने रहना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।
कई लोग तो ठंडे पानी और ठंड से मर जाते हैं
Thank you very much Sir for enlightening us!!!!
बहुत अच्छी जानकारी सरजी
❤Buddhist religion Nayagarh town odisha lndia Welcome
Namo Buddhay
You have rightly pointed out that Sanyasi culture was not there originally in Hinduism, which is evidenced by the fact that Vedas & Upanishads refer to married Rishis mostly who led householders' lives. The Sanyasi culture started in Hinduism by Adi Shankeracharya who reinvented /renovated Vedic /Vedantic culture on the model of Buddhist Monk & Math culture by initially appointing four Sanyasis to lead the new Sanyasi culture movement from the four centres of India; Badrinath, Puri, Dwarka & Shringeri. This was around 8th century A.D. and from this period onwards Hindu Sanyasis, too, started participating in the Kumbh Melas. Various stories in Puranas were built up to enhance the importance of Kumbh Mela through mythology & astrology .
Bahat hi bada jankari.
Dhanyawad sir
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
Thanks for valuable information ❤
Namo buddhay
Jai jagannath
@SanjeebBadatya jaggnath bhi Buddhist vihar hai
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
Thanks
Aj ki vedio ka colour combination bhut acha hai blue 💙🔵 or white 🤍
बुध्दमं शरणं गच्छामि ❤
Very good.👍👏🌹🙏
Namo buddhay❤
यह बुद्ध की मूर्ति है।नमो बुद्धाय।
Wonderful information Sir.
Very good knowledge video
Satnam Shri Waheguru❤🎉
🙏 thankyou so much sir for very nice information
Most awaited video Sir- Ji Thank you so much 🙏🏻
Thanks for information intajar rahata hain apke video ka jaybhim namo budhhay ❤❤❤
Great excellent analysis
Intellectual guys
Prashant ji, aap ka video is the best knowledgeable hai.. yes I read this book..
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
बहुत अच्छा समझाया है आपने
Good history and real history
जय हिंद सर l 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
ATHEIST ⚛RATIONAL ⚛HUMANISM⚛ BUDDHISM ⚛REVOLUTION⚛🍁🍁🇮🇳🍁🇨🇦🍁🍁
Dhnywad
Jay Bheem Namo buddhay sar
Hats off to your work/reaearch
Namo budhay
Jay Bheem namo buddhay Jay sambhidhan Jay Bharat Jay sant Guru Ravidas ji maharaj ki Jay Ho 🙏🏼🙏🏼
हमारे असली इतिहास को इतना विकृत किया गया है कि आज हम अपनी सामाजिक बुराइयों को पहचान भी नहीं पा रहे हैं। जब तक हम अपना सच्चा इतिहास नहीं जानेंगे तब तक अपने ही लोगों से भेदभाव करते रहेंगे
Namobudday jaibhim sir ji 💙💙💙💙💙💙💙
Good job 👍 sir ji
Jai bhim namo buddhaye...sadhu sadhu
Namo Buddhay 🌺🙏🙏🙏
Share this video guys
Aaki awaaz bahut achhi hai aur jankari to aur achhi hai.hafte me 2 video banaya please
रही टाइटल बोले तो
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
@hindustani2528 navbhoudh
Great 😊@@ashishrahi3226
Her her mahabev 🕉️🕉️❤️❤️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
First to visit
Sir आपसे अनुरोध है कि ग्रीक, ईरान और बैक्टीरिया का इतिहास भी पढ़ाइए विस्तार से 😮 आपके वीडियो का इंतजार रहता है
जी जरूर
और हा अफ्रीका की बैक्टीरिया के बारे मे बताना मत भूलना 😂😂😂😂
Jay श्री कृष्णा ❤
Jai Shree MahaBuddh... ❤❤❤❤❤
Sir aap achhe video bnate hai
मुझे लगता है कुम्भ एक ज्ञान की स्थल हैं
Jai budhay hi satya hai
कारण्ड्यव्यूह सूत्र कहा से मंगवाए कोई लिंक हो तो उपलब्ध कराए
Lots of love from Chattisgarh ☸️💙
भगवान बुद्ध का धम्म ही सनातन है। जो एक मानवता का धर्म है । जो प्राचीन काल मे सबसे पुराना है अब भी है और भविष्य मे भी रहेगा।
बौद्ध के माता पिता तो एक हिंदू थे।तो कैसे बौद्ध से सनातन धर्म निकला ।
@@user-raju949 agar tu NiyogKiThok ya paapyoni(PaapKiPaidaish) nhi hai to "hindu" ko define kar.
@@user-raju949no there were no hindus during time of Buddha.
It was brahminism and Lord Buddha chose being a Shramana.
Where can i get English translation of the book?
ओम मणि पदमे हुम तथागत बुद्ध
Sir
Raj rishi parmpara ke bare me bataye please 🙏.
सर आपने पिछले वीडियो में बताया मिश्रा लोग राम के वंशज हैं,पर मिश्रा लोगों में भी गोत्र एक नहीं मिलते हैं? क्या हमारे (मिश्रा) लोगों के पूर्वज पारसी नहीं थे,कृपया बताए🙏🙏🙏🙏🙏।
Egypt misr desh connection search karo bhai
Dear - कुछ समय कुछ जाओ मैं बता दूंगा ।
Sir me aapse kitne lambe time se bol rha hu khatik jaati ka itihas bataoge aapne vaada kiya tha..bali only khatik log hi kyo krte hai pl, bataiye sir@@HamaraAteet
तुमको ये चांस छील ही मिला अपना इतिहास जानने को
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
कोई शिलालेख या किसी विद्वान ने ये नहीं लिखा कि आज यहां सूर्य उदय हुआ नहीं तो इतिहासकार निष्कर्ष निकलते कि "सूर्य उदय का पहला प्रमाण" फलाने किताब के अनुसार मिलता है
thank you very much sir.
Namo Buddhay Sir, 9 vi satabdi tak , Buddiesm is des me tha.
आच्छा जानकारी हे सर जय लहुजी जय भीम 💙💙🙏🙏🌹
Nice sir ji.
Very nice good work carry on
Sir chauhan Rajput par ek vedio hona chahiye
Jai bhim namo budhay🙏🙏🙏
Sir आपका कार्य बहुत ही सराहनीय है❤🙏 मगर सर् ये हर 5 साल उपरांत होने वाला कार्यक्रम 12 साल में कैसे बदल गया।
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
Namo Buddhay❤
हर्षवर्धन प्रयाग में ही दान देता था कि हरिद्वार नाशिक उज्जैन में भी दान करते थे
Good night sir ji 🙏🙏🙏🙏
Good night
Thanks for information
ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति भारत में हर संप्रदाय को बुद्ध या बौद्ध धर्म से जोड़ने का प्रयास करके लोगों को गुमराह कर रहा है। यह मायावती की जाति से जुड़े दलित पृष्ठभूमि से आता है, और ऐसे व्यक्ति अक्सर हिंदुओं और हिंदू धर्म की कड़ी आलोचना करते हैं। शिवजी, कृष्ण, हनुमान या दुर्गा माँ जैसे , बुद्ध की पूजा आमतौर पर उसी तरह से नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, उसने जो छवि प्रस्तुत की, उसमें बुद्ध की मूर्ति नहीं है। बौद्ध धर्म का पालन कई देशों में किया जाता है, और जब मैंने भूटान, नेपाल और थाईलैंड के दोस्तों से इस बारे में चर्चा की, तो वे इस धारणा पर हंसे। उनमें से कोई भी भारत में दलित बौद्धों द्वारा प्रचारित झूठ का समर्थन नहीं करता है।
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉sir jay
राजा हर्षवर्धन ये बौद्ध राजा थे। बौद्ध धर्म में जातिया नहीं थी। ब्राह्मणो ने बौद्ध कालखंड के बाद कई वर्षों के बाद बौद्धो की पाली पाकृत का संस्करण करके संस्कृत बनाई मनुस्मृति लिखी और वर्ण बनाये। यही भारत का सच्चा इतिहास है। बौद्ध धर्म में कोई जाती नहीं थी।शाक्य, कोलीय गण वयवस्था थी। और सभी बुद्ध की समण पंरपरा के अनुयायी थे। जय सम्राट अशोक का अखंड बौद्धमय भारत। 🙏🇮🇳🌍
जब गौतम बौद्ध जन्म नहीं लिए थे,तब लोग किस धर्म को मानते थे।जरा बताओ?
@user-raju949 गौतम बुद्ध से पेहले भारत में 27 बुद्ध हुये है और भारत में वे समण पंरपंरा के अनुयायी थे जो गौतम बुद्ध के पेहले थी उसको ही गौतम बुद्ध नै और लोगो तक फैलाया. ये बाते विद्वान इतिहासकारों ने इसे सबूत के साथ पेश किया है।
@@ancientwarriors3515 गौतम बौद्ध को 27 बौद्धों का ज्ञान दूसरों तक फैलाना था, तो गौतम बौद्ध को ज्ञान प्राप्ति के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ कर कुछ वर्षों तक ध्यान लगाने की किया जरूरत थी।
@@user-raju949 jo shiksha corrupt ho gyi thi usko original form mei sikhaya.
@@handIe. शिक्षा को corrupt किसने किया ?
क्या यह संभव नहीं है कि बौद्ध धर्मावलंबयों ने इसका नाम बदल दिया हो, वर्तमान बौद्धों को भारतीय साहित्य का भरोसा नहीं होता वरन् विदेशियों के लेख और पुस्तकों ही भरोसा होता है,
चमार जाति के बारे में आपने बताया है कि वे सबसे पुराने नागवंश से हैं। साथ ही यह भी बताया कि इस जाति के लोग टक वंश या वाकाटकों से संबंधित हैं।
कृपया प्रकाश डालें कि चमार जाति में चमार,जाटव,कुरील, अहिरवार,दोहरे आदि उप जातियां पायी जाती हैं।
इन उपजातियों की उत्पत्ति कैसे हुई या ये इन शब्दों से कैसे जुड़े?
धन्यवाद।
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन मूलनिवासियों को जागरूक करने ke लिए आप को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार। नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों जागो जागो ओबीसी एससी एसटी आदिवासी बहुजन समाज मूलनिवासी एक हो जाओ मनुवादी बीजेपी आरएसएस कांग्रेस आप सरकार को हटाओ देश प्रदेश संविधान आरक्षण शिक्षा इतिहास रोजगार सामाजिक न्याय बचाओ।
Could you please give us the information of Kumbha from British Records