ये बहस मेने भी सुनी है ये बहस लगभग जब हुई थी जब दादा बनवारी को सीखते कुछ महीने हुवे थे और दादा झंडू मीर ने तीन चार साल हुवे थे दादा जमुवा दादा झंडू और मांगे दयाल साथ मिलके शंकर दयाल के पास जाते थे दादा जमुवा सिर्फ वेद शास्त्र की बाते लिखते थे वो पड़ना लिखना जानते थे दादा झंडू ने पहले उनको गुरु माना था दादा बनवारी की वजह से दादा झंडू मीर जी ने दादा जमुवा का नाम लेना छोड़ दिया था फिर उनको खटका लगा पंडित मानसिंह जी का फिर उनका नाम लिया
@@gaampurane कहा भाई" बल्की आप जितना ज्ञान मुझे नही है बस मुझे पुराने कवियों के बारे में जानकारी लेना पसंद है जैसे श्री नेतराम" श्री जमुवा मीर" दादा झंडू मीर" श्री बस्तीराम" दादा बनवारीलाल और भी बोहत से कवि है जिनकी कविताई लाजवाब थी
bhai ji interyu lene wala shi nhi है. Mahavir ka contect nomber nhi bolne diyaa or किच्क or Daroppti wali Ragni ki chothi kali bolne hi nhi दि khud bolne lg gyaa बीच मे hi bhai mhaviir ka fon nomber Dalo
ऐसे ही अधिक से अधिक जानकारी सभी संस्कृति प्रेमियों को देते रहें बहुत-बहुत धन्यवाद
कोशिश रहेगी डॉक्टर साहब
बहुत ही बढ़िया तरीका इंटरव्यू का जबरदस्त
धन्यवाद जी
बहुत बहुत धन्यवाद जी आपने बनवारी लाल जैसे महान सांगीं की रचनाओं से अवगत कराया🙏🙏
धन्यवाद जी
गजब कविताई मीर साहब की
Bahut hi bdiya kavitaae
धन्यवाद भाई
Very nice 👍 Bhai ji ❤
गजब का ईन्रवयु
वाह महाशय जी गजब 🔥
धन्यवाद भाई
बहुत ही बढिया।
धन्यवाद जी
Bhut badhya bhai
धन्यवाद भाई
Bhut badiya
धन्यवाद मलिक साहब
Gajab kavitai
जी बिल्कुल
Really Haryanvi culture. 🙏🙏
धन्यवाद जी
RAM RAM Bhai Gil sahab aur Bhai Rahul ko bhi bhaut badiya jankari di apne
राम राम जांगड़ा साहब
Yadgiri kavitai or gayiki me Mir sahabo ka koi tod nahi hai .
Jai hind
बिल्कुल फौजी साहब
मीर साहबों को वास्तव में वरदान होता है
बहुत सुन्दर नरेंद्र शर्मा पानीपत
धन्यवाद नरेंद्र जी
Mast bhai
धन्यवाद फौजी साहब
Ram ram ji gill sahab
राम राम जी कौशिक जी
जय हो महान सांगी बनवारी लाल ठेल जी
जय हो जी जय हो
Ram ram ji vashisht sahab
राम राम जी कौशिक साहब
Very nice 👍
बहुत बढ़िया।आखरी रागनी की आखरी कली छोड़ दी।
रह गयी चौहान साहब
Good.Ragni
धन्यवाद जी
Bhutan.bhadiya
धन्यवाद भाई
Wah chhore
धन्यवाद जी
Very nice
Bahut badiya S. SJatain
धन्यवाद जी
धन्यवाद शमशेर जी
ये बहस मेने भी सुनी है ये बहस लगभग जब हुई थी जब दादा बनवारी को सीखते कुछ महीने हुवे थे और दादा झंडू मीर ने तीन चार साल हुवे थे दादा जमुवा दादा झंडू और मांगे दयाल साथ मिलके शंकर दयाल के पास जाते थे दादा जमुवा सिर्फ वेद शास्त्र की बाते लिखते थे वो पड़ना लिखना जानते थे दादा झंडू ने पहले उनको गुरु माना था दादा बनवारी की वजह से दादा झंडू मीर जी ने दादा जमुवा का नाम लेना छोड़ दिया था फिर उनको खटका लगा पंडित मानसिंह जी का फिर उनका नाम लिया
रितिक भाई, तु भी जमा ज्ञान का भंडार है
@@gaampurane कहा भाई" बल्की आप जितना ज्ञान मुझे नही है बस मुझे पुराने कवियों के बारे में जानकारी लेना पसंद है जैसे श्री नेतराम" श्री जमुवा मीर" दादा झंडू मीर" श्री बस्तीराम" दादा बनवारीलाल और भी बोहत से कवि है जिनकी कविताई लाजवाब थी
हामने कोई ज्ञान नही भाई,
हाम तो धूल में लठ मारिनये सा
@@gaampurane क्यू मजाक करो हो भाई" आप संस्कृति के लिए बोहत अच्छा काम कर रहे हो, मेरा आपको और आपकी महनत को नमन है
ना भाई किसी संस्कृति,
आज कल संस्कृति के मायने कुछ और हो रहे है
bhai ji interyu lene wala shi nhi है. Mahavir ka contect nomber nhi bolne diyaa or किच्क or Daroppti wali Ragni ki chothi kali bolne hi nhi दि khud bolne lg gyaa बीच मे hi bhai mhaviir ka fon nomber Dalo
विडीओ में डाल रखा है भाई
राहुल जी आपने चौथी कली पुरी नही होने दी
रह गयी होगी भाई साहब
गलती के लिए माफी