दस महाविद्या ऐवम लाभकारि मंत्रदि das Mahavidyas and Beneficial Mantras

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ส.ค. 2024
  • दस महाविद्याओं में से कुछ देवी (सती, पार्वती, उमा, मां काली {अम्बा-अम्बिका-अम्बालीका}) है तो कुछ राजा दक्ष की अन्य पुत्री। पौराणिक
    मान्यता अनुसार सभी को माता काली से जोड़कर देखा जाता है।
    शिवपुराण
    के अनुसार उस अविनाशी परब्रह्म (काल) ने कुछ काल के बाद द्वितीय की इच्छा प्रकट
    की। उसके भीतर एक से अनेक होने का संकल्प उदित हुआ। तब उस निराकार परमात्मा ने
    अपनी लीला शक्ति से आकार की कल्पना की, जो मूर्तिरहित परम ब्रह्म है। परम ब्रह्म
    अर्थात एकाक्षर ब्रह्म। परम अक्षर ब्रह्म। वह परम ब्रह्म भगवान सदाशिव है। एकांकी
    रहकर स्वेच्छा से सभी ओर विहार करने वाले उस सदाशिव ने अपने विग्रह (शरीर) से
    शक्ति की सृष्टि की, जो उनके अपने श्रीअंग से कभी अलग होने वाली नहीं थी। सदाशिव
    की उस पराशक्ति{अम्बा-अम्बिका-अम्बालीका}
    को
    प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धि तत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है।
    भगवान
    शंकर को महेश और महादेव भी कहते हैं। उन्हीं शंकर ने सर्वप्रथम दक्ष राजा की
    पुत्री दक्षायनी से विवाह किया था। इन दक्षायनी को ही सती कहा जाता है। अपने पति
    शंकर का अपमान होने के कारण सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में कूदकर अपनी देहलीला
    समाप्त कर ली थी।
    पौराणिक
    मान्यता अनुसार भगवान शिव की चार पत्नियां थीं। पहली सती जिसने यज्ञ में कूद कर
    अपनी जान दे दी थी। यही सती दूसरे जन्म में पार्वती बनकर आई, जिनके पुत्र गणेश और
    कार्तिकेय हैं। फिर शिव की एक तीसरी फिर शिव की एक तीसरी पत्नी थीं जिन्हें
    उमा कहा जाता था। देवी उमा को भूमि की देवी भी कहा गया है। उत्तराखंड में इनका
    एकमात्र मंदिर है। भगवान शिव की चौथी पत्नी मां काली है।
    पद्मपुराण
    के अनुसार देवासुर संग्राम में मधु और कैटभ नाम के दोनों भाई हिरण्याक्ष की ओर थे।
    मार्कण्डेय पुराण के अनुसार उमा ने कैटभ को मारा था, जिससे वे 'कैटभा' कहलाईं।
    दुर्गा सप्तसती अनुसार अम्बिका की शक्ति महामाया ने अपने योग बल से दोनों का वध
    किया था।
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