Since we understand everything by mind it is difficult to understand choiceless awareness.. This is not a process of knowledge.. It can't be acquired or rejected... When we prepare ourselves to investigate beyond thought process and nature of mind.. then we can realise its importance and make our slaves.. A sincere soul can do this.. Amen♥️
Sir har log apne aap me itane uljhe hue rahate hy aur itani hadbadi me rahate hy ki sahi tarike se sunana ho hi nahi pata. Ek tarah ka darr andar me chalta rahata hy Mai b ees situation se gujara krta hu.
Sir actually nowadays it seems nobody has the patience to listen to other people. Everybody is at a fast pace in collecting junk in their life. Everyone is sick from their mind
Apne andar jhak kr dekhne ko hum light kyoun kh rhe is se confusion hoga use vichar kyoun nhi kh rhe vichar se hi to hm jaan payege roshni kaha kuch bolti hi
Mujhe hamesha se ek darr ya fir confusion satata rahata ki choice less hone ya Krishna ji ki teaching se bhautiki jiva yani rupaye pyse wali log se relationship wali aysi samsyavo ka hal niklega? Yaha pe andar se jawab aata hy sayad nahi mujhe to 99 percent log galat hi najar aate hy. Lamba ho gaya comment 😂😂
Sir agar ap pure din me 1 roti hi khayenge to gharwale to bolenge hi. Mai khane ke baad milk nahi pita to mammy mujhe bolne lagti hain aur aap to sirf 1 roti khate hai ek bar me.😂😂😂
प्रशांत ने सिर्फ़ किताबें इकट्ठा कर रखी हैं खोपड़ी में कोई अनुभव नहीं है... अध्यात्मिक नहीं एक शिक्षक है वो,गुरू नहीं...जैसा सीखा है,वही बोलता है...कृष्णमूर्ती जी रमण जी ने खुद को देखा तब उस अनुभव में जो आया उसे लोगों तक पहुंचाया... थोड़ा दुर्भाग्य यह भी है कि जिसे आध्यात्मिक अनुभव होते हैं वह पहचान में ना आते और ना ही वह बहुत जानकार बनकर लोगों के समक्ष आते हैं... बहुत ग्राउंडेड होते हैं... प्रशांत जैसे टीका टिप्पणी करने वाले बहुत हैं यहां...
ऐसा नही हैं. उनको सबकुछ पता हैं. आचार्य प्रशांत जी के अंग्रेजी चॅनेल देखो वहा पे उन्होने काफी अध्यात्मिक बाते कि हैं. हिंदी चॅनेल कि पुराणी विडिओ में भी उन्होने काफी आध्यत्मिक बाते कि हैं. लेकिन मुझे लगता हैं कि आचार्य प्रशांत से ज्यादा अध्यात्मिक ज्ञान आशिष सर देते हैं.
@@BPranayChaudhari ...theek hai dost लेकिन आध्यात्म तब आध्यात्म है जब वो ख़ुद में अनुभव की हुई हो वरना ऐसे किसी की भी किताब पढ़कर हम सब जानकार हो सकतें हैं लेकिन आध्यात्मिक नहीं,... किसी भी आध्यात्मिक व्यक्ति के वचन को ऐसे ही कहानी की तरह सुन लिया, पढ़ लिया लेकिन प्रयोग नहीं किया खुद पर तब तक स्पष्टता नहीं आएगी... जैसे जैसे शरीर उन आध्यात्मिक अनुभवों से गुजरेगा तब उसके परिणाम में स्पष्टता आएगी...,व्यक्ति को उस सम्बन्ध में आसानी से कहते नही बनता जो मौन के साथ मस्तिष्क को ठंडा कर जाता है..., जो कोई देखे तो जाने 🙇♂️🙏
@@darshanmishra4455 ...ohhh, 😯🙆♂️ कहां से मेरी भाषा खराब हो गई,... कुछ अभद्र बोला क्या?...मैं खुद को तो श्रेष्ठ समझता नहीं तो लोगों के लिए मैं बनावटीपन क्यों करूं?...दर्शन को दर्शन और प्रशांत को प्रशांत ना कहूं तो क्या कहूं 😄😆... एक भोला भाला इंसान भले ही ज्यादा पढ़ा ना हो अधिकतर वह काम से, भाव से लोगों के समक्ष रहता है लेकिन लोगों की दृष्टि में ऐसा व्यक्ति नहीं आता,...जो अकड़ से, अहंकार से, काम से खुद को श्रेष्ठ दिखाकर आता है लोग उसी की वाह वाही करते हैं... लेकिन मुझे अकड़ दिखाने वाले, श्रेष्ठता सिद्ध करने वाले बर्दास्त नहीं और हां मेरा ऐसा ही होना है... तुम भी किताबें पढ़ना शुरू कर दो, जितने जानकार हो जाओगे उतना ही श्रेष्ठ दिखने लगोगे... सिर्फ़ किताबें पढ़कर उस पर तर्क करके कोई आध्यात्मिक नहीं होता ये बात समझो 💓🙋♂️
Thanks sir ji, gratitude
UP Gorakhpur Sar ji aapki video aapka Gyan bahut Achcha lagta hai
Thanks
Jai Gurudev ❤❤❤
Ye vdo acha laga
Ak अध्यात्मिक गुरु कभी भी खुदको हर पद और उपमा से कोसो दूर रखते है
यही सच्चे गुरु की पहचान है
और वे किसीको भी नीचा दिखाने मे अपना समय व्यर्थ नही करते
Har guru ka Tarika alag alag hota hy kuch daat kr pahuchate hy aur kuch pyar se. Mujhe dono hi psnd hy Aacharya ji and aashish sir
🙏
🙏 Thanks Guruji
Thank you Sir 🙏🙏
Thank you sir 🙏🏽🙇
I love you sir❤
Since we understand everything by mind it is difficult to understand choiceless awareness.. This is not a process of knowledge.. It can't be acquired or rejected... When we prepare ourselves to investigate beyond thought process and nature of mind.. then we can realise its importance and make our slaves.. A sincere soul can do this.. Amen♥️
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🤗💕
Sir har log apne aap me itane uljhe hue rahate hy aur itani hadbadi me rahate hy ki sahi tarike se sunana ho hi nahi pata. Ek tarah ka darr andar me chalta rahata hy Mai b ees situation se gujara krta hu.
Ab ye video दूसरी बार देख रहे है हम कल और आज
Sir actually nowadays it seems nobody has the patience to listen to other people. Everybody is at a fast pace in collecting junk in their life. Everyone is sick from their mind
Kya gurbani ka roj paath karna knowledge to ikhatha karna hua ??
Apne andar jhak kr dekhne ko hum light kyoun kh rhe is se confusion hoga use vichar kyoun nhi kh rhe vichar se hi to hm jaan payege roshni kaha kuch bolti hi
Vishnu ji Garud par udte hain
Vishnu Bhagwan Garuda ke upar udate hai
Mujhe hamesha se ek darr ya fir confusion satata rahata ki choice less hone ya Krishna ji ki teaching se bhautiki jiva yani rupaye pyse wali log se relationship wali aysi samsyavo ka hal niklega? Yaha pe andar se jawab aata hy sayad nahi mujhe to 99 percent log galat hi najar aate hy. Lamba ho gaya comment 😂😂
Sir agar ap pure din me 1 roti hi khayenge to gharwale to bolenge hi. Mai khane ke baad milk nahi pita to mammy mujhe bolne lagti hain aur aap to sirf 1 roti khate hai ek bar me.😂😂😂
Atma is part of GOD,then why bad things like jadu-tona is performed with help of bad spirits/atma,why?
प्रशांत ने सिर्फ़ किताबें इकट्ठा कर रखी हैं खोपड़ी में कोई अनुभव नहीं है... अध्यात्मिक नहीं एक शिक्षक है वो,गुरू नहीं...जैसा सीखा है,वही बोलता है...कृष्णमूर्ती जी रमण जी ने खुद को देखा तब उस अनुभव में जो आया उसे लोगों तक पहुंचाया... थोड़ा दुर्भाग्य यह भी है कि जिसे आध्यात्मिक अनुभव होते हैं वह पहचान में ना आते और ना ही वह बहुत जानकार बनकर लोगों के समक्ष आते हैं... बहुत ग्राउंडेड होते हैं... प्रशांत जैसे टीका टिप्पणी करने वाले बहुत हैं यहां...
ऐसा नही हैं. उनको सबकुछ पता हैं. आचार्य प्रशांत जी के अंग्रेजी चॅनेल देखो वहा पे उन्होने काफी अध्यात्मिक बाते कि हैं. हिंदी चॅनेल कि पुराणी विडिओ में भी उन्होने काफी आध्यत्मिक बाते कि हैं.
लेकिन मुझे लगता हैं कि आचार्य प्रशांत से ज्यादा अध्यात्मिक ज्ञान आशिष सर देते हैं.
@@BPranayChaudhari ...theek hai dost लेकिन आध्यात्म तब आध्यात्म है जब वो ख़ुद में अनुभव की हुई हो वरना ऐसे किसी की भी किताब पढ़कर हम सब जानकार हो सकतें हैं लेकिन आध्यात्मिक नहीं,... किसी भी आध्यात्मिक व्यक्ति के वचन को ऐसे ही कहानी की तरह सुन लिया, पढ़ लिया लेकिन प्रयोग नहीं किया खुद पर तब तक स्पष्टता नहीं आएगी... जैसे जैसे शरीर उन आध्यात्मिक अनुभवों से गुजरेगा तब उसके परिणाम में स्पष्टता आएगी...,व्यक्ति को उस सम्बन्ध में आसानी से कहते नही बनता जो मौन के साथ मस्तिष्क को ठंडा कर जाता है..., जो कोई देखे तो जाने 🙇♂️🙏
आपकी तो भाषा ही बता रही है कि आप कितने अध्यात्मिक हैं😂😂😂😂😂😂
aur ek baat kam se kam naam sahi se lia karo...unke jaise banne me hum logo ko aur hazar janm lag jayenge.
@@darshanmishra4455 ...ohhh, 😯🙆♂️ कहां से मेरी भाषा खराब हो गई,... कुछ अभद्र बोला क्या?...मैं खुद को तो श्रेष्ठ समझता नहीं तो लोगों के लिए मैं बनावटीपन क्यों करूं?...दर्शन को दर्शन और प्रशांत को प्रशांत ना कहूं तो क्या कहूं 😄😆...
एक भोला भाला इंसान भले ही ज्यादा पढ़ा ना हो अधिकतर वह काम से, भाव से लोगों के समक्ष रहता है लेकिन लोगों की दृष्टि में ऐसा व्यक्ति नहीं आता,...जो अकड़ से, अहंकार से, काम से खुद को श्रेष्ठ दिखाकर आता है लोग उसी की वाह वाही करते हैं... लेकिन मुझे अकड़ दिखाने वाले, श्रेष्ठता सिद्ध करने वाले बर्दास्त नहीं और हां मेरा ऐसा ही होना है... तुम भी किताबें पढ़ना शुरू कर दो, जितने जानकार हो जाओगे उतना ही श्रेष्ठ दिखने लगोगे... सिर्फ़ किताबें पढ़कर उस पर तर्क करके कोई आध्यात्मिक नहीं होता ये बात समझो 💓🙋♂️
Thank you sir 🙏