मैंने धम्म पद का वर्णन पहलू बार सुना और यह बहुत अच्छा लगा। बहुत बहुत धन्यवाद। धम्म पद की आलोचना कोई कर ही नहीं सकता क्योंकि वह व्यावहारिक और सम्यक समाज के लिए हैं।
हर सत्पुरुष के जाने के बाद कुरीतियां जन्म ले लेती है, इसके पीछे चेतना की स्थिति और परिस्थिति उस स्तर तक न पहुंच पाना हैं ।। आओ और खुद को देखो यह अमित जी कमाल की चर्चा यही धर्म है बाकी अधर्म ही समझा जा सकता है ।। साम्यता।।
नमो बुध्दाय तथागत बुद्ध ने future को देख कर भी उपदेश दिए है। जब उस समय वह बात नही थी लेकिन आनेवाले दिनों मे हो सकता है इसलिए पहले ही उपदेश दे कर रख दिए।
A very useful and helpful stream. I have also a very little study on Buddhism and felt its value of scientific philosophy none in any other. Thank you SJ.
सर जी चौथा आर्य सत्य एडिटिंग में कट गया है कृपया इसको शॉर्ट वीडियो में दोबारा से बनाये है। वीडियो बहुत अच्छा लग रहा है। आपका कोटि कोटि साधुवाद नमो बुद्धाय जय भीम
बहुत सुंदर तरीक़े से समझाया बुद्ध के धम्म को । बुद्ध ने हर व्यक्ति को जिसने भी उनसे प्रश्न किया उसे संतुष्ट किया । सिर्फ़ उपदेश नहीं दिया उन्होंने उसे समझाया उनकी समस्या का समाधान किया प्रैक्टिकल कर के समझाया उनसे भी करवाया ।बिल्कुल SJ जी आगे भी आप stream कीजिए । ताकी और गहराई से लोग समझ सके ।
Very valuable vehemences by sj and practical elaboration by amit of 8th point. I heard in a video called hamara atit that vipasna was propounded by an earlier budh named vipasya. The assertion’there was none before and after gautam budha’ is unlike Gautam who said that have said nothing new but reestablishing what was told by foregone and forgotten budhas. When mind is vacated continuously for sometime it gets ideas from nature which is in and around us. These ideas are same for every Giani but with the passage of time essence is lost when flower comes in the hands of avidiyics. Budhas gave a technique to search sach. Sach is spread everywhere. Which sach is searched by a budha cannot be reversed by following budhas but following budhas can add to sach by further going deep into sach. Mahayani budh went further into sach and added sach to the earlier sach. The problem is that sach of 27 budhas is not available. Sach researched by 28th budha is available but camouflaged too much. Kabir ravidas and the like wrote with their own hands the sach researched by them and these writings were collected by nanak , handed over to his successor. All these collections were compiled by fifth nanak as Adi Granth containing hymns of 15 researchers of sach and of some sachayars. All these seekers and adapts gave name ‘sach , sat, guru, brahgiani for this percading sach. First nanak said , ‘sach is above everything but above sach is sach achar’ ‘sach is the daru (medicine) of everyone and cleanses all pap karam’. This sach comes within when mind becomes still and it is given words by budhi. All pervasive knowledge is collected by a still minded and the one who is above right and wrong perceptions gives words to the Truth is called Buddha or Giani
सर , बुद्ध धम्म पर सरल व स्पष्ट शब्दों में शानदार लेक्चर देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया व क्रांतिकारी सलाम तथा आभार।❤ जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय विज्ञान, नमो बुद्धाय सर।❤
Jisne Buddha ko jana wo Buddha ka ho gaya... Babasaheb ne bhi isliye Buddha marg apnaya tha... SJ sir aapne phir se logo ko wahi marg dikhaya hai... Jai Bhim Namo Buddhay...
बौद्ध धर्म जीवन जीने की कला है।किसी भी संप्रदाय का व्यक्ति ध्यान मार्ग से और शील सदाचार से अर्हंत अवस्था पा सकता है।विपक्षणा ध्यान साधना कई धर्म के पुजारी,पुरोहित,फादर, नन,सरदार,जैन,मुस्लिम सभी प्रमुख लोगो ने सीखे और सराहा गया है।जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी नाग।
Shabd duniya me kisi ka nahi hota. Jab tum use chhod dete,wo chhut jata hei,wo sare sansar ka ho jata hei Sara sansar use prayog karne ke liye Azad ho jata hei. Shabd kisi ki bapouti nahi hei.Wo sab ka hei.
ज्ञान का अहंकार ., किसी भी महापुरूष को छोटा बड़ा बताना ., और डिबेट मे क्रोध मुझे लगता है और दूसरे धर्म के अस्तित्व का सीधा इन्कार आपने बुद्ध मत का मूल्य रूप बताया है जैसे आपने अपने पक्ष रखा तुम्हारे मानसिकता वाले धर्म की मिथ पर जब कोई सवाल उठाये तो वो गलत पंथ कि किताब है और जब आप दूसरे के धर्म कि मिथ पर सवाल उठाये तो सही कैसे आपके पूरे लेक्चर को सुनें के बाद जो आपने करुणा का धर्म बताया है लगता है तुम ही उसे फॉलो नहीं कर रहे हों क्या आपने अपने लेक्चर को रिकॉर्ड करने के बाद उसे खुद ही सेंसर किया बुद्ध कीं शिक्षा के अनुसार और या उसे बिना जांचे शेयर किया . यदि अगर सभी अपने धर्म की मूल्यवान आदेशों पर चलने लगे तो शान्ति आने की संभावना अधिक होगी
नमो बुद्धाय.... महारठ्ठ मे कुछ पुरुष स्त्री के पैर पड़ते है कहते है के यह हमारी परंपरा है शायद सिंधु घाटी की परम्परा होगी क्यूँकि सिंधु घाटी पूर्णत्: स्त्रीप्रधान स्भ्यता थी फिर डार्क age फिर बुद्धकाल मे भी स्त्री को सम्मान था क्युकी तथागत बुध्द को गोतम नाम उनकी दूसरी माँ से मिला है उस समय माँ का नाम अपने नाम के आगे लिखने की प्रथा थी शायद और लोग रुम्मनदेही को इसलिये पूजते थे क्युकि लोगो का कहना था के बुध्द को जन्म देनेवाली स्त्री भी महान है पुज्यनीय है तथागत बुद्ध के पिताजी को क्यू नही? लेकिन कुछ इतिहासकार इस बात को छुपा देते है। स्त्री को सम्मान तथागत बुद्ध के स्त्रीओं को अपने संघ मे शामिल करने से पहले से हि था जो मौर्यकाल तक था। क्यूंकि कोई सबूत नही मिलता स्त्री उत्पीड़न के ज्यादा से ज्यादा मौर्यकाल के बाद हि मिलता है। बुध्दकाल का इतिहास पढ़ो तो स्त्री भी घर से बाहर निकला करती थी ऐसा हि स्पष्ट होता है। घूँघट प्रथा भी नही थी। और फिर भी उन्हे बुरी नज़र से नही देखा ज्याता था जैसे आज यूरेशियों ने सबसे पहले भारतीय बौद्ध महिलाओं को टारगेट किया और उनको समाज मे दुय्यम स्थान दिलाया। रंडी रखेल वेश्या अभागन कुल्टा ऐसी गंडी लेवल की गालिया भी मौर्यकाल तक नही थी। उल्टा नगरवधु को भी मान सम्मान था।
नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय 🌹🌹❤️🌹🌹🌹❤️🌹
मैंने धम्म पद का वर्णन पहलू बार सुना और यह बहुत अच्छा लगा। बहुत बहुत धन्यवाद। धम्म पद की आलोचना कोई कर ही नहीं सकता क्योंकि वह व्यावहारिक और सम्यक समाज के लिए हैं।
बहुत बहुत हार्दिक साधुवाद❤❤❤❤
हर सत्पुरुष के जाने के बाद कुरीतियां जन्म ले लेती है,
इसके पीछे चेतना की स्थिति और परिस्थिति उस स्तर तक न पहुंच पाना हैं ।।
आओ और खुद को देखो यह अमित जी कमाल की चर्चा यही धर्म है बाकी अधर्म ही समझा जा सकता है ।। साम्यता।।
अमित तिवारी जी ने मध्यम मार्ग की नयी और सुंदर व्याख्या दी है ।
सा. ज. जी ! आपकी व्याख्याओं तक अभी तक कोई जा नहीं सका है । यह सद्प्रयास निश्चित ही समाज में बदलाव लायेगा ।
बहुत सुंदर एस जे सर।
जब मन में ईर्ष्या होती है, मौह होता है तभी तो दुःख होता है।
मतलब मन में आनेवाले बुरे विचारों के कारण दुःख होता है।
ओर वेद कहते हैं मनः शिवसंकल्पमस्तु।
Jai Bhim / Jai Vigyan / Jai Savidhan
♥💚💛💜💙❤💚💛💜💙❤♥💛
💐💐🌹NAMO BUDDHAYA 💐💐🌹
Amit Sir 🔥
JayBhim NamoBudha JaySavidhan JayBharat SJ Sir Ji
Bahut bahut dhanyavad sar namo buddhay
Aaap ki research aur gagan adadhyan lajavab hai.jai bhim,namo Buddhai.
नमो बुध्दाय
तथागत बुद्ध ने future को देख कर भी उपदेश दिए है।
जब उस समय वह बात नही थी लेकिन आनेवाले दिनों मे हो सकता है इसलिए पहले ही उपदेश दे कर रख दिए।
Namo buddhay
Jindgi ki keemat umr se nahi,action se Lagai jati hei.
बाबासाहेब आंबेडकरने बौद्ध धर्म अपनाकर प्राचीन भारतीय सभ्यता को उजागर किया. यह आधुनिक भारत का सबसे बडा फैसला सिद्ध हुआ है.
इससे ज्यादा सरल तरिकेसे शायद ही कोई समझा सकता है अपका बोहोत बोहोत धन्यवाद
जय भीम🙏🙏🙏
जयभीम जयसंविधान नमो बुद्धाय
आओ मिलकर SJ संग मनुवाद भगाय
Jai Bheem Sir
All world top great science journey or SJ। हर मनुष्य अपना अपना जीवन जिनेका। बुद्ध मार्ग सही मार्ग है। नमो बुद्ध।
BOHOT HI SUNDAR JAANKARI DI AAP NE 🙏🙏SIR JI🙏🙏 SACH MAIN AAP GREAT HO 💪💪
Very good thanks 👌
A very useful and helpful stream. I have also a very little study on Buddhism and felt its value of scientific philosophy none in any other. Thank you SJ.
Jaybhim. Namo. Buddhay
जय भीम जय संविधान 🙏🙏
नमो बुद्धाय सादर जोहार 🙏🙏
Jai Bheem namo buddhaya Jai samvidhaan
सांइस जर्नी सरजी,जय भीम नमो बुद्धाय। आज आप ने बुद्ध धम्म के संबंध में बहुत अच्छी जानकारी दी। इसके लिए हम आप के प्रति बहुत आभारी हैं।
SCIENCE JOURNEY JI ZINDABAAD💪💪💪_____RATIONAL WORLD ZINDABAAD💪💪💪
सर जय भिम
बहुजन समाज को मान सम्मान स्वाभिमान आत्मसम्मान हक और अधिकार देता है तो वो भारत देश का संविधान ही है।
और कोई दूसरा हो ही नही सकता जागो।
Jai Bhim Namo Buddhay SJ Sir &
All team
Jay budha ❤
सर जी चौथा आर्य सत्य एडिटिंग में कट गया है कृपया इसको शॉर्ट वीडियो में दोबारा से बनाये है। वीडियो बहुत अच्छा लग रहा है। आपका कोटि कोटि साधुवाद नमो बुद्धाय जय भीम
Sir 🙏 यही comment मैं भी करने वाला था। इसका मतलब हम जैसे ध्यान से सुनने वाले लोग भी दुनिया में हैं।😊
JAI MAANAVTA🙏 VIGYAAN
Bohot accha Jankari diya sj sir aapke knowledge ko salam jay 💙 bhim namo Buddhay
SJ Sir Aap Mahan है
GREAT SPEECH_____SCIENCE JOURNEY JI💙💙💙____GREAT KNOWLEDGE📚📚 RATIONAL WORLD 🌹🌹🌹
बहुत सुंदर तरीक़े से समझाया बुद्ध के धम्म को । बुद्ध ने हर व्यक्ति को जिसने भी उनसे प्रश्न किया उसे संतुष्ट किया । सिर्फ़ उपदेश नहीं दिया उन्होंने उसे समझाया उनकी समस्या का समाधान किया प्रैक्टिकल कर के समझाया उनसे भी करवाया ।बिल्कुल SJ जी
आगे भी आप stream कीजिए । ताकी और गहराई से लोग समझ सके ।
Thanks " SJ SIR" " UNTOLD HISTORY" GREAT TRUE ND FACT TO BE CONTINUE SIR JAI BHIM NAMO BUDHAY dv kajal FROM TAMILNADU
Jay Bhim Namo Budhhay Sir ❤
Very valuable vehemences by sj and practical elaboration by amit of 8th point. I heard in a video called hamara atit that vipasna was propounded by an earlier budh named vipasya. The assertion’there was none before and after gautam budha’ is unlike Gautam who said that have said nothing new but reestablishing what was told by foregone and forgotten budhas.
When mind is vacated continuously for sometime it gets ideas from nature which is in and around us. These ideas are same for every Giani but with the passage of time essence is lost when flower comes in the hands of avidiyics.
Budhas gave a technique to search sach. Sach is spread everywhere. Which sach is searched by a budha cannot be reversed by following budhas but following budhas can add to sach by further going deep into sach. Mahayani budh went further into sach and added sach to the earlier sach.
The problem is that sach of 27 budhas is not available. Sach researched by 28th budha is available but camouflaged too much. Kabir ravidas and the like wrote with their own hands the sach researched by them and these writings were collected by nanak , handed over to his successor. All these collections were compiled by fifth nanak as Adi Granth containing hymns of 15 researchers of sach and of some sachayars.
All these seekers and adapts gave name ‘sach , sat, guru, brahgiani for this percading sach. First nanak said , ‘sach is above everything but above sach is sach achar’ ‘sach is the daru (medicine) of everyone and cleanses all pap karam’.
This sach comes within when mind becomes still and it is given words by budhi. All pervasive knowledge is collected by a still minded and the one who is above right and wrong perceptions gives words to the Truth is called Buddha or Giani
Namo Buddhay Sir 😌🙏🏻☸️
सर , बुद्ध धम्म पर सरल व स्पष्ट शब्दों में शानदार लेक्चर देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया व क्रांतिकारी सलाम तथा आभार।❤ जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय विज्ञान, नमो बुद्धाय सर।❤
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Science journey ji agar tv mein program kar ke dikhayenge toh jyada log jagrit honge.
जय मानवता जय विज्ञान मानव मानव एक समान।
सर अमुल्य जानकारी देते है.बहुत बहुत धन्यवाद.सर तिपिटक का हिंदी /मराठी अनुवाद का किताब कसा मालेगाव पत्ता दिजिए प्लिज .
Sanskar-Sam+kar- good deed/good thought/good behaviour.
Great Amit teach Vippasanna
Namo Buddhay, Jai Bheem.
Jay Bhim Sir ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
साइंस जर्नी नमस्कार जय भीम नमो बुद्धाय
Thanks SJ Sir and Team. Eurasian Steppe Brahminvad 4,523 years ago is destroying everything Bharatiye. Jay Bheem Namo Buddhaye.
जेय भीम नमो बुद्धाय
SJ Sir Namo bhudha Jay bhim Jay bharat Jay sabithan
Bhudha The greatest
Perfect 👍 eager to know more
Namo Buddhaye 🙏🏼
LOVE YOU💙💙 SCIENCE JOURNEY JI 🙏🙏💙💙AAP GREAT HO💪💪💪
मेरे एक मित्र ने बताया, “ब्राह्मण हमें हमारी ही कहानी सुना कर हमारा जेब ख़ाली कर जाता है।” कहने का मतलब है की इनका अपना इतिहास खोखला है।
Namo buddhayae
जय मूलनिवासी। नमो बुद्धाय।
Very nice expland sir
सभी साथियों को जय भीम जय मूलनिवासी।
Jisne Buddha ko jana wo Buddha ka ho gaya... Babasaheb ne bhi isliye Buddha marg apnaya tha... SJ sir aapne phir se logo ko wahi marg dikhaya hai... Jai Bhim Namo Buddhay...
इन्सानियत ज़िंदाबाद
इन्सानियत के साथ-साथ चोर को सजा अर्थात दण्ड देना चाहिए , नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय 🌹❤️❤️🌹🌹
Sj sir💙 KRANTIKARI 🙏 JAI BHIM ☸️ NAMO BUDDHAY ☸️ 🇮🇳✍️
Excellent Knowledgeable Stream
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Bahut dino k baad Rakshit ji ko sunne ko mila .❤
32:10 ❤
Jay bhim 🌹🇮🇳🌹nmo buddhay
❤❤
Jay Bheem namo buddhay
Jai Bhim,Namo buddhaya
Science journey ko sadhubaad
Bhhut.accha
Good Topic Choosen by You👍🏻💙
बौद्ध धर्म जीवन जीने की कला है।किसी भी संप्रदाय का व्यक्ति ध्यान मार्ग से और शील सदाचार से अर्हंत अवस्था पा सकता है।विपक्षणा ध्यान साधना कई धर्म के पुजारी,पुरोहित,फादर, नन,सरदार,जैन,मुस्लिम सभी प्रमुख लोगो ने सीखे और सराहा गया है।जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी नाग।
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Great information Sir.🙏🏻💙
Adbhut !Chakachaundh kar diye sir
Tabhi kahte hai sada jeevan uccha vichar
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Namo Buddhay, Jay Bhim
Jai Bhim Nammo Buddhay Sir..
Bahut accha information diya aur bahut he acche se elaborate kiya appne Arya astangik marg ko
Dhanyawad Sir..
खूप सुंदर समजावून सांगितलं. बुद्ध धम्म . S. J... सर.
Sj सर का ज्ञान और विद्वत्ता में कोई सानी नहीं बहुत बहुत आभार सर आपका का 🙏🙏जय भीम नमो बुद्धाय
11:08 11:09
Shabd duniya me kisi ka nahi hota.
Jab tum use chhod dete,wo chhut jata hei,wo sare sansar ka ho jata hei
Sara sansar use prayog karne ke liye Azad ho jata hei.
Shabd kisi ki bapouti nahi hei.Wo sab ka hei.
SABHI DOSTON KO JAI BHIM🙏 JAI SAVIDHAN
Jay Bheem Namo buddhay sir
ज्ञान का अहंकार ., किसी भी महापुरूष को छोटा बड़ा बताना ., और डिबेट मे क्रोध मुझे लगता है और दूसरे धर्म के अस्तित्व का सीधा इन्कार आपने बुद्ध मत का मूल्य रूप बताया है जैसे आपने अपने पक्ष रखा तुम्हारे मानसिकता वाले धर्म की मिथ पर जब कोई सवाल उठाये तो वो गलत पंथ कि किताब है और जब आप दूसरे के धर्म कि मिथ पर सवाल उठाये तो सही कैसे
आपके पूरे लेक्चर को सुनें के बाद जो आपने करुणा का धर्म बताया है लगता है तुम ही उसे फॉलो नहीं कर रहे हों क्या आपने अपने लेक्चर को रिकॉर्ड करने के बाद उसे खुद ही सेंसर किया बुद्ध कीं शिक्षा के अनुसार और या उसे बिना जांचे शेयर किया . यदि अगर सभी अपने धर्म की मूल्यवान आदेशों पर चलने लगे तो शान्ति आने की संभावना अधिक होगी
नमो बुद्धाय....
महारठ्ठ मे कुछ पुरुष स्त्री के पैर पड़ते है कहते है के यह हमारी परंपरा है शायद सिंधु घाटी की परम्परा होगी क्यूँकि सिंधु घाटी पूर्णत्: स्त्रीप्रधान स्भ्यता थी फिर डार्क age फिर बुद्धकाल मे भी स्त्री को सम्मान था क्युकी तथागत बुध्द को गोतम नाम उनकी दूसरी माँ से मिला है
उस समय माँ का नाम अपने नाम के आगे लिखने की प्रथा थी शायद
और लोग रुम्मनदेही को इसलिये पूजते थे क्युकि लोगो का कहना था के बुध्द को जन्म देनेवाली स्त्री भी महान है पुज्यनीय है तथागत बुद्ध के पिताजी को क्यू नही?
लेकिन कुछ इतिहासकार इस बात को छुपा देते है।
स्त्री को सम्मान तथागत बुद्ध के स्त्रीओं को अपने संघ मे शामिल करने से पहले से हि था जो मौर्यकाल तक था। क्यूंकि कोई सबूत नही मिलता स्त्री उत्पीड़न के ज्यादा से ज्यादा मौर्यकाल के बाद हि मिलता है। बुध्दकाल का इतिहास पढ़ो तो स्त्री भी घर से बाहर निकला करती थी ऐसा हि स्पष्ट होता है। घूँघट प्रथा भी नही थी। और फिर भी उन्हे बुरी नज़र से नही देखा ज्याता था जैसे आज
यूरेशियों ने सबसे पहले भारतीय बौद्ध महिलाओं को टारगेट किया और उनको समाज मे दुय्यम स्थान दिलाया।
रंडी रखेल वेश्या अभागन कुल्टा ऐसी गंडी लेवल की गालिया भी मौर्यकाल तक नही थी। उल्टा नगरवधु को भी मान सम्मान था।
साइन्स जर्नी जिन्दाबाद नमो बुद्धाय जय भीम
Jay bheem 🙏🙏 sr Punjab
NAMO BUDDA JAI BHIM 🙏🙏🙏
SJ Sir Namo bhudha Jay bhim Jay bharat Jay sabithan
Yes you are correct SJ sir ❤
यहां शंकर शब्द कहां से लिया गया है और इसका अर्थ क्या है।
Sir Ji, Just read big bounce theory and simultaneously Advaita Vedanta of adi Shankaracharya and shri vishnu sahastranam with English meaning.
Jai bhim namo budhey SJ sir very important information thanks 🙏🙏🙏❤❤
Jai Bhim ☸️ Namo Buddhay
Sabhi mulniwasi bahujan ko namaskar.
नमो बुद्धाय जय भीम
❤sj sir 💖 jaybhim 💖 namobuddhay 💖 jay savidhan 💖🎉🎉🎉🎉🎉
जय भीम 🎉