Sangat Ep77 | Rameshwar Rai on Teaching, Criticism, Poetry, Bhasha, Hindu College & DU| Anjum Sharma

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 134

  • @badriprasadupadhyay1145
    @badriprasadupadhyay1145 2 หลายเดือนก่อน +6

    मनुष्य की परिभाषा पर प्रोफेसर रामेश्वर जी के विचार बहुत ही अच्छे और तार्किक लगे।

  • @sumedha5547
    @sumedha5547 วันที่ผ่านมา

    अद्भुत अनुभव है मेरे लिए इस एपिसोड को देखना,सुनना....दिल से धन्यवाद रामेश्वर सर,अंजुम एवं हिन्दवी।

  • @sudhirkumaracharyji9937
    @sudhirkumaracharyji9937 6 หลายเดือนก่อน +10

    रामेश्वर जी बहुत विद्वान, तार्किक और सत्यनिष्ठ व्यक्ति है। बहुत अच्छा लगा इनको सुनकर।

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    बहुत कम, और सटीक, शब्दों का इस्तेमाल करते हैं रामेश्वर राय l

  • @आनंदसिंह-घ4न
    @आनंदसिंह-घ4न 6 หลายเดือนก่อน +16

    मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि मैंने रामेश्वर राय सर से शिक्षा पाई है। सर को बहुत दिनों बाद आपके चैनल पर देखना आपके प्रति कृतज्ञता के भाव उत्पन्न करता है। 1998 -2001 बैच हिंदी ऑनर्स हिंदू कॉलेज।

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 6 หลายเดือนก่อน +25

    बहुत सुलझे हुए विचार ओर प्रभावी संप्रेषण रामेश्वर राय जी की आवाज़ भी मुग्ध करने वाली है।

  • @ShaileshKumar-gt1ul
    @ShaileshKumar-gt1ul หลายเดือนก่อน +1

    हिंदी साहित्य ही नहीं किसी भी विषय को समझने के लिए आप जैसे शिक्षकों की जरूरत हैं। विचारों और भावों का सुंदर सामंजस्य और प्रभावी संप्रेषण, सर के वक्तव्य को सुनते ही रहे की मनस्थिति पैदा करता है। संगत का आभार इस महत्वपूर्ण संवाद के लिए ।

  • @rkmishra_vaishnav
    @rkmishra_vaishnav 6 หลายเดือนก่อน +6

    आचार्यवर प्रोफेसर रामेश्वर राय सर को सुनना स्वयं को बहुआयामी दृष्टि से परिष्कृत करना है। हिन्दवी पर आजतक मैंने जितने लोगों का साक्षात्कार देखा है उन सब में रामेश्वर राय सर का साक्षात्कार सर्वोत्तम है।
    रामेश्वर राय सर जी को‌ कोटि-कोटि प्रणाम..🙏🙏
    बहुत बहुत आभार हिन्दवी और अंजुम जी 🙏🙏

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    अच्छा सवाल है l प्रेम और मृत्यु एक दूसरे के काफी निकट हैं l

  • @anamikadongre3881
    @anamikadongre3881 2 หลายเดือนก่อน +1

    अंतरिक्ष को जल, संगीत और फूलों से भरनेवाली
    मुझे भी जीवन का अर्थ देना।. ..
    क्या उपमा क्या यमक हैं! अद्भुत 🙏🙏🙏❤️

  • @suambadakumari3100
    @suambadakumari3100 6 หลายเดือนก่อน +13

    अध्ययन का मतलब है निरंतर जीवित होने की प्रक्रिया... हमेशा की तरह राय सर को सुनना और बार बार सुनने की इच्छा पैदा होना... नये-नये विचारों से अवगत कराना ही राय सर को एक सुलझे हुए ईमानदार प्राध्यापक की श्रेणी में रखती है। अहंकार और आत्ममुग्धता से परे अपनी विद्वता से छात्रों के अंदर ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करने में सर का योगदान अतुलनीय है। आज के दौर में भारत को ऐसे शिक्षक की बहुत ज्यादा जरूरत है। बहुत बहुत बधाई रामेश्वर सर और संगत की टीम को 🎉🎉

  • @alisajidhusain2701
    @alisajidhusain2701 หลายเดือนก่อน +1

    Lovely conversation. Prof Saheb is a great thinker and teacher 🙏🙏

  • @badriprasadupadhyay1145
    @badriprasadupadhyay1145 2 หลายเดือนก่อน +1

    मनुष्य केवल अवचेतन नहीं है उसके और कई आयाम हैं । वाह क्या बात कही प्रोफ़ेसर रामेश्वर जी ने जो भारतीय चिंतन का भी समर्थन करती है ।

  • @Shetushiva
    @Shetushiva 2 หลายเดือนก่อน +2

    Sir apko koti koti pranam🎉

  • @SanjaySharma-yt8sd
    @SanjaySharma-yt8sd 3 หลายเดือนก่อน +1

    भाई बहुत ज्ञान और केंद्रित होकर ही इसे समझा जा सकता है
    मेरे खयाल से इतने गूढ़ ज्ञान की जन सामान्य को आवश्यकता नहीं है

  • @Storyofभरतपुर
    @Storyofभरतपुर 6 หลายเดือนก่อน +9

    कृपया संगत में अपूर्वानंद को भी बुलाए। अंजुम ये आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है।

  • @ramdularsingh1435
    @ramdularsingh1435 14 วันที่ผ่านมา +1

    So informative and fruitful an interview !!!.... .loved it all !!!..

  • @hindi037
    @hindi037 6 หลายเดือนก่อน +6

    रामेश्वर राय होना अध्यापक शब्द का सार्थक प्रयाय है । वास्तविक अर्थों में ऐसे अध्यापक विरले ही देखने को मिलते हैं । परीक्षार्थी और विद्यार्थी के संबंध में अंतर को बड़ी ही सहजता से व्यक्त किया है । लेकिन हिंदी विभाग या किसी अन्य विषय के विभाग में देश के अधिकांश संस्थानों में महज़ परीक्षार्थी बनाने की होड़ जारी है, लेकिन ये होड़ एक दिन अवश्य ही समाप्ति की तरफ अग्रसर होगी और निश्चित तौर पर हम सभी इसमें भागीदार भी होंगे । साक्षात्कार के लिए अंजुम शर्मा और हिंदवी का हार्दिक आभार 👏

  • @manojanuragi1008
    @manojanuragi1008 6 หลายเดือนก่อน +3

    ऐसे अध्यापक होना वास्तव में विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात है

  • @learnwithsahilkairo
    @learnwithsahilkairo 6 หลายเดือนก่อน +12

    लगातार 11 वर्षों से सर को लगातार सुनने के सौभाग्य के बावजूद उनकी बातें कभी दोहराव से भरी और बासी महसूस नहीं होतीं! आश्चर्यजनक है, पर शायद ये भी एक बड़ी वजह है जो एक शिक्षक के रिटायर होने से पहले ही उन्हें उनके विद्यार्थियों में किंवदंती में तब्दील करती है। अपने कुछ अति-आग्रहों के बावजूद सर अद्भुत हैं! ❤

    • @pokraram1103
      @pokraram1103 หลายเดือนก่อน +2

      और ये आगे आपसे इन्हीं ज्ञान से लाभान्वित हो रहें हैं ugn net-3 batch drishti

    • @learnwithsahilkairo
      @learnwithsahilkairo หลายเดือนก่อน

      @@pokraram1103☺️🙏✨

    • @RekhaKumari-vg6nq
      @RekhaKumari-vg6nq 8 วันที่ผ่านมา +1

      Asli vidwan hain

  • @4444pramodini
    @4444pramodini 17 วันที่ผ่านมา +1

    संगत में जितने प्रसंग प्रस्तुत किए गए हैं, कृपया पूरी सूची उपलब्ध कराए l धन्यवाद l

  • @gulabsingh-wh8wf
    @gulabsingh-wh8wf 6 หลายเดือนก่อน +3

    सर को सुनने पर ‘वाणी का अमृत' सुनाई पड़ता है। सर जिस ढंग से अपनी बात रखते हैं वह वक्तृत्व की कला नहीं जान पड़ती है। सर के शब्दों में शब्द खाली देहमात्र नहीं हैं, उनके द्वारा उच्चरित शब्दों के भीतर आत्मा भी ज्योतिर्मय है। उनके शब्द केवल शब्द नहीं हैं उनके शब्दों में साधा हुआ चारित्रिक सत्य है। यह शब्दों का नहीं चरित्र का बल है जिस कारण उनकी आस्था को कोई डिगा नहीं सकता।

  • @RekhaKumari-vg6nq
    @RekhaKumari-vg6nq 8 วันที่ผ่านมา

    Bilkul saaf drishti

  • @therealgirl8030
    @therealgirl8030 6 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत बहुत धन्यवाद अंजुम जी!
    ऐसी आधुनिक विभूति से परिचित करवाने और सुनने का अवसर देने के लिए। हम जैसे हिन्दी विद्यार्थियों के लिए इतना विस्तृत संसार बनाने का काम आप और आपके चैनल के माध्यम से बख़ूबी किया जा रहा।
    सभी हिन्दी प्रेमियों को sir को ज़रूर सुनना चाहिए।
    मैं अब समझ सकी कि क्यों इन दिव्य ज्ञान समाहित कर्ता को सुनने के लिए एक भीड़ सी बन जाती रही।

  • @PushpendraMishra-zy4dq
    @PushpendraMishra-zy4dq 6 หลายเดือนก่อน +1

    इस पहल के लिए हिन्दवी का बहुत बहुत धन्यवाद। कृपया इसे जारी रखें,...

  • @manojkumarjain1838
    @manojkumarjain1838 6 หลายเดือนก่อน +1

    अब तक का सबसे प्रभावशाली साक्षात्कार बहुत बधाई अंजुम जी आपको भी

  • @singhveenavatsal5115
    @singhveenavatsal5115 6 หลายเดือนก่อน +10

    बहुत ही सुलझे हुए विचार हैं. इनसे पढ़ने वाले विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं. धन्यवाद इस इंटरव्यू के लिए.

  • @ajayanurag
    @ajayanurag 6 หลายเดือนก่อน +5

    शानदार! अंजुम जी, आपका शुक्रिया !!
    ऐसे ही शानदार शिक्षक डॉ. बलराम तिवारी सर का भी एक साक्षात्कार जरूर करें।

  • @Priyam14
    @Priyam14 4 หลายเดือนก่อน

    Bahut dinoN baad jo kuch suna hai use gunNe ka mann bhi ho raha hai ...aapka Bahut bahut dhanyawad Anjum ki aapne interview ka ek shandar mayaar bana k rakha ..Mera manNa hai k koi bhi interview sahi prashnoN k abhav me achcha nahi ban sakta....aapka ye interview bahut hi sarthak raha ....
    Rai sir ko pranaam.

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    नरेश सक्सेना बेहतरीन और सरल कवि हैं l

  • @dr.shahid1966
    @dr.shahid1966 6 หลายเดือนก่อน +5

    Anjum Sharma.I want to commend you on the incredible work you're doing on the Hindwi TH-cam channel. Although I am an Urdu speaker and don't understand Hindi, I find myself thoroughly enjoying your interviews with Hindi writers. Your engaging style and insightful questions transcend language barriers, making these conversations captivating and enriching. Keep up the fantastic work!

    • @vishwajeetpandey4245
      @vishwajeetpandey4245 6 หลายเดือนก่อน

      Bolne ke dauran kaun sa Hindi Urdu fark hota hai.

  • @rahuldevahirwarofficial
    @rahuldevahirwarofficial 6 หลายเดือนก่อน +2

    शिक्षा की दुनिया में सर एक भरोसा है । जिन पर विद्यार्थी विश्वास कर सकते हैं ।
    बहुत दिनों बाद सर को सुना । तीन वर्ष की क्लास के बाद,इस वीडियो को एक और क्लास के रूप में जोड़ा जा सकता है । कुछ दशकों के लिए यह इंटरव्यू हो सकता है । लेकिन सर के छात्रों के लिए यह किसी क्लास से कम नहीं ।

  • @rajeshdangar7915
    @rajeshdangar7915 5 หลายเดือนก่อน +1

    problem with Freud's theory 32:48 , beautiful explanation of Renaissance 36:23 , manushyaa ki paribhasha 38:55 , kisey acchi rachna kahaa jaye 42:11 , on taking notes 1:12:16 , Relation/role with literature 1:15:09

    • @niteeshupadhyay8002
      @niteeshupadhyay8002 หลายเดือนก่อน +1

      39:33 , किस लेखक का नाम ले रहे है ।

    • @rajeshdangar7915
      @rajeshdangar7915 หลายเดือนก่อน

      Jean Paul Sartre ​@@niteeshupadhyay8002

  • @manojkumarjain1838
    @manojkumarjain1838 6 หลายเดือนก่อน +1

    अन्तिम प्रश्न का कितना शालीन उत्तर वाह 🎉🎉

  • @anhadnaad5082
    @anhadnaad5082 6 หลายเดือนก่อน

    बहुत ज्ञान वर्धक जानकारी के लिए शुक्रिया। कविता या विचार से दुनिया तब बदल सकती है अगर विचार बदल सकते हों तो।

  • @divyasuhag5164
    @divyasuhag5164 6 หลายเดือนก่อน +1

    अंजुम जी बहुत अच्छे विद्यार्थी रहे होंगे 🌹आदरणीय राय जी के सभी वक्तव्यों से सहमत हूँ। पहली बार सुना इन्हें। आभार🙏

  • @rishabhyadav-5117
    @rishabhyadav-5117 6 หลายเดือนก่อน +1

    विश्वविद्यालय के द्वारा दिया हुआ सिलेबस तो आज भी सर के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण है , अमूमन जितना उनकी शुरुआत में रहा होगा ।

  • @avagallery6599
    @avagallery6599 6 หลายเดือนก่อน

    अंजुम जी शुरुआत में रामेश्वर सर के वाक्यों ने जता दिया कि इंटरव्यू कितना शानदार है
    बहुत खूब, इस इंटरव्यू के लिए हार्दिक बधाई।

  • @dr.m.k.pandey4894
    @dr.m.k.pandey4894 6 หลายเดือนก่อน +1

    ❤राय सर को सुनना बेहद ज्ञानप्रकाश और रोचक होता है शुक्रिया अंजुम

  • @PriyanshuKanhaiya
    @PriyanshuKanhaiya 6 หลายเดือนก่อน

    सर! के द्वारा शब्दों का उच्चारण मन-मोह लेता है।

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 6 หลายเดือนก่อน

    Aalochana Ki Varna Vyavastha.
    It was there from the very beginning. Now you have brought it out in public discourse.
    Obviously good things have begun to happen in the closed world of Hindi literature.
    In fact I have great hopes from the young generation of poets and fiction writers who are in the age group of 25-40.

  • @Pawanmahabodhi
    @Pawanmahabodhi 6 หลายเดือนก่อน

    सर की बातें बहुत ही विचारणीय हैं। क्योंकि जिस दौर में हम बन रहे हैं या हमें बनाया जा रहा है उस दौर में हमें यह जान लेना ज़रूरी है कि हम न बन सकते हैं और न हमें बनाया जा सकता हम जो होते हैं उसी में ज़रूरी बदलावों के साथ आख़िर में वही हो जाते हैं। और कोई भी लीक अथवा खाँचा हमें बाँध नहीं सकता और हमें बंधना भी नहीं चाहिये। वैसे आज की ही नहीं सदियों से चली आ रही शिक्षा पद्धति कैय करना है यानी उल्टी करना अर्थात पहले खावो और फ़िर ---
    तो हमें अपने आप को किसी और के निर्णयों का कीर्तन नहीं करना होगा। हमें हमारे समय के यथार्थ को ध्यान में रख कर अपने निर्णय निर्धारण करने होंगेऔर उसमें यह गुंजाइश छोड़ देनी होगी कि आने वाली पीढ़ी अपने निर्णयों का निर्धारण कर सके हमारे निर्णयों को अंतिम सत्य नहीं मान बैठे।

  • @kartikeyashukla5628
    @kartikeyashukla5628 6 หลายเดือนก่อน +2

    वे लोग सौभाग्यशाली होंगे, जो प्रो. रामेश्वर राय से पढ़े होंगे।

    • @atozknowledge8541
      @atozknowledge8541 6 หลายเดือนก่อน

      Hum hi pdte h bhai

    • @ravirajan8740
      @ravirajan8740 6 หลายเดือนก่อน

      @@atozknowledge8541 कहाँ पर भाई

    • @atozknowledge8541
      @atozknowledge8541 4 หลายเดือนก่อน

      @@ravirajan8740 hindu college me

  • @pallavisharma4963
    @pallavisharma4963 6 หลายเดือนก่อน

    ऐसे शिक्षक को मेरा विनम्र प्रणाम! उनकी सधी हुई भाषा, ज्ञान और और सरलता से बहुत सीखने को मिला! कन्वर्सेशन के दौरान इतनी बार उन्होंने ऐसी बात कही जिसे बार - बार सुनने का मन हुआ; अंजुम जी आपको किन शब्दों में धन्यवाद दूँ !

  • @nareshjain6575
    @nareshjain6575 6 หลายเดือนก่อน

    अब तक सभी कवियों/मनीषियों को सुना , पहली बार स्पष्टता और पारदर्शिता के साथ बहुत कुछ सीखने समझने मिला . साहित्य के बारे में दृष्टिकोण बदला . रामेश्वर राय जी सच में शिक्षक हैं...... लोक शिक्षक !!

  • @ajaykumarzero
    @ajaykumarzero 6 หลายเดือนก่อน

    जीवन और दुनिया पर अपनी राय रखने के लिए अगर कोई नदी और प्रवाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें तो इसका मतलब है कि वह जीवन और दुनिया का गंभीर अध्येता है। बहुत ही सुंदर इंटरव्यू.....अंजुम भाई....

  • @ankitachauhanyt
    @ankitachauhanyt 6 หลายเดือนก่อน

    बोला कैसे जाए, सीखने के लिए इस बातचीत को कई बार देखा जाएगा। बेहतरीन डॉक्यूमेंटेशन। शुक्रिया हिन्दवी ❤

  • @daauji07
    @daauji07 6 หลายเดือนก่อน

    Main Kai vishyayo pr Rai sir se aasahmat hu parantu aapko sunte hue har baar bahut kuch seekhne milta hi hai . Pranaam🙏

  • @drirchouhanhindisahitya3560
    @drirchouhanhindisahitya3560 6 หลายเดือนก่อน

    एक अच्छे इंसान और अच्छे अध्यापक से रूबरू करवाया आपने।सहज चीजों को समझाने की चेष्टा दिखती है

  • @ashapandey9233
    @ashapandey9233 6 หลายเดือนก่อน

    कितना अच्छा तरीका है समझाने का,सर को प्रणाम।अंजुम जी, आपके प्रश्न आपके सतत अध्ययनशील होने का प्रमाण है। बहुत अच्छा साक्षात्कार।

  • @PublicHealthand.Poetry
    @PublicHealthand.Poetry 6 หลายเดือนก่อน

    अंजुम जी,आप संगत प्रोग्राम को बहुत अच्छे से चला रहे हैं।आज शाम हमें इस का 77 एपिसोड सुनने को मिला । कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और हम ने अर्थ भरपूर उत्तर सुने।इस से ये कहा जा सकता है कि रामेश्वर राव जी ने आपके प्रश्नों को पकड़ा और उनके अर्थ भरपूर उत्तर सुनने को मिले।
    उन्होंने ज़िंदगी में अध्यापन के असल मतलब समझ कर इन को हमारे जैसे लोगों तक संचारित किया।आप के संगत कार्यक्रम में जितने भी लोग शामिल हुए हैं, उन से अक्सर यही सुना है कि साहित्य किसी बदलाव का कारण नहीं होता, लेकिन मन नहीं मानता। हर एपिसोड के बाद कुछ न कुछ बदलाव महसूस होता है, भले ही वो बहुत बड़ा बदलाव न हो। क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य के छात्र के रूप में हम यही कह सकते है, ऐसा करने से बदलाव संभव हो सकता है । डॉ मोहन बेगोवाल

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 6 หลายเดือนก่อน

    शुक्रिया अंजुम जी इस बार आपने संगत में मेरे प्रिय गुरु को आमंत्रित किया। सर की सादगी और विनम्रता को प्रणाम। आज के समय में जहाँ कुछ लोगों को अपने ज्ञान का अहं इतना है कि वेअपने सामने किसी को कुछ नहीं समझते, वहीं सर की विद्वता और उनकी विनम्रता , ठोस बौद्धिकता में समाहित है। दिखावे से दूर उनमें जो एक सच्चाई है वह एक विधार्थी को सर्वाधिक प्रभावित करता है। सर को स- आदर प्रणाम। 🙏🙏

  • @cowzah8551
    @cowzah8551 6 หลายเดือนก่อน

    बहुत आभार संगत का रामेश्वर जी से मुझे इस बातचीत के जरिए मिलवाने का....में उनके बारे में पहले जानता नहीं था.. संजीदगी और सहजता के एक अद्भुत मिश्रण से उन्होंने अपनी बातें कहीं. . आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण. प्रेम और मृत्यु का जो जोड़ बैठाया, वो नहीं भूलेगा. और अंत में जिस तरह उन्होंने मुस्कुरा कर "ठीक है"कहा, उसमे एक शांति की अनुभूति हुई:)

  • @truthbeyondhype7123
    @truthbeyondhype7123 6 หลายเดือนก่อน

    पहली बार आपके चैनल पर आया हूँ.....भाषा शैली और टॉपिक शानदार है.....

  • @newmanavjagartiandolan1882
    @newmanavjagartiandolan1882 6 หลายเดือนก่อน

    रामेश्वर राय को नमस्कार शिक्षक लेखक होने के बावजूद पाठक होने में संतुष्ट होना इन्ही के शुरुआती व्य्क्त्व को सही साबित करता है कि हम किसी सृजन कृति को पढ़ कर आपका आईडिया( व्यक्तित्व) बनता है।
    बहुत अच्छा लगा खुली अभिव्यक्ति के सरोकारी को सुनकर,
    महिपाल मानव हिसार हरियाणा

  • @Ranjit-x3y
    @Ranjit-x3y 6 หลายเดือนก่อน

    एक अध्यापक और एक साहित्य विमर्शकार के रूप में यह भेंट वार्ता बेहद निर्भीक और सकारात्मक रही l

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 6 หลายเดือนก่อน

    कितनी खूबसूरत बात मेरा साहित्य से वही संबंध हैं जो लताजी और रफी साहब का गायन से है। वाह!

  • @SushantJha-pc2qw
    @SushantJha-pc2qw 6 หลายเดือนก่อน

    सुंदर और ज्ञानप्रद साक्षात्कार। बार-बार सुनने लायक।

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    वाह l कविता पढ़ना नदी को देखना है l

  • @rohitdwivedi7711
    @rohitdwivedi7711 6 หลายเดือนก่อน

    एक बेहतर साक्षात्कार के लिए अंजुम जी धन्यवाद ।

  • @shashankshukla2410
    @shashankshukla2410 6 หลายเดือนก่อน

    प्रो राय की दृष्टि स्पष्ट है. यह बड़ी बात है. असहमति हो सकती है. कई जगहों पर रही भी... बावजूद

  • @उज्ज्वलपांडेय-य2ण
    @उज्ज्वलपांडेय-य2ण 6 หลายเดือนก่อน

    बढ़िया एपिसोड रहा। ज्ञानवर्धक।

  • @rajprabhakar2116
    @rajprabhakar2116 6 หลายเดือนก่อน

    जबर्दस्त बातचीत

  • @manimohanmehta6828
    @manimohanmehta6828 6 หลายเดือนก่อน

    Very impressive and lucid …one of the best interview by Anjum ❤

  • @gcbagri3573
    @gcbagri3573 6 หลายเดือนก่อน

    Nice Comment Dr. Sahid. I think you are enjoying because you understand Hindi. Distance is very thin Dr. Saheb.

  • @dr.vishalmishra2971
    @dr.vishalmishra2971 6 หลายเดือนก่อน

    बेहद प्रभावी संप्रेषण 🎉

  • @nirdoshkumar7034
    @nirdoshkumar7034 6 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत सुंदर

  • @ShraddhaSingh-m5g
    @ShraddhaSingh-m5g 6 หลายเดือนก่อน

    प्रणाम सर 🙏🏻🙏🏻

  • @VishalKumar-c4s1d
    @VishalKumar-c4s1d 6 หลายเดือนก่อน

    अद्भुत ...

  • @shatrughnayadav3355
    @shatrughnayadav3355 6 หลายเดือนก่อน

    यथार्थ और सत्य एक ही नहीं है।

  • @santoshkumar-bg4gr
    @santoshkumar-bg4gr 6 หลายเดือนก่อน

    It was very nice listening to him.

  • @amitraibxr
    @amitraibxr 6 หลายเดือนก่อน

    बिल्कुल सत्य बात कर

  • @manishyadav8124
    @manishyadav8124 6 หลายเดือนก่อน

    Thank you so much sir ji 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @aartibhagchandani7532
    @aartibhagchandani7532 6 หลายเดือนก่อน

    मनुष्य एक संभावना है 👌👌

  • @purnimaojha6085
    @purnimaojha6085 6 หลายเดือนก่อน

    वाह बहुत खूब

  • @shashankshukla2410
    @shashankshukla2410 6 หลายเดือนก่อน +3

    प्रो राय प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी पढ़ाते रहे हैं, इसलिए वे सरलीकरण के शिकार हो जाते हैं.

    • @RekhaKumari-vg6nq
      @RekhaKumari-vg6nq 8 วันที่ผ่านมา

      Aapki drishti simit hone ko abhishapta hai

  • @drnareshdalal02
    @drnareshdalal02 6 หลายเดือนก่อน

    Very nice, thank you. Interesting.

  • @prempalsharma7
    @prempalsharma7 6 หลายเดือนก่อน

    एक उदात्त संवाद!

  • @PrabhakarKumar-ug9nn
    @PrabhakarKumar-ug9nn 6 หลายเดือนก่อน

    एक सहज सम्वाद!

  • @archanalaark1413
    @archanalaark1413 6 หลายเดือนก่อน

    आलोचना की वर्ण व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। वाह।

  • @dineshpradhan5709
    @dineshpradhan5709 6 หลายเดือนก่อน

    Wonderful,

  • @shashankshukla2410
    @shashankshukla2410 6 หลายเดือนก่อน

    आलोचना साहित्य की बौद्धिक समझ है.

  • @sushmachaturvedi9789
    @sushmachaturvedi9789 6 หลายเดือนก่อน

    वाह!

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    यह मैंने भी महसूस किया किया कि मार्क्सवाद एक धर्म बना गया, तब ज़ब उसमें रूढ़िवाद का वर्चस्व आया l

  • @manojkumarjain1838
    @manojkumarjain1838 6 หลายเดือนก่อน

    🎉🎉🎉

  • @vijaysinghmeena900
    @vijaysinghmeena900 6 หลายเดือนก่อน

    अंजुम जी ऐसे व्यक्ति से साक्षात्कार लेने से पहले आपको भी संपूर्ण हिंदी साहित्य पढ़ना चाहिए!!
    महेश कटारे के इंटरव्यू के दौरान आपके प्रश्न ऐसे लग रहे थे जैसे आपने कभी लोक साहित्य या लोक धारा का साहित्य पढ़ा ही नहीं।

  • @VishalKumar-c4s1d
    @VishalKumar-c4s1d 6 หลายเดือนก่อน

    नीलाद्री भट्टाचार्य को यहां देखना सुखद होगा...कृपया उनको भी यहां बुलाया जाएं

    • @VishalKumar-c4s1d
      @VishalKumar-c4s1d 6 หลายเดือนก่อน

      Aur Pro-Apoorvanand ko bhi bulaya jaye

  • @shatrughnayadav3355
    @shatrughnayadav3355 6 หลายเดือนก่อน

    साहित्य ही नहीं, सम्पूर्ण कलाओं को परिभाषित नहीं किया जा सकता। परिभाषा में बंध जाए तो वो कुछ भी हो कला नहीं। कला अनुशासन में नहीं हो सकती।

  • @OJACADEMY
    @OJACADEMY 6 หลายเดือนก่อน

    Nice video

  • @vivekanandcreator5108
    @vivekanandcreator5108 6 หลายเดือนก่อน +1

  • @Anil-m8l
    @Anil-m8l 4 วันที่ผ่านมา

    प्रेम अल्पायु ही होता है l

  • @deepakkushwaha9849
    @deepakkushwaha9849 6 หลายเดือนก่อน +5

    सर
    प्रोफ़ेसर कृष्ण कुमार को भी बुलाइए।

    • @ravirajan8740
      @ravirajan8740 6 หลายเดือนก่อน

      किस विषय के हैं

    • @Anu-qd6ok
      @Anu-qd6ok 6 หลายเดือนก่อน +1

      शिक्षा जगत की हस्ती हैं

  • @RekhaKumari-vg6nq
    @RekhaKumari-vg6nq 8 วันที่ผ่านมา

    Anjum ji dwara AAPKA KARMBHUMI suna jana akhra...yanha billi mar Gaya wali bat dhwanit ho rahi hai...aap itne vidwan bachche hain aakhir.

  • @RohitYadav-tn7dc
    @RohitYadav-tn7dc 6 หลายเดือนก่อน

    वर्तमान समय के कुछ प्रमुख आलोचकों का नाम सुझाए जिनको सुनना जरूरी हो!

  • @utkarshpandey_du
    @utkarshpandey_du 6 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🌷

  • @glory_to_bharat
    @glory_to_bharat 6 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 6 หลายเดือนก่อน

    रामजी राय कब आयेंगे

  • @ankur8478
    @ankur8478 6 หลายเดือนก่อน +2

    प्रोफेसर कृष्ण कुमार को बुलाइये

  • @prakashchandra69
    @prakashchandra69 6 หลายเดือนก่อน +2

    हिन्दी लेखक-लेखिकाओं की उपस्थिति सिर्फ
    दिल्ली और हिन्दी राज्यों में ही नहीं हिन्दीतर क्षेत्रों में भी हैं। कभी वहां भी
    पहुंचे और उन्हें भी संगत के दायरे में लाएं।
    राय जी, साहित्य की स्वायत्तता अमूर्त है। कुछ भी स्वायत्त नहीं होता। व्यक्ति भी नहीं। जब आप किसी अवधारणा
    को रखते हैं तब आप भी स्वायत्त कहां
    रहते हैं। निर्वात में कुछ भी नहीं है।
    मुग़ल -ए-आजम की भाषा राजभाषा है
    जनभाषा नहीं।आधा गांव की गाली
    अस्वीकार्य और मित्रो मरजानी की गाली
    स्वीकार्य कैसे?
    बिंबवादी कविता है रामेश्वर जी की।प्रेम इतना आलंकारिक और वायवीय नहीं। अशोक वाजपेयी की प्रेम कविताएं भी
    ऐसी ही विज्ञापनी और कृत्रिम हैं।

    • @prabhakarmishra7377
      @prabhakarmishra7377 6 หลายเดือนก่อน

      बहुत अच्छा अध्ययन करते हैं आप, ऐसे पाठकों की भी बहुत कमी हो गई है, आपके विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। फणीश्वरनाथ रेणु जी ने जैसा लिखा है वैसा होना चाहिए लेखक को

    • @maneetayadav6393
      @maneetayadav6393 6 หลายเดือนก่อน

      🎉

  • @azadhind75
    @azadhind75 6 หลายเดือนก่อน

    दादा प्रणय कृष्ण को बुलाइये।