#ब्रह्मचर्य

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ต.ค. 2024

ความคิดเห็น • 129

  • @adhyatmikprerna1
    @adhyatmikprerna1 25 วันที่ผ่านมา +1

    radhe radhe mahraj ji

  • @tulasichimariya1487
    @tulasichimariya1487 3 หลายเดือนก่อน +3

    ॐ नमः शिवाय ॐ राधा ॐ शिव शिव शिव

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +2

      @@tulasichimariya1487 राधा राधा

  • @prince_dubey_official
    @prince_dubey_official 3 หลายเดือนก่อน +1

    Radhe Radhe Radhe

  • @KhumeshPasi-qz9wr
    @KhumeshPasi-qz9wr หลายเดือนก่อน +2

    Jai dwarkadhish jai Jagannath jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai dwarkadhish jai Jagannath ❤😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊❤

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  หลายเดือนก่อน +2

      @@KhumeshPasi-qz9wr राधा राधा

  • @SachinSN45
    @SachinSN45 3 หลายเดือนก่อน +3

    Radhe Krishna..!!!

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +1

      @@SachinSN45 राधा राधा

  • @LalitSingh-hw1vm
    @LalitSingh-hw1vm 4 หลายเดือนก่อน +2

    Jai shree krishan

  • @Discipline_Tradition_Legacy
    @Discipline_Tradition_Legacy 3 หลายเดือนก่อน +3

    Radha radha 🕉️🕉️🕉️

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +2

      @@Discipline_Tradition_Legacy राधा राधा

  • @MukeshKumarGond-iy7ei
    @MukeshKumarGond-iy7ei 3 หลายเดือนก่อน +3

    OM JAI SHRI RADHEYSHYAM JI

  • @RakibulEeikh
    @RakibulEeikh 3 หลายเดือนก่อน +2

    🙏🙏🙏🙏

  • @RAJESHKUMAR-ur7uc
    @RAJESHKUMAR-ur7uc 4 หลายเดือนก่อน +3

    प्रभु प्रेमानंद जी महाराज को कोटि कोटि नमन

  • @exprainerprince1617
    @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +3

    Guruji radha radha bole ya radhe radhe

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      राधा या राधे, जो तुम्हें अच्छा लगे, वह बोलो क्योंकि राधा और राधे मे, कोई अंतर नहीं है, समझे बच्चा, राधा राधा

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@BrahmacharyaMagic
      Radhe radhe ❤

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@BrahmacharyaMagic
      Guruji premanand maharaj ji ne bola ager grahsti me jana he to viry ko urdgami mat karo nhi to ling me takat nhi rahegi or grahst aashram me nhi jaa paaoge
      To me ab kya karu urdgami karu yaa nahi

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 राधा राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 बच्चे सबसे पहले ये बात जान लो की, अगर ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो ,अपने वीर्य की रक्षा करो, क्योंकि वीर्य की रक्षा को ही ब्रह्मचर्य का पालन, करना कहा जाता है, बच्चा ब्रह्मचर्य के नियम में ,बातें तो अनेकों हैं ,पर जो इनमें से, कुछ बातों का , पालन कर लेता है, वो भी ब्रह्मचर्य का, ठीक पालन कर लेता है, बच्चे ब्रह्मचर्य पालन का, अब उपाय सुनो,1 ब्रह्मचारी आस्तिक होता है 2 विद्या अध्ययन करता है 3 वीर्य की रक्षा करता है 4 ज्ञान का उपार्जन करता है, और अपने मल मूत्र त्यागने वाले, स्थानों के साथ कोई भी, कुचेष्टा नही करता , यानी हस्तमैथून, संभोग आदि नही करता, शादी के पहले, एक ब्रह्मचारी ,लड़की से फ़्रेण्डशिप ,नही करता, अगर लड़कियों से , फ़्रेण्डशिप करता है , या बोलता होता है तो, एक ब्रह्मचारी लड़कियों को बहन, मानता है, और लड़कियों के लिये, बहन शब्द का ही प्रयोग करता है ,और एक ब्रह्मचारी ,मोबाइल में कभी भी कोई, अश्लील चीजें नही देखता, और न ही कभी कोई , अश्लील साहित्य वो पढ़ता है, और ब्रह्मचारी कभी भी, गलत मित्रों का, संग नही करता, ब्रह्मचर्य में खान पान ,रहन सहन,व्यवहार ,सब कुछ, ब्रह्मचर्य का एक हिस्सा है, न तो ऐसी कोई क्रिया करो, न तो ऐसा कोई संग करो ,और न तो ,ऐसे कोई पदार्थों का, सेवन ही करो ,जिससे वीर्य की हानि हो, जैसे चाय-कॉफी, तम्बाकू आदि, का सेवन, और ब्रह्मचर्य का, पालन करना है तो, अपने मन को नियंत्रण में रखों , और उच्च आदर्शों को अपने सामने रखों ,और अपने आंख-कान से, गंदी बातें सुनने से, गंदी तस्वीरें और, खराब चीजें देखने से बच्चों, और अपने मन को हमेशा ,भगवान के ध्यान में लगाकर रखों ,और जैसा खाओगे मन वैसा ही रहेगा, इसलिए गर्म मसाले, चटनी, गरम खाना ,और मांस, मछली, अंडे, चाय, कॉफी, फास्ट फूड आदि न खाओ, रात का खाना 10 बजे तक खा लो ,और रात्रि के समय शयन करते हैं तो, सावधानी रखें की, शयन के 1घंटा पहले ही ,दूध लेले, अगर दूध गर्म लेकर सोएंगे तो, निश्चित ही स्वप्नदोष वीर्यपात हो जाएगा ,और कपड़ो का असर तो सीधे दिमाग पर पड़ता हैं, इसलिये,साफ और सूती ऊनी वस्त्र पहनो, तो और भी अच्छा है, और सीधे रीढ़ के सहारे कभी न सोएं , हमेशा करवट लेकर सोएं , और 4:00 बजे जागो , जगने पर तत्काल बासी, पानी पिए तांबे के पत्र में रखा हुआ ,पानी पिए और अलग से भी लीटर दो लीटर पिए ,अगर शुद्ध ब्रह्मचर्य रहना है तो, बासी मुँह बिना कुला किये, और तत्काल व्यायाम कीजिए, कभी भी कोई ऐसे ग्रंथ को ना पढ़ें , जिसमें कामोत्तेजक भाव लिखे हो, जैसे उपन्यास आदि, और टहलो वज्रासन पर कुछ समय बैठे ,और खूब नाम का जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो, और पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भांग आदि सभी नशीली चीजों से दूर रहो, अपच और गैस से खुद को बचाएं ,कभी मान लो कब्ज हो रहा है तो, सरल औषधि लेने है, जैसे ,हरे है ,बहेड़ा है त्रिफला ,का प्रयोग करें ,वैसे प्रत्येक साधक को, अपने भोजन में, एक आंवला का, प्रयोग कर लेना चाहिए, तो कब्ज भी दूर रहेगा, और शीतलता भी रहेगी, और आंवला पवित्र भजन मे भी सहयोगी होता है, और सेंट, लैवेंडर और परफ्यूम से दूर रहो, क्योंकि ये सब इंद्रियों को भड़काने वाली हैं ,और इंद्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़ें, और न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखों ,जिससे इंद्रिया चंचल हो ,और रोज सुबह-शाम व्यायाम, आसन और प्राणायाम करें , और बच्चा सबसे खास बात ,आपकी जो स्मृति कामुक हो गई है ,उसको बदलिए बच्चा , अगर ब्रह्मचर्य का ,पालन करना है तो, सबसे पहले अपने , चिंतन को ठीक करो, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो, तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो तुम एक दिन भी, ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, और कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो , या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब जब गलत चिंतन होगा तब तब कामवासना हावी होगा,और उसी समय बर्बादी चालू ,इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, और ब्रह्मचारी को, इन बातों का, जरूर से पालन ,करना पड़ता है, समझे बच्चा, राधा राधा.

  • @RAJESHKUMAR-ur7uc
    @RAJESHKUMAR-ur7uc 4 หลายเดือนก่อน +2

    Maharaj ji ko koti koti naman

  • @MukeshKumarGond-iy7ei
    @MukeshKumarGond-iy7ei 3 หลายเดือนก่อน +3

    Param pujya Shri Guru Ji Bhagwan ki charanon mein koti koti pranam

  • @RajuYadav-yf2gs
    @RajuYadav-yf2gs 4 หลายเดือนก่อน +3

    Jay sri Ram jay sri Radhekrishn Jay Bajrang Bali Har har Mahadev Jay Mata Di😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @RheaSahu111
    @RheaSahu111 3 หลายเดือนก่อน +1

    Mujhe bramhacharye me vishwas hai lekin bhagwan me nhi ho paa rha maine continues rkha sab chize bhagwan ka nam v jab kiya lekin jb krti hu to lgta hai bhagwan kaha hai? Ye hi ques pura dil dimag se gira dete hai mere vichar ko!! Kya krun??

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +2

      @@RheaSahu111 बच्चा भगवान खोजने से नहीं मिलेंगे। भगवान को कहीं खोजने की। जरूरत नहीं। भगवान तुम्हारे अंदर हैं। बस तुम नाम जप करो। पूरे विश्ववास के साथ। तुम्हे भगवान तुम्हारे अंदर दिख जायेंगे। समझें बच्चा। राधा राधा

  • @Himanshu-qk4jk
    @Himanshu-qk4jk 4 หลายเดือนก่อน +6

    Jai ma shitala 🥰🥰😍

  • @exprainerprince1617
    @exprainerprince1617 2 หลายเดือนก่อน +1

    गुरुजी मेरे दोस्त का विवाह सेम गोत्र यानी सेम सरनामे में हो गया है क्या उससे बोहोत बड़ा पाप हो गया हे क्या राधा नेम से उसको राधा रानी के चरणों में स्थान मिल सकता है क्या उसपर आने वाली आपसे तल सकती ही कृपया मार्गदर्शन गुरुजी

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  2 หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 हां बच्चा राधा नाम लेने से। आपका बाल बांका कोई नहीं कर सकता। समझे बच्चा। घबराना नहीं टूटना नही। क्याकी आप राधा रानी जी की लाल दास हैं। बच्चा हर समस्या का। समाधान है। नाम जप। समझे बच्चा। तुम स्वयं राधा राधा जपो। अच्छे आचरण करो। किसी को दुख मत दो। राधा नाम का जप करो। बाल बांका भी नहीं कर सकता कोई। गृहस्थी में हो। पदाधिकारी हो। कोई भी हो। सब सुरक्षित रहोगे। समझें बच्चा राधा राधा

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 2 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@BrahmacharyaMagic सेम गोत्र में तो भाई बहन होते हे ना गुरुजी तो फिर ग्रहस्ती कैसे करे मेरा दोस्त सुना हे इससे बच्चे विकलांग होते हे वो बहुत परेशान हो रहा हे आप ही कुछ मार्गदर्शन करे ❤

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  2 หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 बच्चा आपको वृंदावन आश्रम आना चाहिए। अपने दोस्त के साथ। ताकी आप अच्छे से। अपनी समस्या का। समाधान पा सके समझें बच्चा। राधा राधा

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 2 หลายเดือนก่อน +1

      कोना आश्रम में ​@@BrahmacharyaMagic

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 राधा केली कुंज बच्चा। राधा राधा

  • @Radhekrishna-dw8qr
    @Radhekrishna-dw8qr 4 หลายเดือนก่อน +2

    क्या शोवर और सुतंग में भी नाम जप कर सकते है , राधे राधे

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      बच्चा नाम जप हमेशा कर सकते हो। बस मंत्र जप नहीं। समझे बच्चा। राधा राधा

  • @exprainerprince1617
    @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +3

    Guru kahase banae or gurumantra kaise le plz bataye

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      बच्चा जब भी। आपके मन में। यह सवाल आए कि। गुरु कैसे बनाएं। गुरु दीक्षा कैसे लें। और गुरु मंत्र कैसे लें। तो इस बात को। ध्यान से समझ लें। बच्चा, हमारा आप सब से प्रार्थना है कि। प्रायः लोगों का ऐसा स्वभाव होता है। जहां प्रवचन, जहां भीड़ है। जहाँ यश कीर्ति की। वहीं दीक्षा लेने की सोचने लगते हैं। हम आपसे प्रार्थना करते हैं। सत्मार्ग के पथिक बनने के लिए। खुला दरबार श्री का है। लेकिन प्रपंच समेटने के लिए नहीं है। आप दीक्षा लें। फिर उसी प्रपंच में रत रहे। हमें नहीं चाहिए। आप की भीड एक हो पर भगवत प्राप्ति का लक्ष्य हो। स्वागत है। गृहस्थ में भी हो। सदाचार परायण रहकर। गुरु मंत्र का जप करना। नाम कीर्तन करना। प्रभु की सेवा। विराजमान करके दासत्व से रहना। स्वागत है आपका। उसके लिए भी। एक या दो वर्ष। माथे पर तिलक। मुख पर राधावल्लभ। श्री हरिवंश नाम। और वाणी जी का गायन। और घर में श्रीजी की सेवा। बिना दीक्षा लिए। जब आप स्वीकार करेंगे। तब आगे श्रीजी की शरणागति का। विधान होगा। यह हमें अच्छा नहीं लगता। मनमानी आचरण और बस दीक्षा ले ली। कंठी बंधवा ली। बिल्कुल नहीं होगा। आज से। ध्यान रखिएगा। जब तक आप। डेढ दो वर्ष तक। माथे पर वृंदावन की रज नहीं लगाएंगे। हमारी प्यारी जू का नाम। हमारे प्यारे जू का धाम। आपको प्रिय न लगने लगे। तब तक दीक्षा की बात मत कीजिए। इससे अपराध लगता है। कंठी बंदवाली मंत्र ले लिया। मनमानी आचरण। दुर्गति का रास्ता चयन कर लिया। गुरु बनाना खिलवाड समझते हो क्या। जिसको जब मन आया। बनिया की दुकान थोड़ी है। आज यहां कंठी। कल वा कंठी। ये सब नरकगामी बातें हैं। पहले हम गुरु का चयन करें। वर्षों उनका संग करें। हमारी जब उनमें भगवत् बुद्धि हो जाए। कि मेरे साक्षात प्रभु। इस रूप में। मुझे स्वीकार कर रहे हैं। तब। गुरुमंत्र की बात करनी चाहिए। ऐसे नहीं। बिल्कुल नहीं। आज से सब बंद। अपने परिकर के। और बाहर के जो भी हैं। सब से प्रार्थना है। की हमें भीड नहीं चाहिए। हमें भक्त चाहिए। जो भगवान से मिलना चाहता है। जो इस संसार से मुक्त होना चाहता है। हमारे अंदर सामर्थ्य नहीं कि। आपकी कामनाओं की पूर्ति कर सके। आपका दुख मिटा सके। मेरे स्वामी में सामर्थ है। अगर मेरे स्वामी की शरणागति। मेरे स्वामी का भजन। मेरे स्वामी की सेवा। तुम्हें नहीं रुच रही है। तो व्यर्थ में मत आओ। कुछ नहीं होने वाला। और अपराध बन जाएगा। तो सृष्टि हो जाएगी। यह परमार्थ का मार्ग है। यहाँ। नाटकबाजी नहीं चलेगी। इसलिए यह दीक्षा संबंधी प्रार्थना करना। बिल्कुल नहीं, स्वीकृति होगी। डेढ दो वर्ष तक पहले आप। अपनी भावना को सुधारिए। हमारे रंग में। रंगने के लिए समझिए। कि हम क्या पूजते हैं। क्या सोचते हैं। किस मार्ग के पथिक हैं। क्या चाहते हैं। तब तो। जुडो ना। ऐसे जुड गए। एक दो बार दिखाई दे। फिर सालों नहीं दिखाई दिए। क्या उपासना कर लोगे। चार हो। लेकिन प्रभु में चित्त। जोडने वाले हों तो। हमारा प्रवचन सार्थक। हमारा जीवन सार्थक। प्रपंच बढाना। हमारा उद्देश्य नहीं है। प्रपंच मिटाना हमारा उद्देश्य है। प्रपंच से संबंधीत रहित होकर।

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      चाहे गिरस्ती में हो। या विरक्त में। निरंतर स्वामीनी जू का सुमिरन करो। यही जीवन का परम लक्ष्य है। इसलिए। हमारी प्रार्थना स्वीकार हो। प्रिया जू से। प्यार करना है। उनका भजन करना है। सत् आचरण में चलना है। भगवत प्राप्ति करनी है। खुला स्वागत है आपका। पर वह भी कुछ समय तक। आपकी निष्ठा देखने पर। अन्यथा ये सब प्रपंच नहीं। भगवत प्राप्ति के मार्ग में। चाहे करोडों आवे तो हमारे स्वामीनी। जी का दरबार। बिल्कुल स्वागत के लिए। तैयार है। अगर भगवत प्राप्ति की नहीं तो। यह मत समझ लेना की। यहाँ दुख निवृत्ति हो जाएगी। या हमारी कामनाओं की पूर्ति हो जाएगी। पहले आप से। कह रहे हैं। कुछ नहीं होने वाला। हम कह रहे हैं। तुम पाप आचरण करो। मनमानी आचरण करो। और तुम कहीं चले जाओ। तुम सुखी हो जाओ। नहीं होगे। तुम्हारे हृदय में। भगवान बैठे हैं तो। तुम सुखी नहीं हो पाए। तो भागने से क्या होगा। बिना भजन के शांति और सुख का। स्वप्न में भी दर्शन नहीं कर सकते। स्वप्न में भी अनुभव नहीं कर सकते। सत्य मार्ग पर चलना बडा कठिन होता है। यह तुम्हारी चुंय पुन्य। दान पुन्य से। कुछ नहीं होने वाला। ऐसे भयंकर पाप जमा है कि। सब भस्म हो जाएंगे। पुण्य तुम्हारे। एक महाबली गरज रहा है। राधा राधा राधा। जो आपको बचा सकता है। जो आपको सुखी कर सकता है। जो आपको जन्म जन्मांतरों के संचित कर्मों से छुटकारा दिला सकता है। दूसरा कोई उपाय नहीं। और यह करना। बडा कठिन है। क्योंकि वृत्तियां सब बहिर्मुख हैं। भोगों में सुख बुद्धि है। जिसकी भोगों में सुख बुद्धि। पाप आचरण से मुक्त। कैसे हो सकता है। क्योंकि भोग वासना। सुसुक वांछा ही पाप आचरण कराती है। फिर एक नया अपराध बना लिया। गुरु बना लिया। उनकी अवज्ञा शुरू कर दी तो। जो उद्धार के चांस थे। वो भी चले गए। पूरा जीवन व्यर्थ चला गया। गुरु तब बनाया जाता है। जब निश्चय होने लगता है। मन में कि। मैं हार गया। संसार के मार्ग में चलते चलते थक गया। हे प्रिया जु। अब मेरा मन विश्राम चाहता है। लाडिली अब मुझे स्वीकार कर लो। ये उनके लिए मार्ग है। मनोरंजन मार्ग थोडी है। जहाँ यश कीर्ति। प्रणाम नमस्कार। हा बस जुड गए हम। वे जुडे कैसे। केवल नाम मात्र के। अगर चलो। ऐसा भी चित्त से जुड जाओ तो। परिवर्तन शुरू हो जाए। गुरु तभी बनाओ। जब भगवत् प्राप्ति की। तुम्हारे अंदर थोडी भी इच्छा जाग जाए। इसलिए खूब सत्संग सुनो। नाम जप करो। खूब चिल्लाकर कहते हैं। राधा राधा। राधा वल्लभ श्री हरिवंश। ये गुरुमंत्र मानो। और खूब जपो। वाणी जी का गायन करो। आचरण को सुधारो। शरणागत अपने आप होना शुरू हो जाएगा। फिर शरणागति बाहर की हो गई। कोई बात नहीं। अंदर की शरणागति विषयों में है। सयुक्ता संसार की है। प्रियता शरीर और शरीर संबंधियों की है। तो एक व्यवहार मात्र। शरणागति श्रीजी का हो गया। इससे क्या होगा। श्री जी अंतर की बात जानती हैं। समझसे बच्चा। राधा राधा

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +1

      Lekin mujhe to din bhar padai karni padti he 😢
      Usme se 1 ghanta vyayam
      10 minute pranayam
      5 min. Dhyan
      10 min. Shree Radha name
      Guruji Radha Radha bole ya radhavallabh shree harivansh
      Premanand ji Maharaj ne bola ki dhyan kidhar bhi ho name jap karte raho phal vaisa hi milega Jo dhyan lagakar Radha name jap raha he
      Unhone kaha yadi tumahara dhyang aag me nhi to iska matlab ye nahi ki aap nhi jaloge
      Iske lie yaa to aap Khushi Kushi jalo ya dukh se aag to jalaegi kyuki uska gun he
      Vaise hi Radha name tum dhyan lagakar Karo to jayada behter he
      Mujhe ho jaaega abhyas kuch mahino me per
      Unhone kaha
      Yadi dhyan lagakar name jap nhi karoge to bhi vo vaisa hi fhal dega ❤

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      @@exprainerprince1617 बच्चा राधा बोलो, या राधा वल्लभ श्री हरिवंश, जो तुम्हें अच्छा लगे बस जपो, बच्चा जितना समय मिले, पढ़ाई लिखाई करने के बाद, खाली समय में ,राधा नाम जपो, क्योंकि राधा नाम जपने से, मंगल ही होगा तुम्हारा, अमल कभी नहीं, और नाम जपने से ,दसों दिशाओं से ,मंगल होना, चालू हो जाता है ,इसलिए तुम राधा नाम को, कभी मत भूलना, जितना खाली समय मिले ,उतना खाली समय मे नाम जपो समझे बच्चा , राधा राधा

  • @HeroHero-fv2jj
    @HeroHero-fv2jj 4 หลายเดือนก่อน +4

    Guruji name jap kab Karu subah ya shaam

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      बच्चा नाम जाप के लिए, सुबह और शाम का इंतजार नही करना है, नाम जप हमेशा करते रहना है, और अपना कर्म भी करते रहना है, समझे बच्चा, राधा राधा

  • @makarandkelkar59
    @makarandkelkar59 4 หลายเดือนก่อน +4

    Namaskar

  • @exprainerprince1617
    @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +8

    एक कथा वाचक महाराज जी कह रहे थे की तुम किसी भी भगवान का नाम लो लेकिन तुम्हे आना तो शमशान ही हे और शमशान में महादेव रहते हे आओगे तो उनके ही पास तो अब क्या करे कोन सा नाम ले राधा राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +7

      बच्चा जीस देवी ,देवता का तुम उपासना, पुजा, पाठ ,ध्यान, नाम जप, इत्यादि जीवित रहते करोगे, मृत्यु के बाद ,उनके ही शरण में जाओगे, अब रही बात शरीर का तो, शरीर मृत्यु के बाद शमशान में जाएगा ना की आत्मा समझे बच्चा राधा राधा

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +3

      ​@@BrahmacharyaMagic
      राधा राधा ❤

    • @exprainerprince1617
      @exprainerprince1617 4 หลายเดือนก่อน +3

      ​@@BrahmacharyaMagic
      लेकिन बूरे विचार खतम ही नही होते मेरा unpe कंट्रोल नही रहता vo aate he to me khud ko rok leta hu or name jap kar leta hu per premanand ji Maharaj kah rahe the ki thode bhi kamvasana vale bure vichar aae to megha Nadi nas nadiyo me se viry ko khich leti he fir vo kisi na kisi madhyam se bahar nikalta he chahe tum Karo yaa na karo
      Ye badi duvidha he krapya margdarshan guruji ❤
      Mere saath to abhi Tak Aisa nhi hua per kya pata

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      @@exprainerprince1617 राधा राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +3

      @@exprainerprince1617 बच्चा बुरे विचार से ,असल में छुटकारा पाना है तो, मेरा बात मान लो बच्चा, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो, और ब्रह्मचर्य का पालन करो ,अगर ब्रह्मचर्य का पालन नही , और गलत चिंतन को नहीं बदले ,तो तुम बुरे विचार से नहीं बच सकते हो, चाहे जो कुछ कर लो , सब कुछ व्यर्थ है, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है, तो तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है, तो तुम एक दिन भी ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, जब जब गलत चिंतन होगा, तब तब कामवासना हावी होगा, और उसी समय बर्बादी चालू इसलिए अगर तुम्हें , बुरे विचार से, बचना है तो, गलत चिंतन को बदलो, और खूब नाम जप करो ,और गंदे आचरण मत करो, फिर तुम आसानी से, बुरे विचार से, बच सकते हो समझे बच्चा राधा-राधा

  • @LilawatiKumari-f4y
    @LilawatiKumari-f4y 3 หลายเดือนก่อน +2

    Guruji main aapke sath rahna chahte hai

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +1

      बच्चा क्यो रहना चाहते हो

  • @HeroHero-fv2jj
    @HeroHero-fv2jj 4 หลายเดือนก่อน +4

    Guruji mai hamesa bhakti marg pe chalna chahta hu

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +3

      बच्चा चाहे गिरस्ती में हो या विरक्त में,अगर तुम्हें भक्ति या भजन करना है तो,ध्यान देकर सुनो,सबसे पहले ,अपने चिंतन को ठीक करो ,और गंदे आचरण मत करो, खूब नाम जाप करो ,और एक शरणागति भक्त बनो,जो भी तुम्हारे आराध्य, देवी ,देवता हैं ,उनके प्रति ,श्रद्धा ,भक्ति, विश्वास, समर्पण ,अटूट रखो, और अपने भक्ति के प्रति भी, विश्वास अटूट रखो ,चाहे जो हो जाए ,दुख की घड़ी में धैर्य न खोना ,अपने आराध्य देव के प्रति ,और सुख के समय में उत्साहित ज्यादा न होना ,सदैव नाम जपते रहना, किसी भी परिस्थिति में, नाम जपना न भूलना ,और अपने धर्म कर्तव्य का ,पालन करते हुए आगे बढ़ना ही ,सच्चा भक्ति,और भजन करना कहलाता है, तो ऐसे भक्ति और भजन कर सकते हो मैंने तुम्हारे प्रश्न का उत्तर हिंदी में दिया है,ताकि तुम अच्छे से समझ सको राधा राधा

  • @HeroHero-fv2jj
    @HeroHero-fv2jj 4 หลายเดือนก่อน +3

    Guruji mai barmcharya palan to karna chahta hu lekin mere upar Ghar ki jimmedari hai

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +3

      बच्चे सबसे पहले ये बात जान लो की, अगर ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो ,अपने वीर्य की रक्षा करो, क्योंकि वीर्य की रक्षा को ही ब्रह्मचर्य का पालन, करना कहा जाता है, बच्चा ब्रह्मचर्य के नियम में ,बातें तो अनेकों हैं ,पर जो इनमें से, कुछ बातों का , पालन कर लेता है, वो भी ब्रह्मचर्य का, ठीक पालन कर लेता है, बच्चे ब्रह्मचर्य पालन का, अब उपाय सुनो,1 ब्रह्मचारी आस्तिक होता है 2 विद्या अध्ययन करता है 3 वीर्य की रक्षा करता है 4 ज्ञान का उपार्जन करता है, और अपने मल मूत्र त्यागने वाले, स्थानों के साथ कोई भी, कुचेष्टा नही करता , यानी हस्तमैथून, संभोग आदि नही करता, शादी के पहले, एक ब्रह्मचारी ,लड़की से फ़्रेण्डशिप ,नही करता, अगर लड़कियों से , फ़्रेण्डशिप करता है , या बोलता होता है तो, एक ब्रह्मचारी लड़कियों को बहन, मानता है, और लड़कियों के लिये, बहन शब्द का ही प्रयोग करता है ,और एक ब्रह्मचारी ,मोबाइल में कभी भी कोई, अश्लील चीजें नही देखता, और न ही कभी कोई , अश्लील साहित्य वो पढ़ता है, और ब्रह्मचारी कभी भी, गलत मित्रों का, संग नही करता, ब्रह्मचर्य में खान पान ,रहन सहन,व्यवहार ,सब कुछ, ब्रह्मचर्य का एक हिस्सा है, न तो ऐसी कोई क्रिया करो, न तो ऐसा कोई संग करो ,और न तो ,ऐसे कोई पदार्थों का, सेवन ही करो ,जिससे वीर्य की हानि हो, जैसे चाय-कॉफी, तम्बाकू आदि, का सेवन, और ब्रह्मचर्य का, पालन करना है तो, अपने मन को नियंत्रण में रखों , और उच्च आदर्शों को अपने सामने रखों ,और अपने आंख-कान से, गंदी बातें सुनने से, गंदी तस्वीरें और, खराब चीजें देखने से बच्चों, और अपने मन को हमेशा ,भगवान के ध्यान में लगाकर रखों ,और जैसा खाओगे मन वैसा ही रहेगा, इसलिए गर्म मसाले, चटनी, गरम खाना ,और मांस, मछली, अंडे, चाय, कॉफी, फास्ट फूड आदि न खाओ, रात का खाना 10 बजे तक खा लो ,और रात्रि के समय शयन करते हैं तो, सावधानी रखें की, शयन के 1घंटा पहले ही ,दूध लेले, अगर दूध गर्म लेकर सोएंगे तो, निश्चित ही स्वप्नदोष वीर्यपात हो जाएगा ,और कपड़ो का असर तो सीधे दिमाग पर पड़ता हैं, इसलिये,साफ और सूती ऊनी वस्त्र पहनो, तो और भी अच्छा है, और सीधे रीढ़ के सहारे कभी न सोएं , हमेशा करवट लेकर सोएं , और 4:00 बजे जागो , जगने पर तत्काल बासी, पानी पिए तांबे के पत्र में रखा हुआ ,पानी पिए और अलग से भी लीटर दो लीटर पिए ,अगर शुद्ध ब्रह्मचर्य रहना है तो, बासी मुँह बिना कुला किये, और तत्काल व्यायाम कीजिए, कभी भी कोई ऐसे ग्रंथ को ना पढ़ें , जिसमें कामोत्तेजक भाव लिखे हो, जैसे उपन्यास आदि, और टहलो वज्रासन पर कुछ समय बैठे ,और खूब नाम का जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो, और पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भांग आदि सभी नशीली चीजों से दूर रहो, अपच और गैस से खुद को बचाएं ,कभी मान लो कब्ज हो रहा है तो, सरल औषधि लेने है, जैसे ,हरे है ,बहेड़ा है त्रिफला ,का प्रयोग करें ,वैसे प्रत्येक साधक को, अपने भोजन में, एक आंवला का, प्रयोग कर लेना चाहिए, तो कब्ज भी दूर रहेगा, और शीतलता भी रहेगी, और आंवला पवित्र भजन मे भी सहयोगी होता है, और सेंट, लैवेंडर और परफ्यूम से दूर रहो, क्योंकि ये सब इंद्रियों को भड़काने वाली हैं ,और इंद्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़ें, और न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखों ,जिससे इंद्रिया चंचल हो ,और रोज सुबह-शाम व्यायाम, आसन और प्राणायाम करें , और बच्चा सबसे खास बात ,आपकी जो स्मृति कामुक हो गई है ,उसको बदलिए बच्चा , अगर ब्रह्मचर्य का ,पालन करना है तो, सबसे पहले अपने , चिंतन को ठीक करो, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो, तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो तुम एक दिन भी, ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, और कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो , या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब जब गलत चिंतन होगा तब तब कामवासना हावी होगा,और उसी समय बर्बादी चालू ,इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, और ब्रह्मचारी को, इन बातों का, जरूर से पालन ,करना पड़ता है, समझे बच्चा, राधा राधा.

  • @Himanshu-qk4jk
    @Himanshu-qk4jk 4 หลายเดือนก่อน +4

    Bhaiya mujhase palan nhi ho pata maine kai bar pran liya lekin nhi ho pata ab mai jina nhi chahahta mai bahut ro raha hai

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      परेशान मत हो बच्चा, जो उपाय बता रहे हैं ,उसे करो समस्या का समाधान हो जाएगा, बच्चे सबसे पहले अपने मन से ,यह भ्रम निकाल दो कि, यह मेरी आदत बन गई है, मैं इसे छोड़ नहीं सकता ,या इससे छुटकारा नहीं पा सकता, बच्चे हम भगवान के बच्चा हैं, हम क्या नहीं कर सकते, हम सब कुछ कर सकते हैं, हां यह हम पर निर्भर करता है कि ,हम सही करते हैं या गलत ,अगर हम सही काम करेंगे तो ,हमारे साथ अच्छा ही होगा, अगर हम गलत काम करेंगे तो ,हमारे साथ बुरा होगा ,और हा समस्या का समाधान ,मरने से नहीं होता, समस्या का समाधान, स्वयं की समस्या को ,सुलझाने से होता है, इसलिए कभी भी मरने के ,बारे में मत सोचना ,क्योंकि मरने के बाद ,समस्या का समाधान नहीं होता ,बल्कि व्यक्ति और अधिक ,समस्याओं में फंस जाता है ,इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना ,और मरने के बारे मे, कभी भी मत सोचना ,जो हो गया उसको सोचकर ,उसकी चिंता मत करो,आगे से ऐसा दोबारा गलती न हो ,इसका ध्यान रखो ,मैंने तुम्हारे प्रश्न का उत्तर हिंदी में दिया है, ताकि तुम अच्छे से समझ सको ,अब उपाय सुनो बच्चे अगर तुम्हें ब्रह्मचारी बनना है ,और ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो ,अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो ,40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर लोगे, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो ,एक दिन भी ब्रह्मचर्य का पालन करी नही सकते, 40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करना असंभव है ,बच्चे अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो, कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब जब गलत चिंतन होगा ,तब तब कामवासना हावी होगा और उसी समय बर्बादी चालू,इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और सुबह 4 बजे उठ जाओ और रात को तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी पिएं जाओ बासी मुँह बिना कुला किये और टहलो और वज्रासन पर कुछ समय बैठे और कुछ व्यायाम करना और खूब राधा नाम का जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम आसानी से गलत आदत से छुटकारा पा सकते हो, राधा राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      अगर तुम्हें ठीक होना है तो सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो और ब्रह्मचर्य का पालन करो अगर ब्रह्मचर्य का पालन नही और गलत चिंतन को नहीं बदले तो तुम ठीक नहीं हो सकते हो चाहे जो कुछ कर लो सब कुछ व्यर्थ है अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो तुम एक दिन भी ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो जब जब गलत चिंतन होगा तब तब कामवासना हावी होगा और उसी समय बर्बादी चालू इसलिए अगर तुम्हें ठीक होना है तो गलत चिंतन को बदलो और खूब नाम जाप करो और गंदे आचरण मत करो फिर तुम आसानी से ठीक हो जाओगे राधा-राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      बच्चे अगर तुम्हें ब्रह्मचारी बनना है ,और ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो ,अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो ,40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर लोगे, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो ,एक दिन भी ब्रह्मचर्य का पालन करी नही सकते, 40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करना असंभव है ,बच्चे अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो, कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब गलत चिंतन हुआ,तब कामवासना हावी,और उसी समय बर्बादी चालू इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, राधे-राधे

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      बच्चे सबसे पहले ये बात जान लो की, अगर ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो ,अपने वीर्य की रक्षा करो, क्योंकि वीर्य की रक्षा को ही ब्रह्मचर्य का पालन, करना कहा जाता है, बच्चा ब्रह्मचर्य के नियम में ,बातें तो अनेकों हैं ,पर जो इनमें से, कुछ बातों का , पालन कर लेता है, वो भी ब्रह्मचर्य का, ठीक पालन कर लेता है, बच्चे ब्रह्मचर्य पालन का, अब उपाय सुनो,1 ब्रह्मचारी आस्तिक होता है 2 विद्या अध्ययन करता है 3 वीर्य की रक्षा करता है 4 ज्ञान का उपार्जन करता है, और अपने मल मूत्र त्यागने वाले, स्थानों के साथ कोई भी, कुचेष्टा नही करता , यानी हस्तमैथून, संभोग आदि नही करता, शादी के पहले, एक ब्रह्मचारी ,लड़की से फ़्रेण्डशिप ,नही करता, अगर लड़कियों से , फ़्रेण्डशिप करता है , या बोलता होता है तो, एक ब्रह्मचारी लड़कियों को बहन, मानता है, और लड़कियों के लिये, बहन शब्द का ही प्रयोग करता है ,और एक ब्रह्मचारी ,मोबाइल में कभी भी कोई, अश्लील चीजें नही देखता, और न ही कभी कोई , अश्लील साहित्य वो पढ़ता है, और ब्रह्मचारी कभी भी, गलत मित्रों का, संग नही करता, ब्रह्मचर्य में खान पान ,रहन सहन,व्यवहार ,सब कुछ, ब्रह्मचर्य का एक हिस्सा है, न तो ऐसी कोई क्रिया करो, न तो ऐसा कोई संग करो ,और न तो ,ऐसे कोई पदार्थों का, सेवन ही करो ,जिससे वीर्य की हानि हो, जैसे चाय-कॉफी, तम्बाकू आदि, का सेवन, और ब्रह्मचर्य का, पालन करना है तो, अपने मन को नियंत्रण में रखों , और उच्च आदर्शों को अपने सामने रखों ,और अपने आंख-कान से, गंदी बातें सुनने से, गंदी तस्वीरें और, खराब चीजें देखने से बच्चों, और अपने मन को हमेशा ,भगवान के ध्यान में लगाकर रखों ,और जैसा खाओगे मन वैसा ही रहेगा, इसलिए गर्म मसाले, चटनी, गरम खाना ,और मांस, मछली, अंडे, चाय, कॉफी, फास्ट फूड आदि न खाओ, रात का खाना 10 बजे तक खा लो ,और रात्रि के समय शयन करते हैं तो, सावधानी रखें की, शयन के 1घंटा पहले ही ,दूध लेले, अगर दूध गर्म लेकर सोएंगे तो, निश्चित ही स्वप्नदोष वीर्यपात हो जाएगा ,और कपड़ो का असर तो सीधे दिमाग पर पड़ता हैं, इसलिये,साफ और सूती ऊनी वस्त्र पहनो, तो और भी अच्छा है, और सीधे रीढ़ के सहारे कभी न सोएं , हमेशा करवट लेकर सोएं , और 4:00 बजे जागो , जगने पर तत्काल बासी, पानी पिए तांबे के पत्र में रखा हुआ ,पानी पिए और अलग से भी लीटर दो लीटर पिए ,अगर शुद्ध ब्रह्मचर्य रहना है तो, बासी मुँह बिना कुला किये, और तत्काल व्यायाम कीजिए, कभी भी कोई ऐसे ग्रंथ को ना पढ़ें , जिसमें कामोत्तेजक भाव लिखे हो, जैसे उपन्यास आदि, और टहलो वज्रासन पर कुछ समय बैठे ,और खूब नाम का जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो, और पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भांग आदि सभी नशीली चीजों से दूर रहो, अपच और गैस से खुद को बचाएं ,कभी मान लो कब्ज हो रहा है तो, सरल औषधि लेने है, जैसे ,हरे है ,बहेड़ा है त्रिफला ,का प्रयोग करें ,वैसे प्रत्येक साधक को, अपने भोजन में, एक आंवला का, प्रयोग कर लेना चाहिए, तो कब्ज भी दूर रहेगा, और शीतलता भी रहेगी, और आंवला पवित्र भजन मे भी सहयोगी होता है, और सेंट, लैवेंडर और परफ्यूम से दूर रहो, क्योंकि ये सब इंद्रियों को भड़काने वाली हैं ,और इंद्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़ें, और न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखों ,जिससे इंद्रिया चंचल हो ,और रोज सुबह-शाम व्यायाम, आसन और प्राणायाम करें , और बच्चा सबसे खास बात ,आपकी जो स्मृति कामुक हो गई है ,उसको बदलिए बच्चा , अगर ब्रह्मचर्य का ,पालन करना है तो, सबसे पहले अपने , चिंतन को ठीक करो, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो, तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो तुम एक दिन भी, ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, और कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो , या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब जब गलत चिंतन होगा तब तब कामवासना हावी होगा,और उसी समय बर्बादी चालू ,इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर सकते हो, और ब्रह्मचारी को, इन बातों का, जरूर से पालन ,करना पड़ता है, समझे बच्चा, राधा राधा.

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +2

      आपकी जो स्मृति कामुक हो गई है उसको बदलिए बच्चा जब तक गलत चिंतन को नहीं बदलोगे तब तक तुम अपने समस्याओं से मुक्ति नही पा सकते हो और ना तो तुम ठीक हो सकते हो चाहे जो कुछ कर लो सब कुछ व्यर्थ है समझे बच्चा राधा राधा

  • @sharmashivam8013
    @sharmashivam8013 4 หลายเดือนก่อน +8

    Guruji har 10 din ke bad nightfall ho jta hai aj dophr ko ho gya😢😢

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +5

      बच्चा, नाइटफॉल से बचना है तो ,सबसे पहले आपकी जो
      स्मृति कामुक हो गई है ,उसको बदलिए बच्चा ,जब तक गलत चिंतन को नहीं बदलोगे, तब तक तुम नाइटफॉल से मुक्ति नही पा सकते हो ,और ना तो तुम ठीक हो सकते हो ,चाहे जो कुछ कर लो सब, कुछ व्यर्थ है समझे बच्चा ,नाइटफॉल से मुक्ति चाहिए तो, तामसिक भोजन का , सेवन मत करो, सात्विक भोजन का, सेवन करो , 4:00 बजे जागो जगने पर , तत्काल आप बासी पानी
      पिए, तांबे के पत्र में रखा हुआ, और अलग से भी ,लीटर दो लीटर पिए , और 8,9, नीम की पत्ती खाओ खाली पेट,और नाइटफॉल से निपटा चाहते है तो, तत्काल व्यायाम कीजिए, कभी भी कोई ऐसे ,ग्रंथ को ना पढ़ें, जिसमें कामोत्तेजक भाव ,लिखे हो, जैसे उपन्यास आदि, कुछ आहार पर, दृष्टि रखें, जैसे, हम रात्रि के समय, शयन करते हैं तो, सावधानी रखें की, शयन के,1 घंटा पहले ही, दूध पी ले, अगर गर्म दूध ,पीकर सोएंगे तो, निश्चित ही नाइटफॉल हो जाएगा
      प्रत्येक साधक को ,भोजन में एक आंवला का प्रयोग, कर लेना चाहिए ,तो कब्ज भी दूर रहेगी ,और शीतलता भी रहेगी ,और आंवला पवित्र भजन मे भी ,सहयोगी होता है, बच्चा, औषधि एक सपोर्ट है, समय लगेगा ठीक हो जायेगा, राधा राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +4

      बच्चा, नाइटफॉल को ,ब्रह्मचर्य से , रोका जा सकता है, अगर ब्रह्मचर्य नही तो, नाइटफॉल होता ही रहेगा, इसलिए अगर तुम्हें, नाइटफॉल से, बचाना है तो, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो, और ब्रह्मचर्य का पालन करो ,अगर ब्रह्मचर्य का पालन नही ,और गलत चिंतन को ,नहीं बदले तो तुम ,नाइटफॉल को नहीं , रोक सकते हो, चाहे जो कुछ कर लो ,सब कुछ व्यर्थ है, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है, तो तुम ब्रह्मचर्य का पालन, आसानी से कर सकते हो, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है, तो तुम एक दिन भी, ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, जब जब गलत चिंतन होगा, तब तब कामवासना हावी होगा ,और उसी समय बर्बादी चालू ,इसलिए अगर तुम्हें ,नाइटफॉल से मुक्ति, पाना है,और ठीक रहना है तो, गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो, फिर तुम आसानी से ,नाइटफॉल से मुक्ति पा सकते हो, समझे बच्चा, राधा-राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +3

      परेशान मत हो बच्चा, जो उपाय बता रहे हैं ,उसे करो समस्या का समाधान हो जाएगा, बच्चे सबसे पहले अपने मन से ,यह भ्रम निकाल दो कि, यह मेरी आदत बन गई है, मैं इसे छोड़ नहीं सकता ,या इससे छुटकारा नहीं पा सकता, बच्चे हम भगवान के बच्चा हैं, हम क्या नहीं कर सकते, हम सब कुछ कर सकते हैं, हां यह हम पर निर्भर करता है कि ,हम सही करते हैं या गलत ,अगर हम सही काम करेंगे तो ,हमारे साथ अच्छा ही होगा, अगर हम गलत काम करेंगे तो ,हमारे साथ बुरा होगा ,और हा समस्या का समाधान ,मरने से नहीं होता, समस्या का समाधान, स्वयं की समस्या को ,सुलझाने से होता है, इसलिए कभी भी मरने के ,बारे में मत सोचना ,क्योंकि मरने के बाद ,समस्या का समाधान नहीं होता ,बल्कि व्यक्ति और अधिक ,समस्याओं में फंस जाता है ,इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना ,और मरने के बारे मे, कभी भी मत सोचना ,जो हो गया उसको सोचकर ,उसकी चिंता मत करो,आगे से ऐसा दोबारा गलती न हो ,इसका ध्यान रखो ,मैंने तुम्हारे प्रश्न का उत्तर हिंदी में दिया है, ताकि तुम अच्छे से समझ सको ,अब उपाय सुनो बच्चे अगर तुम्हें ब्रह्मचारी बनना है ,और ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो ,अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है तो ,40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन आसानी से कर लोगे, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो ,एक दिन भी ब्रह्मचर्य का पालन करी नही सकते, 40 दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करना असंभव है ,बच्चे अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो, कभी भी किसी भी, शक्ति हो या ऊर्जा को ,तुम ऊपर नही उठा सकते ,चाहे जितना मूलबंध आसन करलो या मूलबंध की विधि ,चाहे जितने भी ब्रह्मचर्य का पुस्तक पढ़ लो,सब कुछ व्यर्थ है ,अगर तुम्हारा चिंतन गलत है तो , ऐसी कोई शक्ति ऊर्जा पूरे ब्रह्माण्ड में नहीं है ,जो तुम्हें कामवासना पर हमेशा के लिए विजय दिला सके ,की कामवासना कभी नही आएगी ,ऐसा सोचना नादानी है,जब जब गलत चिंतन होगा ,तब तब कामवासना हावी होगा और उसी समय बर्बादी चालू,इसलिए गलत चिंतन को बदलो ,और सुबह 4 बजे उठ जाओ और रात को तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी पिएं जाओ बासी मुँह बिना कुला किये और टहलो और वज्रासन पर कुछ समय बैठे और कुछ व्यायाम करना और खूब राधा नाम का जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो , फिर तुम आसानी से गलत आदत से छुटकारा पा सकते हो, राधा राधा

    • @sharmashivam8013
      @sharmashivam8013 4 หลายเดือนก่อน +3

      @@BrahmacharyaMagic dnaywad guru ji 1000 saal jiyo

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +4

      @@sharmashivam8013 Radha Radha

  • @HeroHero-fv2jj
    @HeroHero-fv2jj 4 หลายเดือนก่อน +2

    Guruji swapandos thik kyu nahi hota

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      बच्चा, स्वप्नदोष को ,ब्रह्मचर्य से , रोका जा सकता है,अगर ब्रह्मचर्य नही तो, स्वप्नदोष होता ही रहेगा, इसलिए अगर तुम्हें, स्वप्नदोष से, बचाना है तो, सबसे पहले अपने चिंतन को ठीक करो, और ब्रह्मचर्य का पालन करो ,अगर ब्रह्मचर्य का पालन नही ,और गलत चिंतन को ,नहीं बदले तो तुम ,स्वप्नदोष को नहीं , रोक सकते हो, चाहे जो कुछ कर लो ,सब कुछ व्यर्थ है, अगर तुम्हारा चिंतन ठीक है, तो तुम ब्रह्मचर्य का पालन, आसानी से कर सकते हो, अगर तुम्हारा चिंतन गलत है, तो तुम एक दिन भी, ब्रह्मचर्य का पालन नही कर सकते हो, जब जब गलत चिंतन होगा, तब तब कामवासना हावी होगा ,और उसी समय बर्बादी चालू ,इसलिए अगर तुम्हें ,स्वप्नदोष से मुक्ति, पाना है,और ठीक रखना है तो, गलत चिंतन को बदलो ,और खूब नाम जाप करो ,और गंदे आचरण मत करो, फिर तुम आसानी से ,स्वप्नदोष से मुक्ति पा सकते हो, समझे बच्चा, राधा-राधा

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      बच्चा , सबसे पहले आपकी जो
      स्मृति कामुक हो गई है ,उसको बदलिए बच्चा ,जब तक गलत चिंतन को नहीं बदलोगे, तब तक तुम स्वप्नदोष से मुक्ति नही पा सकते हो ,और ना तो तुम ठीक हो सकते हो ,चाहे जो कुछ कर लो सब, कुछ व्यर्थ है समझे बच्चा ,स्वप्नदोष से मुक्ति चाहिए तो, तामसिक भोजन का , सेवन मत करो, सात्विक भोजन का, सेवन करो , 4:00 बजे जागो जगने पर , तत्काल आप बासी पानी
      पिए, तांबे के पत्र में रखा हुआ, और अलग से भी ,लीटर दो लीटर पिए , और 8,9, नीम की पत्ती खाओ खाली पेट ,और शुद्ध ब्रह्मचर्य, रहना चाहते है, और स्वप्नदोष से निपटा चाहते है तो, तत्काल व्यायाम कीजिए, कभी भी कोई ऐसे ,ग्रंथ को ना पढ़ें, जिसमें कामोत्तेजक भाव ,लिखे हो, जैसे उपन्यास आदि, कुछ आहार पर, दृष्टि रखें, जैसे, हम रात्रि के समय, शयन करते हैं तो, सावधानी रखें की, शयन के,1 घंटा पहले ही, दूध पी ले, अगर गर्म दूध ,पीकर सोएंगे तो, निश्चित ही स्वप्नदोष, वीर्यपात हो जाएगा
      प्रत्येक साधक को ,भोजन में एक आंवला का प्रयोग, कर लेना चाहिए ,तो कब्ज भी दूर रहेगी ,और शीतलता भी रहेगी ,और आंवला पवित्र भजन मे भी ,सहयोगी होता है, बच्चा, औषधि एक सपोर्ट है, समय लगेगा ठीक हो जायेगा, राधा राधा

  • @SachinSN45
    @SachinSN45 3 หลายเดือนก่อน +3

    Radhe Radhe

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +1

      @@SachinSN45 राधा राधा

  • @banarasiyadav2099
    @banarasiyadav2099 4 หลายเดือนก่อน +4

    Maharaj Ji ko Charan spasht Ho he mere Bhagwan

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  4 หลายเดือนก่อน +1

      राधा राधा

    • @RheaSahu111
      @RheaSahu111 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@BrahmacharyaMagic shree radha✨

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  2 หลายเดือนก่อน +1

      @@RheaSahu111 राधा राधा

  • @SujanYadav-n6m
    @SujanYadav-n6m 3 หลายเดือนก่อน +1

    Radhe radhe

    • @BrahmacharyaMagic
      @BrahmacharyaMagic  3 หลายเดือนก่อน +1

      @@SujanYadav-n6m राधा राधा