बाबासाहेब अकेले होते हुए भी सवर्णों से मुकाबला करते थे और आज हम इतने होने के बावजूद भी इनका मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं इसका कारण यही है कि समस्त नेता एकजुट नहीं हो पाते और समाज के हितेषी नहीं बन पा रहे हैं
Vilas Bankar ji 'Babasahib' sawarano ki nafarat ka mukabala karte the , nafarat ka jawab nafarat sei nahi , balke nafarat ko ignore karte the , orr apne shikasha par koi samjhota nahi karte thei , orr na hi kotahi karte thei , unhone uss samajik viowastha ko paragtishil banane ka bhi marg dikhaya , unki soch samaj ki burayon ko samapat karne ko parerat karti thi , na ke nafarat ka jawab nafarat se dene ka hota tha , unhone toh dicrimination ke khilaf jab nehru ji ne sawidhan main 370 ke tehat khasmir ko special status dene ke liye dabav banaya toh apney pad se resign kar diya tha , woh har parkar ke anaye ( injustice ) ke khilaf the , veh desh ke anmol ratan thei .
@@brijeshverma1963 ji partibha kei bal par hi agge badha ja sakta hai , arakshan "aik sahara" matar toh ho sakta , abb 70 saal sei chal raha hai , agge bhi chalta rahega , par inh vargo ko appney partibha bhi badhani hogi , tabhi samaj agge badh payega , orr desh agge badh payega .
बहुत बहुत धन्यवाद आपलोगों को । इस समाज को अपने अधिकार से किस प्रकार वंचित किया जाय मिडिया को चिंतन करना है । आप जैसे लोग ही इस सोये हुए वंचित समाज को हक़ दिला सकते हैं ।
Loktantra ka arth hota hai aarakshan jab Tak samaj ke hadtal ke uske sankhya ke anupat mein hissedari nahin hai hi aarakshan nahin hai tab tak vah loktantra nahin hai
Mahesh Kurechia - jin wargo ka ( manu ) virodh kar raheiy ho unko nichha dikhana chahte ho , pahle itna sakham ( efficient ) toh bano , desh ko kaam bhi chahiye hota hai , jiss sai desh chalta hai , desh ko utpadan ( production ) bhi chahiye , desh ko production aap deiye doo desh aapko ankho par betha lega .
Ek dam sahi bole bhai Mai v yehi bat savi logo se apil karta hu Aa jao St Sc OBC minorities ek sath Nhi to yeh Swarn hindu Muslim kar ke hamara nuksan karte rahege
Aab wakat aa gya hi O.B.C, S.C, S.T bhaio ko ek hone ka nhi to wo din dur nhi jab hamlog phir se brahaman ka gulami karte payenge.....waise azadi 73 saal baad bhi ham backward samaj ke aadmi brahamanwad ke latoo take kuchle jaa rahe hi indirectly ........jai bhim , jai mandal
Pls it's my urnest request St SC OBC minorities come together Otherwise Yeh brahmanwad ham savi logo Ko khatam kar dega Swarno ke pas reservation na ho kar v Yeh 90 percent job capture kiye Yeh sab Khel hain
यदि आरक्षण सही ढंग से लागू किया जाता तो आज सभी ऊंचे पदों पर ब्रह्मणवादी लोगों के स्थान पर एस सी, एस टी, ओबीसी बैठे होते। रिजर्व सीट पर भी सामान्य लोगों की भर्ती कर ली जाती है जैसे उप्र सरकार कर रही है।
@@रामखेलावन-ध1छ Mai v yehi bat bolta hu bhai 49.5 percentage reservation hain St Sc OBC ka phir v yeh Swarn 85 percentage job par capture kar baithe hai
@@rahulkumaryadav9381 जी हां, क्योंकि सरकार और सरकारी तंत्र मनुवादियों के लिए ही काम करता है, अन्यथा आरक्षण सही ढंग से लागू होता तो 49.5 % आरक्षण दिखता।
You are doing a great work sir SC/ST ke logo ko aware krna aur Unite krna bhaut jruri hai hope SC/ST/OBC sab sath aake is faisle ka virodh kre aur Hum 85% hai apni takat dikhae constitution ki maryada mai reh kar!
Rajendra Dhavalikar By division on the basis of caste automatically reducing competition. People are inot fool now understand all these strategies.Brahminical progress means jobs by recommendations in all industries like media ,temples,judiciary and all higher ranks and availing all types of freebies from foreign countries.
श्रीमान जी आईएएस आईपीएस आईआरएस आईएस के तर्ज पर आईजेएस की परीक्षा होना चाहिए इसी परीक्षा के माध्यम से जजों की परीक्षा होना चाहिए और उसमें sc.st.obc को उनकी पॉपुलेशन के आधार पर रिप्रेजेंटेशन दिया जाना चाहिए आरक्षण दिया जाना चाहिए उसी से न्याय एससी, एसटी,ओबीसी को मिलपाएगा...jai bheem 🙏🙏
Loktantra ka arth Kya hota hai Arjun jab Tak desh ke sansadhan mein samaj ki had Tak ke ki hissedari nahin hai aarakshan nahin hai to vah loktantra nahin hi
Very good speech Jago desh ke nagrik Jago aur jagao desh ka Samdhan bachao Jay bheem Jay Bharat Jay samdhan No NRC CAA NPR EVM Jago desh ke nagrik Jago Ham sab ek hai ek rahege Jago aur jagao St.sc.obc.Arakshan hamara janm shiddh Adhikar hai
घटनाओसे तो एक बात तय है..की..मौजुदा केंद्र सरकार और न्यायपालिका देश के बहसंख्य लोगोको न्यायीक आर्थिक और सामाजिक तौरपर ज्यादा से ज्यादा नुकसान कैसे पहुचे.. यही फिराक मे है.... ए सब कैसे रोकाजाय.. ईसबातपर ही गौर करके लढना पडेगा.. सरजी.
आप लोग तथ्यों के साथ संविधान के मौलिकता को बारीकी से समक्षाएं है।हम समझ गए हैं भाजपा आरएसएस और न्यायपालिका तीनों मिलकर कर शाजिस के तहत SC ,St ,OBC के आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में बेरहमी से बहुत आगे बढ़ गये है।। देश में करो या मरो जैसी आंदोलन की अनिवार्यता बढ़ गई है। मैं समक्षता हु की इसकी शुरुआत तो हो चुकी है यह मन में उठ रहा पिडा कभी भी विराट रूप धारण कर सकता है।
......... """सुप्रीम कोर्ट का खेल कहाँ तक""" ......... जनता को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कुछ पहलु इस प्रकार हैं जिन्हें प्रबुद्ध लोगों को ध्यान देने की जरूरत है, ये इस प्रकार हैं :--- १-सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला संसद की चांडाल चौकड़ी से बात किए बिना नहीं होता, जो लोग इस भरम में हैं कि न्यायपालिका स्वतंत्र है, तो ये स्वतंत्र नहीं है इसके दो कारण हैं, एक तो सुप्रीम कोर्ट में ब्राह्मणवाद जो अब माफ़ियातंत्र का पैरोकार बन चूका है: और दूसरा कारण इन न्यायधीशों का चरित्र जिसमें निष्पक्षता का आभाव जन्मजात है। २-न्यायपालिका, संसद, और संविधान में संविधान सर्वोपरि है क्योंकि संविधान वो मूल सरंचना है जो ये मार्ग निर्देशित करती है कि संसद और संसद की सहभागी संस्थाएं कैसे कार्य करेंगी। इसके लिए संविधान ने हर मौलिक अधिकार और राज्य के निर्देशित सिद्धांतों को क्रमबद्ध किया हुआ है। इसलिए देश का केंद्रीय क्षेत्र और उसका राज्यों के साथ संघीय ढांचा की सीमाएं भी निर्धारित और निर्देशित हैं। न्यायपालिका का कार्यक्षेत्र सिर्फ इसकी सही व्याख्या करनी है। ३-यदि देश की केंद्रीय सरकार ई वी एम की धांधली से आने के कारण अपनी संवैधानिकता खो देती है और उसका कोई भी निर्णय संविधान की किसी भी संस्था के ऊपर मान्य नहीं रहता। इसके साथ दूसरी स्तिथि ये जुडी है कि जो संस्थाएं कार्यरत हैं इनका कार्य उसमे बैठ वही वर्चस्वादी अधिकारी होते हैं जो अपने लाभ हानि के मद्देनज़र सारे कार्यों को अंजाम देते हैं। ४-सभी सरकार के कारिंदे भी संविधान की शपथ लेते हैं, लेकिन यदि उनका चरित्र संविधान के तहत नहीं तो उनकी शपथ और उनके सभी निर्णय भी उनके चरित्र से प्रभावित होते हैं ना कि संविधान की शपथ से, ऐसी स्तिथि में जिन संस्थाओं को चेक्स एंड बैलेंस के तहत प्रबंधन किया जाता है, और ये स्तिथि भी उपरोक्त कारणों से शिथिल हो चुकी है। ५-सुप्रीम कोर्ट और सत्ता का यही तो खेल है, पहले ऐसा फैसला लाया जाए(आरक्षण का फैसला), फिर ये नाज़ायज़ सरकार उस फैसले को गलत करार दे के अपनी सरकार की वैधता को स्थापित करे, जबकि सच ये है कि सरकार भी अवैध और उसके तहत सभी कार्यरत संस्थाएं भी असंवैधानिक, रास्ता एक ही है, कि सरकार को भंग किया जाए और नए सिरे से बैलट पेपर पर चुनाव करवाके आई हुई सरकार फैसले ले......... ऐसी स्तिथि में देश में जनजागरण, आंदोलन का ही एक रास्ता है जिससे देश का जनमानस इस माफिया तंत्र को हटाकर देश में फिर से लोकतंत्र की स्थापना करे, इसी एक स्तिथि में देश बच सकता है और ये इस बात से तय होगा कि आमजन ने इसमें कितनी सहभागिता की ...............
रिसर्वेशन ये कोई खिरापत नाही है बल्की सेपरेट मतदार संघ के बदले मे महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और भारत के अन्य नेतागण इनमे देश का बटवा रा ना हो यह कारण ध्यान मे लेकरं इक्विटी के लिये बना या गया यह कानून है इसे किसीं भी तरहसे रद्द करने की कोईभी कोसिस ना करे वर ना ?
उर्मिलेश सर आपलोग अपने अनुभव से कम एक ऐसा मंच खरा करे जहाँ पूरी देश को खुली चुनौती दे कि जिस मजहब में दम है वो अपने को विज्ञान की कसौटी पर सच साबित करे क्योंकि सत्य तो एक ही होता है जो सामने आने पर पूरी दुनिया मानने को मजबूर हो जाती है । केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कट्टरवाद की चपेट में आ चुकी है । आपलोग की एक ईमानदार पहल केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का भला कर सकती है । बाभन के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सबको एक खुले मंच पर बुलाना ही होगा ।दुसरा कोई विकल्प नहीं है ।
We always liked your discussion sir and after the whole episode I came to the conclusion that we all are Indian and whenever injustice is to any community we must show resistance like kannan Sir did for Kashmir
सबसे उत्तम यह है कि सरकारी सेवा के लिए योग्यता को सर्वोपरी रखते हुए हर तरह के आरक्षण को विकलांग को छोड़कर समाप्त कर देना चाहिए, आरक्षण प्राप्त लोगो का ही सबसे ज़्यादा नुकसान आरक्षण से हुआ है, जो समाज मे एक बार आरक्षण प्राप्त कर लेता है, वही सक्षम है आरक्षण का फायदा लेने मैं
I'm Sikh General and i support totally reservation for SC/ST i.e Dalit and Adivasi irrespective of income as the discrimination with them is still rampant and has become more systematic in day-to-day life. However, OBC reservation should be removed. completely as it has many dominant castes and it's list. Varies much to states.
Entire,SC,ST, OBC and Minorities cummunities should be united and be fight against injustice, Castism of Manuwadi, therefore, come on road and do agitation for saving democracy and constitution.
Tab to kuch karna nai padega.....bus population badhate rho apni cast ka.....utna reservation mil jaayega..... Reservation jisko milna chshiye.....bus usko milna chahiye..tabhi arskhsan ka koi phayeda hai....kyuki hum ladte rshenge aur phayeda hmare dusman ko milega...... promotion me aarakshna to aaj k samay me gundai hai.....Jaise bhukhe ko khana do.....sir baad me wo bole ki pura khana mai khaunga....baki log jaaye bhaad me......
@@vipinpandey9856 arakshan nahi chahiye. Bas DALITO ko HINDU DHARM se alag sampraday ghosit karo. Jaise lingayat ko hindu dharm se alag sampraday ghosit kiya.
@@SanjeevKumar-px9rj hindu dharm me dalit koi nai hai.....dalit mansikta k log bhare pade hai....yha brahm ki puja hoti hai....jo sabke ander hai....the sakti wich runs blood in your veins.....which make electrons move around the nucleus in atoms........to kripya hindu baniye.....dalit nai
आप ने बहुत अच्छी तरह से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। धन्यवाद।
सराहनीय कार्य किया जा रहा है अशोक दास और अन्य सभी पत्रकारों के द्वारा खाश कर वरिष्ठ पत्रकार ऊर्मिलेश जी का है।
Pehle Kashmiris
phir Muslims
ab Dalits
kal Tribals
parso OBC
uske bad Christians
baad me Sikhs
No to sabka aayega..!!
बाबासाहेब अकेले होते हुए भी सवर्णों से मुकाबला करते थे और आज हम इतने होने के बावजूद भी इनका मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं इसका कारण यही है कि समस्त नेता एकजुट नहीं हो पाते और समाज के हितेषी नहीं बन पा रहे हैं
Vilas Bankar ji 'Babasahib' sawarano ki nafarat ka mukabala karte the , nafarat ka jawab nafarat sei nahi , balke nafarat ko ignore karte the , orr apne shikasha par koi samjhota nahi karte thei , orr na hi kotahi karte thei , unhone uss samajik viowastha ko paragtishil banane ka bhi marg dikhaya , unki soch samaj ki burayon ko samapat karne ko parerat karti thi , na ke nafarat ka jawab nafarat se dene ka hota tha , unhone toh dicrimination ke khilaf jab nehru ji ne sawidhan main 370 ke tehat khasmir ko special status dene ke liye dabav banaya toh apney pad se resign kar diya tha , woh har parkar ke anaye ( injustice ) ke khilaf the , veh desh ke anmol ratan thei .
बाबा साहब ने अपने प्रतिभा के बल पर अपना स्थान बनाया था आरक्षण के बल पर नहीं
@@brijeshverma1963 ji partibha kei bal par hi agge badha ja sakta hai , arakshan "aik sahara" matar toh ho sakta , abb 70 saal sei chal raha hai , agge bhi chalta rahega , par inh vargo ko appney partibha bhi badhani hogi , tabhi samaj agge badh payega , orr desh agge badh payega .
बहुत बहुत धन्यवाद आपलोगों को । इस समाज को अपने अधिकार से किस प्रकार वंचित किया जाय मिडिया को चिंतन करना है । आप जैसे लोग ही इस सोये हुए वंचित समाज को हक़ दिला सकते हैं ।
एक कदम मनु स्मृती की ओर, आनेवाले समय मे वंचित समाज शिक्षित नही होगा, नोकरी नही मिलेंगी, गुलाम बनाया जयेंगा.
आदिवासी धर्म पूर्व संस्कृती आणि साहित्य दर्शन manu ki maa ka bhosada
जागो ओबीसी भाइयों ।एकता दिखाओ।जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी।जय ओबीसी जय मंडल।
Loktantra ka arth kya hota hai aarakshan jab tak samaj ke had Tak ke uske sankhya ke anupat mein bhagidari nahin hai tab tak loktantra nahin hai
Loktantra ka arth hota hai aarakshan jab Tak samaj ke hadtal ke uske sankhya ke anupat mein hissedari nahin hai hi aarakshan nahin hai tab tak vah loktantra nahin hai
Kisko jaga rahe ho bhai...
@Rajendra Dhavalikar say no to brahmin reservation .
@Rajendra Dhavalikar go file petition to remove illegal EWS . .
चपरासी के लिए पेपर देना होता है पर सुप्रीम कोर्ट का जज बनना है तो कोई पेपर नहीं सीधा जज जज को चुनता है
Yes
दुर्भाग्य है इस देश में कोर्ट, सत्ता, मीडिया में सब मनुवादी हैं
Bhut hi mhtvapurn subject par Aapne logoko jaankari di h Jai Bheem sir
Very good debate, very impartial
discussion
इस टी कितने जज हैं , और उच्च जाति के लोग कितने हैं ।
उर्मिलेश जी आपको धन्यवाद, मुद्दा उठाने के लिये ।
जो विदेशी है देश द्रोहि है
सही मुदे पर चर्चा करके दर्शको तक पहुचाए धन्यावाद जय जोहार
Urmilesh ji Ravish ji parsun Bajpei ji avisar ji AAP sabhi KO Bahute Bahut dhany Bad
You brought in very esteemed panel. Thank you sir
E.V.M हटाव देश बचाओ
न्यायालय मनु न्यायालय बन गया है, अब सड़क पर ही फैसला होगा
Sir, you are the main streame media only. Keep it up.
Media bol is one of the main stream media.
You are 100% correct chauhan sahab.
उत्कृष्ट चर्चा । जय भीम। जय भारत।
ओबीसी वर्ग जो सोया हुआ है उसे भी जगाने की जरूरत है नहीं तो इस देश में मनुस्मृति फिर से लागू होने वाली है
Correct
Jarur bhai
Sahi bt h bhai log sc st obc ko ek ho jana chahiye gir dekte h cm bi apna hoga or pm bi apna hoga
Mahesh Kurechia - jin wargo ka ( manu ) virodh kar raheiy ho unko nichha dikhana chahte ho , pahle itna sakham ( efficient ) toh bano , desh ko kaam bhi chahiye hota hai , jiss sai desh chalta hai , desh ko utpadan ( production ) bhi chahiye , desh ko production aap deiye doo desh aapko ankho par betha lega .
Ashok sir very fabulous think and speech...
Great work u are making Us politically active and our fundamental rights
मौजूद न्याय पालिका सवर्णोकी है जो लगातार अवर्णों के विरोध में फैसला देती है ।
Very nice channel urmileshji mademji sabhi dalit subhchintek.
आ जाओ भाई एसटी एससी ओबीसी और माइनॉरिटी के लोगों को एक साथ आ जाओ। नहीं तो सब खत्म हो जाओगे।
Ek dam sahi bole bhai
Mai v yehi bat savi logo se apil karta hu
Aa jao St Sc OBC minorities ek sath
Nhi to yeh Swarn hindu Muslim kar ke hamara nuksan karte rahege
Aab wakat aa gya hi O.B.C, S.C, S.T bhaio ko ek hone ka nhi to wo din dur nhi jab hamlog phir se brahaman ka gulami karte payenge.....waise azadi 73 saal baad bhi ham backward samaj ke aadmi brahamanwad ke latoo take kuchle jaa rahe hi indirectly ........jai bhim , jai mandal
Sabse pehle cricket team aur army me reservation lao
सब sc, st, obc और सब मायनोरोटी एक जूट हो जाये , और caa, nrc, npr , आरक्षण इन रिजर्वेशन, के लिये एकसाथ लढे.
Sabse pehle cricket team aur army me reservation lao
Alag desh bana lo
बेहतरीन एपिसोड
Pls it's my urnest request
St SC OBC minorities come together
Otherwise
Yeh brahmanwad ham savi logo Ko khatam kar dega
Swarno ke pas reservation na ho kar v
Yeh 90 percent job capture kiye
Yeh sab Khel hain
Bihar daroga exam me OBC SE bhi kam cuttoff hi EWS ka phir bhi ye OBC wala ram mandir ,hindustan, Pakistan me laga hua hi
@@Ramanshuraj.
Chutiya pa kar rahe hain OBC wale
Inko Swarn bewakuf Bana rahe hain hindu Muslim ke nam par
यदि आरक्षण सही ढंग से लागू किया जाता तो आज सभी ऊंचे पदों पर ब्रह्मणवादी लोगों के स्थान पर एस सी, एस टी, ओबीसी बैठे होते। रिजर्व सीट पर भी सामान्य लोगों की भर्ती कर ली जाती है जैसे उप्र सरकार कर रही है।
@@रामखेलावन-ध1छ
Mai v yehi bat bolta hu bhai
49.5 percentage reservation hain St Sc OBC ka phir v yeh Swarn 85 percentage job par capture kar baithe hai
@@rahulkumaryadav9381 जी हां, क्योंकि सरकार और सरकारी तंत्र मनुवादियों के लिए ही काम करता है, अन्यथा आरक्षण सही ढंग से लागू होता तो 49.5 % आरक्षण दिखता।
Jai bhim
Good sir all
देश की न्यायपालिका में बैठे जजों की मानसिकता पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है।
एडवोकेट सर सही कह रहे हैं की न्यायपालिका मैं एडेक्वेट रिप्रेजेंटेशन नहीं होगा तब तक हर वर्ग के लोगों को सही न्याय नहीं मिल सकेगा... जय भीम 🙏🙏
Sc st को प्रमोशन में आरक्षण बहाल किया जाय साथ साथ OBC को भी प्रमोशन में आरक्षण मिले
Muslims ke bad ab dalto ke khilaf faisla age age dekho kiya hoga manusmriti lagu hogi or savidhan ki dhajjiya udegi
सर आप लोगो बहुत अच्छा समझाया
Aap sabhi ko bhut bhut dhanybad sir
Good wire
बहुत सुंदर तरीके से समझाया है
Very nice discussion.
Ashok sir beluk Satya bola 10000000....%! True he
Well comes Sir,media bol
Sc OBC alag rashtra bhimdesh lekar rahenge
Thanks urmilesh sir
सोये लोगो को जगाना पड़ेगा । सब को अपनी अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी ।
Urmilesh ji.. Aapko Jai bhim
Thanks for ur honest journalism
namaskar
Bilkul sateek aur aabkhei' n kholnne wali charcha rahi sir ; dhanyavad
Apki charcha bahut hi achchi rahi h.
दलितों द्वारा सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य कोर्ट से भारत में न्याय की उम्मीद रखना भ्रम रखने के समान है.
Thanks sir apne bahut aacha dabet kiya
You are doing a great work sir SC/ST ke logo ko aware krna aur Unite krna bhaut jruri hai hope SC/ST/OBC sab sath aake is faisle ka virodh kre aur Hum 85% hai apni takat dikhae constitution ki maryada mai reh kar!
Best conversation
Manisha Manasvi EBC brahmano ka band kar dena chahiye
Rajendra Dhavalikar By division on the basis of caste automatically reducing competition. People are inot fool now understand all these strategies.Brahminical progress means jobs by recommendations in all industries like media ,temples,judiciary and all higher ranks and availing all types of freebies from foreign countries.
@Rajendra Dhavalikar good joke. Said by one who always enjoyed religious reservation for centuries
श्रीमान जी आईएएस आईपीएस आईआरएस आईएस के तर्ज पर आईजेएस की परीक्षा होना चाहिए इसी परीक्षा के माध्यम से जजों की परीक्षा होना चाहिए और उसमें sc.st.obc को उनकी पॉपुलेशन के आधार पर रिप्रेजेंटेशन दिया जाना चाहिए आरक्षण दिया जाना चाहिए उसी से न्याय एससी, एसटी,ओबीसी को मिलपाएगा...jai bheem 🙏🙏
बहुत खूब
Bhut badiya jankari di aap ne
सर जब तक आप जैसे पत्रकार हैं तब तक लोकतंत्र की उम्मीदें धूमिल नहीं होंगी
आरक्षण मौलिक अधिकार है, जज साहब काम पढ़े लिखे हैं ,
Bhadwa sala
Loktantra ka arth Kya hota hai Arjun jab Tak desh ke sansadhan mein samaj ki had Tak ke ki hissedari nahin hai aarakshan nahin hai to vah loktantra nahin hi
@Rajendra Dhavalikar जब तक जातिवाद रहेगा तब तक आरक्षण मौलिक अधिकार रहेगा।
Abe chutiye.
Tatti ki safai hi kr tu.
@Rajendra Dhavalikar वाह तुम जातिवाद करो, ऊंच नीच करो और आरक्षण की बुराई करो। नहीं चलेगा ये।
Sabhi S/C. B/C. S/T.OBC.sabhi ko ekjut hokar sanghars karna chahiye.Jai Bhim.Jai Sanvindhan
SC/ST OBC & minority ek hokar aawaj buland karain
Very good speech Jago desh ke nagrik Jago aur jagao desh ka Samdhan bachao Jay bheem Jay Bharat Jay samdhan No NRC CAA NPR EVM Jago desh ke nagrik Jago Ham sab ek hai ek rahege Jago aur jagao St.sc.obc.Arakshan hamara janm shiddh Adhikar hai
घटनाओसे तो एक बात तय है..की..मौजुदा केंद्र सरकार और न्यायपालिका देश के बहसंख्य लोगोको न्यायीक आर्थिक और सामाजिक तौरपर ज्यादा से ज्यादा नुकसान कैसे पहुचे.. यही फिराक मे है....
ए सब कैसे रोकाजाय.. ईसबातपर ही गौर करके लढना पडेगा.. सरजी.
Bhut badiya sir
sir very important debate we are thankful to you
Right sir.ji
हम सबको sc.st.obc और वंचित वर्ग को एकत्र हो कर लड़ाई लड़की होगी
Thanks, for true presentation of the News. Urmilesh Sir.
मान्यवर जय हिन्द ।
bjp murdabad
brahmanwad murdabad
dr ambedkar zindabad
samvidhan zindabad
Bahut khub
BJP ka MATLAB hi hota hain brahmanwad
90 percent Swarn BJP se Jude hain
Aur yeh Swarn jaha v rahte hain
Sirf hindu Muslim karte hain
Sports me bhi reservation hona chahiye.
Wha se vanchit kar rahi hai sarkar . 😟😢😭
@Rajendra Dhavalikar it's sarcasm . I also want ki jiske pass talent ho seat ussi ko mile...
Bahot shukriya ...the wire...jai bheem
जन आंदोलन को एक राजनैतिक रूप देना होगा।
*जय हो* *ऊर्मलेश*
आप लोग तथ्यों के साथ संविधान के मौलिकता को बारीकी से समक्षाएं है।हम समझ गए हैं भाजपा आरएसएस और न्यायपालिका तीनों मिलकर कर शाजिस के तहत SC ,St ,OBC के आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में बेरहमी से बहुत आगे बढ़ गये है।। देश में करो या मरो जैसी आंदोलन की अनिवार्यता बढ़ गई है। मैं समक्षता हु की इसकी शुरुआत तो हो चुकी है यह मन में उठ रहा पिडा कभी भी विराट रूप धारण कर सकता है।
Good discussion with basis analysis
लोकतांत्रिक देश में ये कैसे संभव है , प्रतिनिधित्व सबका होना चाहिए ।
......... """सुप्रीम कोर्ट का खेल कहाँ तक""" .........
जनता को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कुछ पहलु इस प्रकार हैं जिन्हें प्रबुद्ध लोगों को ध्यान देने की जरूरत है, ये इस प्रकार हैं :---
१-सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला संसद की चांडाल चौकड़ी से बात किए बिना नहीं होता, जो लोग इस भरम में हैं कि न्यायपालिका स्वतंत्र है, तो ये स्वतंत्र नहीं है इसके दो कारण हैं, एक तो सुप्रीम कोर्ट में ब्राह्मणवाद जो अब माफ़ियातंत्र का पैरोकार बन चूका है: और दूसरा कारण इन न्यायधीशों का चरित्र जिसमें निष्पक्षता का आभाव जन्मजात है।
२-न्यायपालिका, संसद, और संविधान में संविधान सर्वोपरि है क्योंकि संविधान वो मूल सरंचना है जो ये मार्ग निर्देशित करती है कि संसद और संसद की सहभागी संस्थाएं कैसे कार्य करेंगी। इसके लिए संविधान ने हर मौलिक अधिकार और राज्य के निर्देशित सिद्धांतों को क्रमबद्ध किया हुआ है। इसलिए देश का केंद्रीय क्षेत्र और उसका राज्यों के साथ संघीय ढांचा की सीमाएं भी निर्धारित और निर्देशित हैं। न्यायपालिका का कार्यक्षेत्र सिर्फ इसकी सही व्याख्या करनी है।
३-यदि देश की केंद्रीय सरकार ई वी एम की धांधली से आने के कारण अपनी संवैधानिकता खो देती है और उसका कोई भी निर्णय संविधान की किसी भी संस्था के ऊपर मान्य नहीं रहता। इसके साथ दूसरी स्तिथि ये जुडी है कि जो संस्थाएं कार्यरत हैं इनका कार्य उसमे बैठ वही वर्चस्वादी अधिकारी होते हैं जो अपने लाभ हानि के मद्देनज़र सारे कार्यों को अंजाम देते हैं।
४-सभी सरकार के कारिंदे भी संविधान की शपथ लेते हैं, लेकिन यदि उनका चरित्र संविधान के तहत नहीं तो उनकी शपथ और उनके सभी निर्णय भी उनके चरित्र से प्रभावित होते हैं ना कि संविधान की शपथ से, ऐसी स्तिथि में जिन संस्थाओं को चेक्स एंड बैलेंस के तहत प्रबंधन किया जाता है, और ये स्तिथि भी उपरोक्त कारणों से शिथिल हो चुकी है।
५-सुप्रीम कोर्ट और सत्ता का यही तो खेल है, पहले ऐसा फैसला लाया जाए(आरक्षण का फैसला), फिर ये नाज़ायज़ सरकार उस फैसले को गलत करार दे के अपनी सरकार की वैधता को स्थापित करे, जबकि सच ये है कि सरकार भी अवैध और उसके तहत सभी कार्यरत संस्थाएं भी असंवैधानिक, रास्ता एक ही है, कि सरकार को भंग किया जाए और नए सिरे से बैलट पेपर पर चुनाव करवाके आई हुई सरकार फैसले ले.........
ऐसी स्तिथि में देश में जनजागरण, आंदोलन का ही एक रास्ता है जिससे देश का जनमानस इस माफिया तंत्र को हटाकर देश में फिर से लोकतंत्र की स्थापना करे, इसी एक स्तिथि में देश बच सकता है और ये इस बात से तय होगा कि आमजन ने इसमें कितनी सहभागिता की ...............
रिसर्वेशन ये कोई खिरापत नाही है बल्की सेपरेट मतदार संघ के बदले मे महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और भारत के अन्य नेतागण इनमे देश का बटवा रा ना हो
यह कारण ध्यान मे लेकरं इक्विटी के लिये बना या गया यह कानून है इसे किसीं भी तरहसे रद्द करने की कोईभी कोसिस ना करे वर ना ?
Very good information.
उर्मिलेश सर
आपलोग अपने अनुभव से कम एक ऐसा मंच खरा करे जहाँ पूरी देश को खुली चुनौती दे कि जिस मजहब में दम है वो अपने को विज्ञान की कसौटी पर सच साबित करे क्योंकि सत्य तो एक ही होता है जो सामने आने पर पूरी दुनिया मानने को मजबूर हो जाती है ।
केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कट्टरवाद की चपेट में आ चुकी है ।
आपलोग की एक ईमानदार पहल केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का भला कर सकती है ।
बाभन के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सबको एक खुले मंच पर बुलाना ही होगा ।दुसरा कोई विकल्प नहीं है ।
Urmileshji ,bahoot accha program.
लो आ गया राम राज्य जय हो गुलाम बहुजनो
बढ़िया
बहुत सुंदर लगें रहें
Good discussion sir
Very nice Jai bhim Jai sambidhan Jai Bharat
जिनकी लड़ाई, उनकी अगुवाई।
You are right sir
i love listening biraj mam
ये सुप्रीम कोर्ट नही रहा ये अब बिजेपी कोर्ट बना है...... जो सिर्फ गरीब समाज जो अभी भी पिछडे है उन को रोड पे लाना चाहते हैं
We always liked your discussion sir and after the whole episode I came to the conclusion that we all are Indian and whenever injustice is to any community we must show resistance like kannan Sir did for Kashmir
Negetive thinking.
सबसे उत्तम यह है कि सरकारी सेवा के लिए योग्यता को सर्वोपरी रखते हुए हर तरह के आरक्षण को विकलांग को छोड़कर समाप्त कर देना चाहिए, आरक्षण प्राप्त लोगो का ही सबसे ज़्यादा नुकसान आरक्षण से हुआ है, जो समाज मे एक बार आरक्षण प्राप्त कर लेता है, वही सक्षम है आरक्षण का फायदा लेने मैं
Bahut achha laga debate
Affirmative action ....
Yes
I'm Sikh General and i support totally reservation for SC/ST i.e Dalit and Adivasi irrespective of income as the discrimination with them is still rampant and has become more systematic in day-to-day life. However, OBC reservation should be removed. completely as it has many dominant castes and it's list. Varies much to states.
Entire,SC,ST, OBC and Minorities cummunities should be united and be fight against injustice, Castism of Manuwadi, therefore, come on road and do agitation for saving democracy and constitution.
The Wire bhut acha kam krte ho
आरक्षण जो जितना है , उतने प्रतिशत लो । बस । औकात समझ मे आ जायेगी।
Tab to kuch karna nai padega.....bus population badhate rho apni cast ka.....utna reservation mil jaayega.....
Reservation jisko milna chshiye.....bus usko milna chahiye..tabhi arskhsan ka koi phayeda hai....kyuki hum ladte rshenge aur phayeda hmare dusman ko milega...... promotion me aarakshna to aaj k samay me gundai hai.....Jaise bhukhe ko khana do.....sir baad me wo bole ki pura khana mai khaunga....baki log jaaye bhaad me......
Sabse pehle cricket team aur army me reservation lao
@@vipinpandey9856 arakshan nahi chahiye. Bas DALITO ko HINDU DHARM se alag sampraday ghosit karo.
Jaise lingayat ko hindu dharm se alag sampraday ghosit kiya.
@@SanjeevKumar-px9rj hindu dharm me dalit koi nai hai.....dalit mansikta k log bhare pade hai....yha brahm ki puja hoti hai....jo sabke ander hai....the sakti wich runs blood in your veins.....which make electrons move around the nucleus in atoms........to kripya hindu baniye.....dalit nai
Informative & knowledgeable discourse
Very nice.