"आत्मलोक" : अदृश्य जगत का सच - Spiritual World : The Truth of Invisible World

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  • เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ย. 2024
  • हम मनुष्य आमतौर पर जो देखते, सुनते और महसूस करते है उसे ही सत्य मान बैठते है, अर्थात प्रत्यक्ष ही हमारे लिए प्रमाण होता है, तो अगर इसी मापदंड के अनुसार कहा जाए कि देखना, सुनना और महसूस करना ही किसी चीज़ पर विश्वास करने का मुख्य कारण है तो क्या जो अदृश्य या जो दिखाई नही देता , क्या वह झूठ है? तो इसका उत्तर है नही, बिल्कुल भी नही।
    इसी संदर्भ में हम अपने चारों और दिख रहे भौतिक संसार को जीवंत समझते हुए इसे ही सच मान बैठे है, परंतु इस भौतिक जगत के समानंतर भी अदृश्य जगत है, जिसे हम अपनी इन नग्न आंखों से देख भी नही सकते और न ही महसूस कर सकते है। हमारी चेतना का स्तर उतना उच्च भी नही की हम उसे जान सके लेकिन फिर भी उस अदृश्य जगत जिसे हम यदा कदा भूलोक का सूक्ष्मधारातल, सूक्ष्मलोक, आत्मलोक, परलोक या जीवात्मा जगत आदि नाम से जानते है, उसका अस्तित्व भी है।
    हालाकिं प्राचीन काल से ही हमारी धर्म और संस्कृति में सूक्ष्मजगत अथवा आत्मलोक की अवधारणा रही है जिसे लोग मृत्यु उपरान्त ही अनुभव से जान सकते है, फिर भी कई आध्यातमिक विभूतियाँ, योगीपुरुष, पाश्चात्य जगत के शोधकर्ताओं के द्वारा इस सूक्ष्म जगत को जीते जी अनुभव एवं महसूस किया गया है।
    इस वीडियो में हम उन बातो पर संक्षेप में जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे है जो उस अदृश्य जगत के सच से पर्दा उठाएगी।
    इस वीडियो में अपने मृत प्रियजनों के लिए मुक्ति एवं आत्मिक शांति की प्रार्थना की बात कही गयी है जिसे आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सुन सकते है और उसी भांति सही समझ के साथ अपने मृत प्रियजनों ले लिए प्रार्थना कर सकते है।
    • कैसे करे मृत प्रियजनो ...
    धन्यवाद
    #theechoofsprituallife

ความคิดเห็น • 31

  • @praveenchaudhary8279
    @praveenchaudhary8279 2 ปีที่แล้ว +15

    इस वीडियो में बतायी गयी सभी बाते सत्य के बहुत निकट हैं l और ये मैं अपने अपरोक्ष अनुभव से कह रहा हूं -
    मैंने इस वीडियो में बतायी सारी पुस्तकें , इन शोधकर्ताओं द्वारा लिखी और भी बहुत सी अन्य पुस्तकें व अध्यात्म पर सैंकड़ों पुस्तकें पढी हैं l
    कई बार PLR करके अपने अन्य जन्म देखे हैं
    क्रिया योग की दीक्षा लेकर लंबे समय से ध्यान कर रहा हूँ l
    स्वप्न लोक व आत्म लोक के प्रयोग जारी हैं l
    विडम्बना ये है कि मानव माया के पाश में ऐसे फंसे हुए हैं कि पिछले एक साल से उपलब्ध इस महान वीडियो कुछ हजारों ने ही देखा व मनन किया होगा और उसमे से कुछेक ने ही इस दिशा में कोई कदम बढ़ाया होगा l
    जब कि ये ही जीवन का परम कार्य व लक्ष्य होना चाहिए l
    🕉️🙏🙏

    • @artitiwari232
      @artitiwari232 2 ปีที่แล้ว

      क्या अपने परिजन से कांटेक्ट करने का कोई जरिया है कृपया बताएं हम अपने परिजन को कैसे महसूस कर सकते उनसे कैसे बात कर सकते है कृपया बताएं बहुत कृपा होगी आपकी।

    • @nutanrathod1927
      @nutanrathod1927 ปีที่แล้ว

      Kya aap apne dhyaan ke medium se dusre ko koe help kr skte he??

    • @charanjeetkaurkaur8016
      @charanjeetkaurkaur8016 ปีที่แล้ว

      😊😊😊😊😊

    • @user-ts1kw6gr7l
      @user-ts1kw6gr7l 9 หลายเดือนก่อน

      श्रीराम

    • @aartisharma2418
      @aartisharma2418 2 หลายเดือนก่อน

      Aap kuch sikha sakte h Hume

  • @nishisaharan2631
    @nishisaharan2631 ปีที่แล้ว +1

    SHUKRANA SHUKRANA AAPJI SADGURU JI KA 🙏🙏🙏🙏🙏🙏jingone hume APNE AAPSE milwaya....🎉🎉🎉🎉

  • @kabulsingh2348
    @kabulsingh2348 2 ปีที่แล้ว

    Very. Good. Information. Very much thank please. Continue. This.

  • @nitinnitnaware6662
    @nitinnitnaware6662 3 ปีที่แล้ว +2

    Excellent

  • @neerjatripathi1695
    @neerjatripathi1695 3 ปีที่แล้ว +2

    Nice sir

  • @onlineclasses7207
    @onlineclasses7207 3 ปีที่แล้ว +1

    very suggesti

  • @kabulsingh2348
    @kabulsingh2348 2 ปีที่แล้ว

    Good. Knowledge. Thanks. Very. Much.

  • @babyadhikari7630
    @babyadhikari7630 ปีที่แล้ว

    Very nice explain thanks.Jay shree Radhe Krishna 🙏

  • @deepakpaliwal890
    @deepakpaliwal890 2 ปีที่แล้ว

    Great

  • @user-ts1kw6gr7l
    @user-ts1kw6gr7l 9 หลายเดือนก่อน

    श्रीराम

  • @sunitapatil9581
    @sunitapatil9581 4 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏🙏

  • @NijamAli-fk1ul
    @NijamAli-fk1ul 9 หลายเดือนก่อน

    Thanks sir lagbhag I years se aapko sun raha hoon mere Patni k Jaana k band aour jab jab man udaas Hota Hai to aapko suntan hoon. Hamen lagta Hai k direct scree Krishna bol Rahe Hai I love you sir

    • @mukeshkagrawal
      @mukeshkagrawal  4 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद।

  • @thakurjasveersingh5807
    @thakurjasveersingh5807 2 ปีที่แล้ว

    Good sir

  • @harhsitsharma6814
    @harhsitsharma6814 ปีที่แล้ว

    jai shree ram ram ram t ram ram ram ram

  • @debika5401
    @debika5401 ปีที่แล้ว

    🥰🥰🥰

  • @LaxmiRautela-eg6nk
    @LaxmiRautela-eg6nk 2 ปีที่แล้ว

    Ye vidio kyon nahi down load ho raha h.

  • @bhagatsinghgardeningcookin7550
    @bhagatsinghgardeningcookin7550 4 ปีที่แล้ว +2

    भाई जी विडियो में बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने मैं मेरे बेटे के नाम से दो रोटी और जो भी सब्जी या फल होता है और एक गिलास पानी देती हूं खाना तो गाय को और पानी तुलसी में डाल देती हूं और जल हाथ में लेकर श्री हरि विष्णु जी से कहती हूं की यह खाना मेरे बेटे तक पहूचाना तो परसों मुझे गाय को देने में थोड़ा टाइम लग गया तो मुझे मेरे बेटे की आवाज़ आई और कहा मम्मी फिर मैंने कहा मैं भुल गए थी कुछ बताएं 🙏🙏

    • @mukeshkagrawal
      @mukeshkagrawal  4 ปีที่แล้ว +2

      प्रणाम जी, आपने पहले भी ऐसे अनुभव मुझे बताये है कि आप अपने बेटे की जीवात्मा को अपने आस पास महसूस करती है और उनके निम्मित प्रार्थना, ध्यान और भोजन अथवा पानी का अर्घ्य भी देती है, यह बहुत अच्छी बात है। इनके साथ ही साथ आप भगवान से यह प्रार्थना भी जरूर करें कि उनकी जीवात्मा को विश्रांतिदायक सुकून मिले और जल्द ही पृथ्वी के इस सूक्ष्म धरातल से आत्मलोक की ओर पारगमन करने की सबलता प्राप्त हो। शास्त्रों में इसे ही जीवातमा की मृत्यु के तुरंत बाद कि सद्गति कहा गया है।
      परंतु यह भी सच है, की जिनकी कम आयु में मृत्यु होती है, ऐसी जीवात्माओ का भौतिक संसार एवं अपने प्रियजनों से आकर्षण बना रहता है, परंतु प्रार्थना में अपार शक्ति होती है। इसलिए सैदेव उनकी सद्गति की प्रार्थना करते रहे, विशेषकर रात में सोने से पहले।
      हमारी धर्म और संस्कृति में मृत प्रियजनों के निम्मित किसी गाय को भोजन देना और पानी का अर्घ्य देना भी अतिउत्तम बताया गया है, और ऐसी जीवात्माओ के लिए पानी का अर्घ्य देने की भी एक विधि है जिसे आप कर सकती है, जिन मृत प्रियजन के निम्मित आप पानी का अर्घ्य देना चाहती है उन्हें स्मरण कर आप तुलसी के पौधे पर दाहिने हाथ की हथेली को इस प्रकार उल्टा करें कि अंगूठा नीचे की और रहे और फिर उस पर पानी धीरे धीरे डाला जाए। आपके अंगूठे से होकर गये पानी से आपके अतृप्त मृत प्रियजनो निश्चय ही तृप्त होंगे।
      धन्यवाद।

    • @bhagatsinghgardeningcookin7550
      @bhagatsinghgardeningcookin7550 4 ปีที่แล้ว +1

      @@mukeshkagrawal मैं लाख कोशिश के बावजूद भी मैं मेरे बेटे को मुक्त नहीं कर पार रहीं हू मैं मेरे छोटे बेटे के बच्चे के रूप में पाना चाहती हूं उसे एक सप्ताह निकल जाता
      है तो मैं बहुत बेचैन हो जाती हूं फिर मेरा बहुत बुरा हाल हो जाता है फिर बार बार कहती हूं हे श्री हरि विष्णु मुझे मेरे बेटे से मिला दे फिर कोई ना कोई संदेश मिलता है तो मेरा मन कुछ दिन के लिए शान्त हो जाता है क्या करूं बहुत मजबूर हूं 🙏🙏

    • @mukeshkagrawal
      @mukeshkagrawal  4 ปีที่แล้ว +1

      @Bhagat Singh जी, सबसे पहले आपको अपने आप को इस बैचैनी वाली स्थिति से बाहर आना होगा, आपको अपनी इस कामना के भी त्याग करना होगा कि आप उन्हें पुनः भौतिक रूप में प्राप्त करें। यकीन मानिए एक न एक दिन आपलोगो की आत्मिक ऊर्जा का मिलन होना ही है।
      इस वक़्त सतत प्रार्थना के द्वारा आपको उन्हें विश्रांतिदायक स्थिति को प्राप्त कराना आपके कर्तव्य ही नही बल्कि एक उचित मार्ग भी है। आपकी यह अशान्त अवस्था के स्पंदन को महसूस कर शायद उनकी जीवात्मा आगे पारगमन न कर पा रही हो, इसलिये आप किसी भी प्रकार से ऐसी कोई आकांक्षा न रखे जो उनके पारगमन में बाधक हो।
      में यह भी जनता हुन, एक मां के लिए ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है परंतु यही एक उचित मार्ग है, जिसे भगवान कृष्ण ने गीता में बताया गया है, मोह और आसक्ति का त्याग। इसलिए शेष आप भगवान पर छोड़ दे। आशा है आप मेरी बातों को समझ पा रही होंगी।

  • @shikharrathaur5917
    @shikharrathaur5917 2 ปีที่แล้ว

    Suuuu

  • @AnilSharma-ef5ng
    @AnilSharma-ef5ng ปีที่แล้ว

    Jb Tak jivan he isi ka mja lo

  • @bhagatsinghgardeningcookin7550
    @bhagatsinghgardeningcookin7550 4 ปีที่แล้ว +2

    भाई जी विडियो डालिए ना 🙏🙏