ऐसे संतो के चरणो मे मेरा कोटि कोटि प्रणाम । संत कृपालसिंह महाराज जी की वाणी (सत्संग प्रवचन ) सत्यता एवं ववास्तविकता से परिपूर्ण है । ऐसे संतो ने ही परमात्मा का सच्चा ज्ञान देकर जीवात्माओं को काल जाल से छुड़ाकर परमेश्वर के देश (प्रभुलोक )पहुँचाया है । संत मत सच्चा धर्म है और जो मनुष्य संतो की शरण मे हैं वे परमेश्वर के प्यारे बच्चे हैं और सदैव प्रभु की गोद में बैठे रहते हैं । धीशराज "धीश "
Puran parmatma koti koti naman pranam murshed ji daya banaye rakhe prabhu ji charan sparsh naman pranam murshed ji daya banaye rakhe prabhu ji charan sparsh naman
Jai Guru dev ji 🙏 hor be satsang upload kro guru g de aa sare satsang sun lye ji please hor be satsang upload kro ji bhot dil kr da guru g nu sunna nu please bante parwan krana ji das de 🙏 shukrane bhot bhot 🙏 jai Guru g de 🙏
param sant kirpal singh ji maharaj ki aaj death anniversary hai.i was initiated in 1969.and reached 20 20 .crossing vdifficult momements in life in corona pandemic how he protected me my family is still helping.god power still working.his teachings are golden coins with which you can buy happiness wealth health and solace in life true saint of present century.his mission is being continued by sant sant darshan singh ji and present master sant Rajinder singh ji.
मनुष्य जीवन मिला है सिर्फ मुक्ति के लिए और आप न सरीर हो न सरीर आपके लिए है , आप आत्मा हो और आपका मन काल का और मन मे है आपके मैले विचार ही जन्म मरण का कारण है काम , क्रोध, लोभ इत्यादि । पहले काम वासना को बलपूवर्क मारना है , काम से ज्ञान ढका रहता है - गीता। ज्ञान यानी आत्म ज्ञान ( इसी ज्ञान सेे उपरन्तर आपको समस्त शास्त्र विहित कर्म करके आपकी मुक्ति होगी , विषय भोग में सोचना भी शास्त्र विरोध कर्म है ) (मन और इन्द्रियों को दमन करके ) और अपनी आत्मा को निरंतर प्रभु में रखना है और मन हो न हो वो आप जप, ध्यान , सेवा, गीता , रामायण इत्यादि करके ही कर सकते हैं । यही एक रास्ता है । आपके पूर्वर्लब संस्कार आपको पाप मनुष्य जीवन मिला है सिर्फ मुक्ति के लिए और आप न सरीर हो न सरीर आपके लिए है , आप आत्मा हो और आपका मन काल का और मन मे है आपके मैले विचार ही जन्म मरण का कारण है काम , क्रोध, लोभ इत्यादि । पहले काम वासना को बलपूवर्क मारना है , काम से ज्ञान ढका रहता है - गीता। ज्ञान यानी आत्म ज्ञान ( इसी ज्ञान सेे उपरन्तर आपको समस्त शास्त्र विहित कर्म करके आपकी मुक्ति होगी , विषय भोग में सोचना भी शास्त्र विरोध कर्म है ) (मन और इन्द्रियों को दमन करके ) और अपनी आत्मा को निरंतर प्रभु में रखना है और मन हो न हो वो आप जप, ध्यान , सेवा, गीता , रामायण इत्यादि करके ही कर सकते हैं । यही एक रास्ता है । ये मनुष्य योनि सिर्फ और सिर्फ निरंतर भक्ति करने के लिए मिला है इसके अलावा मनुष्य योनि का कोई महत्व नही है । कर्म की रचना करता है, अपने विवेक से कर्म करो, मन और इन्द्रयों के घाट से ऊपर उठो , समय की रचना ऐसे है कि ये समय आपको कर्म करने पर बाध्य करता है , मन हो न हो आपको निरंतर प्रभु का चिंतन , प्रभु का जप , सेवा , कर्तव्य कर्म करना है । आपमे जो दुराचारी का भाव है वो भी परमात्मा जानते है और उसी भाव अनुसार आपको नरक भोगना होगा । अब आप चेत चेत चेत बस चेत हो जाओ नही तो परिणाम बहुत कष्ट , पीड़ा जीवन होगा और आगे अनगिनत जन्म होगा । सब से पहले काम, वासना का बल पूवर्क त्याग , काम से आत्मा ज्ञान ढका रहता है और नही त्याग किये तो आपको नरक निश्चित मिलेगा , न अश्लील पड़ना, न अश्लील देखना, न अश्लील सुनना और न नशा करना, और मन को प्रभु को जप से निरंतर जोड़ कर रखो । Why you see saint, sadhu, monk all around earth , saint, sadhu, monk are true you are wrong .th-cam.com/video/uOIFy5pkRq4/w-d-xo.html th-cam.com/video/eGESC7xtROw/w-d-xo.html में मजबूर करे इसी लिए बचपन मे ही प्रभु में लग जाना अवश्यक है ( जप, पाठ, सत्संग, निष्कामभाव सेवा) ये मनुष्य योनि सिर्फ और सिर्फ निरंतर भक्ति करने के लिए मिला है इसके अलावा मनुष्य योनि का कोई महत्व नही है । कर्म की रचना करता है, अपने विवेक से कर्म करो, मन और इन्द्रयों के घाट से ऊपर उठो , समय की रचना ऐसे है कि ये समय आपको कर्म करने पर बाध्य करता है , मन हो न हो आपको निरंतर प्रभु का चिंतन , प्रभु का जप , सेवा , कर्तव्य कर्म करना है । आपमे जो दुराचारी का भाव है वो भी परमात्मा जानते है और उसी भाव अनुसार आपको नरक भोगना होगा । अब आप चेत चेत चेत बस चेत हो जाओ नही तो परिणाम बहुत कष्ट , पीड़ा जीवन होगा और आगे अनगिनत जन्म होगा । सब से पहले काम, वासना का बल पूवर्क त्याग , काम से आत्मा ज्ञान ढका रहता है और नही त्याग किये तो आपको नरक निश्चित मिलेगा , न अश्लील पड़ना, न अश्लील देखना, न अश्लील सुनना और न नशा करना, और मन को प्रभु को जप से निरंतर जोड़ कर रखो । Why you see saint, sadhu, monk all around earth , saint, sadhu, monk are true you are wrong .th-cam.com/video/uOIFy5pkRq4/w-d-xo.html th-cam.com/video/eGESC7xtROw/w-d-xo.html
Il mio Maestro è come la luna , ma il mio affetto non è come quello dell' uccello della luna . ****. :::::::: Un giorno , dobbiamo lasciare questo paese straniero . Falso è il corpo , falsa è la Maya . O Signore , tenendoci per mano facci attraversare . SATGURU AJAIB SINGH JI MAHARAJ
Aapka bahut bahut dhanyavad purani yaden taji ho gai
Jai satguru g mahraj
ऐसे संतो के चरणो मे मेरा कोटि कोटि प्रणाम । संत कृपालसिंह महाराज जी की वाणी (सत्संग प्रवचन ) सत्यता एवं ववास्तविकता से परिपूर्ण है । ऐसे संतो ने ही परमात्मा का सच्चा ज्ञान देकर जीवात्माओं को काल जाल से छुड़ाकर परमेश्वर के देश (प्रभुलोक )पहुँचाया है । संत मत सच्चा धर्म है और जो मनुष्य संतो की शरण मे हैं वे परमेश्वर के प्यारे बच्चे हैं और सदैव प्रभु की गोद में बैठे रहते हैं ।
धीशराज "धीश "
Maharaj ji sat sat प्रणाम ❤❤❤❤❤❤❤❤
Sat sat naman gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏
Sachkhand basi parmatmaakoti koti naman parmatma ji Puran sant
Dhan dhan Sathguru . From South Africa ,
Jai Guru Dev ji Maharaj 🙏 🙏
Sat sat naman
Puran sant sachkhand basi parmatma prabhu ji apka hi assra hai daya kare prabhu ji calte darti puri kudha hai bagban ji. Mare
Puren pita pwrmesur koti koti bandgi permasur ji namen maharaj ji
Dhan kirpal, Dhan Darshan, Dhan Rajinder.
DHAN DHAN DAYAL PURSH SANT KIRPAL SINGH JI MAHARAJ
Puran parmatma koti koti naman pranam murshed ji daya banaye rakhe prabhu ji charan sparsh naman pranam murshed ji daya banaye rakhe prabhu ji charan sparsh naman
Dhan kirpal ji🙏🙏
Jai Guru dev ji 🙏
hor be satsang upload kro guru g de
aa sare satsang sun lye ji please hor be satsang upload kro ji bhot dil kr da guru g nu sunna nu please bante parwan krana ji das de 🙏 shukrane bhot bhot 🙏
jai Guru g de 🙏
Dhan kripal data shukrahai aapka
Universes father aapka hi aasra hai prabhu ji daya kare chalate ferret kudha
धन सतगुरु प्यारे जीवन आधार कृपाल को बारम्बार नमन ।,,
म ठडञष
Jaigurudev 🙏🙏
param sant kirpal singh ji maharaj ki aaj death anniversary hai.i was initiated in 1969.and reached 20 20 .crossing vdifficult momements in life
in corona pandemic how he protected me my family is still helping.god power still working.his teachings are golden coins with which you can buy happiness wealth health and solace in life true saint of present century.his mission is being continued by sant sant darshan singh ji and present master sant Rajinder singh ji.
Jai Kirpal Singh Maharaj
Mini u
👍🙏🎉🔥🔥❤️❤️😭😎😎😀😂😇 apni daya banaye rakhe prabhu ji charan sparsh naman pranam do good 👍👌🙂 be good be one 👌 Puran parmatma
Jai kirpal jai thakur
Dhan kirpal ji Maharaj 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
Param pujya kerpalu parmatma sat sat naman schkhand basi . Maharaj ji
Namaste. Bendiciones desde Madrid España. Jai Gurú.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay kirpal
Puran parmatma koti koti naman pranam murshed ji appka hi 👋😁👋 lord 🙏🙌💯🙏🙌🙏 assra hai prabhu ji
Sachepatsha help us guide us in every second of my life 🙏 ♥
मनुष्य जीवन मिला है सिर्फ मुक्ति के लिए और आप न सरीर हो न सरीर आपके लिए है , आप आत्मा हो और आपका मन काल का और मन मे है आपके मैले विचार ही जन्म मरण का कारण है काम , क्रोध, लोभ इत्यादि । पहले काम वासना को बलपूवर्क मारना है , काम से ज्ञान ढका रहता है - गीता। ज्ञान यानी आत्म ज्ञान ( इसी ज्ञान सेे उपरन्तर आपको समस्त शास्त्र विहित कर्म करके आपकी मुक्ति होगी , विषय भोग में सोचना भी शास्त्र विरोध कर्म है ) (मन और इन्द्रियों को दमन करके )
और अपनी आत्मा को निरंतर प्रभु में रखना है और मन हो न हो वो आप जप, ध्यान , सेवा, गीता , रामायण इत्यादि करके ही कर सकते हैं । यही एक रास्ता है ।
आपके पूर्वर्लब संस्कार आपको पाप मनुष्य जीवन मिला है सिर्फ मुक्ति के लिए और आप न सरीर हो न सरीर आपके लिए है , आप आत्मा हो और आपका मन काल का और मन मे है आपके मैले विचार ही जन्म मरण का कारण है काम , क्रोध, लोभ इत्यादि । पहले काम वासना को बलपूवर्क मारना है , काम से ज्ञान ढका रहता है - गीता। ज्ञान यानी आत्म ज्ञान ( इसी ज्ञान सेे उपरन्तर आपको समस्त शास्त्र विहित कर्म करके आपकी मुक्ति होगी , विषय भोग में सोचना भी शास्त्र विरोध कर्म है ) (मन और इन्द्रियों को दमन करके )
और अपनी आत्मा को निरंतर प्रभु में रखना है और मन हो न हो वो आप जप, ध्यान , सेवा, गीता , रामायण इत्यादि करके ही कर सकते हैं । यही एक रास्ता है ।
ये मनुष्य योनि सिर्फ और सिर्फ निरंतर भक्ति करने के लिए मिला है इसके अलावा मनुष्य योनि का कोई महत्व नही है ।
कर्म की रचना करता है, अपने विवेक से कर्म करो, मन और इन्द्रयों के घाट से ऊपर उठो , समय की रचना ऐसे है कि ये समय आपको कर्म करने पर बाध्य करता है , मन हो न हो आपको निरंतर प्रभु का चिंतन , प्रभु का जप , सेवा , कर्तव्य कर्म करना है ।
आपमे जो दुराचारी का भाव है वो भी परमात्मा जानते है और उसी भाव अनुसार आपको नरक भोगना होगा ।
अब आप चेत चेत चेत बस चेत हो जाओ नही तो परिणाम बहुत कष्ट , पीड़ा जीवन होगा और आगे अनगिनत जन्म होगा ।
सब से पहले काम, वासना का बल पूवर्क त्याग , काम से आत्मा ज्ञान ढका रहता है और नही त्याग किये तो आपको नरक निश्चित मिलेगा , न अश्लील पड़ना, न अश्लील देखना, न अश्लील सुनना और न नशा करना, और मन को प्रभु को जप से निरंतर जोड़ कर रखो ।
Why you see saint, sadhu, monk all around earth , saint, sadhu, monk are true you are wrong
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में मजबूर करे इसी लिए बचपन मे ही प्रभु में लग जाना अवश्यक है ( जप, पाठ, सत्संग, निष्कामभाव सेवा)
ये मनुष्य योनि सिर्फ और सिर्फ निरंतर भक्ति करने के लिए मिला है इसके अलावा मनुष्य योनि का कोई महत्व नही है ।
कर्म की रचना करता है, अपने विवेक से कर्म करो, मन और इन्द्रयों के घाट से ऊपर उठो , समय की रचना ऐसे है कि ये समय आपको कर्म करने पर बाध्य करता है , मन हो न हो आपको निरंतर प्रभु का चिंतन , प्रभु का जप , सेवा , कर्तव्य कर्म करना है ।
आपमे जो दुराचारी का भाव है वो भी परमात्मा जानते है और उसी भाव अनुसार आपको नरक भोगना होगा ।
अब आप चेत चेत चेत बस चेत हो जाओ नही तो परिणाम बहुत कष्ट , पीड़ा जीवन होगा और आगे अनगिनत जन्म होगा ।
सब से पहले काम, वासना का बल पूवर्क त्याग , काम से आत्मा ज्ञान ढका रहता है और नही त्याग किये तो आपको नरक निश्चित मिलेगा , न अश्लील पड़ना, न अश्लील देखना, न अश्लील सुनना और न नशा करना, और मन को प्रभु को जप से निरंतर जोड़ कर रखो ।
Why you see saint, sadhu, monk all around earth , saint, sadhu, monk are true you are wrong
.th-cam.com/video/uOIFy5pkRq4/w-d-xo.html
th-cam.com/video/eGESC7xtROw/w-d-xo.html
@The Atlantis wo to hame seekh dene ke liye Kiya tha.
Jai kirpal
Maharaj thakarji ka satsang video add karo
Il mio Maestro è come la luna ,
ma il mio affetto non è come quello dell' uccello della luna .
****. ::::::::
Un giorno , dobbiamo lasciare questo paese straniero .
Falso è il corpo ,
falsa è la Maya .
O Signore ,
tenendoci per mano
facci attraversare .
SATGURU AJAIB SINGH JI MAHARAJ
JAI KIRPAL JI
9250311739
19*03*2020
Parma sant baljit singh ji maha Raj ji ka satsang Hindi ma bahjo ji plz plz plz
maharaja thakar sing Ji de satsang add karo ji
MaharjathakarsinvgjimANavkedar
Param Sant thakur Singh ji da satsang add kardo
Jai Guru Dev ji Maharaj 🙏 🙏