उमर की ऐसी तैसी

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  • เผยแพร่เมื่อ 1 ต.ค. 2024
  • उमर की ऐसी तैसी #umarkiaesitaisi #कविता
    atalbiharivajpei
    Topic - उम्र की ऐसी की तैसी | UMR KI AISI KI TAISI | Atal Bihari Vajpayee Poems | Hindi Kavita | Apurv
    #umrkiaisikitaisi #उम्रकीऐसीकीतैसी #atalbiharivajpayeekavita
    कविता -
    घर चाहे कैसा भी हो
    उसके एक कोने में
    खुलकर हंसने की जगह रखना
    सूरज कितना भी दूर हो
    उसको घर आने का रास्ता देना
    कभी कभी छत पर चढ़कर
    तारे ज़रूर गिनना
    हो सके तो हाथ बढ़ा कर
    चाँद को छूने की कोशिश करना
    अगर हो लोगों से मिलना जुलना
    तो घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना
    भीगने देना बारिश में
    उछल कूद भी करने देना
    हो सके तो बच्चों को
    एक काग़ज़ की किश्ती चलाने देना
    कभी हो फुरसत, आसमान भी साफ हो
    तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना
    हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना
    घर के सामने रखना एक पेड़
    उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य सुनना
    घर चाहे कैसा भी हो
    घर के एक कोने में
    खुलकर हँसने की जगह रखना
    चाहे जिधर से गुज़रिये
    मीठी सी हलचल मचा दिजिये,
    उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है
    अपनी उम्र का मज़ा लीजिए
    ज़िंदा दिल रहिए जनाब
    ये चेहरे पे उदासी कैसी
    वक़्त तो बीत ही रहा है
    उम्र की ऐसी की तैसी..!
    Poem Written by Late Shree Atal bihari Vajpayee ji
    Narrated by Apurv
    App used - Kinemaster
    Videos taken from www.pexels.com/
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