Yeh Humare desh ke aise sahitya hai,Jinhe Aaj ki generation ko koi lena dena nahin.Lekin aap jaise log aise sahitya ko jeevit rakhenge,aur logon ko tyag Prem ki asal paribhasha se parichit karayenge.Saadhuvaad,Nishabd..💐💐💐🙏🙏🙏🙏
मैं इस कहानी को सुनते सुनते सो जाता हूं लेकिन आज नींद नहीं आई। मुझे रोए हुए एक अरसा हो गया लेकिन इस कहानी का अंत सुनकर मेरी आंखें भर आई 🥺🥺 आपकी आवाज में ये कहानी जीवंत रूप ले लेती है और मैं इसके हर भाग को जीने लगता हूं। धन्यवाद 🙏
दु:खान्त उपन्यास के प्रायः: अधिकतर एपीसोड में बहुत ही मार्मिक कहानी है, उपन्यास में चरम आत्मीयता है। सुधा सबको रूलाते हुए नश्वर देह को त्याग कर भौतिक जगत से विदा हुई। नाटकीय स्वर, श्रोताओं पर अपना असर छोड़ गया।
Ye mai pehla upanyas suna hu aur aisa lgta tha ki ye kabhi khatam hi na ho aur iska ant bahut hi hriday vidarak tha. Aapne bahut achhi tarah se sunaya dhanyawad ❤❤
आपका वाचन, इतना जीवंत है की मैं इयरफोन लगा कर आंखे बंद करके सुनता हूं तो यूं लगता है जैसे कोई चल- चित्र चल रहा हो... सारे पात्र नजर आने लगते हैं, वहां जो कुछ हो रहा है, सब अनुभव होने लगता है..! बहुत खूब..❤
धर्मवीर भारती जी को कोटि कोटि नमन, निःशब्द हूं सुधा और चंदर की पवित्र प्रेम का ऐसा मार्मिक अंत देखकर🌺आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद सर साहित्य को अपनी आवाज के माध्यम से इतना सम्मान देने के लिए , योगदान देने के लिए🙏🙏 सर पुनर्नवा का वाचन भी करिए, आज्ञा नहीं अनुरोध है🙏 धन्यवाद
Aksar roti rahti hu.....pr aaj to bahut royi.... bahut jyada...is kahani se ek baat bahut hi clear hui ki hr vyakti shadi jaisi parampara ke liye nhi bana hota, wo alg log hote h unhe sirf man ka, aatma ka hi prem chahiye hota h...aur yadi unhe kisi rishtey me jabardasti baandh dete h to unka ant aisa hi sambhav h....pr log nhi samjhte 😔
गला भर आया है, आंख में आशु है,मन बेचैन हो रहा है। सच कहूं तो मैं इस कहानी को एक दिन में यानी 24घंटे के अंदर सुन गया।बहुत ही करुणामयी अंत है,अंतिम की पंक्ति "सांप जैसी लहराती गंगा में बहती राख मानो टूट-बिखर गई और गंगा की लहरें फिर शांत हो गई मानो कुछ हुआ ही नही "असल जीवन का सच है।
16 jan.2025 ये आज फ़िज़ा खामोश है क्यों, हर ज़र्रे को आखिर होश है क्यों, या तुम किसी के हो न सके, या कोई तुम्हारा हो न सका' मौजें भी हमारी हो न सकीं, तूफ़ां भी हमारा हो न सका. या तुम ही किसी के हो न सके या कोई तुम्हारा हो न सका. 2025 ki meri pahli book jise mane suna Bahut karnamay h ye Hamara samaj etna b berahm Ho sakta h kya 😢😢😢😢
मैं अपने जीवन मे नहीं रोया इतना जितना इसे सुनने से रोया हू। आज मुझे पता चला कि प्रेम क्या होता है। आज के युवाओं को प्रेम करने से पहले इसे पड़ना और सुनना चाहिए। जिससे पता चले की प्रेम क्या होता है कवि ने कितनी गहराई से इसे लिखा है। हर व्यक्ति के चरित्र को बदल ने वाला उपन्यास है ये। 🙏🙏🙏🙏😢😢
Kya batau me is kahani ke me bare me apko ye meri bahan ke course me ayi thi par mene isko padha or fir eise Mila apka ye odio ,apke ye odio ne to es kahani ko dimag se dil me utar diya itni khubsurat voice he apki upanyas me char chand lag gaye
मेरा नाम सुधा है और इस कहानी में मैंने अपने आप को रखकर देखा है मेरी आँखों के साथ साथ मेरा ह्रदय भी फट रहा था अंत मे ऐसा लगा मानो चंदन की सुधा की नही मानो मेरी मृत्यु हो गयी कोटि कोटि नमन है धर्मवीर भारती जी को उन्होंने अपने ह्रदय में कितने पत्थर रखे होंगे इस कहानी को पूरा करने में जिसमे महज आंखे नही आत्मा रो देती है🙏😭😭😭😭
आज मैने ये संपूर्ण उपन्यास आपके माध्यम से पूर्ण रूपेण सुना। मै जितना धन्यवाद श्री धर्मवीर भारती जी को देता हूं उससे ज्यादा आपको क्योंकि उन्होंने तो हमे अपनी लेखनी से ये मार्मिक कहानी दी,लेकिन जिस तरह से आपने इसे सुनाया ऐसा लगता है कि सारे पात्र सच में है आपने इस कहानी को अपने स्वतंत्रियों से सुना कर इस उपन्यास को जीवंत कर दिया। बहुत बहुत धन्यवाद ❤
मेरा बड़ा मन था इस किताब को पढ़ने का पर किसी वजह से नहीं पढ़ पा रहा था पर आपने इसे बहुत आसान बनाया और इतने अद्भुत ढंग से प्रस्तुत किया की सारे पात्र जीवित हो उठे आपका शुक्रिया
मै एक कठोर इंसान हु कोई मुझे रुला नहीं सकता था लेकिन इस उपन्यास ने मेरे आंख को भीगा दिया और मेरे जिंदगी में एक अलग मोड दिया है धर्मवीर भारती जी को शत शत नमन है ____________________~सुनो कहानी ~
चंदर, सुधा और विनती, वक्ता ने मेरे मन में सभी पत्रों को मूर्तरूप दिया है अपनी आवाज से हर एक वाक्य को महसूस किया है मैंने ,इसके लिए बहुत धन्यवाद। यह मेरा पहला उपन्यास है बहुत आहत हूं उभरने में कुछ समय लगेगा। शायद अब कोई और उपन्यास पड़ने का साहस ना जुटा पाऊं ।
इस कहानी को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि धर्मवीर भारती जी इस कलयुग के वाल्मीकि है। जिस प्रकार वाल्मीकि जी ने रामजी के जन्म से पहले ही रामायण लिख दी थी। उसी प्रकार भारती जी ने मेरे जीवन को लिख दिया वो भी मेरे जन्म से पहले। बस रूप अलग है पर कहानी हुबहू है। आपसे सच्चा प्रेम करने वाला मर ही जाता है। मुझसे भी सच्चा प्रेम करने वाला मुझे इस दुनिया में अकेले छोड़ कर चले गए और वो भी साहित्य से बहुत प्रेम करते थे। साहित्य तो जैसे उनकी रगो में बहता था। जिस प्रकार सुधा के आखरी पल थे उसी प्रकार उनके भी आखरी पल ऐसे ही थे वो भी किसी को नहीं पहचान रहे थे पर मुझे पहचाना और मुझे भी जीवन की ऊंचाई पर जाने के लिए कह गए।
अब कोई भी उपन्यास सुनने की हिम्मत नहीं सर , बस भी करिए और कितना दर्द देंगे 😭😭😭😭 इतना दर्दनाक अंत। अफसोस। सुधा ने एक जगह कहां था कि मै रोई थी इनके आगे हाथ जोड़ी थी कि मैं कमजोर हूं लेकिन इन्होंने मेरी एक नहीं सुनी बस अपनी मनमानी करते रहे। इस लाइन को सुनकर कलेज सुन्न हो गया, बहुत दर्द है इस लाइन में। इतनी दर्दनाक मौत 😥😥😥😥😥😥😥😥😥😓😓😓😓😓।
यह एक अद्वितीय उपन्यास है। कोई भी व्यक्ति बिना भावुक हुए इसे पूर्ण नहीं सुन सकता।इससे प्रेम की एक नई परिभाषा को जन्म दिया है। लेखक के चरणों में मेरा कोटि कोटि नमन। आपकी आवाज ने इस उपन्यास को अत्यन्त प्रभावशाली बना दिया। धन्यवाद
पूरे जीवन में कहानी एक लिखो, लेकिन नेक लिखो, जो युगों युगों तक चलता रहे और कभी पुरानी ना हो, जैसे कि वह अजर और अमर हो गया हो। धर्मवीर भारती जी को नमन 🙏🙏
ये दर्द भरी कहानी ने तो एक अलग ही अपनी दुनियां में ले गया जहां से निकलना मुश्किल हो गया 🥹🥹😭🥹😭 ये कहानी सुन कर हम सम्भल नहीं पा रहे हैं पता नहीं कितना साहस और हृदय में दर्द लिए ये कहानी लिखी गई होगी..🥹🥹🥹 नमन है ऐसे कलाकार (श्री धर्मवीर भारती सर) को...🙏🥹🥹🥹 धन्यवाद ये कविता बोलकर सुनाने के लिए आखिर आपने भी अपने हृदय में साहस को इक्कठा और दर्द को सहा होगा.....🙏🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹
इस कहानी ने मेरे जीवन के ऊपर क्या प्रभाव डाला है मै नही कह सकता इस से अच्छा उपन्यास कोई नही लिख सकता इस कहानी को लोग युगों युगों तक याद रखेंगे सुधा इस सृष्टि के अंत के बाद भी अमर रहेगी सुधा और चंदर की कहानी हमेशा लोगो के दिलो मै जिंदा रहेगी धन्यवाद आपका 🙏
नमस्कार.. आज यह कहानी मेने तीसरे दिन पूर्ण की है यकीन मानिए पिछले दो दिन से मेरे जहन में इस कहानी को पूर्ण करने करने का जैसे जुनून सा हो गया, यह कहानी पूरी तरह से हम सब के जीवन से कहीं न कहीं मिलती जरूर है। कई बार किसी भी चीज की कमी या फिर हमारे कुछ ऐसे फैसले जो हमने दूसरे की खुशी के लिए हो या कुछ ऐसा जो हम कभी कह ही नहीं पाए हो यह सब हमारे संपूर्ण व्यवहार ओर जीवन को तहस- नहस कर देता है। कहानी सुन के दिल एक दम भर सा आया कुछ देर मानो आस पास की चीजे बोलने लगी । जैसे सब सुधा को पुकार रहीं हो । बहुत देर तक किसी से बात करने को मन नहीं हुआ एक अजीब सी पीड़ा अंदर ही अंदर होने लगी । 😢
धर्मवीर भारती जी की इस रचना के लिए उन्हें कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻🌼। शुरू से अंत तक इस उपन्यास को सुनते हुए मन में कहीं प्रकार की भावनाएं आई । प्रारंभ के भागों में यह मन सुधा की चंचलता मैं डूब सा गया । सुधा के व्यक्तित्व ने मुझे एक नया आयाम दिया है। धन्य हो 🙏🏻🙇🏻🌸
Moral of the story: वर्तमान में जिए ओर जो भी आज हमारे पास है उसकी कदर करे।अपने अपनो को वक्त दे उनको जरूरत पड़ने पर उनका साथ दे 😊 और हस्ते मुस्कुराते हुए जी भर कर जिंदगी जिए।लोगो के चक्कर मे आकर महान बनने की कोशिश न करे । नही तो अंत में सब कुछ छूट जाता है और सिर्फ हाथो पस्ताबा ही रहता हैं।🙏🙏 नमन है धर्मवीर भारती जी की कलम को
अब मैं चौसठ का हूं उन्तालीस साल पहले उपन्यास पढ़ा था तो खूब रोया था,पर इतनी मनोरम प्रस्तुति और भावपूर्ण संगीत के पश्चात भी मनोभाव कहानी के सभी पात्रों का नृशंस विष्लेषण करता रहा और सभी नारी पात्रों को तो श्रृद्धा का पात्र पा रहा है पर चंदर कितना भी बहाना कर ले उसे निहायत अपने को महान के और स्वार्थी सिद्ध करने वाले से ज्यादा नहीं मान पा रहा है ,वाह रे पुरुष अपनी पिपासा पूर्ण करने के लिए और महान सिद्ध करने के लिए तीन-तीन नारियों का सर्वनाश 😢😢
यह मेरा पहला उपन्यास है जब मैने इस उपन्यास को पड़ना शुरु किया आपने अपनी भाषा से इस उपन्यास के किरदार जीवित कर दिये कि मुझे आज रोना आ गया 😢😞 मै दिल की अंनत गहराइयों से धर्मवीर भारती जी का और आपका आभार प्रकट करता हूँ मेरे पास शब्द नहीं और कुछ बोलने के लिए धन्यवाद 🙏।
आप को बारम बार प्रणाम क्या प्रस्तुति दी आप ने पूरे शरीर महसूस कर रहा था इस व्यथा को । धन्य हैं धर्मवीर भारतीय जी की ऐसी रचना इस दुनिया को समर्पित किया ।
Sir आपके इस ऑडियो क्लिप से हमने पुरे 22 भाग सुने और , इतनी बढ़िया आपकी आवाज जैसे हम खुद इस कहानी के पात्र है, ये कहानी भले आज से कई वर्षो पहले की है लेकिन आपकी आवाज ने इस कहानी को वापस जिंदा कर दिया , बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
😢एक जबरदस्ती की शादी एक लड़की को क्या से क्या बना दिया , एक हंसमुख लड़की हमेशा के लिए निः श्वास हो गई... कितने निश्चल प्रेम की कल्पना है सुधा । उसका प्रेम कितना पवित्र है। काश इसका अंत सुखद होता । काश बीच में सुधा और चन्दर अपना प्यार स्वीकार कर एक दूसरे के हो जाते । मेरे आशु रुकने का नाम नहीं ले रहे । मैं ऐसे कहानी से बहुत डरती हूँ जिसका अंत इतना भयावह हो , पता होता तो मैं इसे पूरा सुनती ही नहीं । ऐसी कहानियां मेरे दैनिक जीवन पर असर डालती है।❤
To be honest I didn't like Chandar.. Usne jin wajahon se Sudha ke pyaar ko nhi apnaaya whi fir usne Binti ke liye kar liya.. Sudha ki is haalat ka jimmedaar bahut had tak chandar hi tha
तुम ब्राह्मण कन्या हो _ तुम्हें इस प्रकार की कहानियों को नहीं सुनना चाहिए जिसमें एक ब्राह्मण बालिका का हिन्दू धर्म के अन्य जाति के लड़के से प्रेम करने के प्रसंग का वर्णन हो । _ _ ये कहानी हम लोगों को पढ़ना चाहिए जो ब्राह्मण या क्षत्रिय नहीं हैं यानि अन्य जातियों के हिंदू क्योंकि हम लोगों में जाति का बंधन नहीं है क्षमा त्रिपाठी हम मात्र हिन्दू हैं अतः मत पढ़ो इस कायस्थ धर्मवीर भारती की रचना को
@@AadhyaMishra-ot1ck hummko to gussa aa rha chandar par suddha k jaan lene ke baad wo Zinda kaise h agar usne sachmuch pyaar kiya tha usko apna galti mahsus hua bhi ya nhi
इस कहानी के वाचनकर्ता को मेरा अनंत हृदय से धन्यवाद आपने जो जान कहानी के पात्रों में डाली वो बिलकुल यथार्थ थी । कहानी में मुझे मूल अर्थ यही दिखा कि चंदर तुम समझ ही नही पाए सुधा के प्रेम को कभी और वो तुम्हे देवता का दर्जा दे कर चली गई कितनी व्यथित घटना है यह की तुम्हारा व्यक्तित्व कितना कमजोर था जो एक पल नही लेता था परिवर्तन में और एक सुधा जो अटल व्यक्तित्व की प्रतिमा जैसे तुममें कोई दाग़ नही हो सकता ... पुरुष अपने अहम में कितना अंधा हो जाता है और एक स्त्री को कलंकित करने में लग जाता है छी चंदर न तुम इस प्रेम को समझ सके और न कैलाश और न ही डॉक्टर साहब
अद्भुत प्रस्तुति रही मैने ऑडियो बुक पहली बार सुन रहा था बहुत मन था इस कहानी को पढ़ने का पर आपके कहने का तरीका जिसे मानो कहानी नहीं बल्कि पूरा। फिल्म सामने चल रहा हो इतनी मार्मिक थी ये की मेरे आंसु वश में न रहा ये कहानी मेरे दिल की गहराइयों में समा। गया , कहानी का सबसे सुंदर पात्र का कहानी में न होना सचमुच इसको बड़ा मार्मिक बनाता है, इसकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है
प्रेम में सबसे अधिक लड़की को ही सहना पड़ता है, क्योंकि उसका ब्याह हो जाए तो भी वो कुछ भूल नहीं पाती, ये उपन्यास जैसे दिल में तुफान मचा दिया, बहुत बेचैनी हो रही है, आँखों से आंसु अपने आप बहने लगे है सुधा की खिलखिलाहट और दुख की चीखें अब तक खानों में झनक रही हैं , और सोचने पर मजबूर कर रही है कि इतना निस्वार्थ प्रेम कैसे अधूरा रह सकता है सुधा कैसे अपने सामने चंदर को किसी और का होते हुए देखी होगी मैं ऐसी कहानी कभी नहीं लिख पाऊंगी जिसका अंत इतना भयानक हो💔
शुरुआत से लेकर अंत तक ना केवल किरदारों की भावनाएं बल्कि परिस्थिति भी अच्छे से महसूश करवाई इतना ही नहीं आस पास का वातावरण, ओर जगह का वर्णन किया है वो भी काफी अच्छा था लेकिन कहानी का अंत दर्द भरा हुआ आंखों से आशु आ गए सुधा का सच्चा, निश्छल, कामवासना से रहित प्यार सच में भावुक कर देता था
आपका कोटि कोटि साधुवाद। "गुनाहों का देवता" जैसी अमृत कष्टदायी रचना से जीवन जीने योग्य जान पडता है। केवल एक अनुरोध है बस ऐसे ही हीन्दी साहित्य के महान रचनाओं को अपनी कंचन वाणी से बनाए रखिएगा। प्रवाह रुकने न दीजिएगा हृदय के मध्य से कह रहा हूँ। और कोई मेरे योग्य सहायता हो तो सदैव सहयोग देने का प्रयास रहेगा। ♥
ji sir aisi kahaani dubara nahi likhi jaa sakti ...........sir kulhad bhar ishq pe copyright ka issue aa jayega is wajh se sunana mushkil hai .......but bhavishya kisne dekha hai
A huge respect to you sir.. 👏 Maine ye kitaab bhi padhi hai aur ab aapse sunne ke baad aisa lga ki maano ab ja kr kitaab puri hui.. Aaj is kitaab ka antim padaav sun kar na jane kitni baar rona aa raha hai...😢🙏
आप ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से इसे प्रस्तुत किया मेरा मन इस कहानी के दुखद अंत के साथ दुखित भी हुआ और आंखे नम भी हो गई और आप की आवाज ने इसे और भी हृदयस्पर्शी बना दिया । दिल की अनंत गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद ❤।
पूरा उपन्यास सुना बहुत ही मार्मिक संवेदनशील अकल्पनीय अदभुत पता नहीं कैसे धर्मवीर जी ने लिखा होगा अपने जज्बात रोक के वैसे में बहुत भावुक नहीं हु फिर भी कई बार कहानी में ऐसा खो गया कि लगा इस समय की आधुनिक इलाज से सुधा का इलाज करा दे ये भूल गया कि ये सिर्फ एक कहानी है। यही लेखक और सुनाने वाले की विजय है। एक बार पुनः अदभुत अविस्मरणीय लाजवाब और क्या कहे निशब्द हू।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
पता नहीं ये msg जिसने record किया उसको मिलेंगे की नही But Thank You कहानी बहुत खूबसूरत ढंग से कही और धर्मवीर भारती जी को भी कितने सालों पहले उन्होंने प्रेम का अंत वहीं लिखा जो आज भी है
धर्मवीर भारती जी की इस कृति और आपकी भावनात्मक आवाज के सलंग्न से रोते रोते भावुक होते अंतिम पड़ाव पर पहुंचने के बाद मुझे ऐसा क्यों एहसास हो रहा है की मेरे अंदर कुछ बदलाव हुए हैं। और एक अलग तरह की रुचि जाग उठी हैं उपन्यासों के प्रति। श्रीमान जी आपका बहुत बहुत आभार क्योंकि इस नए रुचि को आपके साथ मिलकर आपके मुंहजबानी हमको अब बहुत सारी कृतियां सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा 🙏🙏🙏🙏🙏
मैंने ये पूरी कहानी आपके Spotify पर सुनी वैसे तो मैं बहुत कठोर स्वभाव का हूं, लेकिन ये कहानी सुनते-सुनते कई बार मेरी आंखों में आंसू आ गए और मैं रोने पडा😢😢😢 मेरे जीवन में भी एक सुधा है और स्थिति भी कुछ ऐसी सी ही है लेकिन मैं अपनी सारी नैतिकता ताक पर रखकर अपनी सुधा को अलग नहीं होने दूँगा। तहे दिल से आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙂
जिंदगी में पहले से मौजूद बहुत दुखो के बीच इस उपन्यास ने और दुखी कर दिया, हम जैसे पाठक जो हैप्पी एंडिंग की तलाश में रहते है उनके लिए ये बहुत हृदयविदारक है! पता नहीं क्यों मुझे लगता है अगर में इस अनुपम काव्य कृति को पढ़ने से वँचित रह जाता तो ज्यादा बढ़िया रहता शायद!!😢😢
Roj mai ek ek part sunkar ise sota tha aur sochta tha ki kl kya hoga aur kitna emotional karegi ye story'.. Bt aaj last episode suna to iss Prem kahani ne rula hi diya..😢
रात के 3 बजाकर 50 मिनट हो रहे हैं,,,,,अखरी भाग सुनकर मन भर गया,,,एक बात मन का झकझोर कर रही ,,हमने तो सिर्फ कहानी सुनी,,,,जो ऐसे जीते हैं उनका क्या हाल होगा,,,,,,,😢
aaj kahani puri hui, sudha ae sudhi , tum devi ho , tum mahaan ho , pyaar ki is jung m tum amar hogyi ,.. aankho m aansu h par ghrwalo k samne ro nhi skti..... aapki aawaj m bohot shakti h aisa lgta h mera hi ek swaroop h sudhaa. me hi hu sudha . kuch dino se mn khi nhi lg rha tha aisa lgta tha kaisi hogi sudha kya hua hoga last me,...... aaj dukh huaa bht dukh,, likhne or kahani sunanae wale ko mera pranaam... binti ek sahara hai prem ka sahara jo bina kisi swaarth ke prem deti hai .
I Have a Humble request to you guys please dont ever stop uploading the videos , i cant tell my feelings for this series , though we are listeners but i am thinking about you who have narrated this serie it would have been tough for you too , Thanks for this series , waiting for your next series 🙏
Roz rat ko sote sote ise sun rhe the or sundha chandar binti gesu ye sab jese bahut apne lgne lge yaha tak ki chat ke vo khat vo angan vo choka vo Ghar bhi ...ye upanyas jaha sudha ki natkhat bato se shuru hua vahi dil todkar sudha ki mrityu ke sath samapt hua...Dil jese yahi jam gya h
Maine aaj tk koi upanyash nhi padha na suna first time poora upanyash suna ye apki awaz ne aur mahan dharamvir Bharti ki rachna ke is last bhag ne bahut rulaya kafi din baad itna roya huu😢😢😢😢
मुझे लगता है कि प्रेम प्रसंग पर धर्मवीर भारती जी का यह उपन्यास बहुत ही मार्मिक है और आप की प्रस्तुति ने इसे और मार्मिक बना दिया बहुत ही व्यवहारिक प्रस्तुति है आपकी
बहुत पीड़ादायक उपन्यास था,,,, आपका बहुत बहुत आभार हम तक पहुंचाने के लिए 🙏अगर सम्भव हो तो "जैनेन्द्र कुमार की सुनीता " लाइए 😊एक बार फिर से आपको बहुत बहुत धन्यवाद और धर्मवीर भारती सर को कोटि कोटि नमन 🙏🙏
Thank you so much mam , hum koshish karenge 'sunita' kahaani ko padhne ki , tab tak aap baqi ki kahaaniya bhi sun sakte h , 😇, jude rahiyega channel se 🙏
आँखें भर आई इतना दर्दनाक अंत देख कर, मन जैसे बोहोत भारी हो गया हो , काश सुधा और चंदर कभी बिछड़ते ही नहीं 🥺 ये मेरा पहला हिंदी उपन्यास था , शुक्रिया sir इतनी खूबसूरत प्रस्तुति का ।
Aisa upannyas na kabhi koi likh paya hai na likh paega Pranam hai DHARAMVEER BHARTI JI ko Or shukriya ada krta hu is TH-camR ka jinhone aise represent kri ye kahani is life me aisi kahani sun paya is liye in logo ko dil se dhanyawad deta hu😌🥺❤
भारती साहब आपकी सुधा, आपकी बिनती और आपका चन्दर, आपकी कल्पनिक रचनाओं की दुनिया, मेरे मन में जीवंत हो गईं हैं, आपका गुनाहों का देवता, इस जगत में अमर हो चला है,, हर एक भाग सुनके, मन में बहुत पीड़ा और दर्द हुआ, हर बखत चित्रण सामने घूमता रहता है😊❤❤
मन उदास हो गया है नींद नहीं आ रही हैं आसूं बहते ही जा रहे हैं अब चंदर,सुधा,विनती,और पम्मी जैसे किरदार न मिले सुधा का प्यार को भूल नहीं पाऊंगा उसका बलिदान, ❤❤ काश की तुम जिंदा होती और चंदर तुम्हारे पास होता ❤❤😢 अगले जीवन में तुम दोनो मिलेगी ❤
Mai matr 22 saal ka hu . Mujhe aaj tak kabhi bhi prem nahi hua n hi koe mahila mitr hai aor es kahani k baad mai nirnay le pa raha hu ki saadi se pahle pyar nahi karna hi thik hai..... Aap ko bahut bahut Dhanyavaad es prastuti ke liye 🙏🙏🙏
Sach main aapki awaz aur apne ish kahani main shuru se le kr ant tak jaan dala hua tha.... Aisa ant maine socha nhi tha sach main bohot umda kahani thi ye jise main bachpan se sunta aa rha tha but kbhi itne dhyan se pdh aur sun nhi paya tha... Apka bohot bohot dhanyawad..
Yeh Humare desh ke aise sahitya hai,Jinhe Aaj ki generation ko koi lena dena nahin.Lekin aap jaise log aise sahitya ko jeevit rakhenge,aur logon ko tyag Prem ki asal paribhasha se parichit karayenge.Saadhuvaad,Nishabd..💐💐💐🙏🙏🙏🙏
Jab tak aap jaise pathak hai tab tak ye kahaaniya marengi nahi 👍🙏 Keep Supporting 😁
Maaf kijiyega jawab de rha hu 🙏🙏
Aap aisa nhi keh sakte mai 18 saal ka hu aur mai suna pura
Maf kijiyega lekin apki e bat galat h me 20 sal ki hu or kai books padh chuki hu or mere sabhi dost bhi pdhte hain
Aaj ki generation ka lena dena he tabhi to purii kahani suni
Sahi kaha bhai ab ki generation ko koi matlab hi nhi wo to sab reel me busy hain😢
Ek aawaz ne anek charitron ko jeevant kar diya , hridaysparshi karun kahani
Bohot bohot dhanyawaad aapka , share zaroor kijiyega 🤗 hum aise hi aapke liye aage bhi kahaaniya laate rahenge 🙏
मैं इस कहानी को सुनते सुनते सो जाता हूं लेकिन आज नींद नहीं आई।
मुझे रोए हुए एक अरसा हो गया लेकिन इस कहानी का अंत सुनकर मेरी आंखें भर आई 🥺🥺
आपकी आवाज में ये कहानी जीवंत रूप ले लेती है और मैं इसके हर भाग को जीने लगता हूं।
धन्यवाद 🙏
Glad you liked it keep supporting 🙏🤗
दु:खान्त उपन्यास के प्रायः: अधिकतर एपीसोड में बहुत ही मार्मिक कहानी है, उपन्यास में चरम आत्मीयता है। सुधा सबको रूलाते हुए नश्वर देह को त्याग कर भौतिक जगत से विदा हुई। नाटकीय स्वर, श्रोताओं पर अपना असर छोड़ गया।
Ye mai pehla upanyas suna hu aur aisa lgta tha ki ye kabhi khatam hi na ho aur iska ant bahut hi hriday vidarak tha. Aapne bahut achhi tarah se sunaya dhanyawad ❤❤
🙏
आपका वाचन, इतना जीवंत है की मैं इयरफोन लगा कर आंखे बंद करके सुनता हूं तो यूं लगता है जैसे कोई चल- चित्र चल रहा हो... सारे पात्र नजर आने लगते हैं, वहां जो कुछ हो रहा है, सब अनुभव होने लगता है..!
बहुत खूब..❤
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏😇, और भी कहानी सुनियेगा अगर आपको अच्छा लगे 😁
@@sunokahaani4423जी जरूर सुनूंगा...🥰
🙏😇
भाई कितना कठोर हृदय के साथ लेखक ने लिखा होगा। इस कहानी की शुरुवात जितनी सुखमय हुई थी उतना ही दर्दनाक(पीड़ादायक)खत्म हुआ
इक झकझोर देने वाली अदभुत कहानी का
अंत हुआ ❤
आपकी आवाज इस कहानी मे जान
जान फुक दी है
🙂thanks🌹
Thanks for sharing your view 😇🙏, lagta h aapne ek hi din mein puri sun daali 😅
कहानी के अत तक पहुँचते- पहुँचते पता नहीं कितनी ही बार आखें नम हो गयी😢😢
Kahaani hi aisi h sir 🙏🙂
Un sabke liye bhot respect hai jinhone ye upannyas suna pura 😢😢 .....
🙏😊
Maine ye upnyaas pura padh liya 😢
@@NehaKumari-tk6yb isse achhi story hm life me kabhi or nhi sun paenge master peice h ye 😔 kuchh din tak ub mind me yahi chalegi tumhare bhi
@@YADAV.74 han bilkul sahi bol rahe hai aap
@@NehaKumari-tk6yb hmm🫠
धर्मवीर भारती जी को कोटि कोटि नमन, निःशब्द हूं सुधा और चंदर की पवित्र प्रेम का ऐसा मार्मिक अंत देखकर🌺आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद सर साहित्य को अपनी आवाज के माध्यम से इतना सम्मान देने के लिए , योगदान देने के लिए🙏🙏 सर पुनर्नवा का वाचन भी करिए, आज्ञा नहीं अनुरोध है🙏 धन्यवाद
बहुत-बहुत धन्यवाद 😇🙏, हम जल्दी ही आपके सुझाव पर काम करेंगे 😁
चन्दर और सुधा का रिश्ता प्रेम से कहीं अधिक बढ़कर है। ....😢😢
यह कृति युगों युगों तक याद रखी जाएगी❤❤
🙏❤️ Ji Bilkul
पवित्र सुधा । और गुनाहों का देवता चंदर
इतना भयानक अंत 😢😢 क्या कहना कवि की कल्पना का क्या ये कल्पना थी या जीवन की सच्चाई अगर सचाई है तो बहुत भय से भरी हुई
अभूतपूर्व प्रस्तुति .....महान उपन्यासकार डॉ धर्मवीर भारती की इस कालजयी मार्मिक रचना को सुधि पाठकों तक पहुँचाने के लिए बहुत बहुत आभार....🙏🙏
यह मेरा सौभाग्य है की इसे आप जैसे पाठकों को पहुंचा पा रहा हूं, बहुत बहुत धन्यावाद आपका इस Comment के लिए 🙏😇
Bahut hi sundar Aisa kisi ke sath na ho, bahut hi dardnaak kahani hai
Aksar roti rahti hu.....pr aaj to bahut royi.... bahut jyada...is kahani se ek baat bahut hi clear hui ki hr vyakti shadi jaisi parampara ke liye nhi bana hota, wo alg log hote h unhe sirf man ka, aatma ka hi prem chahiye hota h...aur yadi unhe kisi rishtey me jabardasti baandh dete h to unka ant aisa hi sambhav h....pr log nhi samjhte 😔
🙏❤️
इतना दर्दनाक अंत आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे,
😔🥺🙁
धन्य हैं धर्मवीर भारती जी ❤️🌼
😢
गला भर आया है, आंख में आशु है,मन बेचैन हो रहा है। सच कहूं तो मैं इस कहानी को एक दिन में यानी 24घंटे के अंदर सुन गया।बहुत ही करुणामयी अंत है,अंतिम की पंक्ति "सांप जैसी लहराती गंगा में बहती राख मानो टूट-बिखर गई और गंगा की लहरें फिर शांत हो गई मानो कुछ हुआ ही नही "असल जीवन का सच है।
🙏
Me kal subah se sun rahi hu ab puri hui 2 din me hi sun liya pura raha nhi gya aisi kahini 😢😢
16 jan.2025
ये आज फ़िज़ा खामोश है क्यों,
हर ज़र्रे को आखिर होश है क्यों,
या तुम किसी के हो न सके,
या कोई तुम्हारा हो न सका'
मौजें भी हमारी हो न सकीं,
तूफ़ां भी हमारा हो न सका.
या तुम ही किसी के हो न सके
या कोई तुम्हारा हो न सका.
2025 ki meri pahli book jise mane suna
Bahut karnamay h ye
Hamara samaj etna b berahm Ho sakta h kya 😢😢😢😢
रील या काम वासना की इस दुनिया में सुधा सच्चे प्रेम का परिचय दे गई 😔
Ekdam sahi 😢
मैं अपने जीवन मे नहीं रोया इतना जितना इसे सुनने से रोया हू। आज मुझे पता चला कि प्रेम क्या होता है। आज के युवाओं को प्रेम करने से पहले इसे पड़ना और सुनना चाहिए। जिससे पता चले की प्रेम क्या होता है कवि ने कितनी गहराई से इसे लिखा है। हर व्यक्ति के चरित्र को बदल ने वाला उपन्यास है ये। 🙏🙏🙏🙏😢😢
Kya batau me is kahani ke me bare me apko ye meri bahan ke course me ayi thi par mene isko padha or fir eise Mila apka ye odio ,apke ye odio ne to es kahani ko dimag se dil me utar diya itni khubsurat voice he apki upanyas me char chand lag gaye
Ji bahut bahut dhanyawaad , Glad you liked it 🙏🤗
मेरा नाम सुधा है और इस कहानी में मैंने अपने आप को रखकर देखा है मेरी आँखों के साथ साथ मेरा ह्रदय भी फट रहा था अंत मे ऐसा लगा मानो चंदन की सुधा की नही मानो मेरी मृत्यु हो गयी
कोटि कोटि नमन है धर्मवीर भारती जी को उन्होंने अपने ह्रदय में कितने पत्थर रखे होंगे इस कहानी को पूरा करने में जिसमे महज आंखे नही आत्मा रो देती है🙏😭😭😭😭
आज मैने ये संपूर्ण उपन्यास आपके माध्यम से पूर्ण रूपेण सुना। मै जितना धन्यवाद श्री धर्मवीर भारती जी को देता हूं उससे ज्यादा आपको क्योंकि उन्होंने तो हमे अपनी लेखनी से ये मार्मिक कहानी दी,लेकिन जिस तरह से आपने इसे सुनाया ऐसा लगता है कि सारे पात्र सच में है आपने इस कहानी को अपने स्वतंत्रियों से सुना कर इस उपन्यास को जीवंत कर दिया।
बहुत बहुत धन्यवाद ❤
🙏❤️
आप का धन्यवाद इस उपन्यास को अपनी मधुर आवाज में सुनाने के लिए❤
इत्ता ज्यादा पवित्र प्रेम , जिसे सुनके मन पवित्र हो जाए
🙏😇
Himmat nhi pad rhi thi pura kahni sunne ki aapne bhut achhi aawaj me ise pura kiya Aakhe bhar aaye ye mera phla upanyas tha Etne achhe tarike se aapne Puri upanyas padhi jyse sb aakh k samne chal rha ho 😢
मेरा बड़ा मन था इस किताब को पढ़ने का पर किसी वजह से नहीं पढ़ पा रहा था पर आपने इसे बहुत आसान बनाया और इतने अद्भुत ढंग से प्रस्तुत किया की सारे पात्र जीवित हो उठे
आपका शुक्रिया
🙏😍
मै एक कठोर इंसान हु कोई मुझे रुला नहीं सकता था लेकिन इस उपन्यास ने मेरे आंख को भीगा दिया और मेरे जिंदगी में एक अलग मोड दिया है धर्मवीर भारती जी को शत शत नमन है
____________________~सुनो कहानी ~
😢
🙏❤️
यह मैं पहला उपन्यास सुना, बहुत आहत में हूं 😢 इतना आहत हूं कि शायद अब कोई और उपन्यास पड़ने का साहस ना जुटा पाऊं 🥹🥹
🥲
चंदर, सुधा और विनती, वक्ता ने मेरे मन में सभी पत्रों को मूर्तरूप दिया है अपनी आवाज से हर एक वाक्य को महसूस किया है मैंने ,इसके लिए बहुत धन्यवाद। यह मेरा पहला उपन्यास है बहुत आहत हूं उभरने में कुछ समय लगेगा। शायद अब कोई और उपन्यास पड़ने का साहस ना जुटा पाऊं ।
🙏🥲
आप बहुत मेहनती इंसान हैं , इतने अच्छे से इस प्रेम कहानी को सुनाया😊।बहुत बहुत धन्यवाद।❤❤
धन्यवाद 🙏❤️
इस कहानी को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि धर्मवीर भारती जी इस कलयुग के वाल्मीकि है। जिस प्रकार वाल्मीकि जी ने रामजी के जन्म से पहले ही रामायण लिख दी थी। उसी प्रकार भारती जी ने मेरे जीवन को लिख दिया वो भी मेरे जन्म से पहले। बस रूप अलग है पर कहानी हुबहू है। आपसे सच्चा प्रेम करने वाला मर ही जाता है। मुझसे भी सच्चा प्रेम करने वाला मुझे इस दुनिया में अकेले छोड़ कर चले गए और वो भी साहित्य से बहुत प्रेम करते थे। साहित्य तो जैसे उनकी रगो में बहता था। जिस प्रकार सुधा के आखरी पल थे उसी प्रकार उनके भी आखरी पल ऐसे ही थे वो भी किसी को नहीं पहचान रहे थे पर मुझे पहचाना और मुझे भी जीवन की ऊंचाई पर जाने के लिए कह गए।
✍️🙏
अब कोई भी उपन्यास सुनने की हिम्मत नहीं सर , बस भी करिए और कितना दर्द देंगे 😭😭😭😭 इतना दर्दनाक अंत। अफसोस। सुधा ने एक जगह कहां था कि मै रोई थी इनके आगे हाथ जोड़ी थी कि मैं कमजोर हूं लेकिन इन्होंने मेरी एक नहीं सुनी बस अपनी मनमानी करते रहे। इस लाइन को सुनकर कलेज सुन्न हो गया, बहुत दर्द है इस लाइन में। इतनी दर्दनाक मौत 😥😥😥😥😥😥😥😥😥😓😓😓😓😓।
Dharmvir Bharati ke iss novel ke liye unse koti koti pradam
यह एक अद्वितीय उपन्यास है। कोई भी व्यक्ति बिना भावुक हुए इसे पूर्ण नहीं सुन सकता।इससे प्रेम की एक नई परिभाषा को जन्म दिया है। लेखक के चरणों में मेरा कोटि कोटि नमन। आपकी आवाज ने इस उपन्यास को अत्यन्त प्रभावशाली बना दिया। धन्यवाद
Shukriya ❤️☺️
पूरे जीवन में कहानी एक लिखो,
लेकिन नेक लिखो,
जो युगों युगों तक चलता रहे और कभी पुरानी ना हो, जैसे कि वह अजर और अमर हो गया हो।
धर्मवीर भारती जी को नमन 🙏🙏
ये दर्द भरी कहानी ने तो एक अलग ही अपनी दुनियां में ले गया जहां से निकलना मुश्किल हो गया 🥹🥹😭🥹😭 ये कहानी सुन कर हम सम्भल नहीं पा रहे हैं पता नहीं कितना साहस और हृदय में दर्द लिए ये कहानी लिखी गई होगी..🥹🥹🥹 नमन है ऐसे कलाकार (श्री धर्मवीर भारती सर)
को...🙏🥹🥹🥹
धन्यवाद ये कविता बोलकर सुनाने के लिए आखिर आपने भी अपने हृदय में साहस को इक्कठा और दर्द को सहा होगा.....🙏🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹🥹
🙏🙂
Dil ko chu gayi mujhe to rona aa gaya
इस कहानी ने मेरे जीवन के ऊपर क्या प्रभाव डाला है मै नही कह सकता इस से अच्छा उपन्यास कोई नही लिख सकता इस कहानी को लोग युगों युगों तक याद रखेंगे सुधा इस सृष्टि के अंत के बाद भी अमर रहेगी सुधा और चंदर की कहानी हमेशा लोगो के दिलो मै जिंदा रहेगी
धन्यवाद आपका 🙏
मेरा हृदय कांप उठा।😢सब सुना सुना लग रहा ha😢
नमस्कार..
आज यह कहानी मेने तीसरे दिन पूर्ण की है यकीन मानिए पिछले दो दिन से मेरे जहन में इस कहानी को पूर्ण करने करने का जैसे जुनून सा हो गया, यह कहानी पूरी तरह से हम सब के जीवन से कहीं न कहीं मिलती जरूर है। कई बार किसी भी चीज की कमी या फिर हमारे कुछ ऐसे फैसले जो हमने दूसरे की खुशी के लिए हो या कुछ ऐसा जो हम कभी कह ही नहीं पाए हो यह सब हमारे संपूर्ण व्यवहार ओर जीवन को तहस- नहस कर देता है।
कहानी सुन के दिल एक दम भर सा आया कुछ देर मानो आस पास की चीजे बोलने लगी । जैसे सब सुधा को पुकार रहीं हो । बहुत देर तक किसी से बात करने को मन नहीं हुआ एक अजीब सी पीड़ा अंदर ही अंदर होने लगी ।
😢
🙏
धर्मवीर भारती जी की इस रचना के लिए उन्हें कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻🌼।
शुरू से अंत तक इस उपन्यास को सुनते हुए मन में कहीं प्रकार की भावनाएं आई ।
प्रारंभ के भागों में यह मन सुधा की चंचलता मैं डूब सा गया ।
सुधा के व्यक्तित्व ने मुझे एक नया आयाम दिया है।
धन्य हो 🙏🏻🙇🏻🌸
🙏❤️
इतना दर्दनाक और पीड़ामय अंत की आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे!😢😭😭😭
🥺😔
@@sunokahaani4423❤❤❤
Ha😢
😂😂
🤦🤦🤦😭😭😭😭
पूरे 22 भाग सुन लिए... पर शब्द नहीं हैं क्या कहूँ 🥲🥲
Moral of the story: वर्तमान में जिए ओर जो भी आज हमारे पास है उसकी कदर करे।अपने अपनो को वक्त दे उनको जरूरत पड़ने पर उनका साथ दे 😊 और हस्ते मुस्कुराते हुए जी भर कर जिंदगी जिए।लोगो के चक्कर मे आकर महान बनने की कोशिश न करे । नही तो अंत में सब कुछ छूट जाता है और सिर्फ हाथो पस्ताबा ही रहता हैं।🙏🙏 नमन है धर्मवीर भारती जी की कलम को
🙏❤️
Shi bat hai
Bhai ji bahut bahut shukriya aapka bahut pyari h ye kahani
Sabka to pata nhi lekin kuch log hai jo ese bahut hi gambhirta se sun rhe hai 🙏
हर पात्र एक उच्च स्थान रखता है इस उपन्यास मे, मेरा बहुत मन था इसको पढ़ने का 🙏
🙏😇
अब मैं चौसठ का हूं उन्तालीस साल पहले उपन्यास पढ़ा था तो खूब रोया था,पर इतनी मनोरम प्रस्तुति और भावपूर्ण संगीत के पश्चात भी मनोभाव कहानी के सभी पात्रों का नृशंस विष्लेषण करता रहा और सभी नारी पात्रों को तो श्रृद्धा का पात्र पा रहा है पर चंदर कितना भी बहाना कर ले उसे निहायत अपने को महान के और स्वार्थी सिद्ध करने वाले से ज्यादा नहीं मान पा रहा है ,वाह रे पुरुष अपनी पिपासा पूर्ण करने के लिए और महान सिद्ध करने के लिए तीन-तीन नारियों का सर्वनाश 😢😢
Ek dum sateek baat likhi h sir aapne 🙏
2 नारिया तो फिर भी जीवन में व्यस्त हो गई किंतु सुदा के साथ तो बहुत ही गलत हुआ उसको तो मौत दे दी गई
रोने पर मजबूर कर दिया 😭😭
यह मेरा पहला उपन्यास है जब मैने इस उपन्यास को पड़ना शुरु किया आपने अपनी भाषा से इस उपन्यास के किरदार जीवित कर दिये कि मुझे आज रोना आ गया 😢😞 मै दिल की अंनत गहराइयों से धर्मवीर भारती जी का और आपका आभार प्रकट करता हूँ मेरे पास शब्द नहीं और कुछ बोलने के लिए धन्यवाद 🙏।
Thank you so much 🙏
@@sunokahaani4423Bhaiya or story and novel ko released karo plz
Puri kahani sun li ik din me dil bhar aaya❤😭
आप को बारम बार प्रणाम क्या प्रस्तुति दी आप ने पूरे शरीर महसूस कर रहा था इस व्यथा को । धन्य हैं धर्मवीर भारतीय जी की ऐसी रचना इस दुनिया को समर्पित किया ।
🙏
Sir आपके इस ऑडियो क्लिप से हमने पुरे 22 भाग सुने और , इतनी बढ़िया आपकी आवाज जैसे हम खुद इस कहानी के पात्र है, ये कहानी भले आज से कई वर्षो पहले की है लेकिन आपकी आवाज ने इस कहानी को वापस जिंदा कर दिया , बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
🙏❤️
सुधा के ऐसे प्रेम पर मैं निःशब्द हूँ 🙏🙏🙏🙏😭😭😭
😢एक जबरदस्ती की शादी एक लड़की को क्या से क्या बना दिया , एक हंसमुख लड़की हमेशा के लिए निः श्वास हो गई...
कितने निश्चल प्रेम की कल्पना है सुधा । उसका प्रेम कितना पवित्र है। काश इसका अंत सुखद होता । काश बीच में सुधा और चन्दर अपना प्यार स्वीकार कर एक दूसरे के हो जाते ।
मेरे आशु रुकने का नाम नहीं ले रहे । मैं ऐसे कहानी से बहुत डरती हूँ जिसका अंत इतना भयावह हो , पता होता तो मैं इसे पूरा सुनती ही नहीं । ऐसी कहानियां मेरे दैनिक जीवन पर असर डालती है।❤
To be honest I didn't like Chandar.. Usne jin wajahon se Sudha ke pyaar ko nhi apnaaya whi fir usne Binti ke liye kar liya.. Sudha ki is haalat ka jimmedaar bahut had tak chandar hi tha
@@AadhyaMishra-ot1ck exactly... 💯% agreed
तुम ब्राह्मण कन्या हो _
तुम्हें इस प्रकार की कहानियों को नहीं सुनना चाहिए जिसमें एक ब्राह्मण बालिका का हिन्दू धर्म के अन्य जाति के लड़के से प्रेम करने के प्रसंग का वर्णन हो ।
_
_
ये कहानी हम लोगों को पढ़ना चाहिए जो ब्राह्मण या क्षत्रिय नहीं हैं
यानि अन्य जातियों के हिंदू
क्योंकि हम लोगों में जाति का बंधन नहीं है क्षमा त्रिपाठी
हम मात्र हिन्दू हैं
अतः मत पढ़ो इस कायस्थ धर्मवीर भारती की रचना को
@@AadhyaMishra-ot1ck hummko to gussa aa rha chandar par suddha k jaan lene ke baad wo Zinda kaise h agar usne sachmuch pyaar kiya tha usko apna galti mahsus hua bhi ya nhi
Same yaar
Bhut bhut dhanyawad aur pyar.....aisi prastuti me dubone ke liye❤
इस कहानी के वाचनकर्ता को मेरा अनंत हृदय से धन्यवाद आपने जो जान कहानी के पात्रों में डाली वो बिलकुल यथार्थ थी ।
कहानी में मुझे मूल अर्थ यही दिखा कि
चंदर तुम समझ ही नही पाए सुधा के प्रेम को कभी और वो तुम्हे देवता का दर्जा दे कर चली गई कितनी व्यथित घटना है यह की तुम्हारा व्यक्तित्व कितना कमजोर था जो एक पल नही लेता था परिवर्तन में और एक सुधा जो अटल व्यक्तित्व की प्रतिमा जैसे तुममें कोई दाग़ नही हो सकता ...
पुरुष अपने अहम में कितना अंधा हो जाता है और एक स्त्री को कलंकित करने में लग जाता है छी चंदर न तुम इस प्रेम को समझ सके और न कैलाश और न ही डॉक्टर साहब
🙏
शायद उपन्यास का शीर्षक इसी वजह से पूर्णरूपेण यथोचित है
अद्भुत प्रस्तुति रही मैने ऑडियो बुक पहली बार सुन रहा था बहुत मन था इस कहानी को पढ़ने का पर आपके कहने का तरीका जिसे मानो कहानी नहीं बल्कि पूरा। फिल्म सामने चल रहा हो इतनी मार्मिक थी ये की मेरे आंसु वश में न रहा ये कहानी मेरे दिल की गहराइयों में समा। गया ,
कहानी का सबसे सुंदर पात्र का कहानी में न होना सचमुच इसको बड़ा मार्मिक बनाता है, इसकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है
🙏
प्रेम में सबसे अधिक लड़की को ही सहना पड़ता है, क्योंकि उसका ब्याह हो जाए तो भी वो कुछ भूल नहीं पाती, ये उपन्यास जैसे दिल में तुफान मचा दिया, बहुत बेचैनी हो रही है, आँखों से आंसु अपने आप बहने लगे है सुधा की खिलखिलाहट और दुख की चीखें अब तक खानों में झनक रही हैं , और सोचने पर मजबूर कर रही है कि इतना निस्वार्थ प्रेम कैसे अधूरा रह सकता है सुधा कैसे अपने सामने चंदर को किसी और का होते हुए देखी होगी मैं ऐसी कहानी कभी नहीं लिख पाऊंगी जिसका अंत इतना भयानक हो💔
Jivan me pahali bar kisi upanyaas ko suna sach me bahut bhaook ho gaya😢😢😢😢
शुरुआत से लेकर अंत तक ना केवल किरदारों की भावनाएं बल्कि परिस्थिति भी अच्छे से महसूश करवाई इतना ही नहीं आस पास का वातावरण, ओर जगह का वर्णन किया है वो भी काफी अच्छा था
लेकिन कहानी का अंत दर्द भरा हुआ आंखों से आशु आ गए
सुधा का सच्चा, निश्छल, कामवासना से रहित प्यार सच में भावुक कर देता था
काफ़ी मार्मिक
क्या प्रेम ऐसा भी हो सकता है!
खुद को नहीं रोक पाए रोने से.... कोई भी नहीं रोक पाएगा.......
🥺
बहुत ही दुखद अंत है मैने यह उपन्यास कल ही पूरा पढ़ा है।बहुत ही सराहनीय उपन्यास है😢😢😢😢
🙏
बहुत ही भावुक प्रेम कहानी.....😢
आपका कोटि कोटि साधुवाद। "गुनाहों का देवता" जैसी अमृत कष्टदायी रचना से जीवन जीने योग्य जान पडता है। केवल एक अनुरोध है बस ऐसे ही हीन्दी साहित्य के महान रचनाओं को अपनी कंचन वाणी से बनाए रखिएगा। प्रवाह रुकने न दीजिएगा हृदय के मध्य से कह रहा हूँ। और कोई मेरे योग्य सहायता हो तो सदैव सहयोग देने का प्रयास रहेगा। ♥
बहुत-बहुत आभार, प्रयास ज़ारी रहेगा इसी प्रकार बस आपलोग अपनी कृपादृष्टि बनाए रखिए 🙏😇❤️
धन्य है बिनती का किरदार जिसने सुधा की राख को अपनी मांग में सजा लिया
ऐसी कहानी दोबारा कभी नहीं लिखी जा सकती, क्या आप 'कुल्हड़ भर इश्क' सुना सकते हैं
ji sir aisi kahaani dubara nahi likhi jaa sakti ...........sir kulhad bhar ishq pe copyright ka issue aa jayega is wajh se sunana mushkil hai .......but bhavishya kisne dekha hai
A huge respect to you sir.. 👏 Maine ye kitaab bhi padhi hai aur ab aapse sunne ke baad aisa lga ki maano ab ja kr kitaab puri hui.. Aaj is kitaab ka antim padaav sun kar na jane kitni baar rona aa raha hai...😢🙏
🙏❤️
आप ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से इसे प्रस्तुत किया मेरा मन इस कहानी के दुखद अंत के साथ दुखित भी हुआ और आंखे नम भी हो गई और आप की आवाज ने इसे और भी हृदयस्पर्शी बना दिया ।
दिल की अनंत गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद ❤।
बहुत-बहुत आभार आपका इस प्रशंसा के लिए 🙏 Monday से गोदान डालने जा रहे हैं उम्मीद करत हु के वो भी आपको पसंद आए 😇
अमर प्रेम की अमर कहानी l❤️
Sudha chandar
💞🫂
Kisi ne shi kha tha ek achha vkta apni aawaj se kahani maine jiv dal deta h apki aawaj bilkul vaisi h Thankyou sir 😊
Are sir dhanyawaad 🙏☺️
पूरा उपन्यास सुना बहुत ही मार्मिक संवेदनशील अकल्पनीय अदभुत पता नहीं कैसे धर्मवीर जी ने लिखा होगा अपने जज्बात रोक के
वैसे में बहुत भावुक नहीं हु फिर भी कई बार कहानी में ऐसा खो गया कि लगा इस समय की आधुनिक इलाज से सुधा का इलाज करा दे ये भूल गया कि ये सिर्फ एक कहानी है।
यही लेखक और सुनाने वाले की विजय है।
एक बार पुनः अदभुत अविस्मरणीय लाजवाब और क्या कहे निशब्द हू।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏❤️
पता नहीं ये msg जिसने record किया उसको मिलेंगे की नही But Thank You कहानी बहुत खूबसूरत ढंग से कही और धर्मवीर भारती जी को भी कितने सालों पहले उन्होंने प्रेम का अंत वहीं लिखा जो आज भी है
आपका बहुत बहुत धन्यवाद इस सराहना के लिए 🙏❤️ Keep Listening
धर्मवीर भारती जी की इस कृति और आपकी भावनात्मक आवाज के सलंग्न से रोते रोते भावुक होते अंतिम पड़ाव पर पहुंचने के बाद मुझे ऐसा क्यों एहसास हो रहा है की मेरे अंदर कुछ बदलाव हुए हैं। और एक अलग तरह की रुचि जाग उठी हैं उपन्यासों के प्रति।
श्रीमान जी आपका बहुत बहुत आभार क्योंकि इस नए रुचि को आपके साथ मिलकर आपके मुंहजबानी हमको अब बहुत सारी कृतियां सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏❤️
मैंने ये पूरी कहानी आपके Spotify पर सुनी वैसे तो मैं बहुत कठोर स्वभाव का हूं, लेकिन ये कहानी सुनते-सुनते कई बार मेरी आंखों में आंसू आ गए और मैं रोने पडा😢😢😢
मेरे जीवन में भी एक सुधा है और स्थिति भी कुछ ऐसी सी ही है लेकिन मैं अपनी सारी नैतिकता ताक पर रखकर अपनी सुधा को अलग नहीं होने दूँगा।
तहे दिल से आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙂
आभार 🙏😍
Me too
ये मेरा पहला उपन्यास है जो मैने सुना और पढ़ा।
भारती जी की कला और आपकी आवाज ने शायद मुझे उपन्यास और किताबें पढ़ने और सुनने का पाबंद कर दिया
🙏❤️
जिंदगी में पहले से मौजूद बहुत दुखो के बीच इस उपन्यास ने और दुखी कर दिया, हम जैसे पाठक जो हैप्पी एंडिंग की तलाश में रहते है उनके लिए ये बहुत हृदयविदारक है! पता नहीं क्यों मुझे लगता है अगर में इस अनुपम काव्य कृति को पढ़ने से वँचित रह जाता तो ज्यादा बढ़िया रहता शायद!!😢😢
Roj mai ek ek part sunkar ise sota tha aur sochta tha ki kl kya hoga aur kitna emotional karegi ye story'..
Bt aaj last episode suna to iss Prem kahani ne rula hi diya..😢
रात के 3 बजाकर 50 मिनट हो रहे हैं,,,,,अखरी भाग सुनकर मन भर गया,,,एक बात मन का झकझोर कर रही ,,हमने तो सिर्फ कहानी सुनी,,,,जो ऐसे जीते हैं उनका क्या हाल होगा,,,,,,,😢
🥺
aaj kahani puri hui, sudha ae sudhi , tum devi ho , tum mahaan ho , pyaar ki is jung m tum amar hogyi ,.. aankho m aansu h par ghrwalo k samne ro nhi skti..... aapki aawaj m bohot shakti h aisa lgta h mera hi ek swaroop h sudhaa. me hi hu sudha . kuch dino se mn khi nhi lg rha tha aisa lgta tha kaisi hogi sudha kya hua hoga last me,...... aaj dukh huaa bht dukh,, likhne or kahani sunanae wale ko mera pranaam... binti ek sahara hai prem ka sahara jo bina kisi swaarth ke prem deti hai .
🙏❤️
I Have a Humble request to you guys please dont ever stop uploading the videos , i cant tell my feelings for this series , though we are listeners but i am thinking about you who have narrated this serie it would have been tough for you too , Thanks for this series , waiting for your next series 🙏
Yes we will upload more series soon....Please keep your support also for other videos🙏🙂
Roz rat ko sote sote ise sun rhe the or sundha chandar binti gesu ye sab jese bahut apne lgne lge yaha tak ki chat ke vo khat vo angan vo choka vo Ghar bhi ...ye upanyas jaha sudha ki natkhat bato se shuru hua vahi dil todkar sudha ki mrityu ke sath samapt hua...Dil jese yahi jam gya h
Aj lga is kahni ka ktam hota hi bahot kuch ktam ho gya
🥺🙏
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई
कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए...❤️🩹🥺
वो आत्मा चली गई और उस देवदूत को पत्थर बना गई🥹
Maine aaj tk koi upanyash nhi padha na suna first time poora upanyash suna ye apki awaz ne aur mahan dharamvir Bharti ki rachna ke is last bhag ne bahut rulaya kafi din baad itna roya huu😢😢😢😢
मुझे लगता है कि प्रेम प्रसंग पर धर्मवीर भारती जी का यह उपन्यास बहुत ही मार्मिक है और आप की प्रस्तुति ने इसे और मार्मिक बना दिया
बहुत ही व्यवहारिक प्रस्तुति है आपकी
🙏❤️ Ji bohot bohot dhanyawaad
बहुत पीड़ादायक उपन्यास था,,,, आपका बहुत बहुत आभार हम तक पहुंचाने के लिए 🙏अगर सम्भव हो तो "जैनेन्द्र कुमार की सुनीता " लाइए 😊एक बार फिर से आपको बहुत बहुत धन्यवाद और धर्मवीर भारती सर को कोटि कोटि नमन 🙏🙏
Thank you so much mam , hum koshish karenge 'sunita' kahaani ko padhne ki , tab tak aap baqi ki kahaaniya bhi sun sakte h , 😇, jude rahiyega channel se 🙏
@@sunokahaani4423 हम प्रतिक्षा करेंगे 🙏
🙏
आँखें भर आई इतना दर्दनाक अंत देख कर, मन जैसे बोहोत भारी हो गया हो , काश सुधा और चंदर कभी बिछड़ते ही नहीं 🥺
ये मेरा पहला हिंदी उपन्यास था , शुक्रिया sir इतनी खूबसूरत प्रस्तुति का ।
🙏❤️
काश इस कहानी का अंत इतना दर्दनाक नहीं होता 😢
Aisa upannyas na kabhi koi likh paya hai na likh paega
Pranam hai DHARAMVEER BHARTI JI ko
Or shukriya ada krta hu is TH-camR ka jinhone aise represent kri ye kahani is life me aisi kahani sun paya is liye in logo ko dil se dhanyawad deta hu😌🥺❤
🙏❤️
भारती साहब आपकी सुधा, आपकी बिनती और आपका चन्दर, आपकी कल्पनिक रचनाओं की दुनिया, मेरे मन में जीवंत हो गईं हैं, आपका गुनाहों का देवता, इस जगत में अमर हो चला है,,
हर एक भाग सुनके, मन में बहुत पीड़ा और दर्द हुआ, हर बखत चित्रण सामने घूमता रहता है😊❤❤
इतना रो रहा हु सुनते सुनते की आंसू नहीं रुक रहे है । 😭 😭
मन उदास हो गया है नींद नहीं आ रही हैं आसूं बहते ही जा रहे हैं अब चंदर,सुधा,विनती,और पम्मी जैसे किरदार न मिले सुधा का प्यार को भूल नहीं पाऊंगा उसका बलिदान, ❤❤ काश की तुम जिंदा होती और चंदर तुम्हारे पास होता ❤❤😢 अगले जीवन में तुम दोनो मिलेगी ❤
माननीय धर्मवीर भारती जी के लेखन को और आपके कहानीवक्तव्य को सत सत नमन 🙏🙏🙏🙏
Shukriya ❤️
Mai matr 22 saal ka hu . Mujhe aaj tak kabhi bhi prem nahi hua n hi koe mahila mitr hai aor es kahani k baad mai nirnay le pa raha hu ki saadi se pahle pyar nahi karna hi thik hai.....
Aap ko bahut bahut Dhanyavaad es prastuti ke liye 🙏🙏🙏
Shukriya sunne ke liye
Sach main aapki awaz aur apne ish kahani main shuru se le kr ant tak jaan dala hua tha.... Aisa ant maine socha nhi tha sach main bohot umda kahani thi ye jise main bachpan se sunta aa rha tha but kbhi itne dhyan se pdh aur sun nhi paya tha...
Apka bohot bohot dhanyawad..
🙏❤️
दिल को छू गयी ये कहानी 😢😢😢 ये है सच्चा प्रेम
आपने just suna हैं क्या ?
Waah ji waah bahut hi sunder lajawaab aur adbhut prastuti
Aap ki kahani sunane ka andaaj nischit hi kabile taarif hai
Thank you so much 🙏😁