कम से कम भारत में तो ऐसा महान साहित्यकार मैंने कोई नही सुना व पढ़ा जिसने गरीबों, मज़लूमों, की ज़िंदगी को इतने संवेदनशील तरीके से छुआ तो और शक्तिशाली लोगों को इसका अहसास करवाया हो।मुंशी प्रेम चंद्र अपने को इस दुनियां में अमर कर गए।
मैं मंत्र कहानी को कक्षा 9 में पढ़ा था दिल को छू जाने वाली कहानी है और मैं अपने उस गुरू जी को आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस मर्मस्पर्शी कहानी को बहुत अच्छी तरह से समझाए थे
@@PradeepKumar-xm7ln एक बार मेरा क्या एंड्रॉयड फोन खराब हो गया वह मैं नहीं रहना चाहता था लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे और मेरे पास एक छोटा सा नोकिया फोन था उसमें सिर्फ एक्चुअली दो मैंने 2 महीने सिर्फ मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां पढ़ पढ़ कर खुशी से निकाल दिया बहुत सारी महत्वपूर्ण कहानियां थी नैराश्य लीला,मंत्र ,शुद्र ,नमक का दरोगा, बहुत सारे महत्वपूर्ण कहानियां मैं कोई बॉलीवुड हॉलीवुड मूवी देखने से बोरिंग होता हूं लेकिन वही कहानियां पढ़ लूंगा तो मुझे बड़ा आनंद और अच्छा लगता है और भाई तुम्हारे कहने से मैं नहीं रहने वाला हूं एक्चुअली वह कहानियां समाज की कुरीतियों और बुराई के बारे में हमें महसूस कराती है और उस कल्पना में हम खो जाते हैं इसलिए मेरी रोमांचकारी 🙏🙏🙏
आज से 14 वर्ष पहले मैं 9वीं कक्षा के हिंदी गद्य संकलन में पढ़ा था,कहानी वीडियो से ज्यादा अच्छा इस कहानी को मुंशी प्रेमचंद अपनी लेखनी के द्वारा बहुत मार्मिक ढंग से सजाया है, नमन करता हूं " प्रेमचंद जी "को
नमस्ते , प्रेमचंद की इस कहानी को करीब 25 साल पहले हिन्दी की किताब गद्य संकलन में पढ़ा था। आज इस कहानी का सजीव नाट्य रूपांतर देखकर दिल भर आया। सचमुच यह इंसानियत को समुचित ढंग से उजागर करती है। एक गरीब मरीज पैसे के अभाव में अपने बच्चे का समुचित इलाज नहीं करवा पाता। नतीजा हारकर भगवान भरोसे अपने को छोड़ देता है। आज भी अस्पतालों में अगर किसी गरीब के परिजन की मौत हो जाती है तो अस्पताल स्टाफ लाश को पैसे लिए बिना नहीं जाने देते। कई मरीज तो समुचित इलाज उपलब्ध न हो पाने के कारण दम तोड़ देते हैं।
एक आदर्श समाज का बिल्कुल सही आईना दीखाने वाले मुन्सी प्रेमचन्द्र जी।जो गरीब,अमीर, राजा,रंक,फकीर सबके बारे में बिल्कुल सही लिखा है।आप जैसे कोई लेखक न हुआ है ना होगा। आप अपनी कलम से अमर हो गए।आप की जय हो। आलोक कुमार राय मित्तूपुर जहानागंज आजमगढ़ २७६१३१
बेहद शानदार प्रस्तुति। ये कहानी मैंने कई बार पढ़ी है, फिल्मांकन पहली बार देखा। असली भारतीयता की छवि दिखती है भगत में। गरीब भले ही थे लेकिन अंदर का इंसान ज़िन्दा था। अब नए भारत में बिल्कुल उलट गया है सब कुछ।
शतक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो गया, कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने कहानियों के माध्यम से जो इंसान की इंसानियत को उजागर किया गया है, वह शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता । सच में मानवीयता सर्वोपरि है, वह प्रतिशोध लेना नहीं सिखाती। कथा शिल्पी प्रेमचंद को नमन्
Great salute to doordershan for presenting mantra writer. By munsi Prem chendra when I was in class ten then read this story bu today I saw this play verson by sum great a tiors in this play this story n play is very heart tuching and I have tear in my eyes after sowing this great story realy every actior like Baghat doctor kailash. Every one leveing very strongly. Our role in this play maney maney thanks for presenting this play by you tube thanks again
अरे यार, आखें नम हो गयी। इस कहानी को जितनी बार भी पढा,देखा या सुना, मैं अन्दर तक हिल गया। "भगत ऊँचे दर्जे का इन्सान है "। मुन्शी जी को शत-शत नमन। आप सा धरा पर कोई नहीं।
अगर एक या दो या फिर दस बीस पचास रचनाएँ ऐसी होती तो मुंशी प्रेमचंद की बड़ाई मे कोई शब्द निकलता पर यहाँ तो पुरा खजाना है कोई शब्द नही है उनकी प्रसंशा करने के लिए महान है ऐसे लेखक❤❤
मैंने अगर कोई गुरु माना है तो वो सिर्फ मुंसी प्रेमचंद जी हैं और कोई गुरु जी मानने के काबिल नहीं मिला मेरी आयु 62 वर्ष है। इस लिए मैं तो कहता हूँ प्रेम चंद के साहित्य ने मुझे जीना सिखा दिया।
प्रिय मित्र, नि:संदेह मुन्शी जी मानव ह्रदय की गहराईयों के उत्कृष्ट चितेरे थे, गुरूपद योग्य थे लेकिन शायद आपने दुनिया में ढूँढना छोड़ सिर्फ भारत की पावन पुण्य सलिला भूमि पर ही गहराई से खोजा होता तो कश्मीर से कन्याकुमारी और तपते रेतीले राजस्थान से प्रागपुरम् तक अनेकोंनेक महापुरूषों, विदुषियों के विशाल आभामंडल के दिव्य दर्शन अवश्य हो गये होते ! बनारस के घाटों के ही दर्शन कर आते तो निहाल हो जाते ! 🙏
हिन्दी साहित्य के महान उपन्यासकार मुंशी प्रेम चन्द्र , जिसने हिन्दी साहित्य से एम ए किया हो और प्रेम चंद्र जी के प्रति उसे लगाव ना हो उसका जीवन व्यर्थ है। प्रेम चन्द्र जी आप अमर है। आप हमेशा हम जैसे हिन्दी साहित्य प्रेमियो के दिल मे अमर रहोगे।1।
आदरणीय श्री मुन्शी प्रेमचंद की कहानियो को अगर आप ध्यान से सुनिए और आप गांव से जुड़े हैं तो मुन्शी जी की हर कहानी आप के हमारे जीवन में उतर जायेगी मुन्शी जी एक महान कहानीकार और लेखक थे धन्यवाद जय हिन्द जय जवान जय द्वारकाधीश जय भारत
ये कहानी कक्षा 9 में पढ़ा था,, पढ़कर जो मार्मिकता हृदय को अनुभव हुआ था । इस कहानी को देखकर अनुभव नहीं हुआ। शब्दों की अपनी ताकत होती हैं मुंशी प्रेमचंद जी लेखन में।। उन्हें चित्रों और अभिनय में नहीं उकेरा जा सकता है।।
उत्तर प्रदेश बोर्ड के कक्षा 9वीं में ये कहानी थी जिसका नाम मंत्र था, आज 8 साल बाद (2015) विद्यालय की वो यादें ताजा हो गई 🙏🙏🙏 क्या सुनहरे पल थे वो THE GOLDEN TIMES 😎❣️❣️😍😍🥰
@@shraddhagupta7045 SHRADDHA LADDO RANI AB WO SCHOOL LIFE KE PYARE PYARE DIN BAS YAAD BANKAR REH GAYE HAI. KASH EK BAAR BHAGWAAN MUJHE MERI 10-12th WALI SCHOOL LIFE MEIN UNHI SAB DOSTO AUR TEACHERS KE PASS WAPIS PAHUCHA DE. 😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥
बहुत ही अच्छा काम किया है भाई कक्षा नौवीं में पढ़ा था और आज इस कहानी को देखकर आंखों में आंशू आ गये यह कहानी दिल पर एक अमिट छाप छोड़ गयी थी जो आज भी जिन्दा है । डाॅ ॰ चड्ढा और एक गरीब आदमी का जो मार्मिक चित्रण किया है वह कभी भूलकर भी नहीं भूलता। इस कहानी का जो सारतत्व है, जो उद्देश्य है उसे हमें अपने जीवन में लाना चाहिए। जिससे कि जो इंसान और इंसानियत के बीच फासला है उसे समझा जा सके और एक अच्छा इंसान होने का गर्व महसूस करें डॉ चड्ढा की तरह शर्मिन्दगी नहीं। ईश्वर आपकी मदद करे।।🙏🙏
मैंने बचपन में देखा था जो दूरदर्शन में आया करता था पहले के लोग इसे टेलिफिल्म या नाटक भी कहते थे बहुत प्रभावित करता है इसे देखकर बचपन की याद ताजा हो गई इसे फिर से देखा तो गहराई से दिल में उतर गया हर दृश्य को बहुत सुंदर सजाया संवारा से दिखाया गया है ऐसा लग रहा की वास्तविक में इस घटना को घटित होते हुए देख रहा हूं
मुंशी प्रेमचंद जी❤️❤️❤️🙏🙏🙏 आप ही वो महान शख्सियत थे जो गरीब, मजलूम, कर्जदार, अनपढ़, मज़दूर, बुडे,और हर वो चरित्र को दुनिया की चकाचौंध से अनजान था, उस चरित्र को आपने, और सिर्फ आपने ही इज्जत और उस चरित्र की वास्तविक जरूरत दुनिया के सामने पेश की है जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 आप हमेशा पूजनीय रहोगे 🙏🙏
मेरे सबसे प्रेरणादायी उपन्यासकारों/कहानीकारों में सबसे श्रेष्ठ कोई हैं तो वो मुंशी प्रेमचंद ही हैं।आज भी उनकी कहानी या उपन्यास पढ़ता हूं तो अपने आप को भावुक होने से नहीं रोक सकता।🙏🙏
मुंशी प्रेमचंद की कहानियां समाज का एक दर्पण है जिसमें आज भी हू बहू देखने को मिलता है।उनकी कहानियां बहुत ही मार्मिक हैं मै जब भी मुंशी जी की कहानियों को पढ़ता हूं तो अपने आपको रोक नहीं पाता , गला रुक जाता है और रोने लगता हूं।मुंशी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन
मुंशी प्रेमचंद जी पूरी ज़िंदगी आभावों से जूझते रहे इसीलिये उनकी सभी रचनाओं में गरीबों का दुःख दर्द, पग पग पर उनका आहत सम्मान, उसके बावजूद उनकी उज्ज्वल आत्मा हर जगह दिखती है । प्रेमचंद जी की हर रचना कालजयी हैं ।
Munshiji ko kotish naman.. Dekh ke aakho me ashu aa gye . 9vi class me tha Hindi ke.. Sach me hamre desh ka Dil gaav hai aur Hindi to mere gaav ki Aatma hai ..❤❤❤
ग़रीब इसीलिए "ग़रीब" रह जाता है किऊँ की वोह अपनी "आत्मा" की आवाज सुनता है और किसी की आत्मा किसी का भी बुरा नहीं चाहतीं हैं! मन की आदत है "लालच" कराना और हमेंशा दूसरों का बुरा ही सोचना होता है.. इसीलिए जो अपने मन की ख्वाहिशों के अधीन हो कर दिमाग़ लगाते हैं फ़िर वोह अमीर हो जाते कीओंकि उन्होंने अपनी आत्मा की आवाज़ को नहीं सुना और अपने "जमीर" को बेच दिया या फिर मार डाला.... # आत्मा की सच्ची आवाज ही हमारे "जमीर" की आवाज है....
जब मैंतीसरी कक्षा में थी तब मेरी शिक्षिका ने यह कहानी मुझे सुनाई थी। आज मैं26 साल की हो गयी ।और मेरी वह शिक्षिका दो हफ्ते पहले ही भगवान के घर चली गयी। बचपन की वो सीख जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी।।
मेरे गुरु और मेरे पसंदीदा लेखक प्रेमचन्द्र जी उनकी कहानियों को विशेषता यही है की उनकी कहानियां गांव की ओर उन परिस्थिति को दर्शाती है जो कोई और नहीं दर्शा सकता नमन है ऐसे व्यक्ति को ❤
मुंशी प्रेमचंद्र जी मानव जीवन के मार्ग दर्शक हैं।मंत्र कहानी में प्रेमचन्द्र जी ने हमारे समाज का यथार्थ चित्रण किया है कि मंत्र कहानी में मनुष्य की कर्तव्यता सच्ची मानव शुश्रूषा के भाव एवं धन पद से मदान्त तुप्त मनुष्यता के भाव को प्रदर्शित किया है ।
सचमुच बहुत प्यारी प्रस्तुति है धन्यवाद दूरदर्शन 🙏🙏🙏 आदरणीय मुंशी प्रेमचंद जी को सादर नमन बचपन में बहुत बार यही कहानी पढ़े हैं आज नाट्य रूपांतरण देखकर बचपन वाले दिन याद आ गए 😭 वो बचपना, वो माता पिता की डांट फटकार, वो बचपन वाले दिन व खेल खिलौने,सस्ता सच्चा ज़माना इस कहानी ने सब कुछ याद दिला दिया 😭😭 कितने प्यारे दिन थे वो
यकीन मानिये इतनी सुंदर प्रस्तुति आनंद आ गया मानवता का ऐसा उदाहरण मैंने इस कहानी को कम से कम एक हजार बार पढ़ा हैं ऐसी प्रस्तुति देखकर आंनद आया हां थोड़ा जल्दबाजी हुई स्क्रीन प्ले मे वो जो पढ़ने पर ऐसा लगता था की हम स्वयं वही पात्र हो गये वो थोड़ा दर्शा नहीं पाए
मैं जर्मनी में रहता हूँ लेकिन मुंशी प्रेमचंद जी दिल में हैं और रहेंगे मुंशी प्रेमचंद जी की जिंदगी दुखों से भरी हुई थी,लेकिन ईतनी गरीबी में नाम कमाना बहुत ही बडी़ बात है। नमन मुंशी प्रेमचंद जी को
मुंशी प्रेमचंद की कहानियां हर उम्र के व्यक्तियों के लिए रचित हैं।मानस पटल पर इसका प्रभाव कभी समाप्त नहीं होता इनकी रचनाएं दर्शन से भरी हुई है। इतनी आसान भाषा में इतना दर्शन!
डा बिन्न चड्डा जैसे अमानव, हैवान, क्रुर, पत्थर दिल जैसे डा/इंसान आज भी हमारे मानव, समाज में जीवित है जो साक्षात मानवता के दुष्ट है/दुश्मन हैं। कहानी सम्राट जिंदादिल साहित्यकार को ऐसे अमानवों के चरित्र उजागर करने के लिए बहुत बहुत बधाई/शत शत नमन।
मुंसी प्रेमचंद जी की कहनी साक्षात समाज का आईना है , आओ हम सब जंह हैं वही के समाज के लिए कुछ भले करें जितना हो सके मुंसी प्रेमचंद जी को कोटी कोटी प्रणाम
शिक्षित व्यक्ति अपने हक के प्रति ज्यादा जागरूक होते हैं लेकिन वे अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं। ऐसी कहानियों को पढ़कर, देखकर पता चलता है कि क्यों महान हैं मुंशी प्रेमचंद जी।👍
@@sureshPrajapatiJi no it's fact pta nhi kyu... jab me chhota tha tab me ise bar bar apne bde brother ki book me padha karta tha.. I am 35 now abhi bhi padh leta hu bar bar. This story is like nasha for me..
समाज में रहकर समाज की अच्छी बुरी सभी प्रकार की भावनाओं को अपनी कलम की ताकत से उपन्यास व नाटकों का रूप देकर जीवंत कर दिया। ऐसे महान साहित्यकार को शत शत नमन।।
सलाम करता हूँ मैं आपको बाबा 🙏🙏🙏 आप एक कहनी नहीं लिखें है वल्कि आज के पीढ़ियों को जीने कि अपेच्छा दी है आज के कुछ लोग ये नहीं जानते जो आप ने लिखी है कुछ लोग आज भी ऐसे है जैसे कि इस उपन्यास मे ये डॉटकर
मैंने स्कूल समय में इस कहानी को पढ़ा था लेकिन ये मेरे हृदय में इस कदर समाई थी मैं इसको भूल नही सका अभी मैं 67 साल का हू लेकिन अपने बच्चों को ये कहानी दिखाकर उन्हें हृदय में दया भावना रखना सिखाता हू यही जीवन है
Aaj achanak 40 saal baad is kahani ki yaad aayi..jo meine high school me padhi thi...wahi sab smarn ho aaya...bahut hi maarmik..jai ho munshi ji..🌹🌹🙏🌹🌹
बहुत अच्छा लगा । यह कहानी हमारी वर्ग 8 की हिंदी की किताब में पढ़ने को थी तभी बहुत बड़े चाव से पढ़े थे। आज उसी पे ये आधारित स्टोरी बहुत अच्छा लगा। ☺️Thanks U ☺️ Doordarshan
Well, I am 65 and think that M Premchand Ji was not only a best story- writer but also a great psychologist who understood the true narrative of Bharat and inspired her people to uplift their conscience.
बदला अब भी कुछ नही है ज्यादातर डाक्टर आज भी ऐसे ही है .. हमारे यहाँ लोगो को दया रहम मदद खुदा का वासता तब याद आता है जब गर्दन अपनी फंसी हो और छुरी सामने वाले के हाथ में हो ...
Ab doctor paisay se maan jaatay hain 100 k 500 letay Hain pr kartay hai yahi vahht hai aaj k samay haan kuch doctor hai. Jinkay yahan appointment 1/1 saal baad milti hai un doctor's ko sharam aani chahiye
इस कहानी से यही भाव उत्पन्न होता है कि गरीबों के दिल बहुत बड़े होते हैं जो किसी की दौलत नही केवल सम्मान पाने के लिए अपना सब कुछ देने को त्यार हो जाते है
कम से कम भारत में तो ऐसा महान साहित्यकार मैंने कोई नही सुना व पढ़ा जिसने गरीबों, मज़लूमों, की ज़िंदगी को इतने संवेदनशील तरीके से छुआ तो और शक्तिशाली लोगों को इसका अहसास करवाया हो।मुंशी प्रेम चंद्र अपने को इस दुनियां में अमर कर गए।
Murkho. .bharat hi me aise ratna hote h
Q
Lll
मतलब आपने भारतीय साहित्य पढ़ा ही नहीं।आसमान में इतने सितारे नहीं जितने यहां महान साहित्यकार हुए हैं
Dr. Ambedkar kaha gaye
ये कहानी ९ वी में पढ़ा था! आज देख के आंखो में आंसू आ गया!!
प्रेमचंद जी को नमन
मैंने तो 7th में पढ़ी थी..
@@kbpatel1308maine bhi bhai sarkari school mein
मैने भी
8 class me hai
Maine bhi
आज 90 वर्ष बाद भी यकीन नहीं होता कि कोई इंसान इतनी महान रचना कर सकता है। मुंशी प्रेमचंद जी को कोटि कोटि सलाम।🙏
Sacche gyan kaupyogkiya garib, ka dil, bahut, बड़ा होता ही munsi prem, chandki, dil chunebali rachana, koti koti koti naman.
Santosh g jai.shree ram Santosh g jai.shree ram Santosh g pad Santosh ram Santosh g jai.shree ram Santosh
Santosh 30th
l
Sir ye visash dheam ka chatukar tha ek no. Ka kukukukukur tha
मैं मंत्र कहानी को कक्षा 9 में पढ़ा था
दिल को छू जाने वाली कहानी है और मैं अपने उस गुरू जी को आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस मर्मस्पर्शी कहानी को बहुत अच्छी तरह से समझाए थे
कितने महान रहे होंगे मुंशी प्रेमचंद जी जो आज उनकी कहानियों में इतना दर्द झलकता है
कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचन्द जी समाज की कुरीतियों को बहुत ही सुंदर ढंग से अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया कोटि कोटि नमन है ऐसे रचनाकार को
मैंने कई सारी हिंदी फिल्में देखी लेकिन रोना कभी नहीं सीखा और मैंने मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां साहित्य पढ़े तो आंखों में आंसू आ जाते हैं 🙏🙏🙏🙏
चुप हो जा भाई, मत रो।।
@@PradeepKumar-xm7ln एक बार मेरा क्या एंड्रॉयड फोन खराब हो गया वह मैं नहीं रहना चाहता था लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे और मेरे पास एक छोटा सा नोकिया फोन था उसमें सिर्फ एक्चुअली दो मैंने 2 महीने सिर्फ मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां पढ़ पढ़ कर खुशी से निकाल दिया बहुत सारी महत्वपूर्ण कहानियां थी नैराश्य लीला,मंत्र ,शुद्र ,नमक का दरोगा, बहुत सारे महत्वपूर्ण कहानियां मैं कोई बॉलीवुड हॉलीवुड मूवी देखने से बोरिंग होता हूं लेकिन वही कहानियां पढ़ लूंगा तो मुझे बड़ा आनंद और अच्छा लगता है और भाई तुम्हारे कहने से मैं नहीं रहने वाला हूं एक्चुअली वह कहानियां समाज की कुरीतियों और बुराई के बारे में हमें महसूस कराती है और उस कल्पना में हम खो जाते हैं इसलिए मेरी रोमांचकारी 🙏🙏🙏
@@श्रीकृष्णा-न6र क्षमा चाहता हूं दोस्त। वैसे मेरा ह्रदय आप ही की तरह है। सोच समझ और विचार भी मिल रहे हैं।
@@PradeepKumar-xm7ln 🙏🙏🙏🙏🙏
बिल्कुल सही फरमाया
आज से 14 वर्ष पहले मैं 9वीं कक्षा के हिंदी गद्य संकलन में पढ़ा था,कहानी वीडियो से ज्यादा अच्छा इस कहानी को मुंशी प्रेमचंद अपनी लेखनी के द्वारा बहुत मार्मिक ढंग से सजाया है, नमन करता हूं " प्रेमचंद जी "को
मैं भी पढ़ा हूं।दिन में दो बार पढ़ता था।
मैंने भी हाईस्कूल में पढ़ा था दोस्त 👍🤗
नमस्ते , प्रेमचंद की इस कहानी को करीब 25 साल पहले हिन्दी की किताब गद्य संकलन में पढ़ा था। आज इस कहानी का सजीव नाट्य रूपांतर देखकर दिल भर आया। सचमुच यह इंसानियत को समुचित ढंग से उजागर करती है। एक गरीब मरीज पैसे के अभाव में अपने बच्चे का समुचित इलाज नहीं करवा पाता। नतीजा हारकर भगवान भरोसे अपने को छोड़ देता है। आज भी अस्पतालों में अगर किसी गरीब के परिजन की मौत हो जाती है तो अस्पताल स्टाफ लाश को पैसे लिए बिना नहीं जाने देते। कई मरीज तो समुचित इलाज उपलब्ध न हो पाने के कारण दम तोड़ देते हैं।
Or maine 10 seal pehle
7 years ago
5 sal pehle
Sahi kaha apne hum v ye 15 saal pahle padhe the
मैंने भी बहुत साल पहले पड़ा था भाई इस कहानी को
एक आदर्श समाज का बिल्कुल सही आईना दीखाने वाले मुन्सी प्रेमचन्द्र जी।जो गरीब,अमीर, राजा,रंक,फकीर सबके बारे में बिल्कुल सही लिखा है।आप जैसे कोई लेखक न हुआ है ना होगा। आप अपनी कलम से अमर हो गए।आप की जय हो। आलोक कुमार राय मित्तूपुर जहानागंज आजमगढ़ २७६१३१
कभी बचपन में अपनी हिंदी की किताब में पढ़ा था ये कहानी सच में आज वो यादें ताजा हो गई ❤️ बहुत ही खूबसूरत रचना 😊👍
Maine v pdha tha
Class 6 Hindi second chapter
Me too
Mai to 3 class me नैतिक शिक्षा की बुक में 😘
Me to
ऐसे लोगों की वजह से भारत की सनातन सभ्यता परंपरा और महानता बरकरार है
यही इशारा अपनी कलम से किया है मुंशी जी ने
प्रेमचंद की कहानियाँ मार्मिक होने के साथ-साथ हमें जीने के आदर्श की भी शिक्षा देती हैं...
हा सही बोले
मुंसीप्रेमचन्द की कहानी ग्रामीण जीवन की सादगी और ईमानदारी को दर्शाता हैं
बेहद शानदार प्रस्तुति। ये कहानी मैंने कई बार पढ़ी है, फिल्मांकन पहली बार देखा। असली भारतीयता की छवि दिखती है भगत में। गरीब भले ही थे लेकिन अंदर का इंसान ज़िन्दा था। अब नए भारत में बिल्कुल उलट गया है सब कुछ।
मन्त्र कहानी मेरी सबसे पसंदीदा कहानी है।
जब हम 9वीं कक्षा में थे, तब हिंदी में ये कहानी थी।
फिर आज किसका वीडियो देखकर बहुत अच्छा लगा
यह कहानी मैंने एक कक्षा 9 में पड़ी थी आंखों में आंसू आ गए धन्य है महान कवि मुंशी प्रेमचंद
शतक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो गया, कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने कहानियों के माध्यम से जो इंसान की इंसानियत को उजागर किया गया है, वह शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता । सच में मानवीयता सर्वोपरि है, वह प्रतिशोध लेना नहीं सिखाती।
कथा शिल्पी प्रेमचंद को नमन्
b 8144
Exemplary story of samrat munshj premchandji shat shat naman
Aj kahaniyon ke jariye wo aj bhi jinda h...
अहंकारी का कोई भगवान, ईर्ष्यालु का कोई पड़ोसी एवं क्रोधी का कोई मित्र इस दुनियां में नही होता हैं..
राम राम जी💐
मुंशी प्रेमचन्द की कहानियां बहुत ही मार्मिक हृदय को छूने वाली होती है
Great salute to doordershan for presenting mantra writer. By munsi Prem chendra when I was in class ten then read this story bu today I saw this play verson by sum great a tiors in this play this story n play is very heart tuching and I have tear in my eyes after sowing this great story realy every actior like Baghat doctor kailash. Every one leveing very strongly. Our role in this play maney maney thanks for presenting this play by you tube thanks again
Great lesson 🙏
Ha
बहुत ही सुन्दर रचना है और यह बताती है कि एक पढ़े लिखे डॉक्टर मे मानवता नही थी जबकि एक गरीब बिना पढ़ा आदमी ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया
अरे यार, आखें नम हो गयी। इस कहानी को जितनी बार भी पढा,देखा या सुना, मैं अन्दर तक हिल गया। "भगत ऊँचे दर्जे का इन्सान है "। मुन्शी जी को शत-शत नमन।
आप सा धरा पर कोई नहीं।
मुन्शी प्रेमचंद की कहानियां जैसे अपने आस पास की घटनाएं लगती हैं। पढ़ते-पढ़ते कहानियों का हिस्सा पाठकगण स्वयं महसूस करने लगते हैं ।
अगर एक या दो या फिर दस बीस पचास रचनाएँ ऐसी होती तो मुंशी प्रेमचंद की बड़ाई मे कोई शब्द निकलता पर यहाँ तो पुरा खजाना है कोई शब्द नही है उनकी प्रसंशा करने के लिए महान है ऐसे लेखक❤❤
एक पढ़ा-लिखा डॉक्टर अपना कर्तव्य भूल गया और एक अनपढ़ गरीब दुखी होते हुए भी अपना कर्तव्य निभा गया
Yeh na unparh, na parhe likho ki baat hai.... yeh toh insaaniyat hone ya na hone ki baat hai.
Yes madam ji
Good
सही कहा आपने
@@aradhanagupta8413 nahi ye pade likhe or anpad ki hi baat hai,,, kyuki pade likhe logo ko unpad se jyada budhiman samjha jata hai ,,,
प्रेमचंद्र जी की यह महान कालजई कृति हमें सदैव मानवीय संवेदनाओं और कर्तव्य बोध की ओर प्रेरित करती रहेगी।
यही जीवन की सच्चाई हैं।
ईश्वर सबको अवसर देता हैं ।
धनी लोग हमेशा गरीबों को पैसे से खरीदना चाहते हैं और गरीब इंसानियत को ज्यादा कीमती समझते हैं
भाइ भगवान नही हे।
@@nepallight hai .
@@sinr8237 Radhe, Radhe, Jai Shri Krishna🥰
मुंशी प्रेमचन्द जी की इस रचना के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है ।
निःशब्द 😊😊😊
बहुत बहुत सुंदर कहानी,रुला ही दिया न भगत जी कितने ऊँचे थे तुम।प्रणाम
बहुत ही शानदार कहानी है। आज के समय मे यह सब विलुप्त सा हो गया है। टेलीविजन पर ऐसे धारावाहिक होने चाहिए ताकि लोगो मे इन्सानियत की भावना जागे।
गाव मे रहने वाले लोग कितने भोले होते है और धनी व्यक्ति धन के घमंड मे मानवता भूल जाते है।यह सत्य है।
Ab k nni. Hote phle k hote the ab sabke pass mobile ha..😂😂😂
Sahi baat
इकदम सत्य है
Ab to gaav wale b kan kat lenge 😀
Right,🙏🌹
महानता प्रतिशोध में नहीं है बल्कि क्षमा करने में है 😊
मगर तभी जब महानता का भाव मन मे लाये बिना निर्विकार भाव से कर्म किया जाए।
मैंने अगर कोई गुरु माना है तो वो सिर्फ मुंसी प्रेमचंद जी हैं और कोई गुरु जी मानने के काबिल नहीं मिला मेरी आयु 62 वर्ष है। इस लिए मैं तो कहता हूँ प्रेम चंद के साहित्य ने मुझे जीना सिखा दिया।
क्या बात है बेहतरीन इंसान हैं आप
मेरी उम्र मात्र 30 साल है और जिस वक्त ये नाटक आते थे उस वक्त मैं बहुत बोर समझता था इस नाटक को मगर आज अहमियत मालूम हुई इस नाटक की
प्रिय मित्र, नि:संदेह मुन्शी जी मानव ह्रदय की गहराईयों के उत्कृष्ट चितेरे थे, गुरूपद योग्य थे लेकिन शायद आपने दुनिया में ढूँढना छोड़ सिर्फ भारत की पावन पुण्य सलिला भूमि पर ही गहराई से खोजा होता तो कश्मीर से कन्याकुमारी और तपते रेतीले राजस्थान से प्रागपुरम् तक अनेकोंनेक महापुरूषों, विदुषियों के विशाल आभामंडल के दिव्य दर्शन अवश्य हो गये होते ! बनारस के घाटों के ही दर्शन कर आते तो निहाल हो जाते ! 🙏
@@NadeemKhan-ji2bx
Correct says
@@NadeemKhan-ji2bx exactly bro ...u just snatched those from my mouth....God bless u man...
हिन्दी साहित्य के महान उपन्यासकार मुंशी प्रेम चन्द्र , जिसने हिन्दी साहित्य से एम ए किया हो और प्रेम चंद्र जी के प्रति उसे लगाव ना हो उसका जीवन व्यर्थ है। प्रेम चन्द्र जी आप अमर है। आप हमेशा हम जैसे हिन्दी साहित्य प्रेमियो के दिल मे अमर रहोगे।1।
आदरणीय श्री मुन्शी प्रेमचंद की कहानियो को अगर आप ध्यान से सुनिए और आप गांव से जुड़े हैं तो मुन्शी जी की हर कहानी आप के हमारे जीवन में उतर जायेगी मुन्शी जी एक महान कहानीकार और लेखक थे धन्यवाद जय हिन्द जय जवान जय द्वारकाधीश जय भारत
मुंशी जी की कहानी मंत्र ही मेरी सबसे पसंदीदा कहानी है उनके संकलन में, आपकी टीम ने भी अच्छा फिल्माया है।👍👍👍
ये कहानी कक्षा 9 में पढ़ा था,, पढ़कर जो मार्मिकता हृदय को अनुभव हुआ था । इस कहानी को देखकर अनुभव नहीं हुआ। शब्दों की अपनी ताकत होती हैं मुंशी प्रेमचंद जी लेखन में।। उन्हें चित्रों और अभिनय में नहीं उकेरा जा सकता है।।
सही कहा आपने 👍
मैं भी आप से सहमत हूं लेकिन फिर भी फिल्मकार ने पूरी कोशिश की है इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत साधुवाद
Bilkul sahi
कितनी बार ही देख लो या पढ़ लो मन भरता ही नहीं। नमन है ऐसी महान विभूति मुंशी प्रेमचंद जी को।
उत्तर प्रदेश बोर्ड के कक्षा 9वीं में ये कहानी थी जिसका नाम मंत्र था, आज 8 साल बाद (2015) विद्यालय की वो यादें ताजा हो गई 🙏🙏🙏 क्या सुनहरे पल थे वो THE GOLDEN TIMES 😎❣️❣️😍😍🥰
कभी फिर न ऐसी कहानियां होंगी न ऐसा भाव , और दूरदर्शन को बहुत बहुत धन्यवाद जो आज भी जड़ से हम सब को जोड़े हुए हैं
सलाम हे प्रेमचंद जी को जिन्होंने ऐसी मार्मिक कहानिया लिखी | ऐसे कवि के लिए एक like जरूर करे
1993 MEIN CLASS-9 MEIN PADHI THI AUR AAJ LIVE DEKHKAR DIL KHUSH HO GAYA. THANKS DOORDARSHAN THANKS 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
maine bhi class 9th mai padhi thi pr 2018 mai 😊 kash vo school ke din phir aate
@@shraddhagupta7045 SHRADDHA LADDO RANI AB WO SCHOOL LIFE KE PYARE PYARE DIN BAS YAAD BANKAR REH GAYE HAI. KASH EK BAAR BHAGWAAN MUJHE MERI 10-12th WALI SCHOOL LIFE MEIN UNHI SAB DOSTO AUR TEACHERS KE PASS WAPIS PAHUCHA DE. 😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥😥
Mene bhi
फिर भी लोग हिंदी से दूर भाग रहे हैं
और थी कारण है कि लोगो में इंसानियत और मानवता की कमी दिख रही है...
@@adeshalok1929 KYO KI AAJ KAL ENGLISH LOVERS KO JYADA EDUCATED SAMJHA JATA HAI AUR HINDI LOVERS KO GANWAR SAMJHA JATA HAI.
बहुत ही अच्छा काम किया है भाई कक्षा नौवीं में पढ़ा था और आज इस कहानी को देखकर आंखों में आंशू आ गये यह कहानी दिल पर एक अमिट छाप छोड़ गयी थी जो आज भी जिन्दा है । डाॅ ॰ चड्ढा और एक गरीब आदमी का जो मार्मिक चित्रण किया है वह कभी भूलकर भी नहीं भूलता। इस कहानी का जो सारतत्व है, जो उद्देश्य है उसे हमें अपने जीवन में लाना चाहिए। जिससे कि जो इंसान और इंसानियत के बीच फासला है उसे समझा जा सके और एक अच्छा इंसान होने का गर्व महसूस करें डॉ चड्ढा की तरह शर्मिन्दगी नहीं। ईश्वर आपकी मदद करे।।🙏🙏
एक गरीब जिसे लोग छोटा इंसान कहते हैं वही गरीब इंसानियत को कभी नहीं भूलता और पैसों वाले के काम आ जाता है, प्रेरणा दायक कहानी 🙏🙏
इतनी मार्मिक और दिल की गहराइयों को छू लेने वाली कहानियां मुंशी प्रेमचंद ही लिख सकते थे।शत शत नमन
Aur Geet Shailendra Ji
@@9880233508 Munsi to Munsi hai us ke mukabale me kaun aa sakata hai.
मैंने बचपन में देखा था जो दूरदर्शन में आया करता था पहले के लोग इसे टेलिफिल्म या नाटक भी कहते थे बहुत प्रभावित करता है इसे देखकर बचपन की याद ताजा हो गई इसे फिर से देखा तो गहराई से दिल में उतर गया हर दृश्य को बहुत सुंदर सजाया संवारा से दिखाया गया है ऐसा लग रहा की वास्तविक में इस घटना को घटित होते हुए देख रहा हूं
मुंशी प्रेमचंद जी❤️❤️❤️🙏🙏🙏
आप ही वो महान शख्सियत थे जो गरीब, मजलूम, कर्जदार, अनपढ़, मज़दूर, बुडे,और हर वो चरित्र को दुनिया की चकाचौंध से अनजान था, उस चरित्र को आपने, और सिर्फ आपने ही इज्जत और उस चरित्र की वास्तविक जरूरत दुनिया के सामने पेश की है जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप हमेशा पूजनीय रहोगे 🙏🙏
मेरे सबसे प्रेरणादायी उपन्यासकारों/कहानीकारों में सबसे श्रेष्ठ कोई हैं तो वो मुंशी प्रेमचंद ही हैं।आज भी उनकी कहानी या उपन्यास पढ़ता हूं तो अपने आप को भावुक होने से नहीं रोक सकता।🙏🙏
मुंशी प्रेमचंद जी जैसे उच्च साहित्यकारों के कारण ही आज हिंदी साहित्य गौरवान्वित मैं ऐसी महान आत्मा को नमन करता हूं।
मुंशी प्रेमचंद की कहानियां समाज का एक दर्पण है जिसमें आज भी हू बहू देखने को मिलता है।उनकी कहानियां बहुत ही मार्मिक हैं मै जब भी मुंशी जी की कहानियों को पढ़ता हूं तो अपने आपको रोक नहीं पाता , गला रुक जाता है और रोने लगता हूं।मुंशी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन
दुनिया मे जान से बहुमूल्य कोई चीज हो ही नही सकती।मुंशी जी ने यहाँ सिद्ध किया कि गरीब का दिल बहुत बड़ा होता है।
हिन्दी साहित्य का एक मर्मस्पर्शी दर्पण ❤️
मुंशी प्रेमचंद जी पूरी ज़िंदगी आभावों से जूझते रहे इसीलिये उनकी सभी रचनाओं में गरीबों का दुःख दर्द, पग पग पर उनका आहत सम्मान, उसके बावजूद उनकी उज्ज्वल आत्मा हर जगह दिखती है । प्रेमचंद जी की हर रचना कालजयी हैं ।
Munshiji ko kotish naman..
Dekh ke aakho me ashu aa gye .
9vi class me tha Hindi ke..
Sach me hamre desh ka Dil gaav hai aur Hindi to mere gaav ki Aatma hai ..❤❤❤
मुंशी जी का मै बड़ा आदर करता हूँ। उनको कोटी कोटी नमन है। ऐसे रचनाकार सदी में कभी कभी होते हैं।
हिंदी कहानियां हमेशा हमे अपनी भूल का एहसास कराती है।
जय हिंदी जय हिंदुस्तान
जिन्होंने मुंशी प्रेमचन्द जैसे हीरे को जन्म दिया 🙏🙏
मुंशी प्रेमचंद की कथा में वह टीश होती है जो कुछ अलौकिक बोध दे जाती है🙏 सभी कलाकारों को साधुवाद
Maine ye kahani apne dada se suni thi,aur ajj dekh bhi liya,bilkul sahi dada ne kaha THA,👌👍👌👍
ग़रीब इसीलिए "ग़रीब" रह जाता है
किऊँ की वोह अपनी "आत्मा" की
आवाज सुनता है और किसी की आत्मा किसी का भी बुरा नहीं चाहतीं हैं!
मन की आदत है "लालच" कराना
और हमेंशा दूसरों का बुरा ही सोचना होता है.. इसीलिए जो
अपने मन की ख्वाहिशों के अधीन हो कर दिमाग़ लगाते हैं फ़िर वोह
अमीर हो जाते कीओंकि उन्होंने
अपनी आत्मा की आवाज़ को नहीं
सुना और अपने "जमीर" को बेच दिया या फिर मार डाला....
# आत्मा की सच्ची आवाज ही
हमारे "जमीर" की आवाज है....
Shaandar
Very nice though
Ekdam shi kha
Bahut badia likha hai apne
पढ़ें लिखे व्यक्ति बहुधा स्वार्थी और बवकुफ होते हैं, इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है, प्रेमचन्द द ग्रेट ❤
जब मैंतीसरी कक्षा में थी तब मेरी शिक्षिका ने यह कहानी मुझे सुनाई थी। आज मैं26 साल की हो गयी ।और मेरी वह शिक्षिका दो हफ्ते पहले ही भगवान के घर चली गयी। बचपन की वो सीख जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी।।
मै भी ये कहानी पढा हुं। आज वर्षो बाद देखा बहुत अच्छा लगा,
भगत 80 साल के थे, पहले सीन में ही कालीन. देखकर उनका. सहम जाना ....सब मिस कर दिया
बस बना दी मंत्र
मेरे गुरु और मेरे पसंदीदा लेखक प्रेमचन्द्र जी उनकी कहानियों को विशेषता यही है की उनकी कहानियां गांव की ओर उन परिस्थिति को दर्शाती है जो कोई और नहीं दर्शा सकता नमन है ऐसे व्यक्ति को ❤
मुंशी प्रेमचंद्र जी मानव जीवन के मार्ग दर्शक हैं।मंत्र कहानी में प्रेमचन्द्र जी ने हमारे समाज का यथार्थ चित्रण किया है कि मंत्र कहानी में मनुष्य की कर्तव्यता सच्ची मानव शुश्रूषा के भाव एवं धन पद से मदान्त तुप्त मनुष्यता के भाव को प्रदर्शित किया है ।
koun samajhh pata hai es bhav ko, aaj ke samay ?
Aaj ke mulk me.kash ye bat kisi or ko b samjh m aaye
Munsi premchand ji ki har ek kahani dil ko chhu leti hai . Aisa sajiv varnan wah
सचमुच बहुत प्यारी प्रस्तुति है धन्यवाद दूरदर्शन 🙏🙏🙏
आदरणीय मुंशी प्रेमचंद जी को सादर नमन
बचपन में बहुत बार यही कहानी पढ़े हैं आज नाट्य रूपांतरण देखकर बचपन वाले दिन याद आ गए 😭
वो बचपना, वो माता पिता की डांट फटकार, वो बचपन वाले दिन व खेल खिलौने,सस्ता सच्चा ज़माना इस कहानी ने सब कुछ याद दिला दिया 😭😭 कितने प्यारे दिन थे वो
अगर कोई करूणामई कहानी कोई है तो वो प्रेमचंद जी की कहानी है। जय सद्गुरूदेव 🙏
मंत्र कहानी के सभी पात्र प्रशंसा के योग्य है, जिन्होंने बहुत ही अच्छा अभिनय किया है ।मुंशी प्रेमचंद जी महान कथाकार हैं। शत शत नमन
यकीन मानिये इतनी सुंदर प्रस्तुति आनंद आ गया मानवता का ऐसा उदाहरण
मैंने इस कहानी को कम से कम एक हजार बार पढ़ा हैं
ऐसी प्रस्तुति देखकर आंनद आया
हां थोड़ा जल्दबाजी हुई स्क्रीन प्ले मे वो जो पढ़ने पर ऐसा लगता था की हम स्वयं वही पात्र हो गये वो थोड़ा दर्शा नहीं पाए
मैं जर्मनी में रहता हूँ लेकिन मुंशी प्रेमचंद जी दिल में हैं और रहेंगे
मुंशी प्रेमचंद जी की जिंदगी दुखों से भरी हुई थी,लेकिन ईतनी गरीबी में नाम कमाना बहुत ही बडी़ बात है।
नमन मुंशी प्रेमचंद जी को
मुझे ये सत्य घटना लगती है जो बहुत बार घट चुकी है और एक बार मेरे जीवन में भी ❤️
कलम के सिपाही को शत् शत् नमन्!❤❤❤
शत शत नमन 🙏🙏🙏ऐसे महान व्यक्तित्व को जिन्होंने सामाजिक विचारधारा को अपनी कहानियों में सजीव चित्रण किया है
मुंशी प्रेमचंद की कहानियां हर उम्र के व्यक्तियों के लिए रचित हैं।मानस पटल पर इसका प्रभाव कभी समाप्त नहीं होता इनकी रचनाएं दर्शन से भरी हुई है। इतनी आसान भाषा में इतना दर्शन!
डा बिन्न चड्डा जैसे अमानव, हैवान, क्रुर, पत्थर दिल जैसे डा/इंसान आज भी हमारे मानव, समाज में जीवित है जो साक्षात मानवता के दुष्ट है/दुश्मन हैं। कहानी सम्राट जिंदादिल साहित्यकार को ऐसे अमानवों के चरित्र उजागर करने के लिए बहुत बहुत बधाई/शत शत नमन।
मुंसी प्रेमचंद जी की कहनी साक्षात समाज का आईना है , आओ हम सब जंह हैं वही के समाज के लिए कुछ भले करें जितना हो सके
मुंसी प्रेमचंद जी को कोटी कोटी प्रणाम
मुंशी प्रेमचन्द भारतीय साहित्य में आपका नाम हमेशा सम्मान सहित लिया जाएगा 🙏🙏
प्रेमचंद जी की कहानी पढ़ने पर जो चित्र मन में उभरते हैं वह इस चलचित्र में नहीं है 💗💗
मुंशी प्रेमचंद जी बहुत ही अच्छी कहानी लिखते
थे। समाज की हर पहलू से रूबरू कराते थे।
जब कक्षा नवी, दसवी में पढ़ते थे तो प्रेमचंद जी द्वारा लिखित कहानी मंत्र को पढा़ था,,प्रेमचंद जी एक महान कहनीकार थे,,सत् सत्। नमन ,,
प्रेमचंद अनूठे है उन जैसा मानव मन का चितेरा कोई नही हुआ।ग्रामीण भारत को तो उन्होंने जीवंत कर दिया।
शिक्षित व्यक्ति अपने हक के प्रति ज्यादा जागरूक होते हैं लेकिन वे अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं। ऐसी कहानियों को पढ़कर, देखकर पता चलता है कि क्यों महान हैं मुंशी प्रेमचंद जी।👍
I have read this story more then 1000 times...but still want to repeat ❤️
Me too
really? I can understand
1000 + कुछ ज्यादा नहीं हो गया?
एक पढ़ा लिखा डॉक्टर अपना कर्तव्य भूल गया लेकिन बुड्ढे भगत ने दुखी होते हुए भी अपना कर्तव्य निभा गया 🙏🙏
@@sureshPrajapatiJi no it's fact pta nhi kyu... jab me chhota tha tab me ise bar bar apne bde brother ki book me padha karta tha.. I am 35 now abhi bhi padh leta hu bar bar. This story is like nasha for me..
Kasam se Munshi Prem Chand ki kahaniyan dekh kar aankho me aashu aa jate hai
कितना दुःख, दर्द, पीड़ा व तकलीफ़😢😱😭 है प्रेमचंद जी की कहानियों मे।💕 सच मे वो एक महान-शख्सियत थे, कलम के ऐसे सिपाही सदियों में एक बार जन्म लेते है🗒👑✒️
समाज में रहकर समाज की अच्छी बुरी सभी प्रकार की भावनाओं को अपनी कलम की ताकत से उपन्यास व नाटकों का रूप देकर जीवंत कर दिया। ऐसे महान साहित्यकार को शत शत नमन।।
सलाम करता हूँ मैं आपको बाबा
🙏🙏🙏
आप एक कहनी नहीं लिखें है
वल्कि आज के पीढ़ियों को जीने कि अपेच्छा दी है
आज के कुछ लोग ये नहीं जानते जो आप ने लिखी है
कुछ लोग आज भी ऐसे है जैसे कि इस उपन्यास मे ये डॉटकर
मुंशी प्रेमचन्द की रचना अति मार्मिक होती है। वास्तविकता को अपने कलम के माध्यम से समाज के सामने रखा।
यह कहानी हमने पहले भी पड़ी हुई है बहुत ही अच्छा फिल्मांकन किया गया है चरित्र चित्रण बहुत ही अच्छा हुआ है
Munsi Premchand ji aap kitne Mahan rahe hone ye aapki Rachana sidhh karti hai...aapko koti koti pranam
सराहनीय कदम ए कहानी मैंने कक्षा 9 u.p board में पढ़ा था ।एकदम से पुरानी याद ताज हो गईं ।मुन्शी प्रेम चन्द की लेखनी को सलाम
Yah kahani mein jab high school mein thi tab pdhi thi 1996 me bahut hi marmik kahani munshi Premchand Ji ko sat sat Naman
मैंने स्कूल समय में इस कहानी को पढ़ा था लेकिन ये मेरे हृदय में इस कदर समाई थी मैं इसको भूल नही सका अभी मैं 67 साल का हू लेकिन अपने बच्चों को ये कहानी दिखाकर उन्हें हृदय में दया भावना रखना सिखाता हू
यही जीवन है
Aaj achanak 40 saal baad is kahani ki yaad aayi..jo meine high school me padhi thi...wahi sab smarn ho aaya...bahut hi maarmik..jai ho munshi ji..🌹🌹🙏🌹🌹
बहुत अच्छा लगा ।
यह कहानी हमारी वर्ग 8 की हिंदी की किताब में पढ़ने को थी तभी बहुत बड़े चाव से पढ़े थे। आज उसी पे ये आधारित स्टोरी बहुत अच्छा लगा। ☺️Thanks U ☺️
Doordarshan
Well, I am 65 and think that M Premchand Ji was not only a best story- writer but also a great psychologist who understood the true narrative of Bharat and inspired her people to uplift their conscience.
अद्भुत प्रसंग
प्रेमचंद जी की रचनाएँ अतुलनीय हैं
आज से सात वर्ष पहले जब मैं कक्षा 9 में था तब यह कहानी पढ़ा था और आज इसे देखकर आंखे नम हो गई😭
प्रेमचंद को कोटि कोटि प्रणाम।
इंसान के अंदर की इंसानियत जिन्दा कर देते ह आप।
बदला अब भी कुछ नही है ज्यादातर डाक्टर आज भी ऐसे ही है ..
हमारे यहाँ लोगो को दया रहम मदद खुदा का वासता तब याद आता है जब गर्दन अपनी फंसी हो और छुरी सामने वाले के हाथ में हो ...
सत्य कहा मित्र
Ab doctor paisay se maan jaatay hain 100 k 500 letay Hain pr kartay hai yahi vahht hai aaj k samay haan kuch doctor hai. Jinkay yahan appointment 1/1 saal baad milti hai un doctor's ko sharam aani chahiye
@@राधेयकर्ण-श6ब radhey Karan ! Ye to mere dost ka bhi naam tha
इस कहानी से यही भाव उत्पन्न होता है कि गरीबों के दिल बहुत बड़े होते हैं जो किसी की दौलत नही केवल सम्मान पाने के लिए अपना सब कुछ देने को त्यार हो जाते है