धन्य हो बाबासाहेब हर 95% भारतवासी आपका आभारी रहेगा जो आपने उनके गंदे कानून वाला ग्रंथ मनुस्मृति जलाया उसके बाद संविधान रूपी आग से इनका राज पाठ और राजा बनने की शक्ति को जलाया❤❤❤ फिर भी पहले सवा शेर गेहूं के बदले में ठगते थे आज 5 किलो गेहूं देकर ठग रहे हैं अभी भी सावधान होने की जरूरत है
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानिया सत्य घटनाओ को प्रदर्शित करती है ।आज के सस्ते साहित्य को ठुकरा कर आज काऔर😢 पुराना भी सुन्दर और निर्मल साहित्य हमे पढने को इतनी आसानी से मिला इसके लिए धन्यवाद।
सवासेर गेहूँ सच्चाई पर आधारित प्रेमचंद जी की प्रतिनिधि कहानी है। धर्म- ईमान का मुखौटा लगाकर दलितों/पिछड़ों/ गरीबों के शोषण की मर्मस्पर्शी कहानी आज भी प्रासांगिक है। ब्राह्मणों ने धर्म धर्म का जितना दुरूपयोग किया है और कर रहें हैं, वह किसी से छुपा नहीं है। जब तक धार्मिक भी रचता, अंधविश्वास, अंधश्रद्धा और आडम्बर रहेगा तबतक ऐसे ही शोषण होता रहेगा। इसके लिए शिक्षा, सजगता और संगठित होने की बहुत बड़ी आवश्यकता है।
पहले के जो उच्च जाति के लोग यही सब करते the आज हम लोगो के सामने ये प्रस्तुति हुई है आज हमारे समाज को ज्ञान की ओर प्रकाशित करने कोशिश कर रहे इन नाटककारों सत सत नमन जो प्रेमचंद की प्रस्तुति ❤
बहुत बढ़ियां दिल को छू जाने वाला प्रस्तुति । इसी तरह आगे भी प्रस्तुति होती रहे । सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है । ऐसा न समझे कि ए समस्या कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के समय में ही था ,आज भी है । इस लिए इस तरह की प्रस्तुति आगे भी जारी रहे इसका उम्मीद हम कर रहे हैं ।
मुन्शी प्रेम चन्द्र जी ने अपनी रचनाओ मे ज़मीदाराना (सामन्तवादी) ज़ालिमाना सिस्टम, ब्रह्मम्नो, ठाकुरो, ज़मीदारो दुआरा श्र्म वर्ग का शोषण को अपने तहरीर का हिस्सा बनाकर सच्चाई को सदा के लिये ज़िन्दा कर गये
अब तक की सबसे बेहतरीन प्रस्तुति कहां जाए तो दूरदर्शन का सबसे अच्छा नाटक बहुत अच्छी तरह से लोगों ने एक्ट भी किया है बहुत अच्छी तो ऐसे लोगों से एक्टिंगकराया भी गया है सारी टीम को हमारी तरफ से बधाई हो
इस कहानी में जो दर्शाया गया है वह आज भी प्रासंगिक है बस अब इसका रुप बदल गया है आज भी लोग गरीब लोगों को धर्म के नाम पर तो कहीं जाति के नाम पर तो कहीं बडे़ बडे़ बाबा बनकर ठग रहे हैं मंदिरों को बनवाकर लोगों को ठगा जा रहा है
Durdarsan pe bahut din baad mitti se juda natak dhekhne ko mila bahut pehle durdarshan par neem ka paid natak dhekha tha aaj uski yaad taza ho gai Sabhi kalakaro ko dher sari Shubh kamnay
ये प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी कोई कहानी नहीं बल्कि उस समय के समाज की बुराइयों का एक लेख है जो उच्च वर्गों द्वारा निम्न वर्गों पर किये गए अत्याचारों का वर्णन है।
आज के निम्न वर्ग जब सर पर बैठ कर तांडव करते है वो तो कोई नही लिख रहा है उपनयास में। आज के तो कर्ज लेते वक्त हाथ जोड़े रहेंगे और जब मांगने जाओगे तो आंख भी दिखाएंगे। कौन कहा था दानवीर कर्ण बनने को। इसीलिए कहते है घर फूंक कर तमाशा नही देखना चाहिए । औकात से बढ़कर काम करोगे दान पुण्य औकात से बढ़कर करोगे तो ऐसे ही मरोगे और ऐसे ही मरना भी चाहिए। कर्ज लेकर गेहू की रोटी खिला रहे है भोसड़ी के
अम्बेडकर जी ने पढने लिखने का हक दिया तो ज्ञान हो रहा है आपकी कमाई कौन खा रहा था । ओर जो कहते हैं लालू - मुलायम ने क्या किया है वे अपने पिता और दादा से पूछें ।
पहले की स्थिति यही थी गांवो में एक दो लोग के पास ही पैसा होता था वही पूरे गांव का शोषण करते थे बाकी गरीब ही थे सबको दो टाइम रोटी मिलना मुश्किल था | गेहूं की रोटी तो अम्रत की तरह थी जैसे अब जौ की रोटी😥😥
Ye bilkul satya h, aisa hi gavo me anpad Garib varg ke logo ke sath hota raha h,esliye jyada tar varg garib h, inhone dharm ko dhandha ki tatah use kiya h
ये सिर्फ़ नाट्य रूपांतरण नहीं बल्कि तत्कालीन समाज का दर्शन है कि समाज के सवर्ण वर्ग द्वारा कैसे अनपढ़ किसान को भगवान का डर दिखा एवं उसको मजबूर करके उसकी पीढ़ियों तक को बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी।
Aaj ka brahm apne purwajo ki krni ka phal paa rha hai jaise pandit ji chole bhture wale ,rasan wale ,jilebi wale ,smose wale , Belding wale etc durgti ho rhi h ham logo ki
सत्य बचन झा जी । जैसे गोरे लोगों ने व्हाइट गिल्ट महशूश करके विश्वभर से माफी मांग ली है तुम लोग भी हिम्मत है ऐसी? जब कि गोरों ने तलवार के बल पर राज किया था । तुम्हारे पुर्खों ने धर्म नामक हथियार अपने लोगों पर चलाया था ।
Aisa nahi hain brahmino ka kaam biyaz washoolna nahi tha, dharm ke naam pr gumrah jaroor kr dete the wo bhi sabhi aise nahi hote the. Aaj doctor , advocate aur police bhi too yahi kaam kr Rahi hain . Darshal Brahmin bahut darpook koom hain , koi hamare purwazoo ko gali de tabhi bhi hum sun lete hai. Munshi premchand koo pandit ji jagah koi thakur likhna chahiye tha . Tub samajh aata .
Dhanyavaad hai Ambedkar ka sambidhaan jisaka abhi bhi sansodhan jaari hai. Jaatiwaad, aatankwaad, chori, mafiya, gunde badhate ja rahe hai. Garib, dalit kamjor hote ja raha hai. Talent berozgaar ho raha hai. Ayogya reservation se naukarshah bhrashtaachaar ho raha hai.
Aaj ki generation kharab hone ki bhat si wajha internet me majood hai.....sudharne k liye ek Divyakriti sir kafi hain....❤tvf ki kuch Sandeep bhaiya Kota fa tory jaise episodes bhi hain...thanks Ranveer❤
ब्राह्मण, क्षत्रिय, की बात नहीं है ये सिर्फ और सिर्फ न ज्ञान का नतीजा था, जिसको बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने समुचित रूप से दलितों के लिए प्रस्तावित किया है। आरक्षण सिर्फ एक सोच थी की जिससे पिछड़ा वर्ग या समुदाय समुचित ज्ञान ले सके और खुद के लिए सही गलत का फैसला ले और उसके लिए लड़ सके । शिक्षा पर सभी का सामान अधिकार है। परंतु शिक्षा ये कभी नहीं सिखाती की आप किसी को गाली दें। शिक्षा आपको सभ्य भाषा सिखाती है। आज कल हम देखते हैं कुछ छपरी छाप लोग है जिनका न शिक्षा से कुछ लेना देना है न किसी समुदाय से खमखाह गाली गलौज करते हैं। कहतें है जय भीम, अरे भईया जिनको आप पूजते हो उन्होंने किसी जाति किसी धर्म को एक अपशब्द नही कहा, उन्होंने खुद को इतना काबिल बना दिया, सारे न चाहते हुए भी नमन करते हैं, तो खुद को शिक्षित करो । दुनिया झुकेगी कदमों में । किसी पिछड़े वर्ग या समुदाय का कोई भी व्यक्ति अगर आईएएस अधिकारी बन गया हो उसे किसी को गाली देते हुए किसी ने देखा है, नही न सारे उसके सामने झुकते हैं। इतनी काबिलियत पैदा कीजिए 🙏💐
This was the reality of rular India which has been presented by munsi ji But nowadays bandhua majduri and begari is illegal by our constitution. and also Upper class peoples are changing their mindset and they believes In equality.
अबे धूर्तता से अब भी बाज नहीं आ रहे हो । इसमें म्लेक्ष मुगल और अंग्रेज कहां से आ गए । धर्म ,भगवान का झूंठा भय दिखाकर नीचता की हद करते धर्म के धंधेबाज ।
Aaj bhi log samaj me puchh rahe hain ki bhimrao ambedkar ji ne kya kiya to un gadho ke liye ye example hai SC St OBC samaj ke log dekh le agar Lalu mulayam aur mayawati ji kashiram ji jaise log na hote to unki yahi halat hoti.jai Hind jai sanvidhan
धन्य हो बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जो संविधान के माध्यम से ऐसे कृत्यों को दूर किया। आपको कोटि-कोटि नमन।
बाह मुंशी जी बाह। बहुत अच्छी तत्कालीन बुराइयों को दिखाया है। आप अमर रहेंगे महान लेखक प्रेमचंद्र जी
पुराने समय में गरीबों का ऐसे ही शोषण करते थे।गरीब भोले और भगवान से डरने वाले होते थे।मुंशीजी ने तत्कालिक समाज और समय का खूब सजीव चित्रण किया है।🙏🙏🙏
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धन्य हो बाबासाहेब हर 95% भारतवासी आपका आभारी रहेगा जो आपने उनके गंदे कानून वाला ग्रंथ मनुस्मृति जलाया उसके बाद संविधान रूपी आग से इनका राज पाठ और राजा बनने की शक्ति को जलाया❤❤❤ फिर भी पहले सवा शेर गेहूं के बदले में ठगते थे आज 5 किलो गेहूं देकर ठग रहे हैं अभी भी सावधान होने की जरूरत है
मनुस्मृति मे ये सब कही नहीं लिखा है लोभी ब्राम्हणो ने ये सब अपने मन से बनाया है
संविधान सभा क्या देखने बनी थी जो बाबा साहब ने ही संविधान लिखा। और हकीकत में लिखा तो ये १९३५ के अंग्रेजों के संविधान से मिलता क्यों है?
@@ShivKumar-wv6zlकितने रुपए लगे वो संविधान बनने में ये भी पढ़े।
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानिया सत्य घटनाओ को प्रदर्शित करती है ।आज के सस्ते साहित्य को ठुकरा कर आज काऔर😢 पुराना भी सुन्दर और निर्मल साहित्य हमे पढने को इतनी आसानी से मिला इसके लिए धन्यवाद।
शानदार टीम की शानदार प्रस्तुति।प्रेमचंद जी की अधिकतर कहानियां आज भी प्रासंगिक है।पूरी टीम को एक बार फिर बधाई
सवासेर गेहूँ सच्चाई पर आधारित प्रेमचंद जी की प्रतिनिधि कहानी है। धर्म- ईमान का मुखौटा लगाकर दलितों/पिछड़ों/ गरीबों के शोषण की मर्मस्पर्शी कहानी आज भी प्रासांगिक है। ब्राह्मणों ने धर्म धर्म का जितना दुरूपयोग किया है और कर रहें हैं, वह किसी से छुपा नहीं है। जब तक धार्मिक भी रचता, अंधविश्वास, अंधश्रद्धा और आडम्बर रहेगा तबतक ऐसे ही शोषण होता रहेगा। इसके लिए शिक्षा, सजगता और संगठित होने की बहुत बड़ी आवश्यकता है।
पहले के जो उच्च जाति के लोग यही सब करते the आज हम लोगो के सामने ये प्रस्तुति हुई है आज हमारे समाज को ज्ञान की ओर प्रकाशित करने कोशिश कर रहे इन नाटककारों सत सत नमन जो प्रेमचंद की प्रस्तुति ❤
बहुत बढ़ियां दिल को छू जाने वाला प्रस्तुति । इसी तरह आगे भी प्रस्तुति होती रहे । सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है । ऐसा न समझे कि ए समस्या कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के समय में ही था ,आज भी है । इस लिए इस तरह की प्रस्तुति आगे भी जारी रहे इसका उम्मीद हम कर रहे हैं ।
भारत के पंडितों, बाबाओं,साधुओं की यही असलियत है। इंसानियत नहीं होती है इनमें।मुंशी प्रेमचंद ने एकदम हकीकत बयां किया है
Sc st obc wale yahi Hal tumhara
बहुत ही शानदार नाटक हैं, सवा सेर गेंहू, आगे भी ऐसे ही शानदार नाटक बनाता रहे हमारा गोरखपुर दूरदर्शन 🙏🙏
और लोग कहते हैं बाबा साहेब ने क्या किया है🤔🤔
जय भीम जय भगत सिंह🙏🙏
मुन्शी प्रेम चन्द्र जी ने अपनी रचनाओ मे ज़मीदाराना (सामन्तवादी) ज़ालिमाना सिस्टम, ब्रह्मम्नो, ठाकुरो, ज़मीदारो दुआरा श्र्म वर्ग का शोषण को अपने तहरीर का हिस्सा बनाकर सच्चाई को सदा के लिये ज़िन्दा कर गये
अब तक की सबसे बेहतरीन प्रस्तुति कहां जाए तो दूरदर्शन का सबसे अच्छा नाटक बहुत अच्छी तरह से लोगों ने एक्ट भी किया है बहुत अच्छी तो ऐसे लोगों से एक्टिंगकराया भी गया है सारी टीम को हमारी तरफ से बधाई हो
इस कहानी में जो दर्शाया गया है वह आज भी प्रासंगिक है बस अब इसका रुप बदल गया है आज भी लोग गरीब लोगों को धर्म के नाम पर तो कहीं जाति के नाम पर तो कहीं बडे़ बडे़ बाबा बनकर ठग रहे हैं मंदिरों को बनवाकर लोगों को ठगा जा रहा है
Durdarsan pe bahut din baad mitti se juda natak dhekhne ko mila bahut pehle durdarshan par neem ka paid natak dhekha tha aaj uski yaad taza ho gai Sabhi kalakaro ko dher sari
Shubh kamnay
Jo kuchh is durdarshan ke madhyam se darsaya gya h
Woo ajj bhi gao me thoda bahut dekhne ko milti h
ये प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी कोई कहानी नहीं बल्कि उस समय के समाज की बुराइयों का एक लेख है जो उच्च वर्गों द्वारा निम्न वर्गों पर किये गए अत्याचारों का वर्णन है।
Sahi bat hai in jaise kutto brahmano ke wajah se n jane nirdosh logon ki jaan chali gayi... very sad 😢😭
आज के निम्न वर्ग जब सर पर बैठ कर तांडव करते है वो तो कोई नही लिख रहा है उपनयास में। आज के तो कर्ज लेते वक्त हाथ जोड़े रहेंगे और जब मांगने जाओगे तो आंख भी दिखाएंगे। कौन कहा था दानवीर कर्ण बनने को। इसीलिए कहते है घर फूंक कर तमाशा नही देखना चाहिए । औकात से बढ़कर काम करोगे दान पुण्य औकात से बढ़कर करोगे तो ऐसे ही मरोगे और ऐसे ही मरना भी चाहिए। कर्ज लेकर गेहू की रोटी खिला रहे है भोसड़ी के
भाई हिंदी सही ढंग से पढ़ो ये कहानी प्रेमचंद ने है लिखी the इस टाइम के समय को देलकहारे
और आज आरक्षण का रोना गाने वाले नाती पोते देख लो तुम्हारे बाप दादा कितने निर्दय थे😢
@@PriyamPandey-bs1bzBhai isme jaati ka koi Roll nhi hai aise viyakti kisi bhi jaati Main ho skte hai
मुंशी प्रेमचंद जी के सभी कहानियां उच्च कोटि की होती हैं।समाज में घटित घटनाओं का जीवंत चित्रण आप के कहानियों में साफ़ झलकता था
नमन 🙏
बहुत ही बेहतरीन अभिनय सभी कालाकरो द्वारा।।।।
बहुत बहुत बधाई ईश्वर🙏❤❤
उत्कृष्ट अभिनय से सजी हुई दमदार प्रस्तुति, पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं
Chup manuwadi
पहली कहानी ऐसी प्रेम चन्द की देखी जिसमें उसका पागलपन दिखायी दिया इसके लिए दूरदर्शन को धन्यवाद
Esme premchand ji ka kon sa paglpan apko dikhai Diya .jra btaye to.
@@sonysunita3093दोस्त ये ब्राह्मण ह और इसके पूर्वजों के करतूत दिखाया इस लिए ये पागल बोल रहा ह
Kitna bada Dil ❤ hota hai 🙄🤔 kisann ka....gaav dehat me aaj to ab sabhi khattam ho raha hai dheere dheere se....!!😊 pranam 🙏🏻💐
अम्बेडकर जी ने पढने लिखने का हक दिया तो ज्ञान हो रहा है आपकी कमाई कौन खा रहा था ।
ओर जो कहते हैं लालू - मुलायम ने क्या किया है वे अपने पिता और दादा से पूछें ।
Lalu or mulayam bhagwan ke avtar h bhai
दमदार प्रस्तुति टीम ने दी।
बधाई सभी को
गोरखपुर दूरदर्शन द्वारा प्रस्तुत की गई शानदार प्रस्तुति सभी कलाकार बधाई के पात्र है
जो वास्तविक पात्र वह धूर्त पंडित है उसके सम्बन्ध में भी कुछ बोलो दुबे ।
बेहतरीन प्रस्तुति, सभी कलाकारों के साथ साथ पूरी टीम को बधाई 🙏
Nmste mam
सच्ची कहानी पर है यह नाटक ।
कुछ शर्म आती है कि नहीं ।
शत्रु ,बीमारी कर्ज और आग को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।शंकर एक मजबूर लेकिट अत्यंत स्वाभिमानी व्यक्ति है😢
सत्य कथा पर आधारित दूरदर्शन की बहुत सुंदर प्रस्तुति
दिल दहलाने वाली कहानी
मैं ब्राह्मण हूं लेकिन हां मैं ये खुलकर कहता हूं की पहले के समय में कुछ उच्च जाति के लोग छोटे जात के लोगो पर अत्याचार करते थे। उनका शोषण करते थे ।
पहले की स्थिति यही थी गांवो में एक दो लोग के पास ही पैसा होता था वही पूरे गांव का शोषण करते थे बाकी गरीब ही थे सबको दो टाइम रोटी मिलना मुश्किल था | गेहूं की रोटी तो अम्रत की तरह थी जैसे अब जौ की रोटी😥😥
पुरानीव्यवस्था पर बनाया गया सत्य नाटक है
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,सारे कलाकारों ने बहुत ही अच्छी भूमिका निभाई है,
दिल को छू गया💐💐💐💐💐
सदियो से यही होता चला आया है समाज चाहे जितना शिक्षित हो जाय इनकी दुकान किसी न किसी रूप मे चलती रहती है भगवान का डर दिखाकर आज भी यही होता है ।
सवासेर गेहूं के बदले पूरी जिंदगी गिरवी रख दी😢😢😢🙏🙏
हे महान कथाकार आपको बारम्बार प्रणाम
Ye bilkul satya h, aisa hi gavo me anpad Garib varg ke logo ke sath hota raha h,esliye jyada tar varg garib h, inhone dharm ko dhandha ki tatah use kiya h
बहुत शानदार प्रस्तुति, सभी कलाकारों को बहुत बहुत बधाई
Ye Hai bramhano ka attachable aise hi karte the pahle aur aaj tabhi phir se Sam vidhan Khatami karne ke liye soch rahe hain
बहुत मार्मिक
शोषण की हद थी
उस टाइम आदमियों का भी तो दिमाग नहीं होता था इसलिए बंधुआ मजदूर बनते थे शिक्षा की भी कमी थी लोगों में
इमानदारी निश्छलता सादगी सुद्ध दिल सुद्ध दिमाग सुद्ध बातावरण इस पढ़ाई लिखाई ने सब खत्म कर दिया
Padhai likhai ne gulami Krna bnd kr diya esse acha kya ho skta hai .. aise emandari se kya mtlb jo logo ka gulam bn kr rhe
गुलामी कहां बंद हुई है। बस रूप बदल गया है पहले सामंतवादी ठाकुरों के गुलाम थे अब बाजार के।
प्रेम चंद जी ने लिखा है यह घटना सत्य घटना है
ये सिर्फ़ नाट्य रूपांतरण नहीं बल्कि तत्कालीन समाज का दर्शन है कि समाज के सवर्ण वर्ग द्वारा कैसे अनपढ़ किसान को भगवान का डर दिखा एवं उसको मजबूर करके उसकी पीढ़ियों तक को बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी।
यह आज भी बरकरार है किन्तु तरीका अलग है आपस में लड़ाकर झगड़ा हो या चुनाव कर्ज देकर और बाद में सूद सहित वसूली😢
Premchand ji ki sabhi kahaniyaan dil ko zakzor deti he!
आज भी समाज में ऐसे कुकर्मी सनातनी सोच के लोग है
नाटक बहुत शानदार है आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं ढेरसारी सुभ कामनाएँ
Bhut kubh
Premchand ji ko bahut bahut dhanyawad
Main bhi brahman jaati se belong krta hu is pandit ne jo atyachar Kiya wo maafi yogy nhi ghin ati h aisi pratha se
Bahut hi behtareen natak👌👌 ,
आप सभी कलाकारों को अच्छी प्रस्तुति के लिए मुबारक बात
Congratulations nice video all members ko
सच में इन मनु वादियों ने बहुत जुल्म किया है छोटी जातियों पर और अब चले हैं हिन्दू राष्ट्र बनाने
Aaj ka brahm apne purwajo ki krni ka phal paa rha hai jaise pandit ji chole bhture wale ,rasan wale ,jilebi wale ,smose wale , Belding wale etc durgti ho rhi h ham logo ki
सत्य बचन झा जी । जैसे गोरे लोगों ने व्हाइट गिल्ट महशूश करके विश्वभर से माफी मांग ली है तुम लोग भी हिम्मत है ऐसी?
जब कि गोरों ने तलवार के बल पर राज किया था । तुम्हारे पुर्खों ने धर्म नामक हथियार अपने लोगों पर चलाया था ।
Aisa nahi hain brahmino ka kaam biyaz washoolna nahi tha, dharm ke naam pr gumrah jaroor kr dete the wo bhi sabhi aise nahi hote the. Aaj doctor , advocate aur police bhi too yahi kaam kr Rahi hain . Darshal Brahmin bahut darpook koom hain , koi hamare purwazoo ko gali de tabhi bhi hum sun lete hai. Munshi premchand koo pandit ji jagah koi thakur likhna chahiye tha . Tub samajh aata .
सरकार को कानून बनाना चाहिए की मूल का अधिकतम 2 गुना ही वसूला जा सके और अगर नहीं देने की क्षमता तो 5 वर्ष तक का समय जरूर देना चाहिए
Vevek bhaiya bahut acha aap ke abhiny hai aap ka , aur kahni bhi bahut achi h
तुम्हें तो कहानी अच्छी लगेगी ही ,शर्म से डुब मरने की जगह तुम्हें आनंद आ रहा है । बेशर्मी ,आक्थू ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी कलाकारों को बधाई।
बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया गया हैं
यह तो मनुस्मृति से मिलती जुलती कहानी
Urdu aur Hindi natak me respectable Premchand Ji ja abhi tak hamne koi barabri ka nahi paya.
उस समय बामहन कीतना अत्याचार किए करते थे धर्म कर्म के नाम पर डराकर जिन लोगों से दान लेकर पलते और शोशन भी उन लोगों का करते
शानदार प्रस्तुति , बहुत बहुत बधाई
आप सभी कलाकारों को बहुत बहुत बधाई
Bahut sundar prastuti esko pandito ko dekhna chahiye yah kahani nahi hakikat hai
Jay Bheem namo budhay Jay sanvidhan Jay mool nivasi sc st obc mainaroty tribals
Dhogi pakandi. Dalit betio uvaon ko Sikh le
जय प्रेमचंद भी बोल दे
जय सियाराम
जय हो श्री मान प्रेमचंद मुन्सी जी
ज़मीन स्तर पर असल जिंदगी का महत्व बताया और दिखाया
अबे तुम्हें इसमें और कुछ नहीं दिख रहा । उस हरामखोर का पाप ,जो धर्म नामक धंधे के बल पर अत्याचार किया है । सत्य घटना है ।
जानदार शानदार जबरदस्त
Premchand ji jitne Acche Lagte Hain Main Unka Sab dekhta hun Mantra dekhta hun Thakur Ka Kuan Dekho yah Jamini lekhak Bar Bar namaskar
Sabhi log ko badhai natak bhaut shandar tha
ये कहानी बड़ी ज्ञान वर्धक है
Mnuvadi vyavstha ki jhlak
Dhanyavaad hai Ambedkar ka sambidhaan jisaka abhi bhi sansodhan jaari hai. Jaatiwaad, aatankwaad, chori, mafiya, gunde badhate ja rahe hai. Garib, dalit kamjor hote ja raha hai. Talent berozgaar ho raha hai. Ayogya reservation se naukarshah bhrashtaachaar ho raha hai.
Tujhe ye dekhkar bhi lajja nahi aai
बेहतरीन प्रस्तुति
Itna annyay hamare logo k sath
शानदार, जबरदस्त
Aaj ki generation kharab hone ki bhat si wajha internet me majood hai.....sudharne k liye ek Divyakriti sir kafi hain....❤tvf ki kuch Sandeep bhaiya Kota fa tory jaise episodes bhi hain...thanks Ranveer❤
ye Natak dekhkr bahut acha laga.isi leye Quran paq me byaj lena sakht mana kiya gaya hai.isse byaj lene wala kabhi mukti nahi pata.
Premchand ji mahan lekhak
Bhojpuri❤
Very good story 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
mind blowing ankita... adorable performance.. and also best acting of your co actors....
Uff kiyaa story thi dil.dehla dene baali
Congress is all time good
Sahitya samaaj ka Darpan Hota Hai
धन्यवाद
मुंशी प्रेमचंद ने गरीब असहाय लोगों को जागरुक किया है जिन्हे इस बाबा रुपी भेड़ियों से सतर्क रहना चाहिए जिसने गरीब की जान ले ली
ब्राह्मण, क्षत्रिय, की बात नहीं है ये सिर्फ और सिर्फ न ज्ञान का नतीजा था, जिसको बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने समुचित रूप से दलितों के लिए प्रस्तावित किया है। आरक्षण सिर्फ एक सोच थी की जिससे पिछड़ा वर्ग या समुदाय समुचित ज्ञान ले सके और खुद के लिए सही गलत का फैसला ले और उसके लिए लड़ सके । शिक्षा पर सभी का सामान अधिकार है। परंतु शिक्षा ये कभी नहीं सिखाती की आप किसी को गाली दें। शिक्षा आपको सभ्य भाषा सिखाती है। आज कल हम देखते हैं कुछ छपरी छाप लोग है जिनका न शिक्षा से कुछ लेना देना है न किसी समुदाय से खमखाह गाली गलौज करते हैं। कहतें है जय भीम, अरे भईया जिनको आप पूजते हो उन्होंने किसी जाति किसी धर्म को एक अपशब्द नही कहा, उन्होंने खुद को इतना काबिल बना दिया, सारे न चाहते हुए भी नमन करते हैं, तो खुद को शिक्षित करो । दुनिया झुकेगी कदमों में । किसी पिछड़े वर्ग या समुदाय का कोई भी व्यक्ति अगर आईएएस अधिकारी बन गया हो उसे किसी को गाली देते हुए किसी ने देखा है, नही न सारे उसके सामने झुकते हैं। इतनी काबिलियत पैदा कीजिए 🙏💐
Awesome
Mind-blowing performance
Everyone gave their best👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Shaishtaaaaasa..aaa
Shandar prastuti
Bahut achha hai
शानदार प्रस्तुति🎉🎉🎉
Jai ma Jagat janni ♥️🌍🌄👪🙏
This was the reality of rular India which has been presented by munsi ji
But nowadays bandhua majduri and begari is illegal by our constitution.
and also Upper class peoples are changing their mindset and they believes
In equality.
Pandito ki bhakti yani dhokha
Very good performance 🙏🙏
समाज को जितना अंग्रेज मुगल नुकसान नहीं पहुंचाया उससे ज्यादा मुंशी प्रेमचंद ने।
Sahi kaha
हाँ । नीच सोच आज भी बरकरार है तुम्हारी
खानदानी नीच तो तुम हो
अबे नीचता कब छोड़ोगे तुम लोग । इसी ब्राह्मणवाद ने देश की दुर्गति कराई अब तो बाज आओ। प्रेम चंन्द्र जैसा विद्वान और सच्चाई लिखनेवाला है कोई ?
शोषण
इसी कारण भारत गुलाम हुआ पहले मलेच्छ हप्सी मुस्लिम गुलामों से और फिर अंँग्रेजों से।
अबे धूर्तता से अब भी बाज नहीं आ रहे हो । इसमें म्लेक्ष मुगल और अंग्रेज कहां से आ गए । धर्म ,भगवान का झूंठा भय दिखाकर नीचता की हद करते धर्म के धंधेबाज ।
Aaj bhi log samaj me puchh rahe hain ki bhimrao ambedkar ji ne kya kiya to un gadho ke liye ye example hai SC St OBC samaj ke log dekh le agar Lalu mulayam aur mayawati ji kashiram ji jaise log na hote to unki yahi halat hoti.jai Hind jai sanvidhan
Bahut badhiya :)
Ye kahani aaj bhi chal rahi hai bas kirdaar badal gaye true 16.07.2023 Sunday chathi in Gurgaon 13.26 pm