बहुत बढ़िया। हिमालयी देवताओं की किंवदंतियों में दो बातें बहुतायत में पाई जाती है पहली यह की इनका संबंध किसी न किसी महाभारत के पात्र से जोड़ा जाता है दूसरा पांडवों के अज्ञातवास से। यह परंपरा हिमाचल उतराखंड और नेपाल में भी है जो अतिशयोक्ति से अधिक कुछ भी नहीं है
नरेश सर, प्रणाम आपके सानिध्य की परम आवश्यकता है । अब ये किवदंतिया है या सत्यता पर अधारित यह तो प्रभु ही जाने । पर शीघ्र ही देव बथिंदलु महाराज जी का इतिहास जानने के लिये आपसे बात करने का अति उत्सुक हूं। 🙏
भाई साहब ये केवल न्याय के ही देवता नहीं है यदि सच्चे मन से मांगो तो श्री देवता साहेब पन्दोई हर इच्छा पूरी करते हैं । जैसे मन चाही सन्तान प्राप्त करना, नौकरी प्राप्त करना, सरकार के साथ या किसी बाह्य शक्ति से विजय प्राप्त करना, अपने देवलुओं की जिन्हे खानदान नाम दिया गया है कि देश विदेश मे वो चाहे कहीं भी हो उसकी रक्शा करता है । भैप प्रेत तथा बुरी आत्मा ओं से रक्षा करते हैं । यानि हर प्रकार की इच्छा ऐं पूरी करते हैं । लेकिन निर्मल मन होना आवश्यक है ।
कभी असली नाम भी ले लिया करो, पंदोई कोई नाम नहीं है गांव का नाम पंदोआ है इसलिए पंदोई कहते हैं, देवता जी का नाम महाकालेश्वर है... महाकालेश्वर का नाम लेना चाहिए, कई मंदिरों में डोम और महाकालेश्वर एक साथ रहते हैं , डोम और महाकालेश्वर परम मित्र है। महाकालेश्वर पदोंई देवता दुरयोधन के अवतार हैं।।।।
भाई साहब लोगों को बेवकूफ मत समझा करो हम यहां के स्थानीय निवासी है कम से कम हमें तो न बनाईए । मेरे एक सवाल का जवाब दो कि आप ने श्री देवता साहब पन्दोई जी का सम्बन्ध दुर्योधन से कैसे जोड लिया ? मुझे आप की इस घटिया जानकारी पर दुख भी होता है और हंसी भी आ रही है कि आजकल कुछ लोग अपने को इतिहासकार समझ रहे हैं लेकिन वो है नही । मेरे इस सवाल का जवाब दो कि क्या पांडवों के अग्यातवास के समय दुर्योधन कैसे पाण्डवों के साथ पन्दो आ आया ? क्योंकि वो तो पाण्डवों का मुख्य विरोधी था और यदि 6:22 वो आया था तो फिर व अग्यातवास अग्यात कैसे रहा ? कृपया पहले महाभारत का इतिहास पढ लें । नक्काशी शब्द का उच्चारण भी आप ने गलत किया है । ये वर्तमान के Convent School के पढने वाले लगते हैं जो Eighty Rupees तो जानते हैं लेकिन अस्सी रूपये नहीं जानते हैं कि कितने होते है और वैदिक हिन्दी का तो इन्हे पता भी नही होगा । वैदिक गणित क्या होती है ?संस्कृत क्या होती है शायद इन्हे नही मालूम ।
श्रीमान जी ये जानकरी गड़बड़ है कि पंडोई देवता दुर्याधन का रूप है ऐसा बिलकुल भी नहीं माना जाता । ये बात तो केवल आपकी इस वीडियो के माध्यम से ही पता चल रही है जोकी गलत है ।।
दुर्योधन ? पंदोई देवता जी का पूरा नाम - महाकालेश्वर देवता साहिब पंदोई है। महाकालेश्वर नाम का संबंध साक्षात भगवान शिव से है यानी कालो के काल महाकाल । महाकाल का दूसरा अर्थ विनाश यानी प्रचंड(काल) शक्ति का जागृत होना । पंदोई देवता जी को भगवान शिव के क्रोधित प्रचंड रूप में माना जाता है इसलिए गलत जानकारी प्रदान न करे । ऐसी घटिया जानकारी देवताओं के प्रति आस्थाओं पर प्रभाव डालती है। 😢
हमने भी एसा कोई दावा नही किया है कदाचित यह कोई किवदंती भी हो सकती है । रही शिवरुप की बात तो हिमालय के अधिकांश देवताओं को शिवरुप ही माना जाता है चाहे देव पंदई महाकालेश्वर हो, सुन्नु देव हो, देव बथिंदलु या देव कणेश्वर भज्जी सराज क्षेत्र के अधिकाँश देवताओ को शिव रुप ही माना जाता है ।।
पंदोआ व भज्जी सुकेत क्षेत्र पांडवो के अग्यातवास से भी एतिहासिक है इसी दौरान पांडवो का अग्यातवास भंग करने के लिये कौरवो द्वारा भी क्षेत्र का भ्रमण किया गया , एसा माना जाता है यद्यपि कांलांतर में देव मूल माहूनाग महाराजा कर्ण रुप व देव बडेयोगी आचार्य द्रोण रुप में सुकुट राज्य में पूजनीय माने गये इसी संदर्भ में कुछ लोग मिलें जो देव महाकालेश्वर पंदोई जी महाराज को भी दुर्योधन का समरुप मानते हैं खैर महाकालेश्वर महाराज की कीर्ती तो दिग दिग्मबर है। खैर हमने भी इस बात की कोई पुष्टि न की है यह बात कितनी सत्य है यह भी काल के गर्भ में हैं । -जय महाकालेश्वर देव पंदोई जी महाराज ।।
@thehimalyawaves जनाब ये कमेंट उन लोगों के लिए किया गया है जो ये बोल रहे है की पंदोई देवता दुर्योधन का रूप है । और आपने शायद मेरा कमेंट ध्यान से पढ़ा नहीं मैने ऐसा कब कहा की केवल पंदोई देवता जी ही शिव के रूप है मैने तो ये कहा पंदोई देवता जी भगवान शिव के क्रोधित रूप में जाने जाते है जो कि सत्य है । भगवान शिव और दुर्योधन ये बात कुछ गड़बड़ है जनाब ।
जय देव पंदोई जी
Beautiful 😍 🤩
Jai ho devta g
Jai maha kaleshwar pandoi ji maharaaj
Nice. View 👍
Jai pandoai devta ji
Jai ho mere Malik 🙏🙏❤️❤️
Jay ho ❤
🙏🙏
जय हो देवता जी
Jai ho nanua❤❤
Jay ho🙏🙏🙏🙏
Great Video 🙏
Joe ho Devta g
Pandoi devta ji ki jai ho 🙏🙏🙏🙏
पंदोई देवता जी की जय, देवता जी की कृपा हम सभी पर हमेशा बनी रहे।
Good
Thanks
Jai ho nice 🙏
Jai ho
Jai dev pandoi ji🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर भाई जी
Ji shurkiya snjay bhai
बहुत बढ़िया। हिमालयी देवताओं की किंवदंतियों में दो बातें बहुतायत में पाई जाती है पहली यह की इनका संबंध किसी न किसी महाभारत के पात्र से जोड़ा जाता है दूसरा पांडवों के अज्ञातवास से। यह परंपरा हिमाचल उतराखंड और नेपाल में भी है जो अतिशयोक्ति से अधिक कुछ भी नहीं है
नरेश सर, प्रणाम आपके सानिध्य की परम आवश्यकता है । अब ये किवदंतिया है या सत्यता पर अधारित यह तो प्रभु ही जाने । पर शीघ्र ही देव बथिंदलु महाराज जी का इतिहास जानने के लिये आपसे बात करने का अति उत्सुक हूं। 🙏
श्री देवता साहेब पन्दोई जी की पूरी ब्यवस्था लोकतांत्रिक ब्यवस्था है जो सदियों से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी ।
Pandoi devta ji ki kirti door door TK hai ....
भाई साहब ये केवल न्याय के ही देवता नहीं है यदि सच्चे मन से मांगो तो श्री देवता साहेब पन्दोई हर इच्छा पूरी करते हैं । जैसे मन चाही सन्तान प्राप्त करना, नौकरी प्राप्त करना, सरकार के साथ या किसी बाह्य शक्ति से विजय प्राप्त करना, अपने देवलुओं की जिन्हे खानदान नाम दिया गया है कि देश विदेश मे वो चाहे कहीं भी हो उसकी रक्शा करता है । भैप प्रेत तथा बुरी आत्मा ओं से रक्षा करते हैं । यानि हर प्रकार की इच्छा ऐं पूरी करते हैं । लेकिन निर्मल मन होना आवश्यक है ।
Ji bilkul sir
कभी असली नाम भी ले लिया करो, पंदोई कोई नाम नहीं है गांव का नाम पंदोआ है इसलिए पंदोई कहते हैं, देवता जी का नाम महाकालेश्वर है... महाकालेश्वर का नाम लेना चाहिए, कई मंदिरों में डोम और महाकालेश्वर एक साथ रहते हैं , डोम और महाकालेश्वर परम मित्र है। महाकालेश्वर पदोंई देवता दुरयोधन के अवतार हैं।।।।
जी ध्यान रखेंगे। सुझाव के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आपका सहयोग व समीक्षा मिलती रहे।
भाई साहब लोगों को बेवकूफ मत समझा करो हम यहां के स्थानीय निवासी है कम से कम हमें तो न बनाईए ।
मेरे एक सवाल का जवाब दो कि आप ने श्री देवता साहब पन्दोई जी का सम्बन्ध दुर्योधन से कैसे जोड लिया ? मुझे आप की इस घटिया जानकारी पर दुख भी होता है और हंसी भी आ रही है कि आजकल कुछ लोग अपने को इतिहासकार समझ रहे हैं लेकिन वो है नही ।
मेरे इस सवाल का जवाब दो कि क्या पांडवों के अग्यातवास के समय दुर्योधन कैसे पाण्डवों के साथ पन्दो आ आया ? क्योंकि वो तो पाण्डवों का मुख्य विरोधी था और यदि 6:22 वो आया था तो फिर व अग्यातवास अग्यात कैसे रहा ?
कृपया पहले महाभारत का इतिहास पढ लें ।
नक्काशी शब्द का उच्चारण भी आप ने गलत किया है ।
ये वर्तमान के Convent School के पढने वाले लगते हैं जो Eighty Rupees तो जानते हैं लेकिन अस्सी रूपये नहीं जानते हैं कि कितने होते है और वैदिक हिन्दी का तो इन्हे पता भी नही होगा । वैदिक गणित क्या होती है ?संस्कृत क्या होती है शायद इन्हे नही मालूम ।
श्रीमान जी ये जानकरी गड़बड़ है कि पंडोई देवता दुर्याधन का रूप है ऐसा बिलकुल भी नहीं माना जाता । ये बात तो केवल आपकी इस वीडियो के माध्यम से ही पता चल रही है जोकी गलत है ।।
मान्यवर, मुझे कई एसे लोग मिले जिन्होंने इस बात के बारे में बतलाया , कदाचित यह किवदंती भी हो सकती है और हमने भी एसी कोई पुष्टी न की है ।
पांडोई देवता दुर्योधन ही है, कई बार देवता खुद अपने बखान में बोलते हैं कि मैं दुर्योधन हूं
@@amymeh8903bhai humne to esa kabi ni suna
दुर्योधन ? पंदोई देवता जी का पूरा नाम - महाकालेश्वर देवता साहिब पंदोई है। महाकालेश्वर नाम का संबंध साक्षात भगवान शिव से है यानी कालो के काल महाकाल । महाकाल का दूसरा अर्थ विनाश यानी प्रचंड(काल) शक्ति का जागृत होना । पंदोई देवता जी को भगवान शिव के क्रोधित प्रचंड रूप में माना जाता है इसलिए गलत जानकारी प्रदान न करे । ऐसी घटिया जानकारी देवताओं के प्रति आस्थाओं पर प्रभाव डालती है। 😢
हमने भी एसा कोई दावा नही किया है कदाचित यह कोई किवदंती भी हो सकती है । रही शिवरुप की बात तो हिमालय के अधिकांश देवताओं को शिवरुप ही माना जाता है चाहे देव पंदई महाकालेश्वर हो, सुन्नु देव हो, देव बथिंदलु या देव कणेश्वर भज्जी सराज क्षेत्र के अधिकाँश देवताओ को शिव रुप ही माना जाता है ।।
पंदोआ व भज्जी सुकेत क्षेत्र पांडवो के अग्यातवास से भी एतिहासिक है इसी दौरान पांडवो का अग्यातवास भंग करने के लिये कौरवो द्वारा भी क्षेत्र का भ्रमण किया गया , एसा माना जाता है यद्यपि कांलांतर में देव मूल माहूनाग महाराजा कर्ण रुप व देव बडेयोगी आचार्य द्रोण रुप में सुकुट राज्य में पूजनीय माने गये इसी संदर्भ में कुछ लोग मिलें जो देव महाकालेश्वर पंदोई जी महाराज को भी दुर्योधन का समरुप मानते हैं खैर महाकालेश्वर महाराज की कीर्ती तो दिग दिग्मबर है। खैर हमने भी इस बात की कोई पुष्टि न की है यह बात कितनी सत्य है यह भी काल के गर्भ में हैं ।
-जय महाकालेश्वर देव पंदोई जी महाराज ।।
@thehimalyawaves जनाब ये कमेंट उन लोगों के लिए किया गया है जो ये बोल रहे है की पंदोई देवता दुर्योधन का रूप है । और आपने शायद मेरा कमेंट ध्यान से पढ़ा नहीं मैने ऐसा कब कहा की केवल पंदोई देवता जी ही शिव के रूप है मैने तो ये कहा पंदोई देवता जी भगवान शिव के क्रोधित रूप में जाने जाते है जो कि सत्य है । भगवान शिव और दुर्योधन ये बात कुछ गड़बड़ है जनाब ।
जी सही कहा
Good
Jai ho
Jai ho
Jai Ho