इस संसार में ज्ञान का अथाह समुद्र है उससे कोई भी पार नहीं पा सकता सर्वोच्च का स्थान हमेशा रिक्त होता है इसलिए इंसान को ज़िंदगी भर सीखते रहना चाहिए आपको भी क्या तुम बता सकती हो , हिग्स boson पार्टीकल की उत्पत्ति कैसे हुई , उस पर क्या रिसर्च चल रही है नहीं ना इसका मतलब ये नहीं तुम बेवक़ूफ़ हो ?
@@anusingh-ws8no तभी कहते है लॉजिकल दिमाग़ होना ज़रूरी है विज्ञान का उद्धरण देने का मतलब ये थे कि किसी भी व्यक्ति को छोटी से छोटी , बड़ी से बड़ी चीज़ों का संपूर्ण ज्ञान होना संभव ही नहीं है पर ये बातों का मतलब समझने के लिए भी दिमाग़ चाहिए जॉकी तुम्हारे पास नहीं है
Bahut Bhaut sadhuvaad.. Uncle ji ne jo bhi bataya wo jaan kar bada aanad aya aur age se koshish karenge ki haath ke kaate hue Janeu hi dharan kare... Jai HO!
Pawan Bhai ..This was your one of the best video........kaafi achi jankari mili phle k log wakai m skillful the har chiz ka unke pass alag trike se solution tha.............maine aapki video m yeh phli baar comment kiya
In coastal Karnataka a brahmachari is made to wear Yajnopavita of three threads. During marriage while entering Grahastashrama he is made to wear another Yajnopavita with three threads. After becoming Grahasta we are supposed to wear two Yajnopavita of three threads each. We too don't buy Yajnopavita from shops.
सर्वप्रथम पंडित जी को नमस्कार🙏 बहुत अच्छा लगा यह सब जानकर,जो कि हमारे हिंदुत्व की परंपरा है,दिल से आपको बहुत बहुत धन्यवाद,आप लोगों द्वारा ही हमे ये सब जानने को मिला,पवन दा आपको भी बहुत धन्यवाद 🙏
पवन सबसे अच्छा ब्लॉग आज का लोगों को जानकारी देने के लिए क्योंकि आजकल बाजार में ठग जनऊ आ गये हैं लोग पैसे कमाने के लिए सफेद धागे या पिले धागे को जनेऊ का रूप दे देते हैं उसे बाजार में दुकानदारों को बेच देते हैं फिर दुकान वाले लोगों को बेच देते हैं। हकीकत में जनऊ बनाना बहुत ही कठीन है जनेऊ बनाने का बहुत बड़ी प्रोसेसिंग होती हैं मैने खुद देखा हैं। अपने बड़े बुजुर्गो व अपने पति को जनेऊ बनाते हुए बहुत नियम है।
Pawan shandar video ha bhaiya aaj ka video bhi bahut importent aur knowledge wala ha sach ma pawan tum jish ko bhi fokus karta ho uska lojik bahut achi sa samjh aa jata ha sabhi ko bhaiya panditji toa knowledge wala ha pur bhaiya pandit tainji na toa panditji ko bhi fail kar diya bahut knowlege ha pandit tainiji ko wow nice👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Wah kya jankari di hai....mujhe lagta h aane vali pidiyo ke liye pawan pahadi वेद, पुराणों jese gyan dene vali sidhh hogi❤❤❤❤ or uncle ji ka bhi bhaut dhanyawad ❤🙏
अंकल जी ने बहुत ही ज्ञान की बात बताई ❤पवन दा के माध्यम से तो वैसे भी बहुत कुछ सीखा है और आज अंकल जी से भी ज्ञान प्राप्त कर लिया। पवन दा का बहुत आभार❤ जय देवभूमि जय उत्तराखंड 🙏
सर्व प्रथम गुरु जी को सादर प्रणाम । पवन भाई जी आपको सादर जय सियाराम।आज आपके द्वारा दी जानकारी बहुत बढ़िया लगी।और जनेऊ बनते तो हमने देखे थे लेकिन जनेऊ बनाते समय क्या क्या सावधानी बरतनी पड़ती हैं और गाठ को क्या बोलते है ये सब पहली बार पता चला। दूसरी चीज जो अम्मा जी ने बताई बैकर के बारे मैं उसका अर्थ से भी में परे था। आपका बहुत बहुत धन्यवाद ददा। पवन भाई में भी कभी कभी बाजार से बनी हुई जनेऊ ले आता हूं तो मैं उन्हें कैसे प्रतिष्ठित करू बताने का कष्ट करें
Pawan bhaiyya ham to aapke har black se khush rahte ha main bat to Ye ha ki Aap hamesha gyan ki bate btate rhte ho Tq bhai hmesha aage badte rho aur haste rho hame bhi hasate rho😊
सूर्य और चंद्र ग्रहण के पश्चात बदलने का विधान भी कुछों के द्वारा सुना है लेकिन इतने शुद्ध जने ऊ कहां से उपलब्ध करें।व्लाग से बहुत अच्छी जानकारियां मिलीजो पहले कम मालुम थीं ❤🎉
कुमाऊं में सूर्य और चंद्र ग्रहण के उपरांत यज्ञोपवीत बदलना अनिवार्य रूप से किया जाता है । किसी भी प्रकार के शूतक या नातक (कुमाऊं में जन्म शूतक को नातक कहते हैं) के बाद जनेऊ बदलना ही है। चूकी ग्रहण में भी शूतक लगता है इसलिए यज्ञोपवीत अशुद्ध माना जाता है।
Bahut sundar jaankari aajkal ki pidi ke liye. Mai dilhi mai hu pr mai bhi barabar janeu banata hu sab ko deta hu sath valo ko pure savan ke mahine pure niyam ke se rh kr janeu banata hu . Bahut sundar joshi ji aaghe bhi kisi na kisi ko shikhana janeu banana. जय देव भूमि जय उत्तराखंड
बहुत सुंदर,,, घर में जनेऊ बनाने में समय मेहनत बारिकी बहुत लगती है जिसमें तांगा चलाया जाता (कतपुल)वो ऐसे ही नहीं नाचता है,,बजार की तो क्या ही कहना, जेसे अंकल जी का नाम वेसा काम 👍👍
भट्ट जी को सादर प्रणाम🙏 अच्छी जानकारी है उनकी पिता जी को देखा है अब बूढ़े है 92 तो संभव नहीं घर के जनेऊ ही शुद्ध हैं पवित्र है ईश्वर की स्मरण की शक्ति हैं🙏🙏 आपका योगदान समाज को प्रेरित करने मैं जनेऊ क्रांति के लिए धर्म जागरण के लिऐ आस्था को मजबूत करने के लिए आपका आभार धन्यवाद 🙏🙏
जब हम छोटे थे तो पंडित जी जब भी रक्षाबंधन में आते तो रखड़ी के साथ जनेऊ भी लाते थे ,😊जनेऊ के बारे में बढ़िया जानकारी👍👍बाकी हम लोग जो पंडितों को अनाज देते हैं उसे मिश्राव बोलते हैं और बैकर शब्द भी हम लोगों के यहां बोला जाता है शायद जो पितृपक्ष में दिया जाता है उसे पूजा के लिए जो भी अनाज निकला जाता था वो अज्ञाल से निकला जाता था जिस अनाज को हम अनाज की मंडाई में सबसे पहले निकलते थे 😊 पहले स्कूल में तकली कातनी सिखाई जाती थी इसकी भी परीक्षा होती थी ,रूई की पूनी होती थी ,हमारा समय वो भी था😊
कुमाऊं में हम सभी ब्राह्मण रक्षाबंधन के दिन जनेऊ बदलते हैं । इस दिन को श्रावणी उपाकर्म और कुमाऊनी में जन्यो पुन्यु कहते हैं। सभी यजुर्वेदी इसी दिन उपाकर्मा करते हैं । हम कुमाऊनी ब्राह्मण अमूमन यजुर्वेदी होते हैं। ऋगवेदी और सामवेदियों के उपाकर्मा आगे पीछे होते हैं। इस वर्ष तो मैने कई बार जनेऊ बदला क्योंकि राठ में अनेक शूतक आए और ग्रहण के शूतक वो अलग .. हा हा। कुमाऊं में आज भी प्राचीन ब्राह्मण नियमों का पालन दिखाई देता है , जैसे की चोखा भोजन या शोले पद्धति । पवन जी यह आपको कुमाऊं के अलावा उत्तर भारत में कहीं भी नहीं मिलेगी। हां दक्षिण में आज भी है वहा इसे मड़ी कहते हैं। आपका यह ब्लॉग अनेक जानकारी प्रद था। इसके लिए अनेक शुभेच्छा।
ये विषय बड़ा ही विशाल है भव्य है हर सनातनी को यह ज्ञान होना कि रामायण मैं 24000 श्रोलोक हैं हर श्लोक के प्रथम अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है और इस मंत्र ताकत सम्पूर्ण देवों का स्मरण है और जनेऊ हमारी आस्था का प्रतीक...नियम धर्म बताने पर नई पीढ़ी को शिक्षा देते रहिए...❤❤
Bahut informative vlog . Pp is back . Kya hum laina chain to humain inse mil saktee hain ye janeo . Abhari rahenge . Kaise uplabbdh hogi humain inke haath ki banayi janeo
पवन भाई आप को जनेऊ के बारे में पता नहीं है तो तुम कीस बात के पंडित हो फिर ये पता हमें भी पता है कि जनेऊ कब बदलते हैं कब नहीं
इस संसार में ज्ञान का अथाह समुद्र है
उससे कोई भी पार नहीं पा सकता
सर्वोच्च का स्थान हमेशा रिक्त होता है
इसलिए इंसान को ज़िंदगी भर सीखते रहना चाहिए
आपको भी
क्या तुम बता सकती हो , हिग्स boson पार्टीकल की उत्पत्ति कैसे हुई , उस पर क्या रिसर्च चल रही है
नहीं ना
इसका मतलब ये नहीं तुम बेवक़ूफ़ हो ?
Bhai g generally Chize sbko pta hoti ab tum science k swal to mt hi pucho research to Jane kya kya chal rha hai tumhe b nhi sb pta
हम तो बुढ़ापे में ज्ञान ले रहे हैं ,मैने भी पहली बार सुना जनेऊ के बारे में😊
@@rajanijuyalऔर ये शांति जी को जवानी में ही परम ब्रह्म प्राप्त हो गया 😂😂😂😂
@@anusingh-ws8no तभी कहते है लॉजिकल दिमाग़ होना ज़रूरी है
विज्ञान का उद्धरण देने का मतलब ये थे कि किसी भी व्यक्ति को छोटी से छोटी , बड़ी से बड़ी चीज़ों का संपूर्ण ज्ञान होना संभव ही नहीं है
पर ये बातों का मतलब समझने के लिए भी दिमाग़ चाहिए जॉकी तुम्हारे पास नहीं है
Bahut badiya Pawan dajjyu❤❤😊😊🙏🙏😎😎
Bahut acchi jankari di pandit ji ne🎉❤❤
Bahut Bhaut sadhuvaad.. Uncle ji ne jo bhi bataya wo jaan kar bada aanad aya aur age se koshish karenge ki haath ke kaate hue Janeu hi dharan kare... Jai HO!
Pranaam pandit ji ko hamara,🙏🏼🙏🏼
Bahut acchi jankaari mili h aaj ji
Pawan Bhai ..This was your one of the best video........kaafi achi jankari mili phle k log wakai m skillful the har chiz ka unke pass alag trike se solution tha.............maine aapki video m yeh phli baar comment kiya
❤️❤️❤️
बहुत ही अच्छी जानकारी देने के बारे में
ati sundar dajyu🙏🙏🙏
कोटि कोटि प्रणाम
बहुत सुन्दर👌👌❤❤❤❤
बहुत अच्छी जानकारी दी है जोशी जी ने।
🙏 पवन बहुत बढ़िया जानकारी जनेऊ बनानें और पहनने की विधि के बारे में बहुत बढ़िया बताया 👏👏 ज्ञान जितना मिले प्राप्त करना चाहिए।
❤️❤️
बहुत ही शानदार जानकारी अंकल जी द्वारा दी
पवन भैय्या का धन्यवाद
In coastal Karnataka a brahmachari is made to wear Yajnopavita of three threads. During marriage while entering Grahastashrama he is made to wear another Yajnopavita with three threads. After becoming Grahasta we are supposed to wear two Yajnopavita of three threads each. We too don't buy Yajnopavita from shops.
❤️❤️
Bahut acchi jankari di hai ajkl ki pidi ko❤
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी
बहुत शानदार ऐसे ही ब्लॉक बनाओ सटीक जानकारी यही प्रक्रिया हमारे चाचा जी भी अपनाते है जनेउ बनाने मे. जय देवभूमी
Jay Ho Pandit Ji Ki
सर्वप्रथम पंडित जी को नमस्कार🙏
बहुत अच्छा लगा यह सब जानकर,जो कि हमारे हिंदुत्व की परंपरा है,दिल से आपको बहुत बहुत धन्यवाद,आप लोगों द्वारा ही हमे ये सब जानने को मिला,पवन दा आपको भी बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत अच्छी जानकारी❤
पवन सबसे अच्छा ब्लॉग आज का लोगों को जानकारी देने के लिए
क्योंकि आजकल बाजार में ठग जनऊ आ गये हैं लोग पैसे कमाने के लिए सफेद धागे या पिले धागे को जनेऊ का रूप दे देते हैं उसे बाजार में दुकानदारों को बेच देते हैं फिर दुकान वाले लोगों को बेच देते हैं।
हकीकत में जनऊ बनाना बहुत ही कठीन है जनेऊ बनाने का बहुत बड़ी प्रोसेसिंग होती हैं मैने खुद देखा हैं। अपने बड़े बुजुर्गो व अपने पति को जनेऊ बनाते हुए बहुत नियम है।
❤️❤️❤️
Pawan shandar video ha bhaiya aaj ka video bhi bahut importent aur knowledge wala ha sach ma pawan tum jish ko bhi fokus karta ho uska lojik bahut achi sa samjh aa jata ha sabhi ko bhaiya panditji toa knowledge wala ha pur bhaiya pandit tainji na toa panditji ko bhi fail kar diya bahut knowlege ha pandit tainiji ko wow nice👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर ब्लॉग ❤ गुरु जी ने बहुत अच्छी जानकारी दी धन्यवाद
Wah kya jankari di hai....mujhe lagta h aane vali pidiyo ke liye pawan pahadi वेद, पुराणों jese gyan dene vali sidhh hogi❤❤❤❤ or uncle ji ka bhi bhaut dhanyawad ❤🙏
जय हो बहुत ही सुन्दर
अंकल जी ने बहुत ही ज्ञान की बात बताई ❤पवन दा के माध्यम से तो वैसे भी बहुत कुछ सीखा है और आज अंकल जी से भी ज्ञान प्राप्त कर लिया। पवन दा का बहुत आभार❤
जय देवभूमि जय उत्तराखंड 🙏
❤️❤️
बहुत ही अच्छा ब्लॉग
Yash bhai ki baat to alag hi hai✨🤠😎
मुझे आता था जनेऊ बनाना पर में भूल गया था हम मुझे ध्यान आगया पवन भाई धन्यवाद आप ये ज्ञान देने के लिए❤
❤️❤️
बहुत सुन्दर बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए ❤
Uncle ji bhut gyani hai nyc vlog..
Hello pawan phadi ji,ye pandit ji to hmare pandit ji v hain bhut achi pooja krte hai..😊
Bahut Achcha Laga Pawan da aamne acchi jankari uncle Ji ko main bahut bahut dhanyvad deti hun❤❤❤❤❤❤
सर्व प्रथम गुरु जी को सादर प्रणाम ।
पवन भाई जी आपको सादर जय सियाराम।आज आपके द्वारा दी जानकारी बहुत बढ़िया लगी।और जनेऊ बनते तो हमने देखे थे लेकिन जनेऊ बनाते समय क्या क्या सावधानी बरतनी पड़ती हैं और गाठ को क्या बोलते है ये सब पहली बार पता चला।
दूसरी चीज जो अम्मा जी ने बताई बैकर के बारे मैं उसका अर्थ से भी में परे था।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद ददा।
पवन भाई में भी कभी कभी बाजार से बनी हुई जनेऊ ले आता हूं तो मैं उन्हें कैसे प्रतिष्ठित करू बताने का कष्ट करें
बहुत सुन्दर जानकारी बहुत बहुत धन्यवाद पंडित जी 🎉❤
Bahut acchi jankari ❤
बहुत सुंदर बहुत अच्छी जानकारी
Bahut achi jankari🙏🏽
बहुत ही सुंदर ब्लॉग पवन बहुत अच्छी जानकारी
Pawan bhaiyya ham to aapke har black se khush rahte ha main bat to Ye ha ki Aap hamesha gyan ki bate btate rhte ho Tq bhai hmesha aage badte rho aur haste rho hame bhi hasate rho😊
हर हर महादेव पंडित जी ने बहुत अच्छी बात बताइए
बहुत अच्छा जनेऊ के बारे में बहुत अच्छा बात समझ है🙏🙏🙏🙏🙏
Nice vlog Pawan bro 👌
बहुत सुंदर पवन दा पंडित जी को मेरा प्रणाम
सूर्य और चंद्र ग्रहण के पश्चात बदलने का विधान भी कुछों के द्वारा सुना है लेकिन इतने शुद्ध जने ऊ कहां से उपलब्ध करें।व्लाग से बहुत अच्छी जानकारियां मिलीजो पहले कम मालुम थीं ❤🎉
कुमाऊं में सूर्य और चंद्र ग्रहण के उपरांत यज्ञोपवीत बदलना अनिवार्य रूप से किया जाता है । किसी भी प्रकार के शूतक या नातक (कुमाऊं में जन्म शूतक को नातक कहते हैं) के बाद जनेऊ बदलना ही है। चूकी ग्रहण में भी शूतक लगता है इसलिए यज्ञोपवीत अशुद्ध माना जाता है।
Good information 👍
Kal ja blog 2 2 bar dekha bahut achha laga ❤❤
Ati sundar bro❤
Bahut sundar जानकारी
बहुत बहुत सुंदर
Bhaut Sundar vlog
Very nice vlog 👌👌❤❤
Very talented uncle ji
Very good 👍
Bahut sundar jaankari aajkal ki pidi ke liye. Mai dilhi mai hu pr mai bhi barabar janeu banata hu sab ko deta hu sath valo ko pure savan ke mahine pure niyam ke se rh kr janeu banata hu . Bahut sundar joshi ji aaghe bhi kisi na kisi ko shikhana janeu banana. जय देव भूमि जय उत्तराखंड
❤️❤️
Very beautiful video 😍😮
बहुत ही अच्छी जानकारी बताई आज आपने पवन भाई ❤❤❤❤
❤️❤️
Bahut sundar
पवन भी बहुत अच्छा
Bahut badhiya vlog Pawan ji 👌👌👏🌺🌺❤️
nice❤❤❤
बहुत सुंदर,,, घर में जनेऊ बनाने में समय मेहनत बारिकी बहुत लगती है जिसमें तांगा चलाया जाता (कतपुल)वो ऐसे ही नहीं नाचता है,,बजार की तो क्या ही कहना, जेसे अंकल जी का नाम वेसा काम 👍👍
❤️❤️❤️
Uncle ji ko kaafi gyaan
Pandit ji ko pranam
Bahut badhiya unkal ji
Good❤❤❤🎉
Very nice information
पंडित जी को बहुत जानकारी है ❤🙏👌
❤ पवन जी आप तो नई नई जानकारी लोगों तक दे रहे हो
भट्ट जी को सादर प्रणाम🙏 अच्छी जानकारी है उनकी पिता जी को देखा है अब बूढ़े है 92 तो संभव नहीं घर के जनेऊ ही शुद्ध हैं पवित्र है ईश्वर की स्मरण की शक्ति हैं🙏🙏 आपका योगदान समाज को प्रेरित करने मैं जनेऊ क्रांति के लिए धर्म जागरण के लिऐ आस्था को मजबूत करने के लिए आपका आभार धन्यवाद 🙏🙏
So beautiful vlogs love from mauritius 🙏🏽🇲🇺✈❤
Thank you so much 😊
बहुत खूब चाचा
Uncle Ji ko pranam
शुभम भाई के लिए कही लडकी ढूंढो पवन दा
नही तो फेसबुक सोसाईट कर देगा 😂😂
😂😂
👌
प्रणाम। सही कहा जनेऊ बनाने में जो मेहनत है उसकी कोई कीमत नहीं। दक्षङा ५ के आगे ००/ तो होनी चाहिए।
पवन बेटा मेरे पिताजी भी जनेऊ बनाते थे रक्षाबंधन से पहले पंडितजी ने बताया बहुत अच्छा लगा 👌👌💐🌷
Nice ❤❤❤
मेरे पापा भी ऐसे ही बनाते है जनेऊ
So nice
जब हम छोटे थे तो पंडित जी जब भी रक्षाबंधन में आते तो रखड़ी के साथ जनेऊ भी लाते थे ,😊जनेऊ के बारे में बढ़िया जानकारी👍👍बाकी हम लोग जो पंडितों को अनाज देते हैं उसे मिश्राव बोलते हैं और बैकर शब्द भी हम लोगों के यहां बोला जाता है शायद जो पितृपक्ष में दिया जाता है उसे
पूजा के लिए जो भी अनाज निकला जाता था वो अज्ञाल से निकला जाता था जिस अनाज को हम अनाज की मंडाई में सबसे पहले निकलते थे 😊
पहले स्कूल में तकली कातनी सिखाई जाती थी
इसकी भी परीक्षा होती थी ,रूई की पूनी होती थी ,हमारा समय वो भी था😊
मतलब गढ़वाल मण्डल में भी ये रिवाज़ है
बड़िया ❤️👏
@@PawanPahadiVLOGS हां बिल्कुल ,और हमारे यहां दोनों ही तरफ के रिवाज होते हैं क्योंकि हम बॉडर वाले हैं😁😁😁
अंकल जी ने बहुत ही अच्छी जानकारी दी ❤❤❤
❤️❤️
Good
पवन भाई मुझे बाजार ओर घर की जनेऊ की गांठ का अंतर् मालूम नहीं था पंडित जी को ये बताने के लिए bahut धन्यवाद
Very Nice Vlog ❤️❤️
Thank you 😊
Apke dwara naye bacche apne sanskaro ke bare me janege 🙏
❤😊😊
Very nice blog post uncle ji 🙏
Thanks a lot
उपनयन संस्कार का मतलब है कि आपके दो चर्म चक्षु के अलावा एक मन का नयन आप में जागृत हो गया है. तभी आप यज्ञोपवीत का पवित्र धागा धारण करने योग्य होते हैं
बहुत सुन्दर पवन भाई
कुमाऊं में हम सभी ब्राह्मण रक्षाबंधन के दिन जनेऊ बदलते हैं । इस दिन को श्रावणी उपाकर्म और कुमाऊनी में जन्यो पुन्यु कहते हैं। सभी यजुर्वेदी इसी दिन उपाकर्मा करते हैं । हम कुमाऊनी ब्राह्मण अमूमन यजुर्वेदी होते हैं।
ऋगवेदी और सामवेदियों के उपाकर्मा आगे पीछे होते हैं।
इस वर्ष तो मैने कई बार जनेऊ बदला क्योंकि राठ में अनेक शूतक आए और ग्रहण के शूतक वो अलग .. हा हा।
कुमाऊं में आज भी प्राचीन ब्राह्मण नियमों का पालन दिखाई देता है , जैसे की चोखा भोजन या शोले पद्धति । पवन जी यह आपको कुमाऊं के अलावा उत्तर भारत में कहीं भी नहीं मिलेगी। हां दक्षिण में आज भी है वहा इसे मड़ी कहते हैं।
आपका यह ब्लॉग अनेक जानकारी प्रद था। इसके लिए अनेक शुभेच्छा।
❤️❤️❤️
ये विषय बड़ा ही विशाल है भव्य है
हर सनातनी को यह ज्ञान होना कि रामायण मैं 24000 श्रोलोक हैं हर श्लोक के प्रथम अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है और इस मंत्र ताकत सम्पूर्ण देवों का स्मरण है और जनेऊ हमारी आस्था का प्रतीक...नियम धर्म बताने पर नई पीढ़ी को शिक्षा देते रहिए...❤❤
Bahut informative vlog . Pp is back . Kya hum laina chain to humain inse mil saktee hain ye janeo . Abhari rahenge . Kaise uplabbdh hogi humain inke haath ki banayi janeo
आज की पीड़ी को इन चीजों का ज्ञान होना बहुत जरुरी है
Bhut badiya dadi
First view nd comment 🎉
Hlo sir kotabagh aeye ....❣️🔥,kb are ho ???
Good afternoon Pawan ji 👏👏🌺🌺❤️
Radhe Radhe ji
वृक्षारोपण भी स्टार्ट करो
वैसे ऐसे जनेऊ की सेवा 100 रू से कम नहीं आना जाना और उनका शश्रम उनकी सेवा हमारे हित को साधने की होनी ही चाहिए❤