आपने बहुत गहरे पर नज़र डाले हैं, मैंने एक आठवीं कक्षा तक पढ़े झोला छाप डॉक्टर का अनुभव देखा है, ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि वह पढ़ा लिखा है या नहीं, वह निर्धन व्यक्ति इस तरह धन कमाकर बेटा को पढ़ाकर Mbbs डाक्टर बना दिया।
मायावती जी ने बहुत सराहनीय कार्य किया है जात पात मिटाने का और लोगों की बेरोजगारी कम करने का लेकिन उनकी दूसरी भरती सफाई कर्मी का होने नहीं दिया गया उनकी सरकार गिरा दी गई
चौथी और आखिरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार थी जिसमें सिर्फ धन उगाही किया गया इंजीनियर गुप्ता हत्याकांड अनेक सीएमओ हत्याकांड किए गए। शिक्षा रोजगार की कोई सोच ही नहीं थी इसी का परिणाम है कि एक विधानसभा सीट पर सिमट गईं। महार्षि इन्द्र प्रकाश बौद्ध महिषासुर इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन एलाइंस
Vakil Sahab aapane bahut sahi track pakda sari bhrantiya dhire dhire dur hogi aur Brahman samaj bhi samajhdar kam lega to sari Shanti a jayegi Desh ke andar mein
समाज को सफाई, घर का काम और वे सभी काम जिनको हम निचले तबके वाले काम मानते हे उसके प्रति नजरिया बदलना होगा क्युकी ये कार्य उतने ही महत्वपूर्ण हे जीतने डॉक्टर या इनजीनीएर तभी इन कामो के प्रति मान समान बढ़ेगा | बताए कितने माता पिता आपने बच्चों को ये काम जिनको समाज "निचले तबके वाले काम" कहेता हे उसमे कारिएर बनानेको कहे गे | ये सारे निचले तबके वाले काम भलेही डॉक्टर जीतने जटिल ना हो पर इससे इनकी अहमियत जीवन के उंदर कम निही हो जाती ये काम उतनेही जरूरी हे जीतने बाकी काम |
Pankaj Kumar Tripathi Ji, aap Hindu samaj ka bisletion apney ko Brahaman jaati ka maantey aur samajhtey huey na kar key apney ko dalit jaati ka maantey aur samajhtey huey kareyn tabhi aap ka bisletion sahi aur nayaey purn ho paeyga,anyatha kabhi nahi.
आज के समय में सरकारी स्कूल का व्यवस्था बहुत ही बुरा हाल है। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर कौन लोग पढ़ते हैं अपने घर के आसपास लोगों और समाज के देखिए कौन लोग ज्यादा सरकारी स्कूल में जाते हैं। और कौन समाज के लोग है जो जो ज्यादा प्राइवेट स्कूल में जाते हैं उसमें 90% स्वर्ण लोग है जो प्राइवेट स्कूल में जाते हैं एजुकेशन सिस्टम को गिराया जा रहा है सर दलित पिछड़ा लोग पढ लिखकर हमारे बराबर नहींहो सके इसलिए सरकारी स्कूल को पीछे किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूल को चलने वाले ज्यादातर कौन लोग हैं।
सामाजिक पद प्रतिष्ठा के साथ आर्थिक विश्लेषण कर समाज को चेताने का भरसक प्रयास कर रहें पंकज सर ।। सबका साथ ,सबका विकास,सबका विश्वास..... अभियान चलता रहेगा जब तक चलेंगी श्वास। । ❤जय भीम ❤जय संविधान ❤
समाज में समरसता और समानता लाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर वर्ग और समुदाय को सभी प्रकार के कार्यों में भागीदारी निभाने का अवसर मिले। यह न केवल सामाजिक संरचना को संतुलित करता है, बल्कि हर कार्य के प्रति सम्मान और गरिमा का भाव भी उत्पन्न करता है। ब्राह्मण जैसे वर्ग का सफाई कर्मचारी या अन्य मेहनत वाले कार्य करना समाज में वर्ग भेद को समाप्त करने और समरसता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। यह परंपरागत धारणाओं को तोड़ने और कर्म आधारित समाज की नींव मजबूत करने में सहायक होगा। हालांकि, यदि इस विचारधारा को नैतिकता के बिना लागू किया जाता है, तो यह समाज को नुकसान पहुंचा सकता है। किसी पद को केवल हथियाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को सेवा देने के लिए इस्तेमाल करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह नैतिकता और ईमानदारी की मूलभूत अवधारणाओं के विरुद्ध है। नैतिकता किसी भी समाज या राष्ट्र की नींव होती है, और इसे नजरअंदाज करना राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास और सामाजिक संरचना को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि किसी भी विचारधारा को लागू करने से पहले उसके नैतिक पक्षों और दीर्घकालिक परिणामों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
त्रिपाठी जी आप तो बहुत सही बोल रहे हैं मगर ब्राह्मण काम करेगा तो रावण ही कहलाएगा नीचे जाति का सफाई कर्मी काम करेगा तो नहीं चाहिए उसको भेदभाव किया जाएगा कब जाएगी जब जातिवाद देश सेहटेगा धन्यवाद
आरक्षण का लाभ अरक्षित वर्ग को मिलता तो वह आज अपने को दलित नहीं कहते आरक्षण का लाभ सिर्फ परिवार बाद को बढ़ावा दे रहे हैं राजनीति का लाभ परिवार बाद को मिल रहा है यह भारत है आज तक इतिहास कहता है कि यहां परिवार बाद ही सबकुछ है वह ही आगे बढ़ें गें
Ews की merit obc से नीचे जा रही कही कही तो sc से भी नीचे 1856 me जब सर्वण समाज के बच्चे fail हो रहे थे तब थर्ड डिवीज़न अस्तित्व मे आयी सर्वण इसलिए बुद्धि मन होते मा बाप दोनों पढ़े लिखें ऐसा कुछ खास नहीं इनमे
मायावती सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत में सफाई कर्मियों की नियुक्ति तो सभी जातियों की कर दी लेकिन इससे बाल्मीकि लोगों का तो शोषण और बढ़ गया क्योंकि अब वही काम बाल्मीकि लोग पांच या छः हजार रुपये महीने करते हैं जबकि सैलरी चालीस हजार रुपये दूसरा व्यक्ति ले रहा है
Aapki baat Satya hai main Mukesh Kumar Verma kurmi biradari se hun mere gaon mein ek kurmi biradari ka Safai karmi kafi dinon Tak raha hai uska log bahut tiraskar karte the uske hath ka chhua koi Pani Tak Nahin pita tha
बेरोजगारी से सबसे अधिक मुश्किल में ब्राह्मण समाज आने वाला है। पता नहीं इन्हें हिन्दू राष्ट्र से क्या हासिल होने वाला है। इस बुद्धि जीवी समाज को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। समाज का मार्ग दर्शन करना इनकी प्रतिबद्धता है
भारत-पाकिस्तान के बंटवारी के आधार पर भारत एक हिंदू राष्ट्र हो चुका था लेकिन नेहरू एंड कंपनी ने देश के साथ अन्याय किया इसलिए भारत देश को पुनः न्याय प्राप्त होना चाहिए भारत हिंदू राष्ट्र है
😭जातिवाद के चलते दिल्ली सफाई कर्मियों को 25-30 वर्षों तक नियमित नहीं किया जाता और अधिकतर सफाई कर्मी तो 60वर्ष उम्र होने के चलते नियमित होने से पहले ही मृत्यु हो जाती है या निकाल दिए जाते हैं तो🤔वह अपने बच्चों को क्या खिलाएगा क्या पढ़ाएगा आखिर में आर्थिक व संसाधन की तंगी और छुआछूत के चलते उसके बच्चे भी सफ़ाई कर्मी बनकर रहजाते हैं
पंकज त्रिपाठी जी आप यदि तर्कसिल और संबैधानइक विचार दिखाते हैं तो अदानी और अंबानी व अन्य का विडियो बनाए। ये बड़े लोग निम्न लोगों को भर्ती करे और अबिस्कार कराए। जिससे भारत सम्मृध बन सके।आपके वीडियो से पता चलता है कि निम्न वर्ग निम्न रहे और उच्च वर्ग उच्च बना रहे। आप निर्दई विचार के हैं।
प्राब्लम रिजर्वेशन नहीं है प्राब्लम है करप्शन कारपोरेशन जिस पर कोई बोलने को तैयार नहीं क्यों कि इसी करप्शन और कारपोरेशन से नालायक लोग लाभान्वित हो रहे हैं वह चाहे जिस जाति वर्ग के हों।
महोदय, आपको शत शत नमन। लेकिन मेरी सलाह है कि आप कितना भी सवर्ण और दलित की बात करें, लेकिन बात कीचड़ में दोनो रहने वाले लोगों की मानसिकता या विचारधारा की ही बात कर रहे हैं। सवर्ण भी अपनी कीचड़ वाली जातिगत भावना से ऊपर नही आना चाहते है और दलित भी अपने कीचड़ में से निकलना ही नहीं चाहते इनको वहीं अपनी जिदंगी अपना भविष्य सुरक्षित दिखाई देता है। इसलिए कृपया अब आप ये वर्ण और जातिगत कीचड़ व्यवस्था से ऊपर उठ जाइए और सनातन धर्म यानी सिर्फ और सिर्फ गोत्र की बात कीजिए, हम यदि हिन्दू हैं तो हम सब गोत्र से जुड़े हुए है सब एक ही इंसान की संतान है। इससे संबंधित जागरूकता की बात कीजिए। आपको कीचड़ की मानसिकता वालों यानी सवर्ण और दलितों की बातें करना आपको शोभा नही देती है। ऐसा मुझे लगा बाकी आपका जैसा विचार।
गुरु जी यदि ब्राहमण समाज का आदमी सफाई का काम करता है तो वह फिर भी ब्राहमण ही बना रहेगा लेकिन बिरले ही कहीं होगे तब भी उसे पंडित जी ही कहेंगे। कोई उसका तिरस्कार नहीं करेगा। यदि कोई बाल्मिकी यदि गंदगी उठाने का काम करता है उसका तिरस्कार दोगुणा हो जाएगा। हमारे छात्रावास मे एक ठाकुर समाज की महिला जो सफाई का काम करती है उसको सब ठाकुर साहब कहते हैं सब उसके हाथ का खाना खाते हैं ये सचाई हैं ऊंचे और निचे कुल मे पैदा होने का।
यह तो लंबे समय से बनी सामाजिक मानसिकता है न, इसमें उस व्यक्ति का क्या दोष है?? और मानसिकता यूं ही नहीं बन जाती। आज ही आप हर फ़ील्ड में तो ब्राह्मणों को देख रहे हैं लेकिन हर चुनौती का मुकाबला करने वाले ब्राह्मणों को भी देखिए। भारत में यदि ब्राह्मण भाजपा के समर्थन में है तो भाजपा की सर्वाधिक तीक्ष्ण आलोचक भी ब्राह्मण समाज से मिलेगे। बस अंतर ये है वे अपनी नौकरियां जाने का दोष ब्राह्मणों पर नहीं मढ़ते। रविश कुमार ने कब कहा कि ब्राह्मणों ने उनकी नौकरी खा ली। जबकि उनके जैसा सरकार की खामियां गिनाने वाला शायद ही कोई और हो। ना तो उन्होंने अपने लिए कोई टिकट के जुगाड़ का मौका साधने की कोशिश की।
Pankaj ji aaj kaa jo topik aapne diyaa hai vah aaj ke dor me bhi hai parantu uskaa vaasvik result kyaa huwaa hai. Ek nagar paalikaa me safaayi karmi ki bharti me anya uchh jaatiyon ke condidate bharti kar liye parntu unko kaarya baabu, chapraasi kaa karvaayaa jaa rahaa hai, aur safaayi kaarya ttekedaari se karvaayaa jaa rahaa hai. Ab question yah hai ki ye kaun karwaa rahe hai, to sanvidhaanik post ko saamaazik maanyataa ke kaaran post ki garimaa giraayi jaa rahi hai. Baat vahi hai ki economic laabh to chaahiye parntu kaarya vahi karegen jo jo unko suit kartaa hai.
दलितों के उद्धार के लिए बाबा साहेब के जीवन पर किताब लिखने वाले अनेक लेखकों ने गांधी जी के हर प्रयास को नाटक और दिखावा कहा है, आप इन लेखकों के बारे में क्या कहते हैं? हो सकता है कि यह आरोप सच हो, लेकिन ये भी हो सकता है कि अपने से ऊंचे समाज को नीचा दिखाने के लिए एक झूठी कहानी का सहारा लिया गया हो।
जातिविहीन वर्ण विहीन समाज की रचना ही मानववाद और समाजवाद और राष्ट्रवाद है . ऐसी व्यवस्था को ही हम भारत के लोग वाले लोकतांत्रिक राष्ट्र कहा जा सकता है जी .
ब्राह्मण को जाति के चश्मे से न देखे। ब्राह्मण एक धर्म सूचक शब्द है जिसको अर्थ है जो प्राणी एकाकार ब्रह्म को ईश्वर मान कर उनकी उपासना करते है। और ब्रह्म के तीन रूप निर्माता ब्रह्मा, पालक विष्णु और विनाशक रुद्र रूप मे पूजते है। ब्राह्मण वो लोग हैं जो मानते है ईश्वर एक है वहीं निर्माता वही पालक और वही विनाशक है वो एक ईश्वर ब्रह्म है और उनको ॐ नाम से जानते है। ब्राह्मण सबको बराबर मानते है। जो ब्राह्मण है सबको अपनी अपनी जातीय पहचान छोड़ ब्राह्मण बन जाना चाहिए और एक मात्र ईश्वर की उपासना करनी चाहिए
सर ये आप जबरजस्ती का लॉजिक दे रहे हैं l सिर्फ लोग वो लोग पीएचडी दूसरे से लिखवाते हैं जिन्हे डॉ प्रीफ़िक्स चाहिए होता है इस का ज्ञान की क्षमता से कोई लेना देना है ......जबरजस्ती ------ को नीचे मत दिखाइए
हद है भाई! आप तो ऐसे कह रहें हैं जैसे मैं PhD का ABC ही नहीं जानता हूं। और हर बात को सिर्फ़ जाति से क्यों जोड़ देते हैं। जिनकी बात मैं कर रहा हूँ। उनको मै व्यक्तिगत तौर से जनता हूँ। यह कहना कि मैं किसी जाति को नीचा दिखा रहा हूँ ये इस वीडियो से निकली बात का सही मूल्यांकन नहीं है।
Pankaj Tripathi sar aap jitni baten Bata rahe hain yah sab bekar ki baten Hain duniya dukhi sirf isliye hai ki Insan ko Insan nahin Mana ja Raha jaatiyon mein baithkar pashu ke saman Mana Mana ja raha hai aap Brahman ya Anya jaati ke sambandh mein kyon baat karte hain agar Insan Insan Ho sabhi log saman samanya kyon nahin ho sakte
Only alternate left for 70 crores bahujan samaj is to create Raaj karega Bhim n meem situation n introduce eligibility according to or proportional sections of society in entire governance machinary legislative executive judiciary etc n country's resources distribution also or introduce uniform economic code n uniform medical code n uniform education code or uniform housing code n uniform marriage expenses code or uniform transport code etc n put an end to wide gulf between fellow citizens n automatic end of corruption and adulteration of food causing large scale cancer to our future generations n zero tolerance to all types of Mafia n crimes n bahujans enemy utterly failed to provide fair justice n prosperity n to cover up it's inefficiency or governance failures chose to promote intense hatred animosity between fellow Indians so it's time to remove incompetent n corrupt n evil forces n make country a peaceful prosperous nation and safe future of our future generations
बहुत बङिया अच्छा विश्लेषण किया सर जी ऐसे विचारों जलद विश्तार हो ।
Thanku Advocate Pankaj Tirpathi very Nice jativad hi Bharat ka Beda Garak karega
आपने बहुत गहरे पर नज़र डाले हैं, मैंने एक आठवीं कक्षा तक पढ़े झोला छाप डॉक्टर का अनुभव देखा है, ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि वह पढ़ा लिखा है या नहीं, वह निर्धन व्यक्ति इस तरह धन कमाकर बेटा को पढ़ाकर Mbbs डाक्टर बना दिया।
बहुत ही बढ़िया विश्लेषण सर 💐🙏
बहुत साधुवाद सर,
जाति गोलबंदी पर आपका काम प्रसंशनीय है,
मायावती जी ने बहुत सराहनीय कार्य किया है जात पात मिटाने का और लोगों की बेरोजगारी कम करने का लेकिन उनकी दूसरी भरती सफाई कर्मी का होने नहीं दिया गया उनकी सरकार गिरा दी गई
चौथी और आखिरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार थी जिसमें सिर्फ धन उगाही किया गया इंजीनियर गुप्ता हत्याकांड अनेक सीएमओ हत्याकांड किए गए। शिक्षा रोजगार की कोई सोच ही नहीं थी इसी का परिणाम है कि एक विधानसभा सीट पर सिमट गईं।
महार्षि इन्द्र प्रकाश बौद्ध महिषासुर इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन एलाइंस
@Vksingh-ri6nb ठीक कहा आपने धन्यवाद आभार आपका।
तो फिर आप की जाति तो मिट चुकी होगी अब दूसरों की जाति मिटाओ
अति सुन्दर कार्य
Vakil Sahab aapane bahut sahi track pakda sari bhrantiya dhire dhire dur hogi aur Brahman samaj bhi samajhdar kam lega to sari Shanti a jayegi Desh ke andar mein
समाज को सफाई, घर का काम और वे सभी काम जिनको हम निचले तबके वाले काम मानते हे उसके प्रति नजरिया बदलना होगा क्युकी ये कार्य उतने ही महत्वपूर्ण हे जीतने डॉक्टर या इनजीनीएर तभी इन कामो के प्रति मान समान बढ़ेगा | बताए कितने माता पिता आपने बच्चों को ये काम जिनको समाज "निचले तबके वाले काम" कहेता हे उसमे कारिएर बनानेको कहे गे | ये सारे निचले तबके वाले काम भलेही डॉक्टर जीतने जटिल ना हो पर इससे इनकी अहमियत जीवन के उंदर कम निही हो जाती ये काम उतनेही जरूरी हे जीतने बाकी काम |
Sabhi ko samman dena chahiye
Pankaj Kumar Tripathi Ji, aap Hindu samaj ka bisletion apney ko Brahaman jaati ka maantey aur samajhtey huey na kar key apney ko dalit jaati ka maantey aur samajhtey huey kareyn tabhi aap ka bisletion sahi aur nayaey purn ho paeyga,anyatha kabhi nahi.
आज के समय में सरकारी स्कूल का व्यवस्था बहुत ही बुरा हाल है। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर कौन लोग पढ़ते हैं अपने घर के आसपास लोगों और समाज के देखिए कौन लोग ज्यादा सरकारी स्कूल में जाते हैं। और कौन समाज के लोग है जो जो ज्यादा प्राइवेट स्कूल में जाते हैं उसमें 90% स्वर्ण लोग है जो प्राइवेट स्कूल में जाते हैं एजुकेशन सिस्टम को गिराया जा रहा है सर दलित पिछड़ा लोग पढ लिखकर हमारे बराबर नहींहो सके इसलिए सरकारी स्कूल को पीछे किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूल को चलने वाले ज्यादातर कौन लोग हैं।
Loving speech on fact basis, ❤❤❤❤❤
Galat....kya savarnd gareeb ka baccha public school main padh sakta hai??? Kya ek Amir neechi jaati ka baccha govt school main padega??
बहुत ही सुन्दर विश्लेषण हैं
समाज की व्यवस्था की व्याख्या तो आप जैसे बहुत विद्वानों ने की मगर सवाल है की उसे बदला कैसे जाएं?
सामाजिक पद प्रतिष्ठा के साथ आर्थिक विश्लेषण कर समाज को चेताने का भरसक प्रयास कर रहें पंकज सर ।।
सबका साथ ,सबका विकास,सबका विश्वास.....
अभियान चलता रहेगा जब तक चलेंगी श्वास। ।
❤जय भीम ❤जय संविधान ❤
समाज में समरसता और समानता लाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर वर्ग और समुदाय को सभी प्रकार के कार्यों में भागीदारी निभाने का अवसर मिले। यह न केवल सामाजिक संरचना को संतुलित करता है, बल्कि हर कार्य के प्रति सम्मान और गरिमा का भाव भी उत्पन्न करता है। ब्राह्मण जैसे वर्ग का सफाई कर्मचारी या अन्य मेहनत वाले कार्य करना समाज में वर्ग भेद को समाप्त करने और समरसता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। यह परंपरागत धारणाओं को तोड़ने और कर्म आधारित समाज की नींव मजबूत करने में सहायक होगा।
हालांकि, यदि इस विचारधारा को नैतिकता के बिना लागू किया जाता है, तो यह समाज को नुकसान पहुंचा सकता है। किसी पद को केवल हथियाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को सेवा देने के लिए इस्तेमाल करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह नैतिकता और ईमानदारी की मूलभूत अवधारणाओं के विरुद्ध है। नैतिकता किसी भी समाज या राष्ट्र की नींव होती है, और इसे नजरअंदाज करना राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास और सामाजिक संरचना को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि किसी भी विचारधारा को लागू करने से पहले उसके नैतिक पक्षों और दीर्घकालिक परिणामों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
त्रिपाठी जी आप तो बहुत सही बोल रहे हैं मगर ब्राह्मण काम करेगा तो रावण ही कहलाएगा नीचे जाति का सफाई कर्मी काम करेगा तो नहीं चाहिए उसको भेदभाव किया जाएगा कब जाएगी जब जातिवाद देश सेहटेगा धन्यवाद
आरक्षण का लाभ अरक्षित वर्ग को मिलता तो वह आज अपने को दलित नहीं कहते आरक्षण का लाभ सिर्फ परिवार बाद को बढ़ावा दे रहे हैं राजनीति का लाभ परिवार बाद को मिल रहा है यह भारत है आज तक इतिहास कहता है कि यहां परिवार बाद ही सबकुछ है वह ही आगे बढ़ें गें
Really good
Ews की merit obc से नीचे जा रही कही कही तो sc से भी नीचे 1856 me जब सर्वण समाज के बच्चे fail हो रहे थे तब थर्ड डिवीज़न अस्तित्व मे आयी
सर्वण इसलिए बुद्धि मन होते मा बाप दोनों पढ़े लिखें ऐसा कुछ खास नहीं इनमे
VERY NICE ANALYSIS 👌 PRADAM SIR 🙏
Bahut achchha
बहुत ही अच्छा व्याख्यान, जाति है कि जाती नही
मायावती सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत में सफाई कर्मियों की नियुक्ति तो सभी जातियों की कर दी लेकिन इससे बाल्मीकि लोगों का तो शोषण और बढ़ गया क्योंकि अब वही काम बाल्मीकि लोग पांच या छः हजार रुपये महीने करते हैं जबकि सैलरी चालीस हजार रुपये दूसरा व्यक्ति ले रहा है
Very very thanks sir
बहुत बढ़िया जानकारी 🙏🙏
❤
❤❤❤❤❤❤❤
Jay sambidhan sir ji
Aapki baat Satya hai main Mukesh Kumar Verma kurmi biradari se hun mere gaon mein ek kurmi biradari ka Safai karmi kafi dinon Tak raha hai uska log bahut tiraskar karte the uske hath ka chhua koi Pani Tak Nahin pita tha
👍👍🙏👍👍
चारकर्म = शिक्षण + शासन + उद्योग + व्यापार
चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम।
ब्रह्म वर्ण = ज्ञानी वर्ग।
क्षत्रम वर्ण = ध्यानी वर्ग।
शूद्रम वर्ण = तपसी वर्ग।
वैशम वर्ण = तमसी वर्ग।
1- अध्यापक चिकित्सक = ब्रह्मन
2- सुरक्षक चौकीदार = क्षत्रिय
3- उत्पादक निर्माता = शूद्रन
4- वितरक वणिक = वैश्य
पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत = दासजन सेवकजन राजसेवक ।
बेरोजगारी से सबसे अधिक मुश्किल में ब्राह्मण समाज आने वाला है। पता नहीं इन्हें हिन्दू राष्ट्र से क्या हासिल होने वाला है। इस बुद्धि जीवी समाज को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। समाज का मार्ग दर्शन करना इनकी प्रतिबद्धता है
लेकिन आपको हिन्दू राष्ट्र से द्वेष क्यों है क्या आप मुसलमान है
भारत-पाकिस्तान के बंटवारी के आधार पर भारत एक हिंदू राष्ट्र हो चुका था लेकिन नेहरू एंड कंपनी ने देश के साथ अन्याय किया इसलिए भारत देश को पुनः न्याय प्राप्त होना चाहिए भारत हिंदू राष्ट्र है
बिल्कुल सही
😭जातिवाद के चलते दिल्ली सफाई कर्मियों को 25-30 वर्षों तक नियमित नहीं किया जाता और अधिकतर सफाई कर्मी तो 60वर्ष उम्र होने के चलते नियमित होने से पहले ही मृत्यु हो जाती है या निकाल दिए जाते हैं तो🤔वह अपने बच्चों को क्या खिलाएगा क्या पढ़ाएगा आखिर में आर्थिक व संसाधन की तंगी और छुआछूत के चलते उसके बच्चे भी सफ़ाई कर्मी बनकर रहजाते हैं
Jai bhim army jai budhay, jai kabir das jai vibekanand abadul kalam mai Manta hsi
गुरु जी आप धन्य हैं 🎉❤😊
Great sir
पंकज त्रिपाठी जी आप यदि तर्कसिल और संबैधानइक विचार दिखाते हैं तो अदानी और अंबानी व अन्य का विडियो बनाए। ये बड़े लोग निम्न लोगों को भर्ती करे और अबिस्कार कराए। जिससे भारत सम्मृध बन सके।आपके वीडियो से पता चलता है कि निम्न वर्ग निम्न रहे और उच्च वर्ग उच्च बना रहे। आप निर्दई विचार के हैं।
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Right sir ji jai samvidhan
Very good v...d o sirji jai sambidhan
प्राब्लम रिजर्वेशन नहीं है प्राब्लम है करप्शन कारपोरेशन जिस पर कोई बोलने को तैयार नहीं क्यों कि इसी करप्शन और कारपोरेशन से नालायक लोग लाभान्वित हो रहे हैं वह चाहे जिस जाति वर्ग के हों।
बिल्कुल सर
वकील साहब सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट मे इतने केस पेंडिंग क्यो पडे है??
आम आदमी को त्वरित न्याय कैसे मिले इस पर वीडियो बनाइए
जय संविधान 🙏 सर जी
guru g maine Brahmno ko riksa jotate hue dekha hai, maine unko dehari majdouri karte hue dekha hai, ismain koie burai nahi hai,
aapki baat satya hai
महोदय, आपको शत शत नमन।
लेकिन मेरी सलाह है कि आप कितना भी सवर्ण और दलित की बात करें, लेकिन बात कीचड़ में दोनो रहने वाले लोगों की मानसिकता या विचारधारा की ही बात कर रहे हैं। सवर्ण भी अपनी कीचड़ वाली जातिगत भावना से ऊपर नही आना चाहते है और दलित भी अपने कीचड़ में से निकलना ही नहीं चाहते इनको वहीं अपनी जिदंगी अपना भविष्य सुरक्षित दिखाई देता है। इसलिए कृपया अब आप ये वर्ण और जातिगत कीचड़ व्यवस्था से ऊपर उठ जाइए और सनातन धर्म यानी सिर्फ और सिर्फ गोत्र की बात कीजिए, हम यदि हिन्दू हैं तो हम सब गोत्र से जुड़े हुए है सब एक ही इंसान की संतान है। इससे संबंधित जागरूकता की बात कीजिए। आपको कीचड़ की मानसिकता वालों यानी सवर्ण और दलितों की बातें करना आपको शोभा नही देती है। ऐसा मुझे लगा बाकी आपका जैसा विचार।
Sbhi swrn bhi khrab nhi h sir
गुरु जी यदि ब्राहमण समाज का आदमी सफाई का काम करता है तो वह फिर भी ब्राहमण ही बना रहेगा लेकिन बिरले ही कहीं होगे तब भी उसे पंडित जी ही कहेंगे। कोई उसका तिरस्कार नहीं करेगा। यदि कोई बाल्मिकी यदि गंदगी उठाने का काम करता है उसका तिरस्कार दोगुणा हो जाएगा। हमारे छात्रावास मे एक ठाकुर समाज की महिला जो सफाई का काम करती है उसको सब ठाकुर साहब कहते हैं सब उसके हाथ का खाना खाते हैं ये सचाई हैं ऊंचे और निचे कुल मे पैदा होने का।
Ab safai karmi log apna kaam dusre log se apna kaam katwate hai.
तो क्या कोई व्यक्ति अगर बहुत जल्दी-जल्दी अपने काम बदलता रहता है तो काम के अनुसार उसकी जाति भी जल्दी-जल्दी बदलती रहेगी
यह तो लंबे समय से बनी सामाजिक मानसिकता है न, इसमें उस व्यक्ति का क्या दोष है??
और मानसिकता यूं ही नहीं बन जाती।
आज ही आप हर फ़ील्ड में तो ब्राह्मणों को देख रहे हैं लेकिन हर चुनौती का मुकाबला करने वाले ब्राह्मणों को भी देखिए।
भारत में यदि ब्राह्मण भाजपा के समर्थन में है तो भाजपा की सर्वाधिक तीक्ष्ण आलोचक भी ब्राह्मण समाज से मिलेगे।
बस अंतर ये है वे अपनी नौकरियां जाने का दोष ब्राह्मणों पर नहीं मढ़ते।
रविश कुमार ने कब कहा कि ब्राह्मणों ने उनकी नौकरी खा ली। जबकि उनके जैसा सरकार की खामियां गिनाने वाला शायद ही कोई और हो।
ना तो उन्होंने अपने लिए कोई टिकट के जुगाड़ का मौका साधने की कोशिश की।
@deepram2620 Kripya kar ke ankada dijiye ki kitane percentage students ek neechi jaati haath ka khana nahi khate the?
Jay samvidhan
Pankaj ji aaj kaa jo topik aapne diyaa hai vah aaj ke dor me bhi hai parantu uskaa vaasvik result kyaa huwaa hai. Ek nagar paalikaa me safaayi karmi ki bharti me anya uchh jaatiyon ke condidate bharti kar liye parntu unko kaarya baabu, chapraasi kaa karvaayaa jaa rahaa hai, aur safaayi kaarya ttekedaari se karvaayaa jaa rahaa hai. Ab question yah hai ki ye kaun karwaa rahe hai, to sanvidhaanik post ko saamaazik maanyataa ke kaaran post ki garimaa giraayi jaa rahi hai. Baat vahi hai ki economic laabh to chaahiye parntu kaarya vahi karegen jo jo unko suit kartaa hai.
समाज का सत्यानाश करने का जिमेदार कोन ब्राह्मण वादि या संविधान वादी। जाति बनाने का जिमेदार कोन?
Koching me pdhane wale sir kbhi nhi puchhte h beta aapki jaati kya h
सर्वपल्ली राधाकृष्ण जो देश के राष्ट्रपति थे उन पर थिसिस चोरी के आरोप लगा था
दलितों के उद्धार के लिए बाबा साहेब के जीवन पर किताब लिखने वाले अनेक लेखकों ने गांधी जी के हर प्रयास को नाटक और दिखावा कहा है,
आप इन लेखकों के बारे में क्या कहते हैं?
हो सकता है कि यह आरोप सच हो, लेकिन ये भी हो सकता है कि अपने से ऊंचे समाज को नीचा दिखाने के लिए एक झूठी कहानी का सहारा लिया गया हो।
जातिविहीन वर्ण विहीन समाज की रचना ही मानववाद और समाजवाद और राष्ट्रवाद है . ऐसी व्यवस्था को ही हम भारत के लोग वाले लोकतांत्रिक राष्ट्र कहा जा सकता है जी .
आप संसार के अन्य सभी देशों के जातियों की बारे में गूगल में सर्च कर लीजिए हमें पूरा विश्वास है जाति के बारे में आपकी अवधारणा बदल जाएगी
Guruji bhrahman thakur ko gali sab dete h par obc sc st ki awaaj uthanewale puniya prasun , abhisar , ravish , apni naukri khiya wo kisiko nhi dikhta
EWS की कट आफ को भी चर्चा में शामिल कर लिए होते!!!!
ब्राह्मण को जाति के चश्मे से न देखे। ब्राह्मण एक धर्म सूचक शब्द है जिसको अर्थ है जो प्राणी एकाकार ब्रह्म को ईश्वर मान कर उनकी उपासना करते है। और ब्रह्म के तीन रूप निर्माता ब्रह्मा, पालक विष्णु और विनाशक रुद्र रूप मे पूजते है। ब्राह्मण वो लोग हैं जो मानते है ईश्वर एक है वहीं निर्माता वही पालक और वही विनाशक है वो एक ईश्वर ब्रह्म है और उनको ॐ नाम से जानते है। ब्राह्मण सबको बराबर मानते है। जो ब्राह्मण है सबको अपनी अपनी जातीय पहचान छोड़ ब्राह्मण बन जाना चाहिए और एक मात्र ईश्वर की उपासना करनी चाहिए
तो फिर आप बाह्मण को अब किस जाति का प्रमाण पत्र जारी करने जा रहे हैं
aap kya chate ho caste system hata ni chahiye ya nhi
Education se sab khatam ho payega
सर ये आप जबरजस्ती का लॉजिक दे रहे हैं l सिर्फ लोग वो लोग पीएचडी दूसरे से लिखवाते हैं जिन्हे डॉ प्रीफ़िक्स चाहिए होता है इस का ज्ञान की क्षमता से कोई लेना देना है ......जबरजस्ती ------ को नीचे मत दिखाइए
द 76 लगवाकर एक्ट लगवा दीजिए
हद है भाई! आप तो ऐसे कह रहें हैं जैसे मैं PhD का ABC ही नहीं जानता हूं।
और हर बात को सिर्फ़ जाति से क्यों जोड़ देते हैं।
जिनकी बात मैं कर रहा हूँ। उनको मै व्यक्तिगत तौर से जनता हूँ।
यह कहना कि मैं किसी जाति को नीचा दिखा रहा हूँ ये इस वीडियो से निकली बात का सही मूल्यांकन नहीं है।
@@thelogicalindian99Bhai hazar saal pehle jati ke nam se sampati ekatha kar liya abhi jati mat kaho jat pat mat karo chilane se kuch nehi hoga😂
वाल्मीकि धानुक आदि समाज आरक्षण मे वर्गीकरण के नाम नौकरी osc से लेना चाहता घूम फिरके वही आ गए जीवन कठिन है बढ़ती आबादी
Guru ji kya aap apne baccho ko सपोर्ट karenge dusri जाति me shadi karne ke liye agr aapke bacche चाहे आप राज़ी होंगे
आप क्या करेंगे ??
Pankaj Tripathi sar aap jitni baten Bata rahe hain yah sab bekar ki baten Hain duniya dukhi sirf isliye hai ki Insan ko Insan nahin Mana ja Raha jaatiyon mein baithkar pashu ke saman Mana Mana ja raha hai aap Brahman ya Anya jaati ke sambandh mein kyon baat karte hain agar Insan Insan Ho sabhi log saman samanya kyon nahin ho sakte
Bhai aap sahi pagla rahe hai public ko....hosh me mat aane do behosh rakho aise contrast theme bana ke ..sahi ja rahe ho😅
Kaun manyata banaya he...
Videsh jana kabse manyata tha....baman ka
Ijjat ke saath paisa kamana kathin hai although dacoit prostitutes etc can Erna money like Adani
पहले आप यह बताओ त्रिपाठी हो या चमार मेरे कमेंट का जवाब दें प्लीज
Dharm granth pe bath kare....ye sab story nehi sun na he 😂
Ghapol bathe karne se kuch nehi hoga....
Adhikatar sawarn yahi kar rahe hai
Only alternate left for 70 crores bahujan samaj is to create Raaj karega Bhim n meem situation n introduce eligibility according to or proportional sections of society in entire governance machinary legislative executive judiciary etc n country's resources distribution also or introduce uniform economic code n uniform medical code n uniform education code or uniform housing code n uniform marriage expenses code or uniform transport code etc n put an end to wide gulf between fellow citizens n automatic end of corruption and adulteration of food causing large scale cancer to our future generations n zero tolerance to all types of Mafia n crimes n bahujans enemy utterly failed to provide fair justice n prosperity n to cover up it's inefficiency or governance failures chose to promote intense hatred animosity between fellow Indians so it's time to remove incompetent n corrupt n evil forces n make country a peaceful prosperous nation and safe future of our future generations
Bhim mim is cover for GHAZWA E HIND 😂😂😂
Pahle aap yah batao tadapaati ho ya chamaron
Vo aram kar raha सवर्ण job le के
Jay sambidhan sir ji