अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार। सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।। हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया। जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ। sadhna channel 7:40pm
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है कुरान शरीफ में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है बाइबिल में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है गुरु ग्रंथ में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है सत साहेब
गुरु के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को जाना। दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्ठि करि जानी। चोथे वेद विधी सब कर्मा, या चार गुरु गुन मर्मा। Www supremgod .org
अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप । अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप ॥ अर्थ : न तो अधिक बोलना उचित है, और न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है। जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है।
कबीर,तीन देवको सब कोई ध्यावै, चौथे देवक मरम न पावै।चौथा छांड़ि पंचम ध्यावै, कहै कबीर सो हमरे आवै।।
कबीर कहै मैं कथि गया, कथि गया ब्रह्म महेस।
राम नाँव सतसार है, सब काहू उपदेस॥2॥
कबीर जीवना तो थोड़ा भला जै सत सुमरन हो लाख वर्ष का जीवना लेखे धरे ना को
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराजजी की जय हो
म्हारे सतगुरु दे रहया हेला रे
सतनाम सुमर मन मैला रे
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कब हो तो दीनदयाल की भनक पड़ेगी कान सत साहेब
कबीरः अक्षर पुरूष एक पेड है निरंजन वाकी डार।
तीनो दैवा शाखा है ये पात रूप संसार।।
कबीर,सतगुरु के दरबार में जाइयो बारंबार।
भूली वस्तु याद दिलावें है सतगुरु दातार।।
कबीरः अपनी अपनी कह गये इस दुनिया के माही।
बिन साहेब की बन्दगी कही ठौर ठिकाना नाहि।।
सतगुरू रामपालजी महाराज के चरणो मे कोटी कोटी दण्ड्वत प्रणाम सत साहेब जी
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।।
हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ।
sadhna channel 7:40pm
सतगुरु रामपालजी महाराज की जय हो
शरण पङे को सतगुरु संभाले, जान के बालक भोला रे।कह कबीर चरण चित राखो, ज्यो सुई मे डोरा रे।
काया तेरी है नहीं तो माया क्हा से होय ।
गुरू चरणो में ध्यान रखो,दोनो को खोय ॥
Sat Sahib ji Jay ho bandi Chhor ki
bandi chhod satguru RAMPAL ji maharaj ji ki jai
sat saheb ji
Satguru rampal ji mharaj ki jai
गोरख से ज्ञानी घणेे ये सुखदेव जति जिहान।सीता सी बहु भारिया ये संत दूर अस्थान।
सुरती समावे राम में, जग से रहे उदास।
कहैं कबीर गुरु चरण में, दृढ राखो विश्वास।।
बंदी छोङ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो गुरु देव के चरणो मे कोटी कोटी प्रणाम
सतगुरु जी के श्री चरणों में मेरा दंडवत कोटि कोटि प्रणाम
यह संसार समझदा नाही, कहंदा शाम दोपहरे नूँ।
गरीबदास यह वक्त जात है, रोवोगे इस पहरे नूँ।।
satguru dev ki jai
सतगुरु मारया बाण कस, खैबर ग्यासी खेंच।
भर्म कर्म सब जर गए,लई कुबुद्धि सब ऐच।।
कबीरः राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण।
कबहु तो दीन दयाल के भनक पडेगी कान।।
satguru dev ji ki jai
सतसाहैबजी
रात गवई सोय के दिवस गवाया खाय |
हीरा जन्म अनमोल था , कौड़ी बदले जाय ||
साधु दर्शन राम का परमात्मा आवे याद लिखे में वह घड़ी बाकी का समय बर्बाद
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान
सत साहेब
Satguru dev ki jai ho
वेद पढ़े पर भेद न जाने ये बांचे पुराण अठारा।
पत्थर की पूजा करे भूल गए सिरजन हारा।
जरूर देखें ईश्वर टीवी पर 8:30सायं पर
Radheshyam Bhakarसत साहेबजी
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है कुरान शरीफ में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है बाइबिल में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है गुरु ग्रंथ में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है सत साहेब
अपने-अपने साख की, सबही लीनी मान ।
हरि की बातें दुरन्तरा, पूरी ना कहूँ जान ॥
कबीर, मेरा संगी दो जणा, एक सणगुरू, एक राम।
ये दाता हैं मुक्ति के, ये सुमरवावैं नाम।।
जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न हो।
नाता तोड़े हरि भजे, भगत कहावें सोय ॥
वैदो में प्रमाण है कबीर साहब भगवान है
संत रामपालजी माराज के सामने भारत कि सरकार फेल है, ।सभी धर्मगुरू है भी फेल है ।
कबीर, मैं रोऊ इस श्रष्टि को या सृष्टि रोवे मोहे।
कह कबीर इस वियोग को, समझ सका ना कोई।।
पूरी पृथ्वी पर एकमात्र सच्चा सत्संग
Bandi chhod satguru rampalji maharaj ki jay 🙏🙏🙏🙏
हरि रस पीया जानिये, कबहू न जाए खुमार ।
मैमता घूमत फिरे, नाही तन की सार ॥
Bandi Chod satguru rampalji maharaj ki jai ho🙏🙏🙏🙏
एकै साधै सब सधै सब जाए
माली सीचैं मूल को फले फूले अघाए
माया तजी तो क्या भया, जो मान तजा नहीं जाय ।
जिहि माने मुनिवर ठगे, सो मान सबन को खाय ॥
क्या आप जानते हैं भगवान श्री कृष्ण जी दुर्वासा ऋषि के श्राप से अपने वंश को नहीं बचा सके तो आप को कैसे बचा सकते हैं जरूर देखिए साधना टीवी 7:40 PM से
अवगुन को तो ना गहे, गुन हि को ले बीन ।
घट घट महके मधुप ज्यों, परमातम ले चीन्ह ॥
पूरे विश्व में आज संत रामपाल जी ने वह ज्ञान दिया है जो पृथ्वी पर किसी के पास नहीं है
राम राम नाम जपले , सतलोक जानै कि विधी जानले । साधनाहTv 7:40 pm
कबीरः राम बुलावा भैजिया दिया कबीरा रोय।
जो सुख है सतसंग में वो बैकुण्ड मे ना हो़य।।
जहा काम तहा नाम नहीं , जहा नाम नहीं वहा काम |
दोनों कभू नहीं मिले , रवि रजनी इक धाम ||
संत रामपाल जी महाराज ही तत्वदर्शी संत है।🙏
आशा करै बैकुण्ठ की, दुरमति तीनों काल ।
शुक्र कही बलि ना करीं, ताते गयो पताल ॥
Satguru dev ji ki jai ho....
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनिंद्र मेरा।
द्वापर में करूणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
जय हो बन्दीछोड़ की
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पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण क्यों फिरता दाने दाने नू
सर्व कला सतगुरु साहेब की हरी आये हरियाणे ने
अपनी कहे मेरी सुने, सुनी मिली एकै हौय ।
हमरे देखत जग जात है, ऐसा मिला न कोय ॥
मैं अपराधी जन्म का, नख-सिख भरा विकार ।
तुम दाता दु:ख भंजना, मेरी करो सम्हार ॥
सतगुरु मिले तो इच्छा मेटे पद मिल पदे समाना दास गरीब अभय पद पर से जहां आधी अमर अस्थाना
राम नाम की लुट है लूट सके तो लुट अंत समय पछतावेगा प्राण जायेगा छुट
पूर्णब्रह्म जगतगुरु तत्वदर्शी संत बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
सभी भक्तों को सत साहेब
तीन देव को सब कोई ध्यावै, चौथा देवका मरम न पावै।
चौथा छांडि पंचम ध्यावै, कहै कबीर सो हमरे आवै।।
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सतगुरु के उपदेश का लाया एक विचार।
जय सतगुरु मिलते नहीं तो जाता नर्क-द्वार।।
माया रूप देख अती शोभा निरंजन का तन मन लोभा
कबीर हरि के रूठते गुरु की शरण में जाए।कह कबीर जै गुरु रूठ जाए तो हरि नहीं होत सहाय।।
राम राम सब जगत बखाने आदीराम को कोई बिरला ही जाने
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम फिरता दाने दाने नूँ। सर्व कला सतगुरु साहेब की हरि आये हरियाणे नूँ।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो।
सदगुरुदेव के चरणों में दासी का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
बंदी छोड़ तत्वदर्शी संत जगत गुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
सत्य कबीर राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अंतकाल पछताएगा प्राण जाएंगे छूट
सत्य कबीर आवत गारी एक है उलटत होइ अनेक कह कबीर नहिं उल्टी हो रहे एक की एक
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज कीजै
नाईय एण्ड ग्रेट ज्ञान
जम जौरा जासे डरें मिटे कर्म के लेख
अदली अदल कबीर हैं कुल के सतगुरु एक
गुरु के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को जाना।
दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्ठि करि जानी।
चोथे वेद विधी सब कर्मा, या चार गुरु गुन मर्मा।
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सुर तेतीसूँ कौतिग आये, मुनिवर सहस अठ्यासी।
कहै कबीर हँम ब्याहि चले हैं, पुरिष एक अबिनासी॥1
पुर्ण परमात्मा बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के चरणों में इस दूच जिव दास का कोठी कोठी दडंवत प्रणाम सत साहेब जी
राम नाम। कड़वा लगे ,मीठे लागे दाम दुविधा मैं दोनो गये माया मिली न राम ।।
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संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधार में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
आशा का ईंधन करो, मनशा करो बभूत ।
जोगी फेरी यों फिरो, तब वन आवे सूत ॥
Kabir, ek hari ke naam bina, ye raja rishabh ho Maati dhovae kumhaar ki, ghaas na daale ko
अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप ।
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप ॥
अर्थ :
न तो अधिक बोलना उचित है, और न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है। जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणो में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
yes good video is video ko Jarur Dekhe Puran Parmatma ka video jio Kalyan karne ke liye wish video Ko Dekhe
सत गुरु पुरूष कबीर हैं चारों युग प्रमाण।
झूठे गुरुआ मर गए हो गए भूत मसान।।
गरीब सतगुरू के उपदेश का लाया एक विचार जै सतगुरु मिलते नहीं जाता नरक द्वार
पहले किन्ही निरंजन राई पिछे से माया उपजाई
माँसा घटे न तिल बढे विधना लिखे जो लेख साचा सतगुरू मेंट कर ऊपर मारें मेख
nirmala Dasi +🎆✴️🌷🙏🙏🌷✴️🎆
हाड़ चाम लहु ना मेरे कोई जाने सतनाम उपासी तारण तरन अभय पद दाता मैं हूं कबीर अविनाशी
दण्डवत प्रणाम गुरु जी
कबीरा तेरी झोपडी, गल कटीयन के पास ।
जैसी करनी वैसे भरनी, तू क्यों भया उदास ॥
तुम कोन राम का जपते जापम ताते कटे ना ये
तीनो तापम
कबीर, बंजारे के बैल ज्यों, भरमि फिरयो बहु देश। खाण्ड लाद भुस खात है, बिन सतगुरु।।
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है ।संत रामपाल जी महाराज कबीर साहेब के अवतार है।
Bandi chhod satguru rampal ji maharaj ki jai ho
*सतगुरु के दरबार मे कमी काहे की नाही*
*हंसा मोज न पावेगा अपनी चुक चाकरी माही*
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सतयुग में सत सुकृत कह टेरा त्रेता नाम मुनिंदर मेरा द्वापर में करुणा में कहाया कलयुग नाम कबीर धराया ll
सन्त रामपाल जी महाराज जैसा सन्त और समाज सुधारक पूरे विश्व मे नही है
कबीर,काल जो पीसे पीसना, जोरा है पनिहार।ये दो असल मजूर हैं, सतगुरु के दरबार।।
Satguru ke darbar me jaiyo barambar bhuli vastu lakha deve mere satguru h datar
कल जो पीछे पीसना जोरा है पनिहार यह दो असल मजदूर है मेरे सतगुरु के दरबार
कबीर, पतझड़ आवत देख कर, बन रोवै मन मांहि।ऊँची डाली पात थे,अब पीले हो हो जांहि।।
BAndi chhod satguru rampal ji maharaj ki jai
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब ही सत्य परमात्मा है ।