Sirji, pranaam, There are many abhyasis who are more and more interested to thoroughly understand Babuji's sahaj marg in addition to daily sahajmarg practices. Your analytical clarifications are boon to such spirituality thirsty abhyasis of which I am also one. It appears Babuji made you for that purpose.
क्योंकि संत कस्तूरी बाबुजी महाराज की कृति हैं। उन पर पूर्ण आध्यात्मिक शौध किया था। उनके इलावा किसी को भी पूर्ण आध्यात्मिक दशाएं नहीं बताई गई थी। फिर पूर्ण अनुसंधान को अनन्त यात्रा के रूप में समस्त मानव जाति के लिए उपलब्ध करवा दिया गया। लाला जी महाराज ने बाबुजी का अवतरण भूमा से करवाया और फिर बाबुजी महाराज ने सहजमार्ग पद्धति का संत कस्तूरी पर अनुसंधान किया।
आपने कहा है कि भूमा से एक शक्ति अलग हुई जो ईश्वर का ही रूप है जिसने सृष्टि की रचना हुई,।औऱ भूमा जोकि अक्रिय है,।इसका मतलब ईश्वर भूमा से आया ,हम ईश्वर से आये,।जिस तरह ईश्वर भूमा का ही हिस्सा है जो अलग हुआ है तो हम भी तो भूमा के ही हिस्से तो हुए,।फिर आपने बाबूजी हमको ईश्वर में साक्षात्कार हो जाने के बाद भूमा की तरफ यात्रा की ओर ले जाते है,क्या कभी ऐसा भी समय आता है ,अभ्यासी भूमा मैं लय हो जाता है,।मतलब उसमे बिल्कुल मिल जाये,जैसे कि एक पानी से भरे हुई गिलास में ऊपर से एक बूंद पानी की डाल दी जाए,फिर वापिस उसी पानी को जो बून्द में था,वह अब नही निकल सकता , क्या ऐसा होगा,। बताने की कृपा करें ?
ये हमने नहीं कहा, बाबूजी ने कहा है | आप बाबूजी की पुस्तक 'सहज मार्ग दर्शन' पढ़ें| आपकी हर प्रकार की जिज्ञासा बाबूजी शान्त करेंगे | आप आप भौतिक विवेकशक्ति से इन प्रश्नों के उत्तर नहीं समझ सकेंगे | जब तक आध्यात्मिक विवेकशक्ति जागृत नहीं होती है इन रहस्यों की समझ नहीं आती है | आप नियमित अभ्यास करें| बाबूजी आपको सब समझा देंगे|
यहाँ प्रश्न हमारा नहीं है संत कस्तूरी का है। आपका प्रश्न उनके लिए ही था। अगर संत कस्तूरी को समझना है तो उनके स्तर तक लय होना होगा। संत कस्तूरी बाबूजी की कृति है। आप अनन्त यात्रा के पत्रोंका अध्यन कीजिए आपको सब स्पष्ट होगा।
Sadar Pranam Babu ji Maharaj
Bahut hi saralta se samjhane ke liye dhanyavad ji
Jai Shri Babu Ji Mahraj
Pranam Beloved Babuji 💓💘🌹💗💐💝🌞🍁🌏🙏
प्रणाम मास्टर
Bhut sunder 🙏🙏🙇🙇 samzya bhai ji aapne . thank you so much 🙏
Sadar naman like very much
Pranam babuji maharaj
🌹👏👏 प्रणाम पूज्यवर बहुत सुन्दर वर्णन भूमा साक्षात्कार का सुन्दर 👋👋
Bhuma Sakti Babu ji maharaj ko naman 💐💐🙏❤️
आपको प्रणाम है...
Thank you brother understandable The difference between God Realisation and Ultimate Realisation
Thank you sooo much brother 🙏
🙏 प्रणाम पूज्य भाई साहब जी
बहुत ही सुंदर व सरल तरीके से बताया है आप की बोलने की शैली अद्भभुत है 🙏🏼
सब बाबूजी का आशीर्वाद है| बाबूजी जानते हैं अपना संदेश कैसे सब अभ्यासियों तक पहुँचाना है|
Sare anubhav dal diye hai apne
Bhaut krapa hai apme babuji ki.🙏🙏 babuji ji ka anubhav karane ke liye dhanyabad ,aur us malik ka bhi dhanyabad .
बाबूजी तो प्रकृति के कण-कण में हैं। आपको तो बस उनसे जुड़ना है।
Pranaams Babuji...I heard this episode about 6 times.
Master ko sadar pranam
🙏 Many many Thanks for explaining the difference between ISHWAR and BHUMA🙏
Pranam
Well explained
Beautifully explained the process of God realisation and also difference between bhuma and God realisation in a simple and lucid manner. Thanks 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sadr nmn
Beautifully explained
लाजवाब है ।
Well explained 👌👌
Very nice sir 🙏💐👍
बहुत सुंदर भैय्या
Excellent explained Sir
Sirji, pranaam, There are many abhyasis who are more and more interested to thoroughly understand Babuji's sahaj marg in addition to daily sahajmarg practices. Your analytical clarifications are boon to such spirituality thirsty abhyasis of which I am also one. It appears Babuji made you for that purpose.
ऐसा समझ सकते है क्या कि पना स्थूल शरीर है
Ma ksturi ko in sb bato ka gyan ya pta kese chla pilizh replay mi sir
क्योंकि संत कस्तूरी बाबुजी महाराज की कृति हैं। उन पर पूर्ण आध्यात्मिक शौध किया था। उनके इलावा किसी को भी पूर्ण आध्यात्मिक दशाएं नहीं बताई गई थी। फिर पूर्ण अनुसंधान को अनन्त यात्रा के रूप में समस्त मानव जाति के लिए उपलब्ध करवा दिया गया। लाला जी महाराज ने बाबुजी का अवतरण भूमा से करवाया और फिर बाबुजी महाराज ने सहजमार्ग पद्धति का संत कस्तूरी पर अनुसंधान किया।
@@SaintKasturi Kriti is sbd ka Kay mtlb hota h
कृति का अर्थ होता है creation ।
@@SaintKasturi
Do you have guidance on this? Any contact methods?
Telugu lo cheppandi sir
आपने कहा है कि भूमा से एक शक्ति अलग हुई जो ईश्वर का ही रूप है जिसने सृष्टि की रचना हुई,।औऱ भूमा जोकि अक्रिय है,।इसका मतलब ईश्वर भूमा से आया ,हम ईश्वर से आये,।जिस तरह ईश्वर भूमा का ही हिस्सा है जो अलग हुआ है तो हम भी तो भूमा के ही हिस्से तो हुए,।फिर आपने बाबूजी हमको ईश्वर में साक्षात्कार हो जाने के बाद भूमा की तरफ यात्रा की ओर ले जाते है,क्या कभी ऐसा भी समय आता है ,अभ्यासी भूमा मैं लय हो जाता है,।मतलब उसमे बिल्कुल मिल जाये,जैसे कि एक पानी से भरे हुई गिलास में ऊपर से एक बूंद पानी की डाल दी जाए,फिर वापिस उसी पानी को जो बून्द में था,वह अब नही निकल सकता , क्या ऐसा होगा,। बताने की कृपा करें ?
ये हमने नहीं कहा, बाबूजी ने कहा है | आप बाबूजी की पुस्तक 'सहज मार्ग दर्शन' पढ़ें| आपकी हर प्रकार की जिज्ञासा बाबूजी शान्त करेंगे | आप आप भौतिक विवेकशक्ति से इन प्रश्नों के उत्तर नहीं समझ सकेंगे | जब तक आध्यात्मिक विवेकशक्ति जागृत नहीं होती है इन रहस्यों की समझ नहीं आती है | आप नियमित अभ्यास करें| बाबूजी आपको सब समझा देंगे|
😎 promosm
Are mahoday aap Babu ji Maharaj se bataye Anusar Aalag ja rahe hai kasturi ji kya Babu ji Maharaj ji se jayada Khoj kar li esa mat kare
संत कस्तूरी ने जो भी किया है वो बाबूजी ने ही करवाया है| आप अपनी भौतिक विवेकशक्ति से समझ रहे हैं| जब आप बाबूजी में लय होंगे तभी आपको ये बात समझ आएगी|
@@SaintKasturi kya aap lay ho chuke hai
यहाँ प्रश्न हमारा नहीं है संत कस्तूरी का है। आपका प्रश्न उनके लिए ही था। अगर संत कस्तूरी को समझना है तो उनके स्तर तक लय होना होगा। संत कस्तूरी बाबूजी की कृति है। आप अनन्त यात्रा के पत्रोंका अध्यन कीजिए आपको सब स्पष्ट होगा।
Shree man ji mai aap se milna chah raha tha to kaise Mila ja sakta hai
Mai Babu ji Maharaj ki kuch pustke padi hai to mujhe mool lekho se chhed chhad pasand nahi hai
Sadr nmn
Very well explained 🙏🙏