🎉🎉🎉🎉🎉 सबका मालिक एक आदि राम जी तत्व दर्शी पूर्ण संत जी, जगत पिता जी पूज्य गुरुदेव जी रामपाल जी भगवान जी की जय हो,❤❤❤❤❤ कोटी कोटी दंड वत प्रणाम पूर्ण परमात्मा जी,❤❤🎉🎉 जय हो बंदी छोड़ जी की🎉🎉❤❤
नवरात्रि के पावन पर्व पर जानिए क्या माँ दुर्गा की भक्ति करने से हमारे जीवन में आने वाले कष्ट समाप्त हो सकते हैं या नहीं ? जानने के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति करना है लेकिन यह बात भूलकर मनुष्य माया के जाल में फंस कर सांसारिक कार्य में लग जाता है और फिर एक दिन उसकी मौत हो जाती है। कबीर साहेब जी कहते हैं कि मनुष्य जन्म पाय कर, जो नहीं रटे हरि नाम। जैसे कूआं जल बिना, बनवाया क्या काम।।
🚣बिहार में आई बाढ़ से कई जिलों के बहुत से गांव एक दूसरे से कट गए हैं व सब कुछ जलमग्न हो गया है। ऐसे में बाढ़ग्रस्त इलाकों में आवश्यक वस्तुओं का अभाव जीवन के लिए एक चुनौती बना हुआ है। जीवन के इस मुश्किल दौर में संत रामपाल जी महाराज ने सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में चाय, बिस्किट, सब्जी, रोटी आदि की व्यवस्था कर मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है।
#KabirIsGod 📖परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3 आदि राम कबीर Adi Ram Kabir
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कवीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह (परिभू) सनातन अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता) भिन्न-भिन्न अर्थात् सर्व लोकों का रचनहार है।
🎉🎉🎉🎉🎉 सबका मालिक एक आदि राम जी तत्व दर्शी पूर्ण संत जी, जगत पिता जी पूज्य गुरुदेव जी रामपाल जी भगवान जी की जय हो,❤❤❤❤❤ कोटी कोटी दंड वत प्रणाम पूर्ण परमात्मा जी,❤❤🎉🎉 जय हो बंदी छोड़ जी की🎉🎉❤❤
Parmeswar ji ki jay ho
Sat Sahib❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
anmol sacchi jankari sacche malik ki lila ki
💕 सत् साहिब जी,🙏🇮🇳🍁
really knowledge Malik ji parmatma
Sat sahib ji ❤️
Bandi chhod sat guru rampal ji maharaj ki jay ho 🙏 🙏 🙏
Supreme God is Kabir
अद्वितीय सत्संग है ❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice satsang
नवरात्रि के पावन पर्व पर जानिए क्या माँ दुर्गा की भक्ति करने से हमारे जीवन में आने वाले कष्ट समाप्त हो सकते हैं या नहीं ? जानने के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Kabir is god ❤️
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेबभगवान हैं
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ke Saheb
परमात्मा की दया🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🌹सत 🌹 साहेब 🌹जी 🌹🙏
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय હો
🙏🙏🌹अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड के मलिक पूर्ण परमात्मा सतगुरु श्री राम पाल जी भगवान के चरणों में कोटि कोटि बार बार दंडवत प्रणाम🌹🙏
Kabir is god रामपाल भगवान के चरणों मे दास का कोटि कोटि नमन
अनमोल सत्य वचन है
Kabir is suprim god 👃🌹👃
Sat saheb ji maalik ko koti koti pranam ji ❤❤❤❤❤❤
Very anamol vachan malik ke 👏👏👏👏👏👏☪️🌹🍀🌹🌹🌹🌹
🎉🎉🎉अंनत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहि भार।
सतगुरु पुरूष कबीर है कुल के सिरजन हार। ।
Sat saheb ji 😢....... for Saint Rampal Ji bhagwan ji.........😢
मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति करना है लेकिन यह बात भूलकर मनुष्य माया के जाल में फंस कर सांसारिक कार्य में लग जाता है और फिर एक दिन उसकी मौत हो जाती है। कबीर साहेब जी कहते हैं कि
मनुष्य जन्म पाय कर, जो नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कूआं जल बिना, बनवाया क्या काम।।
Sat Saheb ji
Sat saheb guru ji
માલિક કી જય હો
Nice 👍👍👍👍
❤❤❤❤
🙏🙏🙏🌻🌻
🚣बिहार में आई बाढ़ से कई जिलों के बहुत से गांव एक दूसरे से कट गए हैं व सब कुछ जलमग्न हो गया है। ऐसे में बाढ़ग्रस्त इलाकों में आवश्यक वस्तुओं का अभाव जीवन के लिए एक चुनौती बना हुआ है। जीवन के इस मुश्किल दौर में संत रामपाल जी महाराज ने सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में चाय, बिस्किट, सब्जी, रोटी आदि की व्यवस्था कर मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है।
3:39 ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
😮😮😮😮😮😮😮
Aisa satsang kahin aur nahi
#KabirIsGod
📖परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
आदि राम कबीर
Adi Ram Kabir
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
हमें किस भगवान की पूजा करनी चाहिए
Kabir,kahe bhali mane buri, eshi pariksha nich, jitni dhovo kacchi diwar ko, utani Hove kich, adhik jankari ke liye padhe pustak Gyan ganga.
Kabir is god 🙏🙏🙏💯
Nice satsangi 🙏
Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sat Saheb ji
Sat sahib 🙏
पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कवीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह (परिभू) सनातन अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता) भिन्न-भिन्न अर्थात् सर्व लोकों का रचनहार है।