आपको हमारा घणी-घणी खम्मा होकम कृपा खाविन्दी बणी रखावै । ऐक अरज हे की ऐक सोरठ राग प्रसीद्ध है " " सोरठ रा दुहा " " या मिलता जुलता नाम है यह राग यह राग दिन के तीसरे पहर मे ही गाई जाती थी पर रसीया सुनने वाले इसे अक्सर रात को सुनते थे पुरी रात व्यतीत हो जाती थी पुरी स्टोरी दुहो पर आधारित है शुरुआत होती है । ( सोराषट्र ) सोरठ काही अप्रभ्रशं है सौराष्ट्र का राजा जय सिह संतान प्राप्ति हेतु तपस्या करता है शिवजी प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्णता का वरदान देते है । शिवजी जो दिधो चंटीयो , आंम्बै जो दिधी साग । ( हांग) = डाल पक आम जावो राजा राज करो , भरीयो तुम्हारो भाग ।। यह साग ( हांग) रानी को खिलाई जाती है ओर रानी गर्भ धारण कर सोरठ को जन्म देती है । स्टोरी सेम है मुल नक्षत्र का जन्म सोने के पिंजरे मे बंद कर नदी मे बहाना आदी । धोबी जो धोवे धोवतीया , माटी खणै कुम्हार । खट पिजंर धोबी लियो , सोराठ लिनी कुम्हार ।। ईस प्रकार पुराने जमाने मे राम लिला मंचन कलाकार व राजा महाराजा की सभाओं मे सोरठ राग के साथ संगीत मय सोरठ सुनने का आनंद लिया जाता था ऐक दो बार हमने भी गुणीजनों से सुनी थी ईस की राग बडी गहराई लिये हुऐ ठहरास वाली होती थी कब रात खतम हो जाती थी पता ही नही चलता था हमने इसी मकसद से ये टिप्पणी करी है की आपके ध्यान मे कोई मारवाडी मे सोरठ गाने वाला हो तो ( दोहा ) संगीत मय सोरठ का विडीयो बनवाकर यू ट्युब पर प्रसारण करवावे तो आपकी कृपा होगी ओर भुली बिसरी संस्कृति धरोहर की पुनरावृत्ति हो जायगी । आपकी शैली कथा वार्ता की है ओर मे जो कह रहा हुं वो गायन शैली है आप बहुत सारे नये पुराने कलाकारों से परिचित है चर्चा चलाना राह निकलेगी गायन द्वारा बडी रस मय शैली बनेगी टिप्पणी का विस्तार नहो ईसलीये संक्षेप मे पुरा कर रहा हूं कहानी आगे बढती है सोरठ के रुप के चर्चे सुन कर सब से पेहले तो खुद सोरठ का पिता ही कुम्हार को मना कर शादी करने आता है पर देव योग से सोरठ को सपने द्वारा पूर्वा अनुमान हो जाता है की जो शादी करने आ रहा है मेरा पिता ही है ओर वह तोरण के समय सोरठ दोहे द्वारा पिता को अपनी पुत्री होने का परीचय देती है । गांव जो मारों गोठडो , सोराठ मारों नाम। बेटी राजा जय सिह री एक अंचम्भो देखीयो , बेटी परणे बाप ।। ईतना सुनते ही राजा जय सिह को बहुत पछतावा हुआ ओर बगैर तोरण मारे ही लोट गया । आंगण आंम्बो मोरीयो, चाक रही गुमाय । एक अंचम्भो देखीये रतन रखोडा माय ।। ईस प्रकार क्रमशः बिझों खंगार फिर बण जारा आदी आदी । खण लिनी खंगार , अन्न पाणी री आखडी । परणु सोरठ नार , जद माथे मेलु पागडी ।। ऊठो बिझां घर बळै , चांदे लागी लाय । थंब कटारो थरहरे, कोपीयो राव खंगार।। सोरठ के गाव का नाम गोठडा था ओर ईस प्रेम कहानी के बाद सोरठ देश कहलाया अप्रभ्रशं मे सोराषट्र ( सुरत ) शायद यह वही सुरत है । घणी-घणी खम्मा होकम आपका संस्कृति धरो हर प्रेम ओर आपकी सोरठ वार्ता लाजवाब है काबीले तारीफ है ।
मार्मिक ऐतिहासिक कहानी लघुकथा मे सोरठ वे अपने छोटे से जीवन मे कई उतार चढाव देखे व आखिर मे दुखद मार्मिक अन्त पर इतिहास मे अमर हो गई सोरठ व विंझे की प्रेम कहानी।
Raa khengar junagath sudasama rajput the jo gajpatji ke vansaj he ajpat,narpat ,gajpat,bhupat na vansaj jadeja,sudasama,bhati rajput yaduvansi rajput jay mataji
वाह सा हुकुम ।।। आपको घणों घणों धन्यवाद ।।।। हुकुम आप राव खंगार जी की खुद की कोई बात सुनाओ तो मैं आगे खंगारोता का ग्रुप में शेयर करू सा ।। एक बार फिर आपको घणों घणों धन्यवाद सा ।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@परबतसिहराठोड-त1ङ नहीं हुकुम ,, खंगारोत, राव खंगार के ही वंशज है । और राव खंगार जी ने नारायणा में राज किया और फिर बोराज गढ़ में, वहीं से ये खाप निकली है सा ।
@@mangalsinghkhangarot5838 मैंने फेसबुक पर ही कई लोगो से बात की.. जो अपने नाम के पीछे.. खंगार परिहार लिख रहे है.. वो अपने आप को परिहार बताते है... और अपना कोई राजा खेत सिंह का इतिहास बताने लगते है..
Khangar boy ,you tube channel search kar le aapko jaankaari pata chal jayegi khangar Rajput hote jo chandra vansh ki saakha. Jiski utpaati joonagadh Saurashtra se hoti hai
आपको हमारा घणी-घणी खम्मा होकम कृपा खाविन्दी बणी रखावै ।
ऐक अरज हे की ऐक सोरठ राग प्रसीद्ध है " " सोरठ रा दुहा " " या मिलता जुलता नाम है यह राग यह राग दिन के तीसरे पहर मे ही गाई जाती थी पर रसीया सुनने वाले इसे अक्सर रात को सुनते थे पुरी रात व्यतीत हो जाती थी पुरी स्टोरी दुहो पर आधारित है शुरुआत होती है ।
( सोराषट्र ) सोरठ काही अप्रभ्रशं है सौराष्ट्र का राजा जय सिह संतान प्राप्ति हेतु तपस्या करता है शिवजी प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्णता का वरदान देते है ।
शिवजी जो दिधो चंटीयो , आंम्बै जो दिधी साग । ( हांग) = डाल पक आम
जावो राजा राज करो , भरीयो तुम्हारो भाग ।।
यह साग ( हांग) रानी को खिलाई जाती है ओर रानी गर्भ धारण कर सोरठ को जन्म देती है ।
स्टोरी सेम है मुल नक्षत्र का जन्म सोने के पिंजरे मे बंद कर नदी मे बहाना आदी ।
धोबी जो धोवे धोवतीया , माटी खणै कुम्हार ।
खट पिजंर धोबी लियो , सोराठ लिनी कुम्हार ।।
ईस प्रकार पुराने जमाने मे राम लिला मंचन कलाकार व राजा महाराजा की सभाओं मे सोरठ राग के साथ संगीत मय सोरठ सुनने का आनंद लिया जाता था ऐक दो बार हमने भी गुणीजनों से सुनी थी ईस की राग बडी गहराई लिये हुऐ ठहरास वाली होती थी कब रात खतम हो जाती थी पता ही नही चलता था हमने इसी मकसद से ये टिप्पणी करी है की आपके ध्यान मे कोई मारवाडी मे सोरठ गाने वाला हो तो ( दोहा ) संगीत मय सोरठ का विडीयो बनवाकर यू ट्युब पर प्रसारण करवावे तो आपकी कृपा होगी ओर भुली बिसरी संस्कृति धरोहर की पुनरावृत्ति हो जायगी ।
आपकी शैली कथा वार्ता की है ओर मे जो कह रहा हुं वो गायन शैली है
आप बहुत सारे नये पुराने कलाकारों से परिचित है चर्चा चलाना राह निकलेगी गायन द्वारा बडी रस मय शैली बनेगी टिप्पणी का विस्तार नहो ईसलीये संक्षेप मे पुरा कर रहा हूं कहानी आगे बढती है सोरठ के रुप के चर्चे सुन कर सब से पेहले तो खुद सोरठ का पिता ही कुम्हार को मना कर शादी करने आता है पर देव योग से सोरठ को सपने द्वारा पूर्वा अनुमान हो जाता है की जो शादी करने आ रहा है मेरा पिता ही है ओर वह तोरण के समय सोरठ दोहे द्वारा पिता को अपनी पुत्री होने का परीचय देती है ।
गांव जो मारों गोठडो , सोराठ मारों नाम।
बेटी राजा जय सिह री एक अंचम्भो देखीयो , बेटी परणे बाप ।।
ईतना सुनते ही राजा जय सिह को बहुत पछतावा हुआ ओर बगैर तोरण मारे ही लोट गया ।
आंगण आंम्बो मोरीयो, चाक रही गुमाय ।
एक अंचम्भो देखीये रतन रखोडा माय ।।
ईस प्रकार क्रमशः बिझों खंगार फिर बण जारा आदी आदी ।
खण लिनी खंगार , अन्न पाणी री आखडी ।
परणु सोरठ नार , जद माथे मेलु पागडी ।।
ऊठो बिझां घर बळै , चांदे लागी लाय ।
थंब कटारो थरहरे, कोपीयो राव खंगार।।
सोरठ के गाव का नाम गोठडा था ओर ईस प्रेम कहानी के बाद सोरठ देश कहलाया अप्रभ्रशं मे सोराषट्र ( सुरत ) शायद यह वही सुरत है ।
घणी-घणी खम्मा होकम आपका संस्कृति धरो हर प्रेम ओर आपकी सोरठ वार्ता लाजवाब है काबीले तारीफ है ।
जै माताजी री आपरी झुनै टेम री बातौ फुठरी लागै सगली कथाऐ देखण रौ घणौ कोड है भगवान आपनै निरोगा राखै
बहुत बढ़िया दाता हुकम
मायड़ भाषा में आप री बात घणी प्यारी लागे सा
आप हमारी संस्कृति और विरासत को बहुत आगे लेके जाओगे🙏🙏
वाह जी वाह स्पोर्ट इंजरी कथा
उठी बीजा होली हुंई झोंपै पुगी झाल
आयो अपांनां मारसी कोफ्यो राव खंगार।
मार्मिक ऐतिहासिक कहानी लघुकथा मे सोरठ वे अपने छोटे से जीवन मे कई उतार चढाव देखे व आखिर मे दुखद मार्मिक अन्त पर इतिहास मे अमर हो गई सोरठ व विंझे की प्रेम कहानी।
Jay. Mataji. Ri. Sa. Bhati. Sab. ( Laxman. S. Rao. Ramsin. Dist. Jalore. Raj. )
प्रेम के रस में भरी बातपोष ...👌💐💐
ह्रदय सु आभार आदरणीय श्री मान दीपसिंहजी भाटी 💐💐
इए बात रो मना घने टेम सु इंतजार हतो..आज जाए पुरो.. घनो आभार aapro दीप जी...
आप री आवाज़ मो शब्दों रे चयन रो कोई जवाब कोनी हुक्म।
बहुत बढ़िया हुकुम 🙏
इणी भांत आमणी सनातन संस्कृति स्यू रूबरू कराता रेवो 🙏🙏
हुक्म आपकी भाषा मिसरी सु मिठी डिंगल सुनकर आनन्दित हो जाते है
Wah bhati sab bahut hi khoob batposh pesh ki h aapne
Jai mata ri sa
❤ राजपुताना का इतिहास निराला है❤
बहुत सुंदर बातपोश ।। ऐसे ही राजस्थानी भाषा को जीवित रखने के लिए धन्यवाद।।।
सारणीया लक चार, बोधव के बतलावीया ।
मु वीजा री वरमाल, ओरो ने ओपु नी।।
सजीव बात प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद ।
सोरठ नागण हो रही, ज्यूं छेडै़ ज्यूं खाय।
आजा बिंजा गारुडी़,लेता कंठ लिपटाय।।
वाह बाजी वाह आप तो कोई जवाब नही
वहा बाजी वहा गजब बातो करो
जय श्री कृष्णा
जय माता दी सा दीप सिंह जी
अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर समस्त देश व प्रदेशवासियो को हार्दिक बधाई
सोरठ मैहला उतरी झांझर रे झणकार।
कॉंपे गढ रा कंगुरा धुजै गढ गिरनार।।
एक जबर्दस्त प्रेमगाथा
बहुत ऐतिहासिक बातचीत
बीझा - सेरठ की 👌
जय माताजी री सा
Aap ne subh Aasirwad mayar bhasa me kehi batna ro sawad alag hi hne Jay ho
सोरठ गढ सूं उतरी कर सोल्ला सिणगार।
बणज गमाया बाणियां , बदल गमाया गंवार।।
जय श्री कृष्ण हुक्म सा
जय श्री हुकम काकोसा
आप की मिठी मायङ भाषा सोरठ से भी सुन्दर है
Beautiful very nice love story.
👌👌👌👌
जय माता जी हुकूम।
राणा पूंजा सोलंकी ठिकाना पानरवा रे बारे में एक फूठरो विडिओ बणाओ हुकूम।
मतलब ज्योतिषियो की भविष्यवाणी एकदम सही थी
जय हो👌👌👌
जय माताजी की हुक्म
भाटी साहब ने जै मातजी की सा
Sir Ji jai ho rajasthan
वीर मोमाजी घोणारी विर री कथा रो वीडीयो बनाओं क्रुपा करके
जय श्री हुक्म✌✌✌
जय बाबा री सा 🙏🙏
Jai Mata Di
प्रेरित करने वाली
Khama ghanni hukum!!
Bhati sahab ne aarj hai ki binja senal ri premgatha upload karavo sa
Jay mataji ri sa
Bhati Sahab okay bane sarvariya hight
जयो।ऐसौ।प्रम
Bahut hi khub
अब आप सु विनती हे हैक बे और प्रेम कहानी हे ओ भी सुना दयो...काछबो पठी
Good story
🎉🎉
वाह वाह
अद्भुत ।
हुकम जय चारभूजा कि सा आप नेई पिढी संस्कार बताओ हो सा
Bahut achi aavaj h aapki
अतिसुंदर
जय राजपुताना
बहुत आभार सा
Jay mataji sa jay ho sa
बाघा-भारमली री प्रेम कथा सुणाओ सा
Wow that's story
🙏🙏🙏
🙏vaha sa bhati ji
सोरठ राग इनसे संबंधित है क्या
Ji ha
Bilkul
धन्यवाद सा
Super
Gani shokhi large aap to vato
सोरठ राग सुवावणी मत किजे प्रभात के तो बाला बिसडे के होवे वैराग
aap hindi me speech dijiye. taki pura Hindustan aap ke video ko dekha sake.🙏🙏🙏
1:27 1:29
दीप सिंह जी नमस्कार सांचौर कौन सा है थोड़ा बताइए
Wow what is your mashallah mashallah
बाजी गांव khayoo है
Raa khengar junagath sudasama rajput the jo gajpatji ke vansaj he ajpat,narpat ,gajpat,bhupat na vansaj jadeja,sudasama,bhati rajput yaduvansi rajput jay mataji
माडसा 🙏🙏
ओम बन्ना🚩
नखत बन्ना🚩 का ➡ विडीओ बनाओ
सौरठ गायज वह यह है के
Thanks
O sancha bhi gal gaya Lade Gaya Lohar
वाह सा हुकुम ।।।
आपको घणों घणों धन्यवाद ।।।।
हुकुम आप राव खंगार जी की खुद की कोई बात सुनाओ तो मैं आगे खंगारोता का ग्रुप में शेयर करू सा ।।
एक बार फिर आपको घणों घणों धन्यवाद सा ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
राव खंगार और खंगारोत ग् में अंतर है खंगारोत कछवा है जयपुर के और वह जूनागढ़ का है
@@परबतसिहराठोड-त1ङ
नहीं हुकुम ,, खंगारोत, राव खंगार के ही वंशज है । और राव खंगार जी ने नारायणा में राज किया और फिर बोराज गढ़ में, वहीं से ये खाप निकली है सा ।
@@परबतसिहराठोड-त1ङ
और हुकुम अगर आपको और अधिक जानकारी चाहिए तो मेरे व्हाट्सएप नंबर पर आए ।
आपका स्वागत है = +91 9057962401
@@mangalsinghkhangarot5838 junagath gujarat se hu raa khengar ka vansaj hu
राव khgar कोन था यादव था या जडेजा था
Raa khengar sudasama
In nutshell it's called extra marital affair in 21st century 😂
Mauyd ra puat saput Aeda shikavan vala to koni Malaya he ja Thane
क्या खंगार राजपूत होते है..... और ये अपने आप को परिहार क्यु लिख रहे है...
जी हां ।।
खंगारोत राजपूत ही होते है भाई ।
और आपने कहां देखा है कि खंगारोत अपने को परिहार लिखते है ।।।
@@mangalsinghkhangarot5838 मैंने फेसबुक पर ही कई लोगो से बात की.. जो अपने नाम के पीछे.. खंगार परिहार लिख रहे है.. वो अपने आप को परिहार बताते है... और अपना कोई राजा खेत सिंह का इतिहास बताने लगते है..
खंगार परिहार का मुझे ध्यान नहीं लेकिन खंगारोत का पता है, खंगारोत राजपूत होते है इसमें कोई शक नहीं है ।।।
Khangar boy ,you tube channel search kar le aapko jaankaari pata chal jayegi khangar Rajput hote jo chandra vansh ki saakha. Jiski utpaati joonagadh Saurashtra se hoti hai
Bilkul
जय माताजी रि सा
🙏🙏
1:27 1:29
जय माता जी री सा
1:27 1:29
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