जय माता जी री सा हुकुम दीपसिंह जी भाटी साहब,🙏🙏🙏🙏🙏 हुकुम एक अरज है आप सूँ, आप सुगन री चौखी बात बताई, म्हारा धणियों ए बातों आज रे समय में कठे ई मिळे नी हुकुम, आपरो घणे मोन हृदय सूँ आभार, साधुवाद, एक म्हारो सवाल है हुकम मैं तो घणे ई गुणीजनो ने पूछोयो पण म्हारो मन शान्त नी हुओ, प्रश्न हो है हुकुम कि स्वपन में बीज रो चोंद दीसे तो ईं रो के अर्थ होवे सा, मने आशा ही नी पूरो विश्वास है कि आप उत्तर जरूर देवोला, केये है कि, भौं बिन भला नी नीपजे, माँ बिन भला नी होय। घणी खम्मा हुकुम, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत खुशी की बात, इस वर्ष सूर्य के आगे मंगल होने से जून जुलाई में बारिस कम होगी, रोहिणी ज्यादा तपी नही, कही कही वर्षा होने से भी कही कही अकाल भी पड़ सकता हैं, आप इसी प्रकार के वीडियो भेजा करे
ये बात पूर्णतया सत्य है कि आज भी गाँव, ढाणी में बुजुर्गों द्वारा जो भविष्यवाणी की जाती है, वो तो वर्तमान विज्ञान और वैज्ञानिकों को भी चुनौती पेश करती है, कुदरती पहुलओं का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता जे कि हमारे पुरखों,बुढियो के द्वारा जो अनुमान लगाया जाता है वो आज किसी चमत्कार से कम नही, आज की हकीकत है हमें बुजुर्गों के पास बैठेने का समय नही तो आगे की बाते तो बेमानी हो जाती है,हमें इस धरोहर के ज्ञान को समझने का प्रयास जरूर करना चाहिए ।।👌👌💐💐
हुकुम मनै भी इतिहासकारी बातोपोश घणी प्यारी लागे सा। ओर हमे वही बातपोश चौखी लगती है जो पुरखो से मुखजुबानी सुनने को मिले। 🚩जय माता जीरी सा 🚩जय क्षत्रिय धर्म
धन्य है अदरणीय भाटी श्री दीपसिंहजी पूर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत करवाने पर मै कुम्भा रूपाणी आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ 💐💐🙏🙏
धन्य हो दिपसिह जी सा मेंने पहले टुटे फुटे दोहे याद थे लेकिन आप ने आज उजाला कर दिया ह्रदय में अब लिख लुंगा सा मेरे पास राजस्थानी कहावत में वर्षा री डॉ विक्रम सिंह राठौड़ री किताब है सा
Right Saab 1kg ghee one time Mai koi 100 bar jeem gayo 1974 my birth year 6fit 4 Inch height 92 kg weight aaj bhi 0.5 kg ghee jeem saku koi har Jeet kare to
उत्पत्ति का पता नहीं।पर इंडिया नाम इन्दों से पड़ा है।इन्दा सरदार भेड़े चराने महाराष्ट्र बोर्डर पर गए ।वंहा वास्कोडी गामा समुन्द्र रास्ते से आया तो भारत की धरती पर रखते ही देश का नाम पूछा इन्दों ने देखा हमारी जाति पूछ रहे है।उन्होंने ने सबने एक एक कर इन्दा कहा।वास्कोडि गामा ने इंडिया नाम दे दिया
आपरी बात साव साची है के इण वाईयौं अर सुगनों रे मुजब बुढ़िया बडेरा आवण आळे जमाने रा भा बांधता जको 100% साच निकळतो । इण भांत वि.स. 2076 में आवण आळे जमाने रे विगत मैं वैशाख री चादणी आठ्म ने एक कविता लिखी थी जिणरो परिणाम 99% म्हारे शिव पड़गने में रहयो तो ........... समत् 2076 वैशाख शुक्ल , अष्टमी ने सोमवार । पश्चिम दिशा री बादळी , बरसी मुसलधार ।। क्रगत में आश्लेच बरसियो , बंधी जमाने री आस । धोरों में धान मोकळो होसी , गायों ने घणी घास ।। छः ओना तील होसी , बारह ओना बाजरो । ईतरी तो आस हैं , पसे मिळसी आपो आपरे भागरो ।। मुंगो में मोळ रहसी , मोठ होसी अत्ति जोर । ग्वार री गत्ती मोळी रहसे , भादरवे गाजसी घणी घोर ।। भेड़ बकरीयों रे हो जासी , होळी लग रो चारो । जमानों तो जबरो आसी , हणों गायों नें मती भुखों मारो ।। आगम री गत किण नी जाणी , सुरता करो विचार । सियोतरे रे साल री साखी , लिखी कवि प्रेम सुथार ।। 🙏🙏 इण कविता में म्हारे खास मकसद ओ हो के लोग काळ रे भै सुं ओईणी गांयो अर बळधों ने चारों नी नोंख भुख नी मारे । पण मातेश्वरी रे आशिर्वाद सुं बात साची वैगी ।
😊
बहुत सुन्दर कार्य एवम विडिओ धन्यवाद भाईसाहब
साधुवाद सा
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Bahut hi jog ri vaat batai hkm
Gajabsa
bahut bahut badhai
🎉🎉🎉
वाह भाटी साहब
आभार हुक्म
thenk's sir
❣️❣️
वाह हुक्म दिप सिंह जी डंक भाडली रा दुहा सुण ने दिल खुश हो गयो हुक्म
गजब सदेंश
आभार सा
Dhanyvad shriman aapko aapane dakot Brahman itihaas bataya hai
🙏🚩
आप रो घनो घनो आभारी इन्दा जोलियालि. 🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद हुकम
बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻👍❤️❤️
साधुवाद सा
गुरु इसमें से दो सुकून तो बराबर
तीतर पंखी बादली, विधवा काजल रेख।वा बरह वा घर कर ,ईंम मीन न मेख।।
जुग-जुग जीवो दीपजी , चोखी बात बताई।
संस्कृति रा सारथी, थे हिवडे ज्योत जलाई।।
जय माता जी री सा हुकुम दीपसिंह जी भाटी साहब,🙏🙏🙏🙏🙏
हुकुम एक अरज है आप सूँ,
आप सुगन री चौखी बात बताई,
म्हारा धणियों ए बातों आज रे समय में कठे ई मिळे नी हुकुम, आपरो घणे मोन हृदय सूँ आभार, साधुवाद,
एक म्हारो सवाल है हुकम मैं तो घणे ई गुणीजनो ने पूछोयो पण म्हारो मन शान्त नी हुओ,
प्रश्न हो है हुकुम कि स्वपन में बीज रो चोंद दीसे तो ईं रो के अर्थ होवे सा,
मने आशा ही नी पूरो विश्वास है कि आप उत्तर जरूर देवोला,
केये है कि,
भौं बिन भला नी नीपजे, माँ बिन भला नी होय।
घणी खम्मा हुकुम, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो भाटी सा आप री
आसोज माह समुद्री बाजें कार्तिक साख स्वाई।
🙏🙏🙏
बहुत खूब
वा भाटी साब वा आपरे मूख में सरसवती बोले हैं
Marvar kahani yo ka ithiyas hai
Thank you sir
अतिसुन्दर विवरण।
अति सुन्दर धन्य धन्य धन्य धन्
बहुत बहुत खुशी की बात, इस वर्ष सूर्य के आगे मंगल होने से जून जुलाई में बारिस कम होगी, रोहिणी ज्यादा तपी नही, कही कही वर्षा होने से भी कही कही अकाल भी पड़ सकता हैं, आप इसी प्रकार के वीडियो भेजा करे
वाह क्या बात है जी मजा आ गया
Wah deep jee ba
दिपसिहंजी जय माताजीरी सा मै पूराराम पुरोहित गाव खिरोङी तहसील सीतलवाणा जिला जालोर मैरै को भी डिगनरसा़ल किताबी खरीदनी है जी
वाह चारन री वातडी वारे चारण वाह जिवता रेजो जुग मे अमर कथा रा वखाण
अति सुन्दर i respect you sir
You are the great
भाटी साब सोढा का इतिहास कि पुस्तक लिखी हूई है क्या
ओपरो मारवाड़ मनसू दुल्यो सा
लोगो ने केता भी समझाओ भले मगर पेसोन ही आपने शरीर री नही लोगो ने जय सारदा
शानदार प्रस्तुति। आज एक बार फिर आपका विडिओ देखा व अपनी जानकारी मे बढोतरी की कोसिस की।
Aasu mas smadri to kati sakh sawai
वाह दीपसिंह जी।
माँ देगराय सदा आपरे सहाय रेवे।
स्वरूप भुआसा की कृपा बनी रहे।।
पशु पक्षियों रा शुगन रे बारे में जानकारी रो विडियो बनाए
बहुत सुंदर
जय हो, , , बहुत ही सुन्दर वृत्तांत, , , , , , , , अभिभूत हुया सा नई जानकारी लेर।।।। आभार आपरो
हम डंक ऋषि की संतान ने हमें अपने पूर्वजों पर बहुत गर्व है 🙏
इस किताब के लिक अमेजॉन पर खुल नहीं रही है
बहुत बढ़िया जानकारी है
डिंगल रसावल ने जय,माताजी री सा
Jay Shri Ram
Hukm thanks
सानदार बारेमासो वा सा वा।
प्रणाम जी डंक भडळी रो साहित्य छप्योङो है कांइ सा
🌈
कवि राज दिपसिहजी खमा घणी जय माताजी रि सा मुकेश सोनी नरता से
ये बात पूर्णतया सत्य है कि आज भी गाँव, ढाणी में बुजुर्गों द्वारा जो भविष्यवाणी की जाती है, वो तो वर्तमान विज्ञान और वैज्ञानिकों को भी चुनौती पेश करती है, कुदरती पहुलओं का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता जे कि हमारे पुरखों,बुढियो के द्वारा जो अनुमान लगाया जाता है वो आज किसी चमत्कार से कम नही, आज की हकीकत है हमें बुजुर्गों के पास बैठेने का समय नही तो आगे की बाते तो बेमानी हो जाती है,हमें इस धरोहर के ज्ञान को समझने का प्रयास जरूर करना चाहिए ।।👌👌💐💐
10:36 10:37 10:37 10:37 10:41 10:41 10:41 10:44 10:44 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
जय हो जय हो सुन्दर बहुत ही सुन्दर रचनाओं को सुनकर मन प्रसन्न हो गया है सर जी ।
Wah hkm bahoot khoob
Jay mata ji ri hukm dip ji ba
सर जी आप को मेरी तरफ सु कोटि कोटि प्रणाम ✌👍🌹🌹🙏
आप री बात सही है हुक्म
डंक भड़ली समेत बारिश की भविष्यवाणी वाली किताबें कहा कैसे मिल सकती हैं
हुकुम मनै भी इतिहासकारी बातोपोश घणी प्यारी लागे सा। ओर हमे वही बातपोश चौखी लगती है जो पुरखो से मुखजुबानी सुनने को मिले।
🚩जय माता जीरी सा 🚩जय क्षत्रिय धर्म
धन्य है अदरणीय भाटी श्री दीपसिंहजी पूर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत करवाने पर मै कुम्भा रूपाणी आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ 💐💐🙏🙏
@@dingalrasawal हुक्म
धन्य हो आदरणीय श्री दीपसिंह जी भाटी साहब आपने पुर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत कराया मैं प्रमेश कुमार चवदहीया बायतु
@@dingalrasawal इस लिंक पर कुछ भी नहीं बता रहा है
शानदार हुकम,,,
@@dingalrasawal ,,, आभार हुकम।
पोथी मिल गई सा,,, धन्यवाद।
राम राम सा
जै माता जी री
हमें किताब भैजो
9460221222 पर कॉल करें सा
आपको तो कोई जवाब नही है
Ati sundar hukm
💅जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 💅
💅अतिउतम बातबखांणी सुगन तो सोळेआना सही ढुके सा इमे कोई फरखनी।।
💅दो आखर नजर भूलचूक माफकरे सा💅
!चेत मास सुखल पख दस दिन भीज लुकोई रख, आठम निम निरत कर जौय जांबरसे वा दुरभक होय।।जेठ बीती पूनंम पङवा जैइन्दर धरहरे असाड सांवण काड कोरो भादूङे बिरखा करे 💅जयदयाल रतनू घोङारण 💅
Bahut Aacha kavita or duhha de Aapne varsha ki varta Kahi hai Hkm,
सण तगी तुंसड़ तोंतो बावळिये सर भार
डंक कहे सुण भडळी ए तीने काळ रा पार
जय हो सा
Yh book barmer me mil skti hai kya milti hai to address btao
I like so sweet ❤️ Dingal Rasawal👋👋🌧️🐦👌👌😷🙏
जय आईजी री सा
👌👌👌👌
धन्य हो दिपसिह जी सा मेंने पहले टुटे फुटे दोहे याद थे लेकिन आप ने आज उजाला कर दिया ह्रदय में अब लिख लुंगा सा मेरे पास राजस्थानी कहावत में वर्षा री डॉ विक्रम सिंह राठौड़ री किताब है सा
PDF बनाकर भेजो सा
डक भङली के दोहो का कोई पुस्तक है यदि है तो तो प्रकाशक नाम बताने कि क्रपा करे धन्यवाद
जी हुकुम। संपर्क करें 9460221222
दुर्जन की कृपा बुरी भली सजन की त्रास
सूरज जद गर्मी करे तो मेह बरसन की आस
Wah saa wah, rajasthani sahityekar tao ab fingure tips par hi honge.
तीन दिन रे पक ओर 7 दिन महीने सू कैसे थोड़ा बताना हुक्म
Jay ho
गजब का सन्देश, आप को बधाई 🙏
वाह साहब वाह दिल खुश हो गया
यही है हमारी सभ्यता, संस्कृति और विरासत
वाह बरसात रा जोर शुगन बताया हो ऐ शुगन देख जमाने और काल रा ठा पेल काढ सकेई मीनख
डिंगल रशावल कहा मिलेगी
काती रा कस वापस समझाओ
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Right Saab 1kg ghee one time Mai koi 100 bar jeem gayo 1974 my birth year 6fit 4 Inch height 92 kg weight aaj bhi 0.5 kg ghee jeem saku koi har Jeet kare to
👌👌👌
तीतर पंखी बादली विधवा काजल रेख
आ बरसे ऊवा घर करे जिन में मीन न मेख
रोयण पते न तावङे मघा न वाजे वाव मत बान्धो सायबा झुपङी रे वो बङले री साख
Jordar deepji
🙏जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 🙏
🙏अतिउतम सा ऐसुगन कदे चूके नी सा🙏
!सूरज बारकर कुडाळो, चाँद बारकर होय।
!डंक कहे बडळी, डेरियां पाणि जोय।।
!!मागमास गरबवास। फागणमे फागबाजे।
!चैत्रमास भीजलुकोवे। धुरबेसांगा केशवधोवे।
!जेठमास जायतपँनतो।नीरुके जळबरसंनतो।
🙏जयश्री अरज भूलचूक माफ करज्यौसा🙏
💅💅जयदयाल दान रतनू घोङारण 🙏🙏
सन् अठोतर री साखी हो तो भेजना सा
😅😮y❤
3a
आज रे भागदौड़ ओर थोथे जमाने मे इण सुगना रो घणो महत्व है पण सुगनीया रो तोटो आई गयो है
Ye book kha se milegi sir
ए बातां सांमी लायनै आप मैताऊ काम कर रैया होकम
Ap enne. KALAM BANDHKaravo .ma mardhora. Moti Bikhariyo Padiya hai.Ap bhela karne Ta BB rone Hupo.
70 Salosu Chadyantarkariyo Sab Kuas Mitava ro Abhiyan Chalayodo ho.Pan Ma marudhara apro Bij ni gavave.Ap jaida guni jarur bhejela.
H.S.CHAMPAWAT.
SINLI.
इंदौ की उत्पत्ति कहां से हुई एक बार वीडियो में जरूर बताएं
उत्पत्ति का पता नहीं।पर इंडिया नाम इन्दों से पड़ा है।इन्दा सरदार भेड़े चराने महाराष्ट्र बोर्डर पर गए ।वंहा वास्कोडी गामा समुन्द्र रास्ते से आया तो भारत की धरती पर रखते ही देश का नाम पूछा इन्दों ने देखा हमारी जाति पूछ रहे है।उन्होंने ने सबने एक एक कर इन्दा कहा।वास्कोडि गामा ने इंडिया नाम दे दिया
🌎💫🤲🤲🤲🔥♥️♥️♥️🤘✌️
आपरी बात साव साची है के इण वाईयौं अर सुगनों रे मुजब बुढ़िया बडेरा आवण आळे जमाने रा भा बांधता जको 100% साच निकळतो । इण भांत वि.स. 2076 में आवण आळे जमाने रे विगत मैं वैशाख री चादणी आठ्म ने एक कविता लिखी थी जिणरो परिणाम 99% म्हारे शिव पड़गने में रहयो तो ...........
समत् 2076 वैशाख शुक्ल , अष्टमी ने सोमवार ।
पश्चिम दिशा री बादळी , बरसी मुसलधार ।।
क्रगत में आश्लेच बरसियो , बंधी जमाने री आस ।
धोरों में धान मोकळो होसी , गायों ने घणी घास ।।
छः ओना तील होसी , बारह ओना बाजरो ।
ईतरी तो आस हैं , पसे मिळसी आपो आपरे भागरो ।।
मुंगो में मोळ रहसी , मोठ होसी अत्ति जोर ।
ग्वार री गत्ती मोळी रहसे , भादरवे गाजसी घणी घोर ।।
भेड़ बकरीयों रे हो जासी , होळी लग रो चारो ।
जमानों तो जबरो आसी , हणों गायों नें मती भुखों मारो ।।
आगम री गत किण नी जाणी , सुरता करो विचार ।
सियोतरे रे साल री साखी , लिखी कवि प्रेम सुथार ।। 🙏🙏 इण कविता में म्हारे खास मकसद ओ हो के लोग काळ रे भै सुं ओईणी गांयो अर बळधों ने चारों नी नोंख भुख नी मारे । पण मातेश्वरी रे आशिर्वाद सुं बात साची वैगी ।
आदरा भारै खादरा,पचनरबसु च्यारूं दिसू