कवियों को पारिश्रमिक क्या मिलता था अब तक मुझे नही पता था मुझे लगता था कि हर प्रोग्राम में से एक अच्छी हिस्सेदारी होती होगी लेकिन अब सच्चाई जानकर दुख हो रहा है । कल मैंने सूरश्याम जी और आज राम नरेश जी की शिक्षा जानकर यह सोच रहा हूं कि उस समय इन लोंगो को सरकारी नौकरी मिल गई होती और आज पेंशन मिलती ,लेकिन इन लोंगो ने बिरहा चुना । इन्होने बताया की जयमाला की बिरहा लिखा है , तो जयमाला की पंचायत, नाम से एक बिरहा परशुराम जी ने गाया है जो की यूट्यूब पर उपलब्ध है समय मिले तो एक बार अवश्य सुनिएगा
Bahut badhai ho Shadar prnam kvijeeko
Jpkvi
अति सुंदर भइया राम जी
बहुत सुंदर भैया जी, आप महानुभाव द्वय को सादर प्रणाम
Pranam kavi ji koti koti naman aap ka nam desh men bahut uncha hai bhaiya kuber pal singar mau
Very good interview.
Ram ji Bhai aapne kuch hi samay pahale kashi nath pasi ka interview liya tha aur ab pata chala ki unki mrityu ho gayi
भाई काशी पासी गुजर भी गये उनका इंटरव्यू है
Good
सादर प्रणाम! चाचा जी...
आपका राकेश यादव,मैं आपसे मिलने जरूर बनारसआऊंगा।
@@rakeshyadavsocialeducation1353 स्वागत है
कवियों को पारिश्रमिक क्या मिलता था अब तक मुझे नही पता था मुझे लगता था कि हर प्रोग्राम में से एक अच्छी हिस्सेदारी होती होगी लेकिन अब सच्चाई जानकर दुख हो रहा है ।
कल मैंने सूरश्याम जी और आज राम नरेश जी की शिक्षा जानकर यह सोच रहा हूं कि उस समय इन लोंगो को सरकारी नौकरी मिल गई होती और आज पेंशन मिलती ,लेकिन इन लोंगो ने बिरहा चुना ।
इन्होने बताया की जयमाला की बिरहा लिखा है , तो जयमाला की पंचायत, नाम से एक बिरहा परशुराम जी ने गाया है जो की यूट्यूब पर उपलब्ध है समय मिले तो एक बार अवश्य सुनिएगा
Ramavdh kavi ji Jaunpur ke
रामजी अंकल नसुडी यादव के परिवार का भी इंटरव्यू लीजिए