वेणु गीत || Venu Geet || Dr Shyamsundar Parashar ji Maharaj || Bhagwat Kalpadrum

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 ม.ค. 2019
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    वेणु गीत Venu Geet || Dr Shyamsundar Parashar ji Maharaj || Bhagwat Kalpadrum
    हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
    ▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬
    परम पूज्य डॉ श्यामसुंदर पाराशर जी के श्री मुख से
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ความคิดเห็น • 78

  • @manojbhandari9544
    @manojbhandari9544 3 ปีที่แล้ว +4

    किमिदं सुस्वादुतरं प्रगीतमेतद्गीतमाचार्यैः । बहुवारमास्वादयताऽपि मया नाद्य यावद् विश्रामो व्यधायि । वर्धन्तामाचार्याः 🌸🙏
    आचार्य - मनोजः , नेपालराष्ट्रात् ❤️

    • @NagendrahSNK
      @NagendrahSNK 2 ปีที่แล้ว

      आम्
      मुहुर्मुहुः श्रृणोमि।

  • @ramjha1594
    @ramjha1594 4 ปีที่แล้ว +14

    परम आदरणीय परम पूजनीय श्री श्यामसुंदर पाराशर जी आप जी के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम करते हैं आप जी की तो उत्पत्ति नारायण जी ने इसलिए ही करी है आप भारतवर्ष में एवं पूरे विश्व में नारायण का गुणगान करते रहें अनेकों पापियों को पाप से मुक्त करते रहें ऐसा नारायण का आपके लिए आदेश है मैं आपके बारे में ज्यादा क्या बोल सकता हूं बस जितनी समझ है उतना ही प्रार्थना कर सकता हूं बस मेरा यही प्रार्थना है आप जी दीर्घकाल तक भारतवर्ष को एवं पूरे विश्व को अधर्म के कुंभी नरक से निकालते रहें और सद्गति प्रदान करते हैं यही आपसे प्रार्थना है जय श्री राम

  • @ShriHaridas-yz1it
    @ShriHaridas-yz1it 3 วันที่ผ่านมา +1

    Shri haridas shri radhey thankyou for uploading

  • @Krishna.1987.
    @Krishna.1987. 2 หลายเดือนก่อน

    हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏🙏🙏🙏

  • @dipakdalal7411
    @dipakdalal7411 10 หลายเดือนก่อน +1

    जय श्रीकृष्ण। प्रभु आपको स्वस्थ, सुरक्षित रखे। आप इसी ही प्रकार श्री जी के गुण गान करते हुए हमे लाभान्वित करे। जुग जुग जियो।

  • @user-by6vw1xk6n
    @user-by6vw1xk6n 2 ปีที่แล้ว +3

    श्रीशुकदेव जी महाराज ने सुन्दर ग्रीष्म ऋतू का वर्णन किया हैं, इसके बाद वर्षा ऋतू का वर्णन किया है और फिर वर्षा ऋतू की दिव्यता का अति सुंदर वर्णन किया। वर्षा ऋतू के बाद शरद ऋतू का वर्णन शुकदेव जी महाराज ने किया हैं। और गोपियों ने सुंदर वेणु गीत गया है। जिसके केवल ये ही भाव है की अगर संसार में कोई देखने योग्य हैं तो वे केवल भगवान श्री कृष्ण हैं। अगर आँखे भगवान को छोड़कर और किसी को देखती हैं तो वो आँखे जल जानी चाहिए। गोपियाँ एक क्षण के लिए भी परमात्मा श्री कृष्ण से दूर नही होना चाहती। अपनी पलकों तक को झपकने नहीं देना चाहती। गोपियाँ कह रही हैं भगवान के अवतार लेने से चेतन और जड़े सभी उनके रूप रस का माधुर्य का पान कर रहे हैं। ये गऊ, ये वेणु (वंशी), ये नदियां और ये ग्वाल बाल, ये गिरिराज सभी बड़भागी हैं। जिन्हें भगवान का सानिध्य प्राप्त हो रहा हैं।
    श्रीमद भागवत के अन्तर्गत आने वाले गोपियों के पंञ्ञ प्रेम गीत (वेणुगीत, युगल गीत, प्रणय गीत, गोपीगीत और भ्रमर गीत) इनमें से वेणु गीत का वर्णन इस प्रकार है
    श्रीशुक उवाच
    इत्थं शरत्स्वच्छजलं पद्माकरसुगन्धिना। न्यविशद् वायुना वातं सगोगोपालकोऽच्युतः ।। १ ।।
    अर्थ:- श्री शुकदेवजी कहते हैं- परीक्षित ! शरद ऋतू के कारण वह वन बड़ा सुन्दर हो रहा था । जल निर्मल तहु और जलाशयों में खिले हुए कमलों की सुगन्ध से सनकर वायु मन्द-मन्द चल रही थी। भगवान श्री कृष्ण ने गौवों और ग्वाल बालों के साथ उस वन में प्रवेश किया ।।1।।
    कुसुमितवनराजिशुष्मिभृंग- द्विजकुलघुष्टसरःसरिन्महीध्रम् ।। मधुपतिरवगाह्य चारयन् गाः सहपशुपालबलश्चुकूजक वेणुम् ||२||
    अर्थ:- सुन्दर-सुन्दर पुष्पों से परिपूर्ण हरी हरी वृक्ष-पंक्तियों में मतवाले भौरे स्थान-स्थान पर गुनगुना रहे थे जिससे उसके सरोवर, नदियाँ और पर्वत सब के सब गूंजते रहते थे। मधुपति श्री कृष्ण ने बलरामजी और ग्वाल-बालों के साथ उसके भीतर घूंसकर गौवों को चराते हुए अपनी बाँसुरी पर बड़ी मधुर तान छेड़ी ॥2॥
    तद् व्रजस्त्रिय आश्रुत्य वेणुगीतं स्मरोदयम् । काश्चित परोक्षं कृष्णस्य स्वसखीभ्योऽन्ववर्णयन् ॥ ३ ॥
    अर्थ:- श्री कृष्ण की वह बंशीध्वनि भगवान के प्रति प्रेमभाव को उनके मिलन की आकाँक्षा को जगाने वाली थी। ( उसे सुनकर गोपियों का हृदय प्रेम से परिपूर्ण हो गया) वे एकान्त में अपनी सखियों से उनके रूप, गुण और बंशीध्वनि के प्रभाव वर्णन करने लगीं।।3।।
    तद् वर्णयितुमारब्धाः स्मरन्त्यः कृष्णचेष्टितम् । नाशकन् स्मरवेगेन विक्षिप्तमनसो नृप । ॥ ४ ॥
    अर्थः- व्रज की गोपियों ने बंशीध्वनि का माधुर्य आपस में वर्णन करना चाहा तो अवश्य परन्तु वंशी का स्मरण होते ही उन्हें श्रीकृष्ण की मधुर चेष्टाओं की प्रेमपूर्ण चितवन, भौहों के इशारे और मधुर मुस्कान आदि की याद हो आयी। उनकी भगवान से मिलने की आकाँक्षा और भी बढ़ गयी। उनका मन हाथ से निकल गया। वे मन ही मन वहाँ पहुँच गयी, जहाँ श्रीकृष्ण थे। अब उनकी वाणी बोले कैसे ? वे उसके वर्णन में असमर्थ हो गयी ।।4।।
    बर्हापीडं नटवरबपुः कर्णयोः कर्णिकारं
    बिभ्रद् वासः कनककपिशं वैजयन्तीं च मालाम् । रन्ध्रान् वेनोरधरसुधया पूरयन् गोपवृन्दैर्वृन्दारण्यं स्वपदरमणं प्राविशद् गीतकीर्तीः ||५||
    अर्थः- (वे मन-ही-मन देखने लगीं कि) श्रीकृष्ण ग्वालबालोंके साथ वृन्दावनमें प्रवेश कर रहे हैं। उनके सिरपर मयूरपिच्छ है और कानोंपर कनेरके पीले-पीले पुष्प; शरीरपर सुनहला पीताम्बर और गलेमें पाँच प्रकारके सुगन्धित पुष्पोंकी बनी वैजयन्ती माला है। रंगमंचपर अभिनय करते हुए श्रेष्ठ नटका-सा क्या ही सुन्दर वेष है। बाँसुरीके छिद्रोंको वे अपने अधरामृतसे भर रहे हैं। उनके पीछे-पीछे ग्वालबाल उनकी लोकपावन कीर्तिका गान कर रहे हैं। इस प्रकार वैकुण्ठसे भी श्रेष्ठ वह वृन्दावनधाम उनके चरणचिह्नोंसे और भी रमणीय बन गया है।।5।।
    इति वेणुरवं राजन् सर्वभूतमनोहम् ।। श्रुत्वा व्रजस्त्रियः सर्वा वर्णयन्त्योऽभिरेभिरे ||६||
    अर्थ- परीक्षित यह वंशीध्वनि जड़-चेतन समस्त भूतों का मन चुरा लेती है। गोपियों ने उसे सुना और सुनकर उसका वर्णन करने लगीं वर्णन करते-करते वे तन्मय ही गयीं और श्रीकृष्ण को पाकर आलिंगन करने लगीं ।।6।

    • @luckysinha1531
      @luckysinha1531 ปีที่แล้ว

      सुंदर

    • @tarachaudhary8531
      @tarachaudhary8531 8 หลายเดือนก่อน

      Ati sundar aur manbhavan venu geet ko p.p.parashsr ji se sunna hamara saubhagya hai .shat shat naman

  • @dr.shivaniaatreyee9501
    @dr.shivaniaatreyee9501 3 ปีที่แล้ว +9

    प्रणमामि विद्वद्वर्यान् । अतिसुन्दरं वेणुगीतं गीतं भवद्भिः स्वमधुरया गिरा ।
    डा. शिवानी शर्मा, जयन्तनगरम्, हरियाणाराज्यम् ।

  • @babukesarkar9323
    @babukesarkar9323 4 ปีที่แล้ว +15

    हे गुुरुवर्य पिछले १२ सालो से मै आपको निरंतर सुनता हुॅ ! आपके कारण मेरी भागवत मे रुचि बढी आपका भागवत गायन अप्रतिम है आपकी कृपा ऐसे हि बनी रहे !
    धन्यवाद !

  • @choodamanibhattarai1754
    @choodamanibhattarai1754 4 วันที่ผ่านมา

    Shri radheyshyam ji🎉🎉

  • @rohitpunetha923
    @rohitpunetha923 5 ปีที่แล้ว +18

    अक्ष्णवतां फलमिदं न परं विदाम्🙏🙏

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 ปีที่แล้ว +1

    Radhey Radhey.

  • @radhasakhi7371
    @radhasakhi7371 4 ปีที่แล้ว +6

    प्रणाम गुरुजी जये श्री राधे मै नेपाल से हु बिन्द्रांबन अायि थि भाग्बत पढने अापका कथा सुन्नेका मौका अाप का दर्सन का मौका मिला जये हो गुरुदेब🌺🌺🙏🙏🌺🌺

  • @uttrasinghchauhan7645
    @uttrasinghchauhan7645 4 ปีที่แล้ว +3

    Anginat anmol moti jayse venu geet bheeshm stuti gopi geet hum sabki jholi me dal kar apar krapa kee hay guruver apko bahut bahut abhar shut shut naman vandan

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 2 หลายเดือนก่อน

    Ati Sunder
    Radhey Radhey Guruji

  • @sandhyashrivastava2101
    @sandhyashrivastava2101 9 หลายเดือนก่อน

    Koti koti pranam 🙏👌

  • @ritamahajan6258
    @ritamahajan6258 7 หลายเดือนก่อน

    Ati madhur swar alokik geet 👏🌹🙏🌹👏🌹🙏👏

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 4 หลายเดือนก่อน

    Ati Sunder.
    Radhey Radhey Guruji

  • @sadashivtrivedi1035
    @sadashivtrivedi1035 4 ปีที่แล้ว +4

    श्रीराम जय राम जय जय राम

  • @deepakgoswami5132
    @deepakgoswami5132 10 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏 Jay shree Krishna Maharaj ji 🙏🙏

  • @sandhyashrivastava2101
    @sandhyashrivastava2101 9 หลายเดือนก่อน

    Jai jai shree Radhey 🙏👌

  • @shankarathalye6575
    @shankarathalye6575 3 หลายเดือนก่อน

    Jay jay shree Radhe shayam

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 ปีที่แล้ว

    Ati Sunder
    Radhey Radhey Guruji.

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 ปีที่แล้ว

    Ati Sunder.
    Radhey Radhey Guruji.

  • @uttrasinghchauhan7645
    @uttrasinghchauhan7645 4 ปีที่แล้ว +3

    Pujay maharaj shree apki sunder sumadhur gayki man ko mugdh kar lene valee bhut payri avaj apko koti koti naman vandan pranam

  • @deepakkrishnashastri1229
    @deepakkrishnashastri1229 ปีที่แล้ว

    जय केदार

  • @kamleshtiwari6060
    @kamleshtiwari6060 4 ปีที่แล้ว +4

    Jay ho Maharaj ji bahut hi sundar gayan he sun ke man prasann ho jata he...

  • @shantibhatt9803
    @shantibhatt9803 4 ปีที่แล้ว +8

    परम पूज्य श्री महाराज जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏

  • @deepaksharma7940
    @deepaksharma7940 4 ปีที่แล้ว +2

    सरल,,सुखद,,शांतम्

  • @biharvihar5247
    @biharvihar5247 ปีที่แล้ว

    RADHEY Radhey

  • @akmishraaable
    @akmishraaable 10 หลายเดือนก่อน

    जय श्री राधे राधे!🙏🙏

  • @plpros6666
    @plpros6666 4 ปีที่แล้ว +3

    Jai shree krusan🙏🦚👍🏻🌺🦜

  • @girishthakar1561
    @girishthakar1561 ปีที่แล้ว

    नमस्ते भगवन्

  • @uttrasinghchauhan7645
    @uttrasinghchauhan7645 4 ปีที่แล้ว +2

    Pujay maharaj shree apke shree mukh se venoo geet sunkar atyadhik sukh Anand mila apko shut shut naman

  • @user-sl1kb6vd6d
    @user-sl1kb6vd6d 3 ปีที่แล้ว +2

    जय जय श्री राधे

  • @hanumamprasadrathore4376
    @hanumamprasadrathore4376 3 ปีที่แล้ว +1

    धन्यवाद सुन्दर गायकी के लिए

  • @prabalkar3538
    @prabalkar3538 ปีที่แล้ว

    🙏💐💛❤💛🙏🙏🙏

  • @krishnaprasaddas9625
    @krishnaprasaddas9625 3 ปีที่แล้ว +1

    ड़ंड़वत प्रणाम प्रभु जी सुंदर आप की कृपा बनीं रहें यहीं प्रार्थना है हरे कृष्ण

  • @sunainajaguri8395
    @sunainajaguri8395 2 ปีที่แล้ว +1

    बहुत मधुर ।।। सद्गुरु देव जी की जै हो।।।🌹🌹🙏🙏

  • @girishthakar1561
    @girishthakar1561 3 ปีที่แล้ว +2

    जय हो, जयहो, हरे कृष्ण

  • @SHUBHAMPANDEY-lb3sj
    @SHUBHAMPANDEY-lb3sj 5 ปีที่แล้ว +2

    Jay shri radha Krishna Radhey Krishna apko koti koti pranam Guruji

  • @vijaykumarrai5624
    @vijaykumarrai5624 5 ปีที่แล้ว +2

    Jai Shree Krishna Yashoda ke Lal LadooGopal.

  • @uttrasinghchauhan7645
    @uttrasinghchauhan7645 4 ปีที่แล้ว +1

    Param pujay guruver sader naman vandan apki sada hi jai ho maharaj shree 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

  • @user-px5vt1mb7k
    @user-px5vt1mb7k 7 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏

  • @uttrasinghchauhan7645
    @uttrasinghchauhan7645 4 ปีที่แล้ว +1

    Param pujay guruver apko sader charan sparsh 🙏💐💐💐💐💐💐

  • @narendrabhatt8179
    @narendrabhatt8179 4 ปีที่แล้ว +3

    Namo brmny devay N V bhatt vsw

  • @Kelkarancient
    @Kelkarancient 3 ปีที่แล้ว

    Hare Krishna dandavat pranam prabhu

  • @harimohanshukla7013
    @harimohanshukla7013 2 ปีที่แล้ว

    Jai shri ram kai radhe Radhe krishna

  • @anilkumarchaturvedi7920
    @anilkumarchaturvedi7920 2 ปีที่แล้ว

    Ati uttam sresthhatam vah anandmay

  • @rameshbhatt2551
    @rameshbhatt2551 3 ปีที่แล้ว

    Wa bhaut khub ११ matra me जय हो 🕉🙏

  • @vineetmaheshwari3685
    @vineetmaheshwari3685 3 ปีที่แล้ว

    Jai Shri Krishan Ji ATI sundar

  • @shobhitagrawal2663
    @shobhitagrawal2663 2 ปีที่แล้ว +1

    युगलाष्टकम संस्कृत में सुनने की आशा कृपा करें

  • @durgadevidahal771
    @durgadevidahal771 3 ปีที่แล้ว

    Jay shree krisna gurudev

  • @rjsaad9796
    @rjsaad9796 5 ปีที่แล้ว +2

    श्री राधे

  • @saritavyas7079
    @saritavyas7079 3 ปีที่แล้ว

    Bahut time se aapke Mukharavind se katha sanskrit bajen aur rag raginiyo ko sunti rehti huaapki vani ka sabse bada aakershen shudh uchcharan madhur kanthaur vished gyan and classical based hona h aapse sakshat milne ki aur sunne ki anhilasha h me jaipur me rehti hu u tube pr khatu shyam ki katha in dino sun rehi hu maalu ji ki ati sunder h aapko shat2 naman

  • @ranjubehera8860
    @ranjubehera8860 2 ปีที่แล้ว

    Guru ji app ko koti koti pranam...🙏

  • @ranjantiwari2543
    @ranjantiwari2543 3 ปีที่แล้ว +2

    गुरु जी ! प्रणाम ! युगलगीत को भी श्रृंगारित करिये प्रभो!

  • @abhisheksharma6798
    @abhisheksharma6798 4 ปีที่แล้ว +4

    महाराज जी आप रूकमणी माता द्वारा लिखा हुआ पत्र का गान अपने सु मधुर कन्ठ से करो गे तो हमारे जेसे दास को श्रवण करने का अवसर प्राप्त होगा 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @madhavsharan-madhavprasada1731
    @madhavsharan-madhavprasada1731 3 ปีที่แล้ว

    Jay radhe shyam:madhav sharan

  • @Kelkarancient
    @Kelkarancient 3 ปีที่แล้ว

    Hare krishna

  • @vivikkumar725
    @vivikkumar725 ปีที่แล้ว

    💐💙👏💛💐

  • @hiteshsharma485
    @hiteshsharma485 3 ปีที่แล้ว

    Om

  • @sanskritpathshalabyupendra118
    @sanskritpathshalabyupendra118 3 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @mayankacharya7505
    @mayankacharya7505 ปีที่แล้ว +1

    🙏Jayshrikrishana excellent Sanskrit pronunciations and i am keenly interested to follow Gopi Geet and Venu Geet from your utube presentation great to hear you🙏

  • @nandinigandhi9457
    @nandinigandhi9457 11 หลายเดือนก่อน

    दंडवत प्रणाम जे जे ।। आपका गाया हुआ मधुर गीत " प्रणय गीत " मुझे यु-टयूब पर मील नहीं रहा । क्षमा करिए मैं आपको हेरान करती हूं । परंतु " रास पंचाध्यायी " के सब श्लोक आपके गाए हुए सुनने से कहीं खो जाते है। आप कृपा कर पांचो एकसाथ
    यु - ट्यूब पर डाल दिजिए । मैं एकसाथसब सुनती रहुं ।

  • @prashantramraojoshi5628
    @prashantramraojoshi5628 11 หลายเดือนก่อน

    गुरुदेव,कोनसे राग मे है

  • @ssgoswamibikaner9862
    @ssgoswamibikaner9862 ปีที่แล้ว

    स्वर मे थोडी कर्कशा है स्वर का उठान माधुर्य की चेष्टा अपेक्षाकृत और सुन्दर बनायेगी राधा राधा

    • @ssgoswamibikaner9862
      @ssgoswamibikaner9862 ปีที่แล้ว

      इसे अन्यथा न समझना दादा गीत का काव्यसौन्दर्य माधुर्य अनोखा है ही आपका इसका प्रयास किया स्तुत्य है ही राधा राधा

  • @shrisiyavallabhharshanpeeth
    @shrisiyavallabhharshanpeeth 11 หลายเดือนก่อน

    Pl0p

  • @harshjadhav7958
    @harshjadhav7958 ปีที่แล้ว

    गलत शुरुवात की हैं
    शुरुवात यहा से शुरु होती हैं
    शुक उवाच -
    ( अनुष्टुप् )
    इत्थं शरत् स्वच्छजलं पद्माकरसुगन्धिना ।
    न्यविशद् वायुना वातं स गोगोपालकोऽच्युतः ॥ १ ॥
    ( पुष्पिताग्रा )
    कुसुमितवनराजिशुष्मिभृङ्‌ग
    द्विजकुलघुष्टसरःसरिन्महीध्रम् ।
    मधुपतिरवगाह्य चारयन् गाः
    सहपशुपालबलश्चुकूज वेणुम् ॥ २ ॥
    ( अनुष्टुप् )
    तद् व्रजस्त्रिय आश्रुत्य वेणुगीतं स्मरोदयम् ।
    काश्चित् परोक्षं कृष्णस्य स्वसखीभ्योऽन्ववर्णयन् ॥ ३ ॥
    तद् वर्णयितुमारब्धाः स्मरन्त्यः कृष्णचेष्टितम् ।
    नाशकन् स्मरवेगेन विक्षिप्तमनसो नृप ॥ ४ ॥
    ( मंदाक्रांता )
    बर्हापीडं नटवरवपुः कर्णयोः कर्णिकारं
    बिभ्रद् वासः कनककपिशं वैजयन्तीं च मालाम् ।
    रन्ध्रान् वेणोरधरसुधयापूरयन् गोपवृन्दै-
    र्वृन्दारण्यं स्वपदरमणं प्राविशद् गीतकीर्तिः ॥ ५ ॥
    ( अनुष्टुप् )
    इति वेणुरवं राजन् सर्वभूतमनोहरम् ।
    श्रुत्वा व्रजस्त्रियः सर्वा वर्णयन्त्योऽभिरेभिरे ॥ ६ ॥
    गोप्य ऊचुः -
    ( वसंततिलका )
    अक्षण्वतां फलमिदं न परं विदामः
    सख्यः पशूननु विवेशयतोर्वयस्यैः ।
    वक्त्रं व्रजेशसुतयोरनवेणुजुष्टं
    यैर्वा निपीतमनुरक्तकटाक्षमोक्षम् ॥ ७ ॥
    चूतप्रवालबर्हस्तबकोत्पलाब्ज-
    मालानुपृक्तपरिधानविचित्रवेषौ ।
    मध्ये विरेजतुरलं पशुपालगोष्ठ्यां
    रङ्‌गे यथा नटवरौ क्व च गायमानौ ॥ ८ ॥
    गोप्यः किमाचरदयं कुशलं स्म वेणु-
    र्दामोदराधरसुधामपि गोपिकानाम् ।
    भुङ्‌क्ते स्वयं यदवशिष्टरसं हृदिन्यो
    हृष्यत्त्वचोऽश्रु मुमुचुस्तरवो यथाऽऽर्याः ॥ ९ ॥
    वृन्दावनं सखि भुवो वितनोति कीर्तिं
    यद् देवकीसुतपदाम्बुजलब्धलक्ष्मि ।
    गोविन्दवेणुमनु मत्तमयूरनृत्यं
    प्रेक्ष्याद्रिसान्ववरतान्यसमस्तसत्त्वम् ॥ १० ॥
    धन्याः स्म मूढमतयोऽपि हरिण्य एता
    या नन्दनन्दनमुपात्त विचित्रवेशम् ।
    आकर्ण्य वेणुरणितं सहकृष्णसाराः
    पूजां दधुर्विरचितां प्रणयावलोकैः ॥ ११ ॥
    कृष्णं निरीक्ष्य वनितोत्सवरूपशीलं
    श्रुत्वा च तत्क्वणितवेणुविविक्तगीतम् ।
    देव्यो विमानगतयः स्मरनुन्नसारा
    भ्रश्यत्प्रसूनकबरा मुमुहुर्विनीव्यः ॥ १२ ॥
    गावश्च कृष्णमुखनिर्गतवेणुगीत-
    पीयूषमुत्तभितकर्णपुटैः पिबन्त्यः ।
    शावाः स्नुतस्तनपयःकवलाः स्म तस्थु-
    र्गोविन्दमात्मनि दृशाश्रुकलाः स्पृशन्त्यः ॥ १३ ॥
    प्रायो बताम्ब विहगा मुनयो वनेऽस्मिन्
    कृष्णेक्षितं तदुदितं कलवेणुगीतम् ।
    आरुह्य ये द्रुमभुजान् रुचिरप्रवालान्
    शृण्वत्यमीलितदृशो विगतान्यवाचः ॥ १४ ॥
    नद्यस्तदा तदुपधार्य मुकुन्दगीत-
    मावर्तलक्षित मनोभवभग्नवेगाः ।
    आलिङ्‌गनस्थगितमूर्मिभुजैर्मुरारे-
    र्गृह्णन्ति पादयुगलं कमलोपहाराः ॥ १५ ॥
    दृष्ट्‍वाऽऽतपे व्रजपशून् सह रामगोपैः
    सञ्चारयन्तमनु वेणुमुदीरयन्तम् ।
    प्रेमप्रवृद्ध उदितः कुसुमावलीभिः
    सख्युर्व्यधात् स्ववपुषाम्बुद आतपत्रम् ॥ १६ ॥
    पूर्णाः पुलिन्द्य उरुगायपदाब्जराग-
    श्रीकुङ्‌कुमेन दयितास्तनमण्डितेन ।
    तद्दर्शनस्मररुजस्तृणरूषितेन
    लिम्पन्त्य आननकुचेषु जहुस्तदाधिम् ॥ १७ ॥
    हन्तायमद्रिरबला हरिदासवर्यो
    यद् रामकृष्णचरणस्पर्शप्रमोदः ।
    मानं तनोति सहगोगणयोस्तयोर्यत्
    पानीयसूयवसकन्दरकन्दमूलैः ॥ १८ ॥
    गा गोपकैरनुवनं नयतोरुदार-
    वेणुस्वनैः कलपदैस्तनुभृत्सु सख्यः ।
    अस्पन्दनं गतिमतां पुलकस्तरुणां
    निर्योगपाशकृतलक्षणयोर्विचित्रम् ॥ १९ ॥
    ( अनुष्टुप् )
    एवंविधा भगवतो या वृन्दावनचारिणः ।
    वर्णयन्त्यो मिथो गोप्यः क्रीडास्तन्मयतां ययुः ॥ २० ॥
    इति श्रीमद्‍भागवते महापुराणे पारमहंस्यां
    संहितायां दशमस्कन्धे पूर्वार्धे एकविंशोऽध्यायः ॥ २१ ॥
    हरिः ॐ तत्सत् श्रीकृष्णार्पणमस्तु ॥

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 7 หลายเดือนก่อน

    Ati Sunder.
    Radhey Radhey Guruji

  • @jatinpatel5841
    @jatinpatel5841 ปีที่แล้ว

    Radhey Radhey.