MERE GURU JAMBHESWAR MAHAN
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ต.ค. 2024
- ||Mere Guru Jambheswar Mahan||
Some Information about
||JAMBHESWAR Bhagwan||
गुरू श्री जम्भेश्वर बिश्नोई पंथ के संस्थापक थे। वे जाम्भोजी के नाम से भी जाने जाते है। इन्होंने विक्रमी संवत् 1542 सन 1485 मे बिश्नोई पंथ की स्थापना की। 'हरि' नाम का वाचन किया करते थे। हरि भगवान विष्णु का एक नाम हैं। बिश्नोई शब्द मूल रूप से निकला है, जिसका अर्थ है '29 नियमों का पालन करने वाला'। गुरु जम्भेश्वर का मानना था कि भगवान सर्वत्र है। वे हमेशा पेड़ पौधों वन एवं वन्यजीवों सभी जानवरों और पृथ्वी पर चराचर सभी जीव जंतुओं की रक्षा करने का संदेश देते थे। इन्होंंनेे स्त्री पुरुष में भेदभाव,जीव दया पालनी रूख लीलो नहीं घावे''को जीवों कि हत्या पेड़ पौधों की कटाई ,नशे पत्ते जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर किया एवं स्वच्छता को बढ़ावा दिया करते थे। हरे वृक्षों को काटने एवं चराचर जगत के जीव जन्तु किट पतंगें सभी जीवों कि हत्या को पाप मानते थें। शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करने कि बात समझाते थें।
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Jai guru maharaj ❤
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