लीलाधर जगूड़ी, प्रख्यात कवि और साहित्यकार; साहित्य-यात्रा

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 26 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 11

  • @dhirendrasinghchauhan123
    @dhirendrasinghchauhan123 2 ปีที่แล้ว

    आदरणीय जगूड़ी जी को प्रणाम।🙏🙏

  • @Superfast-o2z
    @Superfast-o2z 3 ปีที่แล้ว

    🙏🙏🙏

  • @vinodtripathi393
    @vinodtripathi393 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत अच्छा लगा कवि लीलाधर जगूड़ी जी कै सुनकर

  • @artirawatdhumakot1999
    @artirawatdhumakot1999 3 ปีที่แล้ว

    Jay hind 🙏

  • @geetadubey9620
    @geetadubey9620 4 ปีที่แล้ว +1

    बेहद रोचक साक्षात्कार, एक लब्धप्रतिष्ठित कवि को सुनना, उनके जीवन के अलग अलग मोड़ों से गुजरना निस्संदेह एक सुखद अनुभव रहा। साक्षात्कार थोड़ा और लंबा होता तो कविताएं पर और भी गहराई से बात होती। खैर...साक्षात्कारकर्ताद्वय कुसुम नौटियाल एवं विजय गौड़ को बधाई , इस सुंदर साक्षात्कार हेतु।

  • @sridharsemwal7837
    @sridharsemwal7837 3 ปีที่แล้ว

    विद्यार्थी के मामले में मैं आपका छोटा भाई हूँ।

  • @pinkoem
    @pinkoem 9 หลายเดือนก่อน

    इससे खराब कुछ नहीं कि कवि कुछ कहना चाहता हो लेकिन उसे बीच में रोककर नया सवाल दाग दिया जाए वो फिर उसपर कुछ कह रहा हो और फिर उसे रोक दिया जाए। न आपने काव्य पर ढंग से बात की, न व्यक्तिगत जीवन पर, न ही नए संकलन पर तो फिर ऐसा साक्षात्कार करने का फायदा क्या है?

  • @writergeetakhati3824
    @writergeetakhati3824 3 ปีที่แล้ว +1

    Ma vee kavita lakhati hu

  • @mahabeerranwalta2999
    @mahabeerranwalta2999 4 ปีที่แล้ว +1

    पहला कविता संग्रह 'शंखमुखी शिखरों पर' है
    शंखपुष्पी-- नहीं।
    सेम क डांडु आंडु हेर पांडु,आमणी सामणी हिमालय कू डांडु
    यनि जग भगवान तुम लेन्द अवतार
    बचपन में यह गीत मैंने सुना था।

  • @jaimatadi.972
    @jaimatadi.972 4 ปีที่แล้ว

    Nice

  • @sridharsemwal7837
    @sridharsemwal7837 3 ปีที่แล้ว

    लेकिन आप धैर्य शाली नहीं हो।