बेहद रोचक साक्षात्कार, एक लब्धप्रतिष्ठित कवि को सुनना, उनके जीवन के अलग अलग मोड़ों से गुजरना निस्संदेह एक सुखद अनुभव रहा। साक्षात्कार थोड़ा और लंबा होता तो कविताएं पर और भी गहराई से बात होती। खैर...साक्षात्कारकर्ताद्वय कुसुम नौटियाल एवं विजय गौड़ को बधाई , इस सुंदर साक्षात्कार हेतु।
इससे खराब कुछ नहीं कि कवि कुछ कहना चाहता हो लेकिन उसे बीच में रोककर नया सवाल दाग दिया जाए वो फिर उसपर कुछ कह रहा हो और फिर उसे रोक दिया जाए। न आपने काव्य पर ढंग से बात की, न व्यक्तिगत जीवन पर, न ही नए संकलन पर तो फिर ऐसा साक्षात्कार करने का फायदा क्या है?
पहला कविता संग्रह 'शंखमुखी शिखरों पर' है शंखपुष्पी-- नहीं। सेम क डांडु आंडु हेर पांडु,आमणी सामणी हिमालय कू डांडु यनि जग भगवान तुम लेन्द अवतार बचपन में यह गीत मैंने सुना था।
आदरणीय जगूड़ी जी को प्रणाम।🙏🙏
🙏🙏🙏
बहुत अच्छा लगा कवि लीलाधर जगूड़ी जी कै सुनकर
Jay hind 🙏
बेहद रोचक साक्षात्कार, एक लब्धप्रतिष्ठित कवि को सुनना, उनके जीवन के अलग अलग मोड़ों से गुजरना निस्संदेह एक सुखद अनुभव रहा। साक्षात्कार थोड़ा और लंबा होता तो कविताएं पर और भी गहराई से बात होती। खैर...साक्षात्कारकर्ताद्वय कुसुम नौटियाल एवं विजय गौड़ को बधाई , इस सुंदर साक्षात्कार हेतु।
विद्यार्थी के मामले में मैं आपका छोटा भाई हूँ।
इससे खराब कुछ नहीं कि कवि कुछ कहना चाहता हो लेकिन उसे बीच में रोककर नया सवाल दाग दिया जाए वो फिर उसपर कुछ कह रहा हो और फिर उसे रोक दिया जाए। न आपने काव्य पर ढंग से बात की, न व्यक्तिगत जीवन पर, न ही नए संकलन पर तो फिर ऐसा साक्षात्कार करने का फायदा क्या है?
Ma vee kavita lakhati hu
पहला कविता संग्रह 'शंखमुखी शिखरों पर' है
शंखपुष्पी-- नहीं।
सेम क डांडु आंडु हेर पांडु,आमणी सामणी हिमालय कू डांडु
यनि जग भगवान तुम लेन्द अवतार
बचपन में यह गीत मैंने सुना था।
Nice
लेकिन आप धैर्य शाली नहीं हो।