आसन लगाने का अर्थ मात्र बैठना नहीं है।जिस व्यक्ति का आसन लग जाएगा उसके शरीर में लेस मात्र भी कम्पन नहीं रहेगा। जिस व्यक्ति का आसन लग जाएगा उस व्यक्ति के शरीर में किसी भी जगह अत्यंत सटाकर कोई सूई की नोक स्थिर कर दी जाए तो वह सुई जिसका आसन लगा हुआ है नहीं चुभेगी। जिस व्यक्ति का आसन लग जाता है तो उसकी पहचान है कि ऐसे व्यक्ति को भूंख,प्यास, गर्मी, ठंड,दुःख दर्द का बोध समाप्त हो जाता है। इसके अतिरिक्त वाकी क्रियाएं व्यायाम की मुद्राएं हैं। आसन नहीं। आसन वही है जिसमें उक्त विशेषताएं हों।
गुरू जी एक के बाद दूसरा प्राणायाम करे या एक को पूरी तरह करके जब दूसरा प्राणायाम करे अर्थात एक साथ चारो प्राणायाम करते जाये या क्रम से एक एक को करते जाये कृपया करके इस की जानकारी दीजिए
नमस्ते अभिषेक जी , एक काल में एक प्रकार का प्राणायाम ही करते हैं एक साथ चारों नहीं करते। प्रायः बाह्य और अभ्यन्तर प्रायाणाम प्रारंभिक लोगों के लिए कहा जाता है , एक बार आप इन प्रायाणाम में अभ्यस्त और पारंगत हो जाए, संख्या और काल के अनुसार, तो अगले दो करने का प्रयास करें। 🙏
मै आर्ट ऑफ लिविंग से जुडा हु।तो थोडा बहुत जाणता हु।लेकिन वेदो पर आधारित ही सही है।
Aacharya ji om thanks for knowjege
❤🙏 acharya ji
बहुत बहुत धन्यवाद
Best explanation ❤🙏✅
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय सनातन
🙏🙏
Thanks
ऊं नमस्ते आचार्य श्री, हार्दिक साधुवाद
ओऊम जी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ओउम् नमन् आपको
🕉️🙏
Namaste ji
बहुत सुंदर
👍🙏🙏🚩🚩🚩
ऊं नमस्ते जी
Achary ji 4 me se koun sa panayam Kare ye btaiye plz
aapane bola ki pranayam sirf char hote hai to nadi shodhan pranayam ye pranayam hoga ki nahi
जीवन का वास्तविक लक्ष्य प्राप्त कराने में आपका सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं
Om ka jap mann me karenge ya phir bol ke
Bahut hi acche se samjhaya but bahut si cheeze Ni samjh me ayi h
आसन लगाने का अर्थ मात्र बैठना नहीं है।जिस व्यक्ति का आसन लग जाएगा उसके शरीर में लेस मात्र भी कम्पन नहीं रहेगा। जिस व्यक्ति का आसन लग जाएगा उस व्यक्ति के शरीर में किसी भी जगह अत्यंत सटाकर कोई सूई की नोक स्थिर कर दी जाए तो वह सुई जिसका आसन लगा हुआ है नहीं चुभेगी। जिस व्यक्ति का आसन लग जाता है तो उसकी पहचान है कि ऐसे व्यक्ति को भूंख,प्यास, गर्मी, ठंड,दुःख दर्द का बोध समाप्त हो जाता है। इसके अतिरिक्त वाकी क्रियाएं व्यायाम की मुद्राएं हैं। आसन नहीं। आसन वही है जिसमें उक्त विशेषताएं हों।
Sandhya ka matlab sir?
Oum Namaste Ji
Saans rokne ka time'kitni second ?
मूल बंद केसे करें
गुरू जी एक के बाद दूसरा प्राणायाम करे या एक को पूरी तरह करके जब दूसरा प्राणायाम करे अर्थात एक साथ चारो प्राणायाम करते जाये या क्रम से एक एक को करते जाये कृपया करके इस की जानकारी दीजिए
नमस्ते अभिषेक जी , एक काल में एक प्रकार का प्राणायाम ही करते हैं एक साथ चारों नहीं करते। प्रायः बाह्य और अभ्यन्तर प्रायाणाम प्रारंभिक लोगों के लिए कहा जाता है , एक बार आप इन प्रायाणाम में अभ्यस्त और पारंगत हो जाए, संख्या और काल के अनुसार, तो अगले दो करने का प्रयास करें। 🙏
तीसरा प्राणायाम को चौथा बता रहे है || बाह जी बाह?
आप ऐसे बोल रहे है जैसे कि चौथा प्राणायाम बोला ही नही हो । केवल गणना में त्रुटि हुई है । बुद्धिमान व्यक्ति के लिए संकेत ही पर्याप्त है ।