Panch Shabd kya hai ? | Panch Naam Kya Hai ? | What is Five Holy Word ?
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
- Panch Shabd kya hai ? | Panch Naam Kya Hai ? | What is Five Holy Word ?
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5 ruhani mandlo ke Dhani (5 SHABAD)
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SAHAS DAL KAMAL
TRIKUTI (BRAHM LOK)
DASAM DWAR
BAWAR GUFA
SACHKHAND
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in punch lok mai 5 shabad hai
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PURA GURU 5 SHABAD deta hai tab ATMA SACHKHAND ja sakti h
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Nahi to nahi
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TULSI SAHIB JI kehte hai
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घट में बैठे पाँचौ नादा। घट में लागी सहज समाधा॥10
पाँच सब्द का कहौं विधाना। न्यारा न्यारा ठाम ठिकाना ॥ सत्त सब्द सतलोक निवासा। जहँवाँ सत्तपुरुष कर बासा ॥ दूजा सब्द सुन्न के माई। तीजा अच्छर सब्द कहाई ॥ चौथा ओंकार बिधि गाई। पंचम सब्द निरंजन राई |
आप कहते हैं कि इस शरीर में पाँचों शब्द विद्यमान हैं और शरीर में ही सहज समाधि लगाई जा सकती है। तुलसी साहिब इन पाँच शब्दों के
विधान के बारे में बता रहे हैं, जिनका अलग-अलग ठिकाना है। ऊपर से नीचे के क्रम में पहला शब्द 'सत्त' शब्द सतलोक में निवास करता है, जहाँ पर सतपुरुष का वास है। दूसरा शब्द सुन्न में है। तीसरा शब्द अक्षर है जो दसवें द्वार का है। चौथे शब्द को ब्रह्म कहा जाता है। पाँचवाँ शब्द त्रिलोकी के शासक निरंजन का है।
इसे यदि मृत्युलोक से शुरू करते हुए नीचे से ऊपर की ओर के क्रम में देखें तो पहले मंडल में सुरत को जो शब्द सुनाई देता है, उसमें माया की मिलावट होती है। यह मिलावट दूसरे मंडल त्रिकुटी तक है। तीसरे मंडल सुन्न में माया की मिलावट नाममात्र है। चौथे मंडल, महासुन्न को पार करने के बाद सतलोक में पहुँचकर सतशब्द की प्राप्ति होती हैं, जो सतपुरुष का ही रूप है।
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What is the Holyword ?
Naam Bhakti
Sar Shabd
Kabir Sahib
Surat Shabd Yoga
शब्द क्या है
kalma kya hai
नाम क्या है
परमात्मा का शब्द
परमात्मा का नाम
परमात्मा का सच्चा नाम
सार शब्द
सतनाम
Holyword
दो अक्षर का भेद
परमात्मा का शब्द क्या है
Path of shabad
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शब्द की अनेक ध्वनियों में से संत-महात्माओं ने पाँच प्रमुख रूहानी मंडलों में सुनाई देनेवाली पाँच ध्वनियों का अधिक वर्णन किया है और इन्हें पाँच शब्दों का नाम दिया है।
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गुरु नानक साहिब फ़रमाते हैं:
ना मन चलै न पउण उडावै॥ जोगी सबद अनाहद वावै ॥ पंच सबद झुणकार निरालम प्रभ आपे वाए सुणाइआ ॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 1040)
आप कहते हैं कि परमात्मारूपी योगी मन को निश्चल करनेवाली पाँच शब्दों की अद्भुत झंकार पैदा कर रहा है।
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आपने पूरे गुरु की मुख्य पहचान यह बताई है कि वह जीव को शरीररूपी घर के अंदर से ही निज घर पहुँचाने में समर्थ है और इसकी निशानी यह है कि वहाँ पहुँचकर आत्मा को पाँच शब्दों की धुन सुनाई देती है:
घर मह घर देखाए दे सो सतगुर पुरख सुजाण ॥
पंच सबद धुनिकार धुन तह बाजै सबद नीसाण ॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 1291)
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गुरु अमरदास जी फ़रमाते हैं:
सचा अमर सबद सुहाइआ ॥ पंच सबद मिल वाजा वाइआ ॥
सदा कारज सच नाम सुहेला बिन सबदै कारज केहा हे ॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 1057-58)
आप कहते हैं कि परमात्मा का सच्चा हुक्म उसके शब्द द्वारा शोभित होता है। आप संकेत दे रहे हैं कि परमात्मा के हुक्म की पूर्ति का असली साधन उसका शब्द है, जो पाँच ध्वनियों के रूप में जीव के अंदर धुनकारें दे रहा है। इस शब्द से लिव जोड़े बिना, जीव कभी धुरधाम नहीं पहुँच सकता।
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गुरु रामदास जी का कथन है:
प्रभ मसतके धुर लीखिआ गुरमती हर लिव लाइओ॥ पंच सबद दरगह बाजिआ हर मिलिओ मंगल गाइओ ॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 985)
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कबीर साहिब कहते हैं:
पंचे सबद अनाहद बाजे संगे सारिंगपानी ॥
कबीर दास तेरी आरती कीनी निरंकार निरबानी ॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 1350)
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बेणी जी भी इन्हें माया से निर्लेप पाँच शब्द कहते हैं, जिनका स्थूल जगत् से कोई संबंध नहीं:
पंच सबद निरमाइल बाजे ॥ ढुलके चवर संख घन गाजे॥
(आदि ग्रन्थ, पृ. 974)
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हुजूर स्वामी जी महाराज ने भी समझाया है कि हर जीव के अंदर रात-दिन पाँच शब्द बज रहे हैं:
'पाँच शब्द घट में बजें। यह निर्णय कर ले शब्द की ॥
(सारबचन संग्रह, 9:1:12)
आप फ़रमाते हैं:
घर में घर गुरु दिखलावें। धुन शब्द पाँच बतलावें ॥
वह घर है अगम अपारा। दसवें के पार निहारा ॥
(सारबचन संग्रह, 20:10:3-5)
आप भी गुरु साहिब की तरह पूरा गुरु उसी को मानते हैं जो आत्मा को शरीररूपी घर के अंदर से उसके असली घर पहुँचा दे। यह घर दसवें द्वार से परे है और उसमें पाँच शब्द बज रहे हैं।
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भाई गुरदास जी फ़रमाते हैं:
सबद सुरति लिव साध संगि पंच सबद इक सबद मिलाए।
(वारां भाई गुरदास जी, 6:10)
आप कहते हैं कि तत्त्वों की रचना को पार करके पाँच शब्द प्राप्त होते हैं:
'पंजे तत उलंधिआ पंजि सबद वजी वाधाई।'
(वारां भाई गुरदास जी, 29:6)
गुरु का शिष्य गुरु की मति पर चलकर सुरत द्वारा अंतर में ये पाँच शब्द सुनता है।
ये शब्द ही सच्चा गुरु है
'गुरमुखि सुनणा सुरति करि पंच सबदु गुरु सबदि अलापै।'
(वारां भाई गुरदास जी, 6:18)
आप संकेत देते हैं कि पाँच शब्द अखंड हैं।
हर वस्तु का आरंभ इसी शब्द में है, परंतु यह स्वयं आदि और अंत से ऊपर है,
'पंजे सबद अभंग अनहद केलिआ।
(वारां भाई गुरदास जी, 3:16)
आपने यह भी संकेत दिया है कि भिन्न-भिन्न मंडलों में यह पाँच शब्द अलग-अलग सुनाई देते हैं, परंतु गुरुमत पर चलकर अंत में पाँच शब्द एक शब्द में समा जाते हैं अर्थात् पाँचों शब्दों का स्रोत एक ही शब्द यानी परमेश्वर है।
उस परमेश्वर के प्रत्यक्ष होने या उससे मिलाप की पहचान यही है। कि उसमें से पाँचों शब्दों की घनघोर ध्वनि निकलती सुनाई देती है:
पंचाइण परमेसरो पंच सबद घनघोर नीसाणा ।
(वारां भाई गुरदास जी, 7:5)
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ख़्वाजा हाफ़िज़ फ़रमाते हैं:
ख़ामोश होकर, आसमान से आ रही पाँच नौबतों (ध्वनियों) को सुन, उस आसमान से जो छः चक्रों और सातवें आसमान से परे है।
(दीवाने शम्स तब्रेज़, पृ. 138)
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शम्स तब्रेज़ फ़रमाते हैं:
अगर प्रतिदिन मालिक के दर पर पाँच नौबतों की आवाज़ सुन लें, तो हमारे अंदर हौंमैं और ईर्ष्या के लिये कोई स्थान न रहे।
(दीवाने शम्स तब्रेज़, पृ. 405)
आपने भी ख़्वाजा हाफ़िज़ की भाँति संकेत किया है कि ये नौबतें तब सुनाई देती हैं, जब आत्मा का खेमा छः चक्रों से उखाड़कर सातवें आसमान पर ले जाया जाये।
(दीवाने शम्स तब्रेज़, पृ. 966)
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बाइबल में आता है:
परमात्मा की दरगाह में पाँच वृक्ष हैं, उन वृक्षों का जानकार प्राणी सदा के लिये अमर हो जाता है।
(The Gospel according to Thomas, 84:22-25)
यहाँ सांकेतिक भाषा में पाँचों शब्दों का वर्णन किया गया है, जिनसे लिव जोड़ने पर आत्मा परमात्मा से मिलाप करके अमरपद को प्राप्त कर लेती है।
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@@SahibbandgiSatnam8827 anhad naad aur shabad ek hi hai koi fark nhi hai apko samjne mai confusion hai...
तुलसी साहेब हाथ रस वाले ने कहा है पांचों नाम काल के जानो
रामपाल को संतमत की A B C बी नहीं पता ।
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मूर्ख वह पांच नाम यह है
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सत्त पुरुष सत नाम कहाई। वह अनाम गति संतन पाई॥
सत्त नाम से निर्गुन आया। यह सब भेद संत बतलाया ॥
पाँच नाम निरगुन के जाना। निरगुन निराकार निरबाना ॥
और निरंजन है धर्मराई। ऐसे पाँच नाम गति गाई ॥
सोई ब्रह्म परचंड कहाई। ता को जपै जगत मन लाई ॥
दस औतार ब्रह्म कर होई। ता को कहिये निरगुन सोई॥
तिन पुनि रचा पिंड ब्रह्मंडा। सात दीप पृथ्वी नौ खंडा ॥
सब जग ब्रह्म ब्रह्म करि गाई। आदि अन्त की राह न पाई ॥
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1 .निरगुन
2. निराकार
3. निरबाना
4. निरंजन
5. धर्मराई
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सतनाम या सतपुरुष में से जोत निरंजन यानी निर्गुण उत्पन्न हुआ, जिसे काल, निराकार, धर्मराज या ब्रह्म भी कहा जाता है। पिंड, ब्रह्मांड,
सातदीप, नौ खंड, तीन देवता तथा दस अवतार ये सब उसकी रचना हैं। दुनिया के सभी लोग उनकी पूजा- भक्ति में लगे हुए हैं। सतलोक के स्वामी सतपुरुष या सतनाम की भक्ति की ओर किसी का ध्यान ही नहीं है। उसका भेद केवल पूर्ण संतों ने ही खोला है।
तुलसी साहिब की वाणी में सतलोक से नीचे की रचना को तीन भागों में विभाजित किया गया है: पिंड, अंड और ब्रह्मांड। पिंड के छः चक्र हैं- गुदाचक्र, इंद्रियचक्र, नाभिचक्र, हृदयचक्र, कंठचक्र और आँखों से ऊपर आज्ञाचक्र यानी तीसरा तिल आँखों से ऊपर सहस्रदल कमल तक की रचना को अंड कहा गया है। इससे ऊपर त्रिकुटी और पारब्रह्म या सुन्न तक की रचना को ब्रह्मांड कहा गया है। पारब्रह्म में शब्द प्रधान है और माया का प्रभाव न के बराबर है, परंतु यह लोक भी नाशवान है।
ब्रह्मांड तक की रचना कृत्रिम है। सतलोक अकृत्रिम है, स्वयं सृजित है। ब्रह्मांड तक की रचना जन्म-मरण के चक्र में है।
ओअं सब्द काल को जानो। सुन्न में सब्द पुरुष पहिचानो ॥ -
त्रिकुटी या ब्रह्म मंडल तक का शब्द ओंकार कहलाता है और यह काल की सीमा में है। सतलोक या चौथा पद अमर-अविनाशी है।
तुलसी साहिब समझाते हैं: सुन्न नाश होकर महासुन में समाता है।
महासुन्न नाश होकर सतलोक में, जहाँ सत साहिब रहता है।
यहाँ प्रलय और महाप्रलय की गम्यता नहीं।"
सतलोक परमपुरुष का निज धाम है। नीचे की रचना का हिस्सा बनने से पहले सब जीव सतलोक के निवासी थे, इसलिये उनका निज धाम भी सतलोक ही है।
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@@monikadevi3293 aap nhi pehchan kar sakte koi bhi nhi kr sakta kyu ki studen teacher ke Gyan ko nhi samjsakta ....aapke hath mai sirf ache karm hai
@pathofshabad
Aap bata sakte hai ki yh Jo apne bataya ha iska source kaha ha konsi book mai
Aur kripya kar ke baki k bare m b btaiye apne sirf phly 2 ka hi vivran Kiya ha apni baat puri kahiye
🙏Dhan Dhan Satguru ravidas Maharaj ji ❤❤❤❤❤❤❤❤
Radha Soami Ji Mere Pyare Satguru Ji🙏🙏
Jai guru dev ji, Dhan dhan Satguru Swami Sant Niranjan Dass Maharaj ji ki jai.
Dhan dhan satguru Jagatguru Ravidaas Ji Maharaj ki Jai ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Radha soami ji. Shukar a mere pyare satguru ji. Aap ji d sari sangat bahut lucky hai jo aap mile
ਸੰਤ ਰਵਿਦਾਸ ਜੀ ਦਾ ਨਾਮ ਲੈਂਦਿਆਂ ਸ਼ਰਮ ਕਿਉਂ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਸੰਤ ਕਬੀਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਨਾਮ ਲਿਆ ਬਾਬਾ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਨਾਮ ਲਿਆ
Bina soche samje kuch ni bolna chahiye apko
Jeh video dekho dyan se
th-cam.com/video/a8B70yOZqVM/w-d-xo.html
Fir bolo jo bolna hai
Radha soami ji 🙏🙏shukar hai mere satguru beas wale ji 🙏🙏
Jay gurudev naam prabhu ka..🙏
❤❤ਪੰਚ ਸਬਦ ਮੈਂ ਨਾਂਮ ਅਧਾਰ ❤❤ ਰਾਧਾ ਸੁਆਮੀ ਜੀ 🙏🙏♥️🙏🙏 ਜੈ ਗੁਰੂਦੇਵ ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਰਵਿਦਾਸ ਮਹਾਰਾਜ ਜੀ 🙏🙏♥️🙏🙏 ਜੀ,ਨ,ਉ,ਰਾਜ,ਸੌ,ਸ
ਸਤਿਨਾਮੁ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ...
Jay Gurudev
Jai satguru sahib ki 🙏
धन धन सतगुरु जी नमः महाराज जी आपका हाथ सिर पर रहे जी आपकी दया दृष्टि में सदा बनाए रखना चाहिए ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ धन धन सतगुरु श्री बलजीत सिंह जी महाराज जी ❤❤❤❤❤❤
Radhaswami Maharaj ji 🙏🙏🙏 Radhaswami to all 🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤👑 मन चंगा तो कठौती में गंगा 👑❤❤🌟🌟🌟🚩🚩🚩👍🌹🌹🌹
Dhan Guru Darshan ji
Radha somai Baba g 🙏🙏❤
बहोत बहोत शुक्रीया धन्यवाद.
Very clear analysis of Shabad
Thanks for sharing this beautiful knowledge😊
RADHA SOWAMI JI SAB SANGAT KO JI 🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹
Satnaam shri waheguru ji🥰🥰🥰🙌🙌🙌🙏🙏🙏🙏🙏
Waheguru waheguru waheguru wahe jiyo 🙏
जय सदगुरुदेव जी
Wah bi wah Right gi jai gurdev dhan gurdev 🙏 namo narian namastute namastute 🙏 jai shiv shaker 🙏 jai bhole nath ki 🙏 bolo peer saber sha ki jai 🙏 bolo Data Hari Singh rab the Jay 🙏
jay guru dev.
Radha Swami Ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बेगमपुरा,,,,,,❤,,, पातशाही,,,,कह रविदास खालिस चमारा जो हम शहरी सो मीत हमारा,,,।❤🎉😊❤🙏🏻👑👑🙏🏻🚩🚩🚩🚩👍
शुक्रिया पपरम पिता धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद आपकी कृपा बरसती रहे
❤ik onkar satnam share waheguru shib ji sukar haa ji ❤
Aap ne jo bhi( Shabad) ke baare me jankari di hai o sabhi Satya h
Aapko (Path of Shabad ) koti koti pranam
Aapko sachhi jankari h
Pranam SANTO MAHATAMO ko
Jai sat guru dev charanon pranam ji 🙏 ❤🙏
Radha Soami Baba Ji 🙏
Jai guru dev
राधा स्वामी बाबाजी
Waheguru ji
Sat saheb 🙏
Radha soami ji 🙏🙏🙏🙏💐🌹💐
Milap sahu Bagoud C, G 36 Gad se 🙏 Radhasoami 🙏 guru parmeshwar ko koti koti pranam 🙏 Guru Dayal Ji ko koti koti naman 🙏 Guru dev ko Lakh lakh Dnyavad ji 🙏🇮🇳
बेहतरीन पोस्ट है जी
👌🙏🙏🙏
Radha soami baba ji🙏❤ love IS god
Dhan dhan Shri Guru Ravidas Ji
@@ravikantsoni3600 Guru Granth Sahib main
@@Waheguru648 thanku
radha swami mere satgur g ♥
Radha Soami je 🙏
श्रेष्ठ ज्ञान🙏
Dhan dhan satguru tera hi asra 🙏
Good information thanks
Welcome
Jai guru dev ji
Nice explanation
Absolutely...Dono sabd sahi Hain...1 bhi aur 5 vi
🙏Radha Soami ji🙏
राधा स्वामी जी🙏🙏🙏
Wah ver ji ah hi sach hai🙏🙏🙏
🙏સાહેબ બંદગી જી
👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
Radha swami baba g 🙏🏼
Rada swame g baba g thanks
Sat Saheb ji 🙏
Koti koti dhanyvad Guru ji aapka aapane bilkul sahi aur real Gyan bataya hai yahi saccha Gyan hai baki to sab moh Maya hai
Bhai ji mai guru nahi hu ap ke jaisa aam insan hu
Radha Soami Ji
🙏 Radha Soami Ji 🙏
Radha Soami Ji 🙏🙏🙏
Radha swami ji
Jaigurudev
Beautifully explained...please make more videos great inspiration for all of uss
Sat sahib ji
Radha Soami ji❤
Waheguru ji ka kalsa waheguru ji ki fata dan dan guru granthsahibji maharaj koti koti namaskar tuhanu sikha darmha noo hamasha cahidi kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda cahida ha kalha vich rahnda
Radha. Soami. Ji
❤Good
Dhan guru ravidas ji 💐🌹🙏
Radha Swami ji...... ❤
Radha soami ji.
Radhaswami ji
Radha swami ji🙏🙏
Waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji
Dhan Guru Ravidas Mahraj ji ki jaiii🙏🙏
Radha Soami ❤
सच्चा सतगुरु सोए कहावे जो दो अक्षर का भेद बतावे एक छुडा़वे एक लखावे ता प्राणी अपने निज घर को जावे संत रामपाल जी महाराज की जय हो
पांच नाम तो काल के हैं
Ramu ji ke chele jeh video dekh le
th-cam.com/video/aQEC3GqhRio/w-d-xo.html
Ram pal is not a perfect master he is incomplete guru.l
😂
Boht Boht abhaar aapka veer Ji
Me dasam dwar parwesh kr chuki aa.bhawar ch aa hun.Dhan Guru Nanak
Jai guru dev 🙏
Radha Swami 🙏
🙏
Thanks
Welcome
Jai sat guru Kabir bhagwan ki jai
Radha soami ji🙏
सतगुरु देव की जय
बिल्कुल सही है संत जनों।
🙏🙏
Parnam
Radha Swami babaji Jammu Rajinder Kumar Village Marjali 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Hum bi jammu se hai
Jai guru ravidass ji
Hari om sabse bada guru sabad
Om BRAHM LOK ka shabad hai
Uske upr 3 LOk aur hai
DASAM DWAR
BAWAR GUFA
SACHKHAND
SACHKHAND ka SHABAD sar hai sab SHABADO ka
garibdas kabir sahib ki bani mein sbh bisthar se btaya hai👏
Dhan Kabir sahib ji.
आज कल सचा गुरु हजार वाट का बलव ले कर भी नहीं मिले गा बस जीवन थोड़ा सुख से बीत जाये यह भी बहुत है।
Purn Guru ko hum nahi dund sakte wo hume dund leta hai
Sant guru ravidas ji
Isi tarah malik ki ruhani rahemat ka video send kare ji 🙏 lakh lakh dhanyavad
Radha soami ji ❤