हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी प्रमुख रणनीतियों की रूपरेखा तैयार । Nitin Gadkari

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ต.ค. 2024
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने भारत में वाहन प्रदूषण के बढ़ते मुद्दे पर रोशनी डालते हुए एक व्यापक भाषण दिया। मंत्री ने बढ़ते कार्बन फुटप्रिंट से निपटने के लिए हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी प्रमुख रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की।
    नितिन गडकरी ने कहा, ''यह बिल्कुल सच है कि हमारे देश में CO2 का उत्सर्जन परिवहन क्षेत्र से होता है और यह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, यह चिंता का विषय है। हर साल 330 मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन, यह बहुत खतरनाक समस्या है। हमारे देश में 85 प्रतिशत ईंधन जीवाश्म ईंधन है जो आयात किया जाता है और आयात की लागत 16 लाख करोड़ रुपये है। यह अर्थशास्त्र और प्रदूषण दोनों के दृष्टिकोण से एक बहुत ही गंभीर समस्या है। और यह पेट्रोल और डीजल है जिसे खास बनाने की जरूरत है। जिस प्रदूषण की बात यहां की जा रही है उसके लिए भारत सरकार ने काफी प्रयास किए हैं और उसे प्राथमिकता दी है।''
    गडकरी ने कहा, "भारत पहले ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 5वें स्थान पर था, लेकिन अब तीसरे नंबर पर हो गया है। पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे नंबर पर चीन, फिर हम हैं। हमने इसमें जापान को भी हरा दिया है। लेकिन एक बात ये भी है कि इसकी विकास दर में भी बढ़ोतरी हुई है। कुल वाहनों की हिस्सेदारी 9.91 प्रतिशत है, और कारों और चार पहिया वाहनों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। और यह उद्योग भारत सरकार और राज्य सरकार को अधिकतम जीएसटी दे रहा है और यहां 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं।''
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