हम आदिवासी समाज की सबसे बड़ी दुर्गति यहीं है।कि हमारे समाज को अपने इतिहास की जानकारी नहीं है। हम मूलनिवासी है। आपके विचार सही है सर हम बिरसा ब्रिगेड संगठन चला रहे हैं। जो पूरा संवेधानिक है।मगर अफसोस हमारा आदिवासी ही समाज हमें हीन भावना से देखता है। और समाज से बाहर करने को बोलता है।
ये इतिहासकार अच्छा से रिसर्च नही किया है। ये इतिहासकार को ये भी पता नही की बिरसा मुंडा का जन्म स्थल खूंटी जिला के उलिहतु गांव में हुआ है ।जिसका पिता का नाम सुगना मुंडा था माता का नाम कर्मी मुंडा hatu उसका भैया का नाम कोंटा मुंडा था और ये तो sai rakam hill(डोंबरीबुरू) incident के बारे में कुछ बताया ही नही जिसे 1st jalliawala bagh की संज्ञा देना कोई गलत नही होगा। और उसके साथ जो जो नेतृत्वकर्ता थे जैसे की गया मुंडा , डोंका मुंडा, मानकी मुंडा ये सब के बारे में कुछ जिक्र किया ही नही। और उसको कैस धोके से विराट सिंह महली ने जामकोपाई के जंगल से पकरवाया ये तो बताना भूल ही गया। ये जो इतिहासकार बताए ये तो बस 10% to 15% ही है। और जो सरदारी आंदोलन का जिक्र किया जो की 1858ई से लेकर 1895ई चला ये 3 phase मे हुआ था 1.econimical movement phase 2.religious movement phase 3.political movement phase था। ये तो दुर्भाग्य है हम सभी आदिवासियों का जो की हमारे सभी आंदोलनों को ज्यादातर dikuओ द्वारा लिखा गया है। अपने हिसाब से तोड़मरोड़ कर बताया जाता है पर जो भी है काफी गौरव शाली इतिहास है हमारा ।। जय बिरसा ।।
Dr. Mukesh Sir 🙏🙏🙏🙏 मेरा एक "" छोटा "" सा Request है ,, ki ऐसे भारत के अलग अलग प्रांतों में जो Adivasi रहते हैं ,, उनका Tradition और Culture के बारे में Kindly Discuss होता , जैसे आज हो रहा तो बहुत कुछ """ सीखने के लिए मिलता """ और इसके साथ साथ Adivasi का "" पूजा करने का तरीका और Adivasi किसको अपने God मानते हैं ??? इसमें भी रोशनी डालने से "" बहुत अच्छा होता """ Again 🙏🙏🙏🙏
बिरसा मुंडा के बारे आपलोग को पुरी जानकारी नहीं हैं मै खुद झारखंडी हूं और बिरसा को भगवान मानना सही हैं लेकिन राम को कोंन जानता है उसका कोई आता पता भी हैं क्या सिर्फ फिल्मी कहानी के आधार पर लोगों को दिखा रहे हैं
Hamen ek sudhar karna chahenge kyoki hum Ranchi Jharkhand se hai isliye Hume pata hai, Puniyani Jee ek jagah Kunta Kunti kah rahe hain vah actually vah Shabd Hai khoont Kati hai.
मैं स्वयं आदिवासी समाज का हूं बिरसा मुंडा एक योद्धा थे मै भी जयंती मनाता हूं बिरसा मुंडा को राजनीतिक पार्टियों ने भगवान बताया परन्तु ऐसा नहीं है अब कुछ लोग महापुरुषों को ही भगवान बताया करते है ये गलत है
it wasn't revolt by sardar or leaders it was by Bhumij tribe .sardar is one of their surname.this revolt is known as junglemahal revolt/paik revolt/Bhumij revolt or chuwar vidroh too.revolt was mainly against land grabbing/taxation by rulers and their tax collectors
मुकेश जी कभी पुनियानी सर से फर्टाइल क्रेसेन्ट के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिएगा। वे 150 साढे सात फीट लम्बे कंकाल किसके थे । बुक आफ यूनक में बाहरी लड़ाकू लोग कौन हैं ?
मैं मुंडा इसाई हूं। और मुंडा ईसाईयों को एसटी में रखा गया है। बिरसा मुंडा का खानदान भी ईसाई ही था। पढ़ाई के लिए इसाई नहीं बनना पड़ा। उनके दादा जी इसाई धर्म को ग्रहण कर चुके थे। पढ़ाई के लिए बिरसा चाईबासा में पढ़ने के लिए एडमिशन लिया था। पांचवीं कक्षा में जब थे उनका झगड़ा वहां के एक जर्मन मिशनरी से हो गया। और इसी से वे स्कूल छोड़ दिया। वे अपने मामा के घर बंदगांव रहने लगे थे। वहां कुछ ब्राह्मण खानदान के लोग भी रह रहे थे। उनका मुख्य टारगेट मुंडाओं को दलित बनाना था। एक दिन एक ब्राह्मण के कूंए से एक मुंडा पानी ले रहा था। उस ब्राह्मण ने उसे रोक कर पानी को छिटवाया कूंए के पानी को बाहर फेंकवाया। यह कहकर कि तुम ने हमारे पानी को छू दिया है। इस बात की खबर जब बिरसा को मिली तो क्रोध से भर गया। इत्तेफाक से एक दिन वही ब्राह्मण गांव के कूंए से पानी निकाल रहा था। बिरसा ने उसको वहीं रोक दिया और गांव के लोगों से कहा कि इस ब्राह्मण ने हमारे कूंए के पानी को छू दिया है। इसलिए इस पानी को बाहर फेंको क्योंकि इस ब्राह्मण ने इसे छू दिया है। इसलिए आज से ब्राह्मण का छुवा पानी या खाना कोई पीएगा और न खाएगा। यही तरीके से बिरसा मुंडा का सबसे बड़ा आंदोलन था। हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यही है। अंग्रेजी शासन से लड़ने की बातें बाद की है। वे राजनीति में आ गए थे इसलिए धर्म के बारे सोचना ही छोड़ दिया।
आप बिलकुल सही बोल रहे हैं दादा ब्राह्मणों का मेनउद्देश्य आदिवासियों को दलित बनाना था ही इसलिए सभी सबसे बड़ा खतरा है वह हिन्दू धर्म को अपनाना उलगुलान जिंदाबाद
Birsa ko adivasi bhawan mante hain-- GANDHI ne unse sadgi ka sabaq sikha, AMBEDKAR aur JAIPAL ne unse sangharsh sikha GARIBONG ne kuchh na rahne bhi dusrong ki sewa sikha.
भारत के आदिवासी ही भारत की खोज करने वाले
हम आदिवासी समाज की सबसे बड़ी दुर्गति यहीं है।कि हमारे समाज को अपने इतिहास की जानकारी नहीं है। हम मूलनिवासी है। आपके विचार सही है सर हम बिरसा ब्रिगेड संगठन चला रहे हैं। जो पूरा संवेधानिक है।मगर अफसोस हमारा आदिवासी ही समाज हमें हीन भावना से देखता है। और समाज से बाहर करने को बोलता है।
@@ajaypandre5233 Sach Sach hota hai aap koshish karte rahiye ulgulan jindabad Jari Hai Jari rahega
@@bobymunda2372 बिल्कुल सही
जिस प्रकार हिन्दुओं द्वारा राम को भगवान मानते हैं ,उसी प्रकार आदिवासी द्वारा बिरसा मुण्डा को भगवान मानते हैं
भारत के आदिवासीयोंने स्वतंत्रता संग्राम का आरंभ किया था एसके उपर आपकी क्या राय है
Jay birsha
Hann bilkul yhiii fact haiii
@@vilasgawari5798 there were many tribal freedom fighters…. Google surendra sai, lakhman nayak etc
Bahujanoka Naara Jai Johar Jai Johar 💪💪
Jay Johar Jay birsha Great analysis Bagwan birsha Munda ke bare me bataya
Karan Johar bhi adivasi hai?
ये इतिहासकार अच्छा से रिसर्च नही किया है।
ये इतिहासकार को ये भी पता नही की बिरसा मुंडा का जन्म स्थल खूंटी जिला के उलिहतु गांव में हुआ है ।जिसका
पिता का नाम सुगना मुंडा था
माता का नाम कर्मी मुंडा hatu
उसका भैया का नाम कोंटा मुंडा था
और ये तो sai rakam hill(डोंबरीबुरू) incident के बारे में कुछ बताया ही नही जिसे 1st jalliawala bagh की संज्ञा देना कोई गलत नही होगा।
और उसके साथ जो जो नेतृत्वकर्ता थे जैसे की गया मुंडा , डोंका मुंडा, मानकी मुंडा ये सब के बारे में कुछ जिक्र किया ही नही।
और उसको कैस धोके से विराट सिंह महली ने जामकोपाई के जंगल से पकरवाया ये तो बताना भूल ही गया।
ये जो इतिहासकार बताए ये तो बस 10% to 15% ही है।
और जो सरदारी आंदोलन का जिक्र किया जो की 1858ई से लेकर 1895ई चला ये 3 phase मे हुआ था
1.econimical movement phase
2.religious movement phase
3.political movement phase था।
ये तो दुर्भाग्य है हम सभी आदिवासियों का जो की हमारे सभी आंदोलनों को ज्यादातर dikuओ
द्वारा लिखा गया है।
अपने हिसाब से तोड़मरोड़ कर बताया जाता है पर जो भी है काफी गौरव शाली इतिहास है हमारा ।।
जय बिरसा ।।
आपकी बातों से पुर्ण सहमत हूँ। पर राम पुण्याणी गलत नहीं बतलाए। अपना इतिहास अपने से लिखना होगा। तब ही सच सामने आएगा। ❤
Dr. Mukesh Sir 🙏🙏🙏🙏
मेरा एक "" छोटा "" सा Request है ,, ki ऐसे भारत के अलग अलग प्रांतों में जो Adivasi रहते हैं ,, उनका Tradition और Culture के बारे में Kindly Discuss होता , जैसे आज हो रहा तो बहुत कुछ """ सीखने के लिए मिलता """
और इसके साथ साथ Adivasi का "" पूजा करने का तरीका और Adivasi किसको अपने God मानते हैं ???
इसमें भी रोशनी डालने से "" बहुत अच्छा होता """
Again 🙏🙏🙏🙏
Great information puniya Sir ji
जय आदिवासी 🙏🙏🙏.
बिरसा मुंडा ने ईसाई पादरियों को तीर से छन्नी छन्नी किया था
इग्रज मतलब आज कल के ईसाई
जय बिरसा मुंडा जय आदिवासी
जिस तरह हिन्दुओ के अपने ब्राह्मण भगवान होते है। उसी तरह आदिवासियो के अपने भगवान होते है।
Salute Birsa Munda Ji _Sikrai dausa Raj.
टंट्या भील जी भी थे और राण पुंजा, भील जी महुआ कोल जी भी है जय जोहार
He was also against zamindars/upper caste
Jamindar system english log laye
भगवान बिरसा मुंडा को कोटि कोटि प्रणाम।
Good zob sir puniya ji ki baat bahutbar chuna gaya he
मानते नही है भाई वे वास्तविक मे भगवान ही है
Great program mukesh sir ji puniya sir ji
Johar❤️
Enlightened presentation by the learned Professor.
BABA TILKA MAJHI Fast freedom fighter 1857 in santhal of British fighted
महामानव बिरसा मुंडा जी को कोटि कोटि नमन
Good
Jay bhim jay birsa jal Jungle 🌳🌳🌳❤️ jameen Jay SANVIDHAN
Hamare Veer DHARTI AABA BIRSA MUNDA 🇦🇹🏹 ko JOHAAR
जय परम वीर बिरसा भगवान की जय हो | ❤❤❤🎉🎉🎉
Great analysis 👍
Thank you Babasaheb Ambedkar 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
👍 good job 👌 sir
बिरसा मुंडा के बारे आपलोग को पुरी जानकारी नहीं हैं मै खुद झारखंडी हूं
और बिरसा को भगवान मानना सही हैं लेकिन राम को कोंन जानता है उसका कोई आता पता भी हैं क्या सिर्फ फिल्मी कहानी के आधार पर लोगों को दिखा रहे हैं
Jay johar Jay bhim jay bharat.
Dr Ram puniyani Ji ko dekhne mein Salam pranam Jay Bheem sahit itihaas batane ke liye dhanyvad
हमारे इतिहास कारों को दबाकर रखा गया है हर राज्य में इतिहास दबाया गया है हर राज्य में अंग्रेजों से लड़ाई लड़तेथें लड़ी है
तिलकामांझी के बारे में भी एक विडियो बनाएं जो आजादी का प्रथम लडाका है
Our Mundas have African ancestry from Sudan
Hamen ek sudhar karna chahenge kyoki hum Ranchi Jharkhand se hai isliye Hume pata hai, Puniyani Jee ek jagah Kunta Kunti kah rahe hain vah actually vah Shabd Hai khoont Kati hai.
Nice information video ❤❤❤❤
Jay johar ❤
मैं स्वयं आदिवासी समाज का हूं बिरसा मुंडा एक योद्धा थे मै भी जयंती मनाता हूं बिरसा मुंडा को राजनीतिक पार्टियों ने भगवान बताया परन्तु ऐसा नहीं है अब कुछ लोग महापुरुषों को ही भगवान बताया करते है ये गलत है
सिर्फ ब्राह्मणो को ही भगवान क्यो माने ।
आदिवासी को भगवान नही मान सकते कया।
भगवान का मतलब सृष्टिकर्ता नही, षड गुणो बाला इन्सान को भगवान कहते है, भग+बान
Brahmanwaad ka Jadd se khaatma hona bahut hi Aavashyak hai bharat ke liye.. Tabhi Bharat Sone ki chidiya fir se kehla sakti hai ❤
Jharkhand sarkar ne adiwasi ka Bhasa sanskruti ko bacha rakhna haga.
🎉🎉🎉
Brhamin dharam/RSS Ideology 👉Divide and rule 💪💪🇮🇳
Veer Shahid... Telanga Kharia....of Gumla district in Jharkhand is also freedom fighter of Kharia community
it wasn't revolt by sardar or leaders it was by Bhumij tribe .sardar is one of their surname.this revolt is known as junglemahal revolt/paik revolt/Bhumij revolt or chuwar vidroh too.revolt was mainly against land grabbing/taxation by rulers and their tax collectors
मुकेश जी कभी पुनियानी सर से फर्टाइल क्रेसेन्ट के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिएगा। वे 150 साढे सात फीट लम्बे कंकाल किसके थे । बुक आफ यूनक में बाहरी लड़ाकू लोग कौन हैं ?
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
🤣🤣🤣🤣🤣 adiwasi ka itihaas sab galat hi batate hain.
better bring some Munda person for this topic.
Tumhare Brahmin and baniye zameendaaro ne adivasiyo ka narsanghar Kiya tha ...never forget ....Har cheez Britishers ke sar p mat dala karo
बिरसा मुंडा के बारे गलत बात बताया जा रहा है यहां , जो भी कहानी आपलोग बता रहे हैं वहां सब गलत है
❤❤❤🎉🎉👍👍👌👌💯💯⭐⭐💪✍️
मैं मुंडा इसाई हूं। और मुंडा ईसाईयों को एसटी में रखा गया है। बिरसा मुंडा का खानदान भी ईसाई ही था। पढ़ाई के लिए इसाई नहीं बनना पड़ा। उनके दादा जी इसाई धर्म को ग्रहण कर चुके थे। पढ़ाई के लिए बिरसा चाईबासा में पढ़ने के लिए एडमिशन लिया था। पांचवीं कक्षा में जब थे उनका झगड़ा वहां के एक जर्मन मिशनरी से हो गया। और इसी से वे स्कूल छोड़ दिया। वे अपने मामा के घर बंदगांव रहने लगे थे। वहां कुछ ब्राह्मण खानदान के लोग भी रह रहे थे। उनका मुख्य टारगेट मुंडाओं को दलित बनाना था। एक दिन एक ब्राह्मण के कूंए से एक मुंडा पानी ले रहा था। उस ब्राह्मण ने उसे रोक कर पानी को छिटवाया कूंए के पानी को बाहर फेंकवाया। यह कहकर कि तुम ने हमारे पानी को छू दिया है। इस बात की खबर जब बिरसा को मिली तो क्रोध से भर गया। इत्तेफाक से एक दिन वही ब्राह्मण गांव के कूंए से पानी निकाल रहा था। बिरसा ने उसको वहीं रोक दिया और गांव के लोगों से कहा कि इस ब्राह्मण ने हमारे कूंए के पानी को छू दिया है। इसलिए इस पानी को बाहर फेंको क्योंकि इस ब्राह्मण ने इसे छू दिया है। इसलिए आज से ब्राह्मण का छुवा पानी या खाना कोई पीएगा और न खाएगा। यही तरीके से बिरसा मुंडा का सबसे बड़ा आंदोलन था। हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यही है। अंग्रेजी शासन से लड़ने की बातें बाद की है। वे राजनीति में आ गए थे इसलिए धर्म के बारे सोचना ही छोड़ दिया।
Galat baat
आप बिलकुल सही बोल रहे हैं दादा ब्राह्मणों का मेनउद्देश्य आदिवासियों को दलित बनाना था ही इसलिए सभी सबसे बड़ा खतरा है वह हिन्दू धर्म को अपनाना
उलगुलान जिंदाबाद
Birsa ko adivasi bhawan mante hain-- GANDHI ne unse sadgi ka sabaq sikha, AMBEDKAR aur JAIPAL ne unse sangharsh sikha GARIBONG ne kuchh na rahne bhi dusrong ki sewa sikha.
Jey mulniwasi
तुमा मलुम हय वय६७/८० टम कहे तूममे शिक्षण हय तह आदिवासी भाषा बोल कवा