तुमने सोता देश जगाया ,सोते युवक जगाए धर्म-कर्म के संघ तत्व के अनुपम पाठ पढ़ाये
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- เผยแพร่เมื่อ 27 พ.ย. 2024
- #Geetbharti #गीत_भारती #देशभक्ति_गीत
तुमने सोता देश जगाया सोते युवक जगाये।
धर्म -कर्म के संघ तत्व के अनुपम पाठ पढ़ाये।
घोर दासता का बन्धन था संघ मंत्र के दाता।
स्वार्थ तिमिर में देश फँसा था नव भारत निर्माता।
नवल सृष्टि की तुमने केशव जीवन दीप जलाये॥१॥
अपनी संस्कृति धर्म जाति का गौरव भी सिखलाया।
शक्ति-संगठन -राष्ट्र -प्रेम को जीवन लक्ष्य बनाया।
कर्मयोग के पथिक तुम्हारे पथ पर जग चल पाये॥२॥
मिट्टी से तुम मुर्ति बनाकर प्राण फूँक देते तेथे ।
युवकों को तुम स्नेह-शक्ति से दिव्य दृष्टि देते थे।
घर-घर में कर्मवीरों को तुम निर्मित कर पाये॥३॥
केशव स्वप्न तुम्हारा कितने ही नयनों में छाया
और साधना के पथ पर ही यौवन बढ़ता आया।
बाधाओं से मिले प्रेरणा माँ का दीप जलाये॥४॥
Fb Page- / vijayverma1925
Wonderful
जय श्री राम
Very best wishes to you all of you 👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍 sir
तुमने सोता देश जगाया सोते युवक जगाये।
धर्म -कर्म के संघ तत्व के अनुपम पाठ पढ़ाये।
घोर दासता का बन्धन था संघ मंत्र के दाता।
स्वार्थ तिमिर में देश फँसा था नव भारत निर्माता।
नवल सृष्टि की तुमने केशव जीवन दीप जलाये॥१॥
अपनी संस्कृति धर्म जाति का गौरव भी सिखलाया।
शक्ति-संगठन -राष्ट्र -प्रेम को जीवन लक्ष्य बनाया।
कर्मयोग के पथिक तुम्हारे पथ पर जग चल पाये॥२॥
मिट्टी से तुम मुर्ति बनाकर प्राण फूँक देते तेथे ।
युवकों को तुम स्नेह-शक्ति से दिव्य दृष्टि देते थे।
घर-घर में कर्मवीरों को तुम निर्मित कर पाये॥३॥
केशव स्वप्न तुम्हारा कितने ही नयनों में छाया
और साधना के पथ पर ही यौवन बढ़ता आया।
बाधाओं से मिले प्रेरणा माँ का दीप जलाये॥४॥
Good
Nice video
भारत माता की जय